महासमुंद : जिले में दो हजार मादा पशुओं में त्वरित नस्ल सुधार कार्ययोजना प्रस्तावित
गौठान ग्रामों को दी जाएगी प्राथमिकता
महासमुंद 15 मई : शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना गरूवा कार्यक्रम के तहत जिले के गौ एवं भैंसवंशीय मादा पशुओं में त्वरित नस्ल सुधार (हिट सिंक्रोनाईजेशन) प्रभावी तकनीक कार्य योजना प्रस्तावित है। जिसमें जिले के गौठान ग्रामों को प्राथमिकता दी जाएगी। पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक ने बताया कि इस तकनीक से बड़ी संख्या में मादा पशुओं का एक साथ कृत्रिम गर्भाधान किया जाना संभव हो पाता है। साथ ही बांझरोग ग्रस्त मादा गौ, भैंसवंशीय पशु भी गर्भधारण कर लेते है। इस तकनीक से त्वरित नस्ल सुधार होकर पैदा होने वाली संतति उच्च अनुवांशिक गुणवत्ता की होती है। जिससे अधिक दुग्धोत्पादन सुनिश्चित होता है। जिले में बड़ी संख्या में प्रजनन योग्य गौ भैंसवंशीय मादा पशु है। इनमंे से दो हजार पशुओं में हिट सिंक्रोनाईजेशन तकनीक उपयोग किया जाना प्रस्तावित है। जिसमें जिले के कुल 226 गौठान ग्रामों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि जिले में कुल तीन लाख 62 हजार 196 गौवंशीय एवं 41 हजार 799 भैसवंशीय पशु है। इस तकनीक का उपयोग देशी गौ भैसवंशीय में किया जाएगा। जिनकी दुग्ध उत्पादन क्षमता अधिकतम 02 लीटर है। इस तकनीक से उत्पन्न संतति की दुग्ध उत्पादन क्षमता 5 से 7 लीटर होती है। जिससे कृषक पशुपालक आर्थिक रूप से लाभान्वित होंगे।
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