मछली पालन में कोरिया जिला बना प्रगति का उदाहरण
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
वर्ष 2000 की तुलना में दोगुना हुआ मत्स्य उत्पादन, जल संसाधनों के बेहतर उपयोग से ग्रामीणों की आमदनी में बढ़ोतरी
कोरिया : जिले में मत्स्य पालन विभाग का प्रमुख उद्देश्य जिले के उपलब्ध जल संसाधनों को मत्स्य उत्पादन के दायरे में लाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। आधुनिक पद्धतियों के प्रयोग और जलक्षेत्र के विस्तार से जिले में मछली पालन के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
साल 2000 से 2025 तक दोगुनी हुई मत्स्य पालन की भूमि
वर्ष 2000 में जिले में कुल 44 सिंचाई जलाशय एवं 314 ग्रामीण तालाबों को मिलाकर 1335.858 हेक्टेयर क्षेत्र था, जिसमें 839.80 हेक्टेयर क्षेत्र में मत्स्य पालन किया जाता था। वहीं वर्ष 2025 में यह संख्या बढ़कर 52 सिंचाई जलाशय एवं 610 ग्रामीण तालाबों के साथ 1743 हेक्टेयर तक पहुँच गई है, जिसमें से 1568 हेक्टेयर क्षेत्र में मछली पालन हो रहा है।
मछली उत्पादन में भी दोगुना से अधिक वृद्धि
वर्ष 2000 में ग्रामीण तालाबों में मछली उत्पादन 1600 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर था, जो अब बढ़कर 2500 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो गया है। इसी तरह सिंचाई जलाशयों में उत्पादन 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 75 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो गया है।
इस प्रकार जिले में कुल औसत वार्षिक उत्पादन अब 2575 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक पहुँच गया है, जो पहले की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है।
250 परिवारों को मिला मत्स्य पालन से रोजगार का अवसर
पिछले दो वर्षों में मछली पालन विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत कुल 250 परिवारों को लाभान्वित किया गया है, जिनमें 215 अनुसूचित जनजाति, 20 अनुसूचित जाति, 50 पिछड़ा वर्ग एवं 15 अन्य वर्गों के परिवार शामिल हैं। इनमें से 25 परिवारों को मत्स्य उत्पादन हेतु तथा 28 परिवारों को अपनी भूमि में तालाब निर्माण के लिए सहायता दी गई है।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना से बढ़ा उत्पादन
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत जिले के झुमका सिंचाई जलाशय में 48 केजों की स्थापना की गई है, जिनमें पंगास मछली का पालन किया जा रहा है। प्रत्येक केज से औसतन 2500 किलोग्राम मछली उत्पादन प्राप्त हो रहा है। इस प्रकार जिले में 1 लाख 20 हजार किलोग्राम वार्षिक उत्पादन दर्ज किया गया है, जिससे मत्स्य पालक परिवारों को स्थायी आमदनी प्राप्त हो रही है।


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