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फाईलेरिया रोग प्रबंधन व बचाव पर एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

बलरामपुर : कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर के मार्गदर्शन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सभाकक्ष में फाईलेरिया मरीजों को फाईलेरिया रोग प्रबंधन व बचाव पर प्रशिक्षण दिया गया ।

प्रशिक्षण में बताया गया कि फाइलेरिया एक लाईलाज बीमारी है, लेकिन लक्षण दिखते ही ईलाज शुरू करने व कुछ सावधानी अपना कर बीमारी की चपेट में आने से बचा जा सकता है। ऐसे में चिकित्सक इस बीमारी के मामले में विशेष सतर्कता कि सलाह देते है। जिले के 06 विकासखण्डों में कुल 34 लिम्फोडेमा (हाथी पाँव) के मरीज चिन्हांकित हैं, जिनको मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के सभाकक्ष में विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल कॉर्डिनेटर डॉ. स्नेहा श्री द्वारा फाइलेरिया रोग प्रबंधन पर प्रशिक्षण दिया गया। डॉ. स्नेहा श्री ने बताया कि फाइलेरिया की स्थिति में इसका कुशल प्रबंधन संभव है, इसके लिए शासन की ओर से रोग प्रबंधन एवं विकलंगता प्रबंधन (एम.एम.डी.पी.) कार्यक्रम के तहत् पीड़ित लोगांे को किट प्रदान की जाती है, फाइलेरिया मरीजो को रोग प्रबंधन पर पैरो की साफ-सफाई एवं उचित व्याम के जरीये इसके प्रबंधन की जानकारी दी जाती है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कुल 34 लिम्फोडेमा (हाथी पॉव) व 21 हाईड्रोसिल के मरीज के चिन्हांकित थे, चिन्हांकित हाईड्रोसिल मरीजों में से 14 मरीजों का सफल ऑपरेशन किया जा चूका है, शेष 07 मरीजों का ऑपरेशन किया जाना है। जिले में प्रत्त्येक वर्ष लिम्फोडेमा (हाथी पाँव) मरीजों को फाइलेरिया रोग प्रबंधन पर प्रशिक्षण राष्ट्रीय वेक्टर रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत दिया जाता है। डॉ. सिंह ने बताया फाइलेरिया के लक्षणों में बुखार, ठंण्ड लगना, सिर दर्द और त्वचा पर दाने या खुजली सामील है, बीमारी लड़ने पर अंगो में गंभीर सूजन पाये जाते हैं, जिससे हाथी पांव जैसे स्थिति हो सकती है। बचाव के बारे में बात करते हुए बताया गया की फाइलेरिया मरीज रोज प्रशिक्षण में दिये गये जानकारी अनुसार अपने पैरों की साफ-सफाई नियमित करें व व्यायाम नियमित करने बताया गया साथ ही घर के आस-पास साफ-सफाई एवं नियमित मच्छरदानी उपयोग करने कहा गया। प्रशिक्षण में सभी विकासखण्ड के मलेरिया तकनिकी पर्यवेक्षक व सभी फाइलेरिया मरीज व जिला स्तर से सहायक जिला मलेरिया अधिकारी व जिला सलाहकार उपस्थित थे। 

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