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 दुर्ग : गौठानों में हो रही मेहनत का मिल रहा प्रतिफल, ढौर में महिलाओं ने पहला खेप बेचा
- दस हजार रुपए का पहला चेक मिला, कंपोस्ट खाद से आय का खुल रहा रास्ता
- लगभग दस टन कंपोस्ट खाद का कर लिया निर्माण, इस प्रकार एक लाख रुपए आय का रास्ता खुला
- मनरेगा अंतर्गत बनने वाली सामुदायिक बाड़ियों में भी होगा इस्तेमाल, बड़े किसान भी कर रहे संपर्क

दुर्ग 13 मई : पूरे देश में आत्मनिर्भरता का नारा बुलंद हो चला है। छत्तीसगढ़ में नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से सुराजी गांव इस दिशा में आगे भी बढ़ चले हैं। गौठानों से पशुधन संवर्धन की दिशा में काम तो हो ही रहा है और डेयरी इंडस्ट्री के लिए बड़ी संभावनाएं तो पैदा हुई ही हैं गौठान आजीविकामूलक ईकाई के रूप में भी विकसित हो रहे हैं। सबसे बड़ी सफलता जैविक खाद के उत्पादन में मिली है। गौठानों में महीनों से उत्पादित हो रहा कंपोस्ट खाद अब तैयार हो चला है और स्वसहायता समूह की महिलाएं इनका विक्रय कर अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं। गौठानों में महिला स्वसहायता समूहों द्वारा की जा रही कड़ी मेहनत का प्रतिफल उन्हें मिलने लगा है। ग्राम ढौर में 10 टन कंपोस्ट खाद का उत्पादन महिला स्वसहायता समूह द्वारा कर लिया गया है। इनमें से 1 टन की पहली खरीदी का श्रीगणेश भी हो गया। उद्यानिकी विभाग ने एक टन कंपोस्ट खाद महिला स्वसहायता समूहों से खरीदा है। 

इसका दस हजार रुपए का भुगतान प्रगति स्वसहायता समूह को किया गया है। बड़े किसानों ने भी समूह से खाद खरीदने के लिए संपर्क किया है। इसके अलावा मनरेगा के अंतर्गत होने वाली सामुदायिक बाड़ी में भी गौठान के कंपोस्ट खाद की बड़े पैमाने पर खपत होगी। इस तरह एक लाख रुपए के मूल्य के बराबर कंपोस्ट खाद का निर्माण समूहों ने किया है। समूह की सदस्यों ने बताया कि हम लोगों ने बहुत मेहनत की है। आज जब कंपोस्ट खाद तैयार कर लिया गया है और पहला चेक हमें मिला तो हमें बहुत खुशी हो रही है। हमारी मेहनत का यह सच्चा प्रतिसाद है। 

उन्होंने बताया कि बड़े किसान भी हमारे निरंतर संपर्क में हैं इसके अलावा बड़े पैमाने पर हमारा खाद मनरेगा अंतर्गत बनने वाली सामुदायिक बाड़ियों में खप जाएगा। उप संचालक उद्यानिकी श्री सुरेश ठाकुर ने बताया कि अपनी जरूरतों के मुताबिक हम लगातार कंपोस्ट खाद का क्रय करते रहेंगे। यह अच्छी बात है कि हम अपने लोगों से ही इसका विक्रय कर रहे हैं और इसके माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। बिहान के अधिकारी श्री लोचन बंजारे ने बताया कि कंपोस्ट खाद के विक्रय के लिए समूहों के पास बहुत से प्रस्ताव आ रहे हैं और इतना अच्छा प्रतिसाद आने से महिलाएं बहुत खुश हैं।

गौठानों को आजीविकामूलक गतिविधियों के लिए किया जा रहा तैयार- जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री महोदय की मंशानुरूप गौठानों को आजीविकामूलक गतिविधियों के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए कलेक्टर श्री अंकित आनंद के मार्गदर्शन में कार्य किया जा रहा है। गौठान समितियों के गठन से नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और गौठान आत्मनिर्भर ग्रामीण ईकाइयों के रूप में विकसित होंगे।

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