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नई दिल्ली: दुनिया के 60 से ज्यादा देशों में हड़कंप मचाने के बाद अब कोरोना से भारत में भी लोग डरे हुए हैं. देश में 31 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव लोग मिलने के बाद लोग और सरकार एहतियात बरत रहे हैं. इसीलिए अब JIO और BSNL नंबरों पर कॉल करने पर कोरोना से बचाव के बारे में जागरूकता मैसेज सुनाई देगा.
क्या है मैसेज -
कोरोना वायरस (Covid-19) के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एक प्री-रिकार्डेड मैसेज लोगों को सुनाई देगा. इसमें सबसे पहले खांसी की आवाज़ सुनाई देगी. उसके बाद एक आवाज आती है जो कहती है – आप कोरोना वायरस फैलने से रोक सकते हैं. खांसते या छींकते वक्त अपना मुंह रुमाल से ढक लें. अगर आपको सांस लेने में दिक्कत, बुखार या कफ की शिकायत है तो सीधे अपने नाक, मुंह और आंखों को सीधे न छुएं. इसके अलावा 1 मीटर से अधिक दूरी बनाए रखें. लगातार अपने हाथ साबुन से धोते रहें. यह मैसेज हिंदी और अंग्रेजी भाषा में सुनाई देगा. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह प्री-कॉल मैसेज केंद्र सरकार की ओर से चलवाया जा रहा है. इसका मकसद लोगों को जागरूक करना कोरोना वायरस से बचाना है.
गौरतलब है कि अब तक दुनिया भर में कोरोना हड़कंप मचाए हुए है. भारत में भी अगली सूचना तक आज से रिट्रीट सेरेमनी बिना दर्शकों के होगी. वहीं, वहीं सीआईएसएफ (CISF) ने आने वाले हफ्ते में देशभर में आयोजित होने वाली वार्षिक परेड को रद्द कर दिया है. इंडिया गेट पर महिला दिवस के मौके पर होने वाला कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया गया है. कुल मिलाकर 31 लोगों के कोरोना पॉजिटिव पर होने पर किसी भी सामूहिक कार्यक्रम से लोग बच रहे हैं. वहीं सरकार भी लोगों को लगातार जागरुक कर रही है. -
नई दिल्ली। फिल्म अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी की नेत्री जया प्रदा के खिलाफ रामपुर की एक अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया है। जया प्रदा के खिलाफ ये वारंट आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के एक मामले में जारी किया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होनी है। जया प्रदा के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज किया गया था।
जया प्रदा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट एडीजे-6 की अदालत ने जारी किया है। स्वार कोतवाली में जया प्रदा के खिलाफ दर्ज केस के मामले में कोर्ट ने ये वारंट जारी किया है। इसके पहले, केमरी थाने में दर्ज एक अन्य मामले भी कोर्ट वारंट जारी कर चुका है, जिसपर 27 मार्च को सुनवाई होनी है। जया प्रदा ने लोकसभा चुनाव 2019 में रामपुर संसदीय सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उनका मुकाबला सपा के दिग्गज नेता आजम खान से था। इस चुनाव में जया प्रदा को आजम खान ने एक लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। आजम खान और जया प्रदा के बीच इस चुनाव में तीखी बयानबाजी भी देखने को मिली थी। आजम खान ने जया प्रदा के खिलाफ जमकर निशाना साधा था।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार रहीं जया प्रदा को हराने वाले आजम खान ने प्रचार के दौरान उनपर अभद्र टिप्पणी की थी। इसके कारण आजम खान पर चुनाव आयोग ने 72 घंटे की रोक लगा दी थी। जया प्रदा 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुई थीं। उन्होंने भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव की मौजूदगी में पार्टी का दामन थामा था, जिसके बाद उनको रामपुर सीट से उम्मीदवार घोषित किया गया था। भाजपा में आने से पहले वह समाजवादी पार्टी में भी रहीं। -
पटना। बिहार में एक बड़ा सड़क हादसा हो गया है, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई जबकि 3 लोग घायल हुए हैं। ये हादसा मुजफ्फरपुर के एनएच-28 कांति पुलिस स्टेशन इलाके में हुआ है। बताया जा रहा है कि हाईवे पर एक ट्रैक्टर और कार की जोरदार टक्कर हो गई थी। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। घटना की जानकारी शनिवार को पुलिस ने दी है। विस्तृत खबर की प्रतीक्षा है ..........
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जयपुर : अलवर के किशोर न्याय बोर्ड ने वर्ष 2017 में पहलू खान की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में दो नाबालिगों को दोषी करार दिया है। मामले में यह पहली दोषसिद्धी है। जयपुर के पुलिस महानिरीक्षक एस सेंगाथिर ने बताया, ‘बोर्ड ने दो नाबालिगों को दोषी करार दिया। दोनों को शनिवार को सजा सुनाई जाएगी।’ पुलिस के मुताबिक दोनों नाबालिग 2017 में 55 वर्षीय पशु पालक पहलू खान की पिटाई करने वाली भीड़ में शामिल थे।
पिछले साल अगस्त में अलवर की निचली अदालत ने मामले के छह आरोपियों को बरी कर दिया था और इस प्रकार मामले में यह पहली दोषसिद्धी है। निचली अदालत ने आरोपी विपिन यादव, रंिवद्र कुमार, कल्लूराम, दयानंद, योगेश कुमार और भीम राठी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था जिसके खिलाफ राज्य सरकार ने अक्टूबर में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
उल्लेखनीय है कि एक अप्रैल 2017 को पहलू खान, उसके दो बेटे और कुछ अन्य लोग जयपुर से कुछ गायों को ला रहे थे, तब अलवर के बेहरोर में कथित गोरक्षकों ने उन्हें रोका और पिटाई की। घायल खान की तीन अप्रैल को अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। -
कर्नाटक: देशद्रोह के आरोपों से जूझते बीदर के शाहीन स्कूल को बड़ी राहत मिली है. बीदर की जिला अदालत ने स्कूल से जुड़े अभिभावकों और बच्चे समेत 5 लोगों को अंतरिम जमानत दे दी. प्रथम दृष्टया अदालत को स्कूल के खिलाफ राजद्रोह का मामला नजर नहीं आया है. इस साल शाहीन स्कूल में नाटक मंचन के बाद जमकर विरोध देखने को मिला था.
2020 के जनवरी महीने में नागरिकता कानून के विरोध में शाहीन प्राथमिक स्कूल में नाटक का मंचन किया गया था. नीलेश नाम के युवक ने नाटक मंचन को राजद्रोह बताते हुए पुलिस से शिकायत की. उनका कहना था कि नाटक मंचन के दौरान दो समुदायों के बीच नफरत और सरकार के खिलाफ भड़काऊ बोल बोले गये. पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए राजद्रोह का केस दर्ज कर स्कूल से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद एक बार फिर राज्य सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा कानून के गलत इस्तेमाल पर भड़क उठा.
जिला अदालत ने सुनवाई करते हुए कहा कि नाटक में जो बोल बोले गये थे उसे राजद्रोह नहीं कहा जा सकता है. नागरिकता कानून के समर्थन और विरोध में देश भर में रैलियां हो रही हैं और इस दौरान सरकार विरोधी नारे भी लगाए जा रहे हैं. कोर्ट ने दलील देते हुए कहा कि शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार भारत के हर शहरी को है. अगर नाटक को फेसबुक पर अपलोड नहीं किया जाता तो लोगों को डायलॉग के बारे में पता ही नहीं चलता. नाटक को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करनेवाले स्थानीय पत्रकार मोहम्मद यूसुफ रहीम को भी अदालत ने जमानत दे दी. कोर्ट ने ये भी माना कि नाटक मंचन के दौरान बच्चों का देश छोड़ने की बात करना राजद्रोह नहीं हो सकता. -
सोलापुर (महाराष्ट्र): सोलापुर संसदीय सीट से भाजपा सांसद जय सिद्धेश्वर शिवाचार्य महास्वामी (Siddheshwar Shivacharya) के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण (Caste Certificate) पत्र बनवाए जाने का मामला सामना आया है. फर्जी प्रमाण पत्र उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बनवाया. बताया जा रहा है कि वहलिंगायत समुदाय से आते हैं जबकि उन्होंने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सोलापुर सीट से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें जीत भी मिली थी.
प्रमाण पत्र को एक जिला स्तरीय समिति द्वारा ‘‘अमान्य’’ करार दिए जाने के कुछ दिन बाद गुरुवार को यहां स्वामी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी. गौरतलब है कि सोलापुर लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. प्रमोद गायकवाड़ नामक व्यक्ति ने स्वामी के खिलाफ समिति से शिकायत की थी कि 2019 के आमचुनाव में सौंपे गए हलफनामे में स्वामी ने खुद को अनुसूचित जाति का होने की गलत जानकारी दी थी.
गायकवाड़ ने दावा किया था कि स्वामी दरअसल हिन्दू लिंगायत समुदाय से हैं और इस मामले की जाँच की मांग की थी. तीन सदस्यीय समिति ने विस्तृत जांच के बाद कहा कि स्वामी अनुसूचित जाति के नहीं हैं. समिति ने स्वामी के जाति प्रमाण पत्र को अमान्य और जाली करार दिया. शिवाचार्य ने कांग्रेस के सुशील कुमार शिंदे को डेढ़ लाख से अधिक वोटों से हराया था. शिवाचार्य को 5 लाख 24 हजार से अधिक वोट मिले थे, जबकि सुशील कुमार शिंदे को 3 लाख 66 हजार वोट ही मिले थे. इस सीट पर 18 अप्रैल, 2019 को दूसरे चरण में वोटिंग हुई थी. -
लखनऊ: नागरिकता कानून के विरोध के दौरान हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले आरोपियों की फोटो और उनके पते सहित कई होर्डिंग लखनऊ के कई अहम जगहों पर लगवा दिए हैं. इस होर्डिंग में इन लोगों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर पेनाल्टी भरने के लिए कहा गया है. आपको बता दें कि बीते दिसंबर के महीने में लखनऊ में नागरिकता कानून के विरोध में कई प्रदर्शन हुआ था. इस दौरान हुई हिंसा में सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया था. होर्डिंग में कहा गया है कि अगर ये लोग पेनाल्टी नहीं देते हैं तो इनकी सपंत्ति जब्त कर ली जाएगी. हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि जब इन लोगों को पहले ही व्यक्तिगत स्तर पर नोटिस दिया जा चुका है तो ऐसा राज्य सरकार ने ऐसा होर्डिंग क्यों लगवाया है. जिन लोगों की होर्डिंग में तस्वीरें लगी हैं उनमें एक्टिविस्ट और राजनीतिज्ञ सदफ जफर, वकील मोहम्मद शोएब, थियेटर से जुड़े दीपक कबीर, पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी शामिल हैं. ये सभी जमानत पर है कहा है कि सरकार की ओर से संपत्ति जब्त करने के फरमान के खिलाफ कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे.
आपको बता दें कि जमानत देते हुए कोर्ट ने पाया है कि इनमें से कई खिलाफ लगाए गए आरोप को साबित करने के लिए पुलिस सबूत नहीं दे पाई है. फरवरी महीने में भी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इसी तरह कानपुर के एक शख्स के खिलाफ संपत्ति जब्त करने के सरकारी आदेश पर रोक लगा दी थी.
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नई दिल्ली। आयकर विभाग ने कांग्रेस पार्टी को समन भेजने के बाद कोषाध्यक्ष अहमद पटेल को कथित तौर पर अघोषित पार्टी संग्रह (पार्टी कलेक्शन) और चुनावी खर्चों के लिए 550 करोड़ रु से अधिक की धनराशि के लिए नोटिस भेजा है। पार्टी कलेक्शन के मामले में किसी राजनीतिक दल के कोषाध्यक्ष को व्यक्तिगत रूप से पहली बार नोटिस भेजा गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 2 अप्रैल, 2019 को आईटी विभाग ने मध्य प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी की थी। इसके बाद अक्टूबर 2019 और फरवरी 2020 में हैदराबाद, विजयवाड़ा और अन्य स्थानों पर छापेमारी के बाद ये समन भेजा गया है। अप्रैल 2019 और अक्टूबर 2019 की छापेमारी के दौरान अलग-अलग शहरों में रहने वाले कांग्रेस पार्टी के 6 नेताओं के ठिकानों की तलाशी ली गई थी। -
मीडिया रिपोर्ट
मुंबई : महाराष्ट्र और कर्नाटक के चार तर्कवादियों की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियारों की तलाश के तहत पेशेवर गोताखोरों को ठाणे की खाड़ी से एक पिस्तौल को ढूंढ निकालने में कामयाबी मिली है. सीबीआई, महाराष्ट्र एसआईटी और कर्नाटक पुलिस डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पनसारे, एमएम कलबुर्गी और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्याओं की जांच कर रही है. कई महीने तक तलाश करने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उस पिस्तौल को अरब सागर के तल से ढूंढ निकाला है जिसे पुणे में तर्कवादी डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर की हत्या में संभवत: इस्तेमाल किया गया.
सूत्रों ने बताया कि मामले के एक संदिग्ध की ओर से दिए गए सुराग के आधार पर ठाणे खाड़ी के पास तलाशी अभियान शुरू किया गया. इस काम में दुबई स्थित एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स की मदद ली गई. सूत्र ने बताया, ‘ये पुष्टि करने के लिए कि दाभोलकर की हत्या में क्या इसी पिस्तौल का इस्तेमाल किया गया, पिस्तौल को बैलिस्टिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है.
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नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल पूरा होने में अभी छह महीनों का समय बाकी था लेकिन इससे पहले ही उन्होंने अपना पद छोड़ दिया है। विरल आचार्य के इस्तीफा देनें के बाद एनएस विश्वनाथन को दोबारा आरबीआई के डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था। यह करीब 1 साल के भीतर तीसरी बार है जब आरबीआई के किसी उच्च अधिकारी ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपने पद को छोड़ दिया है।खबरों की मानें तो विश्वनाथन ने स्वास्थ्य कारणों के चलते तीन महीने पहले ही अपना पद छोड़ दियसा है। हाल ही में उन्हें तनाव से जुड़ी समस्या हो गई थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। मार्च को विश्वनाथन केंद्रीय बैंक छोड़ देंगे। अब आरबीआई के तीन डिप्टी गवर्नर रह गए हैं -माइकल पात्रा, बीपी कनुनगो और एमके जैन और। पात्रा को हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था।बता दें कि रिजर्व बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होते हैं। सरकार इनकी नियुक्ति गवर्नर की राय को अहमियत देते हुए करती है। परंपरा है कि चार डिप्टी गवर्नर में से दो केंद्रीय बैंक के ही अधिकारी होते हैं। एक डिप्टी गवर्नर कमर्शियल बैंकिंग क्षेत्र से होता है। चौथा डिप्टी गवर्नर कोई जाना माना अर्थशास्त्री होता है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भारतीय इकोनॉमी के लिहाज से उर्जित पटेल का सबसे बड़ा इस्तीफा था। इससे पहले अरविंद सुब्रमण्यम ने जुलाई 2018 में व्यक्तिगत कारणों से मुख्य आर्थिक सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं अगस्त 2017 में नीति आयोग के उपाध्यक्ष रहे अरविंद पनगढ़िया ने पद छोड़ दिया था।
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एजेंसी
नई दिल्ली : उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया गया है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि आपका आशय नहीं था, लेकिन जिस तरीके से मारा गया, वो ब्रूटल था. आपको दोषी करार दिया जाता है.इस मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत कुल 11 आरोपी थे. इनमें से 4 बरी किए गए है. बाकी 7 को कोर्ट ने पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई मौत का दोषी माना है. सजा का ऐलान 12 मार्च को किया जाएगा. धारा 304 और 120b में कुलदीप सेंगर को तीस हजारी कोर्ट ने दोषी करार दिया है.आरोपी कुलदीप सेंगर समेत जिन 7 लोग को दोषी करार दिया गया है, इनमें से दो यूपी पुलिस के अधिकारी है. एक एसएचओ है, दूसरा सब इंस्पेक्टर है.सीबीआई और वकील की तारीफफैसला सुनाते हुए जज ने कहा कि मेरी जिंदगी का सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रायल रहा. जज ने सीबीआई की सराहना की. पीड़ित के वकील की भी सराहना की. कुलदीप सेंगर से जज ने कहा कि आप क्या कहना चाहेंगे. उसने कहा मै निर्दोष हूं. जज ने कहा कि आपने टेक्नोलॉजी का अच्छा इस्तेमाल किया.जानिए कौन दोषी, कौन बरी1- कुलदीप सेंगर -- दोषी2- कामता प्रसाद, सब इंस्पेक्टर -- दोषी3- अशोक सिंह भदौरिया, SHO -- दोषी4- शैलेंद्र सिंह उर्फ टिंकू सिंह -- बरी5- विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा -- दोषी6- बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह -- दोषी7- राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह -- बरी8- शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह -- दोषी9- अमीर खान, कॉन्स्टेबल -- बरी10- जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह -- दोषी11- शरदवीर सिंह -- बरीक्या है मामलाउन्नाव रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में नौ अप्रैल 2018 में मौत हो गई थी. सीबीआई ने इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत अन्य कई लोगों पर पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप का जांच कर रही थी. इस मामले में कोर्ट ने कुलदीप सेंगर, उसके भाई अतुल, अशोक सिंह भदौरिया, उप निरीक्षक कामता प्रसाद, सिपाही आमिर खान व छह अन्य के खिलाफ आरोप तय कर रखा था.55 गवाहों के दर्ज किए गए बयानइस मामले की सुनवाई को अन्य मामलों के साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली ट्रांसफर किया गया था. इस मामले में सीबीआई ने आरोपों को साबित करने के लिए पीड़िता के चाचा, मां, बहन व पिता के सहकर्मी समेत 55 गवाहों के बयान दर्ज करवाए तो वहीं बचाव पक्ष ने नौ गवाहों को पेश किया. सीबीआई के मुताबिक, तीन अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता व आरोपी शशि प्रताप सिंह के बीच झगड़ा हुआ था.रेप केस में मिल चुकी है सजानाबालिग से दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी -
एजेंसी
भोपाल : भोपाल के बरखेड़ी इलाके में घनी आबादी के बीच एक महिला डॉक्टर की क्लीनिक में देह व्यापार रैकेट चल रहा था। क्राइम ब्रांच ने छापा मारकर मंगलवार को इसका भंडाफोड़ कर दिया। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में 4 महिलाओं समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों का सरगना तृणमूल कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष सचिन चौहान है।
क्लीनिक में चल रहा था सेक्स रैकेट क्राइम ब्रांच की डीएसपी अदिती भावसान ने बताया कि डीजीपी वीके सिंह के पास देह व्यापार की शिकायत की गई थी। सोमवार रात को जमजम शादी हॉल के पास क्लीनिक में एक पुलिस कर्मी को ग्राहक बनाकर भेजा गया, जिसके बाद देह व्यापार के इस धंधे का भंडाफोड़ हुआ। पुलिस ने डॉक्टर की क्लीनिक से आपत्तिजनक सामाग्री बरामद की हैं। क्लीनिक में छोटे कमरे बने हुए थे, जहां यह धंधा चल रहा था। सेक्स ट्वॉयस भी बरामद किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इन्हें विदेश से ऑनलाइन मंगाया गया था।
गुप्त रोग का इलाज करते-करते डॉक्टर चलाने लगी सेक्स रैकेट घबी आबादी के बीच क्लीनिक में दो साल से सैक्स रैकेट चल रहा था। डीएसपी आदिती भावसार के मुताबिक, महिला डॉक्टर गुप्त रोग और बवासीर का इलाज करती है। उसके पति की मृत्यु 20 साल पहले हो गई थी। डॉक्टर की तीन बेटियां हैं। उनकी शादी हो चुकी है। एक बेटा उसके साथ ही रहता है। महिला के पास बीयूएमएस (यूनानी चिकित्सा) की डिग्री मिली है। इसका रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है।
ग्राहकों को देखकर रेट तय करती थी डॉक्टर डॉक्टर ग्राहकों के अंदर आते ही डॉक्टर गेट अंदर से बंद कर लेती थी। उसकी मर्जी के बाद ग्राहक को बाहर जाने दिया जाता था। डॉक्टर ग्राहक को देखकर रेट तय करती थी। अगर ग्राहक अमीर होता था तो वह उसी हिसाब से चार्ज करती थी। वह महिलाओं को बीस फीसदी हिस्सा देती थी, जबकि 80 फीसदी अपने पास रखती थी।
मरीज ही बनते गए ग्राहक बता दें, डॉक्टर की क्लीनिक से छोटे-छोटे कमरे बने हुए थे, जहां यह धंधा चल रहा था। महिला के पति भी डॉक्टर थे और करीब 26 साल से यह क्लीनिक चल रहा था। आरोपित डॉक्टर ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर और जरूरतमंद महिलाएं खुद उसके संपर्क में आकर देह व्यापार करने लगीं। अधिकतर ग्राहक वे थे, जो कभी उसके यहां अपना इलाज कराने आए थे। इन लोगों के दोस्तों के जरिए ग्राहक बढ़ते चले गए। पिछले दो साल से वह यह धंधा कर रही थी। -
लखनऊ। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। चिन्मयानंद छात्रा से दुराचार के मामले में यूपी की शाहजहांपुर जिला जेल में बंद है।
आपको बता दें कि बलात्कार के मामले में जेल में बंद पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को एक महीने पहले ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दी है। चिन्मयानंद को पिछले साल सितंबर में गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 376सी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी बनी थी और बाद में चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया गया था व पूछताछ की गई थी। एसआईटी ने बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा और उसके साथियों को भी गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप लगा था कि उन्होंने चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी।
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नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को झटका लगा है, फडणवीस पर 2014 के चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक केसों की जानकारी छिपाने का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नागपुर कोर्ट में ट्रायल चलते रहने के निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने फडणवीस की पुनर्विचार याचिका खारिज की थी. 18 फरवरी को खुली अदालत में सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रखा गया था. बता दें कि फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट से 1 अक्टूबर 2019 के उस आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था जिसमें 2014 के चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक केसों की जानकारी छिपाने के मामले में नागपुर की कोर्ट को ट्रायल फिर से चलाने का आदेश दिया गया था.
ये दोनों मामले नागपुर के हैं. एक मानहानि है जबकि दूसरी ठगी का है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि फडणवीस ने जानबूझकर यह जानकारी छिपाई थी. जानकारी के लिए बता दें कि वकील सतीश उके ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि 2014 के चुनाव का नामांकन दाखिल करते समय में फडणवीस ने झूठा हलफनामा दायर किया था. याचिका में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने अपने खिलाफ दो आपराधिक मामलों की जानकारी छुपाई थी.
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बिहार : जनता दल (यूनाइटेड) JDU के कार्यकर्ता सम्मेलन में भीड़ ना जुटने पर विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर ले रहे हैं. दरअसल, JDU ने पटना के गांधी मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन बुलाया था, लेकिन JDU के राष्ट्रीय महासचिव ने ही कहा था कि इस सम्मेलन में उच्च पदाधिकारियों के साथ-साथ बूथ लेवल के कार्यकर्ता भी बुलाए गए हैं. वहीं, विपक्ष का तर्क है कि बिहार में 71 हजार बूथ है. अगर बूथ लेबल से 2-2 कार्यकर्ता आते तो उनकी संख्या 1.40 लाख होनी चाहिए, लेकिन उससे आधे कार्यकर्ता भी नहीं पहुंचे.
वहीं, JDU के नेताओं का कहना है कि कार्यकर्ता तो लाखों की संख्या में आए, लेकिन धूप और गर्मी की वजह से अधिकतर गांधी मैदान नहीं पहुंच पाए. रविवार को इस सीजन की सबसे ज्यादा धूप और गर्मी भी दिखी, इसलिए सब पेड़ों की छांव में बैठे रहे. इसके बाद RJD नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला.
तेजस्वी ने जेडीयू के कार्यकर्ता सम्मेलन को सुपर फ्लॉप बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार की नाक बच जाती अगर वो गांधी मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन नहीं बुलाते. उन्होंने कहा कि अब जनता तो दूर कार्यकर्ता भी उनका साथ नहीं दे रहे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार के गांधी मैदान से 5 गुना भीड़ तो उनकी मोतिहारी की सभा में थी. नीतीश कुमार को मान लेना चाहिए कि बिहार में अब उनका जनाधार नहीं रहा. -
दिल्ली में हुई हिंसा और इस मसले पर संसद में हो रहे हंगामे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक ट्वीट ने विपक्ष को नया मुद्दा दिया है. पीएम का कहना है कि वो इस रविवार को सोशल मीडिया छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. इस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि ये प्रधानमंत्री की एक चाल है, जिससे वह मौजूदा मसलों से ध्यान हटाना चाहते हैं. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट कर लिखा, ‘सोशल मीडिया छोड़ने की मोदी जी की नई चाल देश के ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है’.
अधीर रंजन चौधरी से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा था. पीएम मोदी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए राहुल ने लिखा था कि नफरत को छोड़िए, सोशल मीडिया को नहीं. बता दें कि सोमवार को अचानक शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट किया. पीएम ने लिखा कि इस रविवार को वो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब को छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. जल्द ही इसके बारे में जानकारी देंगे. प्रधानमंत्री के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर तूफान-सा आ गया था. लोगों ने #NoSir नाम से एक हैशटैग चलाया और पीएम से अपील करते हुए कहा कि वो ऐसा ना करें और सोशल मीडिया पर बने रहें.
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भाषा की खबर
नोएडा: नोएडा के थाना सेक्टर 49 क्षेत्र के सेक्टर 74 स्थित सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी में रहने वाले एक व्यक्ति ने घरेलू सहायिका को वेतन मांगने पर 13वीं मंजिल से नीचे फेंक दिया और वह 12वीं मंजिल पर आकर गिर गई. उसे दो माह से वेतन नहीं दिया गया था. इस मामले में पीड़िता के भाई ने मकान मालिक के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया है.
सहायक पुलिस आयुक्त विमल कुमार सिंह ने बताया कि अंकित कुमार ने थाना सेक्टर 49 में रिपोर्ट में बताया कि उसकी ममेरी बहन देव कुमारी सुपरटेक केपटाउन सोसाइटी के एक फ्लैट में घरेलू सहायिका के रूप में काम करती है. दो माह से मकान मालिक ने उसका वेतन नहीं दिया. रविवार को जब देव कुमारी अपने मकान मालिक से वेतन मांगने गई तो उसने उसके साथ गाली गलौज की तथा 13वीं मंजिल पर स्थित अपने फ्लैट से धक्का देकर नीचे फेंक दिया. उन्होंने आगे बताया कि वह 12वीं मंजिल पर आकर गिरी. एसीपी ने बताया कि इस मामले में फ्लैट के मालिक के खिलाफ हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. वह फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. उन्होंने बताया कि पीड़िता को फ्लैट के मालिक का नाम पता नहीं है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. -
मीडिया रिपोर्ट
असम के बिश्वनाथ जिले में 12 साल की नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप करने और उसके बाद उसकी हत्या करने के जुर्म में पुलिस ने रविवार को सात नाबालिगों को गिरफ्तार किया है. यह घटना जिले के गोहपुर पुलिस थाने के अंतर्गत सकला गांव की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी नाबालिगों में से एक लड़का शुक्रवार रात पीड़िता को बहला-फुसला कर जंगली इलाके में ले गया था. जिसके बाद अन्य आरोपियों ने उसके साथ कथित रूप से गैंगरेप किया. शनिवार की सुबह पीड़ित लड़की के परिजनों ने स्थानीय पुलिस के पास उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसके बाद परिजनों के साथ ही साथ पुलिस भी तलाशी अभियान में लग गई थी. बाद में पीड़ित बच्ची को गांव के ही जंगली क्षेत्र में एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया.
इस अपराध के सिलसिले में सबसे पहले पुलिस ने एक स्थानीय लड़के को हिरासत में लिया था. जिसने बाद में अपना अपराध कबूल कर लिया था. रविवार को बिश्वनाथ जिला पुलिस ने सात नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है कि इन सातों नाबालिगों ने कथित रूप से उस लड़की के साथ गैंगरेप किया और उसके बाद उसकी हत्या भी कर दी थी.
घटना को लेकर नाराज ग्रामीणों ने आरोपियों पर उस वक्त हमला भी कर दिया था जब पुलिस उन्हें उस इलाके में लेकर गई जहां उन्होंने यह जघन्य अपराध किया था. ग्रामीणों ने गोहपुर थाने का घेराव भी किया और पुलिस से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.
बिश्वनाथ जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सौरव ज्योति सैकिया ने कहा कि पुलिस ने सात लड़कों को गिरफ्तार किया है और वे किशोर हैं. पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम उन्हें किशोर न्याय बोर्ड के पास भेजेंगे."
























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