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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
समायरा के कदमों में लौटी आशा चिरायु दिवस बनी उम्मीद की राह
सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रत्येक गुरुवार मनाया जाता है चिरायु दिवस
बलरामपुर : शासन द्वारा दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं में से एक स्वास्थ्य सुविधाएं और केंद्र सरकार बचपन में ही जन्मजात बीमारियों का पता लगाकर उसे समूल समाप्त करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित कर रही है, जिसमें जटिल बीमारियों का निःशुल्क इलाज किया जाता है।
विकासखण्ड वाड्रफनगर के ग्राम सावित्रीपुर निवासी विदास सिंह के यहां पुत्री का जन्म हुआ तो परिवार में खुशी का माहौल था। लेकिन परिवार में खुशी उस समय थोड़ी फीकी पड़ गईं। जब चिकित्सकों ने बताया कि 5 माह की पुत्री समायरा को क्लब फुट की जन्मजात स्थिति है। विदास सिंह विगत दो सप्ताह पूर्व नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची का पैर अंदर की ओर मुड़ा हुआ है। जिससे वह आगे चलने में असमर्थ हो सकती है।
तब उन्हें जानकारी दी गई कि जिला अस्पताल बलरामपुर में प्रत्येक गुरुवार को चिरायु दिवस पर विभिन्न प्रकार की जन्मजात बीमारियों का निःशुल्क उपचार किया जाता है। इसी कड़ी में विदास सिंह ने अपनी पुत्री समायरा को जिला अस्पताल लाकर चिरायु दल से संपर्क किया। यहाँ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विनय गुप्ता ने समायरा का परीक्षण कर तुरंत उपचार शुरू किया। जहां समायरा का विगत गुरुवार चिरायु दिवस पर सफल उपचार कर लिया गया। विदास सिंह बताते है कि हमें लगा था कि बेटी के पैर का इलाज हम शायद नहीं करवा पाएंगे, लेकिन चिरायु दिवस के माध्यम से जिला अस्पताल में मदद मिली, इसके लिए उन्होंने शासन-प्रशासन को धन्यवाद दिया है।
कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर के मार्गदर्शन में जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत प्रत्येक गुरुवार को चिरायु दिवस के माध्यम से जन्मजात विकृतियों की पहचान कर उपचार की दिशा में कार्य किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत सिंह ने बताया कि क्लब फुट एक ऐसी स्थिति है, जिसमें बच्चे का पैर अंदर की ओर मुड़ जाता है और समय रहते इलाज से पूरी तरह ठीक हो सकता है। उन्होंने जिले वासियों से अपील की है कि यदि किसी बच्चे में जन्म के समय कोई असामान्य स्थिति दिखे तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिरायु दल से संपर्क करें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक गुरूवार को जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यकम अन्तर्गत चिरायु दिवस मनाया जाता है, जिसमें चिरायु दलों द्वारा केटगरी अनुसार बच्चों को निकट के स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार के लिए लाया जाता है। पहले ऐसी स्थिति में परिजनों को इलाज के लिए अम्बिकापुर जैसे बड़े शहर जाना पड़ता था, जिससे आर्थिक और मानसिक दोनों तरह की परेशानियाँ आती थीं। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। शासन-प्रशासन के प्रयासों से जिला अस्पताल में ही उपचार किया जा रहा है। वर्ष 2024 में चिन्हांकित 14 बच्चों में से 11 बच्चों का सफलतापूर्वक उपचार हो चुका है। जबकि 2025 में चिन्हांकित 12 बच्चों में से 3 बच्चों को सफलतापूर्वक इलाज मिल चुका है। बाकी बच्चों का शीघ्र उपचार किया जाएगा।
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बलरामपुर : कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक 15 जुलाई 2025 को दोपहर 2ः00 बजे, समय-सीमा की बैठक पश्चात् संयुक्त जिला कार्यालय भवन के सभाकक्ष में आयोजित की गई है। जिसमें जल जीवन मिशन के अंतर्गत अद्यतन प्रगति की समीक्षा एवं विभिन्न गतिविधियों पर चर्चा की जाएगी। समाचार क्रमांक/775/2025/
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महासमुन्द : जिले में समाज कल्याण विभाग से मान्यता एवं अनुदान प्राप्त फॉर्चून फाउण्डेशन समाज सेवी संस्था प्रेतनडीह, सरायपाली द्वारा संचालित फॉर्चून नेत्रहीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करमापटपर, बागबाहरा खुर्द की पूर्व छात्र सुखदेव ने कांतिराव एथलेटिक्स स्टेडियम बेंगलूरु कर्नाटका में 11 से 12 जुलाई 2025 तक आयोजित 7वीं ओपन पैरा एथलेटिक्स इंटरनेशनल चैंपियनशिप 2025 में पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के 1500 मीटर दौड़ में 4.36 मिनट में दौड़ पूरी करते हुए स्वर्ण पदक जीतने में सफलता हासिल कर एक और उपलब्धि हासिल किया।
प्रशिक्षक निरंजन साहू ने बताया कि नेत्रहीन फॉर्चून फाउंडेशन करमापटपर बागबाहरखुर्द में रहकर एथलेटिक्स का अभ्यास करते हुए यह उपलब्धि हासिल किया। वर्तमान में सुखदेव केंवट भारतीय खेल प्राधिकरण (साईं) बेंगलूरु में नियमित अभ्यास कर रहा हैं। इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सुखदेव ने खेलों इंडिया पैरा गेम्स 2025 न्यू दिल्ली में 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था। सुखदेव ने 23 वीं राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप चेन्नई में 1500 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था।
सुखदेव के अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, सीईओ एस आलोक, उप संचालक समाज कल्याण संगीता सिंह, खेल अधिकारी खेल एवं युवा कल्याण मनोज धृतलहरे, जिला शिक्षा अधिकारी विजय लहरे, निरंजन साहू, पेट्रोन सदस्य राज्य पैरा एथलेटिक्स संघ आर सी मिश्रा, प्रदेश सचिव डीकेश टंडन, डॉ विश्वनाथ पाणिग्रही, पारस चोपड़ा, डॉ विकास अग्रवाल, डॉ. पुरेंद्र चंद्राकर, जिला पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन महासमुंद सचिव तोरण यादव ने बधाई दीं तथा उनके उज्जवल भविष्य हेतु शुभकामना दी है।
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महासमुन्द : महासमुंद जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय, छिन्दपाली (सरायपाली) में संचालित है। शैक्षणिक सत्र 2026-27 हेतु कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा का आयोजन शनिवार 13 दिसंबर 2025 को पूर्वान्ह 11ः30 बजे से 01ः30 बजे तक किया जाएगा। इस प्रवेश परीक्षा हेतु ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 29 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। विद्यार्थी व पालक https://navodaya.gov.in पर लॉगिन कर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस परीक्षा में सत्र 2025-26 में कक्षा 5 वीं में अध्ययनरत विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं।
कलेक्टर ने समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों एवं प्रधान पाठकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 5वीं के अधिकतम बच्चों को इस परीक्षा हेतु रजिस्टर्ड कराएं एवं ऑनलाइन आवेदन भरने की प्रक्रिया की जानकारी भी बच्चों और अभिभावकों को प्रदान करें। विस्तृत जानकारी के लिए विद्यालय की वेबसाइट www.jnvmahasamund.in या विद्यालय स्तरीय हेल्प डेस्क नम्बर 9340503117 (श्री पप्पू सूर्यवंशी) एवं 9753490927 (श्री अधिकल्प यदु) पर सम्पर्क कर सकते हैं।
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गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की ओर अग्रसर हो रहे सोनहत व बैकुंठपुर के स्कूल छात्र उपस्थिति में भी आया सुधार
कोरिया : राज्य शासन द्वारा शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की पहल अब धरातल पर असर दिखा रही है। कोरिया जिले के सोनहत व बैकुंठपुर विकासखंडों के प्राथमिक, माध्यमिक और हाई स्कूलों में विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति के बाद न केवल शैक्षणिक माहौल में सुधार हुआ है, बल्कि विद्यार्थियों की उपस्थिति में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
अब प्रत्येक विषय के लिए प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध
युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। विद्यालय प्रबंधन के अनुसार, अब प्रत्येक विषय के लिए समुचित रूप से प्रशिक्षित शिक्षक उपलब्ध हैं, जिससे बच्चों को पढ़ाई में बेहतर मार्गदर्शन मिल रहा है। छात्र- छात्राएं अब सभी विषयों की पढ़ाई नियमित रूप से कक्षा में ही प्राप्त कर पा रहे हैं और बाहरी ट्यूशन पर निर्भरता कम हो गई है।
ग्रामीण शिक्षा में नई उम्मीदें
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि यह पहल खासकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। शिक्षक संख्या में संतुलन आने से शिक्षकों पर काम का बोझ भी कम हुआ है और वे छात्रों पर अधिक ध्यान दे पा रहे हैं।
शिक्षा की गुणवत्ता, बच्चों के भविष्य में सुधार
ज्ञात हो कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जहां शिक्षक कम हैं, वहाँ उनकी तैनाती की जाए। इस निर्णय से न केवल स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हो रही है, बल्कि विद्यार्थियों को उनका शैक्षणिक भविष्य संवारने का एक बेहतर अवसर भी मिल रहा है।
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जिले में अधिसूचित फसलों पर किसानों को मिलेगा बीमा सुरक्षा का लाभ
कोरिया : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ वर्ष 2025 के लिए बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को राज्य शासन द्वारा कोरिया जिले में अधिकृत बीमा प्रदाता नियुक्त किया गया है। इस योजना के अंतर्गत फसल बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। कृषि विभाग द्वारा जिले के सभी कृषकों से अपील की गई है कि वे प्राकृतिक आपदाओं, कीट व रोग आक्रमण एवं फसल कटाई उपरांत होने वाले संभावित नुकसान से अपनी फसलों को सुरक्षित करने हेतु बीमा अवश्य कराएं।
कोरिया जिले के लिए अधिसूचित फसलों में धान (सिंचित व असिंचित), उड़द, मूंग, मूंगफली, कोदो, कुटकी, मक्का, तुअर (अरहर), रागी एवं सोयाबीन शामिल हैं। इन फसलों के लिए किसानों को बीमांकित राशि का केवल दो प्रतिशत कृषक अंश प्रीमियम के रूप में जमा करना होगा, शेष प्रीमियम राज्य व केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
जिले में प्रति हेक्टेयर धान सिंचित की बीमांकित राशि 50 हजार है, बीमा कंपनी द्वारा प्रीमियम दर 12 प्रतिशत, किसानों द्वारा 2 प्रतिशत प्रीमियम दर, राज्यांश व केंद्रांश प्रीमियम दर 5-5 प्रतिशत है। इसी तरह धान असिंचित प्रति हेक्टेयर की बीमांकित राशि 40 हजार है, बीमा कंपनी द्वारा प्रीमियम दर 7 प्रतिशत, किसानों द्वारा 2 प्रतिशत प्रीमियम दर, राज्यांश व केंद्रांश प्रीमियम दर 2.50-2.50 प्रतिशत है। वहीं उड़द की प्रति हेक्टेयर बीमांकित राशि 22 हजार है, बीमा कंपनी द्वारा प्रीमियम दर 10 प्रतिशत, किसानों द्वारा 2 प्रतिशत प्रीमियम दर, राज्यांश व केंद्रांश प्रीमियम दर 4-4 प्रतिशत है। मूंग की प्रति हेक्टेयर बीमांकित राशि 22 हजार है, बीमा कंपनी द्वारा प्रीमियम दर 5 प्रतिशत, किसानों द्वारा 2 प्रतिशत प्रीमियम दर, राज्यांश व केंद्रांश प्रीमियम दर 1.50-1.50 प्रतिशत है। मूंगफली की प्रति हेक्टेयर बीमांकित राशि 42 हजार है, बीमा कंपनी और किसानों द्वारा प्रीमियम दर 2-2 प्रतिशत है, इसमें राज्यांश व केंद्रांश नहीं है जबकि अरहर की प्रति हेक्टेयर बीमांकित राशि 30 हजार है, बीमा कंपनी द्वारा प्रीमियम दर 9 प्रतिशत, किसानों द्वारा 2 प्रतिशत प्रीमियम दर, राज्यांश व केंद्रांश प्रीमियम दर 3.50-3.50 प्रतिशत है।
फसल बीमा कैसे कराएं?
ऋणी कृषक संबंधित सहकारी समिति या बैंक शाखा में सहमति पत्र भरकर बीमा करा सकते हैं। वहीं अऋणी कृषक नजदीकी सीएससी (ग्राहक सेवा केंद्र) में पहुँच कर बीमा करा सकते हैं। इसके अलावा फसल बीमा पोर्टलwww.pmfby.gov.in या Crop Insurance मोबाइल ऐप के माध्यम से स्वयं बीमा कर सकते हैं।
कृषि विभाग द्वारा किसानों से अपील की गई है कि वे समय सीमा के भीतर फसल बीमा कराकर प्राकृतिक जोखिमों से अपनी मेहनत की फसल को सुरक्षित करें। विस्तृत जानकारी हेतु किसान टोल फ्री नंबर 14447, नजदीकी ग्राहक सेवा केंद्र, बैंक शाखा अथवा अपने क्षेत्रीय कृषि अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
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उत्पादन करने वाले कृषकों को मिलेगा आदान सहायता राशि का लाभ, कृषक उन्नति योजना हेतु निर्देश जारी
महासमुंद : राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमीय प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है, जिसके कारण कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते हैं। राज्य सरकार द्वारा कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत राहत देने के लिए कृषक उन्नति योजना प्रारंभ की गई है। फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देने, दलहन तिलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार तथा इनके उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के साथ योजनांतर्गत चिन्हित अन्य फसलों पर आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है। जिससे धान के अतिरिक्त दलहन-तिलहन, मक्का व अन्य फसलों की खेती करने वाले कृषकों को 10,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे किसान जिन्होंने धान की फसल लगाई हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो उन्हें धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि 11,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सामग्री का भुगतान होगा।
कृषक उन्नति योजना का मुख्य उद्देश्य फसल क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि, फसल के कास्त लागत में कमी लाकर कृषकों की आय में वृद्धि तथा उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार के साथ-साथ कृषकों को उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, मानव श्रम, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में निवेश हेतु प्रोत्साहन, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देते हुए कृषि को लाभ के व्यवसाय के रूप में पुर्नस्थापित करना। योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा।
कृषक उन्नति योजना का लाभ केवल उन्हीं कृषकों को मिलेगा, जिन्होंने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया हो। एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे समस्त कृषक जिनके द्वारा खरीफ मौसम में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (लैम्पस सहित) अथवा छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को धान अथवा धान बीज का विक्रय किया गया हो। विगत खरीफ मौसम में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगायी हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो तथा वर्तमान में धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल लेने हेतु पंजीयन कराया हो, जिसके द्वारा खरीफ मौसम में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एवं रागी) एवं कपास फसल हेतु पंजीयन कराया गया हो। संस्थागत समितियां जैसे-ट्रस्ट, मंडल, प्राईवेट लिमिटेड, शाला विकास समिति तथा केन्द्र व राज्य शासन के संस्थान को योजनान्तर्गत पात्रता नहीं होगी। कृषकों को आदान सहायता राशि का भुगतान कृषि भूमि सीलिंग कानून के प्रावधानों के अध्याधीन किया जाएगा।
कृषक उन्नति योजना अंतर्गत आदान सहायता राशि कृषकों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष डीबीटी के माध्यम से की जाएगी। खरीफ 2025 में प्रदेश के किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर धान (कॉमन) पर राशि 731 रूपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम राशि 15351 रूपए प्रति एकड़ तथा धान (ग्रेड-ए) पर राशि 711 रूपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम राशि 14931 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगायी हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो, उन्हें धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत, मान्य रकबे पर राशि 11,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।
खरीफ में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल कोदो, कुटकी एवं रागी तथा कपास लेने वाले कृषकों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि 10,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। किसी कृषक को अधिक भुगतान होने की स्थिति में संबधित कृषक से राशि वसूल की जा सकेगी। योजना का क्रियान्वयन मार्कफेड, खाद्य विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड तथा संचालनालय कृषि के माध्यम से किया जाना है।
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महासमुंद : ग्राम पंचायत कोसरंगी में आज कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें ग्राम पंचायत योजना एवं सुविधा टीम जीपीवायएसटी मंच की स्थापना की गई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायत के सतत विकास के लिए 9 क्षेत्रों में सतत विकास पर प्रशिक्षण देना और टीम सदस्यों की भूमिका व जिम्मेदारियों को स्पष्ट करना था।
कार्यक्रम में जीपीवायएसटी मंच की औपचारिक स्थापना की गई। 9 एलएसडीजी थीम्स पर जागरूकता और रणनीतिक योजना बनाई गई तथा साथ ही टीम के सदस्यों की भूमिका, कार्यक्षमता और भागीदारी का निर्धारण किया गया। कार्यक्रम में सरपंच श्री दिनेश साहू, डीएमसी श्री रेखराज शर्मा, फेसिलिटेट श्री विजय सैनी, प्रोग्राम लीडर श्री सुरेन्द्र कुमार, पंचायत सचिव, वार्ड पंच, फ्रंटलाइन कार्यकर्ता शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, 5 युवा प्रतिनिधि एवं 16 सक्रिय समुदाय सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रोग्राम लीडर श्री सुरेन्द्र कुमार ने सरपंच श्री दिनेश साहू के सहयोग से किया। श्री विजय सैनी द्वारा 9 एलएसडीजी थीम्स जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, जल संरक्षण, बाल-सुरक्षा आदि पर विस्तृत परिचर्चा की गई। सभी थीम्स को पंचायत विकास की ज़रूरतों से जोड़ते हुए साझा योजना निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया गया। बाल-अनुकूल पंचायत और स्वस्थ पंचायत को आगामी महीनों की प्राथमिक रणनीति के रूप में अपनाने का संकल्प लिया गया। क्लस्टर बीडीओ श्री रेखराज शर्मा ने ग्रामीण विकास में जीपीवायएसटी की भूमिका को व्यावहारिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया।
अगली बैठक में युवा क्लब की स्थापना का निर्णय लिया गया, जिससे युवाओं को पंचायत योजना और विकास में भागीदारी का अवसर मिलेगा। युवाओं द्वारा नेतृत्व वाली पहलों को बढ़ावा देकर जमीनी परिवर्तन सुनिश्चित करने पर सहमति बनी। कार्यक्रम में खेती के व्यस्त मौसम के बावजूद सभी हितधारकों की उत्साहजनक भागीदारी रही। कार्यक्रम में सामुदायिक जुड़ाव की मजबूत प्रक्रिया को सराहा गया। आकांक्षी भारत के तहत हो रहे प्रयासों की भी प्रतिभागियों ने प्रशंसा की।
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चयनित हितग्राहियों को विभाग द्वारा प्रदाय किया जा रहा निःशुल्क मत्स्य बीज स्पॉन, सरसों खली एवं जाल
जशपुरनगर : मछली पालन विभाग के महत्वपूर्ण योजना के तहत मत्स्य बीज उत्पादन कार्य जिले में शुरू हो गया है। इस वर्ष मछली पालन विभाग को 950 लाख स्पान उत्पादन का लक्ष्य दिया गया था। जिसमें 659 लाख स्पान उत्पादन कर लिया गया है एवं 135 लाख स्टैण्ड फ्राई उत्पादन का लक्ष्य प्रगति पर है। जिले में मत्स्य पालन से जुड़े हुए चयनित 28 अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को मौसमी तालाबों में स्पॉन संवर्धन योजनांतर्गत विभाग के द्वारा निःशुल्क मत्स्य बीज स्पॉन, सरसों खली एवं जाल प्रदाय किया जा रहा है। जिले के इन तीनों शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र बघिमा में स्पान 650 रू. प्रति लाख, स्टैंड फ्राई-फिंगरलिंग 50 प्रतिशत अनुदान में 4000 रुपए का मत्स्य बीज लेने पर 2000 रुपए का हितग्राही को छूट दिया जावेगा। शासकीय मत्स्य बीज संवर्धन प्रक्षेत्र मटासी, कुनकुरी एवं शासकीय मत्स्य बीज संवर्धन प्रक्षेत्र पालीडीह, पत्थलगांव में स्टैंड फाई व फिंगरलिंग जिले के मत्स्य कृषकों को वितरण व विक्रय किया जा रहा है।
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युक्तियुक्तकरण के उपरांत पदभार ग्रहण नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्यवाही के दिए निर्देश
स्कूलों की नियमित साफ-सफाई कराने हेतु किया निर्देशित
जशपुरनगर : कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर विभाग द्वारा संचालित कार्यों की समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए की जर्जर भवन में स्कूल की कक्षाएं संचालित नहीं होने चाहिए। इसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था बनाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने मरम्मत योग्य शाला भवनों की जानकारी तत्काल उपलब्ध कराने को कहा। कलेक्टर ने अधिकारियों को स्कूलों का सतत रूप से दौरा करने के निर्देश दिए ताकि शिक्षण संबंधी गतिविधियां बेहतर तरीके से संचालित हो। बैठक में सहायक कलेक्टर श्री अनिकेत अशोक, डिप्टी कलेक्टर श्री प्रशांत कुशवाहा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रमोद भटनागर, जिला रोजगार अधिकारी दुर्गेश्वरी सिंह सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
कलेक्टर ने स्कूल और स्कूल परिसर की साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया और कहा कि बरसात के दिनों में विषैले जीवों का खतरा बना रहता है। इससे बचाव के लिए सतर्कता बरतते हुए परिसर को स्वच्छ और सुंदर रखे। आपात स्थिति में तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाएं और उच्चाधिकारियों की इसकी सूचना दें। कलेक्टर ने स्कूल संबंधी गतिविधियों विनोबा एप पर दर्ज करने और लगातार अपडेट रखने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने युक्तियुक्त के उपरांत पदभार ग्रहण नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री व्यास ने शाला प्रवेश उत्सव के संबंध में कहा कि इसका आयोजन शासन के निर्देश का पालन करते हुए करें। इसके साथ ही उन्होंने निःशुल्क पाठ्यपुस्तक, गणवेश, सरस्वती साइकिल योजना के तहत निशुल्क साइकिल वितरण, खेल सामग्री वितरण के संबंध में जानकारी ली और शासन के तय मापदंडों का पालन करते हुए वितरण के निर्देश दिए। इसके अलावा कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने लंबित पेंशन प्रकरणों, निलंबन और विभागीय जांच की जानकारी ली और तय समय-सीमा में निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षकीय कार्य के साथ मल्टी लेवल मार्केंटिग कार्य करने वाले और मद्यपान कर स्कूल आने शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
कलेक्टर श्री व्यास ने अधिक छात्र दर्ज संख्या वाले विद्यालय जहां एलपीजी गैस का उपयोंग भोजन बनाने में नहीं हो रहा है वहां जल्द इसे लागू करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने एक पेड़ मां के नाम के तहत स्कूलों में पौधारोपण की जानकारी ली और इसे प्राथमिकता के साथ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पौधे के साथ ट्री गार्ड भी लगाएं, ताकि इसकी सुरक्षा हो सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिक्षा के अधिकार के नियमानुसार गरीबों बच्चों को निजी विद्यालयों में एडमिशन कराना सुनिश्चित कराएं। इसके साथ ही उन्होंने स्कूली बच्चों को जाति प्रमाण-पत्र हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
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जनपद पंचायत फरसाबहार कार्यालय का किया निरीक्षण, साथ रहे जिला पंचायत सदस्य वेदप्रकाश भगत
जशपुरनगर : फरसाबहार विकासखंड अंतर्गत ग्राम झारमुंडा में बीते दिनों बगिया आश्रम छात्रावास में सांप के काटने से छात्र अमृत साय की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो गई थी। इस हृदयविदारक घटना की सूचना मिलते ही जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय आज पीड़ित परिवार से मुलाकात करने झारमुंडा पहुंचे। उन्होंने मृतक छात्र के परिजनों को ढांढस बंधाया और शोक संवेदना व्यक्त की।जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि इस दुखद घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि आश्रम छात्रावास में सुरक्षा व्यवस्था और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।इस अवसर पर उनके साथ जिला पंचायत सदस्य श्री वेद प्रकाश भगत भी उपस्थित रहे। दोनों जनप्रतिनिधियों ने पीड़ित परिवार को शासन की ओर से हरसंभव सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।
जनपद पंचायत फरसाबहार का किया निरीक्षण
ग्राम भ्रमण के उपरांत जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय एवं सदस्य श्री वेदप्रकाश भगत ने जनपद पंचायत फरसाबहार कार्यालय का भी निरीक्षण किया। उन्होंने विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की तथा अधिकारियों से योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने आमजन से जुड़ी योजनाओं में पारदर्शिता एवं त्वरित लाभ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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जशपुरनगर : जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र जशपुर में 2024 से पूर्व रोजगार पंजीकृत समस्त आवेदक स्वयं का आधार कार्ड एवं मोबाईल नम्बर को रोजगार पंजीयन में लिंक कराना अनिवार्य है। आवेदक इस हेतु वेबसाईट ीजजचेरूध्ध्मतवरहंतण्बहण्हवअण्पदध् प्ले स्टोर पर उपलब्ध छत्तीसगढ़ रोजगार एप अथवा कार्यालयीन समय में रोजगार कार्यालय में आ कर करवा सकते है। अधिक जानकारी हेतु आवेदक दूरभाष क्रमांक 07763299006 पर संपर्क कर सकते है।
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जशपुरनगर : जशपुर जिले में 01 जून से अब तक 4608.8 मिमी वर्षा हो चुकी है। जिले में बीते 10 वर्षों की तुलना में 11 जुलाई तक की स्थिति में 2991.8 मिमी औसत वर्षा हुई है। बीते दिवस जिले में 126.5 मिमी वर्षा हुई है। भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 01 जून से अब तक तहसील जशपुर में 472.6 मिमी, मनोरा में 575.4 मिमी, कुनकुरी में 630.2 मिमी, दुलदुला में 305.5 मिमी, फरसाबहार में 426.7 मिमी, बगीचा में 455.3 मिमी, कांसाबेल में 483.5 मिमी, पत्थलगांव में 392.6 मिमी, सन्ना में 516.6 मिमी एवं बागबहार में 350.4 मिमी वर्षा हो चुकी है। सर्वाधिक वर्षा कुनकुरी में दर्ज की गई है।
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जशपुरनगर ; छत्तीसगढ़ शासन द्वारा खरीफ 2025 सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं असमय वर्षा, सूखा, ओलावृष्टि कीट प्रकोप और अन्य जोखिमों से फसल को होने वाली क्षति के विरुद्ध आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।
योजना का उद्देश्य किसानों की आय को स्थिरता प्रदान करना और खेती को एक सुरक्षित व लाभकारी व्यवसाय बनाना है। इस योजना के अंतर्गत बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। ऋणी कृषकों का बीमा संबंधित वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वचालित रूप से कर दिया जाएगा, बशर्ते उन्होंने खरीफ 2025 के लिए फसल ऋण लिया हो। लेकिन अऋणी कृषकों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए स्वयं पहल करनी होगी।
किसान नजदीकी ग्राहक सेवा केंद्र सी.एस.सी. सेंटर अथवा मोबाइल एप्प के द्वारा या बचत खाताधारक किसान संबंधित बैंक में जाकर बीमा करा सकते है। इसके साथ ही अऋणी कृषकों के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड की स्वप्रमाणित प्रति, स्वयं के नाम की भूमि रिकॉर्ड बी-1 की प्रति, बुआई प्रमाण पत्र, सक्रिय बैंक खाते की प्रति, जिसमें खाता संख्या और आई.एफ.एस.सी. कोड तथा निर्धारित प्रीमियम राशि लेकर बीमा केंद्र में उपस्थित होना अनिवार्य रहेगा। इसके अलावा खरीफ फसलों के लिए बीमा प्रीमियम बीमांकित राशि का केवल 5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। टमाटर के लिए 6000.00 रुपये प्रति हेक्टेयर, बैगन 3850.00 रू. प्रति हेक्टेयर, मिर्च 4500.00 रू. प्रति हेक्टेयर, अदरक 7500.00 रू. प्रति हेक्टेयर, केला 8250.00 रू. प्रति हेक्टेयर, पपीता 6250.00 रू. प्रति हेक्टेयर एवं अमरूद 2250.00 रू. प्रति हेक्टेयर की दर से बीमा प्रीमियम निर्धारित किया गया है।
उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक जशपुर ने इस संबंध में बताया कि खरीफ 2024 में जिले के 14 किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा मुआवजा कुल 03 लाख 26 हजार 743 प्राप्त किया था, जो इस योजना की सफलता और किसानों को होने वाले लाभ का स्पष्ट प्रमाण है।
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सीएचसी दुलदुला के स्वास्थ्य टीम ने मरीज के शारीरिक निष्क्रियता को दूर करने में रहे सफल
जशपुरनगर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशन में स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षेत्र में सार्थक पहल हो रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुलदुला में खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ अंजली निराला के सतत प्रयास से दुलदुला विकासखंड के जतराटोली निवासी 59 वर्षीय श्री नोवास मिंज निरंतर भौतिक चिकित्सा से आज पूर्णतः शारीरिक रूप से सक्षम है।
सहायक उप निरीक्षक के पद पर जिला बीजापुर में कार्यरत दुलदुला विकासखण्ड के जतराटोली निवासी 59 वर्षीय श्री नोवास मिंज फरवरी 2023 में शरीर के बायें भाग मे कमजोरी व आंशिक निष्क्रियता के कारण गिरने के चोट आयी जिसका उपचार जिला चिकित्सालय बीजापुर में किया गया। उपचार उपरांत मरीज अपने गृह ग्राम जतराटोली, दुलदुला आ गये। समय के साथ उनके के शरीर का बायां भाग (बायें हाथ से बायें पैर तक) निष्क्रिय व शिथिल होने लगा। जिस कारणवश उपचार हेतु उन्हे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, दुलदुला में भेजा गया। जहाँ गैर संचारी रोग के विकासखंड नोडल अधिकारी सह चिकित्सा अधिकारी डॉ महेश्वर मानिक के द्वारा श्री नोवास मिंज के जांच मे पाया गया कि उन्हें उच्च रक्तचाप एवं पक्षाघात (लकवा) रोग से ग्रसित पाया गया।
मरीज को गैर संचारी रोग पोर्टल में पंजीकृत कर मार्च-2023 से उपचार आरंभ करते हुये उच्च रक्तचाप व लकवा के उपचार हेतु आवश्यक औषधियां निशुल्क प्रदान की गयी। उपचार के क्रम में मरीज श्री नोवास मिंज के शारीरिक निष्क्रियता को दूर करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय वयोवृद्ध स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुलदुला में संचालित भौतिक चिकित्सा केंद्र (फिजियोथेरेपी युनिट) की प्रभारी डॉ देवकी सिंह (फिजियोथेरेपिस्ट) को मरीज को आवश्यक भौतिक चिकित्सा हेतु निर्देशित किया गया। डॉ देवकी सिंह ने निरंतर भौतिक चिकित्सा से मरीज श्री नोवास मिंज आज पूर्ण रूप से शारीरिक रूप से सक्षम है। जिसके लिये उन्होने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुखिया सहित उपचार करने वाले चिकित्सकों को धन्यवाद व सादर आभार व्यक्त किया है।
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जशपुरनगर : मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया आमजन की समस्याओं के त्वरित समाधान का केंद्र बन गया है। इसी कड़ी में बागबहार तहसील अंतर्गत ग्राम मयूरनाचा निवासी दीपेश्वर पिता गणेश पैंकरा उम्र 28 वर्ष को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से त्वरित राहत मिली। दीपेश्वर जन्म से ही चलने-फिरने में असमर्थ थे, जिससे उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। दीपेश्वर ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया पहुंचकर अपनी परेशानी अधिकारियों के समक्ष रखी। उनकी स्थिति को देखते हुए , तत्काल संज्ञान लिया और ट्राई साइकिल उपलब्ध कराई। ट्राई साइकिल प्राप्त होते ही दीपेश्वर के चेहरे पर मुस्कान लौट आई। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताया और कहा कि अब वे अपने कामकाज के लिए स्वतंत्र रूप से आवागमन कर सकेंगे।
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जशपुरनगर : ट्रेन हादसे से जान गंवाने वाले युवक नवरतन राम का शव आखिरकार उनके गृह ग्राम चटकपुर पहुंच गया। शव पहुंचने से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। 21 वर्षीय नवरतन राम, पिता बिहारी राम का निधन आंध्रप्रदेश के गुडूर रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे में हो गया था। शव को लाने में शुरुआत में परिजनों को कठिनाई हो रही थी, जिसके बाद उन्होंने सीएम कैंप कार्यालय बगिया में गुहार लगाई।परिजनों की मांग पर त्वरित संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कैंप कार्यालय से आवश्यक निर्देश जारी किए गए। सीएम कैंप कार्यालय के निर्देश के बाद कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने तत्परता दिखाई और आवश्यक समन्वय कर शव वाहन की व्यवस्था कराई गई।और आज तड़के सुबह नवरतन राम का शव गुडूर, आंध्रप्रदेश से उनके गांव चटकपुर पहुंचा। मृतक के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीणजन जुटे रहे। पूरे गांव में गमगीन माहौल देखा गया। परिवार ने शोक संतप्त हृदय से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं प्रशासन का आभार जताया, जिनके प्रयासों से शव समय पर गांव पहुंच सका।परिजनों ने कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार ने संवेदनशीलता दिखाई और मदद पहुंचाई, जिसके लिए वे सदैव कृतज्ञ रहेंगे।
सीएम कैंप कार्यालय बगिया बना लोगों के लिए वरदान
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा बगिया को सीएम कैंप कार्यालय का दर्जा दिए जाने के बाद यह क्षेत्र आमजन के लिए किसी वरदान से कम नहीं साबित हो रहा है। यहां प्रतिदिन दर्जनों ग्रामीण अपनी समस्याएं लेकर पहुंच रहे हैं, और उन्हें तत्काल राहत भी मिल रही है।ग्रामीणों का कहना है कि पहले छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए उन्हें कई दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब बगिया में ही मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रतिनिधियों के माध्यम से उनकी बात सीधे शासन-प्रशासन तक पहुंच रही है। इससे न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि न्याय की उम्मीद भी बढ़ी है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवानिर्माण कार्य अधूरा छोड़ने पर डॉ. आशुतोष ने की सख्त कार्रवाई
कोरिया : जिले में शासन द्वारा स्वीकृत निर्माण कार्यों की राशि गबन कर कार्य अधूरा छोड़ने वाले दो ग्राम पंचायत सचिवों को जिला प्रशासन ने निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के निर्देश व जिला पंचायत कोरिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में की गई है। डॉ. चतुर्वेदी ने स्पष्ट किया कि शासकीय धन का गबन गंभीर अपराध है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।
ग्राम पंचायत कचोहर व कछाड़ी का मामला
निलंबन आदेश के अनुसार ग्राम पंचायत कचोहर के सचिव श्री लालमन सोनवंशी, पूर्व में ग्राम पंचायत अकलासरई में पदस्थ थे। वहां राजीव गांधी सेवा केंद्र निर्माण के लिए एक लाख दस हजार रुपये आहरित किए गए थे, लेकिन कार्य प्रारंभ नहीं किया गया। संतोषजनक जवाब न देने पर इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जनपद पंचायत सोनहत कार्यालय में संलग्न किया गया है। अब ग्राम पंचायत कचोहर का प्रभार श्री धन सिंह को सौंपा गया है। वहीँ दूसरा मामला है, ग्राम पंचायत कछाड़ी का है। इस मामले में ग्राम सचिव श्री रामचरण, पूर्व में ग्राम पंचायत कछाड़ी में पदस्थ थे। इन्होंने सर्व शिक्षा अभियान के तहत भवन निर्माण हेतु 21 हजार रुपये आहरित किए, लेकिन कार्य अधूरा रहा। बार-बार नोटिस देने के बावजूद जवाब असंतोषजनक पाए जाने पर इन्हें भी निलंबित किया गया है।
नियमों का उल्लंघन कर पाए दोषी
दोनों सचिवों को छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा आचरण नियम 1998, ग्राम पंचायत सचिव कृत्य नियम 1999 तथा अनुशासन व अपील नियम 1999 के तहत दोषी पाया गया और नियम 4(क) व 4(ख) के अंतर्गत कार्रवाई की गई है।
सख्त चेतावनी
डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने कहा कि शासन की योजनाओं में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कार्य में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक सतर्कता और अधिक बढ़ाई जा रही है।
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पूर्व शिक्षक और प्राचार्य की पहल पर छात्राओं को परोसा गया पोषक आहार
कोरिया : प्रधानमंत्री पोषण निर्माण योजना अंतर्गत शासकीय आदर्श कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बैकुंठपुर में मंगलवार को सामुदायिक सहभागिता के साथ 'न्योता भोज' का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विद्यालय के सेवा निवृत्त शिक्षक श्री नंदलाल सोनी एवं वर्तमान प्राचार्य श्री ए. एल. गुप्ता का सराहनीय सहयोग रहा। यह कार्यक्रम कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के निर्देशन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आशुतोष चतुर्वेदी के मार्गदर्शन तथा जिला शिक्षा अधिकारी श्री जितेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में आयोजित किया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ के शासकीय विद्यालयों में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत मध्यान्ह भोजन को अधिक पोषक एवं समावेशी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह एक स्वैच्छिक पहल है, जिसमें कोई भी व्यक्ति या संगठन किसी विशेष अवसर पर विद्यार्थियों के लिए भोज का आयोजन कर सकता है या खाद्य सामग्री का योगदान दे सकता है।
इस अवसर पर उपस्थित पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्री शैलेश शिवहरे ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा रही है। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा नए शिक्षा सत्र की शुभकामनाएं दी गईं तथा छात्राओं को पढ़ाई और पोषण के प्रति सजग रहने की प्रेरणा दी गई। विद्यालय के समस्त शिक्षक -शिक्षिकाएं और छात्राएं इस आयोजन में शामिल रहीं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
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‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के तहत फलदार पौधों का भव्य रोपण
कलेक्टर बोलीं - पौधों की परवरिश करें बच्चों की तरह, तभी वृक्षारोपण सार्थक
कोरिया : सावन माह की हरियाली की शुरुआत कोरिया जिले में विशेष रूप से यादगार बन गई, जब श्एक पेड़ माँ के नामश् अभियान के अंतर्गत जिला प्रशासन और पंचायत विभाग के नेतृत्व में ग्राम चेरवापारा में बड़े पैमाने पर फलदार पौधों का रोपण किया गया। जिला पंचायत कार्यालय के पीछे स्थित लगभग डेढ़ एकड़ रिक्त शासकीय भूमि पर आम, आंवला, कटहल, लीची, जामुन और अमरूद के करीब 100 पौधे लगाए गए।
बच्चों की तरह परवरिश हो
कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने स्वयं फावड़ा उठाकर उन्नत किस्म के आम का पौधा लगाया और पानी डालकर यह संदेश दिया कि वृक्षारोपण केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, श्पौधा लगाना सरल है, लेकिन उसकी परवरिश बच्चों की तरह करना ही असली काम है। पौधों को मवेशियों से बचाना, खरपतवार हटाना और समय-समय पर देखरेख करना जरूरी है।श् उन्होंने यह भी कहा कि वृक्षारोपण का उद्देश्य केवल फल या छांव प्राप्त करना नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका लाभ सम्पूर्ण जीव-जगत और पर्यावरण को मिले, यह सोचकर पौधे लगाए जाने चाहिए।
बंजर भूमि को हरित बनाना भी हम सबकी दायित्व
जिला पंचायत सीईओ डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने औषधीय गुणों से भरपूर आंवले का पौधा लगाया और कहा कि जैसे कुपोषित बच्चों को पोषण देकर सशक्त बनाना हमारी जिम्मेदारी है, वैसे ही बंजर भूमि को हरित बनाना भी हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि पेड़ हमारे जीवन के लिए प्राणवायु, भूजल स्तर में वृद्धि और पर्यावरणीय संतुलन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
पौधरोपण स्थल पर सेल्फी पाइंट भी बनाया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा सेल्फी फ़ोटो ली गई। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मोहित पैकरा, उपाध्यक्ष श्रीमती वंदना राजवाड़े, जिला पंचायत सदस्य श्री राजेश साहू, श्रीमती सौभाग्यवती कुसरो, श्री सुरेश सिंह, श्रीमती शिव कुमारी सिंह, श्रीमती सुषमा सिंह कोराम, श्रीमती स्नेहलता उदय, उपाध्यक्ष जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर श्री प्यारे लाल साहू तथा जिला प्रशासन और पंचायत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी इस अभियान में पूरे उत्साह से शामिल हुए और पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी भी ली।
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कलेक्टर की अपील का असर दिखने लगा, जनप्रतिनिधि बन रहे निक्षय मित्र
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभापति ने अपने मानदेय से गोद लिए 16 टीबी मरीज, 6 माह तक देंगे पोषण आहार
कोरिया : कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी द्वारा टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी मरीजों को प्रोटीन युक्त पोषण आहार उपलब्ध कराने हेतु की गई निक्षय मित्र बनने की अपील का असर दिखे लगा है। अब जनप्रतिनिधि भी इस पुनीत कार्य में सक्रिय रूप से भागीदारी निभा रहे हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी की अध्यक्षता में गुरुवार को कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सभाकक्ष में आयोजित कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मोहित पैकरा, उपाध्यक्ष श्रीमती वंदना राजवाड़े एवं सभापति श्रीमती सुषमा कोराम द्वारा जिले के 16 टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें 6 माह तक पोषण आहार देने का संकल्प लिया गया। ये सभी सहायता अपने-अपने जिला पंचायत मानदेय से प्रदान की जाएगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मोहित पैकरा ने 6 मरीजों को गोद लिया। जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती वंदना राजवाड़े ने 5 मरीजों की जिम्मेदारी ली। जिला पंचायत सभापति श्रीमती सुषमा कोराम ने भी 5 मरीजों को गोद लेकर सहायता की शुरुआत की। श्री मोहित पैकरा ने कहा कि ‘टीबी मरीजों की सेवा मानवता की सेवा है। कोई भी व्यक्ति या जनप्रतिनिधि निक्षय मित्र बनकर इस कार्य में जुड़ सकता है।‘ वहीं श्रीमती वंदना राजवाड़े ने कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी, सीईओ डॉ. चतुर्वेदी और सीएमएचओ डॉ. प्रशांत सिंह को धन्यवाद देते हुए कहा कि 'आपके प्रयासों से हम अपने क्षेत्र के लोगों की मदद कर पा रहे हैं।‘ सभापति श्रीमती सुषमा कोराम ने कहा, ‘कोरिया जिले के हर अभियान का हिस्सा बनकर हम जनसेवा के लिए तत्पर हैं।‘
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह ने बताया कि वर्तमान में जिले में 113 टीबी मरीज नियमित दवा ले रहे हैं। सामान्य टीबी की दवा का कोर्स 6 माह तक चलता है, और इस अवधि में मरीजों को पर्याप्त पोषण आहार की आवश्यकता होती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि टीबी की जांच एवं उपचार पूर्णतः निःशुल्क है। कार्यक्रम में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री जे.आर. प्रधान, जिला क्षय अधिकारी डॉ. ए.के. सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री असरफ अंसारी, बीएमओ डॉ. श्रेष्ठ मिश्रा सहित स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी- कर्मचारी उपस्थित रहे।
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उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था के 25 लक्षणों पर चर्चा
कोरिया : कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के निर्देशानुसार जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी की अध्यक्षता में मातृ मृत्यु दर कम करने हेतु गुरुवार को महत्वपूर्ण समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह, जिला परियोजना अधिकारी जे.आर. प्रधान सहित दोनों विभागों के अधिकारी- कर्मचारी मौजूद रहे। बैठक में विशेष रूप से उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था के 25 प्रकार के लक्षणों पर विस्तार से चर्चा की गई। यह तय किया गया कि यदि गर्भवती महिला में इन 25 में से कोई भी लक्षण पाया जाता है, तो उसे विशेष निगरानी में रखा जाएगा। उसके लिए समय-समय पर उपचार, पौष्टिक आहार, और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. चतुर्वेदी ने निर्देशित किया कि महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मिलकर समन्वय के साथ कार्य करें। सभी गर्भवती माताओं की नियमित हीमोग्लोबिन जांच कर आवश्यकतानुसार आयरन- फोलिक एसिड तथा कोरिया मोदक लड्डू और प्रोटीन युक्त आहार उपलब्ध कराया जाए। इसके अतिरिक्त, कम वजन वाले शिशुओं के जन्म को रोकने हेतु स्वास्थ्य व महिला बाल विकास विभाग के कार्यकर्ताओं को सामूहिक काउंसलिंग करने के निर्देश दिए गए। विकासखंड स्तर पर खंड चिकित्सा अधिकारी एवं सीडीपीओ तथा सेक्टर स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक और पर्यवेक्षकों की नियमित अंतरविभागीय बैठकें आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए। इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ. प्रशांत सिंह, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री जे.आर. प्रधान, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री असरफ अंसारी, बीएमओ डॉ. श्रेष्ठ मिश्रा, सीडीपीओ श्रीमती अनुपमा सिंह, समस्त बीएमओ, बीपीएम, बीईटीओ, महिला पर्यवेक्षक तथा अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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बलरामपुर : प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत बलरामपुर जिले के मरीजों को अब अपने ही जिले में डायलिसिस की अत्याधुनिक सुविधा मिल रही है। जिला अस्पताल में दी जा रही इस सुविधा से आर्थिक रूप से कमजोर और जटिल किडनी रोगों से पीड़ित मरीजों को अब महंगे निजी अस्पतालों के चक्कर से राहत मिली है। जिला अस्पताल में वर्तमान में कुल तीन डायलिसिस मशीनें स्थापित की गई हैं। इन मशीनों के माध्यम से प्रतिदिन 5 से 6 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। यह सेवा दो शिफ्टों में संचालित हो रही है ताकि अधिक से अधिक मरीजों को समय पर लाभ मिल सके। अब तक इस सुविधा का लाभ लगभग 35 मरीजों को मिल चुका है और कुल 1478 डायलिसिस सेशन सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं। जिला अस्पताल में डायलिसिस सेवा के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मियों के द्वारा अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है, जो पूरी तरह निःशुल्क है।
ग्राम पंचायत कोटसरी निवासी श्री धनेश ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया पहले डायलिसिस के लिए हर सप्ताह अंबिकापुर जाना पड़ता था। यह खर्चीली होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी जोखिम भरी थी। अब जिला अस्पताल में ही हर सप्ताह दो बार आकर डायलिसिस करवा लेता हूं, इस सुविधा से हमारे जैसे परिवारो को राहत मिली है अन्य मरीजों ने भी बताया कि निजी अस्पतालों में डायलिसिस की एक सत्र की कीमत लगभग 1000 से 2000 रुपये तक होती है, जिसमें कई बार एक निम्न वर्गीय परिवार की पूरी महीने की कमाई का अधिकांश हिस्सा खर्च हो जाता था। इस कारणवश आर्थिक तंगी के चलते इलाज अधूरा छोड़ने को मजबूर होते थे। अब यह सुविधा पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध होने से उन परिवारों को बड़ी राहत मिली है।प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम का उद्देश्य उन मरीजों तक निःशुल्क किडनी उपचार की सुविधा पहुंचाना है, जो आर्थिक कारणों से समय पर इलाज नहीं करवा पाते। ऐसे में जिला अस्पताल में यह सुविधा असरदार साबित हो रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आने वाले समय में मशीनों की संख्या और स्टाफ की क्षमता में वृद्धि की योजना है, ताकि और अधिक मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
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बलरामपुर : जिला रोजगार अधिकारी ने जानकारी दी है कि वर्तमान में रोजगार पंजीयन का आधार कार्ड से लिंक कराना अनिवार्य है। इसके लिए रोजगार पंजीयन ऑनलाईन वेबसाईट अथवा प्ले-स्टोर पर उपलब्ध छत्तीसगढ़ रोजगार एप के माध्यम से या जिला रोजगार कार्यालय बलरामपुर में कार्यालयीन दिवस में अपने समस्त दस्तावेज के साथ उपस्थित होकर करवा सकते हैं। रोजगार अधिकारी ने वर्ष 2024 के पूर्व पंजीकृत आवेदकों को रोजगार पंजीयन का आधार कार्ड से लिंक सुनिश्चित करने को कहा है।
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बलरामपुर : जिले में ग्रीष्मकालीन के दौरान पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु छत्तीसगढ़ पेयजल प्रशिक्षण अधिनियम 1986 (क्रमांक-3) 1987 की धारा 03 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री राजेन्द्र कटारा के द्वारा 1 अप्रैल 2025 से 31 जुलाई 2025 तक अथवा मानसून आगमन तक की अवधि के जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया था। जिले में मानसून क्रियाशील हो चुका है। इसके लिए कलेक्टर के द्वारा 1 जुलाई 2025 से छत्तीसगढ़ पेयजल परीक्षण अधिनियम को शिथिल किया गया।