दुर्ग : गौठान समितियों की पहली बैठक हुई, सार्थक चर्चा के साथ गौठान की बेहतरी को लेकर लिए गए निर्णय
- सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हुआ बैठक का आयोजन
दुर्ग 14 मई : गौठान समितियों के गठन के पश्चात इसकी पहली बैठक सभी गौठान वाले ग्राम पंचायतों में हुई। बैठक में गौठान समितियों द्वारा गौठानों के संचालन के संबंध में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सभी पंचायतों में निर्धारित समयानुसार सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए बैठक आयोजित की गई। बैठकों में जिला स्तर के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया और अपने सुझाव गौठान समितियों को दिए। गौठान के कार्य में लगे सभी महत्वपूर्ण विभाग के अधिकारियों एवं जिला पंचायत के अधिकारियों ने आज क्षेत्र का विस्तृत दौरा किया और गौठान समितियों की बैठकों का हिस्सा बने। बैठकों में दिन-प्रतिदिन के विषयों के साथ ही गौठान को चलाने के लिए भविष्य के कदमों की रूपरेखा भी तैयार की गई। जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने बताया कि आज सभी गौठानों में समितियों की बैठक हुई। बैठक में सभी क्षेत्रों के महत्वपूर्ण सदस्यों की उपस्थिति होने से काफी महत्वपूर्ण चर्चा हुई और निर्णय लिए गए। इस प्रकार सामूहिक भागीदारी होने से और मिलकर निर्णय लेने से गौठान समिति निश्चित ही गौठानों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

किस तरह के मुद्दे आए गौठान समितियों की बैठक में- गौठान समितियों की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय हुए। इसमें गौठानों के संचालन के लिए चारे के संबंध में पैरादान के बारे में रणनीति बनाई गई। पशुओं की उपस्थिति बढ़ाने पर भी चर्चा की गई। रात के समय गौठानों की सुरक्षा के लिए बिजली के इंतजाम करने जैसी बातें आईं। पहाटिया लोग जिन पर गौठानों के संचालन का काफी बड़ा दायित्व है। उन्हें किस तरह प्रोत्साहित किया जाए, इस बारे में भी बातें हुईं।
अधिकारियों ने भी दिए सुझाव- जिला पंचायत की ओर से गौठान समितियों की बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने आजीविकामूलक गतिविधियों के अधिकाधिक विस्तार की बात कही और बताया कि किस प्रकार आप अपने गांव में किन चीजों का गौठान में उत्पादन कर सकते हैं और इसके प्रमोशन के लिए जिला प्रशासन किस प्रकार मदद कर सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि गौठान समिति में वरिष्ठ जन भी शामिल हैं और युवा लोग भी हैं। इस प्रकार परंपरागत ज्ञान और आधुनिक तकनीकी समझ के माध्यम से गौठान को बेहतर किया जा सकता है। गौठान समितियों से मिले फीडबैक से गौठानों को समुन्नत करने में बड़ी मदद मिलेगी और एक जगह किये गए नवाचार का निश्चित ही लाभ दूसरी जगहों पर भी मिलेगा।
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