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रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। बैठक में निम्नानुसार निर्णय लिए गए:-
राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और कृषि आदान सहायता हेतु ‘‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘‘ प्रारंभ करने का अनुमोदन किया गया। इस योजना का शुभारंभ आगामी 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि से किया जाएगा। खरीफ 2019 में पंजीकृत एवं उपार्जित रकबे के आधार पर धान, मक्का एवं गन्ना (रबी) फसल हेतु 10 हजार प्रति एकड़ की दर से डीबीटी के माध्यम से किसानों को आदान सहायता अनुदान की राशि उनके खातों में हस्तांतरित की जाएगी।खरीफ 2020 से आगामी वर्षो हेतु धान, मक्का, गन्ना, दलहन-तिलहन फसल के पंजीकृत /अधिसूचित रकबे के आधार पर निर्धारित राशि प्रति एकड़ की दर से किसानों को कृषि आदान सहायता अनुदान दिया जाएगा।अनुदान लेने वाला किसान यदि गत वर्ष धान की फसल लगाया था एवं इस साल धान के स्थान पर योजना के तहत शामिल अन्य फसल लगाता है तो उस स्थिति में किसानों को प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता अनुदान देने का निर्णय लिया गया।
उत्कृष्ठ हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम के शालाओं का संचालन पंजीकृत सोसायटी के माध्यम से करने का निर्णय लिया है। उत्कृष्ट शालाएं सभी जिला मुख्यालय, नगर पालिका और नगर निगम क्षेत्र में न्यूनतम एक-एक होगी। लगभग 40 उत्कृष्ट शालाएं प्रारंभ की जाएंगी।विकासखण्ड मुख्यालयों में 10वीं के बाद 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों के लिए आईटीआई का रोजगारपरक सर्टिफिकेट कोर्स आरंभ करने का निर्णय लिया गया।औद्योगिक नीति 2019-24 में Bespoke Policy के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में बायो-एथेनाल उत्पाद इकाईयों की स्थापना हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज का अनुमोदन किया गया।छत्तीसगढ़ राज्य में उद्योग स्थापना के लिए वांछित अनुमति-सहमति आदि प्रावधानों के सरलीकरण हेतु अध्यादेश प्रारूप का अनुमोदन किया गया।छत्तीसगढ़ राज्य के लिए पिछड़ा वर्ग की समेकित सूची अधिसूचित करने का निर्णय लिया गया।खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान के निराकरण के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर विचार-विमर्श किया गया।छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के कार्डो पर चना/चना दाल वितरण का अनुमोदन किया गया।राज्य में कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के उपायों के तहत चने का उपार्जन तत्काल किए जाने की आवश्यकता को देखते हुए माह अप्रैल से जून 2020 तक आवश्यक चने का उपार्जन नाफेड द्वारा प्रस्तावित दरों पर किए जाने का अनुमोदन किया गया।सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्राहियों को एक माह से अधिक का खाद्यान्न वितरण एक साथ करने का अनुमोदन किया गया।खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 के लिए धान उठाव हेतु लोडिंग एवं अनलोडिंग दर पृथक से स्वीकृत करने का अनुमोदन किया गया।कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव के उपायों के तहत छ.ग. राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन के फलस्वरूप यात्री वाहनों, माल वाहनों, स्कूल व सिटी बसों एवं प्राईवेट सेवायान बसों के देय मासिक/त्रैमासिक कर में आंशिक छूट के साथ जमा करने की छूट अवधि को 30 जून तक बढ़ाने और बसों के दो माह और ट्रकों के एक माह के टैक्स की राशि माफ करने का निर्णय लिया गया।नजूल के स्थायी पट्टों की भूमि को फ्री-होल्ड किए जाने का शर्तो सहित अनुमोदन किया गया।बोधघाट बहुउद्देशीय परियोजना के सर्वेक्षण इन्वेस्टिगेशन और डी.पी.आर. तैयार करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।छत्तीसगढ़ राज्य में कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए देशी और विदेशी मदिरा के विक्रय पर ‘विशेष कोरोना शुल्क‘ अधिरोपित करने का निर्णय लिया गया। जिसके तहत देशी मदिरा पर 10 रूपए प्रति बोतल तथा समस्त प्रकार की विदेशी मदिरा (स्प्रिट/माल्ट) के फुटकर विक्रय दर की 10 प्रतिशत की दर से विशेष कोरोना शुल्क अधिरोपित किया जाएगा।छत्तीसगढ़ सरकार सभी शहरी परिवारों को दो कमरों का पक्का आवास दिलवाने हेतु प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में आज मोर जमीन-मोर मकान योजना के तहत 40 हजार अतिरिक्त आवास बनाने का निर्णय लिया गया।इसके साथ ही मोर आवास-मोर चिन्हारी योजना के तहत अब किराएदारों को भी समाहित करते हुए न्यूनतम दर पर आवास उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया।
प्रदेश के विभिन्न नगरीय निकायों में स्वयं की निधि अथवा अन्य किसी भी मद से शासकीय भूमि पर निर्मित दुकानों के आबंटन हेतु एक बार में एकमुश्त निबटान का निर्णय लिया गया। जिस शासकीय भूमि पर दुकान निर्मित है उस भूमि का आबंटन के लिए आयुक्त/मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा मांग किए जाने पर एक रूपए प्रति वर्गफूट की दर पर कलेक्टर द्वारा आबंटित की जाएगी।अन्य प्रशासकीय निर्णय:-
1. लॉकडाउन की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के सामान्य परिवारों एपीएल को भी रिफाइन्ड आयोडाईज्ड नमक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित करने का निर्णय लिया गया। एपीएल राशनकार्ड पर 10 रूपए प्रति किलो की दर से अधिकतम दो किलो नमक प्रति राशनकार्ड प्रति माह एक जून से प्रदान किया जाएगा।इस योजना को लागू करने से राज्य के लगभग 9.04 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्तमान में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य के 56 लाख राशनकार्डधारकों को पात्रतानुसार रिफाइन्ड आयोडाईज्ड नमक का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है।
2. राज्य सरकार द्वारा जमीनों की खरीदी-बिक्री की शासकीय गाइडलाईन की दरों में 30 प्रतिशत की छूट जो 30 जून 2020 तक दी गयी थी, जिसे अब पूरे वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है।
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए एक विजन रखा है। वह बता रहीें हैं कि 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में किन-किन क्षेत्रों में और किसे कितनी राशि दी जाएगी।
MSME के लिए उठाए बड़े कदम
एमएसएमई को फंड्स ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है जिससे 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन होगी।एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का बिना गांरटी का लोन दिया जाएगा। इससे 45 लाख एमएसएमई को फायदा होगा।छोटे उद्योग को मिलेगा 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी लोन।41 करोड़ जनधन अकाउंट होल्डर्स के खाते में डीबीटी ट्रांसफर किया गया।कुटीर-लघु उद्योगों के लिए कोलैटरल फ्री लोन।एमएसएमई को फंड्स ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है जिससे 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन होगी।
EPF कर्मचारियों को बढ़ी राहत
EPF सहयोग 3 और महीने के लिए बढ़ा।15 हजार तक सैलरी वाले कर्मचारियों के लिए सरकार EPF में 24% करेगी योगदान।जून, जुलाई, अगस्त तक ईपीएफ का भुगतान करेगी सरकार।कंपनियां अब 12 फीसदी के बजाय 10 फीसदी EPF जमा करेंगी।72.22 लाख कर्मचारियों को होगा फायदा।आत्मनिर्भर भारत के 5 पिलर हैं
समाज के कई वर्गों से बातचीत कर पैकेज तैयार किया गया।कई विभागों, मंत्रालयों के अलावा पीएम मोदी खुद इस पैकेज पर चर्चा में शामिल रहे।पीएम मोदी ने समाज के विभिन्न समूहो, नेताओं और मंत्रालयों के साथ चर्चा करने के बाद इस पैकेज की घोषणा की है।पैकेज के जरिए देश को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश है।आत्मनिर्भर भारत के 5 पिलर हैंः इकॉनमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड।लोगों के खाते में पहुंच रहे पैसे
डीबीटी के जरिए लोगों के खाते में सीधे पैसे पहुंच रहे हैं, किसी को बैंक तक जाने की जरूरत भी नहीं पड़ रही है।पिछले कार्यकाल में कई योजनाएं आर्थिक सुधार से जुड़ी हुई थी।पीएम फसल बीमा योजना, फिशरी डिपार्टमेंट बनाना, पीएम किसान योजना जैसे सुधार कृषि क्षेत्रों के लिए किए गए हैं। -
गोरखपुर: अलीगढ़ जिला प्रशासन ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के निलंबित डॉक्टर कफील खान पर लगाए किए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) की अवधि तीन महीने के लिए बढ़ा दी है. अलीगढ़ के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए मंगलवार को बताया डॉक्टर कफील पर लागू रासुका की अवधि को तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है, क्योंकि उन्हें रिहा किए जाने पर कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है.
बता दें कि बीती 29 जनवरी को उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ एएमयू में दिसंबर में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में डॉ. कफील को मुंबई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था. वहां वे सीएए विरोधी रैली में हिस्सा लेने गए थे. कफील को गत 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी, लेकिन आदेश के तीन दिन बाद भी जेल प्रशासन ने उन्हें रिहा नहीं किया था. उसके बाद कफील के परिजन ने अलीगढ़ की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अवमानना याचिका दायर की थी. अदालत ने 13 फरवरी को फिर से रिहाई आदेश जारी किया था, मगर अगली सुबह जिला प्रशासन ने कफील पर रासुका के तहत कार्यवाही कर दी थी. उसके बाद से कफील मथुरा जेल में बंद हैं.
कफील के भाई अदील खान ने रासुका की अवधि बढ़ाए जाने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस वक्त पूरे भारत में लॉकडाउन है. सारे कॉलेज, विश्वविद्यालय और यहां तक कि हवाईअड्डे भी बंद हैं, ऐसे में डॉक्टर कफील कैसे और कहां जाकर अशांति फैला सकते हैं?
उन्होंने डॉक्टर कफील को राजनीति का शिकार बनाए जाने का अंदेशा जाहिर करते हुए कहा कि कफील को जेल में 102 दिन हो गए हैं, उन्हें हृदय संबंधी दिक्कतें हैं, लेकिन उनका अभी तक किसी विशेषज्ञ से चेकअप नहीं कराया गया है, जबकि इस बारे में जेल प्रशासन से कई बार गुजारिश की जा चुकी है. -
लखनऊ : उत्तर प्रदेश से भाजपा विधायक ने अधिकारियों को जूता मारने की धमकी दी है। दरअसल महोबा जिले से पार्टी के विधायक बृजभूषण राजपूत भेष बदलकर गेहूं खरीद केंद्र पहुंचे थे, यहां पर उन्होंने अपनी फसल बेचने की बात कही थी। इसपर अधिकारी ने विधायक से घूंस मांगी थी। गेहूं खरीद में अधिकारियों द्वारा कमीशन लिए जाने का विधायक ने स्टिंग किया था। उसी स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी करते हुए विधायक ब्रजभूषण राजपूत काफी उत्तेजित हो गए।
अधिकारियों को जूता मारने की धमकी देते हुए कहा था कि अगर सम्मान पर बात आई तो बर्दास्त नही किया जाएगा। जूता चलेगा। अगर अधिकारी किसानों से घुस मांगेंगे तो मैं अपना जूता चलाऊंगा। अगर मेरे खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाना है तो कर लो। -
लखनऊ : जिस साधु के सपने के आधार पर आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) जैसी प्रतिष्ठित संस्था साल 2013 में कई दिनों तक 1000 टन सोने के खजाने की खोज में खुदाई करती रही, उस साधु का बुधवार को कानपुर में निधन हो गया. इन साधु का नाम है शोभन सरकार. सरकार के निधन से उनके भक्तों में शोक की लहर है. कानपुर देहात के शिवली कोतवाली क्षेत्र के बैरी में बने उनके आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए भक्त पहुंच रहे हैं.
बता दें कि अक्टूबर 2013 में शोभन सरकार ने दावा किया था कि यूपी के उन्नाव में राजा राव राम बख्श सिंह के किले में एक हजार टन सोने का खजाना दबा हुआ है. बाबा का उन्नाव के आसपास बहुत प्रभाव था. किले के पास शोभन सरकार का आश्रम भी था. इसके बाद ही साधु शोभन सरकार ने सरकार से सोना निकलवाने की बात कही थी. उसके बाद सरकार ने उनके सपने को सच मानते हुए खजाने को खोजने के लिए खुदाई भी शुरू करवा दी. हालांकि कई दिनों तक चली खुदाई के बाद भी खजाना नहीं मिला था.
एक साधु के सपने के आधार पर खजाने की खोज पर उस समय केंद्र व प्रदेश सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी. तत्कालीन विहिप के नेता अशोक सिंघल ने कहा था कि सिर्फ एक साधु के सपने के आधार पर खुदाई करना सही नहीं है. वहीं, खजाने की खुदाई के दौरान कई दावेदार भी सामने आ गए थे. राजा के वंशज ने भी उन्नाव में डेरा जमा दिया था. वहीं ग्रामीणों ने भी खजाने पर दावा किया था.
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नई दिल्ली: देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यहां Covid-19 संक्रमितों का कुल आंकड़ा बढ़कर 74,000 के पार पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोनावायरस से अब तक 2415 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमितों की संख्या 74,281 हो गई है. वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3525 नए मामले सामने आए हैं और 122 लोग इसकी वजह से जान गंवा चुके हैं. इस बीमारी से अब तक 24386 मरीज ठीक हो चुके हैं. वहीं, रिकवरी रेट लगातार सुधर कर 32.82 प्रतिशत पर पहुंच गया है. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया है, जो 17 मई तक प्रभावी रहेगा.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन झेल रहे देश की आर्थिक हालत सुधारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है. इसी को आर्थिक पैकेज को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी. वह इस पैकेज के बारे में विस्तार से बताएंगी.
मंगलवार की रात 8 बजे देश के नाम संबोधन देने आए पीएम मोदी ने कहा कि इस पैकेज का इस्तेमाल देश के हर वर्ग किसान, मजदूर, लघु उद्योगों और कामगारों की मदद के लिए मदद किया जाएगा. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस की वजह से देश की आर्थिक गतिविधियों को ज्यादा नहीं रोका जा सकता है. अब हमें दो गज की दूरी और तमाम दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इसके साथ ही रहना सीखना होगा.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से जंग अभी लंबी चलने वाली है. फिलहाल पीएम मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज के ऐलान के बाद लोगों के मन में चार सवाल हैं जिसे वे जानना चाहते हैं.
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थर्मल स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद भेजे जा रहे हैं क्वारेंटीन सेंटर
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लॉकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ से बाहर देश के अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों लगभग 32 हजार 11 श्रमिकों को सकुशल छत्तीसगढ़ वापस लाया गया है। प्रशासन द्वारा फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए उनकी स्वास्थ्य जांच की गई। श्रमिकों को क्वॉरेंटीन सेंटर ले जाने के लिए बसें तैयार की गई हैं। संबंधित गांवों में उन्हें क्वारेंटीन पर रखने की तैयारी भी कर ली गई है। राज्य शासन द्वारा इन श्रमिकों को वाहन एवं अन्य माध्यमों से छत्तीसगढ़ लाया गया। प्रत्येक यात्री के स्वास्थ्य की जांच थर्मल स्कैनिंग के जरिये की जा रही है। ऐसे प्रत्येक व्यक्ति का सैम्पल लिया जा रहा है जिन्हें सर्दी, खांसी या बुखार की शिकायत है। वाहन एवं अन्य माध्यमों से आये इन श्रमिकों को उनके गतव्य तक पहुंचाने के लिए संबंधित जिलों तक बसों की व्यवस्था की गई है। बसों को भी सैनेटाइज किया गया है और उनमें 20-22 यात्रियों को ही ले जाया जा रहा है, ताकि फिजिकल डिस्टेंसिंग बनी रहे।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि देश के 21 राज्यों एवं 4 केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे हुए छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के श्रमिकों को सकुशल गृह राज्य लाया जा रहा है। इनमें महासमुंद जिले के 2 हजार 986 श्रमिक, बलौदाबाजार के 634 श्रमिक, गरियाबंद जिले के 140 श्रमिक, धमतरी के 33 श्रमिक, बिलासपुर के 5 हजार 286 श्रमिक और मुंगेली जिले के 4 हजार 581 श्रमिकों को वाहन एवं अन्य माध्यमों से सकुशल छत्तीसगढ़ लाया गया है। इसी प्रकार कोरबा जिले के तीन श्रमिक, जांजगीर-चापा के 651 श्रमिक, रायगढ़ के 2 हजार 958 श्रमिक, कबीरधाम (कर्वाधा) के 192 श्रमिक, बेमेतरा के एक हजार 290 श्रमिक, दुर्ग के 461 श्रमिक, बालोद जिले के एक हजार 209 श्रमिक और राजनांदगांव जिले के 5 हजार 857 श्रमिकों को सकुशल निवास राज्य लाया गया है। इसी तरह बलरामपुर जिले के 182 श्रमिक, सूरजपुर के 238 श्रमिक, जशपुर के 75 श्रमिक, कांकेर एवं नरायणपुर के 6-6 श्रमिक, कोण्डागांवा के 151 श्रमिक, जगदलपुर (बस्तर) के 194 श्रमिक, दंतेवाड़ा के एक हजार 798 श्रमिक, बीजापुर के 2 हजार 485 श्रमिक और सुकमा जिले के 601 श्रमिकों को सकुशल छत्तीसगढ़ लाया गया है। -
रायपुर : लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण राज्य एवं राज्य से बाहर फंसे हुए 3 लाख से अधिक जरूरतमंद श्रमिकों को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया के निर्देश पर तत्काल राहत पहुंचाई गई है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए देश भर में किये गये लॉकडाउन के दौरान श्रम मंत्री डॉ. डहरिया के निर्देश पर श्रम विभाग द्वारा स्थापित हेल्पलाईन सहित अन्य स्त्रोतों से मिली सूचना के आधार पर राज्य में तथा राज्य के बाहर 12 मई की स्थिति में करीब 3 लाख जरूरतमंद श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान किया गया है।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण देश के अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के 2 लाख 20 हजार 197 श्रमिक वापस अपने गृहग्राम आना चाहते हैं। जिसमें उत्तरप्रदेश में फंसे 38 हजार 966 श्रमिक, महाराष्ट्र से 35 हजार 385, तेलंगाना से 34 हजार 520, जम्मू-कश्मीर से 23 हजार 311 एवं गुजरात से 28 हजार 344 श्रमिक सहित अन्य राज्यों में फंसे श्रमिक एवं अन्य लोग शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन द्वारा अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों को वापस लाने के लिए ऑनलाइन लिंक जारी किया गया है। ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था के तहत अब तक 2 लाख 6 हजार 730 लोगों ने पंजीयन करवाया है, इनमें एक लाख 88 हजार 445 श्रमिक तथा शेष छात्र, तीर्थ-यात्री, पर्यटक एवं अन्य लोग शामिल है। शासन द्वारा अन्य प्रदेशों में छत्तीसगढ़ के संकटापन्न प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए 12 मई से 17 मई तक 21 ट्रेनें चलायी जा रही है। अब तक वाहन एवं अन्य माध्यमों से अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों को गृहग्राम वापस लाया जा चुका है। छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों के फंसे हुए लगभग 30 हजार 422 श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजा गया है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के भीतर ही लगभग 5 हजार 692 श्रमिकों को एक जिले से अपने गृह जिला तक पहुंचाया गया है।
छत्तीसगढ़ के 2 लाख 20 हजार 197 प्रवासी श्रमिक तथा छात्र, तीर्थ यात्री, पर्यटक एवं अन्य लोगों को जो देश के राज्यों में होने की सूचना मिलने पर उनके द्वारा बताई गई समस्याओं का त्वरित निदान करते हुए उनके लिए भोजन, राशन, नगद, नियोजकों से वेतन तथा रहने एवं चिकित्सा आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर (राशन एवं नगद) आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। इनमें 26 हजार 102 श्रमिकों को 34 करोड़ 61 लाख 51 हजार 267 रूपए बकाया वेतन का भुगतान कराया गया है। लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 94 हजार 15 श्रमिकों को पुनः रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वहीं छोटे-बड़े 1234 कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हो गया है।
श्रम विभाग के सचिव एवं नोडल अधिकारी श्री सोनमणि बोरा के मार्गदर्शन में राज्य एवं राज्य के बाहर फंसे जरूरत मंद श्रमिकों को श्रम विभाग के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन द्वारा अन्य राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों, नियोक्ताओं, प्रबंधकों एवं संबंधित श्रमिकों से समन्वय कर भोजन, रहने-खाने, चिकित्सा सहित अन्य आवश्यकताओं और समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। साथ ही श्रमिकों एवं अन्य लोगों की आग्रह पर छत्तीसगढ़ से बाहर फंसे लोगों को छत्तीसगढ़ लाने की कार्यवाही की जा रही है। वहीं छत्तीसगढ़ में फंसे अन्य राज्यों के श्रमिकों तथा अन्य लोगों को उनके गृह राज्य भी भेजा रहा है। कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) के माध्यम से अब तक प्रदेश में 42 क्लीनिक संचालित है। जिसमें 49 हजार 899 श्रमिकों का उपचार कर दवा आदि का वितरण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य स्तर पर 24ग्7 हेल्पलाईन (0771-2443809), (91098-49992), (75878-22800) स्थापित किया गया है। इसी प्रकार समस्त 27 जिलों में भी हेल्पलाईन नम्बर स्थापित किये गये है। -
नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ भारतीय मजूदर संघ ने राज्य सरकार की ओर से श्रम कानूनों में ढील दिए जाने का विरोध किया है। बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में श्रम कानून बदले जाने का विरोध करते हुए बीएमएस ने अपनी स्टेट यूनिट्स को विरोध करने को कहा है। यही नहीं भारतीय मजदूर संघ ने राज्यों की अपनी यूनिट से कहा है कि वे मुख्यमंत्रियों को इस संबंध में ज्ञापन सौंपें और इनके श्रम कानूनों में एकतरफा बदलाव न करने की अपील करें। बीजेपी शासित यूपी और मध्य प्रदेश ने श्रम कानूनों में ढील का प्रस्ताव रखा है, जिसका विरोधी दलों के साथ ट्रेड यूनियनों ने विरोध किया है।
मजदूर संघ के अध्यक्ष बृजेश उपाध्याय ने सोमवार को राज्यों की यूनिट से कहा कि वे मुख्यमंत्रियों से कहें कि श्रम कानूनों में किसी भी तरह के बदलाव को लेकर ट्रेड यूनियनों को भी भरोसे में रखा जाए। बृजेश उपाध्याय ने कहा, ‘श्रम कानूनों को स्थगित करने की बजाय यह श्रमिकों की समस्याओं को तत्काल हल करने का है। जिन्हें कोरोना से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते अपनी नौकरियों, आजीविका के संकट से गुजरना पड़ रहा है।’
उपाध्याय ने कहा कि राज्य सरकारें यह नहीं बता पाई हैं कि आखिर श्रम कानून कैसे आर्थिक गतिविधियों में बाधक हैं और आखिर किन परिस्थितियों के चलते श्रम कानूनों को स्थगित करना पड़ रहा है। दरअसल पिछले सप्ताह ही उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन नियमों को छोड़कर सभी श्रम कानूनों को तीन साल के लिए स्थगित करने का फैसला लिया था। इस अध्यादेश में करार के साथ नौकरी करने वाले लोगों को हटाने, नौकरी के दौरान हादसे का शिकार होने और समय पर वेतन देने जैसे तीन नियमों को छोड़कर अन्य सभी श्रम कानूनों को तीन वर्ष के लिए स्थगित कर दिया गया है।
मजदूरों के बीच काम करने वाले आरएसएस के संगठन ने पिछले ही दिनों सरकार को यह चेतावनी दी थी कि भारत चीन के मॉडल पर श्रम कानूनों के मामले में आगे नहीं बढ़ सकता। बीएमएस ने कहा था कि भारत में लोकतंत्र है और यहां के हालात की तुलना चीन जैसे साम्यवादी तानाशाही देश से नहीं की जा सकती है। -
नई दिल्ली : कोरोना वायरस संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे। लॉकडाउन खत्म होने से ठीक पांच दिन पहले पीएम मोदी देश को एक बार और संबोधित करेंगे। बता दें कि, कोरोना लॉकडाउन का मौजूदा कार्यकाल 17 मई को खत्म हो रहा है।
गौरतलब है कि, कोरोना वायरस का कहर देश में थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। देश में मंगलवार (12 मई) को कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 2,293 तक पहुंच गई है जबकि संक्रमितों की संख्या 70,756 हो गई है। सोमवार सुबह आठ बजे से 24 घंटे के भीतर 3,604 नए मामले सामने आए हैं और 87 लोगों की मौत हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोविड-19 के 46,008 मरीजों का उपचार हो रहा है जबकि 22,454 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं। -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य के अंदर आर्थिक गतिविधियों के संचालन के निर्णय का अधिकार राज्य सरकार को मिलना चाहिए। उन्होंने यह बात आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कोरोना वायरस की रोकथाम और राज्यों में आर्थिक गतिविधियों के संचालन तथा श्रमिकों एवं ग्रामीणों को रोजगार मुहैया कराने के संबंध में महत्वपूर्ण उपयोगी सुझाव दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के निर्धारण का दायित्व राज्य सरकारों को दिया जाना चाहिए। श्री बघेल ने कहा कि रेल सेवा शुरू होने से वर्तमान स्थिति में बदलाव आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेगुलर ट्रेन और हवाई सेवा, अंतर राज्यीय बस परिवहन की शुरुआत राज्य सरकारों से विचार विमर्श कर किया जाना चाहिए। उन्होंने श्रमिकों के परिवहन के लिए राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) से राशि व्यय किये जाने की अनुमति देने का भी सुझाव दिया। वीडियों कांफ्रेंसिंग में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते राज्य में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। जिससे राजस्व की हानि हुई है। तालाबंदी से समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने राज्य का वित्तीय घाटा भी इस वर्ष अपवाद के रूप में जीएसडीपी का 5 प्रतिशत के बराबर रखे जाने तथा उधार की सीमा जीएसडीपी के 6 प्रतिशत तक शिथिल करने का आग्रह किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य को 30 हजार करोड़ रुपए की सहायता दिए जाने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री केयर फंड में छत्तीसगढ़ राज्य के औद्योगिक संस्थानों द्वारा बड़ी राशि दान दी गई है। इस संकट की घड़ी में छत्तीसगढ़ के जरूरत मंद लोगों को राहत पहुंचाने के लिए यह राशि राज्य को अंतरित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है। धान यहां की प्रमुख उपज है। एफसीआई द्वारा राज्य से 24 लाख मैट्रिक टन चावल लिया गया है, उन्होंने इसे बढ़ाकर 31.11 लाख मैट्रिक टन किए जाने की अनुमति देने का भी आग्रह प्रधानमंत्री से किया।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों की तरह पुलिस, नगर निगम, जिला प्रशासन एवं अन्य विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों को भी पीएम गरीब कल्याण पैकेज में शामिल करने का आग्रह किया। मनरेगा के तहत 100 दिन के रोजगार दिए जाने का प्रावधान 200 दिन करने का आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से छत्तीसगढ़ राज्य में लाखों की संख्या में ऐसे श्रमिक हैं, जो 100 दिन का रोजगार पूरा करने की स्थिति में आ गए हैं। इसमें बढ़ोतरी किए जाने से उन्हें मई और जून माह में भी गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा। कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग के लिए आईसीएमआर की गाइडलाइन के अतिरिक्त और भी टेस्टिंग की गाइडलाइन जारी करने का अनुरोध उन्होंने किया। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य के कोल ब्लॉकों से कोयला मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जमा कराई गई 4 हजार 140 करोड़ रुपए की अतिरिक्त लेवी की राशि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार राज्य सरकार को अंतरित करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा महामारी की रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर काम करना होगा, तभी इसमें सफलता मिलेगी। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में सहयोग के लिए भारत सरकार तथा अन्य राज्य के मुख्यमंत्रियों का भी धन्यवाद ज्ञापित किया। श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ के मजदूर जो लॉकडाउन दौरान अन्य राज्यों में फंसे थे, उस अवधि में उनकी मदद के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों का भी आभार जताया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में कोरोना के 6 मरीज हैं। राज्य में कुल 59 मरीज थे, जिसमें से 53 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में रिकवरी रेट 90 प्रतिशत से अधिक है। अब तक राज्य में 25 हजार 282 कोरोना वायरस टेस्ट किए जा चुके हैं। राज्य में 24 हजार 605 लोग को क्वारेंटीन किया गया हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के श्रमिकों को वापस लाने के लिए आज पहली ट्रेन गुजरात से आई है। आने वाले सभी श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। उन्हें क्वॉरेंटाइन में भी रखने की व्यवस्था राज्य सरकार ने की है। छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में 16 हजार 499 और शहरी क्षेत्रों में 623 क्वारेन्टाइन सेंटर बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पूर्वानुमान लगाकर काम किया है, यही वजह है कि छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना वायरस का फैलाव नियंत्रण में रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में कामकाज शुरू हो चुका है। इसकी बदौलत इनके 91 हजार 997 श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के मजदूरों को वापस लाने के लिए कुल 28 ट्रेनों की अनुमति मांगी थी। जिसमें से 15 की स्वीकृति मिली है। श्रमिकों, छात्रों, बीमार व्यक्तियों को अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ लाने का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग एक लाख 24 हजार मजदूर अन्य राज्यों में है, जब कि छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों के मजदूरों की संख्या लगभग 35 हजार है।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य में मनरेगा के तहत ग्रामीणों को मिल रहे रोजगार के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि पूरे देश में मनरेगा के तहत 24 प्रतिशत की भागीदारी छत्तीसगढ़ राज्य की है। राज्य की 9 हजार 883 ग्राम पंचायतों में वर्तमान में 20 लाख से अधिक ग्रामीणों को उनके गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों की मदद के लिए राजीव गांधी न्याय योजना के अंतर्गत 5100 करोड़ रुपए की राशि का वितरण राज्य सरकार द्वारा शुरू किया जा रहा है। उन्होंने लघु वनोपज संग्रहण के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि छत्तीसगढ़ और लघु वनोपज संग्रहण के मामले में देश का अग्रणी राज्य है। लघु वनोपजों के कुल संग्रहण का 90 फीसदी हिस्सा छत्तीसगढ़ में संग्रहित हुआ है। संग्रहण कर्ताओं को 28.07 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है। वन विभाग के विभिन्न योजनाओं में कुल 6 लाख 42 हजार 949 वनवासियों को रोजगार भी प्रदान किया है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी. एस. सिंहदेव, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, मुख्य सचिव आर. पी. मंडल, पुलिस महानिदेशक डी. एम. अवस्थी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव स्वास्थ्य श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, उप सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय सुश्री सौम्या चौरसिया सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
नई दिल्ली : रिलायंस ग्रुप के मुखिया अनिल अंबानी ने कर्ज से निपटने के लिए अब अपनी दो बिजली कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया है। अब तक उनकी इन कंपनियों में हिस्सेदारी के लिए ब्रूकफील्ड एसेट मैनेजमेंट, ग्रीनको एनर्जी, टॉरेंट पावर समेत 8 कंपनियां दिलचस्पी दिखा चुकी हैं। अनिल अंबानी ने दिल्ली में बिजली वितरण का काम कर रहीं BSES राजधानी और यमुना डिस्कॉम्स को की हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया है। Mint की रिपोर्ट के मुताबिक अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप का हिस्सा रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी इन दोनों कंपनियों को बेचने के लिए केपीएमजी को हायर किया गया है। सूत्रों के मुताबिक अनिल अंबानी ने इन कंपनियों को बेचने के लिए केपीएमजी को उपयुक्त खरीददार तलाशने और डील कराने की जिम्मेदारी दी है।
अनिल अंबानी इन दोनों ही कंपनियों में 51 फीसदी की हिस्सेदारी बेचने का प्लान बना रहे हैं। राजधानी दिल्ली में दोनों कंपनियों के मिलाकर 44 लाख ग्राहक हैं। बिजली कंपनी बेचने का अनिल अंबानी का यह पहला फैसला नहीं है। इससे पहले वह मुंबई में अपनी बिजली वितरण कंपनी को अडानी ग्रुप की अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड को बेच चुके हैं। -
गुजरात में एक समाचार पोर्टल के संपादक के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने अपने पोर्टल पर खबर चलाई थी कि भाजपा आलाकमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के स्थान पर केंद्रीय मंत्री मंसुख मंडाविया को मुख्यमंत्री बना सकता है।
समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद अपराध शाखा ने ‘फेस ऑफ नेशन’ समाचार पोर्टल के संपादक धवल पटेल के खिलाफ शुक्रवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए (राजद्रोह) और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
सहायक पुलिस आयुक्त बीवी गोहिल ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से पटेल को गिरफ्तार नहीं किया गया है, बल्कि हिरासत में लिया गया है और उन्हें कोरोना वायरस की जांच के लिए एसवीपी अस्पताल भेजा गया है। -
मीडिया रिपोर्टनई दिल्ली : कोरोना लॉकडाउन के बीच झारखंड के दुमका जिले में सोमवार (11 मई) को काठीकुण्ड थानाक्षेत्र के झिलीमिली गाँव में बकरी चोरी के आरोप में भीड़ ने दो लोगों की कथित तौर पर जमकर पिटाई कर दी जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। मॉब लिंचिंग की यह घटना सोमवार की दोपहर में हुई।
पुलिस अधीक्षक अम्बर लकड़ा ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि बकरी चोरी के आरोप में ग्रामीणों ने एक व्यक्ति की पीटकर हत्या कर दी, जबकि दूसरा घायल है। पुलिस ने दोनों पक्षों पर प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को किसी से जानकारी मिली कि दो लोग बकरी चोरी करके ले जा रहे हैं जिसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया और उनकी जमकर पिटाई की। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि दूसरा घायल हो गया जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी इलाज चल रहा है।
ग्रामीणों द्वारा दो युवकों की जमकर पिटाई की सूचना मिलते ही काठीकुंड़ थाना की पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है। पुलिस का कहना है कि, कानून हाथ में लेने वाले को बख्शा नहीं जाएगा, आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएंगी। -
श्रीनगर। कश्मीर में 2जी इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है, छह दिन बाद सोमवार आधी रात यह सेवा शुरू हो गई है, बता दें कि हिज्बुल आतंकवादी रियाज नायकू के मारे जाने के बाद इंटरनेट सेवा रोक दी गई थी, हालांकि पुलवामा और शोपियां इन दो जिलों में इंटरनेट सेवा अभी भी बंद रहेंगी, दरअसल जम्मू-कश्मीर सरकार ने कल ही अपने आदेश में कहा था कि पुलवामा और शोपियां जिलों को छोड़कर, कश्मीर घाटी में तुरंत मोबाइल डेटा सेवाओं को बहाल किया जाएगा, हालांकि, केंद्र शासित प्रदेश में इंटरनेट स्पीड केवल 2G तक ही सीमित रहेगी. यह आदेश 12 मई से लागू होगा।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबल के जवानों ने हिज्बुल के कमांडर रियाज नायकू को मार गिराया गया था, सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इस मुठभेड़ को अंजाम दिया गया था, इस दौरान अफवाह फैलने से रोकने और इलाके में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए इंटरनेट सेवा बंद की गई थी, जिसे कि अब स्थिति सामान्य होने पर बहाल कर दिया गया है। -
नई दिल्ली: रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की ओर से दायर याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। ये याचिका हाल ही में मुंबई में दायर हुई FIR को रद्द करने के लिए दायर की गई थी। इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया। साथ ही अर्नब गोस्वमी की गिरफ्तारी पर रोक बरकरार रहेगी। इससे पहले कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए थे।
दरअसल दो मई को अर्नब गोस्वामी के खिलाफ मुंबई में एक मामला दर्ज करवाया गया था। ये मामला 14-15 तारीख को प्रसारित हुए उनके कार्यक्रम को लेकर दर्ज किया गया था। जिस वजह अर्नब गोस्वामी के वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। साथ ही इस FIR को रद्द करने की मांग की। इस याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। साथ ही उनको दी गई सुरक्षा की अवधि को आगे बढ़ा दिया। -
नई दिल्ली: दिल्ली की तिहाड़ जेल में बलात्कार के आरोपी और उसके साथ जेल में बंद दो कैदियों को क्वॉरंटाइन किया गया है. दरअसल 7 मई को बलात्कार के इस आरोपी को तिहाड़ जेल लाया गया था. जिसे दो अन्य कैदियों के साथ जेल नंबर दो में रखा गया था.
नौ मई को तिहाड़ जेल प्रशासन को यह पता चला कि बलात्कार के इस केस में शिकायतकर्ता लड़की कोरोना पॉजिटिव आयी है. इसलिए जेल प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए इन तीनों कैदियों को जेल स्टाफ और बाकी तमाम कैदियों से अलग रखते हुए क्वॉरंटाइन कर दिया है. तिहाड़ जेल के अधिकारियों का कहना है कि तीनों कैदियों का कोरोना टेस्ट करवाया गया है लेकिन फिलहाल अभी तक इनकी रिपोर्ट नहीं आई है.