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पाकिस्तान के उत्तरी इलाके में एक बस में बम धमाका हुआ है, जिसमें 10 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में चीन के भी 6 नागरिक शामिल हैं। ये सभी इंजीनियर थे, जो चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर से जुड़े एक प्रोजेक्ट के लिए काम कर रहे थे। इसके अलावा एक पाकिस्तानी सैनिक की भी मौत हुई है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को एक बस को निशाना बनाते हुए आतंकियों ने धमाका किया था। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि विस्फोटक रोड पर कहीं रखा था या फिर बस में ही बम प्लांट किया गया था। पाकिस्तान के एक सरकारी अधिकारी ने नाम उजागर ने करने की शर्त पर रॉयटर्स को बताया कि बम धमाके के बाद बस एक गहरे नाले में जा गिरी, जिसके चलते बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ।
शुरुआत में 8 लोगों के ही मरने की जानकारी मिली थी, लेकिन बाद में लापता एक चीनी इंजीनियर और एक पाकिस्तानी सैनिक का शव मिला। इस तरह से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ते हुए 10 हो गया। फिलहाल राहत एवं बचाव कार्य जारी है और घायलों को एयर एंबुलेंस के जरिए इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है।इस बम धमाके में बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। हजारा क्षेत्र के एक प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि जिस बस को निशाना बनाते हुए धमाका किया गया था, उसमें करीब 30 चीनी इंजीनियर भी सवार थे। ये लोग ऊपरी कोहिस्तान इलाके में स्थित दासू डैम पर जा रहे थे।
यह दासू डैम चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा है। चीन के 65 अरब डॉलर के बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट के तहत ही चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसके तहत चीन ने अपने पश्चिमी हिस्से को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ने का लक्ष्य तय किया है।
ऐसा होने पर चीन की मध्य और पश्चिम एशिया के देशों तक सीधे तौर पर कारोबारी पहुंच होगी। चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर के तमाम प्रोजेक्ट्स पर काम के लिए चीन ने बड़ी संख्या में अपने इंजीनियरों को भेजा है। ये लोग प्रोजेक्ट के निर्माण में इंजीनियरिंग का काम कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तान के मजदूर निर्माण में लगे हुए हैं। -
बगदाद : इराक के अस्पताल में लगी आग में मरने वालों की संख्या बढ़कर 58 हो गई है। इस हादसे में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। ये आग यहां के नसरिया स्थित इमाम हुसैन अस्पताल में लगी थी।अस्पताल के जिस वार्ड में ये आग लगी थी वो एक कोडिव-19 वार्ड था। इराक के दक्षिण प्रांत धीकार के स्वास्थ्य विभाग ने इस बाबत एक बयान जारी कर कहा है कि इस अस्पताल में लगी इस आग से अब तक 58 लोगों की मौत हो चुकी है।
आग के असल कारणों के बारे में फिलहाल कुछ साफतौर पर नहीं कहा जा सकता है। इस बारे में दो अधिकारियोंं ने अलग-अलग बयान दिए हैं। एक अधिकारी के मुताबिक अस्पताल में आग लगने की शुरआती वजह आक्सीजन टैंक में हुआ धमाका बताया गया है जबकि दूसरे अधिकारी ने इसकी वजह अस्पताल में हुए शॉट सर्किट को बताया है। बताया जा रहा है कि जिस वार्ड में आग लगी है वहां पर अब भी कई कोरोना संक्रमित मरीज फंसे हुए हैं। राहतकर्मी इन मरीजों को यहां से निकालने में लगे हुए हैं।
इस हादसे के बाद इराक के पीएम ने एक इमरजेंसी बैठक भी बुलाई है इसमें हालात की समीक्षा की गई है। आपको बता दें कि ये कोविड वार्ड तीन सप्ताह पहले ही यहां पर शुरू किया गया था।आईएएनएस के मुताबिक सोमवार देर रात इस आग पर काबू पा लिया गया है। खबर के मुताबिक हैदर अल जमीली का कहना है कि अनुमानित तौर पर इस वार्ड में फिलहाल 60 मरीज फंसे हुए हैं।इस घटना के बाद कुछ लोगों ने अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया है। ये लोग इस हादसे की जांच करने और संबंधित अधिकारी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
इराक की संसद के स्पीकर मोहम्मद अल हलबौसी ने ट्वीट कर कहा है कि ये इस बात का साफ सुबूत है कि इराकियों के जीवन की रक्षा करने में पूरी तरह से विफल साबित हुआ है।गौरतलब है कि अप्रैल में भी बगदाद के एक अस्पताल में इसी तरह का हादसा हुआ था। इस हादसे में 82 मरीजों की मौत हो गई थी। स्वास्थ्य मंत्री हसन अल तमीमी ने इस घटना के बाद इस्तीफा दे दिया था।
युद्ध की आग में जल रहे इराक में कोरोना वायरस देश के ऊपर बड़ी समस्या बना हुआ है। वर्ल्ड ओ मीटर के मुताबिक इराक में कोरोना संक्रमण के अब तक 1438511 मरीज सामने आ चुके हैं। यहां पर इसकी वजह से अब तक 17592 मरीजों की मौत भी हो चुकी है, जबकि 1313552 मरीज अब तक स्वस्थ हुए हैं। -
एजेंसिदुशानबे ताजिकिस्तान में शनिवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। ताजिक आपातकालीन स्थिति समिति के मुताबिक भूकंप से पांच लोगों की मौत हुई है और रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.9 मापी गई है। भूकंप का केंद्र राजधानी दुशांबे से 165 किलोमीटर उत्तर पूर्व में बताया जा रहा है।
यूरोपीय-मेडिटेरियन सिस्मोलॉजिकल सेंटर के मुताबिक 5.9 तीव्रता का भूकंप ताजिकिस्तान में रश्त से 27 किमी पूर्व में आया है। ये यह 40 किमी की गहराई पर था और ताजिकिस्तान के खुजंद से लगभग 153 किमी दक्षिण पूर्व में भी था।
गौरतलब है कि, बीती 6 जुलाई को भी देश में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस वक्त भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई थी, लेकिन किसी तरह से जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई थी। -
लंदन : दुनियाभर के कई देशों में कोरोना के मामले फिर बढ़ने लगे हैं। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार अब तक पूरी दुनिया में कोरोना के 18.59 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं।
वहीं मरने वालों की संख्या 40 लाख के आंकड़े को पार कर गई है। इस बीच ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको समेत कई देशों में मामले बढ़ रहे हैं। विश्वभर में कोरोना टीकाकरण जारी है, लेकिन डेल्टा और लैंब्डा जैसे वैरिएंट सामने आने से चिंता बढ़ गई है।
भारत में भी कई राज्यों में मामले बढ़ रहे
भारत में भी कई राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं। केरल समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में नए मामलों में बढ़ोतरी जारी है। देश में पिछले कुछ दिनों से 40 से 50 हजार के बीच मामले सामने आ रहे हैं।बीते 24 घंटे में कोरोना के 42,766 मामले सामने आए और 1206 लोगों की मौत हो गई। देश में अब तक तीन करोड़ सात लाख से ज्यादा मामले सामने आ गए बैं। चार लाख सात हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।
दक्षिण कोरिया में एक दिन में सबसे ज्यादा मामले, कड़े कदम उठाने की तैयारी
दक्षिण कोरिया में पिछले 24 घंटों में कोरोना के सबसे ज्यादा दैनिक मामले सामने आए हैं। मामलों में लगातार तीसरे दिन रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली है।कोरिया रोग नियंत्रण और रोकथाम एजेंसी ने शनिवार को यह जानकारी दी। ऐसे में अब यहां काफी कड़े कदम उठाने की तैयारी है। 1,378 नए मामलों में से 1,000 से अधिक राजधानी सियोल और पास के ग्योंगगी प्रांत और इंचियोन में सामने आए हैं। इस क्षेत्र में सोमवार शाम 6 बजे से तीन या अधिक लोगों के निजी सामाजिक समारोहों पर रोक लगाएंगे। नाइटक्लब और चर्च बंद हो जाएंगे। शादियों और अंतिम संस्कार केवल परिवार के लोग शामिल हो सकेंगे।
मेक्सिको में कोरोना वायरस की तीसरी लहर, संक्रमण 29% बढ़ा
मेक्सिको कोरोना महामारी की तीसरी लहर में प्रवेश कर रहा है। पिछले सप्ताह की तुलना में संक्रमण में 29% की वृद्धि हुई है। देश के स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को कहा कि युवा लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, जिन्हें वायरस से कम खतरा है। देश में जनवरी में कोरोना की दूसरी लहर का पीक आया था।इसके बाद जून तक मामले लगातार लगातार घटते रहे और अब मामले बढ़ने लगे हैं। वर्तमान में देश के अस्पताल के लगभग 22% बेड भरे हुए है। अधिकारियों ने कहा कि वृद्ध लोगों में गंभीर मामलों की गिरावट देश के टीकाकरण अभियान का परिणाम है। शुक्रवार तक वयस्कों की लगभग 39% फीसद आबाद को कम से कम एक खुराक दे दी गई है।
ब्रिटेन में 35,707 मामले सामने आए
ब्रिटेन में शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में कोरोना के 35,707 मामले सामने आए। इससे देश में कोरोना वायरस के मामलों की कुल संख्या 5,058,093 हो गई है। देश में इस दौरान 29 लोगों की कोरोनो वायरस से मौतें भी हुई। ब्रिटेन में अब कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की कुल संख्या 128,365 है।
न्यू साउथ वेल्स में एक दिन में इस साल के सबसे ज्यादा मामले सामने आए
ऑस्ट्रेलिया के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य न्यू साउथ वेल्स में शनिवार को एक दिन में इस साल में अब तक कोरोना के सबसे ज्यादा लोकल केस सामने आए इसके साथ हीं नवीनतम आउटब्रेक में कुल मामलों की संख्या 500 के करीब पहुंच गई। बीते 24 घंटे में सामुदायिक प्रसार के 50 नए मामले सामने आए। एक दिन पहले 44 मामले सामने आए थे।
रूस में 25,766 नए मामले सामने आए
रूस में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 25,766 नए मामले सामने आए। यहां डेल्टा वैरिएंट का प्रसार जारी है। देश में अब तक कुल 5,733,218 मामले सामने आ गए हैं। इस दौरान मौत का आंकड़ा 726 से बढ़कर 141,501 हो गया।
पाकिस्तान में फोर्थ वेव के संकेत
पाकिस्तान के योजना मंत्री असद उमर ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना संबंधी नियमों का ठीक से पालन न करने के और डेल्टा वैरिएंट के प्रसार के कारण पाकिस्तान में फोर्थ वेव के स्पष्ट प्रारंभिक संकेत दिख रहे हैं।उमर कोरोना का मुकाबला करने के लिए राष्ट्रीय कमान और संचालन केंद्र (एनसीओसी) के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा लोगों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने नियमों की अनदेखी की तो सरकार को मैरेज हॉल, इनडोर रेस्तरां और जिम बंद करना पड़ेगा । -
न्यूयॉर्क : उत्तर कोरिया गंभीर खाद्य संकट से गुजर रहा है। देश में खाने पीने की काफी कमी हो गई है। यूएन फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन फोरकास्ट ने इसको लेकर चेतावनी दी है।यूएन फूड का कहना है कि इस वर्ष उत्तर कोरिया में 8.60 लाख टन खाद्य पदार्थों की कमी आई है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने भी इस बात को माना है कि मौजूदा समय काफी मुश्किलों भरा है। उन्होंने खाद्य पदार्थों में कमी को लेकर देश की आबादी को चेतावनी भी दी है। उनका कहना है कि लोगों को सबसे खराब हालातों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
उत्तर कोरिया ने पिछले माह इस बात को माना भी था कि वो मौजूदा समय में खाद्य संकट से गुजर रहा है। फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक उत्तर कोरिया में इस वर्ष 5.6 लाख टन की पैदावार हुई है। ये पैदावार देश की आबादी का पेट भरने के लिए नाकाफी है।एफएओ का कहना है कि देश की आबादी का पेट भरने के लिए इसमें करीब 1.1 लाख टन की कमी है। इस कमी को देखते हुए उत्तर कोरिया विदेशों से करीब 2.5 लाख टन खाद्य पदार्थ आयात करने पर विचार कर रहा है।
एफएओ का ये कहना है कि यदि खाद्य पदार्थों को आयात करने से ये समस्या हल नहीं हुई तो देश के लोगों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसमें ये भी कहा गया है कि देश में ये हालात अगस्त से अक्टूबर के बीच ही आ सकते हैं। एफएओ ने कहा है कि वैश्विक महामारी के चलते उत्तर कोरिया ने पिछले वर्ष जनवरी से अपनी सीमाओं को पूरी तरह से सील कर रखा है। इसका सबसे बुरा प्रभाव उसके यहां पर चीन से आने वाले सामान पर पड़ रहा है।
आपको बता दें कि चीन उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा निर्यातक है। उत्तर कोरिया की अधिकतर जरूरत की चीजों की आपूर्ति चीन से ही होती है। लेकिन सीमाओं के सील कर देने के बाद यहां से आने वाली वस्तुओं में काफी कमी दर्ज की गई है। वहीं उत्तर कोरिया को मदद करने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय संगठन इस देश से बाहर जा चुके हैं।
पिछले वर्ष गर्मी में यहां पर आई भीषण बाढ़ में हजारों घर तबाह हो गए थे और कृषि योग्य भूमि भी खत्म हो गई थी। उत्तर कोरिया में 1990 में भीषण अकाल पड़ा था जिसकी चपेट में पूरा देश आया था। उस वक्त इसकी वजह से हजारों लोगों की मौत हो गई थी। उस वक्त तत्कालीन सोवियत संघ ने भी उत्तर कोरिया को कोई मदद नहीं दी थी।
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया पर उसके परमाणु कार्यक्रम और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के चलते काफी समय से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे हुए हैं। इसकी वजह से देश की आर्थिक हालत काफी खराब हो चुकी है। वैश्विक महामारी की वजह से भी देश को आर्थिक रूप से चपत लगी हुई है। -
एजेंसी
नई दिल्ली : यूरोपीय संघ के 9 देशों ने भारत मे बनी कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता दे दी है और एस्टोनिया ने कोवैक्सीन सहित सभी भारतीय टीकों को मान्यता देने का ऐलान किया है। इन यूरोपीय देशों ने यह कदम भारत की ओर से जाहिर की गई नाराजगी के बाद उठाया है। भारत ने बुधवार को यूरोपीय संघ के सदस्य देशों से कोविड के भारतीय टीकों और कोविन प्रमाणपत्र को मान्यता देने का आग्रह करते हुए कहा था कि ऐसा होने पर ही भारत में यूरोपीय संघ (ईयू) के डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र को कोविड प्रोटोकॉल से छूट दी जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि अभी तक ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, आइसलैंड, यूनान, आयरलैंड और स्पेन ने ईयू डिजीटल कोविड प्रमाणपत्र में कोविशील्ड को शामिल कर लिया है। स्विट्ज़रलैंड ने भी शेनजेन समूह का देश होने के नाते कोविशील्ड को मान्यता दे दी है। इस बीच एस्टोनिया ने पुष्टि की है कि वह भारत सरकार द्वारा अधिकृत सभी टीकों को मान्यता देगा और टीका लगा कर आने वाले भारतीय नागरिकों को यात्रा की अनुमति देगा।
बुधवार की देर शाम भारत ने एक जुलाई से प्रभावी ईयू डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र फ्रेमवर्क में भारतीय टीकों को शामिल नहीं किए जाने पर नाराज़गी व्यक्त की थी। यूरोपीय संघ ने इस फ्रेमवर्क के तहत यूरोपीय मेडिकल एजेंसी (ईएमए) द्वारा अधिकृत टीके लगवाने वाले लोगों को यूरोपीय संघ के दायरे में यात्रा प्रतिबंधों से छूट देने और मुक्त आवाजाही सुलभ करने का ऐलान किया था।भारत ने समूह के 27 सदस्य राष्ट्रों से कहा था कि कोविशील्ड तथा कोवैक्सीन के टीके लगवा चुके भारतीयों को यूरोप की यात्रा करने की अनुमति देने पर वे अलग-अलग विचार करें। उन्होंने कहा कि भारत ने ईयू के सदस्य देशों से अनुरोध किया है कि कोविन पोर्टल के माध्यम से जारी टीकाकरण प्रमाणपत्र को स्वीकार किया जाए।
यूरोपीय संघ की डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र रूपरेखा गुरुवार से प्रभाव में आएगी जिसके तहत कोविड-19 महामारी के दौरान स्वतंत्र आवाजाही की अनुमति होगी। इस रूपरेखा के तहत उन लोगों को ईयू के अंदर यात्रा पाबंदियों से छूट होगी जिन्होंने यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी (ईएमए) द्वारा अधिकृत टीके लगवाए हैं। अलग-अलग सदस्य राष्ट्रों को उन टीकों को स्वीकार करने की स्वतंत्रता है जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर या विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अधिकृत किया गया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि, जोसफ बोरेल फोंटेलेस के साथ बैठक के दौरान कोविशील्ड को ईयू के डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र योजना में शामिल करने का मुद्दा उठाया था। इटली में जी20 की शिखरवार्ता से इतर यह बैठक हुई थी। -
एजेंसी
पड़ोसी देश पाकिस्तान में सोमवार तड़के एक भीषण रेल हादसा हो गया। सिंध प्रांत के डहारकी में दो ट्रेनों के बीच टक्कर हो गई, जिससे 30 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।
पाकिस्तान : पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटाकी जिले के डहारकी में सोमवार तड़के करीब 3:45 बजे मिल्लत एक्सप्रेस और सर सैय्यद एक्सप्रेस की आपस में टक्कर हो गई। इससे मिल्लत एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए। मिली सूचना के मुताबिक, अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। घायलों में से कई की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। घोटाकी जिले के डिप्टी कमिश्नर ने मौतों की पुष्टि की है।
मिल्लत एक्सप्रेस की कई बोगियां अनियंत्रित होकर दूसरी ट्रैक पर जा गिरीं और सामने से आ रही सर सैयद एक्सप्रेस उससे टकरा गई। इस कारण मिल्लत एक्सप्रेस की 8 और सर सैयद एक्सप्रेस की इंजन समेत चार बोगियों ट्रैक से उतर गईं। मिल्लत एक्सप्रेस कराची से सरगोधा और सर सैयद एक्सप्रेस रावलपिंडी से कराची जा रही थी।
छह से आठ बोगियां को हुआ भारी नुकसानपाकिस्तानी अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। घोटाकी जिले के डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि हादसे में 13 से 14 बोगियां पलट गई हैं। इनमें से 6 से 8 को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि कई लोग अभी भी बोगियों में फंसे हुए हैं और उन्हें निकालने में काफी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। डेप्युटी कमिश्नर ने कहा कि राहत ट्रेन को रवाना कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि घायलों को ट्रैक्टर ट्रॉली के जरिये ले जाया जा रहा है। घोटाकी, धारकी, ओबरो और मीरपुर मथेलो के अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित करके सभी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को ड्यूटी पर बुलाया गया है।
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रेस्क्यू टीम पहुंच चुकी है, जिसके बाद राहत बचाव कार्य शुरू हो गया है। हालांकि, अभी तक हेवी कटर्स और मशीनरी यहां नहीं पहुंची है। ट्रेन हादसे की वजह से कई ट्रेनों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है।
अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि राहत और बचाव काम कब तक चलेगा। कमिश्नर ने कहा कि यह बहुत चुनौतीपूर्ण काम है। बोगियों में फंसे लोगों को निकालने के लिए बड़ी मशीनों को घटनास्थल पर लाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टरों को काम पर बुला लिया गया है। यात्रियों को राहत देने के लिए मेडिकल कैंप बनाया जा रहा है।
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एजेंसीअमेरिका : अमेरिका में एक बार फिर से गोलबारी की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कैलिफोर्निया के सैन जोस रेल यार्ड में बुधवार को गोलीबारी की घटना में आठ लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह घटना सैन जोस शहर के उत्तर में वैली ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी यार्ड में बुधवार सुबह हुई। हालांकि इस घटना को अंजाम देने वाला शूटर भी पुलिस ने मार गिराया है।
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, घटना अमेरिकी समय के अनुसार सुबह करीब 6.15 बजे हुई। जब रेल यार्ड में कुछ लोग काम कर रहे थे। अचानक एक व्यक्ति ने फायरिंग शुरू कर दी। लोग जान बचाने के लिए भागे। लेकिन, कुछ फायरिंग की चपेट में आ गए। कुल लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, कई घायलों ने बाद में दम तोड़ दिया। घटना के बाद यहां लोकल ट्रेन सर्विस सस्पेंड कर दी गई।
सांता क्लारा काउंटी शैरिफ के डिप्टी रशेल डेविस ने कहा, घटना में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कई लोग घायल बताए गए हैं। हमलावर मौके से भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे मार गिराया गया। मारे गए ज्यादातर लोग ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के कर्मचारी हैं। ये सुबह के वक्त ड्यूटी खत्म करके घर जाने की तैयारी कर रहे थे। घटना के वक्त नया स्टाफ भी ड्यूटी पर पहुंचा था।
पुलिस ने बताया कि, यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि क्या शूटर वहीं का एक कर्मचारी था। पुलिस ने अभी यह नहीं बताया है कि शूटर कैसे मारा गया और किस तरह के हथियार का इस्तेमाल किया गया। सैन जोस सिलिकॉन वैली का एक टेक हब है जहां करीब दस लाख लोग रहते हैं। -
मिडिया रिपोर्टजिनेवा : भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) से हाहाकार मचा हुआ है और संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. अब भारत में पहली बार पहचाना गया कोविड-19 का नया वैरिएंट दुनियाभर के अन्य देशों में भी पैर पसारने लगा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को कहा कि भारत में कोरोना के जिस वैरिएंट के कारण स्थिति बिगड़ी है, वह अब तक दर्जनों देशों में पाया जा चुका है.
44 देशों में मिला कोरोना के भारतीय वैरिएंटविश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि कोरोना का B.1.617 वैरिएंट पिछले साल अक्टूबर महीने में भारत में पाया गया था, जो अब WHO के सभी 6 क्षेत्रों के 44 देशों में पाया गया है. भारतीय वैरिएंट अब तक 4500 से ज्यादा सैंपल्स में मिल चुका है.
भारत के बाहर ब्रिटेन में सामने आए सबसे ज्यादा मामलेकोरोना वायरस का इंडियन वैरिएंट (Indian Variant) भारत के बाहर सबसे ज्यादा ब्रिटेन में सामने आया है. बता दें कि इस सप्ताह के शुरुआत में डब्ल्यूएचओ ने B.1.617 की घोषणा की- जो कि अपने म्यूटेशन और विशेषताओं के कारण "चिंता का एक प्रकार" के रूप में गिना जाता है. इसलिए इसे पहली बार ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में कोविड -19 के तीन अन्य वैरिएंट वाली सूची में जोड़ा गया था.
ज्यादा संक्रामक है कोरोना का भारतीय वैरिएंटभारत के इस नए वैरिएंट को वैज्ञानिक तौर पर B.1.617 नाम दिया गया है, जिसमें दो तरह के म्यूटेशंस (E484Q और L452R) हैं. यह वायरस का वह रूप है, जिसके जीनोम में दो बार बदलाव हो चुका है. भारत में फैल रहा डबल म्यूटेंट वायरस E484Q और L452R के मिलने से बना है. बता दें कि L452R स्ट्रेन अमेरिका के कैलिफोर्निया में पाया जाता है, जबकि E484Q स्ट्रेन भारत में पाया जाता है. यह वैरिएंट ज्यादा संक्रामक और तेजी से फैलता है.
भारत में 24 घंटे में 348421 नए केस आए सामनेकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में भारत में 3 लाख 48 हजार 421 लोग कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित हुए है, जबकि इस दौरान 4205 लोगों की जान गई. इसके बाद भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 33 लाख 40 हजार 938 हो गई है, जबकि 2 लाख 54 हजार 197 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. आंकड़ों के अनुसार, देशभर में पिछले 24 घंटे में 3 लाख 55 हजार 338 लोग ठीक हुए, जिसके बाद कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 1 करोड़ 93 लाख 82 हजार 642 हो गई है. इसके साथ ही देशभर में एक्टिव मामलों (Coronavirus Active Cases in India) में भी गिरावट आई है और देशभर में 37 लाख 4 हजार 99 लोगों का इलाज चल रहा था. -
एजेंसीजिनेवा: WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने शुक्रवार को वैश्विक टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने के लिए चीन की पहली वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. यह फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है जब भारत में कोविड-19 का संक्रमण पूरी रफ्तार के साथ फैल रहा है. जिनेवा में WHO ने सिनोफार्मा की वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति दी है. यह पहली ऐसी वैक्सीन है जिसका उत्पादन गैर पश्चिमी देश कर रहा है, बता दें कि कोरोना के खिलाफ सिनोफार्मा की वैक्सीन खासी प्रभावी मानी गई है. डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेबियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने पूरे विश्व में एक बार फिर से बढ़ते कोरोना के मामलों और मौतों पर चिंता जताते हुए कहा कि हम भारत और ब्राजील मेंगंभीर परिस्थितियां देख रहे हैं.बताते चलें कि WHO ने इससे पहले फाइजर बायोटेक, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और एस्ट्राजेनका जैसी कंपनियों की वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति दे चुका है. जिसका उपयोग भारत और साउथ कोरिया के कई इलाकों में हो रहा है. लिस्ट में चीन की सिनोफार्मा की वैक्सीन का नाम जुड़ जाने से वैक्सीनेशन अभियान को गति मिल सकेगी.
भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामलेकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 4,01,078 कोरोना संक्रमण के नए केस सामने आए हैं जबकि 4,187 लोगों की मौत हुई है. इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2 करोड़ 18 लाख 92 हजार 676 हो गई है और वहीं मृतकों की कुल संख्या 2 लाख 38 हजार 270 हो गई है. वहीं कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या में पिछले 24 घंटों में 78 हजार 282 नए मरीजों का इजाफा हुआ है, जिसके बाद एक्टिव मरीजों की संख्या 37 लाख 23 हजार 446 हो गई है. यह आंकड़े शुक्रवार सुबह 8 बजे से शनिवार सुबह 8 बजे तक के हैं. -
एजेंसीबोइसे (इडाहो): अमेरिकी राज्य इडाहो की विधायिका ने उस विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसमें राज्य में भेड़ियों की 90 प्रतिशत आबादी को मारने के लिए निजी ठेका देने का प्रावधान किया गया है. क्योंकि ये भेड़िये पालतू जानवरों के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं.
राज्य में भेड़ियों की संख्या 1500कृषि उद्योग के समर्थन वाले इस विधेयक को विधायकों ने 11 के मुकाबले 58 मतों से मंजूरी दी और इसे मंगलवार को हस्ताक्षर के लिए रिपब्लिकन गर्वनर ब्राड लिटिल को भेजा गया. मवेशियों, भेड़ों और अन्य जंगली जानवरों पर हमले के मद्देनजर राज्य विधायिका ने कानून में बदलाव कर भेड़ियों की आबादी 1,500 से घटाकर 150 करने का फैसला किया है.
पर्यावरण समूहों ने जताई नाराजगीवहीं पर्यावरण समूहों ने विधेयक पर नाराजगी जाहिर करते हुए गवर्नर से इसे अस्वीकार करने की मांग की है. वेस्टर्न वॉटरशेट प्रोजेक्ट एवं अन्य समूहों ने कहा, 'भेड़ियों को मारने के लिए लाए गए विधेयक से लाखों डॉलर बर्बाद होंगे और इससे अंतत: यह प्रजाति खतरे वाली प्रजातियों में शामिल हो जाएगी.' -
मिडिया रिपोर्टमेलबर्न : भारत में कोविड-19 संक्रमण का प्रकोप देखते हुए ऑस्ट्रेलिया (Australia) ने मंगलवार को भारत से आवाजाही पर रोक लगा दी है। देश के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की ओर से महामारी के मामलों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके तहत आगामी 15 मई तक भारत से कोई उड़ान ऑस्ट्रेलिया नहीं जाएगी। इससे पहले थाइलैंड, सिंगापुर, बांग्लादेश और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों ने भी भारत से होने वाली यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया। भारत से ऑस्ट्रेलिया वापसी के लिए करीब 9 हजार ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों ने विदेश मंत्रालय में रजिस्टर कराया था।
तीन सप्ताह तक लगाए गए इस पाबंदी को लेकर प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा कि 15 मई से पहले एक बार हालात की समीक्षा की जाएगी उसके बाद ही उड़ानों को बहाल किया जाएगा। यह फैसला कैबिनेट के नेशनल सिक्योरिटी कमिटी की बैठक में लिया गया। इस बैठक में भारत को मेडिकल उपकरणों समेत अने सहायता दिए जाने पर विचार किया गया।
उड़ानों को रद किए जाने से सिडनी जाने वाली सीधी उड़ानों पर असर होगा और डार्विन वापिस जाने वाली दो उड़ानें भी प्रभावित होंगी। भारत अभी कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के चपेट में है और देश के विभिन्न राज्यों के अस्पतालों में बिस्तर, ऑक्सीजन समेत मेडिकल उपकरणों व दवाइयों तक की किल्लत है।
मंगलवार को लगातार छठे दिन भारत में संक्रमण के नए मामलों का आंकड़ा 3 लाख से अधिक दर्ज किए गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के प्रमुख अधनम घेब्रेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा, 'दुनिया के दूसरे बहुसंख्यक देश भारत में महामारी के कारण हालात हृदय विदारक है।' -
ताइपे : ताइवान में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है। इसमें दर्जनों लोगों की मृत्यु हो गई है। पहले सूचना चार लोगों की मृत्यु की थी, लेकिन अब देश के परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं।परिवहन मंत्रालय ने कहा कि पूर्वी ताइवान में शुक्रवार को एक ट्रेन के पटरी से उतर जाने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई, जबकि 72 घायल हो गए। इससे पहले अग्निशमन विभाग ने जानकारी देते हुए मौत व घायलों का आंकड़ा कम बताया था।
अग्निशमन विभाग ने एक बयान में कहा था, ताइतुंग जा रही ट्रेन हुइलियन के उत्तर में एक सुरंग में पटरी से उतर गई, जिससे वह दीवार से टकरा गईं। विभाग ने उस दौरान मरने वालों का आंकड़ा चार बताया था, वहीं, कहा था कि कुछ गंभीर रूप से घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हालांकि, मौत व घायलों का आंकड़ा एक दम से काफी बढ़ गया है। बता दें कि ट्रेन हादसे के बाद सभी घायलों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया गया। जिन्हें हल्की चोट आइ थी, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने की कवायद चल रही थी। अब जहां खबर आ रही है कि हताहत होने वालों की संख्या बढ़ गई है।
अग्निशमन विभाग ने बताया था कि ट्रेन में करीब 350 लोग सवार थे और फिलहाल बचाव के प्रयास जारी हैं। -
कोरोना महामारी की वजह से काफी समय से विदेशी टूरिस्ट भारत की यात्रा पर नहीं आ रहे हैं. इस वजह से टूरिस्ट सेक्टर ही नहीं एविएशन सेक्टर को भी काफी नुकसान हो रहा है. वहीं अब दुनिया भर के अधिकांश देशों में वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलाया जा रहा है बावजूद इसके सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2023 से पहले विदेशी टूरिस्टों का भारत आगम सुचारू रूप से नहीं हो पाएगा.
दुनिया के सभी देशों में अब कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है लेकिन अब भी लोगों में विदेशी यात्रा करने को लेकर डर है. विदेशी टूरिस्ट भारत की यात्रा करने से भी कतरा रहे हैं. ज्यादातर टूरिस्ट क्वारंटाइन नियमों का पालन करने को लेकर असमंजक की स्थिति में इसलिए वे विदेशी यात्रा करना ही नहीं चाह रहे हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि साल 2023 से पहले भारत में विदेशी पर्यटकों का आगमन सुचारू रूप से नहीं हो पाएगा. सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन (CAPA) ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) के मार्च के सर्वेक्षण में पाया गया कि 80% विजिटर्स क्वारंटाइन नियमों की वजह से यात्रा नहीं करना चाहते हैं.
धीरे-धीरे ही विदेशी पर्यटक करना शुरू करेंगे भारत की यात्रा
सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन (सीएपीए) की प्रारंभिक भविष्यवाणी बताती है कि 2030 तक विदेशी टूरिस्टों का आना कुल बढ़कर 18 मिलियन तक ही हो पाएगा. इसमें ये भी कहा गया है कि भारत विदेशी पर्यटकों के आगमन के लिए लंबी-लंबी उड़ानों पर निर्भर है. सीएपीए ने कहा कि इस तरह की लंबी उड़ानों के छोटी और मध्यम दूरी की उड़ानों की तुलना में धीरे-धीरे लाइन पर आने की उम्मीद है. यह अनुमान भी लगाया गया है कि 72.0% लोग महामारी के खत्म होते ही अपने मित्रों और रिश्तेदारों के लिए हवाई यात्रा करेंगे.
यूके, कनाडा और मलेशिया से सबसे ज्यादा टूरिस्ट भारत आते हैं
सीएपीए ने ये भी कहा कि कोविड -19 यूके, यूएस, कनाडा, चीन, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया में चरम पर है और इन्ही देशों से टूरिस्ट भारत में सबसे ज्यादा आते हैं यानी ये देश भारत के लिए विदेशी पर्यटकों के प्रमुख स्रोत हैं. इसमें ये भी कहा गया कि कोविड -19 टीकाकरण यूके (34.3%) और यूएस (19.7%) को छोड़कर दुनिया भर में शुरुआती चरणों में हैं. यह कहा गया है कि 2021 के अंत तक अन्य देशों में व्यापक टीकाकरण की उम्मीद की जाती है, जहां से बड़ी संख्या में पर्यटक भारत आते हैं.
अर्थव्यवस्थी के पटरी पर आने तक 56%यात्री नहीं करेंगे हवाई सफर
वहीं IATA के सर्वे में पाया गया कि जब तक अर्थव्यवस्था स्थिर नहीं हो जाती तब तक 56% संभावित यात्री अपनी हवाई यात्रा स्थगित कर देंगे, उनमें से 66% को लगता है कि जिन यात्रियों को वैक्सीन लग चुकी है उनके लिए क्वारंटाइन नियमों का पालन करना जरूरी नहीं है. वहीं 81% लोग वैक्सीनेशन के बाद हवाई यात्रा करने के लिए तैयार थे सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 84% संभावित टूरिस्ट क्वारंटाइन किए जाने पर यात्रा नहीं करेंगे. -
चीन में धूल भरी आंधी चलने ले अचानक पीला पड़ गया चीन का बीजिंग शहर, इस आंधी में मंगोलिया के 341 लोग गायब हो गए , जानिए कारण
चीन की राजधानी बीजिंग में सोमवार की सुबह काफी डरावनी थी, जब पूरा शहर पीला हो गया और घनी भूरी धूल भरी आंधी चली जिसके परिणामस्वरूप भीतरी मंगोलिया और उत्तर-पश्चिमी चीन के अन्य हिस्सों में काफी तेज हवाएं चल रही हैं. जानकारी के मुताबिक आज बीजिंग में साल का सबसे खराब सैंडस्टॉर्म देखने को मिला है. चीन की मौसम विज्ञान एजेंसी ने इसे एक दशक में सबसे बड़ा सैंडस्टॉर्म कहा है. इस तूफान की वजह से यहां स्थिति काफी भयावह दिख रही है.
चीन मौसम विज्ञान प्रशासन ने सोमवार सुबह एक पीले अलर्ट की घोषणा करते हुए कहा कि सैंडस्टॉर्म इनर मंगोलिया से गांसु, शांक्सी और हेबै के प्रांतों में फैल गए है, जिसने बीजिंग को घेर लिया है. चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, पड़ोसी मंगोलिया भी भारी रेत की चपेट में आ गया, जिसमें कम से कम 341 लोग लापता हैं. इनर मंगोलिया की राजधानी होहोट से उड़ानें भरी गई हैं.
बताया जा रहा है कि तेज हवाओं की वजह से गोबी के रेगिस्तान से यह आंधी उठी और चीन के ज्यादातर हिस्सों को धूल से भर दिया. पेइचिंग में 400 उड़ानों को रद किया गया है. इससे पहले रविवार को चीन के पड़ोसी देश मंगोलिया में भीषण आंधी आई थी.
बता दें कि गोबी मरुस्थल काफी विशाल और बंजर है जो पश्चिमोत्तर चीन से लेकर दक्षिणी मंगोलिया तक पसरा हुआ है. चीन के मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है और बताया है कि यह धूलभरी आंधी इनर मंगोलिया से लेकर चीन के गांसू, शांक्सी और हेबेई तक फैले हैं जो पेइचिंग के चारों ओर स्थित है..यहां इंडेक्स सोमवार सुबह अधिकतम स्तर यानि 500 तक पहुंच गया है। पीएम10 का स्तर कई जिलों में बहुत खतरनाक तरीके से बढ़ गया है. -
स्विट्ज़रलैंड में रविवार को सार्वजनिक जगहों पर पूरा चेहरा ढंकने के खिलाफ वोटिंग हुई है, जिसमें बैन के समर्थन में ज्यादा वोट पड़े हैं. बैन को समर्थकों ने कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ बड़ा कदम बताया है.
जेनेवा : स्विट्ज़रलैंड में रविवार को सार्वजनिक जगहों पर पूरा चेहरा ढंकने के खिलाफ वोटिंग हुई है, जिसमें बैन के समर्थन में बहुत कम अंतर से ज्यादा वोट पड़े हैं. बैन को समर्थकों ने कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ बड़ा कदम बताया है. वहीं, इसका विरोध करने वालों ने इसे नस्लभेदी और सेक्सिस्ट बताया है. वोटिंग के आधिकारिक नतीजों ने दिखाया है कि 51.21 फीसदी वोटरों और संघीय स्विट्ज़रलैंड के अधिकतर कैंटन राज्यों ने बैन के प्रस्ताव का समर्थन किया है. लगभग 1,426,992 वोटर बैन के समर्थन में थे वहीं, 1,359,621 यानी 50.8 फीसदी इसके खिलाफ थे.
कथित एंटी-बुर्का बैन पर स्विट्ज़रलैंड में वोटिंग तब हो रही है, जब कई यूरोपीय देशों और मुस्लिम बहुलता वाले देशों में बुर्का बैन हो चुका है, हालांकि, स्विट्ज़रलैंड में बुर्का बहुत आम बात नहीं है, फिर भी यहां यह वोटिंग हुई है.
हालांकि, 'पूरा चेहरा ढंकने के खिलाफ बैन पर समर्थन' मांगने वाले इस प्रस्ताव में बुर्का और नकाब का खासतौर पर जिक्र नहीं किया है, लेकिन फिर भी जिस तरह इसकी कैंपेनिंग की गई है, उससे इस बात पर शक की कोई गुंजाइश नहीं रह गई है कि यह डिबेट किस बात पर थी. कई स्विस शहरों में ऐसे पोस्टर दिखाई दिए, जिसमें 'कट्टरपंथी इस्लाम को रोको' और 'उग्रवाद को रोको' जैसे नारों और बुर्का पहने एक महिला का कार्टून बना था. वहीं. विरोधियों ने 'बेतुका, बेकार और इस्लामोफोबिक 'एंटी-बुर्का कानून' को हमारी ना है', जैसे नारों के साथ इसका विरोध किया.
इस बैन का मतलब है कि अब कोई भी सार्वजनिक जगहों पर अपना पूरा चेहरा नहीं ढंक पाएगा, चाहे वो कोई दुकान हो या कोई खुली जगह. हालांकि, कुछ अपवाद रखे गए हैं, जिसके तहत लोग धार्मिक स्थलों, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिहाज से अपना चेहरा ढंका रख सकते हैं. यह वोटिंग ऐसे वक्त पर हो रही है, जब कोरोनावायरस के चलते दुकानों और सार्वजनिक परिवहनों में फेस मास्क को अनिवार्य बनाया गया है. -
एजेंसी
यंगून : म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर की गई पुलिस फायरिंग में अबतक 18 लोगों की मौत हो चुकी हुई है। बावजूद इसके प्रदर्शनकारी देश के सबसे बड़े शहर की सड़कों पर डटे हुए हैं।दूसरी तरफ म्यांमार की एक अदालत ने अपदस्थ नेता आंग सान सू की के खिलाफ सोमवार को एक और आरोप लगाया है। सू की पर अशांति फैलाने के लिए दंड संहिता की धारा 505 (बी) के तहत आरोप लगा है।
नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की नेता आंग सान सू की को 1 फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। सू की और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं को हिरासत में लिया गया है।पहले उन पर छह वॉकी-टॉकी रेडियो के अवैध रूप से आयात करने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद उनपर कोरोना वायरस प्रोटोकॉल को भंग कर प्राकृतिक आपदा कानून का उल्लंघन करने का आरोप जोड़ा गया।
बता दें कि तख्तापलट और देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की को गिरफ्तार किए जाने के बाद से म्यांमार में प्रदर्शनों का दौर जारी है। नवंबर में हुए चुनाव में सू की पार्टी ने जोरदार जीत दर्ज की थी, लेकिन सेना ने धांधली की बात कहते हुए परिणामों को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था।
सैन्य तख्तापलट के बाद सुरक्षा बलों ने बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए स्टन ग्रेनेड, आसूं गैस के गोले और यहां तक की गोलियां भी चला रही है। प्रदर्शनकारी देश की नेता आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपने की मांग कर रहे हैं।
वहीं संयुक्त राष्ट्र में सेना के खिलाफ आवाज उठाने वाली म्यांमार की राजदूत क्याव मो तुन को बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने विश्व समुदाय से सैन्य शासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था को तत्काल बहाल करने की गुहार लगाई थी। -
वाशिंगटन : चीन में में अल्पसंख्यकों के साथ किस तरह बर्ताव होता है, इससे हर कोई वाकिफ है। इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने उसे मानवाधिकार हनन को लेकर चेताया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि मानवाधिकारों के हनन को लेकर चीन को भारी कीमत चुकानी होगी।
अमेरिका इसके खिलाफ खड़ा होगा और इससे शी चिनफिंग वाकिफ हैं। बाइडन ने यह बात सीएनएन टाउन हॉल में कही। बाइडन ने आगे बताया कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को अपने फोन कॉल के दौरान मानवाधिकारों के हनन के बारे में अमेरिका के रुख के बारे में बताया।
बाइडन ने इस दौरान कहा, 'मैं यह स्पष्ट कर रहा हूं कि हम संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों के माध्यम से मानवाधिकारों के पक्ष में आवाज उठाने की अपनी भूमिका को निभाएंगे, जो उनके दृष्टिकोण पर प्रभाव डालते हैं।'बाइडन ने चिनफिंग के साथ फोन पर बातचीत के दौरान उइगरों के साथ अत्याचार का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि चीन विश्वगुरु बनने के लिए कोशिश कर रहा है।
इसको पाने के लिए और ऐसा करने में सक्षम होने के लिए उन्हें अन्य देशों का विश्वास हासिल करना होगा। जब तक वे मानवाधिकारों के विपरीत गतिविधियों में शामिल होंगे, ऐसा करना उनके लिए कठिन होगा।
'अगले क्रिसमस' तक देश में हालात सामान्य हो सकते हैं
इस दौरान राष्ट्रपति बाइडन ने अपने प्रशासन की वैक्सीन योजनाओं और वितरण के समय के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने इस दौरान बताया कि कोविड -19 टीके जुलाई के अंत तक व्यापक रूप से आम जनता के लिए उपलब्ध होंगे।
उन्होंने इस दौरान यह आश्वासन दिया कि 'अगले क्रिसमस' तक देश में हालात वापस सामान्य हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जुलाई के अंत तक हमारे पास कोरोना टीका के 600 मिलियन से अधिक खुराक होंगे। यह हर एक अमेरिकी को टीका लगाने के लिए पर्याप्त होगा। गौरतलब है कि अमेरिका पर कोरोना महामारी की सबसे ज्यादा मार पड़ी है।