दुर्ग : 216 ग्राम गौठान प्रबंधन समितियां गठित, 14 मई को बैठकें लेकर करेंगी निर्णय
- सोशल डिस्टेंसिंग के साथ होगी बैठक, गौठान के उचित संचालन एवं इसे बढ़ावा देने नवाचारी उपायों को लेकर होगी चर्चा
दुर्ग 12 मई : सुराजी गांवों के सपनों को पूरा करने 216 गांवों में ग्राम गौठान प्रबंधन समितियों का गठन हो चुका है। इनके गठन के पश्चात अब ये समितियां अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए 14 मई को गौठान की बेहतरी के संबंध में निर्णय लेंगी। सभी गौठान समितियों में नियमित बैठक के संबंध में निर्देश जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने जनपद पंचायतों को दिए हैं। बैठकों में सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजिंग का विशेष ध्यान रखा जाएगा। गौठान समिति में अध्यक्ष और बारह सदस्य मिलकर पशुधन संवर्धन-संरक्षण एवं आजीविकामूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के निर्णय लेंगे। इसके साथ ही गौठान संचालन में दिन-प्रतिदिन आने वाली दिक्कतों एवं अन्य विषयों के संबंध में भी समिति की बैठकों में विचार होगा। समिति गौठान को बढ़ावा देने नवाचारी उपायों के बारे में भी विचार करेगी। समिति का गठन हर क्षेत्र के विशेषज्ञों और प्रतिनिधि यों को लेकर किया गया है। जैसे ग्राम के मुखिया सरपंच तो इसमें हैं ही, उनके अलावा पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी भी हैं जिनके पास पशुधन संवर्धन का तकनीकी ज्ञान होता है। पशुधन संवर्धन के व्यावहारिक ज्ञान एवं गांव के पशुओं की प्रकृति की समझ रखे जाने के कारण पहाटिया भी इसमें शामिल हैं।
इस प्रकार परंपरागतजन्य ज्ञान और मेडिकल साइंस से की गई तरक्की दोनों तरह की विशेषज्ञता गौठान समिति की समीक्षा को समृद्ध करेगी और अंततः इसका लाभ बैठकों से उपजने वाले निर्णयों में होगा। आजीविकामूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने एसएचजी की महिलाएं भी शामिल हैं जिससे महिला प्रतिनिधित्व भी समिति में पर्याप्त संख्या में शामिल हो सका है। इसके अलावा कृषि सखी और पशु सखी भी शामिल किए गए हैं। युवा जोश का इस्तेमाल भी समिति कर रही है। युवा वर्ग की आवाज रखने वाला समिति में एक सदस्य शामिल किया गया है।
इन विषयों पर निर्णय लेगी समिति- गौठानों के दिन-प्रतिदिन के अनेक काम सहज रूप से करने ग्रामीणों की सहमति तैयार करने एवं अलग-अलग प्रकृति के कार्यों को संपादित करने एवं इनका आसान रास्ता निकालने समिति निर्णय लेगी। इनके प्रमुख कार्यों में गौठानों में पानी बिजली आदि की उपलब्धता देखना होगा। पशु चिकित्सा कृत्रिम गर्भाधान टीकाकरण बधियाकरण और मवेशियों के उपचार की स्थिति दवाइयों की स्थिति देखना प्रमुख कार्य होगा। इसके अलावा गौठान की नियमित सफाई भी समिति की प्रमुख चिंतन का विषय होगा। समिति का दूसरा कार्य लंबे समय के लिए गौठानों को स्व -सहायता समूहों का लिए आजीविका से जोडना हैा इसके लिए समिति नवाचारी निर्णय लेगी। समिति के गठन में युवा जोश और बुजुर्गों के अनुभव दोनों को शामिल किया गया है। गांव का परंपरागत ज्ञान और तकनीक की आधुनिक समझ भी समिति के गठन में रखी गई है। इसका लाभ होगा और समिति नवाचारी निर्णय लेगी जिसके माध्यम से गौठानों के विकास का रास्ता खुलेगा।
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