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राज्यपाल श्री रमेन डेका ने स्वसहायता समूह की महिलाओं से मुलाकात की और उनकी आर्थिक गतिविधियों की सराहना की

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

बेमेतरा : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने बीते शनिवार को अपने बेमेतरा प्रवास के दौरान कलेक्ट्रेट के दृष्टि सभाकक्ष में स्वसहायता समूह की महिलाओं से मुलाकात की और उनकी आर्थिक गतिविधियों की सराहना की। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री सी.आर. प्रसन्ना, कलेक्टर रणबीर  शर्मा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण , सीईओ जिला पंचायत श्री टेकचंद्र अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। महिलाओं ने बताया कि वे मछली पालन, बकरी पालन, सब्जी-भाजी उत्पादन और तीज-त्यौहार की सामग्री निर्माण जैसे विभिन्न कार्य कर रही हैं। हाल ही में होली पर बनाए गए हर्बल गुलाल की काफी मांग रही, जिसे कलेक्ट्रेट परिसर में भी बेचा गया।

राज्यपाल ने बकरी पालन को एक अच्छे व्यवसाय के रूप में चिन्हित करते हुए कहा कि इससे न केवल दूध उत्पादन होता है, बल्कि अन्य आर्थिक लाभ भी जुड़े हैं। उन्होंने मछली पालन के साथ-साथ बतख पालन और अन्य नवाचारों को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने महिलाओं से व्यवसाय से आर्थिक लाभ, लिए गए ऋण और किस्त जमा करने संबंधी भी जानकारी ली। राज्यपाल ने कहा कि बैंक ऋण किस्त की अदायगी समय पर करने से आपकी और आपके समूह की अच्छी  साख (गुडविल) बनती है। बाद में ऋण लेने पर ज़्यादा दिक्कत भी नहीं आती।  उन्होंने कहा आप सब अच्छा काम कर अपनी आय में बढ़ोतरी कर आपने परिवार की आर्थिक स्थिति  मज़बूत कर रही है। कई सरकारी योजनाएं महिलाओं और उनके  परिवार की अच्छी आर्थिक मजबूती   करने के लिए चल रही है। उसका लाभ उठाये।  
       
स्वसहायता समूह की राजेश्वरी धीवर ग्राम हसदा ने बताया कि वह मछली पालन कर अच्छी कमाई कर रही है। राज्यपाल ने पूछा कि कौन-कौन सी मछली पाल रही है। राजेश्वरी ने  बताया कि रोहू, कतला, मृगल आदि। वही नीलिमा यादव सहित चार महिला स्व सहायता बकरी पालन, को अपने आर्थिक सशक्तिकरण का जरिया बनाया। प्रारंभ में केवल दो बकरियों के साथ शुरू किए गए इस व्यवसाय में आज उनके पास 50 से अधिक बकरियां हैं। समूह की महिलाओं ने न केवल दूध और बकरियों की बिक्री से आमदनी बढ़ाई, बल्कि इसके गोबर से जैविक खाद बनाकर भी अतिरिक्त आय अर्जित की।
 
हर्बल गुलाल बनाने का विचार भी उनके लिए मुनाफे का सौदा साबित हुआ। प्राकृतिक रंगों से बनाए गए इस गुलाल को स्थानीय बाजार में अच्छी कीमत मिली, जिससे समूह को आर्थिक मजबूती मिली। राज्यपाल श्री डेका ने महिलाओं की इस आत्मनिर्भरता को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि ऐसे प्रयास न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाते हैं, बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं|

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