बेमेतरा : सजग कार्यक्रम से हो रहा है बच्चों का समग्र विकास....
बेमेतरा : बेमेतरा जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रो में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा की गतिविधियों को निर्बाध रूप से चलाने के लिए बच्चों के समग्र विकास के लिए विभाग द्वारा सजग कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, रचनात्मक, सृजनात्मक विकास तथा परिवार में हर्षाल्लास का वातावरण निर्मित हेतु यह कार्यक्रम क्रियान्वित किया गया है।

सजग कार्यक्रम जैसा नाम है, वैसा ही इसका काम भी और तभी न सिर्फ महिला एवं बाल विकास विभाग ने इसे हाथों-हाथ लिया है, बल्कि इसी आॅडियो क्लिप जिले भर में गांव-गांव एवं शहर-शहर में यह खास आॅडियो क्लीपिंग तेजी से सुपरहिट भी हो रहे है। यह खास आॅडियो क्लीपिंग गांव-गांव शहर-शहर में सुनी और सुनाई जा रही है, ताकि बेहतर लालन-पालन कर बच्चों की सेहत को सुदृढ़ बनाया जा सके।
कोरोना संक्रमण का दौर एक ओर जहाॅं कई के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, वही बेमेतरा जिले में लोग महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रयास से बच्चों को सेहतमंद जिंदगी देने के लिए लगातार प्रेरित भी हो रहे है।
यह सारा कमाल दरअसल, आॅडियो क्लिप के माध्यम से सुनाए जा रहे प्रेरक आॅडियो संदेशों का है। यानी, बच्चों की उचित देखभाल और लालन-पालन की जानकारी माता- पिता/पालकों तक अब आॅनलाइन पहुॅंचने लगी है। कोरोना संक्रमण के संभावित खतरे की वजह से जिले के कई आंगनबाड़ी केन्द्रांे का संचालन लगभग 7 महीने से बाधित है, लेकिन इस दौरान भी खासकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं या शिशुवती माताओं की सेहत प्रभावित न हो, इसलिए समाजसेवी संस्था सेन्टर फाॅर लर्निंग रिसोर्सेस (सीएलआर) ने सजग नाम से पालकों के लिए संक्षिप्त आॅडियो संदेशों की श्रृंखला तैयार की है, इन आॅडियो संदेशों में पालको के लिए सरल सुझाव दिए गए है, ताकि वह अपने बच्चों के अच्छी सेहत के लिए बेहतर वातावरण तैयार कर सकें।
यह आॅडियो संदेश पालकों को सकारात्मक ऊर्जा तो प्रदान करता ही है, साथ ही उन्हें यह ज्ञान भी मिलता है कि बच्चों के समग्र विकास हेतु कठिन परिस्थितियों में भी वह क्या बेहतर कर सकते है। सजग आॅडियो कार्यक्रम का क्रियान्वयन महिला एवं बाल विकास विभाग एवं यूनिसेफ के सहयोग से कर रहे है। इस तरह यह प्रेरक आॅडियो संदेश सुदुर अंचल में रह रहे पालकांे तक भी अब सहजता से पहुंॅचाए जा रहे है।
संजग कार्यक्रम से पहुॅंच रहें है पालकों तक संदेश:- इस संबध में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया, सजग नाम का यह आडियों क्लिप डायरेक्ट्रेट से प्रत्येक सोमवार की सुबह वाट्सएप के जरिए जिला अधिकारियों को भेजा जाता है। जिला अधिकारियों से परियोजना अधिकारी, परियोजना अधिकारी से सुपरवाइजर और सुपरवाइजर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तक पहुचता है। अभिभावकों के लिए विभाग से प्राप्त आॅडियों संदेश भी पर्यवेक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा स्मार्ट फोन में भेजा जा रहा है।
इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इन संदेशों आॅडियों को पालकों को सुनाती है। इसमें बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन होने पर सजग रहने, उनके साथ गुणवत्तापूर्वक समय बिताने, उनकी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, रचनात्मक, सृजनात्मक विकास करने हेतु यह कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा हैं। बेमेतरा जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के सभी आंगनबाड़ी में कार्यक्रम संचालित हो रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक के गृहभ्रमण के द्वारा यह वीडीयों सहपरिवार सहित वीडीयों दिखाया जा रहा है।
इन आॅडियो मैसेज में बच्चों के सही परवरिश के सुझाव के साथ बच्चों को अपनी कहानी सुनाने, ढेर सारी बात करने, गीत के साथ प्यार दुलार और खेल एवं परिवार में हर्ष का वातावरण निर्मित हुआ है। इस कार्यक्रम की मूल अवधारणा ‘‘सीखे, करके देखे, सिखाएं’’ इस सिद्धांत पर आधारित है। लाॅकडाडन के अवधि के दैरान अभिभावक और बच्चों को एक साथ गुणवत्तापूर्वक समय बिताने का अवसर तो मिला ही है, बच्चों की एकान्तता भी दूर हो रही है और वे गीत, कविता, कहानी इत्यादि के जरिए नैतिक मूल्यों को समझ रहें है। उक्त कार्यक्रम से बच्चों एवं पालको में हर्षाल्लास का वातावरण निर्मित हुआ है।
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