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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
स्कूल छात्रों और आमजन को नशे के दुष्प्रभावों से किया गया अवगत
कोरिया : समाज कल्याण विभाग के तत्वावधान में ग्राम विकास समिति बैकुंठपुर द्वारा श्री सुखदेव सिंह हायर सेकेंडरी स्कूल, पटना में एक प्रभावशाली नशा मुक्ति जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं एवं आम नागरिकों को नशे के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करना था।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने बताया कि नशा न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि इसके कारण गंभीर बीमारियाँ, सड़क दुर्घटनाएँ, पारिवारिक तनाव, बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव, आर्थिक तंगी और समय का दुरुपयोग जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। नशा व्यक्ति की सोच को नकारात्मक दिशा में मोड़ देता है और समाज में असंतुलन पैदा करता है।
संस्था प्रभारी ने जानकारी दी कि जो व्यक्ति नशे की लत से ग्रसित हैं और स्वयं उससे छुटकारा पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए धौराटिकरा, बैकुंठपुर स्थित नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र में निःशुल्क सुविधाएं उपलब्ध हैं। इनमें आवास, परामर्श, चिकित्सा, भोजन, योग, शिक्षा एवं जीवन कौशल विकास की सेवाएं शामिल हैं।
इस कार्यक्रम में स्कूल के व्यवस्थापक श्री प्रेम सागर सिंह, प्राचार्य श्री अशोक कुमार यादव, पत्रकार, स्थानीय नागरिक, शिक्षकगण तथा छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने इस अभियान की सराहना करते हुए इसे समाज के लिए एक सकारात्मक कदम बताया। -
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हर घर जल योजना से बदली गांव की तस्वीर
महासमुंद : जिले के पिथौरा विकासखण्ड का ग्राम गबोद, जो अपनी हरियाली और स्वच्छता के लिए “ग्रीन गाँव” के नाम से प्रसिद्ध है, अब एक और बड़ी उपलब्धि के साथ नई पहचान बना रहा है। यह गांव अब “हर घर जल ग्राम“ घोषित हो चुका है। 14 जनवरी 2025 को गबोद गांव को यह उपाधि तब मिली जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना के तहत यहां हर घर में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो गई। यहां गांववासियों का अनुशासन और देशभक्ति भी तारीफे काबिल है। हर सुबह 7ः30 बजे गांव का हर नागरिक अपने घर के बाहर आकर राष्ट्रगान में भाग लेता है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में 89.39 लाख रुपये की लागत से गांव में 40 किलोलीटर की उच्चस्तरीय जलागार और 760 मीटर पाइपलाइन के साथ 138 घरों में नल कनेक्शन प्रदान किए गए। इस योजना के तहत अब गांव के हर घर तक शुद्ध जल पहुंच रहा है। इससे पहले महिलाओं और बच्चों को गांव के 5 हैंडपंप और कुछ कुओं से पानी लाना पड़ता था। बरसात के समय पानी लाने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था, और कभी-कभी विवाद भी हो जाते थे।अब यह समस्या पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। महिलाओं को स्वच्छ जल मिलने से स्वास्थ्य में सुधार हुआ है और समय की बचत होने से वे अब आर्थिक गतिविधियों में भाग ले रही हैं। बच्चों को पढ़ाई का समय मिलने लगा है और गर्भवती महिलाओं को भी विशेष लाभ मिला है, जिससे गर्भपात जैसी समस्याएं कम हुई हैं। गांव के लोग अब जल संरक्षण और पौधारोपण जैसे कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। ग्रीन गाँव का यह उदाहरण अन्य गांवों के लिए प्रेरणा बन रहा है।गांव की महिला श्रीमति पूजा सिंह ठाकुर ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, “अब पानी की वह समस्या नहीं रही जो पहले होती थी। हम सब सरकार के आभारी हैं।” गबोद ग्राम के समस्त नागरिकों ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को इस उपलब्धि के लिए धन्यवाद दिया है। -
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महासमुंद : महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर महासमुंद में नवीन वित्तीय मापदण्ड एवं मानव संसाधन की स्वीकृति के अनुसार सेवा प्रदाताओं की भर्ती की जा रही है। केंद्र का संचालन नवीन मार्गदर्शिका 2022 के तहत किया जाएगा। सखी वन स्टॉप सेंटर, जो कि महिलाओं से संबंधित सहायता संस्था है, जिसमें दैनिक कार्यों के संचालन हेतु निम्न पदों के लिए केवल महिला अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।इनमें साइको-सोशल काउंसलर, केस वर्कर एवं कार्यालय सहायक सह कम्प्यूटर ऑपरेटर के एक-एक पद शामिल है। इच्छुक महिला अभ्यर्थी अपना आवेदन पत्र 30 अप्रैल 2025 तक प्रातः 10ः00 बजे से सायं 5ः30 बजे के बीच पंजीकृत डाक/स्पीड पोस्ट/कोरियर के माध्यम से जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, महासमुंद, पिन कोड 493445 के पते पर प्रेषित कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए अभ्यर्थी जिले की आधिकारिक वेबसाइट अथवा महिला एवं बाल विकास विभाग महासमुंद के सूचना पटल का अवलोकन कर सकते हैं। सखी वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं से संबंधित सेवाएं प्रदान की जाती हैं, इसलिए सभी पदों पर केवल महिला अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी। -
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सूरजपुर : आज कलेक्टर श्री एस जयवर्धन द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जल संसाधन एवं क्रेडा विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस अवसर पर उन्होंने जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए हर घर जल सर्टिफिकेशन सुनिश्चित करवाने के दिए निर्देश। इस दौरान ईई लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ,जलसंसाधन विभाग और क्रेड़ा विभाग के अधिकारी सहित विभाग के अभियंता एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।इस दौरान उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने दौरान टंकी निर्माण, पाइप लाइन विस्तारीकरण और बोरिंग की जानकारी लेते हुए मिशन के कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान मिशन की सफलता के लिए क्रियान्वित किए जा रहे कार्यों के दौरान आने वाली समस्याओं के सम्बन्ध में चर्चा की । इसके लिए सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ समस्या का त्वरित निपटान के निर्देश दिए।इस दौरान ईई जलसंसाधन से पानी के विभिन्न स्रोतों के सम्बन्ध में जानकारी लेते हुए जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जलजीवन मिशन के लिए जल आपूर्ति के लिए पानी की उपलब्धता के संबंध में चर्चा की। इसके अलावा जलजीवन मिशन अंतर्गत गांवों में क्रेड़ा विभाग से सौर ऊर्जा आधारित जलापूर्ति अवसंरचना निर्माण के संबंध में जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर उन्होंने विभागों को निर्देशित करते हुए हर घर जल आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए हर घर जल सर्टिफिकेशन करवाने के दिए निर्देश। -
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महासमुंद : पोषण पखवाड़ा अंतर्गत महासमुंद शहरी परियोजना अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों में कुपोषण की रोकथाम और पोषण के प्रति जागरूकता फैलाना है। पोषण पखवाड़ा 8 अप्रैल से 22 अप्रैल तक आयोजित होगा।इसी क्रम में महासमुंद शहरी परियोजना अंतर्गत गुरु नानक वार्ड स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में आयोजित सुपोषण चौपाल में नन्ही बालिका अमायरा का अन्नप्राशन संस्कार विधिवत रूप से संपन्न कराया गया। वहीं, डॉ. राजेंद्र प्रसाद वार्ड के आंगनबाड़ी केंद्र में बालिका सिमरन भोई और नर्गिस देवांगन का भी अन्नप्राशन संस्कार किया गया। इस दौरान पोषक आहार से संबंधित खाद्य पदार्थों को टेबल पर सजाया गया था तथा इन पौष्टिक पदार्थां के महत्व को भी बताया गया।इस अवसर पर वार्ड पार्षद श्री धनेंद्र चंद्राकर, समाजसेवी श्रीमती निरंजना चंद्राकर, महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक श्रीमती शीला प्रधान एवं कुंती यादव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, और क्षेत्र की महिलाएं उपस्थित रहीं। आयोजन के दौरान गर्भवती महिलाओ और शिशुवती महिलाओं को पोषण, स्वच्छता और शिशु देखभाल के विषय में जानकारी भी दी गई, जिससे वे अपने बच्चों के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकें।पर्यवेक्षक श्रीमती शीला प्रधान ने बताया कि गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिलाओं को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि इस समय शरीर को उचित मात्रा में पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। पोषक आहार ना खाने से माता और शिशु कुपोषण का शिकार हो सकते हैं। कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए सुपोषण चौपाल अभियान एक सार्थक पहल है। -
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उप संचालक कृषि ने की अपीलबिलासपुर : उप संचालक कृषि ने बताय कि किस तरह किसान असली और नकली खाद में अंतर कर सकते हैं। उन्होंने पहचान के कुछ आसान तरीके बताएं है। इन दिनों खरीफ फसलों की बुवाई चालू होने वाला है। ऐसे में ज्यादातर किसान डीएपी, यूरिया आदि उर्वरक डालकर ही बुवाई करते हैं। किसान को नुकसान तब होता है जब ज्यादा से ज्यादा खाद डालने के बाद भी अच्छी पैदावार नहीं मिलती है। सबसे ज्यादा जिम्मेदार कहीं ना कहीं नकली खाद होती है। इस मिलावट के दौर में किसानों को ये फिक्र रहता है कि जो खाद (Fertilizer) वह अपने पेड़-पौधों पर ड़ाल रहें है क्या वो असली है या नकली। ऐसे में नकली खाद की पहचान करना बहुत ज्यादा जरूरी है।डीएपी खाद की पहचान:- इसके कुछ दानों को हाथ में लेकर तंबाकू की तरह उसमें चूना मिलाकर मलें। अगर उसमें से तेज गंध निकले जिसे सूंघना मुश्किल हो जाये तो समझें कि ये डीएपी असली है। एक दूसरी विधि भी है। डीएपी के कुछ दाने धीमी आंच पर तवे पर गर्म करें यदि ये दाने फूल जाते है तो समझ लें यही असली डीएपी है। उधर नकली डीएपी खाद सख्त, दानेदार और भूरे व काले रंग की होती है। अगर आप इसको अपने नाखूनों से तोड़ने की कोशिश करेंगे तो यह आसानी से नहीं टूटेगा। तो आप समझ लीजिए यह नकली खाद है।यूरिया खाद की पहचानः- यूरिया के दाने सफेद और चमकदार होते हैं। आकार में एक समान व गोल आकार के होते हैं। यह पानी मे पूरी तरह से घुल जाते हैं। असली यूरिया के घोल को छूने पर ठंडा महसूस होता है। उधर नकली यूरिया खाद के दानों को तवे पर गर्म करके देखें, यदि इसके दाने पिघलें नहीं तो समझो यह यूरिया खाद नकली है। क्योंकि असली यूरिया के दाने गर्म करने पर आसानी से पिघल जाती हैं।सुपर फास्फेट (राखड़) खाद की पहचानः- यह खाद पावड़र और दानेदार के रूप में मिलता है, इसकी असली पहचान इसके सख्त दाने और इसका भूरा काला बादामी रंग होता है। इसके कुछ दानों को तवा में गर्म करें अगर ये नहीं फूलते है तो समझ लें यही असली सुपर फास्फेट है। ध्यान रखें कि गर्म करने पर डीएपी व अन्य काम्प्लेक्स के दाने फूल जाते है जबकि सुपर फास्फेट के नहीं इस प्रकार इसकी मिलावट की पहचान आसानी से की जा सकती है। सुपर फास्फेट नाखूनों से आसानी से न टूटने वाला उर्वरक है। ध्यान रखें इस दानेदार उर्वरक में मिलावट बहुधा डीएपी व एनपीके मिक्स्चर उर्वरकों के साथ की जाने की संभावना बनी रहती है।पोटाश खाद की पहचानः- असली पोटाश के दाने हमेशा खिले-खिले रहते हैं। पोटाश की असली पहचान इसका सफेद नमक व लाल मिर्च जैसा मिश्रण ही होता है। उधर नकली पोटाश की पहचान के लिए आप उसके दानों पर पानी की कुछ बूंदे डाल दें, इसके बाद अगर ये आपस मे चिपक जाते हैं तो समझ लेना कि ये नकली पोटाश है। क्योंकि पोटाश के दाने पानी मे डालने पर कभी भी नहीं चिपकते हैं। अपने खेत में खाद डालने के लिए किसान भाई खाद खरीदने से पहले इसी तरह असली और नकली खाद की पहचान जरूर कर लें। पोटाश पानी में घुलने पर इसका लाल भाग पानी में ऊपर तैरता रहता है।जिंक सल्फेट (सूक्ष्म पोषक तत्व) खाद की पहचान:- इसकी असली पहचान इसके दाने हल्के सफेद पीले तथा भूरे बारीक कण के आकार के होते है। जिंक सल्फेट में प्रमुख रूप से मैगनीशियम सल्फेट की मिलावट की जाती है। भौतिक रूप से सामान्य होने के कारण इसके असली व नकली की पहचान करना कठिन होता है। डीएपी के घोल मे जिंक सल्फेट का घोल मिलाने पर थक्केदार घना अवशेष बनाया जाता है। जबकि डीएपी के घोल में मैगनीशियम सल्फेट का घोल मिलाने पर ऐसा नही होता है। अगर जिंक सल्फेट के घोल में पलती कास्टिक का घोल मिलायें तो सफेद मटमैला मांड जैसा अवशेष बनता है। अगर इसमें गाढ़ा कास्टिक का घोल मिला दें तो ये अवशेष पूर्णतया घुल जाता है। अगर जिकं सल्फेट की जगह पर मैगनीशियम सल्फेट का प्रयोग किया जाए तो अवशेष नहीं घुलता है। -
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बिलासपुर : राजस्व पखवाड़ा के तहत 17 अप्रैल को 20 गांवों में शिविर आयोजित किये जाएंगे। इनमें बिलासपुर तहसील में कुदुदण्ड स्थित सेफर स्कूल एवं जरहाभाठा स्थित जमुना प्रसाद वर्मा कॉलेज, बेलतरा तहसील में ग्राम पंचायत लिम्हा एवं ग्राम पंचायत खैरा-ड, बिल्हा तहसील मेें अमेरी अकबरी, बोदरी तहसील में ग्राम पंचायत भवन मगरउछला एवं ग्राम पंचायत भवन सिलपहरी,मस्तूरी तहसील में कोनी, सीपत तहसील में सीपत, पचपेड़ी तहसील में सुकुलकारी एवं लोहर्सी, तखतपुर तहसील में सांस्कृतिक भवन तखतपुर एवं ग्राम पंचायत भवन पोडी, सकरी तहसील में अमसेना, भकुर्रा नवापारा, जोकी एवं उसलापुर, कोटा तहसील में अमाली, रतनपुर तहसील में ग्राम पंचायत भवन कंचनपुर, बेलगहना तहसील में लमरीडबरी एवं बेलगहना में आयोजित होंगे शिविर। -
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किसानों को बांटे किसान किताब, शिविर को लेकर ग्रामीणों में उत्साह
अस्पतालों का किया औचक निरीक्षण
बिलासपुर : कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने आज राजस्व पखवाड़ा के तहत आयोजित शिविरों का जायजा लिया। उन्होंने शिविर में किसानों को किसान किताब बांटा। राजस्व पखवाड़ा के तहत अब तक 2934 आवेदन मिले हैं जिनमें से 1673 आवेदन का निराकरण कर लिया गया है। ज्यादातर आवेदन आय, जाति, निवास, डिजीटल हस्ताक्षर, अभिलेख त्रुटि सुधार के मिले है। इन शिविरों को लोगों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। कलेक्टर ने इसके अलावा अस्पतालों का भी औचक निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिए।कलेक्टर सबसे पहले बहतराई में आयोजित राजस्व शिविर पहुंचे। उन्होंने शिविर में आए आवेदनों की प्रकृति जानी। ग्रामीणों से चर्चा कर उनकी समस्याएं सुनी। यहां 10 आवेदन मिले थे, जिनमें से 03 आवेदनों का मौके पर ही निराकरण कर लिया गया। कलेक्टर ने श्री वेदराम, मुकेश साहू, गायत्री बाई यादव को ऋण पुस्तिका का वितरण किया। इसके बाद कलेक्टर सकरी तहसील के ग्राम पाड़ में आयोजित शिविर में पहुंचे। यहां कुल 14 आवेदन मिले जिनमें से 12 आवेदनों का मौके पर ही निराकरण किया गया।कलेक्टर ने शिविर स्थल पर बैठक लेकर ग्रामीणों की अन्य जरूरतें एवं समस्याएं भी सुनी और इनके निराकरण के निर्देश मौजूद अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने मेण्ड्रा में किसानों से चर्चा कर उनकी समस्याएं जानी। भू-अभिलेख शाखा से मिली जानकारी के अनुसार 15 अप्रैल तक 2934 आवेदन मिले हैं। इनमें बिलासपुर तहसील के 551, बेलतरा के 199, बिल्हा के 193, बोदरी के 417, मस्तूरी के 259, सीपत के 130, पचपेड़ी के 102, तखतपुर के 272, सकरी के 378, कोटा के 59, रतनपुर के 144 और बेलगहना के 230 आवेदन शामिल है।अस्पतालों का किया औचक निरीक्षण-कलेक्टर ने मोपका उप स्वास्थ्य केन्द्र, लिंगियाडीह शहरी प्राथमिक केन्द्र और सकरी उप स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने अस्पतालों की व्यवस्था पर संतुष्टि जाहिर की। प्रसव कक्ष, महिला-पुरूष वार्ड सहित पूरे अस्पताल का बारीकी से निरीक्षण किया। लिंगियाडीह अस्पताल में निर्माण कार्य का भी जायजा लिया । सकरी उप स्वास्थ्य केन्द्र में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान बिलासपुर एसडीएम श्री मनीष साहू, तखतपुर एसडीएम शिव कंवर भी मौजूद थे । -
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बिलासपुर : साइकेट्रिक सोशल वर्कर की भर्ती प्रक्रिया अंतर्गत निजी संस्थाओं के कार्य अनुभव को मान्य नहीं किया जाएगा। पूर्व में जारी विज्ञापन में लिपिकीय त्रुटि का सुधार करते हुए स्पष्ट कर दिया गया है। जिला कार्यालय की वेबसाइट में भी शुद्धि पत्र को अपलोड कर दिया गया है। आवेदन की अंतिम तिथि 19 अप्रैल 2025 है। -
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बिलासपुर : अग्नि सुरक्षा सेवा सप्ताह के अंतर्गत आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय में फायर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया । इस दौरान अग्निशमन विभाग के जिला अग्निशमन अधिकारी श्री दीपांकुर नाथ ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार सभी कर्मचारियों को अग्नि एवं अग्नि दुर्घटना के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी दी । इस दौरान फायर ट्राएंगल, एक्टिंग्विशिंग मीडिया के बारे में बताया गया। कौन से टाइप के फायर को किस प्रकार के फायर एक्सटिंग्विशर की मदद से बुझाया जा सकता है, इस बारे में बताया गया।अग्निशमन के कर्मचारी तथा एसडीआरएफ के जवानों ने मॉक ड्रिल करके दिखाया । साथ ही आगजनी की घटना होने पर क्या करें और क्या नहीं करें, इस संबंध में जानकारी दी गई । इस कार्यक्रम के दौरान डीएसपी मुख्यालय श्रीमती रश्मित कौर चावला, सिविल लाइन थाना प्रभारी श्री साहू तथा पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभी कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया ।श्री दीपांकुर नाथ जिला अग्निशमन अधिकारी ने बताया किसी भी घटना, दुर्घटना होने पर पुलिस फर्स्ट रिस्पॉन्डेट होती है जो घटना स्थल पर पहुंचती है। अतः पुलिस को फायर एक्सटिंग्विशर की जानकारी होना आवश्यक है। इस उद्देश्य से आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया । श्री नाथ ने शहर वासियों से आग के प्रति सजग, जागरूक एवं एकजुट होने का अनुरोध किया है । -
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चमचमाती सड़कें, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा की हो रही बेहतर व्यवस्था
बारिश से पहले विशेष पिछड़ी जनजातियों को मिले पक्का मकान
संजीदगी के साथ सुशासन से प्राप्त आवेदनों का करें समाधान
सहायक आयुक्तों को आश्रम-छात्रावासों के नियमित निरीक्षण करने के निर्देश
रायपुर : आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने कहा कि पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और नियद नेल्ला नार योजना से जनजातीय इलाकों में की तस्वीर और तकदीर बदल रही है। केन्द्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित उक्त योजनाओं से बस्तर के अबूझमाड़ में तेजी से बुनियादी सुविधाएं विकसित होने लगी है। अबूझमाड़ में एक ओर जहां चमचमाती सड़कों की जाल बिछाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल एवं विद्युत जैसी बुनियादी सुविधाएं भी तेजी से मुहैया भी कराई जा रही है।अब वह दिन दूर नहीं कि जब अबूझमाड़ लोगों के लिए अबूझ रहेगा। अब अबूझमाड़ में विकास का नया सूरज उग रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम के विशेष प्रयासों से जनजातीय इलाकों की स्थिति और वहां के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार किए जा रहे कार्यों की बदौलत छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में बुनियादी सुविधाएं तेजी से पहुंचने लगी है।प्रमुख सचिव श्री बोरा ने आज बस्तर और बिलासपुर संभागों के जिलों के आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को विभागीय कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और नियद नेल्लानार योजना विशेष उद्देश्य को लेकर संचालित की जा रही है। इसके उद्देश्य को पूरा करना हम सबकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। श्री बोरा ने कहा कि बस्तर अंचल के नक्सल प्रभावित गांवों में नियद नेल्लानार के माध्यम से लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने तथा वहां के लोगों के जीवन स्तर बेहतर बनाने का काम छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इस योजना के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बैठक में पीएम जनमन योजना के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजातीय परिवारों के लिए स्वीकृत आवासों का निर्माण बरसात से पूर्व हर हाल में पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग सुदूर वनांचल की बसाहटों में किस तरह अपनी जिन्दगी गुजार रहे हैं। बरसात के दिनों में उनके छोपड़ीनुमा घर रहने के लायक नहीं होते हैं। हमें इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए पूरी संवेदनशीलता के साथ उनके लिए पक्के आवासों का निर्माण कराना होगा।विशेष पिछड़ी जनजातियों के आवास निर्माण में किसी भी तरह की दिक्कत अथवा मटेरियल की कमी की जानकारी तत्काल कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को देने के साथ ही स्वयं समन्वय कर इसका निदान करें। प्रमुख सचिव ने बैठक में विभाग की अन्य योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को नियमित रूप से आश्रम एवं छात्रावास का निरीक्षण करने तथा वहां की कमियों को दूर करने के साथ ही सुशासन तिहार में विभाग को प्राप्त आवेदनों का पूरी संजीदगी और गुणवत्ता के साथ निराकरण करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर उप सचिव श्री बी.के. राजपूत, अपर संचालक श्री संजय गौड़, श्री आर.एस. भोई, श्री जितेन्द्र गुप्ता, श्री तारकेश्वर देवांगन, उपायुक्त श्रीमती गायत्री नेताम, श्रीमती मेनका चन्द्राकर, डॉ. रेशमा खान, श्री विश्वनाथ रेड्डी सहित विभिन्न जिलों के सहायक आयुक्त एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। -
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मंत्री श्री कश्यप ने जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए कड़े निर्देशरायपुर : जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में आज शिवनाथ भवन, अटल नगर में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता सहित कार्यपालन अभियंता स्तर तक के सभी अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री ने बैठक में जल संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि विभागीय कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जल संसाधन मंत्री श्री कश्यप ने निर्देशों के बावजूद टेंडर प्रक्रिया में फर्जी जानकारी देकर भाग लेने वाले करीब 108 ठेकेदार जिनकी पहचान कर ली गई है। उन सभी पर एक सप्ताह के भीतर उनकी ईएमडी राजसात करने के साथ ही उन्हें एक वर्ष के लिए निविदा प्रक्रिया से बाहर करने के निर्देश दिए। मंत्री श्री कश्यप ने प्रमुख अभियंता जल संसाधन को इस कार्रवाई का प्रतिवेदन देने के भी निर्देश दिए। मंत्री श्री कश्यप ने बैठक में 100 दिनों के भीतर सभी लंबित निविदाएं स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कराए जाने के सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिम्मेदारी तय कर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को 100 दिन की समय-सीमा को ध्यान में रखने की विशेष हिदायत दी।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि वह स्वयं सभी संभागों का दौरा कर विभागीय कार्यों का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने बस्तर संभाग में देऊरगांव और मटनार योजना का कार्य शीघ्र शुरू कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय लोगों को जल समस्या से राहत मिलेगी और इंद्रावती नदी के जल का समुचित उपयोग हो सकेगा। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बेहतर हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने मुख्य अभियंता को 5 प्रतिशत निर्माण कार्यों का, अधीक्षण अभियंता को 10 प्रतिशत और कार्यपालन अभियंता अपने संभाग के 100 प्रतिशत कार्यों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की औचक जांच के लिए सभी संभागों में गठित उड़नदस्ता को सुशासन तिहार के दौरान निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए।
जल संसाधन मंत्री श्री कश्यप ने प्रमुख सचिव को निर्देशित किया कि सुशासन तिहार के तहत प्राप्त सभी जन शिकायतों व मांगों का वर्गीकरण कर मई माह के अंत तक उनका निराकरण किया जाए। प्राप्त आवेदनों में अन्य विभागों से संबंधित हैं, उन्हें दो दिवस के भीतर संबंधित विभाग को हस्तांतरित किए जाएं। उन्होंने सुशासन तिहार से संबंधित आवेदनों के निराकरण एवं समन्वय के लिए प्रमुख अभियंता कार्यालय में एक अधिकारी को नोडल की जिम्मेदारी देने के भी निर्देश दिए गए।
मंत्री श्री केदार कश्यप ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर समक्का, जोरानाला और पोलावरम जैसी परियोजनाओं से जुड़े अंतरराज्यीय जल विवादों को सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वे स्वयं इन स्थलों का दौरा कर वस्तुस्थिति का जायजा लेंगे। बैठक के समापन पर मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जल संरक्षण केवल नीति का विषय नहीं, बल्कि भावी पीढ़ी के प्रति हम सबकी जिम्मेदारी है।उन्होंने अधिकारियों से जल संरक्षण एवं संवर्धन में जनभागीदारी बढ़ाने तथा छत्तीसगढ़ को जल प्रबंधन में देश का आदर्श राज्य बनाने का आव्हान किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव जल संसाधन श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता श्री इन्द्रजीत उइके सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। -
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लखपति दीदी“ जानकी नाग की बिहान योजना से आत्मनिर्भरता की ओर उड़ान
रायपुर : लखपति दीदी“ जानकी नाग की बिहान योजना से आत्मनिर्भरता की ओर उड़ानभारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु चलाई जा रही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की बिहान योजना आज कई महिलाओं के जीवन में बदलाव की कहानी लिख रही है। इसी योजना की बदौलत छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्राम सिरको की श्रीमती जानकी नाग आज ग्रामीण आत्मनिर्भरता की प्रेरणादायक मिसाल बन चुकी हैं। उन्होंने न केवल स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि अपने साथ गांव की कई अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार की राह दिखाई है।
श्रीमती जानकी नाग ने प्रगति स्व-सहायता समूह से जुड़कर अपने आत्मनिर्भर जीवन की शुरुआत की। उन्हें योजना के तहत 15 हजार रुपए की रिवॉल्विंग फंड और बाद में 60 हजार रुपए का कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड मिला। इस पूंजी का उपयोग कर जानकी ने आटा चक्की और सिलाई मशीन जैसे स्वरोजगार के संसाधनों की स्थापना की और अपने व्यवसाय का विस्तार किया। समूह के मार्गदर्शन और बैंक ऋण की मदद से जानकी का व्यापार लगातार बढ़ता गया। आज उनकी वार्षिक आय 80 हजार रुपए तक पहुंच चुकी है, और वे हर महीने औसतन 07 हजार रुपए की आय अर्जित कर रही हैं।
साल 2024 में जानकी को ’पशु सखी’ की जिम्मेदारी भी सौंपी गई, जिससे उन्हें हर माह 1,910 रुपए की अतिरिक्त आय हो रही है। इस आय से जानकी न सिर्फ अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर रही हैं, बल्कि अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रख रही हैं।जानकी गर्व से कहती हैं,“समूह से जुड़ने के बाद मुझे अपनी पहचान मिली है। अब मैं आत्मनिर्भर हूं और अपने पैरों पर खड़ी हूं। मुझे खुद पर और अपने काम पर गर्व है।“ उड़ान महिला संकुल संगठन, सांकरा और प्रकाश महिला ग्राम संगठन, सिरको के सहयोग से जानकी ने जिस संकल्प और आत्मबल के साथ सफलता पाई है, वह आज ग्रामीण महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुकी है।लखपति दीदी“ जानकी नाग की बिहान योजना से आत्मनिर्भरता की ओर उड़ानभारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु चलाई जा रही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की बिहान योजना आज कई महिलाओं के जीवन में बदलाव की कहानी लिख रही है। इसी योजना की बदौलत छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्राम सिरको की श्रीमती जानकी नाग आज ग्रामीण आत्मनिर्भरता की प्रेरणादायक मिसाल बन चुकी हैं। उन्होंने न केवल स्वयं को आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि अपने साथ गांव की कई अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार की राह दिखाई है।
श्रीमती जानकी नाग ने प्रगति स्व-सहायता समूह से जुड़कर अपने आत्मनिर्भर जीवन की शुरुआत की। उन्हें योजना के तहत 15 हजार रुपए की रिवॉल्विंग फंड और बाद में 60 हजार रुपए का कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड मिला। इस पूंजी का उपयोग कर जानकी ने आटा चक्की और सिलाई मशीन जैसे स्वरोजगार के संसाधनों की स्थापना की और अपने व्यवसाय का विस्तार किया। समूह के मार्गदर्शन और बैंक ऋण की मदद से जानकी का व्यापार लगातार बढ़ता गया। आज उनकी वार्षिक आय 80 हजार रुपए तक पहुंच चुकी है, और वे हर महीने औसतन 07 हजार रुपए की आय अर्जित कर रही हैं।
साल 2024 में जानकी को ’पशु सखी’ की जिम्मेदारी भी सौंपी गई, जिससे उन्हें हर माह 1,910 रुपए की अतिरिक्त आय हो रही है। इस आय से जानकी न सिर्फ अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर रही हैं, बल्कि अपने बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रख रही हैं।जानकी गर्व से कहती हैं,“समूह से जुड़ने के बाद मुझे अपनी पहचान मिली है। अब मैं आत्मनिर्भर हूं और अपने पैरों पर खड़ी हूं। मुझे खुद पर और अपने काम पर गर्व है।“ उड़ान महिला संकुल संगठन, सांकरा और प्रकाश महिला ग्राम संगठन, सिरको के सहयोग से जानकी ने जिस संकल्प और आत्मबल के साथ सफलता पाई है, वह आज ग्रामीण महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुकी है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बच्चों के संरक्षण को बताया सर्वोच्च लक्ष्यमहिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने दी शुभकामनाएं
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को नया नेतृत्व मिल गया है। वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं सामाजिक सरोकारों से जुड़ी डॉ. वर्णिका शर्मा ने आज राजधानी रायपुर स्थित आयोग के कार्यालय में आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। इस अवसर पर वनमंत्री श्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, संासद रायपुर श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री किरण देव, श्री धरमलाल कौशिक भी उपस्थित थे। उन्होंने डॉ. शर्मा को पुष्पगुच्छ भेंट कर बधाई दी और उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने डॉ. वर्णिका शर्मा को आयोग के अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण करने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा है कि डॉ. शर्मा के नेतृत्व में आयोग बाल संरक्षण की दिशा में प्रभावी ढंग से कार्य करेगा। उन्होंने बच्चों विशेष रूप से नक्सल पीड़ित परिवारों के बच्चों के लिए काफी काम किया है। उनके अनुभवों का लाभ आयोग को मिलेगा।
मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि डॉ. वर्णिका शर्मा के अनुभव और नेतृत्व में आयोग बच्चों के अधिकारों की रक्षा, कल्याण और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में नई ऊर्जा के साथ कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और अधिकारों के संरक्षण में आयोग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और नई अध्यक्ष के नेतृत्व में यह और अधिक प्रभावी होगी।कार्यभार ग्रहण करने के बाद डॉ. शर्मा ने कहा कि बच्चों के अधिकारों का संरक्षण उनकी सर्वाेच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि आयोग, बच्चों से जुड़ी समस्याओं और शिकायतों पर संवेदनशीलता से त्वरित कार्यवाही करेगा और समाज में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने पर जोर देगा।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 (2006 का अधिनियम क्रमांक 04) के तहत 16 जून 2010 को छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की स्थापना की गई थी। आयोग का उद्देश्य राज्य में बच्चों के अधिकारों की रक्षा, उल्लंघन की रोकथाम और संबंधित मामलों में कार्रवाई सुनिश्चित करना है। आयोग के प्रमुख कार्यों में बच्चों से जुड़ी नीतियों और कार्यक्रमों का निरीक्षण, संकटग्रस्त और वंचित बच्चों की सुरक्षा, बालगृहों एवं संरक्षण संस्थानों का निरीक्षण, शिक्षा और प्रशिक्षण में बाल अधिकारों को बढ़ावा देना शामिल है। इसके साथ ही, आयोग को शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के क्रियान्वयन और शिकायतों के समाधान की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। वहीं किशोर न्याय अधिनियम 2015 (संशोधित 2021) के तहत आयोग, बच्चों की देखरेख और संरक्षण संबंधी व्यवस्थाओं की निगरानी भी करता है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
चमचमाती सड़कें, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा की हो रही बेहतर व्यवस्था
बारिश से पहले विशेष पिछड़ी जनजातियों को मिले पक्का मकान
संजीदगी के साथ सुशासन से प्राप्त आवेदनों का करें समाधान
सहायक आयुक्तों को आश्रम-छात्रावासों के नियमित निरीक्षण करने के निर्देश
रायपुर : आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने कहा कि पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और नियद नेल्ला नार योजना से जनजातीय इलाकों में की तस्वीर और तकदीर बदल रही है। केन्द्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित उक्त योजनाओं से बस्तर के अबूझमाड़ में तेजी से बुनियादी सुविधाएं विकसित होने लगी है। अबूझमाड़ में एक ओर जहां चमचमाती सड़कों की जाल बिछाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल एवं विद्युत जैसी बुनियादी सुविधाएं भी तेजी से मुहैया भी कराई जा रही है। अब वह दिन दूर नहीं कि जब अबूझमाड़ लोगों के लिए अबूझ रहेगा। अब अबूझमाड़ में विकास का नया सूरज उग रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम के विशेष प्रयासों से जनजातीय इलाकों की स्थिति और वहां के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार किए जा रहे कार्यों की बदौलत छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में बुनियादी सुविधाएं तेजी से पहुंचने लगी है।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने आज बस्तर और बिलासपुर संभागों के जिलों के आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को विभागीय कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और नियद नेल्लानार योजना विशेष उद्देश्य को लेकर संचालित की जा रही है। इसके उद्देश्य को पूरा करना हम सबकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। श्री बोरा ने कहा कि बस्तर अंचल के नक्सल प्रभावित गांवों में नियद नेल्लानार के माध्यम से लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने तथा वहां के लोगों के जीवन स्तर बेहतर बनाने का काम छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इस योजना के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
प्रमुख सचिव श्री बोरा ने बैठक में पीएम जनमन योजना के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजातीय परिवारों के लिए स्वीकृत आवासों का निर्माण बरसात से पूर्व हर हाल में पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग सुदूर वनांचल की बसाहटों में किस तरह अपनी जिन्दगी गुजार रहे हैं। बरसात के दिनों में उनके छोपड़ीनुमा घर रहने के लायक नहीं होते हैं। हमें इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए पूरी संवेदनशीलता के साथ उनके लिए पक्के आवासों का निर्माण कराना होगा। विशेष पिछड़ी जनजातियों के आवास निर्माण में किसी भी तरह की दिक्कत अथवा मटेरियल की कमी की जानकारी तत्काल कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ को देने के साथ ही स्वयं समन्वय कर इसका निदान करें। प्रमुख सचिव ने बैठक में विभाग की अन्य योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को नियमित रूप से आश्रम एवं छात्रावास का निरीक्षण करने तथा वहां की कमियों को दूर करने के साथ ही सुशासन तिहार में विभाग को प्राप्त आवेदनों का पूरी संजीदगी और गुणवत्ता के साथ निराकरण करने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर उप सचिव श्री बी.के. राजपूत, अपर संचालक श्री संजय गौड़, श्री आर.एस. भोई, श्री जितेन्द्र गुप्ता, श्री तारकेश्वर देवांगन, उपायुक्त श्रीमती गायत्री नेताम, श्रीमती मेनका चन्द्राकर, डॉ. रेशमा खान, श्री विश्वनाथ रेड्डी सहित विभिन्न जिलों के सहायक आयुक्त एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मंत्री श्री कश्यप ने जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश
रायपुर : जल संसाधन मंत्री श्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में आज शिवनाथ भवन, अटल नगर में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता सहित कार्यपालन अभियंता स्तर तक के सभी अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री ने बैठक में जल संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि विभागीय कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जल संसाधन मंत्री श्री कश्यप ने निर्देशों के बावजूद टेंडर प्रक्रिया में फर्जी जानकारी देकर भाग लेने वाले करीब 108 ठेकेदार जिनकी पहचान कर ली गई है। उन सभी पर एक सप्ताह के भीतर उनकी ईएमडी राजसात करने के साथ ही उन्हें एक वर्ष के लिए निविदा प्रक्रिया से बाहर करने के निर्देश दिए। मंत्री श्री कश्यप ने प्रमुख अभियंता जल संसाधन को इस कार्रवाई का प्रतिवेदन देने के भी निर्देश दिए। मंत्री श्री कश्यप ने बैठक में 100 दिनों के भीतर सभी लंबित निविदाएं स्वीकृत कर कार्य प्रारंभ कराए जाने के सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिम्मेदारी तय कर संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को 100 दिन की समय-सीमा को ध्यान में रखने की विशेष हिदायत दी।
मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि वह स्वयं सभी संभागों का दौरा कर विभागीय कार्यों का निरीक्षण करेंगे। उन्होंने बस्तर संभाग में देऊरगांव और मटनार योजना का कार्य शीघ्र शुरू कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय लोगों को जल समस्या से राहत मिलेगी और इंद्रावती नदी के जल का समुचित उपयोग हो सकेगा। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बेहतर हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने मुख्य अभियंता को 5 प्रतिशत निर्माण कार्यों का, अधीक्षण अभियंता को 10 प्रतिशत और कार्यपालन अभियंता अपने संभाग के 100 प्रतिशत कार्यों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिए। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की औचक जांच के लिए सभी संभागों में गठित उड़नदस्ता को सुशासन तिहार के दौरान निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए।
जल संसाधन मंत्री श्री कश्यप ने प्रमुख सचिव को निर्देशित किया कि सुशासन तिहार के तहत प्राप्त सभी जन शिकायतों व मांगों का वर्गीकरण कर मई माह के अंत तक उनका निराकरण किया जाए। प्राप्त आवेदनों में अन्य विभागों से संबंधित हैं, उन्हें दो दिवस के भीतर संबंधित विभाग को हस्तांतरित किए जाएं। उन्होंने सुशासन तिहार से संबंधित आवेदनों के निराकरण एवं समन्वय के लिए प्रमुख अभियंता कार्यालय में एक अधिकारी को नोडल की जिम्मेदारी देने के भी निर्देश दिए गए।
मंत्री श्री केदार कश्यप ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर समक्का, जोरानाला और पोलावरम जैसी परियोजनाओं से जुड़े अंतरराज्यीय जल विवादों को सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। वे स्वयं इन स्थलों का दौरा कर वस्तुस्थिति का जायजा लेंगे। बैठक के समापन पर मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जल संरक्षण केवल नीति का विषय नहीं, बल्कि भावी पीढ़ी के प्रति हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से जल संरक्षण एवं संवर्धन में जनभागीदारी बढ़ाने तथा छत्तीसगढ़ को जल प्रबंधन में देश का आदर्श राज्य बनाने का आव्हान किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव जल संसाधन श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता श्री इन्द्रजीत उइके सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
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छत्तीसगढ़ राज्य रेडक्रॉस सोसायटी के नव निर्वाचित पदाधिकारियों ने राज्यपाल से की भेंट
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज राजभवन में छत्तीसगढ़ राज्य रेडक्रॉस सोसायटी के नव निर्वाचित अध्यक्ष श्री टोमन साहू के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने सौजन्य भेंट की। उन्होंने प्रबंधन समिति के लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।
राज्यपाल श्री डेका ने छत्तीसगढ़ रेडक्रॉस समिति के नव निर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने रेडक्रॉस की सदस्यता बढ़ाने के लिए सभी पदाधिकारियों को विशेष प्रयास करने कहा। प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के तहत छत्तीसगढ़ को टी.बी. रोग से मुक्त करने के लिए रेडक्रॉस को अहम भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस की भूमिका और अधिक सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए कार्य करना होगा। श्री डेका ने विभिन्न विषयों पर पदाधिकारियों को मार्गदर्शन दिया।
छत्तीसगढ़ रेडक्रॉस सोसायटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम. के. राउत ने बताया कि राज्य के 32 जिलों में जिलास्तरीय रेडक्रॉस समिति के चुनाव कराए गए। इन जिला प्रतिनिधियों ने भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी की राज्य स्तरीय प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों को चुना।
इस अवसर पर छत्त्तीसगढ़ रेडक्रॉस सोसायटी के उपाध्यक्ष श्री रूपेश पाणिग्रही, सचिव डॉ. रूपल पुरोहित, कोषाध्यक्ष श्री संजय पटेल, श्री बलराम साहू, डॉ. प्रदीप कुमार साहू और श्री युवराज देशमुख उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : राज्यपाल एवं कुलाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग श्री रमेन डेका द्वारा प्रोफेसर विजय कुमार गोयल, रिटायर्ड प्रिंसिपल संत गोविंदराम शदाणी शासकीय कला एवं वाणिज्य महिला महाविद्यालय, देवेन्द्र नगर को छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग का अध्यक्ष एवं डॉ. व्यास दुबे, सेवानिवृत्त प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष (सांख्यिकी अध्ययन शाला) कोे पूर्णकालिक सदस्य (अकादमिक) नियुक्त किया गया है।
ये नियुक्ति छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग अधिनियम 2005 की धारा 36 की उपधारा (4) एवं (5) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए की गई है। इस आशय का आदेश 15 अप्रैल को राजभवन सचिवालय से जारी किया गया। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य औद्योगिक क्रांति की ओर अग्रसर
वर्ष 2025 में 218 परियोजनाओं में 1.63 लाख करोड़ का निवेश
सर्वाधिक निवेश वाले टॉप टेन राज्यों में शामिल है छत्तीसगढ़
राज्य में अब तक 4.4 लाख करोड़ रूपए का हुआ है औद्योगिक निवेश
रायपुर : छत्तीसगढ़ ने वित्तीय वर्ष 2025 में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रोजेक्ट टूडे सर्वे द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 218 नई परियोजनाओं में 1,63,749 करोड़ रूपए का निवेश आया है, जो देश के कुल निवेश का 3.71 प्रतिशत है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को, देश के टॉप टेन निवेश वाले राज्यों में शामिल करती है। इस सफलता के पीछे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व और छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति 2024-30 का महत्वपूर्ण योगदान है। यहां यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 में हुए निवेश को मिलाकर राज्य में अब तक 4.4 लाख करोड़ रूपए का औद्योगिक निवेश हुआ है।
एक नवंबर 2024 से लागू नई औद्योगिक नीति 2024-30 ने छत्तीसगढ़ को निवेशकों के लिए एक आकर्षक राज्य बना दिया है। इस नीति में न्यूनतम शासन, अधिकतम प्रोत्साहन के सूत्र को अपनाया गया है, जिसके तहत सिंगल विंडो सिस्टम 2.0, ऑनलाइन आवेदन, और त्वरित प्रोसेसिंग जैसी सुविधाएं शुरू की गई हैं। नीति में फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है। उद्योगों को 30-50 प्रतिशत सब्सिडी, 5 से 12 साल तक कर छूट, और ब्याज अनुदान जैसे प्रावधानों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। नीति में 1000 से अधिक रोजगार देने वाली इकाइयों के लिए बी-स्पोक पॉलिसी और प्रति व्यक्ति 15,000 तक प्रशिक्षण अनुदान जैसे प्रावधान भी शामिल हैं, जिसका लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए रोजगार सृजित करना है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर निवेश को आकर्षित करने के लिए देश के प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, और बेंगलुरु में इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट का आयोजन किया गया। इन समिट्स में देश-विदेश के प्रमुख उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया, जिसके परिणामस्वरूप 4.4 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। मुंबई में आयोजित समिट में 6000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव और अमेरिका व रूस के कॉन्सल जनरल से विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की सहमति मिली। दिल्ली में 15,184 करोड़ और बेंगलुरु में ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की सहमति ने छत्तीसगढ़ की औद्योगिक क्षमता को रेखांकित किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि छत्तीसगढ़ सरकार पारदर्शी और निवेशक अनुकूल नीतियों के साथ हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले एक साल में 300 से अधिक सुधार लागू किए, जिसने कागजी प्रक्रियाओं को कम कर कारोबारी माहौल को पारदर्शी और तेज बनाया। सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के जरिए सभी स्वीकृतियां और लाइसेंस आसानी से उपलब्ध हैं, और सब्सिडी जारी करने की प्रक्रिया को 7 दिनों के भीतर सीमित किया गया है। इन सुधारों ने छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े उद्योगपतियों तक के लिए छत्तीसगढ़ को एक पसंदीदा गंतव्य बनाया है।
छत्तीसगढ़ ने पहली बार सेमीकंडक्टर, डेटा सेंटर, और एआई आधारित उद्योगों के लिए निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं। नवा रायपुर में हाल ही में राज्य के पहले सेमीकंडक्टर प्लांट का भूमिपूजन हुआ, जो तकनीकी नवाचार की दिशा में एक बड़ा कदम है। नया रायपुर को बेंगलुरु और हैदराबाद की तर्ज पर आईटी हब के रूप में विकसित करने की योजना है, जिसमें नैसकॉम के साथ समझौता एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति न केवल उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देती है, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक समृद्धि पर भी जोर देती है। हमारा लक्ष्य अमृतकाल-छत्तीसगढ़ विजन 2047 नवा अंजोर के तहत विकसित भारत के निर्माण में योगदान देना है। इन निवेशों से न केवल आर्थिक प्रगति को गति मिलेगी, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। छत्तीसगढ़ अब नक्सल प्रभावित छवि से बाहर निकलकर एक औद्योगिक और तकनीकी हब के रूप में उभर रहा है। राज्य नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है, जो देश के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अग्नि सुरक्षा के प्रति दिया गया सतर्कता का संदेशमहासमुन्द : भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार 14 अप्रैल से 20 अप्रैल 2025 तक अग्निशमन सेवा सप्ताह के अंतर्गत जिले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार को अग्निशमन जन-जागरूकता रैली का आयोजन किया गया।
रैली का शुभारंभ अपर कलेक्टर श्री रवि साहू एवं जिला सेनानी/अग्निशमन अधिकारी श्री अनुज कुमार एक्का द्वारा तुमगांव रोड ओवर ब्रिज के पास हरी झंडी दिखाकर किया गया। रैली में 30 महिला नगर सैनिकों सहित कुल 90 नगर सैनिकों ने भाग लिया। रैली शहर के प्रमुख मार्गों कांग्रेस चौक, बरौंडा चौक, शास्त्री चौक, गांधी चौक, महामाया चौक, रायपुर रोड, बस स्टैंड आदि से होकर गुजरी। रैली के माध्यम से बैनर और पाम्पलेट वितरण कर आमजन को अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूक तथा अग्निशमन प्रदर्शन कर अग्नि दुर्घटनाओं से बचाव एवं सतर्कता हेतु प्रेरित किया गया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
यह कार्य ‘मोर दुआर साय सरकार’ अभियान के तहत किया जा रहा
बेमेतरा : प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के अंतर्गत छूटे हुए पात्र ग्रामीण परिवारों को लाभान्वित करने हेतु बेमेतरा जिले में विशेष सर्वेक्षण पखवाड़ा की शुरुआत की गई है। यह अभियान 15 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक चलेगा, जिसका उद्देश्य शत-प्रतिशत नये आवास सर्वेक्षण को पूर्ण करना है। यह कार्य ‘मोर दुआर साय सरकार’ अभियान के तहत किया जा रहा है।भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के क्रियान्वयन में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत स्थायी प्रतीक्षा सूची तथा आवास प्लस सूची में छूटे पात्र ग्रामीण परिवारों की पहचान कर उन्हें योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिनांक 17 सितम्बर 2024 को आवास प्लस 2.0 मोबाइल एप्लिकेशन का शुभारंभ किया गया था। भारत सरकार द्वारा 30 अप्रैल 2025 तक सर्वेक्षण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। जिले की ग्राम पंचायतों में सर्वेक्षण का कार्य ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायक एवं आवास मित्र द्वारा किया जा रहा है। ये अधिकारी आवास प्लस एप के माध्यम से लाभार्थियों का डेटा एकत्रित कर रहे हैं। इसके साथ ही पात्र हितग्राही स्वयं भी अपने मोबाइल के माध्यम से सर्वेक्षण कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें आवास प्लस एप का नवीनतम संस्करण 2.1.20 तथा आधार फेस आईडी एप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर अपने आधार कार्ड व जॉब कार्ड की जानकारी अपलोड करनी होगी। यदि किसी लाभार्थी को तकनीकी समस्या आती है, तो वे संबंधित जनपद पंचायत के आवास कर्मी, ग्राम पंचायत सचिव, आवास मित्र या रोजगार सहायक से संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाने हेतु ग्रामीणों को स्थानीय बोली व भाषा में भी जानकारी दी जा रही है, जिससे अधिक से अधिक पात्र लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।
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बलरामपुर : भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज रामानुजगंज में संस्था के प्राचार्य के मार्गदर्शन में प्रेरणास्पद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्थान में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सामाजिक न्याय, समानता और शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. अंबेडकर के अमूल्य योगदान को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की छायाचित्र दीप प्रज्वलन एवं बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई। इसके पश्चात विद्यार्थियों द्वारा डॉ. अंबेडकर के जीवन, संघर्ष तथा संविधान निर्माण में उनके ऐतिहासिक योगदान पर विचार प्रस्तुत किए गए। छात्रों के भाषणों ने डॉ. अंबेडकर के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में कविता पाठ और रचनात्मक पोस्टर प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रहे। इस आयोजन का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के अधिकारी एवं स्वयंसेवकों के समन्वय से किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को जीवन में उतारने तथा शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनाने की प्रेरणा दी गई।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
उन्नत खेती को बढ़ावा देने दिए निर्देश
बलरामपुर : कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा एवं जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर ने ग्राम पंचायत जाबर स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने किसानों के हित में चल रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी ली। कलेक्टर श्री कटारा एवं जिला पंचायत सीईओ श्रीमती तोमर ने कृषि विज्ञान केन्द्र के पूरे परिसर का भ्रमण कर चल रही गतिविधियों एवं कृषि तकनीकों का अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न फसलों और बीज उत्पादन का भी निरीक्षण किया।कलेक्टर ने कड़कनाथ हेचरी यूनिट का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने यूनिट में चल रही गतिविधियों का जायजा लिया और कड़कनाथ नस्ल के पालन, हैचिंग प्रक्रिया की जानकारी ली। कलेक्टर ने यूनिट की साफ-सफाई, तकनीकी व्यवस्था, चूजों के बेहतर रखरखाव के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बायोफ्लॉक मछली पालन इकाई का निरीक्षण कर इसके संचालन पद्धति की जानकारी ली। उन्होंने टैंक की साफ-सफाई, पानी की गुणवत्ता और मछलियों की प्रजातियों के रख-रखाव की बारीकी से जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने संबंधितों को निर्देश दिए कि इच्छुक किसानों और बेरोज़गार युवाओं को प्रशिक्षण देकर इस तकनीक से जोड़े।
कलेक्टर ने कृषि वैज्ञानिकों को जिले के किसानों के हित में काम करने कहा। कलेक्टर ने कहा कि किसानों को धान के अलावा अन्य लाभदायक फसलों के उत्पादन से जोड़कर उन्हें प्रोत्साहित करें। उन्होंने जिले के किसानों को यहां ली जा रही फसलों से रूबरू कराते हुए उन्नत खेती से जोड़ने को कहा। साथ ही खेती से लाभ और उत्पादन की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान प्रभारी उप संचालक कृषि श्री रामचन्द्र भगत, सहायक संचालक उद्यान श्री कमलेश कुमार साहू, कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख श्री अनिल सोनपाकर, डॉ. जी.के. निगम, जनपद सीईओ श्री रणवीर साय उपस्थित रहे।
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गांव-गांव पहुंचकर गर्भवती, शिशुवती व बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए करेगा जागरूकता
कोरिया : पोषण पखवाड़ा (08 अप्रैल से 22 अप्रैल) के अंतर्गत आज जिला कलेक्टोरेट परिसर से पोषण रथ को अपर कलेक्टर श्री अरुण कुमार मरकाम द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह रथ जिले के दूरस्थ गांवों में पहुंचकर गर्भवती महिलाओं, शिशुवती माताओं, 5 वर्ष तक के बच्चों तथा एनीमिया व कुपोषण से पीड़ित लोगों को स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूक करेगा।
पोषण रथ के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के सहयोग से उचित पोषण, शिशु देखभाल, मातृ स्वास्थ्य और संतुलित आहार के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही विटामिन, प्रोटीन, टीका सहित स्वास्थ्यवर्धक आहार व दवाइयों के उपयोग से संबंधित सलाह भी दी जाएगी।
रथ को रवाना करते हुए अपर कलेक्टर श्री अरुण मरकाम ने कहा, यह पहल निश्चित रूप से गांव-गांव में पोषण संबंधी जागरूकता बढ़ाएगी और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में प्रेरित करेगी। इस अवसर महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।
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अपर कलेक्टर श्री रविराज ठाकुर पीठासीन अधिकारी नियुक्त
महासमुंद : जनपद पंचायत तथा जिला पंचायत स्थायी समितियां नियम, 1994 के नियम 6 के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने जिला पंचायत महासमुंद की स्थायी समिति के गठन की प्रक्रिया के लिए अपर कलेक्टर श्री रविराज ठाकुर को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है।
इस संबंध में निर्वाचन सम्मिलन आगामी 23 अप्रैल 2025 को प्रातः 11ः00 बजे जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित किया जाएगा। पीठासीन अधिकारी के निर्देशन में यह निर्वाचन प्रक्रिया सम्पन्न की जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा सभी संबंधित सदस्यों से समय पर उपस्थित रहने की अपील की गई है, ताकि समिति गठन की प्रक्रिया सुचारु रूप से सम्पन्न हो सके।