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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कोरिया : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा मानव हाथी द्वंद को रोकने लगातार जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सरगुजा से ‘‘हमर हाथी हमर गोठ’’ रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण कर हाथियों के विचरण की जानकारी स्थानीय लोगों को दी जा रही है। मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा स्थानीयजनों को अपनी ओर हाथियों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाने गज यात्रा अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही ‘‘गज संकेत एवं सजग एप’’ के माध्यम से भी हाथी विचरण की जानकारी दी जा रही है।
तमोर पिंगला अभयारण्य के पास स्थित घुई वन रेंज के हाथी राहत और पुनर्वास केंद्र रामकोला वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ वन विभाग की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए), नई दिल्ली से सैद्धांतिक सहमती के साथ 2018 में यह केन्द्र आधिकारिक तौर पर स्थापित किया गया। यह 4.8 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है जो हाथियों की विशेष देखभाल और प्रबंधन के लिए समर्पित है। यह छत्तीसगढ़ का एकमात्र हाथी राहत और पुनर्वास केंद्र है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में हाथी के संवर्धन के लिए यहां के वन अनुकूल है। राज्य का 44 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है, जिसमें हाथियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए वातावरण उपयुक्त है। यहां के अनुकूल वातावरण के कारण हाथियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। राज्य में वनों के संवर्धन के लिए ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान के तहत वृक्षारोपण किया जा रहा है तथा विभाग द्वारा 3 करोड़ 80 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था। महतारी वंदन योजना के तहत लाभान्वित महिलाओं को भी इस अभियान से जोड़ा गया है।
हाथी राहत और पुनर्वास केंद्र रामकोला का संचालन एलिफेंट रिज़र्व सरगुजा के द्वारा किया जा रहा है। वर्तमान में इस केंद्र में तीन गज शावकों को मिला कर कुल 9 हाथी निवासरत हैं। वर्ष 2018 में, मानव-हाथी संघर्ष की समस्या को देखते हुए महासमुंद वन मंडल के पासीद रेंज में एक अस्थायी कैंप में कर्नाटक से पांच कुमकी हाथियों को लाया गया था। एक साल बाद, इन हाथियों को रामकोला स्थित हाथी राहत एवं पुनर्वास केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया, जहाँ उनकी विशेष देखभाल एलिफेंट रिजर्व सरगुजा के उप निदेशक श्री श्रीनिवास टी एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अजीत पाण्डेय द्वारा की जा रही है। कर्नाटक के दुबारे हाथी कैंप में प्रशिक्षित कुशल महावत यह सुनिश्चित करते हैं कि हाथियों की बेहतर देखभाल हो सके।
छत्तीसगढ़ वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने कहा कि वन विभाग जंगली हाथियों से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहा है। हाथी राहत एवं पुनर्वास केंद्र इन प्रयासों का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विशेष रणनीतियों का उपयोग करके स्थानीय समुदायों और वन्यजीवों के बीच सह-अस्तित्व को प्रोत्साहित करता है।
इस केंद्र में हाथियों में प्रमुख हैं कुमकी नर तीर्थराम, दुर्योधन और परशुराम, साथ ही मादा गंगा और योग लक्ष्मी, जिन्होंने हाल ही में क्रमशः एक नर और मादा बच्चे को जन्म दिया है। इसके अतिरिक्त यह केंद्र जशपुर वन प्रभाग से बचाए गए मादा बच्चे जगदंबा की देखभाल भी करता है।
वर्ष 2018 में अपनी स्थापना के बाद से यह हाथी राहत और पुनर्वास केन्द्र राज्य में बाघों, तेंदुओं और जंगली हाथियों सहित वन्यजीवों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। केन्द्र के प्रशिक्षित कुमकी हाथी मानव-वन्यजीवन संघर्षों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें हैं, जिससे स्थानीय समुदायों की जान माल की हानि में कमी आयी है। कुमकी हाथियों के प्रयासों में आक्रामक जंगली हाथियों को जंगल में वापस खदेड़ना एवं वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से जंगली हाथियों में रेडियो-कॉलर लगाने में सहायता करना शामिल है।
कुमकी हाथियों की प्रभावशीलता को कई महत्वपूर्ण बचाव अभियानों के माध्यम से साबित किया जा चुका है। कोरबा वन मंडल से गणेश और प्रथम जैसे जंगली हाथियों के अलावा सरगुजा वन मंडल से प्यारे, महान, मैत्री, कर्मा, मोहनी, गौतमी और बेहरादेव जैसे अन्य हाथियों का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया गया है। इसके साथ ही, मनेंद्रगढ़ वन प्रभाग के जनकपुर रेंज से एक तेंदुए और सूरजपुर वन प्रभाग के ओढगी रेंज से एक गंभीर रूप से घायल बाघिन को भी रेस्क्यू करने में इन हाथियों ने अहम भूमिका निभाई। रेस्क्यू के बाद, बाघिन को रायपुर के जंगल सफारी में चिकित्सा उपचार हेतु और पुनर्वास के लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व भेजा गया, जहां अब वह स्वस्थ होकर अनुकूलित हो चुकी है।
केंद्र में हाथियों की देखभाल और आवास प्रबंधन उच्चतम पशु चिकित्सा मानकों के अनुसार किया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हाथियों की देखभाल उच्च मानकों के अनुसार की जा रही है। सभी हाथियों का नियमित रूप से टीकाकरण, परजीवी-रोधी उपचार और विशेष पोषण आहार दिया जा रहा है, ताकि उन्हें एक सुरक्षित और रोग-मुक्त वातावरण में रखा जा सके। महावतों, चारा काटने वालों और पशु चिकित्सकों द्वारा की जाने वाली नियमित देखभाल, साथ ही उनकी दैनिक रूप से जंगल की सैर, यह सुनिश्चित करती है कि हाथी स्वस्थ रहें और अपने प्राकृतिक व्यवहार को बनाए रखें।
इस हाथी कैंप में सोनू नाम का जंगली हाथी भी निवासरत है, जिसे अचानकमार टाइगर रिजर्व से पकड़कर सिहावल सागर हाथी शिविर में भेजा गया था। कुछ समय वहां बिताने के बाद, सोनू को इस केंद्र में लाया गया, जहां उसकी नियमित स्वास्थ्य जांच की जाती है और विशेष पोषण दिया जाता है। साथ साथ उसे विशेष देखभाल मिल रही है, जिससे वह अपने नए वातावरण के साथ अच्छी तरह से ढल गया है।
अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री प्रेम कुमार, आईएफएस एवं वन संरक्षक एलिफेंट रिज़र्व सरगुजा श्री के.आर. बढ़ई, आईएफएस, ने बताया कि इस केंद्र में हाथियों की सर्वाेत्तम देखभाल सुनिश्चित की जा रही है, साथ ही नियमों के अनुसार सुविधाओं में और सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। -
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बलरामपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा मानव हाथी द्वंद को रोकने लगातार जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। सरगुजा से ‘‘हमर हाथी हमर गोठ’’ रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण कर हाथियों के विचरण की जानकारी स्थानीय लोगों को दी जा रही है। मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा स्थानीयजनों को अपनी ओर हाथियों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाने गज यात्रा अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही ‘‘गज संकेत एवं सजग एप’’ के माध्यम से भी हाथी विचरण की जानकारी दी जा रही है।तमोर पिंगला अभयारण्य के पास स्थित घुई वन रेंज के हाथी राहत और पुनर्वास केंद्र रामकोला वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन के लिए छत्तीसगढ़ वन विभाग की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए), नई दिल्ली से सैद्धांतिक सहमती के साथ 2018 में यह केन्द्र आधिकारिक तौर पर स्थापित किया गया। यह 4.8 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है जो हाथियों की विशेष देखभाल और प्रबंधन के लिए समर्पित है। यह छत्तीसगढ़ का एकमात्र हाथी राहत और पुनर्वास केंद्र है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में हाथी के संवर्धन के लिए यहां के वन अनुकूल है। राज्य का 44 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छदित है, जिसमें हाथियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए वातावरण उपयुक्त है। यहां के अनुकूल वातावरण के कारण हाथियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। राज्य में वनों के संवर्धन के लिए ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान के तहत वृक्षारोपण किया जा रहा है तथा विभाग द्वारा 3 करोड़ 80 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया था। महतारी वंदन योजना के तहत लाभान्वित महिलाओं को भी इस अभियान से जोड़ा गया है। हाथी राहत और पुनर्वास केंद्र रामकोला का संचालन एलिफेंट रिज़र्व सरगुजा के द्वारा किया जा रहा है।वर्तमान में इस केंद्र में तीन गज शावकों को मिला कर कुल 9 हाथी निवासरत हैं। वर्ष 2018 में, मानव-हाथी संघर्ष की समस्या को देखते हुए महासमुंद वन मंडल के पासीद रेंज में एक अस्थायी कैंप में कर्नाटक से पांच कुमकी हाथियों को लाया गया था। एक साल बाद, इन हाथियों को रामकोला स्थित हाथी राहत एवं पुनर्वास केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया, जहाँ उनकी विशेष देखभाल एलिफेंट रिजर्व सरगुजा के उप निदेशक श्री श्रीनिवास टी एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अजीत पांडेय द्वारा की जा रही है। कर्नाटक के दुबारे हाथी कैंप में प्रशिक्षित कुशल महावत यह सुनिश्चित करते हैं कि हाथियों की बेहतर देखभाल हो सके।
छत्तीसगढ़ वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने कहा कि वन विभाग जंगली हाथियों से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहा है। हाथी राहत एवं पुनर्वास केंद्र इन प्रयासों का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विशेष रणनीतियों का उपयोग करके स्थानीय समुदायों और वन्यजीवों के बीच सह-अस्तित्व को प्रोत्साहित करता है। इस केंद्र में हाथियों में प्रमुख हैं कुमकी नर तीर्थराम, दुर्योधन और परशुराम, साथ ही मादा गंगा और योगलक्ष्मी, जिन्होंने हाल ही में क्रमशः एक नर और मादा बच्चे को जन्म दिया है। इसके अतिरिक्त यह केंद्र जशपुर वन प्रभाग से बचाए गए मादा बच्चे जगदंबा की देखभाल भी करता है।वर्ष 2018 में अपनी स्थापना के बाद से यह हाथी राहत और पुनर्वास केन्द्र राज्य में बाघों, तेंदुओं और जंगली हाथियों सहित वन्यजीवों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। केन्द्र के प्रशिक्षित कुमकी हाथी मानव-वन्यजीवन संघर्षों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें हैं, जिससे स्थानीय समुदायों की जान माल की हानि में कमी आयी है। कुमकी हाथियों के प्रयासों में आक्रामक जंगली हाथियों को जंगल में वापस खदेड़ना एवं वन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से जंगली हाथियों में रेडियो-कॉलर लगाने में सहायता करना शामिल है।
कुमकी हाथियों की प्रभावशीलता को कई महत्वपूर्ण बचाव अभियानों के माध्यम से साबित किया जा चुका है। कोरबा वन मंडल से गणेश और प्रथम जैसे जंगली हाथियों के अलावा सरगुजा वन मंडल से प्यारे, महान, मैत्री, कर्मा, मोहनी, गौतमी और बेहरादेव जैसे अन्य हाथियों का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया गया है। इसके साथ ही, मनेंद्रगढ़ वन प्रभाग के जनकपुर रेंज से एक तेंदुए और सूरजपुर वन प्रभाग के ओढगी रेंज से एक गंभीर रूप से घायल बाघिन को भी रेस्क्यू करने में इन हाथियों ने अहम भूमिका निभाई। रेस्क्यू के बाद, बाघिन को रायपुर के जंगल सफारी में चिकित्सा उपचार हेतु और पुनर्वास के लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व भेजा गया, जहां अब वह स्वस्थ होकर अनुकूलित हो चुकी है।
केंद्र में हाथियों की देखभाल और आवास प्रबंधन उच्चतम पशु चिकित्सा मानकों के अनुसार किया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हाथियों की देखभाल उच्च मानकों के अनुसार की जा रही है। सभी हाथियों का नियमित रूप से टीकाकरण, परजीवी-रोधी उपचार और विशेष पोषण आहार दिया जा रहा है, ताकि उन्हें एक सुरक्षित और रोग-मुक्त वातावरण में रखा जा सके। महावतों, चारा काटने वालों और पशु चिकित्सकों द्वारा की जाने वाली नियमित देखभाल, साथ ही उनकी दैनिक रूप से जंगल की सैर, यह सुनिश्चित करती है कि हाथी स्वस्थ रहें और अपने प्राकृतिक व्यवहार को बनाए रखें।
इस हाथी कैंप में सोनू नाम का जंगली हाथी भी निवासरत है, जिसे अचानकमार टाइगर रिजर्व से पकड़कर सिहावल सागर हाथी शिविर में भेजा गया था। कुछ समय वहां बिताने के बाद, सोनू को इस केंद्र में लाया गया, जहां उसकी नियमित स्वास्थ्य जांच की जाती है और विशेष पोषण दिया जाता है। साथ साथ उसे विशेष देखभाल मिल रही है, जिससे वह अपने नए वातावरण के साथ अच्छी तरह से ढल गया है। अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री प्रेम कुमार, आईएफएस एवं वन संरक्षक एलिफेंट रिज़र्व सरगुजा श्री के.आर. बढ़ई, आईएफएस, ने बताया कि इस केंद्र में हाथियों की सर्वाेत्तम देखभाल सुनिश्चित की जा रही है, साथ ही नियमों के अनुसार सुविधाओं में और सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। -
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शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल रहामहासमुंद : प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार ने पीएम जनमन योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की खुद के पक्के मकान के सपने को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर कार्य कर रही है। इसी क्रम में बागबाहरा विकासखंड के ग्राम जुनवानीकला के निवासी श्री संतराम कमार एक साधारण ग्रामीण व्यक्ति हैं। उनके परिवार में सिर्फ दो सदस्य हैं - वे और उनकी पत्नी हीराबाई कमार। लंबे समय तक संतराम और उनकी पत्नी के लिए जीवन का संघर्ष भट्ठों पर काम करने तक सीमित था।काम की तलाश में भट्ठों पर जाना उनके जीवन का हिस्सा बन चुका था, जहां अनिश्चितता और कठिनाईयां हमेशा उनके साथ थीं। संतराम का जीवन तब एक निर्णायक मोड़ पर आया, जब उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत एक पक्का मकान प्राप्त हुआ। यह योजना उनके लिए सिर्फ एक घर नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और स्थायित्व का प्रतीक बन गई। इस पक्के मकान ने उनके जीवन की दिशा बदल दी और उन्हें एक नई उम्मीद दी।
संतराम को प्रधानमंत्री आवास के साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिल रहा है। पीएम जनमन योजना के तहत उनके सभी जरूरी दस्तावेज, जैसे आधार कार्ड, बैंक खाता, आयुष्मान कार्ड, और राशन कार्ड बन गए। इन दस्तावेजों ने उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं से जुड़ने में मदद की। इसके साथ ही उनकी पत्नी हीराबाई को महतारी वंदन योजना के अंतर्गत हर महीने मिलने वाली राशि से भी उन्हें वित्तीय सहायता मिलनी शुरू हो गई, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आया।सरकारी योजनाओं से मिले लाभ और आत्मनिर्भरता के नए अवसरों ने संतराम को बांस शिल्प का कार्य करने के लिए प्रेरित किया। यह पारंपरिक कला उनके लिए एक रोजगार का साधन बना। बांस शिल्प का कार्य करते हुए, संतराम आसपास के क्षेत्रों में रोज़ी-मजदूरी भी करने लगे, जिससे उनके परिवार की आय में स्थिरता आई। आज संतराम और हीराबाई एक सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं, जहां उनके पास अपना पक्का मकान है, सरकारी योजनाओं से प्राप्त लाभ हैं, और एक स्थायी रोजगार भी। उनकी यह सफलता उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है, जो सरकारी योजनाओं का सही इस्तेमाल करके अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कोरिया : कलेक्टर एवं अध्यक्ष रेडक्रास सोसायटी के निर्देशानुसार तथा पुलिस अधीक्षक कोरिया के मार्गदर्शन में जिले के पुलिस अधिकारियों, आरक्षकों, पुलिस बल के जवानों को जिला रेडक्रास सोसायटी के द्वारा प्राथमिक सहायता का प्रशिक्षण चिकित्सक डॉ अंकित परिहार एवं डॉ मनीष कुर्रे के द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण में यदि कोई व्यक्ति को अचानक हार्ट अटैक आ जाए कहीं कोई डूब जाए, अचानक गिर कर बेहोश हो जाये या बिजली गिरने पर अचेत हो जाने की दशा में सबसे पहले उसकी कैसे प्राथमिक उपचार दिया जा सकें।ऐसी जानकारी से अवगत कराया गया। डॉ अंकित परिहार ने बताया कि सबसे पहले वे गले के नीचे राइट लेफ्ट अपने हाथों की उंगलियों से चेक करें कि प्लस चल रही है की नही, उसके बाद घायल व्यक्ति के पास घुटनों के बल बैठकर दोनों हाथ से छाती के बीचों बीच दबाए, एक बार में 5 से 10 बार दबाए जिससे घायल व्यक्ति की जान बच सकती है। कार्यक्रम में 100 से अधिक पुलिस अधिकारी व जवानों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस पूर्व रेडक्रास सोसायटी के द्वारा 400 अधिक लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। -
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कोरिया : अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी से मिली जानकारी अनुसार जिले के विधानसभा क्षेत्र 01 भरतपुर-सोनहत के 78 मतदान केन्द्र एवं विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 03 बैकुण्ठपुर के 228 मतदान केन्द्र कुल 306 मतदान केन्द्रों की मतदाता सूची मुद्रण पी.डी.एफ निर्माण कार्य एवं फोटोयुक्त मतदाता सूची के मुद्रण, बीएलओ वर्किंग कॉपी मुद्रण का कार्य हेतु इच्छुक एवं योग्य फर्मों से निविदा आमंत्रित की जाती है। निविदा प्रारूप एवं निविदा की विस्तृत शर्ते, निविदा प्रपत्र कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी से कार्यालयीन समय में प्राप्त किया जा सकता है।अथवा जिले की वेबसाईट www.korea.gov.in से भी डाउनलोड कर प्राप्त किया जा सकता है। पूर्णतया भरे हुए निविदा प्रपत्र कार्यालय कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में 16 अक्टूबर दोपहर 3 बजे तक सील बन्द निविदायें कक्ष क्रमांक 81 सामान्य निर्वाचन शाखा जमा कर सकते है। 16 अक्टूबर सायं 4 बजे उपस्थित निविदाकारों के समक्ष गठित समिति द्वारा निविदा खोली जायेगी। -
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महासमुंद : कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार जिले में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसी तारतम्य में खनिज विभाग द्वारा मंगलवार को औचक निरीक्षण के दौरान चूना पत्थर (गिट्टी) का अवैध परिवहन करते 02 ट्रेलर वाहन बसना - सरायपाली से जप्त किया गया। इसी तरह अन्य प्रकरण में राजस्व विभाग की जांच टीम ने चिंगरौद रोड से रेत का अवैध परिवहन करते हाइवा को जप्त किया। इस प्रकार अवैध परिवहन करते करते कुल 03 हाइवा को जप्त किया गया। जप्त वाहनों को संबंधित थाना सांकरा तथा थाना सिटी कोतवाली की अभिरक्षा में सुपुर्द किया गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महासमुंद : महासमुंद जिले में चालू मानसून के दौरान 01 जून 2024 से अब तक 921.2 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई है। भू-अभिलेख से मिली जानकारी के अनुसार जिले में सर्वाधिक औसत वर्षा पिथौरा तहसील में 1260.8 मिलीमीटर, बसना में 1019.8 मिलीमीटर, बागबाहरा में 897.0 मिलीमीटर, महासमुंद में 835.3 मिलीमीटर, कोमाखान में 769.4 मिलीमीटर और सबसे कम वर्षा 745.3 मिलीमीटर सरायपाली तहसील में दर्ज की गई। आज 25 सितम्बर को 18.9 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। जिले के तहसीलवार वर्षा में कोमाखान तहसील में 33.9 मिलीमीटर, बागबाहरा में 26.7 मिलीमीटर, बसना में 17.1 मिलीमीटर, सरायपाली में 12.6 मिलीमीटर, पिथौरा में 12.5 मिलीमीटर एवं महासमुंद तहसील में 11.0 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। -
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महासमुंद : महासमुंद जिले में वर्ष 2024-25 की शेष अवधि के लिए देशी और विदेशी मदिरा दुकानों के अहातों के लिए अनुज्ञप्तियों के आबंटन हेतु ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया शुरू की गई है। जिसमें देशी मदिरा दुकान बेमचा रोड़, स्टेशन रोड, पिथौरा, सरायपाली, विदेशी मदिरा दुकान एकता चौक, गढ़फुलझर, छुईपाली, सांकरा, सिरपुर देशी कम्पोजिट मदिरा दुकान - नर्रा, सल्डीह, बलौदा, भुरकोनी, कोल्दा झिलमिला तथा तोरेसिंहा शामिल है। निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 07 अक्टूबर 2024 है।जिसका पूर्ण विवरण वेबसाईट http://excise.cg.nic.in के रिसेंट पोस्ट में तथा राज्य शासन के वेबसाईट http:/cgstste.gov.in के सूचना निर्देशिका एवं लिंक http:/cgstste.gov.in/lenders में उपलब्ध है। अनुज्ञप्तधारियों के चयन की प्रक्रिया 10 अक्टूबर 2024 को सुबह 11:00 बजे से होगी। अधिक जानकारी के लिए जिला आबकारी अधिकारी, महासमुंद के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। -
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पोषण माह में सुपोषण की कहानीमहासमुंद : एक मां और उसके परिवार की खुशियों और संघर्ष के बीच की कहानी है जो जिला महासमुन्द के विकासखंड बागबाहरा ग्राम शिवनीखुर्द की है। इस गांव में श्रीमती बिरझा बघेल पति श्री मनमीत बघेल के साथ पूरा परिवार रहता है, जैसे ही पता चला कि घर की बहू बिरझा बघेल गर्भवती हुई तो घर व ग्राम में खुशियों का वातारण चारो तरफ फैल गया। खुशियां उस समय दुगुनी हो गई जब पता चला कि गर्भ में जुड़वा बच्चे है। अब परिवार और अतिरिक्त देखभाल में लग गया। इसी बीच आंगनवाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता दीदी उषा चौहान से मिलकर केंद्र में पंजीयन करवाते हुए नियमित टीकाकरण और पोषण आहार के लिए परिवार भी लगातार सपर्क में बना रहा।कार्यकर्ता दीदी और पर्यवेक्षक लगातार गृहभेट करते रहे और सेवाएं देते रहे। अभी सात महीने ही पूर्ण हुए थे कि एक दिन अचानक गर्भवती को बचैनी महसूस होने पर परिवार वालों ने जांच हेतु चिकित्सक के पास ले गए। तभी चिकित्सक द्वारा प्रसव कराने की बात कही गई मां और बच्चे की सलामती के लिए प्रसव के लिए तैयार हुए और 13 मार्च 2024 को गर्भवती माता बिरझा बघेल ने समय से पूर्व सामान्य प्रसव से जुड़वा बच्चो को जन्म दिया। समय से पूर्व जन्म के कारण बच्चे का वजन सामान्य से कम था। जुड़वा बच्चो में 1 लड़की और 1 लड़का है जिनका वजन जन्म के समय 1500 ग्राम का था।
उसी दौरान महिला एव बाल विकास द्वारा पोषण पखवाड़ा का भी आयोजन किया जा रहा था जहां जुड़वा बच्चे होने की खुशी थी वहीं कम वजन के कारण दोनो बच्चां को बचाना और स्वस्थ रख पाने की बड़ी चुनौती थी। इस चुनौती को परिवार के साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दीदी और महिला एवं बाल विकास की टीम ने स्वीकार की और इसे स्वस्थ्य और सुपोषित करने के लिए जुट गए। माता बिरझा और दादी प्रभा बाई ने कार्यकर्ता की समझाइश को ध्यान में रखते हुए 1 घण्टे के भीतर स्तनपान कराने की बात स्वयं हॉस्पिटल में कही जिससे वहां उनकी जागरूकता का परिचय हुआ और माता ने स्तनपान कराया।उसके पश्चात सतत गृह भेंट और स्वास्थ्य परामर्श कर घरवालो को समझाइश देते रहे। उन्हें केवल और केवल स्तनपान और कंगारू मदर केयर की सलाह और उसके महत्व को डेमो करके उसके पति व परिवार को करके दिखाया गया। जिसे घर के सभी सदस्यों ने समझा और किया। श्रीमती बिरझा अपनी सास प्रभा जी के साथ हर सुपोषण चौपाल में केंद्र आती थी और नई सीख लेकर पोषण परामर्श पर चर्चा करती रही। सुपोषण किट का सेवन भी माता बिरझा ने किया।
कार्यकर्ता उषा चौहान ने एक परिवार की तरह इस परिवार को समय समय और सलाह और देखभाल की है। सतत और सक्रिय तर्क पूर्ण गृह भेंट से बिरझा के खानपान में पोषण पेटी के महत्व के बारे में बताकर ऐसा करने हेतु प्रेरित करते रहे जिसका परिणाम ये हुआ कि बच्चों के वजन में वृद्धि होती दिखाई देने लगी और माँ और अन्य सदस्यों के साथ बच्चे का आत्मीय संबंध मजबूत होता दिखा। बच्चे माँ के साथ दादा दादी के पास भी अच्छी तरह रहने लगे। जब माँ ने सामान्य प्रसव से जुड़वा बच्चो लाव्या और लाव्यंश को जन्म दिया ये माता बिरझा की शारीरिक मजबूती की एक उत्तम उपलब्धि रही की सही समय पर पोषण परामर्श शिक्षा और चिकित्सीय सुविधा मिल पाई। परिवार के सभी लोग महिला बाल विकास विभाग को धन्यवाद देते नहीं थकते। इस तरह का साथ उनके परिवार को सक्रियता से मिला।
आज एक परिवार में गर्भवती के गर्भधारण से प्रसव उपरांत वर्तमान में भी सतत गृह भेंट और परिवार द्वारा पोषण परामर्श को सक्रिय रूप से पालन करने से अति कमजोर बच्चे आज परिवार की गोद मे स्वस्थ और सक्रिय रूप से खेल रहे है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 1 सितंबर से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है इसी आयोजन के दौरान 18 सितम्बर 2024 को बच्चों के 6 माह पूर्ण होने से केंद्र में उत्सव के साथ अन्नप्राशन का आयोजन कर लव्या और लाव्यांश दोनो का अन्नप्राशन करवाया गया। इस दौरान बच्चों का वजन लिया गया। जिसमें बच्चों का वजन क्रमशः 5600 ग्राम और 5700 ग्राम हो गया है। इस तरह महिला बाल विकास विभाग के उल्लेखनीय प्रयास और सतत निगरानी से बच्चे आज मां और परिवार की गोद में किलकारियां भर रहे हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कोरिया : कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में साप्ताहिक समय सीमा की बैठक लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को लम्बे समय से लंबित प्रकरणों को शीघ्र निराकरण करने को कहा। समय सीमा की बैठक में कलेक्टर ने विभिन्न विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता से निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से स्कूली छात्र-छात्राओं के आय-जाति-निवास प्रमाण पत्र बनाने की प्रगति की जानकारी लेते हुए छात्र-छात्राओं का शत-प्रतिशत प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने राजस्व अधिकारियों से बटवारा, नामांतरण, फौती सहित अन्य राजस्व प्रकरणों के निराकरण की जानकरी ली। उन्होंने बी-वन, खसरा पढ़कर सुनाने तथा इस दौरान प्राप्त आवेदनों एवं निराकरण स्थिति की समीक्षा की उन्होंने गिरदावरी के कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा दी जा रही प्रषिक्षण को पूर्ण करने तथा सोसायटी से जुड़े आश्रय दाता एवं उप आश्रय दाता सदस्यों की जानकारी ली। उन्होंने जिला अधिकारियों से स्वास्थ्य विभाग के सामुदायिक उप एवं सब हेल्थ सेंटर एवं छात्रावास आश्रम का नियमित निरीक्षण कर प्रतिवेदन समय पर प्रस्तुत करने को कहा।
श्रीमती त्रिपाठी ने बैठक में जन चौपाल, पीजी पोर्टल एवं जन शिकायत पोर्टल एवं जनदर्षन के लंबित प्रकरणों की समीक्षा की तथा संबंधित विभागीय अधिकारियों को प्रकरणों का समय-सीमा पर निराकरण करने के निर्देश दिये। आयुष्मान कार्ड निर्माण की समीक्षा में कहा कि जिले के प्रत्येक व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड बने और प्रत्येक व्यक्ति तक आयुष्मान कार्ड का वितरण हो, प्रत्येक व्यक्ति को योजना का लाभ मिले यह सुनिश्चित करें। उन्होंने कार्ययोजना बनाकर समयावधि में लक्ष्य प्राप्त करना सुनिश्चित करने को कहा। नीति आयोग के सम्पूर्णता अभियान के तहत आकांक्षी विकासखण्ड के अंतर्गत लक्ष्य की प्राप्ति की समीक्षा की गई।
02 से 08 अक्टूबर तक मद्य-निषेध सप्ताह का आयोजन
बैठक में समाज कल्याण विभाग अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर मद्यपान एवं अन्य मादक द्रव्यों/पदार्थों तथा नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम हेतु 02 से 08 अक्टूबर 2024 तक मद्य-निषेध सप्ताह आयोजित किया जाना है। कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने जिला शिक्षा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मुख्य नगरपालिका अधिकारी, प्राचार्य रामानुज प्रताप सिंहदेव एवं कन्या महाविद्यालय, जिला खेल अधिकारी को मद्य-निषेध सप्ताह के दौरान मद्य-निषेध से संबंधित विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी, अपर कलेक्टर श्री अरुण कुमार मरकाम, श्रीमती अंकिता सोम सहित सम्बंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे। -
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कोरिया : छत्तीसगढ़ राज्य उपचार्यगृह तथा रोगोपाचार्य संबंधी स्थापना अनुज्ञापन अधिनियम 2010 एवं 2013 अंतर्गत गठित जिला स्तरीय स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य नर्सिंग होम के अन्तर्गत संचालन किए जाने अनुज्ञापन/पंजीयन हेतु प्राप्त आवेदनों के आधार पर निजी डायग्नोस्टिक सेंटर्स, निजी क्लीनिक एवं एसईसीएल हॉस्पिटल एवं डिस्पेंसरी - चरचा, बैकुंठपुर, कटकोना, पंडोपारा का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान एस0ई0सी0एल द्वारा संचालित हॉस्पिटल, निजी डायग्नोस्टिक सेंटर, डिस्पेंसरी तथा अन्य निजी क्लिनिको द्वारा पाई गई कमियों को जल्द से जल्द पूर्ण किए जाने हेतु निर्देश दिए गए। निरीक्षण मंे नर्सिंग होम के नोडल डॉक्टर भास्कर दत्त मिश्रा, मेडिसिन विशेषज्ञ डॉक्टर ए0के0 सिंह बीएमओ पटना डॉक्टर बलवंत सिंह, मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर कार्तिकेय सिंह, ड्रग इंस्पेक्टर श्री विकास लकड़ा एवं शाखा प्रभारी श्रीमती संगीता सिंह उपस्थित थे। -
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आज जनदर्शन में विभिन्न शिकायत एवं समस्याओं से संबंधित 27 आवेदन प्राप्त हुएबेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा की उपस्थिति मे आज मंगलवार क़ो समय सीमा की बैठक के बाद कलेक्टरेट के दृष्टि सभा कक्ष मे जनदर्शन आयोजित की गई। जिसमे जिले के अलग-अलग क्षेत्र के लोग अपनी-अपनी मांग, समस्याएं एवं शिकायतें लेकर आये। इस दौरान जनदर्शन मे आने वाले सभी लोगों की समस्याओं का निराकरण भी किया गया। आज के जन चौपाल में कलेक्टर ने लोगों की समस्याओं को गौर से सुना और संबंधित अधिकारियों से दूरभाष पर और समक्ष बुलाकर संबंधित आवेदनों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए।कुछ आवेदन मौके पर ही निराकरण किए गए। आज जनदर्शन में विभिन्न शिकायत एवं समस्याओं से संबंधित 27 आवेदन प्राप्त हुए। तात्कालिक महत्व की समस्याओं का जहां त्वरित निराकरण किया। वहीं गंभीर और जांच के आवेदनों को टीएल पंजी पर दर्ज करके, इनका निराकरण करने के निर्देश संबंधित अफसरों को दी।इस दौरान जनदर्शन में दूरदराज के गांवों से अपनी समस्याओं के समाधान हेतु पहुंचे लोगों में से तहसील बेमेतरा के ग्राम पंचायत लावातरा के निवासी लिलकुमारी ने महतारी वंदन योजना के अंतर्गत राशि दिलाने के संबंध में आवेदन दिया, तहसील बेरला ग्राम ताकम निवासी जयश्री सोनवानी ने छात्रावास साजा के हॉस्टल में रखें जाने के संबंध मे आवेदन दिया, तहसील नांदघाट के ग्राम नगधा के समस्त ग्रामवासी ने अंग्रेजी, गणित शिक्षक उपलब्ध कराने के संबंध में आवेदन दिया, तहसील दाढ़ी के ग्राम पंचायत लालपुर निवासी रूद्रकुमार साहू ने रोजगार सहायक के द्वारा जीयो टैग के नाम पर रूपये के मांग किये जाने के संबंध मे आवेदन दिया।इसके अलावा आम नागरिकों ने निराश्रित पेंशन दिलाने, बैटरी चलित ट्रायसायकल हेतु, प्रधानमंत्री आवास दिलाने, कटा हुआ रकबा जोड़ने, खाद गड्ढा को हटाये जाने, आम रास्ता खुलवाने, वृद्धापेंशन हेतु, दिव्यांगता पेंशन दिलाये जाने आदि से संबंधित आवेदन प्राप्त हुए है। कलेक्टर ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनके निराकरण के लिए ग्रामीणों को आश्वासन दिलाया। इस दौरान कलेक्टर शर्मा ने श्रमिकों को श्रम कार्ड का भी वितरण किया। इस अवसर पर सी.ई.ओ. जिला पंचायत श्रीं टेकचंद अग्रवाल, संयुक्त कलेक्टर अंकिता गर्ग सहित विभिन्न विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। -
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सूरजपुर : राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर के तत्वाधान में कलेक्टर एवं जिला मिशन संचालक समग्र शिक्षा सूरजपुर श्री रोहित व्यास एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं जिला परियोजना संचालक समग्र शिक्षा श्रीमती कमलेश नन्दिनी साहू के निर्देशन में तथा जिला शिक्षा अधिकारी श्री राम ललित पटेल एवं श्री शशिकांत सिंह (जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा) के मार्गदर्शन में सहायक जिला परियोजना अधिकारी श्री रविन्द्र सिंहदेव एवं सहायक परियोजना समन्वयक समावेशी शिक्षा श्री शोभनाथ चौबे के प्रयास से जिले के विद्यालयों में अध्ययनरत विभिन्न प्रकार के दिव्यांगों के संबंध में विधिवत जानकारी के लिये 124 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधान पाठकों, शिक्षकों एवं हाई स्कूल, हायर सेकण्डरी विद्यालयों के 122 प्राचार्य तथा व्याख्याताओं एवं पालकों, अभिभावकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय विश्रामपुर के सभा कक्ष में सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्राचार्य श्री आशीष कुमार भट्टाचार्य एवं समावेशी शिक्षा प्रभारी श्री शोभनाथ चौबे के द्वारा मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए दीप प्रज्वलित किया गया।
श्री चौबे जी के द्वारा समावेशी शिक्षा के सभी पहलुओं पर सविस्तार प्रकाश डाला गया साथ ही प्राचार्य श्री भट्टाचार्य जी के द्वारा पेरिस ओलंपिक 2024 में दिव्यांगों की उपाधि बताते हुए उनके जीवन से अनुकरणीय पहलुओं पर प्रकाश डाले । प्रशिक्षण को आगे बढाते हुए मास्टर ट्रेनर्स श्री प्रमोद कुमार टण्डन एवं श्री किशोर कुमार मुखर्जी श्रीमती राधा नंदी (बी.आर.पी समावेशी शिक्षा) के द्वारा प्रशिक्षण के निर्धारित पाठ्यक्रम अनुसार समावेशी शिक्षा की गतिविधियां, चिन्हांकन हेतु प्रश्नावली, दिव्यांग बच्चों से व्यवहार के तरीके, दिव्यांगता के 21 प्रकार, नई शिक्षा नीति, एवं समावेशी शिक्षा की अवधारणा, निशक्तजन अधिकार अधिनियम 2016, दिव्यांगजनों की जीवन बेहतर बनाने की कवायद,समावेशी शिक्षा की उद्देश्य एवं पालक/अभिभावक की भूमिका, माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी अधिसूचना की जानकारी आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा किया गया। कार्यशाला में जिले के सभी विकास खंडों से आए बी0आर0पी0 समावेशी शिक्षा में क्रमशः विनोद कुमार यादव, श्री रमाकांत नर्मदा, श्रीमती इन्दुवती तिग्गा तथा स्पेशल एजुकेटर समावेशी शिक्षा में कु, नीलम पटेल, कु, कविता सिंह, एवं योगेश चन्द्राकर ,भोजन एवं अन्य समुचित व्यवस्था हेतु श्री हर्ष नारायण शर्मा प्रधान पाठक , गौरीशंकर पाण्डेय जन शिक्षक विश्रामपुर, भृत्यों मे श्री ईश्वर सिंह, सुदर्शन एवं नरेन्द्र सिंह का सहयोग सराहनीय रहा। -
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जिला स्तरीय कला उत्सव 2024 आयोजन का किया गया शुभारंभसूरजपुर : स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय नवापारा में ’’सरस्वती साइकिल योजना’’ के अंतर्गत कक्षा 9वीं में अध्ययनरत 24 छात्राओं को साइकिल वितरण किया गया। साथ ही जिला स्तरीय कला उत्सव 2024 आयोजन का शुभारंभ प्रेमनगर विधानसभा विधायक श्री भूलन सिंह मरावी, भीमसेन अग्रवाल, संजू आनंद सोनी, अजय अग्रवाल, किरण खेस, व अन्य सम्मानीय सदस्यगण तथा विद्यालय के प्राचार्य मनोज कुमार झा व समस्त स्टाफ के उपस्थिति में किया गया।कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्रा विभिन्न विधा जैसे- एकल गायन, समूह गायन, एकल वादन, नाटक, नृत्य, द्वि व त्रि आयामी चित्रकला इत्यादि में हर्षोउल्लाश के साथ अपने कला का प्रदर्शन किया। साथ ही साथ इन विधाओं में निपूर्ण/पारंगत निर्णायक मंडल में श्री कृष्ण चन्द्र पुरी, श्रीमंती सीमा भारती, श्रीमती संध्या दुबे, श्रीमति शशि दुबे, श्री रमेश गुप्ता एवं श्री. कृष्ण कुमार ध्रुव उपस्थित रहे। इसी क्रम में द्वितीय दिवस कला उत्सव कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर द्वारा प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया व कार्यक्रम का समापन किया गया। -
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अब तक 14.02 लाख मीट्रिक टन खाद और 9.43 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरणचालू वर्ष में 13.68 लाख मीट्रिक टन खाद वितरण का है लक्ष्यराज्य में अब तक 1112.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्जकिसानों को 6655 करोड़ रूपए का अल्पकालीन कृषि ऋण वितरितरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों को उनकी मांग के अनुरूप सुगमता के साथ प्रमाणित खाद-बीज का वितरण किया जा रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश में अब तक लगभग शत-प्रतिशत बोनी पूर्ण हो चुकी है। इसके साथ ही राज्य के किसानों को अब तक 14.02 लाख मीट्रिक टन खाद का वितरण कर लिया गया है, जो लक्ष्य का 102 प्रतिशत है। इसी प्रकार किसानों को 8.92 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 91 प्रतिशत है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में मानसून की काफी अच्छी स्थिति है। राज्य में अब तक 48.35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र याने लगभग शत-प्रतिशत क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है। राज्य सरकार द्वारा इस खरीफ सीजन में 48.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश में चालू खरीफ सीजन के लिए किसानों को विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का वितरण जारी है। 23 सितम्बर 2024 की स्थिति में किसानों को लगभग 14.02 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया जा चुका हैं, जो लक्ष्य का 102 प्रतिशत है। वितरित किए गए उर्वरकों में 7 लाख 6 हजार 811 मीट्रिक टन यूरिया, 2 लाख 87 हजार 198 मीट्रिक टन डीएपी, 1 लाख 77 हजार 026 मीट्रिक टन एनपीके, 57 हजार 563 मीट्रिक टन पोटाश तथा 1 लाख 73 हजार 597 मीट्रिक टन सुपर फास्फेट का वितरण शामिल है।चालू खरीफ सीजन के लिए राज्य में सहकारिता एवं निजी क्षेत्र के माध्यमों से किसानों को 13 लाख 68 हजार मीट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके विरूद्ध अब तक 16.37 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भण्डारण करा लिया गया है। भण्डारण के विरूद्ध लगभग 14.02 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किसानों को किया जा चुका है। किसानों को सुगमता पूर्वक खाद का वितरण सोसायटी और निजी विक्रेताओं द्वारा किया जा रहा है। किसानों को किसी प्रकार से परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा खाद-बीज वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
प्रदेश के किसानों को चालू खरीफ सीजन में विभिन्न फसलों की बोनी के लिए सहकारी समितियों एवं निजी क्षेत्र के माध्यम से सुगमता के साथ प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अब तक किसानों को विभिन्न खरीफ फसलों के 8 लाख 92 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण किए गए हैं, जो कि राज्य में बीज की मांग का 91 प्रतिशत है। गौरतलब है कि राज्य में खरीफ की विभिन्न फसलों के प्रमाणित बीज की कुल मांग 9 लाख 78 हजार क्विंटल है, इसके विरूद्ध 9 लाख 31 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज भण्डारण किया जा चुका है। किसानों को अब तक 8.92 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया गया है, जो मांग का 91 प्रतिशत है।
चालू खरीफ सीजन में अब तक लक्ष्य का 99 प्रतिशत बोनी पूर्ण हो चुका है। जबकि इस सीजन में राज्य सरकार द्वारा 48.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों के बोनी का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 48.35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 1112.1 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से 23 सितम्बर 2024 सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 2323.1 मिमी और बेमेतरा जिले में सबसे कम 577.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। जबकि प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1236 मिलीमीटर है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर राज्य के अधिक से अधिक किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में किसानों को अब तक राज्य सहकारी बैंकों के द्वारा 2058 सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग 6655 करोड़ 46 लाख रूपए का अल्पकालीन ब्याज मुक्त कृषि ऋण वितरण किया गया है। इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा किसानों को 7300 करोड़ रूपए ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को उनके मांग और रकबे के अनुरूप अल्पकालीन कृषि ऋण प्रदान किया जा रहा है।गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को खेती-किसानी की प्रारंभिक जरूरतों को पूरा करने तथा खेती-किसानी में सहूलियत प्रदान करने के उद्देश्य से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना प्रारंभ किए गए हैं। इसके अलावा किसानों को साहूकारों के चंगुलों से बचाना इसका एक प्रमुख उद्देश्य था। वर्तमान समय में इस योजना के माध्यम से प्रदेश के लाखों किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं। किसानों को प्रारंभिक और खेती-किसानी की जरूरतों के लिए न सिर्फ राहत मिली है, बल्कि फसलों के उत्पाद में लगातार वृद्धि भी हो रही है। -
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आजीविका संवर्धन, वनों की सुरक्षा और वन निवासियों को अधिकार संपन्न बनाने के लिए मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षणरायपुर : आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणी बोरा ने वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन से जुड़े मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण सत्र के शुभारंभ अवसर पर कहा कि वन अधिकार अधिनियम के जरिए वनों में निवासरत लोगांे के जीवन में बदलाव लाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हम सब को इस अधिनियम के बेहतर क्रियान्वयन कर वन निवासियों के सामाजिक, आर्थिक उन्नति, वनों की सुरक्षा के लिए उन्हें अधिकार सम्पन्न बनाना है। जिससे वे वन अधिकार पत्रों के साथ-साथ शासन की विभिन्न योजनाओं लाभ उठा सके।
गौरतलब है कि नवा रायपुर स्थित आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में सामुदायिक वन संसाधान प्रबंधन समिति के गठन एवं कार्य योजना निर्माण पर आयोजित तीन दिवसीय मास्टर ट्रेनरों का 24 से 26 सितम्बर तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण में वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन से जुड़े अधिकारी सहित एनजीओ के प्रतिनिधि शामिल थे। इस मौक़े पर प्रभारी आयुक्त श्री संजय गौड़, फाउंडेशन ऑफ़ इकोलॉजिकल सिक्युरिटी के राज्य समन्वय सुश्री नमिता मिश्रा, यूएनडीपी के श्री किशोर कुुमार सहित अन्य सभी संभाग के प्रशिक्षार्थी उपस्थित थे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रमुख सचिव श्री बोरा ने कहा कि वन अधिकार वनों में निवास करने वाले लोगों के लिए एक ऐसा रास्ता है, जिसके माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, आरक्षण, मनरेगा से रोजगार, पीडीएस जैसे कई योजनाओं का लाभ मिल सकता है। इन कार्यों के जरिए हम उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने में सहायक बन सकते हैं। हमें केवल परियोजना को क्रियान्वयन करने के उद्देश्य से नहीं, बल्कि हमें पूर्णतः रूप से लाभ दिलाने के उद्देश्य से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई तकनीकों के इस्तेमाल कर शत-प्रतिशत पात्र हितग्राहियों को लाभ पहुंचाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने कहा कि सामुदायिक वन संसाधन अधिकार अत्यत महत्वपूर्ण है, जिसके फलस्वरुप ग्राम समाएं अपनी परंपरागत वनो की सुरक्षा संरक्षण, प्रबंधन एवं पुनर्जनन अपनी आवश्यकता तथा नीति अनुसार करने का अधिकार मिलता है। यह व्यवस्था जनजातियों तथा अन्य परंपरागत वन निवासियों के वन संसाधन पारंपरिक धरोहर तथा जैव विविधता को बचाये रखने के साथ ही वन आधारित पारपरिक आजीविका को सुदृढ़ करने में सहायक है। इसके अतिरिक्त इसी प्रकार की व्यवस्था के फलस्वरुप हम जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण सरक्षण की दिशा में सफल कदम उठा सकते है।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 13 हजार से अधिक ग्राम सभाएं हैं। जिसमें से 4 हजार 300 ग्रामों में सामुदायिक वन प्रबंधन संसाधन समिति गठन के लिए स्वीकृति दी जा चुकी है तथा 2070 ग्रामों में सामुदायिक वन प्रबंधन समिति का गठन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य के 13 हजार ग्राम सभा में भी सामुदायिक वन संसाधन समितियां गठन की जा सकती है इस पर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन अधिनियम की चर्चा करते हुए कहा कि नार्थ इस्ट राज्य जैसे त्रिपुरा, मेघालय में आज भी जमीन सामुदायिक रूप से है। वहां मिलजुलकर कहां खेती-किसानी करते हैं, कौन सी फसल लेनी है, का निर्णय लेते हैं और बेहतर जीवन यापन की दिशा में काम कर रहे हैं। हमें सामुदायिक शक्ति को और सशक्त करने की दिशा में काम करना चाहिए।
प्रशिक्षण सत्र के दौरान बताया कि छत्तीसगढ़ विभिन्न वन अधिकारों की मान्यता के क्रियान्वयन में देश का अग्रणी राज्य है। प्रदेश में अब तक 04 लाख 79 हजार से अधिक व्यक्तिगत वन अधिकार, 49,000 से अधिक सामुदायिक वन संसाधन अधिकार एवं 4300 से अधिक सामुदायिक वन संसाधन अधिकार की मान्यता 19.78 लाख हेक्टर वन भूमि पर दी जा चुकी हैं। इसके अलावा विशेष प्रकार के कमजोर जनजातीय समूहों जैसे कमार के 22 ग्रामों एवं बैगा जनजातीय समुदाय के 19 ग्रामों पर क्रमशः जिला-धमतरी एव गौरेला पेण्ड्रा-मरवाही में पर्यावास अधिकार की मान्यता दी गई है। राज्य सरकार ने व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र अधिकारकों के वशजों को भी अधिनियम की धारा 4(4) के अतर्गत प्रदत्त अधिकारों के क्रियान्वयन हेतु फौती नामांतरण की प्रक्रिया निर्धारित कर इसकी अधिसूचना जारी की है।
वन अधिकार मान्यता अधिनियम, 2006 की धारा 3(1) (झ) में सामुदायिक वन संसाधन के अधिकारों का प्रावधान है जिसमें ग्राम सभाओं को सशक्त करने एवं वनों के सुरक्षा, संरक्षण, प्रबंधन एवं पुनर्जनन के लिए उत्तर दायित्व सौपने की दृष्टि स यह अधिकार अत्यंत महत्वपूर्ण है। अनुसूचित क्षेत्र सहित प्रदेश के 30 जिलों में वन अधिकार अधिनियम का कियान्वयन किया जा रहा है। वन अधिकार मान्यता अधिनियम के तहत सामुदायिक वन ससाधन अधिकार में मान्यता की प्रक्रिया प्रारंभ करने का अधिकार ग्राम सभाओं को है. किंतु जिलों में मैदानी स्तर पर अधिनियम के प्रति समुचित जागरूकता के अभाव में मान्यता की प्रक्रिया में त्रुटियां परिलक्षित हुई हैं जिसमें प्रमुख रुप से ग्राम सभाओं की पारंपरिक व रुढिगत सीमा का नियमानुसार निर्धारण तथा सीमांकन शामिल है. जिन्हें दूर करने के प्रयास किए जा रह हैं। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सफल अमेरिका प्रवास और क्वाड के छठवें शिखर सम्मेलन में देश का सशक्त प्रतिनिधित्व करने के लिए छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व कौशल पर हम सभी देशवासियों को गर्व है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का अमेरिका के सफलतम प्रवास और ‘क्वाड’ के छठवें शिखर सम्मेलन में कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने भारत का सशक्त प्रतिनिधित्व कर देश का नाम विश्व पटल पर और अधिक रोशन किया है। गौरतलब है कि क्वाड की बैठक ऐसे समय हो रही थी, जब दुनिया तनाव और संघर्षों से घिरी हुई है। ऐसे में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर ‘क्वाड’ का मिलकर साथ चलना, मानवता के लिए बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा इस महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन में हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा, शांति, समृद्धि, उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई। यह प्रधानमंत्री के ओजस्वी नेतृत्व और कुशल विदेश नीति का ही परिणाम है कि अमेरिका ने भारत से तस्करी किये गए लगभग 300 पुरावशेषों के वापसी को स्वीकृति दी है। -
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रेडक्रॉस सोसाइटी का उद्देश्य जरूरतमंदों तक तेजी से चिकित्सा सहायता पहुंचाना और समाज में मानवता का प्रसार करना है: श्री राउतरेडक्रास प्रबंध समिति के चुनाव आगामी 31 अक्टूबर तक पूर्ण करने के दिए निर्देश।बेमेतरा : भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी, छत्तीसगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह महासचिव (सेवानिवृत्त आईएएस, अपर मुख्य सचिव ) श्री एम.के. राउत की अध्यक्षता में आज यहाँ कलेक्ट्रेट के दिशा सभा कक्ष में जिला रेडक्रॉस सोसाइटी की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।बैठक में राज्य रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमेन अशोक अग्रवाल, बेमेतरा के कलेक्टर रणबीर शर्मा, और पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू सहित ज़िला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, चिकित्सक, आजीवन सदस्य, पदाधिकारी,अधिकारी ने भी भाग लिया। बैठक का उद्देश्य जिले में रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा संचालित योजनाओं और गतिविधियों की समीक्षा की गयी। इसके साथ ही, समाज में रेडक्रॉस की सेवाओं का विस्तार करने और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर भी वी बनाने के प्रस्तावों पर भी विचार किया गया।
श्री एम.के.राउत ने बैठक के दौरान कहा कि रेडक्रॉस सोसाइटी का उद्देश्य जरूरतमंदों तक तेजी से चिकित्सा सहायता पहुंचाना और समाज में मानवता का प्रसार करना है। उन्होंने जिले में रेडक्रॉस द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और अधिकारियों से इन सेवाओं को और व्यापक बनाने के निर्देश दिए। उन्हें अवगत कराया गया कि 12 लोगों ने जरूरमंद लोगों के लिए मरणोपरांत अंगदान करने की सहमति दी है। इस पर प्रसन्ता व्यक्त की। बैठक में श्री राउत ने कहा कि रेडक्रास का उद्देश्य सेवाभाव को बढ़ावा देना है। इसके लिए सभी महाविद्यालयों में रेडक्रॉस के संबंध में कार्यक्रम आयोजित कर रक्तदान और अन्य गतिविधियां आयोजित करने कहा। भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी, छत्तीसगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह महासचिव श्री एम.के. राउत ने प्रबंध समिति के लिए चुनाव निर्वाचन की समय सारिणी की जानकारी देते हुए कहा कि रेडक्रास प्रबंध समिति के चुनाव आगामी 31 अक्टूबर तक पूर्ण करने के दिए निर्देश।
सामान्य सभा के लिए सदस्यता सूची का अंतिम रूप- सामान्य सभा के बैठक हेतु सदस्यों को सूचना 30 सितम्बर 2024 तक कर ली जाये । उन्होंने पत्र/सार्वजनिक सूचना जारी करना अंतिम तिथि - सामान्य सभा का बैठक तथा प्रबंध समिति के सदस्य आदि की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सामान्य सभा में कम-से कम 10 सदस्यों का ज़िला प्रबंध समिति के लिए निर्वाचन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मत(वोट) देने का अधिकार आजीवन सदस्य, संरक्षक,उप संरक्षक को ही होगा। श्री राउत ने रेडक्रॉस सोसायटी में जनप्रतिनिधियों सहित हाईस्कूल से लेकर कॉलेज के छात्र-छात्राओं को सदस्य बनाने पर जोर दिया ताकि सदस्यों के मन में दुर्घटना व आपदा के दौरान पीड़ितों की सहायता, मानवता और निष्पक्षता की भावना पैदा हो।
उन्होंने रेडक्रॉस के कार्यों को और अधिक विस्तृत करने हेतु उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों, पुलिस विभाग में खासकर नगर सैनिक, यातायात पुलिस, ग्राम पंचायत स्तर पर सचिव, पंच-सरपंच को जोड़ने के साथ ही उन्हें फर्स्ट एड (प्राथमिक चिकित्सा) की जानकारी व रेड क्रॉस से संबंधित कार्यों से अवगत कराने हेतु सम्बंधित अधिकारियों से कहा। ताकि मरीज को सही समय में मदद मिल सके और समय की बचत हो। कलेक्टर श्री शर्मा और डीपीएम श्री लता ने बैठक में पीपीटी के माध्यम से जिले में संचालित रेडक्रॉस सोसाइटी के गतिविधियों के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि जिले के शासकीय, अशासकीय हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में जूनियर रेडक्रॉस प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिले में समस्त महाविद्यालयों में यूथ रेड क्रॉस इकाइयों का गठन किया गया है। वहीं जिले में लोगों के आजीवन सदस्य की जानकारी से अवगत कराया उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 739 निःक्षय मित्र बनाए गए हैं। उन्होंने रेडक्रॉस द्वारा संचालित दवा दुकान, ब्लड बैंक के सम्बंध में जानकारी दी।
कलेक्टर रणबीर शर्मा ने जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिए रेडक्रॉस के साथ मिलकर कार्य करने की प्रतिबद्धता जताई, जबकि पुलिस अधीक्षक श्रीरामकृष्ण साहू ने आपातकालीन स्थिति में पुलिस और रेडक्रॉस के बीच समन्वय को मजबूत करने का प्रस्ताव रखा।बैठक के अंत में, रेडक्रॉस सोसाइटी की आगामी योजनाओं और कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा की गई और उनके सफल क्रियान्वयन के लिए रूपरेखा तैयार की गई। कलेक्टर श्री शर्मा ने श्री राउत और श्री अशोक अग्रवाल को स्मृति चिन्ह भेंट किए। -
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कोरिया : सहायक आयुक्त आदिवासी विकास द्वारा विगत दिनों विकासखण्ड सोनहत के आदिवासी बालक आश्रम मझ्ाारटोला का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान आश्रम में प्रभारी अधीक्षक श्री उमाशंकर राजवाड़ें अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाये गये, आश्रम में साफ-सफाई का अभाव, मीनू के आधार पर भोजन नही मिलना, अधीक्षक के द्वारा आश्रम परिसर में रात्रि निवास नही किया जाना पाया गया। उनका यह कृत्य स्वेच्छाचारिता एवं लापरवाही पूर्ण होकर सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियत 3 में के प्रावधानों के विपरित है।कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने श्री उमाशंकर राजवाड़े, आश्रम अधीक्षक मूलपद- प्रधानपाठक, को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन अवधि में श्री उमाशंकर राजवाड़े का मुख्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सोनहत नियत किया गया है एवं इन्हे नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। -
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3149 को स्वास्थ्य लाभ एवं 89 व्यक्तियों का आयुष्मान कार्ड बनाया गयामहासमुंद : राष्ट्रीय वयोवृद्ध स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम अंतर्गत कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के आदेशानुसार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी. कुदेशिया के निर्देशन, में आज जिले के समस्त स्वास्थ्य केन्द्र में वयोवृद्ध व्यक्तियों के जांच के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर एवं आयुष्मान पखवाडा का आयोजन किया गया। उक्त जांच शिविर का आयोजन जिले के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबंद्ध चिकित्सालय महासमुन्द, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर में किया गया।जिसमें वयोवृद्ध व्यक्तियों एवं बुजुर्गों का चिकित्सकीय जांच, परीक्षण एवं उपचार चिकित्सा अधिकारी एवं विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारियों द्वारा किया गया। इस शिविर में मुख्यतः उच्च रक्तचाप, मधुमेह जांच, नेत्र जांच, दंत चिकित्सा एवं फिजियोथैरेपी चिकित्सा, बहरेपन की जांच एवं ईलाज प्रदाय किया गया।वयोवृद्ध को मुख्यतः शारीरिक क्रियाशीलता बनाए रखने के लिए व्यायाम करने, तंबाकू, शराब एवं किसी भी प्रकार की नशीली चीजां का सेवन न करने, पौष्टिक एवं ताजा आहार लेने, मानसिक रूप से स्वस्थ रहने हेतु पर्याप्त नींद लेने, प्राणायाम एवं मेडिटेशन करने हेतु जन जागरूकता प्रदान किया जा रहा है। उक्त शिविर में 3149 वयोवृद्ध व्यक्तियां को स्वास्थ्य लाभ एवं 89 वयोवृद्ध व्यक्तियों का आयुष्मान कार्ड बनाकर प्रदाय किया गया। कार्यक्रम का आयोजन जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती नीलू घृतलहरे के मार्गदर्शन व नोडल अधिकारी (एनपीएचसीई) डॉक्टर अनिरुद्ध सिंह कसार के सहयोग से किया गया। -
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महासमुंद : कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशन में एवं जिला पंचायत सीईओ श्री एस आलोक के मार्गदर्शन मे स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए गांवों में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए विशेष योजनाएं लागू की हैं, जिससे स्वच्छता का संदेश हर घर तक पहुंच रहा है। स्वच्छता अभियान के तहत घर-घर से कचरा संग्रहण की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। विभिन्न ब्लॉकों में हो रहे इस अभियान के तहत गांवों में स्वच्छाग्रहियों की भूमिका अहम हो गई है, जो कचरा संग्रहण और उसके उचित निपटान के काम में जुटे हुए हैं।महासमुंद जिले के कुल पांच ब्लॉकों में से महासमुंद, बागबाहरा, पिथौरा, बसना और सरायपाली में कचरा संग्रहण और प्रबंधन का कार्य बेहद प्रभावी ढंग से हो रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, महासमुंद ब्लॉक में 158 गांवों में स्वच्छाग्रही हैं, जिनमें से 112 गांवों में ट्राइसाइकिल की सहायता से कचरा संग्रहण किया जा रहा है और 167 गांवों में कचरे का उचित सेग्रीगेशन हो रहा है।
इसी तरह बागबाहरा ब्लॉक में 235 गांवों में स्वच्छाग्रही लगे हुए हैं, लेकिन ट्राइसाइकिल से केवल 65 गांवों में कचरा संग्रहण हो रहा है। यहां 170 गांवों में सेग्रीगेशन की प्रक्रिया सफलतापूर्वक चल रही है। इसी प्रकार पिथौरा ब्लॉक में 208 गांवों में स्वच्छाग्रही लगे हैं और 57 गांवों में ट्राइसाइकिल से कचरा संग्रहण हो रहा है, जबकि 183 गांवों में कचरे का सेग्रीगेशन किया जा रहा है।बसना और सरायपाली ब्लॉक में भी स्वच्छता कार्य तेजी से हो रहा है, जहां क्रमशः 80 और 86 गांवों में ट्राइसाइकिल के जरिए कचरा संग्रहण किया जा रहा है और 176 तथा 169 गांवों में सेग्रीगेशन की प्रक्रिया चल रही है।कुल मिलाकर, जिले के 1119 गांवों में से 1025 गांवों में स्वच्छाग्रही संलग्न हैं, जबकि 865 गांवों में कचरे का सफलतापूर्वक सेग्रीगेशन हो रहा है। इन आंकड़े स्पष्ट पता चलता हैं कि जिले में स्वच्छता अभियान को गांव-गांव में प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। स्वच्छता अभियान की यह सफलता जिला प्रशासन की निगरानी और स्थानीय जनता की जागरूकता का परिणाम है। -
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कोरिया : एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना अधिकारी के जानकारी अनुसार 19 जुलाई 2023 को 18 आंगनबाड़ी केन्द्रों में सहायिका 11 जून 2024 को आगनबाड़ी सहायिका के 43 आंगनबाड़ी केन्द्रों में सहायिका एवं 02 जुलाई 2024 को 18 आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ता के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए आवेदन पत्र मंगाया गया था।प्राप्त आवेदन पत्रों का मूल्यांकन समिति से मूल्यांकन उपरांत अनंतिम प्रावधिक सूची एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना बैकुण्ठपुर, जनपद कार्यालय बैकुण्ठपुर, संबंधित ग्राम पंचायत एवं आंगनबाड़ी केन्द्रांे के सूचना पटल पर चस्पाकर उम्मीदवारों से 1 अक्टूबर 2024 तक दावा आपत्ति कार्यालयीन समय पर आमंत्रित की जाती है। उक्त तिथि उपरांत कोई भी दावा आपत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी। -
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छूटे हुए हितग्राहियों के लिए आयुष्मान कार्ड पंजीयन और स्वास्थ्य शिविर जारीबलरामपुर : जिले में आयुष्मान पखवाड़ा अंतर्गत व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस पखवाड़े का उद्देश्य उन सभी पात्र हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड पंजीयन सुनिश्चित करना है, जो अब तक किसी कारणवश इस योजना से वंचित रह गए हैं। कलेक्टर श्री रिमिजियुस एक्का के मार्गदर्शन में जिले के सभी विकासखण्डों में विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है साथ ही घर-घर जाकर छूटे हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है। आयुष्मान कार्ड पंजीयन के साथ ही स्वास्थ्य जांच शिविर भी लगाए जा रहे हैं। इन शिविरों में ग्रामीणों की प्राथमिक स्वास्थ्य जांच की जा रही है और उन्हें आवश्यकतानुसार उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसी क्रम में हाई स्कूल मैदान से जागरूकता साइकिल रैली का आयोजन किया गया। रैली हाई स्कूल ग्राउंड से शुरू होकर पुराना बस स्टैंड में समाप्त हुई। रैली को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बसंत सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राओं ने रैली में भाग लिया और नगर का भ्रमण कर लोगों को आयुष्मान योजना के प्रति जागरूक किया।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बसंत सिंह ने बताया कि आयुष्मान पखवाड़े के अंतर्गत शेष हितग्राहियों को योजना का लाभ देने के लिए चरणबद्ध तरीके से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिला मुख्यालय के साथ सभी विकासखण्ड मुख्यालयों में साइकिल रैली आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य लोगों को आयुष्मान योजना के प्रति जागरूक करना है, ताकि सभी पात्र हितग्राही इस योजना का लाभ ले सकें।
यह उल्लेखनीय है कि आज से 06 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हर परिवार को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। इन 06 वर्षों में करोड़ों परिवारों को इस योजना का लाभ मिला है। जिले में 7 लाख 85 हजार 950 आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से अब तक 6 लाख 92 हजार 888 कार्ड बनाए जा चुके हैं। 20 से 30 सितंबर तक चलने वाले इस आयुष्मान पखवाड़े के दौरान छूटे हुए सभी पात्र हितग्राहियों के कार्ड बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। -
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उचित मूल्य दुकान संचालन के लिए नये आवेदन आमंत्रितबलरामपुर : विकासखण्ड बलरामपुर के ग्राम पंचायत मानिकपुर के शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालन में अनियमितता पाए जाने पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बलरामपुर द्वारा निरस्त कर दिया गया है। उक्त उचित मूल्य दुकानों को नये एजेंसी को आबंटित किया जाना है। अतः इच्छुक संस्था, स्व-सहायता समूह जो उचित मूल्य दुकान मानिकपुर का संचालन करना चाहते हैं, तो वे निर्धारित प्रारूप में अपना आवेदन पत्र 03 अक्टूबर 2024 शाम 05 बजे तक कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बलरामपुर में जमा कर सकते हैं। समय-सीमा के पश्चात् आवेदनों पर विचार नहीं किया जावेगा। -
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शासन-प्रषासन के सतत प्रयासों का परिणामपहाड़ी कोरवा परिवारों को दिया जा रहा पक्का मकानविकास की मुख्यधारा से जुड़ाव के साथ मिल रहा सुरक्षा और आरामबलरामपुर : आमनागरिकों के लिए पक्का मकान उनके जिंदगी का सपना होता है, खासकर तब जब वे कच्चे मकान में ही पैदा हुए वहीं पले-बढ़े तथा उनकी आधी जिंदगी कच्चे के घर में गुजर गई और जब पक्के घर का सपना पूरा होता है तो उसकी खुशी शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है। कुछ ऐसा ही वाक्या विकासखण्ड शंकरगढ़ के ग्राम पंचायत करासी में देखने को मिलता है। जहां विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय की हितग्राही जगरनाथ पहाड़ी कोरवा को पीएम जनमन योजना के तहत प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ।वह बताते है कि वह अपने परिवार के साथ कच्चे के मकान में रह कर गुजर-बसर कर रहा था और परिवार में दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए खेती और मजदूरी का सहारा रहा। उसने कभी नही सोचा था कि अपने इस जीवनकाल में अपने परिवार के लिए पक्का मकान बना पायेगा। उन्होंने अपने बीते दिनों को याद करते हुए भावुकता से बताया कि उनके लिये पक्के का मकान एक सपने जैसा था, लेकिन हम विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लिए पक्का आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जी ने पीएम जनमन योजना शुरू की जिसके तहत मुझे वर्ष 2023-24 में पक्का आवास बनाने के लिए शासन से स्वीकृति मिली।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की इस गरीबों के जनकल्याणकारी पीएम जनमन आवास योजना के तहत उन्हें पक्के मकान का सुख मिला है और आज मैं अपने परिवार के साथ पक्के के मकान में खुशहाल जीवन जी रहा हूं। उन्होंने पक्के आवास के सपने को हकीकत में बदलने के लिए प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। दरअसल रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इंसान जीवनभर संघर्ष और मेहनत करता है और इन आवश्यकताओं को पूरा करने का बिड़ा मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने उठाया है।ताकि समाज के हर वर्ग का समुचित विकास हो सके। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी पीएम जनमन योजना के तहत कलेक्टर श्री रिमिजियुस एक्का एवं जिला पंचायत सीईओ के मार्गदर्शन में निरंतर कार्य जारी है। इन्हीं के सतत प्रयासों का परिणाम है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से जिले में निवासरत गरीब वर्ग के हितग्राहियों के स्वयं का आवास बनाने का सपना साकार हो रहा है।