राष्ट्रीय राजमार्गों एवं राज्य राजमार्गों में ग्रामीण क्षेत्र में अर्थात् नगरीय निकाय सीमा क्षेत्र के बाहर टायर मरम्मत की दुकानें खुली रहेंगी
ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल हेतु बोर खनन, हैंडपंप खनन तथा मनरेगा कार्यों की अनुमति होगी
मनरेगा के अंतर्गत सिंचाई तथा जल संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता पर जोर दी जाए
महासमुंद : कोरोना वायरस (कोविड-19) एक संक्रामक बीमारी हैं। इसके संभाव्य प्रसार को देखते हुए इसके प्रसार को रोकने के लिए तथा इस पर नियंत्रण के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन ने 09 अप्रैल 2020 को आदेश जारी किए थे, जिसके तहत् जिले के समस्त सीमा क्षेत्र के अंतर्गत संक्रमण से बचाव एवं स्वास्थ्यगत आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए 03 मई 2020 रात्रि 12ः00 बजे तक जिले में पूर्णतया तालाबंदी (लाॅकडाउन) का आदेश जारी किया गया हैं।
जारी आदेश में उन्होंने कहा है कि कार्यालय, प्रतिष्ठान, सेवाओं को पूर्णतया तालाबंदी (लाॅकडाउन) के प्रतिबंध से शर्तों के अधीन छूट प्रदान की गई है। गृह मंत्रालय, भारत सरकार के आदेश के परिपालन में वर्णित सूची में वृद्धि करते हुए निम्न कार्यालय, प्रतिष्ठान, सेवाओं को भी शर्तों के अधीन पूर्णतया (लाॅकडाउन) से छूट प्रदान की जाती है। राष्ट्रीय राजमार्गों एवं राज्य राजमार्गों में ग्रामीण क्षेत्र में अर्थात् नगरीय निकाय सीमा क्षेत्र के बाहर टायर मरम्मत की दुकानें खुली रहेंगी। इसी तरह कृषि एवं संबंधित गतिविधियां जैसे सभी कृषि एवं उद्यानिकी की निम्नानुसार गतिविधियां संचालित रहेंगी इनमें किसानों द्वारा कृषि गतिविधियां तथा कृषि मजदूरों द्वारा खेत में कृषि कार्य, न्युनतम उपार्जन मूल्य पर उपार्जन में सम्मिलित एजेंसियों सहित कृषि उत्पादों के उपार्जन में शामिल एजेंसियां, मंडी बोर्ड द्वारा संचालित अथवा राज्य शासन द्वारा अधिसूचित मंडियां एवं उपमंडियां, किसानों या किसानों के समूह (एफपीओ) से निजी क्षेत्र द्वारा सीधे कृषि उत्पाद क्रय प्रक्रिया, ग्राम स्तर से विकेन्द्रीकृत क्रय-विक्रय, कृषि मशीनरी विक्रय, इससे संबंधी स्पेयर पार्ट एवं मरम्मत की दुकानें (सप्लाई चेन) खुली रहेंगी। कृषि मशीनरी से संबंधित कस्टम हायरिंग सेन्टर खाद-उर्वरक, कीटनाशक एवं बीज विनिर्माण, वितरण एवं विक्रय, फसल बोआई एवं कटाई के संबंध में कम्बाईन्ड हार्वेस्टर तथा अन्य कृषि, हार्टिकल्चर मशीनरी उपकरणों का राज्य के भीतर एवं अंतर्राज्यीय परिवहन, वनक्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य वनवासियों द्वारा लघु वनोपज, गैर-काष्ठ वन उत्पाद का संग्रहण, हार्वेस्टिंग तथा प्रसंस्करण गतिविधियां संचालित रहेगी।
इसी तरह मछली पालन संबंधी समस्त गतिविधियां जैसे एक्वाकल्चर उद्योग (जल कृषि), पूरक आहार प्रदाय एवं मरम्मत, मत्स्य उत्पादन, प्रसंस्करण, कोल्डचेन, विक्रय एवं मार्केटिंग, हैचरी, पूरक आहार उत्पादन युनिट, व्यवसायिक उत्पादन, मछली, झींगा के भंडारण एवं परिवहन, मछली बीज पूरक आहार एवं इन सभी गतिविधियों से जुड़े हुए श्रमिक। पशुपालन संबंधित दुध एवं दुध उत्पादों के दूध के संग्रहण, प्रसंस्करण, पैकेजिंग से लेकर वितरण, बिक्री तक सप्लाई चेन पशु फार्म, कुक्कुट पालन एवं हैचरी तथा पशुपालन गतिविधियां जैसे जानवरों के चारे के निर्माण संबंधित युनिट कच्चे माल की आपूर्ति जैसे मक्का एवं सोया, पशु गृह जैसे गौशालाओं का संचालन। ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल हेतु बोर खनन, हैंडपंप खनन तथा मनरेगा कार्यों की अनुमति होगी। इसमें श्रमिकों को सोशल डिस्टेंशिंग तथा चेहरे पर मास्क के अनिवार्य पालन के साथ मनरेगा कार्यों की अनुमति होगी। मनरेगा के अंतर्गत सिंचाई तथा जल संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता पर जोर दी जाए। अन्य केन्द्रीय तथा राज्य क्षेत्र की योजनाओं का क्रियान्वयन जारी रह सकता है तथा मनरेगा के साथ अभिसरण उपयुक्त रूप से किया जा सकता हैं। स्वतः कार्य करने वाले व्यक्तियों जैसे कि इलेक्ट्रीशियन, मोटर मेकेनिक, आईटी रिपेयर, बढ़ई, ए.सी., कूलर रिपेयर इत्यादि की सेवाएं ईट भट्ठे जो ग्रामीण क्षेत्र में स्थित अर्थात नगरीय निकायों की सीमा के बाहर हो। जारी आदेश में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र अर्थात नगरीय निकाय सीमा क्षेत्र से बाहर राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित ढाबा खुलेेंगे, किन्तु ढाबा संचालक ढाबे में बैठाकर खाना नहीं खिला सकेंगे, केवल पैक्ड फूड ही उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा पूर्व के आदेशों एवं इस आदेश के तहत् लाॅकडाउन से छूट प्रदान किए गए कार्यालय, प्रतिष्ठान, सेवाओं के प्रमुखों की यह जिम्मेदारी होगी कि लाॅकडाउन उपायों में सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टंेसिंग), स्वच्छता एवं इस संबंध में भारत सरकार, राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग तथा समय-समय पर अन्य संस्थानों के द्वारा दिए जा रहे निर्देशों का अनिवार्य रूप से अक्षरशः पालन सुनिश्चित करना होगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
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