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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सूरजपुर : शासकीय रेवती रमण मिश्रा स्नातकोत्तर महाविद्यालय सूरजपुर तथा शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय सूरजपुर के संयुक्त तत्वावधान में ’’जनजातीय समाज का ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान’’ विषय पर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती किरण केराम, मुख्य वक्ता के रूप में राम लखन पैकरा, विशिष्ट अतिथि के रूप में संत सिंह, अजय इंगोले, श्रीमती शांति सिंह तथा श्रीमती किरण खेस ने सारगर्भित विचार प्रकट किए।कार्यक्रम की शुरुआत राजकीय गीत तथा जनजातीय विभूतियों के छायाचित्र में माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन देते हुए संस्था के प्राचार्य डॉक्टर एच एन दुबे ने जनजातीय समाज के ऐतिहासिक योगदान विषय पर व्यापक प्रकाश डाला। इसके उपरांत मुख्य वक्ता श्री राम लखन पैकरा तथा श्री अजय इंगोले जी ने जनजाति समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक, आध्यात्मिक तथा आर्थिक योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इतिहास में दर्ज जनजातीय समाज के अनेक वीर पुरुषों के देशभक्ति, त्याग, बलिदान, समर्पण के उच्च मानवीय गुणों को आत्मसात करने के लिए छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया। इस मौके पर विद्यार्थियों ने जनजाति समाज में प्रचलित कर्मा नृत्य एवं सुआ नृत्य का मनमोहक मंचन किया । साथ ही विद्यार्थियों द्वारा जनजाति समाज में प्रचलित विभिन्न प्रकार के व्यंजन जैसे फरा, तीखुर, गुलगुला ,भजिया, खुरमी का स्टाल के माध्यम से प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने प्रतिभागी विद्यार्थियों को पुरस्कृत करके उनका प्रोत्साहन किया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर रश्मि पांडे ने किया।कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष यशवंत सिंह ने उपस्थित विद्यार्थियों को आदिवासी समाज के वीर नायकों के गुणों को अनुकरण करने के लिए प्रेरित करते हुए आभार प्रदर्शन किया। राष्ट्रगान के गायन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस मौके पर शासकीय कन्या महाविद्यालय सूरजपुर के प्राचार्य बृजलाल साहू एवं दोनों महाविद्यालय के प्राध्यापक प्रतिभा कश्यप, डॉ अखिलेश द्विवेदी, डॉ विकेश झा, टी आर राहंगडाले , डॉ विनोद कुमार साहू, दीपचंद एक्का, अनिल चक्रधारी ,रोहित सेठ, पुनीत गुप्ता तथा कार्यक्रम के संयोजक द्वय आनंद कुमार पैकरा एवं दिग्विजय सिंह ,सह संयोजक द्वय डॉक्टर सलीम किस्पोट्टा तथा सुश्री पूजांजली भगत सहित समस्त अधिकारी , कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। -
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सत्य सांई संजीवनी हॉस्पिटल में नवजीवन उपहार कार्यक्रम के तहत 5 बच्चों को स्वस्थ होने पर दी विदाई, मुख्यमंत्री ने प्रदान किए उपहाररायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अटलनगर, नवा रायपुर स्थित सत्य सांई संजीवनी हॉस्पिटल परिसर में श्री सत्य साईं नर्सिंग कॉलेज का उदघाटन किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान बीएससी नर्सिंग की नव प्रवेशी छात्राओं को लैंप लाइटिंग कार्यक्रम में शपथ दिलाई गई, जिसमें उन्हें मानवता की सेवा और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध रहने की प्रतिज्ञा दिलाई गई।मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री सत्य सांई ट्रस्ट के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह अस्पताल सत्य सांई बाबा के आशीर्वाद से माता कौशल्या की धरती और भगवान राम के ननिहाल में बना है। इसका उद्देश्य मानवता की सेवा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित 33 हजार से अधिक बच्चों के जटिल हृदय ऑपरेशन निःशुल्क किए गए हैं, ओपीडी में तीन लाख से ज्यादा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।जिससे छत्तीसगढ़ की देश-विदेश में पहचान बनी है। उन्होंने हॉस्पिटल के विशेषज्ञ चिकित्सकों को इस उपलब्धि के लिए धन्वंतरी अवार्ड से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने संजीवनी अस्पताल की सराहाना करते हुए कहा कि इस अस्पताल में कैश काउंटर नहीं है, लोग निःशुल्क इलाज करवाकर खुशी-खुशी लौटते। यहां लोग पर्स लेकर नहीं आते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अस्पताल का उदघाटन 21 फरवरी को उनके जन्मदिवस के दिन हुआ था और इस मौके पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से प्रत्यक्ष आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। सत्य सांई ट्रस्ट अब नर्सिंग छात्राओं को निःशुल्क शिक्षण, आवास और भोजन की सुविधाएं भी प्रदान करेगा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान अस्पताल के शिलान्यास और निर्माण का मैं बतौर मुख्यमंत्री प्रत्यक्ष साक्षी रहा हूं, यह मेरे लिए एक भावुक क्षण है।सत्य सांई ट्रस्ट की प्रतिबद्धता से अस्पताल का निर्माण एक वर्ष के भीतर ही पूरा हुआ। बच्चों के जन्मजात हृदय रोग का इलाज कराने देश के साथ-साथ विदेशों से बड़ी संख्या में लोग आते हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी सत्य सांई ट्रस्ट की प्रशंसा करते हुए इसे मानवता की सेवा में समर्पित संस्थान बताया। उन्होंने कहा कि नर्सिंग कॉलेज की शुरुआत से छात्राओं को निःशुल्क आवास और भोजन की व्यवस्था मिलेगी।
कार्यक्रम में सत्य सांई संजीवनी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री सी. श्रीनिवास ने नवजात बच्चों के हृदय रोगों के निःशुल्क उपचार की सेवाओं पर प्रकाश डाला और ट्रस्ट के भविष्य के उद्देश्यों पर चर्चा की। सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल में प्रतिदिन आयोजित होने वाले ‘नवजीवन उपहार‘ कार्यक्रम के तहत आज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके पांच बच्चों को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के हाथों उपहार प्रदान कर शुभकामनाएं दी गईं और उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।
इस कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि कोरबा जिले के बालक श्री प्रखर साहू की दुर्घटना में मृत्यु के बाद उनके अभिभावकों द्वारा शरीर दान किया गया था। इस बच्चे के हृदय का वाल्व एक बच्चे को लगाया गया, जिससे बच्चे को नया जीवन मिला। यह बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हो गया है। इस बच्चे को आज अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया।मुख्यमंत्री ने प्रखर के अभिभावकों को सम्मानित करते हुए उनकी इस मानवीय पहल की सराहना की और इसे समाज के लिए प्रेरणादायक बताया। मुख्यमंत्री ने स्वस्थ हुए बच्चों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं देते हुए संजीवनी हॉस्पिटल की टीम को इस अद्भुत सेवा के लिए बधाई दी। इस अवसर पर नर्सिंग की नव प्रवेशी छात्राओं, उनके अभिभावकों, हॉस्पिटल के चिकित्सा व पैरामेडिकल स्टाफ, और प्रबंधन समिति के सदस्य उपस्थित थे। -
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बैठक सह प्रशिक्षण आयोजितमहासमुंद : समाज कल्याण विभाग के मार्गदर्शन में दिव्यांगों की सामाजिक सुरक्षा और समावेशी वातावरण निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई। साइटसेवर्स इंडिया और स्थानीय संस्थाओं के सहयोग से एक बैठक सह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाना और उनके लिए एक सुविधाजनक एवं समावेशी वातावरण तैयार करना था। इस कार्यक्रम में विभागीय अधिकारी, समाजसेवी, और विभिन्न सरकारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया और दिव्यांगों की सुरक्षा, उनके अधिकारों, और उपलब्ध सेवाओं पर गहन चर्चा की। बैठक का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों और अवसरों को बढ़ावा देने और उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
समाज कल्याण विभाग ने इस अवसर पर दिव्यांग-अनुकूल नीतियों के क्रियान्वयन पर जोर दिया और इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि उन्हें समाज में सम्मान और अवसर मिले। सरकारी योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचाने और दिव्यांगों के सशक्तिकरण हेतु समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर भी चर्चा हुई। बैठक में उपस्थित अधिकारियों और समाजसेवियों ने दिव्यांग जनों की आवश्यकताओं और चुनौतियों को समझने पर जोर दिया।कार्यक्रम के दौरान सहायक संचालक समाज कल्याण श्रीमती संगीता सिंह ने नशा मुक्त भारत अभियान का उल्लेख करते हुए सभी अधिकारियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से अपने क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। उन्होंने नशा मुक्ति अभियान को दिव्यांग जनों की सुरक्षा और कल्याण से जोड़ते हुए इसे एकीकृत दृष्टिकोण से आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
बैठक में सहायक संचालक समाज कल्याण श्रीमती संगीता सिंह, जिला परियोजना अधिकारी श्री रेखराज शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता श्री सुरेश शुक्ला और एसडीओपी श्रीमती बाज की सक्रिय भागीदारी रही। इन अधिकारियों ने दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।सामाजिक कार्यकर्ता श्री सुरेश शुक्ला ने दिव्यांगों के लिए अनुकूल परिवहन व्यवस्था और सार्वजनिक स्थानों पर सुविधाओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रावधान न केवल दिव्यांग जनों की स्वतंत्रता को बढ़ावा देंगे, बल्कि उनके आत्मसम्मान को भी मजबूत करेंगे।बैठक में यह सहमति बनी कि दिव्यांग-अनुकूल नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन में समाज की भागीदारी जरूरी है।
सरकारी विभागों और स्वयंसेवी संस्थाओं के समन्वय से नीतियों का लाभ जमीनी स्तर तक पहुंचाने की रणनीति तैयार की जाएगी। श्री रेखराज शर्मा ने प्रशासनिक अधिकारियों और संस्थाओं के बीच समन्वय को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि नीतियों का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके। कार्यक्रम के अंतर्गत नशा मुक्त भारत अभियान को भी प्रमुखता से शामिल किया गया। श्रीमती संगीता सिंह ने सभी सहभागियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने और नशा मुक्ति के साथ दिव्यांगजनों के कल्याण को भी प्राथमिकता दें।बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दिव्यांग-अनुकूल नीतियों के क्रियान्वयन के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इसमें सभी संबंधित विभाग और संस्थाएं मिलकर काम करेंगी। साइटसेवर्स इंडिया और अन्य स्थानीय संस्थाओं ने भी इस दिशा में सरकार के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। सभी सहभागियों ने इस बात पर सहमति जताई कि दिव्यांगों के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण एक सामूहिक जिम्मेदारी है, जिसमें सरकारी विभागों, समाजसेवियों, और समाज के सभी वर्गों की भागीदारी आवश्यक है। -
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बेमेतरा : त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन ग्राम पंचायतों में 24 अक्टूबर 2024 को किया गया है। जिसका अवलोकन कर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने, संशोधन या विलोपन कराने के लिए 29 अक्टूबर 2024 तक आवेदन किया जा सकता है।अनुविभागीय अधिकारी (रा.) एवं रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायतों में मतदाता सूची का प्रकाशन एवं दावा आपत्ति प्राप्त करने के लिए पंचायत सचिव एवं अन्य शासकीय कर्मचारियों को प्राधिकृत कर्मचारी नियुक्त किया गया है।ऐसे मतदाता, जो 01 जनवरी 2024 को 18 वर्ष पूर्ण कर चुके है तथा जिनका नाम विधानसभा की मतदाता सूची में दर्ज है वे पंचायत की मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए, प्रविष्टि में संशोधन या विलोपन कराने के लिए प्राधिकृत कर्मचारी को प्ररूप क, ख व ग में आवेदन दे सकते है। प्ररूप क, ख, ग जमा करने के लिए अंतिम तिथि 29 अक्टूबर 2024 दोपहर 3.00 बजे तक निर्धारित है।ऐसे मतदाता जिनके नाम विधानसभा की मतदाता सूची में 04 नवम्बर 2024 तक जोड़े जायेंगे वे भी प्रारूप क-1 में अपना नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण को प्रस्तुत कर सकते है। प्रारूप क-1 में आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 08 नवम्बर 2024 है। -
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बेमेतरा : पशुधन क्षेत्र के विकास के लिए नीतियों, कार्यक्रमों इत्यादि योजना बनाने के लिए हर 05 वर्ष में भारत सरकार के निर्देशानुसार पशु संगणना आयोजित की जाती है। वर्ष 2024 में 21 वीं पशु संगणना 25 अक्टूबर से प्रारम्भ की जा रही है। उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं जिला बेमेतरा डॉ. राजेन्द्र भगत द्वारा जानकारी दी गई है कि, पशु संगणना हेतु जिले में कुल 88 प्रगणकों एवं 19 सूपरवाइजरों की ड्यूटी लगाई गई हैं। जिनके द्वारा आगामी 02 माह में जिले के पशुओं की 16 प्रजातियों की गणना की जानी है। बेमेतरा जिले के समस्त पशुपालकों से अपील है कि पशु संगणना कार्य पशुओं की उन्नति हेतु योजना बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अतः समस्त पशुपालक पशु संगणना में सहयोग प्रदान करें। -
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बेमेतरा : पशुधन विकास विभाग द्वारा पशुपालन करने वाले पशुपालकों को डेयरी, बकरी पालन, सूअर पालन, व मुर्गी पालन इत्यादि हेतु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ उठाने के लिए सप्ताह के प्रत्येक शुकवार को बेमेतरा जिला के प्रत्येक विकासखण्ड में पशु चिकित्सा संस्थाओं के अन्तर्गत KCC कैम्प (शिविर) लगाए जा रहे है अगामी 25.10.2025 को बेमेतरा विकासखण्ड के ग्राम सेमरिया, घानाडीह, मरतरा, बंशापुर, विकासखण्ड बेरला के करामाल, आनंदगांव, विकासखण्ड साजा के पेंड्रीकला, चिखली, मौहाभाठा, ठेलका, बोतका, धौराभाठा एवं विकासखण्ड नवागढ़ के नांदघाट, मारो, पुटपुरा में समय दोपहर 12 बजे से 03 बजे तक KCC शिविर लगाया जावेगा।उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवायें बेमेतरा डॉ. राजेन्द्र भगत द्वारा पशुपालको से अपील की गई है कि वे पशुपालक जो डेयरी पालन करते है उन्हें प्रति गाय अधिकतम राशि रूपये 51500/- एवं प्रति भैस अधिकतम् राशि रूपये 62500/- तथा जो पशु पालक बकरी/भेड पालन करते है, उनके लिए अधिकतम् राशि रूपये 2628/- प्रति बकरी/भेड़ पालन हेतु बैंको के माध्य से KCC ऋण स्वीकृत किया जाना प्रावधानित है।अतः जिले के पशुपालक अधिक से अधिक संख्या में किसान क्रेडिट कार्ड शिविर में उपस्थित होकर योजना का लाभ उठाये। -
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जशपुर : कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने प्राकृतिक आपदा में जनहानि के एक मामले में प्रभावित परिजन को आर.बी.सी. 6-4 के तहत् 04 लाख रुपए की आर्थिक सहायता अनुदान राशि की स्वीकृत दी है। सन्ना तहसील अंतर्गत ग्राम छिछली ‘अ‘ निवासी जगसाय भगत का आकाशीय बिजली से 17 अगस्त 2024 को मृत्यु हो गई। मृतक के निकटतम वारिस उनके पत्नी कृपा बाई हेतु 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की गई है। -
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जशपुर : नगर पंचायत पत्थलगांव को नगरपालिका का उन्नयन किए जाने के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया है कि छत्तीसगढ़ नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 में वर्णित प्रावधानों के तहत् नगर पंचायत पत्थलगांव को नगर पालिका का उन्नयन किये जाने हेतु छ.ग. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग रायपुर द्वारा अधिसूचना 05 सितम्बर 2024 द्वारा प्रारंभिक प्रकाशन किया गया है।अधिसूचना अनुसार नगर पंचायत पत्थलगांव की सीमाएं ही नगर पालिका पत्थलगांव की सीमा होगी। जिसकी जनसंख्या वर्ष 2011 अनुसार 16613 है। उक्त संबंध में छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित होने के तिथि से 21 दिन के भीतर कोई भी स्थानीय प्राधिकारी अथवा व्यक्ति अपनी आपत्ति व सुझाव लिखित में कलेक्टर जशपुर को उनके कार्यालय में कार्यालयीन दिवस एवं समय पर राज्य शासन के विनिश्चन हेतु प्रस्तुत कर सकते हैं।स.क्र./1760/नूतन -
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सोलर ड्यूल पम्प स्थापना से सुबह से शाम तक हर समय मिल रहा पेयजलजशपुर : रहीम ने अपने दोहों में जल की महत्ता बताते हुए कहा है कि श्बिन पानी सब सूनश्। ये जल ही है जिसके बिना धरती पर जीवन का होना कठिन है, पर ये कठिनाइयां कुछ लोगों के जीवन में हकीकत बन जाती और कुछ के लिए मजबूरी का दूसरा नाम। ऐसी ही कहानी इचकेला ग्राम पंचायत के ग्राम घोड़ाटोली के 150 से अधिक ग्रामीणों के लिए हर दिन की बात हुआ करती थी, जहां घर से कुएं तक की लंबी दूरी तय कर सिर पर भारी भरकम पानी की मटकी ढोकर ग्रामीणों को कड़ी मेहनत और मसक्कत के बाद पेयजल प्राप्त हो पाता था। वर्षा के दिनों में पानी के दूषित हो जाने से के बाद दूषित पेयजल पीना पड़ता था। जिससे डायरिया, पीलिया जैसी कई गम्भीर बीमारियों के दंश से ग्रामीण अक्सर जूझा करते थे।
ऐसे में जब जल जीवन मिशन गांव में पहुंचा तो हर घर में नल पहुंचाने की बात शुरू हुई। लोगों को भरोसा ही नहीं हुआ कि पानी उनके घरों तक पहुंचेगा जिसके लिए उन्हें कुएं तक जाना पड़ता है वो अब उनके घर खुद ब खुद आ जाया करेगा। धीरे धीरे छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के द्वारा ग्राम में टंकी स्थापना का कार्य प्रारम्भ किया गया। 14 लाख की लागत से जल स्त्रोत की पहचान कर सोलर ड्यूल पंप की स्थापना गांव में की गयी। हर घर तक नलों के लैंप पोस्ट लगा कर सोलर पंप के माध्यम से पानी मिलना प्रारम्भ हो गया। ग्रामीणों की खुशी का ठीकाना ना रहा सभी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए इसका लाभ लेना प्रारम्भ किया।
शांति बाई के मेहनत एवं समय की हो रही बचत
इस संबंध में शांति बाई ने बताया कि पहले सुबह से घर की जरूरतों के लिए पानी लेने कुएं में जाना पड़ता था। कुएं में पानी निकालने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी साथ ही बहुत समय भी लग जाया करता था। जिससे खाना बनाने और अन्य कार्यों में बहुत समय लगता था। अब सुबह से शाम तक घर के आंगन में ही पानी मिल जाया करता है। जिससे समय पर खाना बनने के साथ अन्य कार्यों के लिए भी समय मिल जाया करता है।
सूर्याेदय के साथ ही मिल जाता है पानी- श्रवण
घोड़ाटोली के श्रवण संतोष कुजूर ने बताया कि मुझे हमेशा जल्दी उठकर हमेशा जल की तलाश एवं निस्तार के लिए बाहर जाना पड़ता था। पर अब सुबह सूर्याेदय के साथ ही घर में पानी आ जाता है। जिससे पीने के लिए पेयजल, निस्तार एवं अन्य जरूरतों के लिए पानी घर पर ही मिल जाता है जिससे जीवन आसान लगने लगा है।
सरोजनी को सिर पर ढोकर पानी लाने से मिली मुक्ति
सरोजनी टोप्पो ने बताया कि कुएं से सिर पर ढोकर लंबी दूरी से पानी लाना पड़ता था। जिससे रोज थकावट हो जाती थी और साफ सफाई के लिए पर्याप्त जल भी नहीं हो पाता था। जल जीवन मिशन से पानी घर तक आने से ना होती है थकावट, ना ही होती है बाहर जाने की झंझट। घर पर पर्याप्त पीने के पानी से लेकर साफ सफाई और अन्य सभी गतिविधियों के लिए पानी मिल जाता है। जिससे अब नहाने और कपड़ा धोने के लिए भी बाहर नहीं जाना पड़ता और घर पर जल्दी जल्दी सभी काम निपट जाते हैं। इसके लिए हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और शासन को धन्यवाद देते हैं। -
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कई खूबसूरत यादें लेकर जा रहे हैं यहां पर आए अतिथिगणपर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, अर्थव्यवस्था को भी होगा फायदाजशपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मयाली में आयोजित सरगुजा विकास प्राधिकरण की बैठक यादगार रही। यहां पर आने वाले मंत्रिमंडल के सदस्यों, अधिकारियों और अन्य अतिथियों के लिए यहां की खूबसूरत वादियां उनके जेहन में एक तरह से बस गई। प्राधिकरण की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। प्राधिकरण की बजट राशि 50 से बढ़ाकर 75 करोड़, सरगुजा प्रगतिरत् कार्याे को दो माह में पूर्ण करने के दिए निर्देश सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय यहां के विकास के लिए मिल का पत्थर साबित होंगे। इसके साथ ही लोगों को भाने वाली यहां की प्राकृतिक सुंदरता के साथ परोसा गया जशपुर की आदिवासी संस्कृति से जुड़ी भोजन मे ंअंगाकर, मडुवा रोटी, हडुवा चटनी का स्वाद सभी को भा गया।
खड़सा व्यू प्वाइंट पहुंचने पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं सभी अतिथियों का कर्मा नृत्य और पारंपरिक वाद्य यंत्रों ढांक एवं नगाड़े की धुनों के बीच परम्परागत बांस की टोपी और डुंबर के फल और आम की पत्तियों की माला पहना कर स्वागत करना एक तरह से यहां की आदिवासी संस्कृति से परिचय कराना भी था। मयाली डेम में बोट के माध्यम से मुख्यमंत्री, मंत्रियों, अधिकारियों और अन्य अतिथियों के लिए नौकाविहार करना उनके लिए बहुत ही आनंदित करने वाला था। नेचर कैंप मयाली से एक ओर डैम की खूबसूरती तो दूसरी ओर विशालतम प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ का विहंगम दृश्य आध्यामिकता के साथ ही एक बेहद ही खूबसूरत नजारा पेश करता है।मयाली नेचर कैंप में निर्मित खूबसूरत बगीचे पर कई तरह के पक्षियां विचरण करती रहती हैं। वन विभाग के तरफ से यहां पर टेंट हाउस बनाया गया है। जहां पर रात्रि विश्राम की व्यस्था है। भारत दर्शन योजना के तहत मयाली नेचर कैंप के विकास के लिए 10 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। जशपुर जिला प्रशासन ने इस बैठक के लिए सभी इंतजाम किए थे। अतिथियों ने प्रशासन के द्वारा किए गए सुरक्षा व्यवस्था सहित रुकने, और अन्य सभी व्यवस्थाओं की सराहना की है। -
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जशपुर की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद की मार्केट में बनी हुई मांगजशपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जशपुर के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सार्थक प्रयास कर रहे हैं। महिलाओं द्वारा उत्पाद की जबरदस्त मांग बनी हुई है। तैयार जशप्योर ब्रांड के माध्यम से स्थानीय आदिवासी स्व-सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार उत्पादों को कैसर पुणे में प्रदर्शनी लगाया गया है। जहॉ प्रदर्शनी का अवलोकन करके लोग बड़ी मात्रा में खरीदी कर रहे हैं और उत्पाद को भी पसंद किया जा रहा है। जिला प्रशासन जशपुर की पहल पर जशप्योर ब्रांड का पुणे के विभिन्न स्थानों पर नियमित स्टॉल लगाई जा रही है।जहॉ जशपुर जिले के स्थानीय कच्चे माल से बने उत्पादों को प्रदर्शित किया जा रहा है जो जशपुर की आदिवासी महिलाओं द्वारा तैयार किए गए हैं। ये उत्पाद अपनी शुद्धता और स्वास्थ्य लाभ के कारण उच्च मांग में हैं, क्योंकि इनमें कोई रसायन नहीं होते हैं, जिससे वे बाजार के अन्य उत्पादों की तुलना में एक स्वस्थ विकल्प बन जाते हैं।
खाद्य प्रसंस्करण सलाहकार एवं युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन ने कहा कि महुआ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के उत्पाद, जैसे महुआ सिरप (शहद का महुआ आधारित विकल्प), महुआ आधारित चीनी मुक्त च्यवनप्राश विकल्प फॉरेस्टगोल्ड वन्यप्राश और बाजरा पास्ता के नियमित ग्राहक प्राप्त कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त छिन्द घास के हाथ से बने टोकरियॉ त्यौहारी मौसम के दौरान उच्च मांग में हैं।स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और जशपुर और जवाहर दोनों के आदिवासियों को स्थायी रोजगार प्रदान करने में जिला प्रशासन के प्रयास सराहनीय हैं। यह पहल न केवल आदिवासी समुदायों को सशक्त बना रही है बल्कि इन अद्वितीय, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के माध्यम से उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को भी सुनिश्चित कर रही है। -
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शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता एज 2024-25: तीरंदाजी केन्द्र एवं एकलव्य खेल अकादमी जशपुर के खिलाड़ियों ने लिया भागतीरंदाजी प्रतियोगिता में आकाश राम ने अंडर 14 वर्ष कम्पाउण्ड राउण्ड में प्रथम स्थान प्राप्त कर जीता स्वर्ण पदविशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा बालक मनोज राम ने अंडर 17 वर्ष कम्पाउण्ड राउण्ड में तृतीय स्थान प्राप्त कर जीता कांस्य पदकतैराकी प्रतियोगिता में अकादमी के 09 खिलाड़ियों ने लिया भाग खिलाड़ियों ने 02 रजत एवं 12 कांस्य पदक जीताजशपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय खिलाड़ियों को विभिन्न खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। 24 वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा तीरंदाजी प्रतियोगिता 2024-25 का 06 से 09 अक्टूबर 2024 तक रायपुर में आयोजित हुआ। प्रतियोगिता में तीरंदाजी केन्द्र एवं एकलव्य खेल अकादमी जशपुर के 06 खिलाड़ियों ने भाग लिया। जिसमें अकादमी के आकाश राम ने अंडर 14 वर्ष कम्पाउण्ड राउण्ड में प्रथम स्थान प्राप्त कर स्वर्ण पदक हासिल किया एवं विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा बालक मनोज राम अंडर 17 वर्ष कम्पाउण्ड राउण्ड में तृतीय स्थान प्राप्त कर कांस्य पदक हासिल किया। इन दोनो खिलाड़ीयों ने राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा तारंदाजी प्रतियोगिता 2024-25 के लिए चयनित होकर छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त किया है। इसी प्रकार 24 वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा तैराकी प्रतियोगिता 2024-25 का आयोजन 03 से 06 अक्टूबर तक राजनांदगांव में आयोजित हुआ। जिसमें अकादमी के 09 खिलाड़ियों ने भाग लिया एवं कुल 02 रजत एवं 12 कांस्य पदक प्राप्त किया। -
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बाल विवाह पर सख्ती, नशे के खिलाफ जागरूकता जरूरी -डॉ आशुतोष चतुर्वेदीकोरिया : जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी की अध्यक्षता में आज जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में बच्चों के संरक्षण और उनके पुनर्वास, बाल विवाह, नशा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। आज हुई जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक में एजेंडेवार चर्चा की गई। बाल गृह (बालक) में निवासरत 15 बच्चों को पांच श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिसमें अनाथ, परित्यक्त और अनफिट गार्जियन के तहत बच्चों के दत्तक ग्रहण के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही, सड़क जैसी परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों की पहचान के लिए एक व्यापक सर्वेक्षण और रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें अब तक 19 बच्चों को बचाया गया है।
बैठक में बाल विवाह, बाल श्रम और नशे के विरुद्ध जागरूकता अभियान पर भी चर्चा की गई। डॉ चतुर्वेदी ने सम्बंधित अधिकारियों से कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है, इसे रोकने के लिए सम्बंधित विभाग व प्रशासन हर सम्भव प्रयास कर रही है साथ ही गांवों व सामाजिक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत बताया। बाल विवाह मुक्त जिला बनाने के लिए विभाग द्वारा व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाए जाने की दिशा में आवश्यक निर्देश जारी किए गए।
उन्होंने नशे के खिलाफ प्राथमिक स्तर पर आंगनवाड़ी केन्द्र, स्कूल व कॉलेजों में अभियान चलाने को कहा। उन्होंने कहा नशा स्वयं, परिवार व समाज के लिए घातक है, बुराई है। उन्होंने शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि स्कूल व सार्वजनिक स्थानों में गुटका, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट का विक्रय न हो तथा ऐसे करते पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही करें। पोस्टर, पम्पलेट व अन्य प्रचार माध्यमों से नशे के खिलाफ जन जागरण करने को कहा गया।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने जानकारी दी कि किशोर न्याय बोर्ड में सामाजिक कार्यकर्ताओं की रिक्तियों के कारण गंभीर और जघन्य अपराधों से जुड़े मामलों के लंबित। वर्तमान में बोर्ड के समक्ष 295 से अधिक प्रकरण लंबित हैं, जिनके जल्द निस्तारण के लिए कदम उठाने की योजना बनाई गई है। डॉ चतुर्वेदी ने इसे संज्ञान में लेते हुए एक पत्र भेजने की सहमति दी।
बैठक के दौरान विशेष रूप से पॉक्सो पीड़ित बच्चों के उपचार और पुनर्वास पर जोर दिया गया। सखी वन स्टॉप सेंटर के बारे में भी विशेष चर्चा की गई । सेंटर में मानसिक रूप से पीड़ित व विक्षिप्त को रखने के लिए उचित वातावरण व साफ-सुथरा कमरा में रखने के निर्देश दिए। बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्रीमती अमृता दिनेश मिश्रा सहित महिला एवं बाल विकास, पुलिस, श्रम, शिक्षा, खेल, समाज कल्याण, कौशल विकास आदि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। -
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हमें हर हाल में नशे से दूर रहना है-कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठीकोरिया : कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के निर्देशानुसार जिला समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत मान्यता प्राप्त अशासकीय संस्था ग्राम विकास समिति द्वारा संचालित नशा मुक्ति केंद्र का आज शुभारंभ किया गया। इस केंद्र का उद्घाटन जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ आशुतोष चतुर्वेदी द्वारा किया गया।
केंद्र में नशा पीड़ितों के लिए निःशुल्क उपचार, पुनर्वास और काउंसलिंग सेवाएं प्रदान की जाएंगी। वर्तमान में केंद्र में 15 बिस्तरों की आवासीय सुविधा उपलब्ध है, जहां पीड़ितों को समुचित देखभाल और आवश्यक चिकित्सीय सहायता दी जाएगी। इस पहल से जिले में नशे की समस्या से जूझ रहे लोगों को बेहतर सहायता मिलने की उम्मीद है।
हमें हर हाल में नशे से दूर रहना है
कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने जिलेवासियों, खासकर युवाओं से अपील करते हुए कहा कि नशा, नाश का कारण बन चुका है। ऐसे में सबकी जिम्मेदारी है कि नशे से दूर रहें। उन्होंने नशे के कारण होने वाले हादसे, दुर्घटना व लड़ाई-झगड़ा पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें हर हाल में नशे से दूर रहना है। नशा सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि तन, मन व समाज के लिए भी नुकसानदायी है। नशे से छुटकारा के लिए सकारात्मक विचार अपनाने, योगाभ्यास, व्यायाम करने, विशेषज्ञ से सलाह लेने, काम में मन लगाने, अच्छी पुस्तकें पढ़ने व अच्छी आदतें को अपनाने की जरूरत है।श्
डॉ. चतुर्वेदी ने कहा नशा स्वयं, परिवार व समाज के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त समाज निर्माण में सबकी भागीदारी आवश्यक है। शुभारंभ के अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, उपसंचालक समाज कल्याण सहित कई अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। -
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विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कियासीईओ श्री अग्रवाल ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र एवं मोमेंटो सौपेबेमेतरा : जिले में पीएम श्री स्कूलों के विकास और छात्रों के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करने हेतु आज विकासखण्ड स्रोत केन्द्र, बेमेतरा प्रांगण में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में चार प्रमुख गतिविधियों को शामिल किया गया, जिनमें जिले के 38 होनहार छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल छात्रों की शैक्षणिक क्षमताओं को बढ़ावा देना था, बल्कि उनके मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए एक समग्र मंच प्रदान करना था। विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और अपनी क्षमताओं को निखारा। कार्यक्रम का आयोजन शिक्षकों और विकासखण्ड स्रोत केन्द्र के सहयोग से किया गया, जिसमें छात्रों नेरचनात्मकता, नेतृत्व और टीम वर्क के महत्व को समझा।मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत ने छात्रों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र एवं मोमेंटो दिये। विद्या वैभव में प्रथम स्थान कु. गीतांजली, पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला घोटवानी, द्वितीय स्थान कु. कुमकुम पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला सरदा, मंथन मंडल में प्रथम स्थान आयुष वर्मा पीएमश्री शासकीय प्राथमिक अभयास शाला बेमेतरा, द्वितीय स्थान कुणाल पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला सरदा, डिजीटल क्वेस्ट में प्रथम स्थान शिवम साहू पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला अमोरा एवं द्वितीय स्थान पूनम साहू अमोरा, डिस्कवर एंड लर्न लोकल साईट्स में प्रथम स्थान कु. दुर्गेश्वरी साहू, पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला अमोरा एवं द्वितीय स्थान धनेश्वर साहू पीएमश्री शासकीय प्राथमिक शाला उघरा रहे।समस्त विजेता एवं प्रतिभागी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र तथा शिल्ड से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम पीएम श्री स्कूलों के उद्देश्यों को और मजबूती से स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। जिला शिक्षा अधिकारी श्री कमल कपूर बंजारे, डाईट प्राचार्य श्री जे.के. धृतलहरे, बी.ई.ओ. श्री अरूण कुमार खरे, बी.आर.सी. श्री राजेन्द्र कुमार साहू एवं लेखापाल श्री जगदम्बा सिंह उपस्थित थे। उक्त कार्यक्रम श्री नरेन्द्र कुमार वर्मा जिला मिशन समन्वयक, श्री भूपेन्द्र कुमार साहू ए.पी.सी. के मार्गदर्शन में संपन्न कराया गया। -
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इच्छुक अभ्यर्थी 14 नवम्बर तक कर सकते हैं आवेदनबलरामपुर : औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (अजजा) राजपुर के नोडल क्षेत्र रामचन्द्रपुर एवं रामानुजगंज में विभिन्न विषयों हेतु अतिथि शिक्षकों के लिए आवेदन पत्र निर्धारित प्रारूप में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (अजजा) राजपुर में स्पीड पोस्ट अथवा रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से 14 नवम्बर शाम 05 बजे तक जमा कर सकते हैं।अभ्यर्थी अतिथि शिक्षक हेतु औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रामचन्द्रपुर में कम्प्यूटर ऑपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट (कोपा) के 01 पद, फीटर के 01 पद एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रामानुजगंज में कम्प्यूटर ऑपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट (कोपा) के 01 रिक्त पदों के लिए आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए जिले के वेबसाईट बलरामपुर डॉट जीओव्ही डॉट इन पर अवलोकन कर सकते हैं। -
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जशपुर : मयाली नेचर कैंप में आयोजित सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल होने से पूर्व विभिन्न विभागीय स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने इस मौके पर महिला समूहों द्वारा निर्मित महुआ के विभिन्न खाद्य पदार्थों एवं अन्य उत्पादों की सराहना की। मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, पदमश्री श्री जागेश्वर यादव, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेता, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, उपाध्यक्ष सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण श्रीमती गोमती साय, सांसद रायगढ़ श्री राधेश्याम राठिया सहित अन्य जनप्रतिनिधयों ने भी स्टॉल प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान विधायक जशपुर श्रीमती रायमुनी भगत, श्री राम प्रताप सिंह, श्रीमती कौशल्या साय श्री कृष्ण कुमार राय, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानंद, कमिश्नर श्री जी आर चुरेन्द्र, आईजी श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर डॉ रवि मित्तल, एसपी श्री शशिमोहन सिंह उपस्थित थे। -
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जशपुर : सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक ने साबित किया है कि यह बैठक आगे चलकर सरगुजा क्षेत्र में विकास को नया मकाम दिलाने में एक अहम भूमिका निभाएगा। इसका पहला अनुमान तो प्राधिकरण का बजट में 25 करोड़ रुपये की वृद्धि से 75 करोड़ रुपये होने से लगाया जा सकता है। इसके साथ ही क्षेत्र के विकास के लिए बैठक में किए गए कई अहम फैसलों से आने वाले समय में क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी और कई वर्षों तक क्षेत्र को इसका सकारात्मक परिणाम मिलता रहेगा। बैठक के सफल आयोजन एवं सफल परिणामों को देखते बुधवार को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौसल्या साय द्वारा बैठक की उत्तम व्यवस्था हेतु जिला प्रशासन के अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए सम्मानित किया गया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल एवं पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के द्वारा की गई तैयारियों के लिए सराहना करते हुए अन्य अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र एवं मधेश्वर की अनुपम छटा की प्रतिकृति प्रदान करते हुए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर प्रदीप कुमार साहू, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनी, एसडीएम आकांक्षा त्रिपाठी, नंदजी पाण्डेय, प्रशांत कुमार कुशवाहा, एसडीओपी विनोद मंडावी, डिप्टी कलेक्टर विश्वास राव मस्के, हरिओम द्विवेदी, ऋतुराज सिंह बिसेन, उप पुलिस अधीक्षक सुरक्षा विजय सिंह राजपूत सहित अन्य अधिकारियों को सम्मानित किया गया। -
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परोसा गया था आदिवासी संस्कृति से जुड़ी अंगाकर, मडुवा रोटी, हडुवा चटनी सहित अन्य व्यंजनजशपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जशपुर जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मयाली नेचर कैंप में आयोजित सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में शामिल होने के पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपने धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय, मन्त्रीमंडल के सदस्यों एवं अधिकारियों के साथ जशपुर के पारम्परिक भोजन व व्यजनों का स्वाद लिया। भोजन में आदिवासी संस्कृति से जुड़ी अंगाकर, मडुवा रोटी, हडुवा चटनी सहित अन्य व्यंजन परोसा गया था।इस दौरान उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेता, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, उपाध्यक्ष सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण श्रीमती गोमती साय, सांसद रायगढ़ श्री राधेश्याम राठिया, विधायक जशपुर श्रीमती रायमुनी भगत, श्री राम प्रताप सिंह, श्रीमती कौशल्या साय श्री कृष्ण कुमार राय, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानंद, कमिश्नर श्री जी आर चुरेंद्र, आईजी श्री अंकित गर्ग, कलेक्टर डॉ रवि मित्तल, एसपी श्री शशिमोहन सिंह भी उपस्थित थे। -
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टीबी रोग होने के कारण, बचाव के उपाय, लक्षण, जांच एवं उपचार के बारे दी गई जानकारीवैध बैगा गुनिया को टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत् दिया गया प्रशिक्षणजशपुर : जिले को टीबी मुक्त बनाने अब वैध, बैगा गूनिया भी सहयोग करेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन ने सार्थक पहल की है। कलेक्टर डॉ रवि मित्तल के निर्देश पर जिले को टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत् टीबी मुक्त पंचायत बनाने के लिए सहयोग हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं पिरामल फाउन्डेशन के संयुक्त तत्वाधान में जिला चिकित्सालय में प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें टीबी रोग होने के कारण, बचाव के उपाय लक्षण, जांच, उपचार शासन के द्वारा टीबी मरीजों को प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि और सुविधाओं पर विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई।विदित हो कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जिले के सभी पंचायतों को टीबी मुक्त पंचायत बनाने के लिए टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत् टीबी रोग होने के कारण, बचाव के उपाय, लक्षण, जांच एवं उपचार के संबंध में लोगों को जानकारी देने के लिए निर्देशित किए है। इसी कड़ी में जिला प्रशासन के सार्थक पहल से जिले के वैध बैगा गूनिया के प्रशिक्षण में बैगों को जिला क्षय नियंत्रण केन्द्र का भ्रमण कराया गया और उन्हें यह संदेश दिया गया की मरीजों का उपचार वैधों के पास न कराकर नजदिकी स्वास्थ्य केन्द्रों तक भेजना है। क्योंकि वैधों के पास जांच की उपकरण व संसाधन नहीं होते हैं। उन्हें बताया गया कि स्वास्थ्य केन्द्रों में टी.बी. मरीजों को ईलाज निःशुल्क होता है।
इस दौरान जिला क्षय नियंत्रण अधिकार डॉ. उदय प्रकाश भगत ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सीबी नॉट मशीन एक्स-रे एवं माइक्रोस्कोप जांच के लिए उपलब्ध है। जिला क्षय नियंत्रण केन्द्र में ट्रू नॉट, सीबी नॉट, एक्स-रे, माइक्रोस्कोपी जांच की सुविधा निःशुल्क प्रदान किया जाता है। इसके साथ ही जिले के समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जांच की सुविधा प्रदान की जा रही है। उपस्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर प्राप्त नमुनों को टीबी मितानों के माध्यम से परिवहन कर जांच केन्द्र तक पहुंचाकर परीक्षण किया जा रहा है। किसी संभावित व्यक्ति की जांच पश्चात् सकारात्मक परिणाम आता है तो उसे रेफर किए हुए व्यक्ति को 500 सौ रूपए सुचनादान के मापदण्ड के अनुसार प्रोत्साहन राशि प्रदान भी दिया जाता है। उन्होंने बताया कि रेफरलकर्त्ता में पंच, सरपंच, स्व सहायता समूह, वैध, गुनिया बैगा, धार्मिक गुरू, प्रचारक व कोई भी सामान्य व्यक्ति हो सकता है।
पिरामल फाउन्डेशन द्वारा जिले में विगत 2 वर्षाे से सामुदायिक गतिविधि कर रेफरलकर्ताओं को हर स्तर पर संवेदिकरण, प्रशिक्षण, शपथ गतिविधि कर आधारभूत जानकारी प्राप्त किया जा रहा है। रूस्तम अंसारी जिला कार्यक्रम समन्वयक द्वारा निक्षय पोषण योजना पर विस्तार पूर्वक बताया गया। उन्होंने कहा कि निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीज को किसी भी प्रकार की सहायता करने हेतु स्वयं निक्षय मित्र बने और लोगों को प्रेरित करें। डॉ.जी.एस. जात्रा के द्वारा वैधों को निडर निर्भिक होकर विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर संभावित टीबी मरीजो को रेफर करने के लिए कहा।ताकि उनकी जांच उपचार बेहतर तरीके से हो सके। उन्होंने कहा कि जिले की समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं के अधिकारी-कर्मचारी आपको पूर्ण सहयोग करेंगे। पिरामल फाउन्डेशन के जिला समन्वयक श्री संतोष सोनी द्वारा बैगों को प्रेरित करते हुए कहा कि आप जनजातिय समुदाय को दुख, दर्द, रोग बिमार के प्रथम निवारणकर्ता हैं। स्वास्थ्य समस्या पर लोग प्रथम उपचार कराने हेतु आपके पास आते है। आप टीबी के लक्षणयुक्त व्यक्ति की रेफरल स्वास्थ्य संस्था तक करें ताकि सही जांच उपचार हो सकेगा। आपके योगदान से हम टीबी मुक्त जशपुर की परिकल्पना को साकार कर पायेंगे। प्रशिक्षण में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एवं रौशनी राय, प्रसन्नजीत, फैलो पिरामल फाउन्डेशन उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री ने यूको बैंक की नई शाखा का किया शुभारंभ40 महिला सदस्यों को प्रदान किया चेकजशपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज कैम्प कार्यालय बगिया से फरसाबहार विकास खंड के जोरण्डाझरिया ग्राम पंचायत अन्तर्गत ग्राम भेलवां में यूको बैंक की नई शाखा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 40 स्व सहायता समूह की महिला सदस्यों को 24 लाख का चेक प्रदान किया। शुभारंभ के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय, कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल, यूको बैंक के जोनल मैनेजर श्रीमती लक्की नाइक, एजीएम श्री अमोल, एलडीएम श्री वाल्टर भेंगरा उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधा मिलने पर अपनी शुभकामनाएं दी।इस मौके पर उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन की दृष्टि से यह कदम महत्वपूर्ण है। इससे फरसाबहार और उसके आसपास के ग्रामीणों को बड़ा लाभ मिलेगा। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में भी सहुलियत होगी। स्थानीय निवासियों को बैंक से जुड़े दैनिक कार्यों के लिए अब और अधिक सुविधा मिल सकेगी।मुख्यमंत्री श्री साय ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया में फरसाबहार विकासखंड के जोरण्डाझरिया की 4 स्व सहायता समूह की महिलाओं को 6-6 लाख के मान से 40 महिला सदस्यों को रोजगार करने के लिए 24 लाख का चेक प्रदान कर शुभकामनाएं दी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की पहल पर महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। महिलाएं सब्जी की खेती और व्यापार के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। वे आचार पापड़, रेशम विभाग से जुड़कर कोसा कार्य और अन्य रोजगार कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। -
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स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने हो रही सार्थक पहलजशपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया में बगीचा विकासखंड की स्व-सहायता समूहों की 21 बिजली सखियों को बिजली किट प्रदान किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी महिलाओं को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने महिलाओं को बेहतर ढंग से काम करने के लिए उनका हौसला बढ़ाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय एवं कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल भी उपस्थित थे।उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले की स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार देकर उनके आय में वृद्धि करने के लिए सार्थक पहल की जा रही है। बिजली सखी योजना पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिला प्रशासन और जनपद पंचायत बगीचा के संयुक्त प्रयास से लागू किया जा रहा है। बिजली सखी अंतर्गत महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। बिजली विभाग के पास मीटर रीडर की कमी के कारण उपभोक्ताओं के बिजली मीटर की नियमित रीडिंग नहीं हो पाती है। इससे उपभोक्ताओं को एक साथ अधिक बिजली बिल का भुगतान करना पड़ता है।
जनपद सीईओ श्री प्रमोद सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मीटर रीडिंग का प्रशिक्षण देकर उन्हें बिजली सखी बनाया गया है। बिजली सखी के द्वारा नियमित रूप से मीटर रीडिंग किया जाएगा। इस पहल से विद्युत उपभोक्ताओं को नियमित बिजली का बिल मिलेगा, जिससे वे कम बिल का भुगतान कर पाएंगे। साथ ही एक घर में मीटर रीडिंग करने से बिजली सखी को 12 रूपए बिजली विभाग के द्वारा भुगतान किया जाएगा।इससे समूह की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध होगा और उन्हें नियमित आय होगी। इससे बिजली सखी के रूप में जनपद क्षेत्र में लखपति दीदी की संख्या भी बढ़ेगी। जशपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 21 महिलाओं को बिजली सखी बनाया गया है। जिला में 300 महिलाओं को बिजली सखी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। -
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योजनाओं का लाभ लेने पंजीकरण अनिवार्यकोरिया : प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना के तहत भारत सरकार ने मछली पालन से जुड़े लोगों के लिए राष्ट्रीय मत्स्य पालन डिजिटल प्लेटफार्म (एन.एफ.डी.पी.) पर पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। इस योजना के तहत, मछली पालन, मत्स्याखेट और मछली बेचने के व्यवसाय में लगे सभी व्यक्तियों का पंजीकरण कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से किया जाएगा।
एन.एफ.डी.पी. का मुख्य उद्देश्य देशभर के मत्स्य पालकों और समितियों का डेटाबेस बनाकर उन्हें औपचारिक रूप में पहचान प्रदान करना है। इस प्लेटफार्म के जरिए मत्स्य पालक केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। पंजीकरण के बाद मत्स्य विभाग द्वारा सत्यापन किया जाएगा और सत्यापन के उपरांत ही कृषकों को स्थायी प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
पंजीकरण के लिए मत्स्य पालकों को आधार कार्ड, बैंक पासबुक, और आधार से लिंक मोबाइल नंबर के साथ सीएससी, चॉइस सेन्टर पर उपस्थित होना होगा। पंजीकरण के बाद किसानों के बैंक खाते में 80 रुपये की राशि जमा की जाएगी, जबकि सीएससी को प्रत्येक एन्ट्री पर 18 रुपये का कमीशन मिलेगा। -
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श्रम योजनाओं के नाम पर श्रमिकों से अवैध मांग की शिकायत करें - श्रम विभागमहासमुंद : छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा निर्माण श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं के तहत जिले के 1071 लाभार्थियों को एक करोड़ 35 लाख 21 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई। यह राशि विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से सीधे श्रमिकों के बैंक खातों में जमा की गई। जिले से विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों को सहायता राशि प्रदाय की गई है।इनमें मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के तहत 338 लाभार्थी, मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत 205 लाभार्थी, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना से 433, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना से 66, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना से 26 एवं मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना से 03 लाभार्थी को लाभान्वित किए गए हैं। इसके अलावा 09 अक्टूबर को मिनीमाता महतारी जतन योजना के तहत 93 हितग्राहियों को 18 लाख 60 हजार रुपए की राशि वितरित की गई।श्रम विभाग द्वारा चेतावनी जारी करते हुए कहा कि यदि किसी श्रमिक से योजना का लाभ दिलाने के नाम पर कोई व्यक्ति या कॉमन सर्विस सेंटर अवैध रूप से पैसे की मांग करता है, तो इसकी शिकायत कलेक्टर कार्यालय, अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय, जिला श्रम कार्यालय, तहसील कार्यालय एवं पुलिस थाना में दर्ज कराई जा सकती हैं। सभी श्रमिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की ठगी या अवैध मांग की सूचना समय पर संबंधित अधिकारियों को दें ताकि दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा सके। -
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बच्चे का एस.एन.सी.यू. वार्ड में हुई थी मृत्युकोरिया : जिला चिकित्सालय बैकुण्ठपुर के एस.एन.सी.यू. वार्ड में नवजात बच्चे की मृत्यु को लेकर कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी ने सख्त कदम उठाते हुए दो नर्सों की वेतन वृद्धि का लाभ असंचयी प्रभाव से रोकने का आदेश जारी किया है साथ ही डॉ. अमीरदीप जायसवाल को चेतावनी पत्र जारी किया गया है। यह घटना 10 अक्टूबर 2024 की है, जब प्रसव के बाद एस.एन.सी.यू. वार्ड में भर्ती स्वस्थ नवजात बच्चे की मृत्यु हो गई थी। श्रीमती योग्या सिंह मरकाम की शिकायत पर कलेक्टर ने इस मामले की जांच के लिए अपर कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा शिशु रोग विशेषज्ञ की संयुक्त जांच समिति गठित की थी।जांच समिति ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें पाया गया कि एस.एन.सी.यू. वार्ड में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स सुश्री रोश किरण लकड़ा और सुश्री संगीता विश्वकर्मा अपने कार्य में लापरवाही बरत रही थीं। दोनों नर्सों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई थी, लेकिन उनके उत्तर असंतोषजनक पाए गए।समिति की सिफारिश के आधार पर कलेक्टर ने संबंधित नर्सों की 5 वेतन वृद्धि का लाभ मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ के आदेश के तहत असंचयी प्रभाव से रोकने का आदेश दिया है। वहीं डॉ अमरदीप जायसवाल को चेतावनी पत्र जारी की गई है साथ ही भविष्य में इस तरह की लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन द्वारा इस गंभीर घटना को देखते हुए कड़ी कार्रवाई की गई है, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही से बचा जा सके।