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नई दिल्ली: राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने एलान किया है कि बांग्लादेशी और पाकिस्तानी घुसपैठियों की जानकारी देने वाले को पांच हजार रुपए इनाम में मिलेंगे. एमएनएस ने बकायदा इसके लिए महाराष्ट्र में औरंगाबाद में पोस्टर भी लगाए गए हैं. राज ठाकरे अपनी कई रैलियों में बांग्लादेशी और पाकिस्तानी घुसपैठियों को बाहर निकालने की मांग कर चुके हैं. राज ठाकरे की घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने की मुहिम पिछले कई महीनों से जारी है. अब उनकी पार्टी ने में औरंगाबाद में पांच हजार रुपए इनाम में देने के पोस्टर लगाए हैं, जो काफी वायरल हो रहे हैं.
बता दें कि इसी महीने एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने शहर-शहर घूमकर घुसपैठियों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था. 13 फरवरी को एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने मुंबई के डीबी मार्ग, बोरिवली, दहिसर, ठाणे और विरार से 50 से ज्यादा बांग्लादेशियों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया था. पुलिस इन लोगें की जांच कर रही है. -
दिल्ली हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि हिंसा में हिंदू और मुसलमान सबको नुकसान हुआ है. इस दौरान उन्होंने मुआवजे का भी ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अस्पताल में घायलों का इलाज मुफ्त में किया जा रहा है. घायलों पर फरिश्ते योजना लागू होगी. इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने मृतकों के परिवार को 10 लाख-10 लाख मुआवजा देने का भी ऐलान किया. नाबालिग की मौत पर परिजनों को 5-5 लाख रुपये दिया जाएगा.
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि मामूली रूप से घायलों को 20-20 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. हिंसा में जिनके रिक्शे को नुकसान हुआ उन्हें 25 हजार, ई रिक्शा के लिए 50 हजार, जिनका घर जला है उन्हें 5 लाख दिया जाएगा. इसके अलावा दुकान जलने पर 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. दिल्ली के सीएम ने कहा कि जिनके पशु जल गये उन्हें पांच हजार प्रति पशु दिया जाएगा. जिनके आधार कार्ड, वोटर कार्ड जले हैं उनके नए दस्तावेज बनाए जाएंगे. इसके लिए कैंप लगेंगे. सीएम ने कहा कि सरकार दंगा पीड़ितों को फ्री में खाना पहुंचाएगी. हेल्पलाइन नंबर जारी किए जा रहे हैं. मोहल्लों में शांति और अमन कमेटियां सक्रिय होंगी.
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से जो कदम उठा सकते हैं हमने उठाया. कल से हिंसा की वारदात कम हुई है. आज हमने कई मीटिंग की है.
आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन को लेकर जब अरविंद केजरीवाल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि दंगों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. मेरे पास पुलिस नहीं है. मैं कैसे एक्शन ले सकता हूं. ताहिर हुसैन हो या कोई भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. सीएम ने कहा कि जो अगर कोई आम आदमी पार्टी का नेता पकड़ा जाता है तो सजा बनती है उससे डबल सजा दो. -
दिल्ली हिंसा को लेकर सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल आज यानी गुरुवार को राष्ट्रपति से मिल एक ज्ञापन सौंपा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के अन्य नेताओं संग दिल्ली हिंसा को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन सौंपने पहुंचीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्ली हिंसा के दौरान केंद्र सरकार और आम आदमी पार्टी की सरकार मूकदर्शक बनी रही। सोनिया गांधी की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली हिंसा मामले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार से राजधर्म का पालन कराने और गृह मंत्री अमित शाह को हटाने के लिए कदम उठाएं।
सोनिया गांधी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के हालात खराब है और इस सिलसिले में हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों पथराव से लोगों की हत्या हुई है। दिल्ली में हिंसा होती रही मगर केन्द्र सरकार और दिल्ली की नई सरकार मूकदर्शक बनी रही। सोनिया ने कहा कि राष्ट्रपति ने आश्वासन दिया है कि केन्द्र सरकार से बात करेंगे और जरूरी कदम उठाएंगे। रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद सोनिया ने संवाददाताओं से कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में हमने दिल्ली में स्थिति को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की थी। हमने राष्ट्रपति से मिलने और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने का फैसला किया। उन्होंने ज्ञापन के कुछ हिस्से पढ़े और दावा किया कि केंद्र और दिल्ली सरकार हिंसा को लेकर मूकदर्शक बनी रहीं। गृह मंत्री और प्रशासन की निष्क्रियता से बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ।
कांग्रेस की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है, 'हम इस बात को दोहराते हैं कि गृह मंत्री को हटाए जाए क्योंकि वह हिंसा को रोकने में अक्षम साबित हुए।' पार्टी ने ज्ञापन में राष्ट्रपति से कहा, 'हम आपसे आग्रह करते हैं कि नागरिकों के जीवन, संपत्ति और आजादी की सुरक्षित रखा जाए। हम आशा करते हैं कि आप निर्णायक कदम उठाएंगे।'
मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों के भीतर दिल्ली में जो कुछ भी हुआ है वो बहुत चिंताजनक और राष्ट्रीय शर्म का विषय है। यह हालात को नियंत्रित रखने में केंद्र सरकार की पूरी विफलता का प्रमाण है। सिंह ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से कहा है कि वह सरकार से 'राजधर्म का पालन करने के लिए कहें।राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले पार्टी शिष्टमंडल में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और कुछ अन्य नेता शामिल थे। -
दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली हिंसा मामले में सुनवाई करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के तबादले को लेकर तंज़ कसा है। राहुल ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट करते हुए न्यायमूर्ति मुरलीधर के ट्रांसफर पर जज लोया को किया याद किया है। राहुल ने कहा कि जज लोया को याद कर रहा हूं जिनका तबादला नहीं किया गया था। राहुल के इस ट्वीट पर यूजर्स कि प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई हैं। एक यूजर ने उन्हें इस बात के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का शुक्रिया अदा करने को कहा है।
राहुल ने ने न्यायाधीश लोया के मामले का उल्लेख किया और सरकार पर तंज करते हुए ट्वीट किया, “बहादुर न्यायाधीश लोया को याद कर रहा हूं कि जिनका तबादला नहीं किया गया था।” राहुल के इस ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा “और इसी बीच अमित शाह का शुक्रिया अदा कीजिए कि जस्टिस मुलरिधरण को जज लोया नहीं बनाया, ट्रांसफर किया है अच्छी बात है लेकिन बीजेपी नेताओं के ख़िलाफ़ एफआईआर का आदेश करने वाले जज का त्वरित ट्रांसफ़र बता रहा है दंगे में छुट भैया नेतओं से लेकर बड़े नेताओं का हाथ है, वह दंगा रोकना नहीं चाहते।”
राहुल के अलावा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इसपर तीखा हमला बोला है। प्रियंका ने न्यायमूर्ति के तबादले पर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने न्याय अवरुद्ध करने का प्रयास किया है। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, “न्यायमूर्ति मुरलीधर का मध्यरात्रि में तबादला मौजूदा शासन को देखते हुए चौंकाने वाला नहीं है। लेकिन यह निश्चित तौर पर दुखद और शर्मनाक है।”उन्होंने आरोप लगाया, “करोड़ों भारतीय नागरिकों को न्यायपालिका पर आस्था है। न्याय को अवरुद्ध करने और लोगों का विश्वास तोड़ने का सरकार का प्रयास निंदनीय है।” बता दें न्यायाधीश मुरलीधर का पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में तबादला किया गया है। दिल्ली हिंसा मामले की सुनवाई के दौरान उनकी अगुवाई वाली पीठ ने कथित रूप से नफरत फैलाने वाले भाषणों को लेकर तीन भाजपा नेताओं के खिलाफ दिल्ली पुलिस के प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर “नाराजगी” जताई थी। इस हिंसा में अबतक 32 लोगों की मौत हो चुकी है। -
दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक आज हुई. बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद रहे. बैठक में हिंसा के दौरान मरने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी गई.
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्ली की मौजूदा हालात चिंताजनक है. एक साजिश के तहत हालात बिगड़े. बीजेपी नेताओं ने भड़काऊ भाषण दिए. चुनाव के दौरान नफरत फैलाया. दिल्ली की स्थिति के लिए केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार हैं. गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूछा कि रविवार को गृह मंत्री कहां थे और क्या कर रहे थे? हिंसा वाली जगहों पर कितनी पुलिस फोर्स लगी? बिगड़ते हालात के बाद भी सेना की तैनाती क्यों नहीं की गई? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल क्या कर रहे थे?
बैठक से पहले कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा. चिदंबरम ने अपनी ट्वीट में कहा कि चाहे गृह मंत्री हो या फिर गृह मंत्रालय, सरकार का कर्तव्य है कि वह हिंसा को रोके. हिंसा सोमवार से जारी है और अब भी हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. यह दिल्ली पुलिस की भारी विफलता को दिखाता है. -
दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे पर आने वाले हैं. इस दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप और बेटी इवांका भी आएंगी. वहीं मेलानिया ट्रंप देश की राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूल में भी जाने वाली हैं. हालांकि मेलानिया के इस कार्यक्रम से अब अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का नाम हटा दिया गया है.
अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप का दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में कार्यक्रम होना है. दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक इस कार्यक्रम के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नाम को हटा दिया गया है. दिल्ली सरकार के सूत्रों का दावा है कि स्कूल के दिल्ली सरकार के अधीन आने के बाद से ही दोनों को कार्यक्रम में भाग लेना था. हालांकि अब उनका नाम हटा दिया गया है. वहीं आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रीति शर्मा मेनन का कहना है कि भले ही पीएम नरेंद्र मोदी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को आमंत्रण न दें लेकिन उनका काम बोलता है.
बता दें कि 25 फरवरी को मेलानिया ट्रंप दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में जाएंगी. वह केजरीवाल सरकार के स्कूल में हैप्पीनेस क्लास देखेंगी. हालांकि पहले चर्चा थी कि मेलानिया का स्वागत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया करेंगे. लेकिन अब उनका नाम ही हटा दिया गया है. जिसके कारण अब केजरीवाल और सिसोदिया इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. -
मुंबई। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता वारिस पठान के आपत्तिजनक बयान पर विवाद जारी है। एक ओर जहां सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियां वारिस पठान के बयान की आलोचना कर रही हैं। वहीं बॉलीवुड भी उनके बयान को गलत बता रहा है। स्वरा भास्कर और राहुल महाजन के बाद अब गीतकार जावेद अख्तर ने वारिस पठान को फटकार लगाई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जावेद अख्तर ने कोल्हापुर में आयोजित एक कार्यक्रम में वारिस पठान को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने वारिस पठान को मुस्लिम लीग की मानसिकता वाला बताया। जावेद अख्तर ने कहा, 'देश में मुस्लिम लीग की मानसिकता आजादी के बाद भी पूरी तरह नहीं गई और इसका उदाहरण वारिस पठान जैसे लोग हैं। तुम किसके नौकर हो... तुम्हें 15 करोड़ मुसलमानों का ठेका किसने दिया है?'
बता दें वारिस पठान ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच उत्तरी कर्नाटक के कालाबुर्गी में सीएए विरोधी रैली को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने ये आपत्तिजनक बयान दिया। जिसका वीडिया सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में वारिस पठान कहते हैं, 'ईंट का जवाब पत्थर से देना सीख लिया है हमने, मगर इकट्ठा होकर चलना पड़ेगा, आजादी लेनी पड़ेगी, और जो चीज मांगने से नहीं मिलती उसको छीनकर लेना पड़ेगा। अब वक्त आ गया है, हमको बोला मां बहनों को आगे भेज दिया, अरे भाई अभी तो सिर्फ शेरनियां बाहर निकली हैं और तुम्हारे पसीने छूट गए हैं, अगर हम लोग साथ में आ गए तो क्या होगा। हम 15 करोड़ हैं लेकिन 100 करोड़ पर भारी हैं, याद रख लेना ये बात।' -
नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा से पहले कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने पूछा है कि क्या ‘हाउडी मोदी’ जैसा ही ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम होगा. कांग्रेस ने सरकार से पूछा कि ट्रंप के कार्यक्रम में विपक्षी नेताओं को क्यों नहीं बुलाया गया. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि डोनाल्ड ट्रंप अभिनंदन समिति के अध्यक्ष कौन हैं?
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर पूछा, कृपया बताइए कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अभिनंदन समिति का प्रमुख कौन है? ट्रंप को कब आमंत्रित किया गया और यह आमंत्रण कब स्वीकार हुआ? राष्ट्रपति ट्रंप क्यों कह रहे हैं कि आपने उनके स्वागत के लिए 70 लाख लोगों की उपस्थिति वाले कार्यक्रम का वादा किया है?
ट्वीट कर सुरजेवाल ने यह भी पूछा कि पीएम नरेंद्र मोदी जी, फिर गुजरात सरकार उस 3 घंटे के कार्यक्रम के लिए 120 करोड़ रुपये क्यों खर्च कर रही है, जिसका आयोजन अनाम निजी इकाई की ओर से किया जा रहा है? इससे पहले कांग्रेस ने सवाल पूछे थे कि अगर हाउडी मोदी कार्यक्रम के तर्ज पर नमस्ते ट्रंप का आयोजन किया जा रहा है तो फिर विपक्षी दलों के नेताओं को क्यों नहीं बुलाया गया है.
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बेंगलुरु : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ बेंगलुरु में आयोजित रैली में मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाली युवती अमूल्या लियोन के घर पर चिकमंगलूर में देर रात कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बता दें कि गुरुवार को अमूल्या के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं इसपर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का बयान आया है। येदुयुरप्पा ने कहा कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाली युवति को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। उसके पिता ने कहा कि वे उसे नहीं बचाएंगे। इससे अब ये साबित हो चला है कि उसका नक्सलियों से संबंध है। इसके लिए जरूरी सजा दी जानी चाहिए।
गौरतलब है कि अमूल्या ने गुरुवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की रैली में मंच पर चढ़ने के बाद माइक लेकर पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाना शुरू कर दिया था। अपने मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाए जाने की ओवैसी ने भी निंदा की थी। अमूल्या के पिता ने भी अपनी बेटी की हरकतों की निंदा करते हुए कहा कि उसने बिल्कुल गलत किया। मैंने उसे कई बार कहा कि वह मुसलमानों से न जुड़े, लेकिन उसने मेरी एक न सुनी।
असदुद्दीन ओवैसी ने मंच पर चढ़ी अमूल्या के बारे में कहा, मैं उसके बयान की निंदा करता हूं। हमारे लिए भारत जिंदाबाद था, जिंदाबाद रहेगा। उन्होंने कहा कि हम भारत के लिए हैं और किसी भी तरह दुश्मन देश का समर्थन नहीं करते। -
नई दिल्ली : राजस्थान के नागौर से दिल दहलाने वाली ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं यहां चोरी के आरोप में दो दलित युवकों को बेरहमी से पीटा गया, प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डाल दिया गया, स्क्रूड्राइवर का भी इस्तेमाल किया. इस वीडियो के आने के बाद एक बार फिर दलित उत्पीड़न को लेकर बहस शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर इस घटना की आलोचना की है और राज्य सरकार से एक्शन लेने की बात कही है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ नागौर का ये वीडियो भले ही कुछ दिन पुराना हो, लेकिन अब इसने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है. वीडियो में दो दलित युवक बचने के लिए चिल्ला रहे हैं, पीटने वालों से लगातार माफी मांग रहे हैं और बार-बार छोड़ देने की अपील कर रहे हैं लेकिन मारने वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा जा रहा है.
ये वीडियो राजस्थान के नागौर जिले का है. पांचौड़ी थाना क्षेत्र के करणु सर्विस सेंटर में दो युवकों पर चोरी करने का आरोप लगाया गया. जिसके बाद सर्विस सेंटर के वर्कर्स ने दोनों को पीटा. घीसाराम और पन्नालाल दो दलित युवक सर्विस सेंटर पर किसी काम से गए थे. इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है और कार्रवाई की जा रही है. नागौर के ASP राजकुमार के मुताबिक, ये वीडियो 16 फरवरी का है.
पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 342, 323, 341, 143 और SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR में सात लोगों के नाम सामने आए हैं, इनमें भीम सिंह, ऐदान सिंह, जस्सू सिंह, सवाई सिंह शामिल हैं. इस घटना को अंजाम देने वाले सातों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, साथ ही निष्पक्ष जांच भी की जा रही है. इस मामले की जांच नागौर ASP राजकुमार, DSP मुकुल शर्मा कर रहे हैं.
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नई दिल्ली: उपहार त्रासदी मामले में पीडितों की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. क्यूरेटिव याचिका की खुली अदालत में मांग भी खारिज कर दी. ये विचार CJI एसए बोबडे, जस्टिस एन वी रमना और जस्टिस अरुण मिश्रा चेंबर में किया. सुप्रीम कोर्ट ने गोपाल अंसल की सजा बढाने की मांग भी ठुकराई. दोषी सुशील अंसल की उम्र और बीमारी के चलते सजा माफ करने का फैसला बरकरार रखा है. अब अंसल बंधु आगे जेल नहीं जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उपहार केस को दोबारा खोलने से इनकार किया है. बताते चले कि ये 13 फरवरी का फैसला है जो अब आया है.
पीडितों ने सुप्रीम कोर्ट के 2016 के उस आदेश पर क्यूरेटिव याचिका दाखिल की है जिसमें पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई के बाद सुशील अंसल की उम्र और बीमारी के चलते जेल की सजा को माफ कर दिया था. जबकि गोपाल अंसल की एक साल की सजा को बरकरार रखा था. आपको बता दें कि नवंबर 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गोपाल और सुशील अंसल को तीन महीने के भीतर 30-30 करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करने का निर्देश दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने उम्र के आधार पर कहा था कि जुर्माना ना देने की सूरत में 2 साल जेल की सजा दी जाएगी. इस फैसले के बाद उपहार हादसा पीड़ित असोसिएशन की प्रमुख नीलम कृष्णामूर्ति और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की थी. सुशील अंसल पांच महीने जबकि गोपाल अंसल चार महीने की सजा काट चुके थे. इससे पहले दो जजों की बेंच ने अलग-अलग फैसले सुनाए जिसकी वजह से मामले को तीन जजों की बेंच में भेजा गया था. गौरतलब है कि 1997 में हिन्दी फिल्म ‘बार्डर' के प्रदर्शन के दौरान हुए इस अग्निकांड में 59 दर्शकों की मृत्यु हो गई थी और भगदड़ में 103 लोग जख्मी हुए थे. -
नई दिल्ली: बंगाली फिल्मों के जाने माने अभिनेता एवं तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद तापस पॉल के निधन के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की 'बदले की राजनीति' की वजह से मैंने तीन मौतें देखी हैं. तापस पॉल का मंगलवार को मुंबई में दिल का दौरे पड़ने की वजह से निधन हो गया था. उनके चिटफंड मामले में कथित तौर पर लिंक होने की जांच चल रही थी. इस मामले में बंगाल में सत्तारुढ़ दल टीएमसी के कई और नेता भी आरोपी हैं.मुख्यमंत्री ने कहा, 'केंद्र सरकार की बदले की राजनीति निंदनीय है. मैंने इसकी वजह से अपनी आंखों के सामने तीन मौतें देखी हैं. कानून को खुद का काम खुद करना चाहिए, लेकिन दिनों दिन अपमान लोगों को खत्म कर रहा है.'
बता दें, तापस पॉल का मंगलवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 61 साल के थे. परिवारिक सूत्रों ने बताया कि पॉल अपनी बेटी से मिलने मुम्बई गए थे. कोलकाता लौटते समय मुम्बई हवाई अड्डे पर उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई जिसके बाद उन्हें जुहू के एक अस्पताल ले जाया गया, सुबह करीब चार बजे उनका निधन हो गया. उन्हें हृदय संबंधी बीमारियां थीं और पिछले दो साल से उनका इलाज चल रहा था.
पॉल कृष्णानगर से दो बार सांसद और अलीपुर से विधायक रह चुके हैं. उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है. पॉल का जन्म हुगली जिले के चंदन नगर में हुआ था और हुगली मोहसिन कॉलेज ने उन्होंने स्नातक किया था. सीबीआई ने 2016 में रोज़ वैली चिटफंड मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था और करीब 13 महीने बाद उन्हें जमानत मिली थी. इसके बाद से ही उन्होंने फिल्मों और सक्रिय राजनीति दोनों से दूरी बना ली थी.
उन्होंने ‘साहेब' (1981), ‘परबत प्रिया' (1984), ‘भालोबाशा भालोबाशा' (1985), ‘अनुरागर चोयन' (1986) और ‘अमर बंधन' (1986) जैसी कई हिट फिल्में दी. फिल्म ‘साहेब' (1981) के लिए उन्हें ‘फिल्मफेयर' पुरस्कार भी मिला था. बॉलीवुड में उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत 1984 में फिल्म ‘अबोध' से की थी. -
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 से 25 फरवरी तक अपने पहले भारत दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरे के शुरू होने से पहले उन्होंने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने ट्रेड डील पर आशंका जताई और कहा है कि भारत ने उनके देश के साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया है। आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफप कर चुके हैं। अपना दौरा शुरू करने से पहले उन्होंने कहा था कि वह अपने भारत दौरे को लेकर काफी उत्साहित हैं। ट्रंप का पहला पड़ाव गुजरात का अहमदाबाद होगा और यहां से वह नई दिल्ली आएंगे। पिछले दिनों व्हाइट हाउस की तरफ से उनके इस दौरे की आधिकारिक पुष्टि की गई थी।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह भारत के साथ एक बड़ी डील करना चाहते हैं लेकिन अभी उसके लिए समय नहीं है। ट्रंप ने कहा उन्हें नहीं मालूम कि यह अमेरिकी चुनाव से पहले हो पाएगाी या फिर नहीं। राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ की और कहा कि वह उन्हें बहुत पसंद करते हैं। भारत और अमेरिकी के व्यापारिक रिश्ते पर ट्रंप ने कहा कि भारत ने हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया है। लेकिन उन्हें भारत दौरे से काफी उम्मीदें हैं। -
एजेंसीलखनऊ: यूपी विधानसभा में मंगलवार को यूपी सरकार ने 5 लाख 12 हजार 860 करोड़ 72 लाख रुपये (5,12, 860. 72 करोड़ रुपये) का बजट पेश किया। जो अबतक का सबसे बड़ा बजट है। बजट में 10 हजार 967 करोड़ 87 लाख रुपये(10,967,87 करोड़ रुपये) की नई योजनाएं सम्मलित की गई हैं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि ये यूपी सरकार का चौथा बजट है। यूपी में जब हमारी सरकार बनी थी तो काफी चुनौतियां थीं जिसे एक एक करके ठीक किया जा रहा है। कानून व्यवस्था पर हमारी सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। इस दौरान वित्त मंत्री ने एक कविता पढ़ी जिसपर सदन में खूब तालियां बजीं।
बजट की बड़ी बातें-
कन्या सुमंगल योजना के लिए 1200 करोड़।एक ट्रिलियन का लक्ष्य रखा।साइबर क्राइम के लिए 3 करोड़।पुलिस फॉरेंसिक के लिए 20 करोड़।पूर्वाचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास हुआ।पुलिस कमिश्ररी सिस्टम लागू किया गया।डिफेंस एक्सपों में 23 एमओयू साइन हुए।दुष्कर्म की घटनाओं में 35 प्रतिशत की कमी आई।महिला सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए गए।बुंदेलखंड के विकास के लिए एक्सप्रेस वे।हर जिले में युवा हब के लिए 50 करोड़।पुलिस विभाग के लिए 600 करोड़।युवाओं को 2500 रुपये हर महीनायुवाओं को रोजगार के लिए 1200 करोड़।पुलिस को आधुनिक बनाने के लिए 122 करोड़।अयोध्या एअरपोर्ट के लिए 500 करोड़।गोरखपुर समेत कई शहरों में आएगी मेट्रो।पीजीआई के लिए 820 करोड़।जेवर एअरपोर्ट के लिए 2000 करोड़।गन्ना का 325 रुपये क्विंटल समर्थन मूल्य।मेडिकल कॉलेज लखनऊ को 919 करोड़।कैंसर संस्थान के लिए 187 करोड़।20 नवीन कृषि विज्ञान संस्थान केंद्र खोले जा रहे।राष्ट्रीय पोषण अभियान के लिए 4000 करोड़।कानपुर मेट्रो के लिए 358 करोड़ रुपये।निराश्रति महिलाओं के लिए 500 करोड़ रुपये।इस साल 60 लाख टन से ज्यादा चीनी का उत्पादन।चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा।86700 करोड़ रुपये किसानों को भुगतान।लखनऊ, आगरा में भी इलेक्ट्रिक बस।बुंदेलखंड, विंध्य क्षेत्र के लिए विशेष बजट दिया जाएगा।प्रदेश में 2 लाख करोड़ का निवेश आया।माध्यमिक टीचर की नियुक्ति यूपीपीएससी से।ग्रामीण पाइप योजना के लिए 3300 करोड़ रुपये।बमरौली प्रयागराज के लिए 4 लेन सड़क का निर्माण।फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देंगे।वाराणसी प्रयागराज में इलेक्ट्रिक बस चलेंगी।रिटायर शिक्षकों की तैनाती होगी।तुलसी भवन स्मारक के लिए 10 करोड़।शिक्षा के लिए 18363 करोड़ रुपये की व्यवस्था।यूपी में हवाई कनेक्टीविटी बढ़ेगी।महिलाओं के लिए डॉयल 112 की सुविधा।अटल आवासीय विद्यालय के लिए 270 करोड़ रुपये।किसान पेंशन के लिए... करोड़ रुपये।स्वच्छ भारत मिशन के लिए 5791 करोड़ रुपये।अयोध्या में पर्यटक की सुविधाओं के लिए 85 करोड़।काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के लिए 200 करोड़।गांवों में जल जीवन मिशन के लिए 3000 करोड़।ग्रामीण सड़क के लिए 2305 करोड़।यूपी में नीति आयोग का होगा गठन।मदरसों के लिए 479 करोड़।वाराणसी में संस्कृति केंद्र के लिए 180 करोड़।
कितना था याेगी सरकार का तीसरा बजट ?गौरतलब है कि पिछले वर्ष यानी हाल ही में बीते 2019 में योगी सरकार ने 4 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपए का अपना तीसरा बजट पेश किया था। यूपी सरकार का वह बजट उसके पिछले बजट के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक था। पिछले वर्ष के बजट में योगी सरकार ने 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपये की नई योजनाओं को शामिल किया था। -
मीडिया रिपोर्ट
नई दिल्ली : शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाएं गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकती हैं। महिलाएं रविवार (16 फरवरी) दोपहर 2 बजे गृह मंत्री के आवास पहुंच सकती हैं। शाह ने सीएए का विरोध करने वालों से बातचीत की पेशकश की है जिसके बाद शाहीन बाग की महिलाओं ने इस प्रस्ताव पर हामी भरते हुए इसे स्वीकार कर लिया है।
शाह ने हाल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि संशोधित नागरिकता कानून पर जिसको चर्चा करनी है, वह उनके ऑफिस से समय मांग सकता है। वह तीन दिन के भीतर चर्चा करेंगे।’ -
दिल्ली में तीसरी बार सरकार बनाने जा रही आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार 16 फरवरी को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए दिल्ली के सभी लोगों को आमंत्रित किया है।
आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह साफ कर दिया कि अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में आने के लिए डॉक्टर, पुलिस, शिक्षक, किसान, सफाई कर्मी, बस मार्शल और आंगनवाड़ी कर्मियों को आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता शिक्षकों की इज्जत करना नहीं जानते, इसलिए उन्हें शपथ ग्रहण में बुलाने पर बेवजह के बयान दे रहे हैं। सिसोदिया ने कहा कि 'आप' शिक्षकों के साथ ही दिल्ली के हर व्यक्ति का सम्मान करती है इसलिए सभी को आमंत्रित किया गया है। -
बंबई हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि जो लोग शांतिपूर्ण तरीके से किसी कानून का विरोध कर रहे हैं, उन्हें राष्ट्र विरोधी और देशद्रोही नहीं कहा जा सकता. बंबई हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ आंदोलन के लिए पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंच ने आदेश में कहा, 'ऐसे विरोध-प्रदर्शनों से सीएए के प्रावधानों के उल्लंघन का सवाल ही पैदा नहीं होता. इस कोर्ट से ऐसे लोगों के अधिकार पर विचार करने की उम्मीद की जाती है. चूंकि लोग किसी कानून का विरोध करना चाहते हैं, सिर्फ इसलिए उन्हें देशद्रोही या राष्ट्र विरोधी कहा नहीं जा सकता. यह सीएए की वजह से सरकार के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन है.'
इसी के साथ बेंच ने बीड जिले के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) और माजरगांव सिटी पुलिस के दो आदेशों को भी रद्द कर दिया. पुलिस ने एडीएम के आदेशों का हवाला देते हुए प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी. बेंच ने कहा, 'भारत को ऐसे प्रदर्शनों के कारण ही स्वतंत्रता मिली है, जो अहिंसक थे. इस अहिंसा के रास्ते को ही आज तक लोग मानते आ रहे हैं. हम खुशनसीब हैं कि इस देश के ज्यादातर लोग आज भी अहिंसा में यकीन रखते हैं.'
बंबई हाई कोर्ट ने आदेश में कहा, 'इस मामले में भी याचिकाकर्ता और लोग अपना विरोध जताने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना चाहते हैं. ब्रिटिश शासन के दौरान हमारे पूर्वजों ने स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और प्रदर्शनों के पीछे की विचारधारा के कारण ही हमने अपना संविधान बनाया. यह कहा जा सकता है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन लोग अपनी सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर सकते हैं. लेकिन जमीन पर विरोध को दबाया नहीं जा सकता.' बेंच ने आगे कहा, 'ऐसे मामलों में यह भी देखना होगा कि क्या चुनौती के तहत नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है.' -
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाए का भुगतान करने के आदेश का अनुपालन न करने पर शुक्रवार को दूरसंचार कंपनियों को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा, हमें नहीं मालूम कि कौन ये बेतुकी हरकतें कर रहा है, क्या देश में कोई कानून नहीं बचा है. बेहतर है कि इस देश में न रहा जाए और देश छोड़ दिया जाए. शीर्ष कोर्ट ने कहा, ”यदि एक डेस्क अधिकारी न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की धृष्टता करता है तो फिर सुप्रीम कोर्ट को बंद कर दीजिए.”
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाए को लेकर सुनवाई करते हुए दूरसंचार कंपनियों और कुछ अन्य कंपनियों को दूरसंचार विभाग को 1.47 लाख करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया था. इसके भुगतान की समयसीमा 23 जनवरी थी. सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार एवं अन्य कंपनियों के निदेशकों, प्रबंध निदेशकों से यह बताने को कहा कि एजीआर बकाए के भुगतान के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने को लेकर उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों नहीं की जाए.
जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और जस्टिस एम.आर.शाह की पीठ ने आदेश का अनुपालन नहीं होने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए दूरसंचार विभाग के डेस्क अधिकारी के उस आदेश पर अफसोस जताया, जिससे एजीआर मामले में दिए गए फैसले के अनुपालन पर रोक लगी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाए को लेकर सुनवाई करते हुए दूरसंचार कंपनियों तथा कुछ अन्य कंपनियों को दूरसंचार विभाग को 1.47 लाख करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया था. इसके भुगतान की समयसीमा 23 जनवरी थी.