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 रायपुर : क्वािरेंटाइन सेंटर में तनाव प्रबंधन के लिए तैनात रहेंगे क्लिनिकल सायकोलाजिस्टा एवं योग शिक्षक

मनोचिकित्साक डॉ अविनाश शुक्लाब को जिले के क्वाारेंटाइन सेंटरों का बनायागया नोडल अधिकारी

रायपुर 22 मई : जिले के समस्त  क्वेरेंटाइन सेंटर में मानसिक स्वाकस्य्वल  सेवाओं के विस्ताार एवं तनाव प्रबंधन के लिए डॉ अविनाश शुक्ला।, (मनोचिकित्ससक,) को आगामी आदेश तक नोडल अधिकारी नियुक्तर किया है। डॉ शुक्ल,स्पार्श क्लिनिक, जिला चिकित्सासलय, पंडरी में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं| सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल ने निर्देशित किया है कि क्लिनिकल सायकोलाजिस्टे एवं योग शिक्षक का सहयोग लेकर प्रत्ये क क्वा रेंटाइन सेंटर में श्रमिकों एवं निवासरतों का मानसिक स्वा्स्य्क   परीक्षण कर आवश्यहकतानुसार मनोवैज्ञानिक परामर्श, बौद्विक एवं मानसिक प्रबंधन के लिए योगासन किया जाना सुनिश्चित करते हुए कोविड-19 के नियमों का पालन हो।  

राजधानी के आश्रय स्थलों में ठहरे हुए प्रवासी श्रमिकों को अवसाद, चिंता, बेचैनी और घबराहट से उबारने के लिए नियमित रूप से जि़ला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत परामर्श दिया जा रहा है। राजधानी के आसपास के गांव में रहने वाले 200 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को क्व रेंटाइन सेंटर में जि़ला मानसिक स्वास्थ्य द्वारा गठित दल के माध्यम से परामर्श दिया जा रहा है।

प्रवासी श्रमिकों के अलावा गर्भवती महिलाओं के साथ  50 से अधिक छोटे बच्चेइ भी हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्रवासी श्रमिकों का मानसिक तनाव दूर करने के संबंध में 31 मार्च को उच्चतम न्यायालय ने जागरूकता कार्यक्रम चलाने का आदेश दिया था। न्यायालय के आदेश पर क्वाचरेंटाइन केंद्र में रखे गए प्रवासी श्रमिकों को मानसिक तनाव दूर करने के टिप्स दिए जा रहे हैं। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मनोवैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न प्रदेशों से आए लोगों से शारीरिक दूरी बनाते हुए उनके मानसिक तनाव के कारणों की क्रमश: जानकारी ली जा रही। तत्पश्चात उन्हें तनाव दूर करने के सुझाव के साथ स्वंय की रक्षा के लिए बरती जाने वाली सावधानी के बारे में जानकारी दी।

मनोवैज्ञानिक डॉ. मिनेष कुमार साहू के अनुसार ने कोरोना वायरस के खतरे और बचाव के विषय में भी जानकारी दी जा रही है । साथ ही श्रमिकों की काउंसिलिंग कर उन्हें क्वा रेंटाइन सेंटर में साफ-सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग और आपसी व्यवहारिक वातावरण बनाने की सलाह दी जा रही है। मुख्य रूप से लोगों में परिवार से मिलने के प्रति चिंता ज्यादा है, जिसको समझाइश देकर तनाव को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

राधास्वािमी सतसंग भवन के क्वातरेंटाइन सेंटर में रविशंकर विश्वतविद्वालय के मनोवैज्ञानिक डॉ. सचिन कुमार, डॉ. नरेंद्र वर्मा, डॉ. देवेंद्र वर्माव मनोचिकित्सकक डीएस परिहार सहायक चिकित्साक अधिकारी की टीमने आज श्रमिकों से बातचीत किया। श्रमिकों में सबसे ज्यादा घर जाने की चिंता और नशे की आदत के कारण बेचैनी और घबराहट की समस्याा देखी गई, जिसको दूर करने विशेषज्ञ लगे हुए हैं।

क्वाारेंटाइन सेंटर में  श्रमिकों के लिए मेडिकल कैंप एवं मनोवैज्ञानिक परामर्श कैंप का आयोजन हेल्थै एवं वेलनेस सेंटर, नकटी द्वारा प्रबंधन किया गया। एक 9 माह की गर्भवती महिला और पति ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर बच्चे् के स्वानस्य्एक  पर होने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जाहिर की जिसे मनोवैज्ञानिक द्वारा काउंसलिंग कर दूर किया गया। 
क्वाैरेंटाइन केंद्र में रहने वालों की प्रतिक्रिया-

मनोवैज्ञानिकों ने जब क्वारंटाइन केंद्र में रखे गए प्रवासी श्रमिकों से उनके अंदर वर्तमान में उठ रही भावनाओं के संबंध में पूछा तो कई प्रकार की प्रतिक्रिया सामने आई।

1- अपने व स्वजनों की भलाई की चिंता

2- वर्तमान व भविष्य के बारे में अनिश्चितता।

3- शारीरिक दूरी से अकेलापन महसूस होना।

4- संसाधन नियंत्रण से बाहर होने से असहाय महसूस करना।

5- आंतरिक प्रेरणा व उर्जा में कमी होना।

6- उदासी व व्यर्थ की भावनाओं का उत्पन्न होना।

7- क्रोध व चिड़चिड़ापन होने से जिंदगी से डर लगना। 

प्रवासी श्रमिकों को तनाव दूर करने के दिए गए सुझाव:

1- कोरोना के संबंध में केवल विश्वसनीय स्त्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें। ऐसे में केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए वेबसाइट व हेल्पलाइन से जानकारी लेना उचित होगा।

2- व्हाट्सएप, फेसबुक या अपने पड़ोसी द्वारा बताई गई जानकारी पर सहज विश्वास न करें और न ही चिंतित हो।

3-भावनात्मक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए संतुलित आहार लें। पर्याप्त पानी व नींद लेने के साथ प्रतिदिन व्यायाम करें।

4- कुछ नया कौशल सीखने या सिखाने का अभ्यास करें। प्रतिदिन कुछ देर ध्यान करने के साथ दस मिनट तक सांस लेने व छोड़ने की क्रिया का अभ्यास करें।

5- प्रियजनों से मोबाइल से बात करने के लिए समय निर्धारित करें। साथ ही प्रतिदिन साबुन या हैंडवाश से हाथ धोते हुए शारीरिक दूरी हर हाल में बनाए रखें। सरकार व प्रशासन द्वारा आप की सुरक्षा के लिए जो नियम बनाए जाए उसका अनुपालन करें।

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