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बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की लगाई गई ड्यूटी
बेमेतरा 24 जून : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शिव अनंत तायल के निर्देश पर मानसून 2020 में बाढ़ की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए आपदा नियंत्रण के लिए संयुक्त जिला कार्यालय (कलेक्टोरेट) के कक्ष क्रमांक 04 में जिला आपदा नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। आपदा नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नम्बर 07824-222103 है। नियंत्रण कक्ष के लिए श्री अजय चंद्रवंशी प्रभारी तहसीलदार बेमेतरा मो.नं. 9981441740, आशुतोष गुप्ता सहायक अधिक्षक भू-अभिलेख मो.नं. 9630400403, राजकुमार मरावी नायब तहसीलदार बेमतरा मो.नं.9131632587, बीआर मोरे परियोजना अधिकारी जिला पंचायत मो.नं. 7747026086, को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष वर्षाकाल के प्रारंभ से समाप्ति तक 24 घंटे संचालित रहेगी। तत्कालीन व्यवस्था के तहत् तीन पालियों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
26 एवं 30 जून 2020 प्रातः 06ः00 बजे से दोपहर 02ः00 बजे तक राजेन्द्र देवांगन सहायक ग्रेड-03 शा.उ.मा.वि.देवरबीजा, छवीलाल ध्रुव सहायक ग्रेड-03 जिला पंचायत बेमेतरा, निलय पाण्डेय सहायक ग्रेड-02 शिक्षा विभाग बेमेतरा इसी प्रकार दोपहर 02ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक तुलेश्वर सोनी सहायक अभियंता (प्र.म.आ.यो.), घनश्याम सिन्हा (वि.ख.समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन) जनपद पंचायत बेमेतरा, संजय यादव सहायक ग्रेड-03 शिक्षा विभाग बेमेतरा शामिल हैं। इसके अलावा रात्रि 10.00 बजे से प्रातः 6.00 बजे तक सचिन क्षत्रिय सहायक ग्रेड-03 शासकीय हायस्कूल सिंघौरी, सौदागर नंद लेखापाल (डीपीआरसी) जिला पंचायत बेमेतरा, रामपाल सिंह सेंगर स्थल सहायक नलकूप उप संभाग बेमेतरा की ड्यूटी लगाई गई हैं।
इसके अलावा माह 27 जून को प्रातः 06ः00 बजे से दोपहर 02ः00 बजे तक कृष्णनारायण ताम्रकार उप अभियंता नागरपालिका बेमेतरा, लक्ष्मीनाथ साहू सहायक राजस्व निरीक्षक नगरपालिका बेमेतरा, डीके कारोणिक शिक्षा विभाग बेमेतरा की ड्यूटी लगाई गई हैं। इसके अलावा दोपहर 02ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक श्री धार्मिक सहायक ग्रेड-03 उद्योग विभाग बेमेतरा, असलम खान सहायक ग्रेड-03 शिक्षा विभाग बेमेतरा, योगेश देवांगन डीईओ उद्योग विभाग बेमेतरा की ड्यूटी लगाई गई हैं। इसी प्रकार रात्रि 10.00 बजे से प्रातः 6.00 बजे तक जितेन्द्र कुमार मिश्रा सहायक ग्रेड-02 शिक्षा विभाग बेमेतरा, मोतीलाल साहू ग्रा.कृ.वि. अधिकारी कृषि विभाग बेमेतरा, राजेन्द्र वर्मा सहायक ग्रेड-03 कृषि विभाग बेमेतरा की ड्यूटी लगाई गई हैं।
इसी तरह 28 जून को प्रातः 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक के लिए मयंक राठौर उप अभियंता बेमेतरा, प्रमोद ठाकुर सहायक ग्रेड-03 नगरपलिका बेमेतरा, लोकेश बनाफर सहायक ग्रेड-03 नगरपालिका बेमेतरा की ड्यूटी लगाई गई हैं। दोपहर 02 बजे से रात 10 बजे तक पुरन कुमार ध्रुव सहा.पशु चिकि.क्षेत्र अधिकारी, मोरध्वज दिव्य शिक्षा विभाग बेमेतरा, एसके जाटवर ग्रा.कृ.वि.अधिकारी कृषि विभाग बेमेतरा की ड्यूटी लगाई गई हैं। रात 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक रमेश लाल साहू उप अभियंता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना बेमेतरा, त्रिलोक सिंह वर्मा सहायक ग्रेड-03 शिक्षा विभाग बेमेतरा, अनुराग सिंह ठाकुरउप अभियंता प्रधा.ग्रा.स.योजना बेमेतरा की ड्यूटी लगाई गई हैं।
इसी तरह 29 जून को प्रातः 06 बजे से दोपहर 02 बजे तक के लिए उमाशंकर खाण्डे संकाय सदस्य जिला पंचायत संसाधन केन्द्र बेमेतरा, प्रभांशु शर्मा एवं नागेन्द्र शर्मा सहायक ग्रेड-02 शिक्षा विभाग बेमेतरा की ड्यूटी लगाई गई हैं। दोपहर 02 बजे से रात 10 बजे तक अमोल सिंह सलाम सहायक ग्रेड-03 खेल एवं युवा कल्याण बेमेतरा, खिरामन लाल वर्मा (प्रशासक एमआईएस) शिक्षा विभग बेमेतरा, विमल कुमार तिर्की उप अभियंता प्रधा.ग्रा.स.योजना बेमेतरा की ड्यूटी लगाई गई हैं। रात 10 बजे से प्रातः 06 बजे तक बलदाऊराम साहू लेखापाल आत्मा योजना कृषि विभाग बेमेतरा, शत्रुहन लाल निषाद जिला समन्वयक (प्र.म.आ.यो.) जिला पंचायत बेमेतरा, मोतीलाल ठाकुर सहायक मानचित्रकार लोक स्वा.यां.खण्ड बेमेतरा की ड्यूटी लगाई गई हैं। जारी आदेश मे कलेक्टर ने कहा है कि उक्त दर्शित अधिकारी/कर्मचारी निर्धारित तिथि एवं समय पर नियंत्रण कक्ष मे उपस्थित होना सुनिश्चित करें। -
जशपुरनगर 24 जून : योजना एवं सांख्यिकी विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 एवं छत्तीसगढ़ जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2001 के तहत् सभी जन्म-मृत्यु की घटनाओं का पंजीयन करना अनिवार्य है। जन्म-मृत्यु पंजीयन एवं प्रमाण पत्र जिस स्थान पर घटना घटित होती है वहीं के रजिस्ट्रार(जन्म-मृत्यु) /उप रजिस्ट्रार(जन्म-मृत्यु) द्वारा प्रमाण पत्र प्रदाय किया जाता है।
ग्रामीण क्षेत्र में हुए जन्म-मृत्यु की घटनाओं का पंजीयन ग्राम पंचायत सचिव, रजिस्ट्रार(जन्म-मृत्यु) द्वारा किया जाता है। शासकीय संस्थाओं जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एंव उप स्वास्थ्य केन्द्र में घटित घटनाओं का पंजीयन संबंधित संस्था के प्रभारी अधिकारी द्वारा पंजीयन किया जाता है। नगरीय क्षेत्रों में नगरीय निकायों में ब्भ्प्च्े के ई डिस्ट्रिक्ट साॅफ्टवेयर के माध्यम से पंजीयन किया जा रहा था जिसे मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत द्वारा जनवरी 2020 से भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय के वेब पोर्टल पर उपलब्ध केन्द्रीय साॅफ्टवेयर के माध्यम से जन्म एवं मृत्यु का पंजीयन किया जा रहा है 1 से 21 दिन के भीतर पंजीयन निशुल्क, घटना घटित होने के 22 दिन से 30 के अंदर पंजीयन के लिये विलंब शुल्क ‘‘दो रूपया’’ प्रति विलम्बित पंजीयन विलम्ब शुल्क निर्धारित किया गया है।
जन्म-मृत्यु के घटना घटित होने के 30 दिवस के पश्चात किंतु एक वर्ष के भीतर विलम्ब पंजीयन हेतु शपथ पत्र प्रस्तुत करने के लिए शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक/उच्च/उच्चत्तर माध्यमिक शाला के प्राचार्य/आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/ए.एन.एम/एमपीडब्लू को उनके कार्य क्षेत्र के सीमा के भीतर लिखित अनुज्ञा की आवश्यकता होती है। जिसमें पांच रूपया का विलम्ब शुल्क लिये जाने का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्र हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत (अतिरिक्त जिला रजिस्ट्रार(जन्म-मृत्यु)) से लिखित अनुमति के बाद संबंधित क्षेत्र के ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा पंजीयन की कार्यवाही की जाती है एवं नगरीय निकाय हेतु 30 दिवस के पश्चात् किंतु एक वर्ष के भीतर के घटनाओं के लिए जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी (जिला रजिस्ट्रार(जन्म-मृत्यु)) के लिखित अनुमति के पश्चात् मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा पंजीयन की कार्यवाही की जाती है।
एक वर्ष से अधिक विलम्ब होने के स्थिति में संबंधित क्षेत्र के कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के द्वारा घटना के सत्यापन के आधार पर अनुमति प्रदाय की जाती है, जिसमें दस रूपया का विलम्ब शुल्क लिये जाने का प्रावधान है अनुमति के पश्चात् संबंधित क्षेत्र के रजिस्ट्रार द्वारा पंजीयन की कार्यवाही की जाती है। -
जशपुरनगर 24 जून : जशपुर जिले में अब तक 287.4 मिमी औसत वर्षा हो चुकी है। जिले में बीते 10 वर्षां की तुलना में 24 जून तक औसत वर्षा 104.3 मिमी हुई है। बीते 24 घंटे में जिले मेें 1.3 मिलीमीटर औसत वर्षा हुई है। भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक जशपुर तहसील में 408.6 मिमी, मनोरा में 209.8 मिमी, कुनकुरी में 320.2 मिमी, दुलदुला में 333 मिमी, फरसाबहार में 256.3 मिमी, बगीचा में 215 मिमी, कांसाबेल में 219.1 मिमी एवं पत्थलगांव में 337.4 मिमी वर्षा हो चुकी है। -
सभी संस्थाओं में साफ-सफाई के साथ नियमित निगरानी करने के दिए निर्देशपहाड़़ी कोरवाओं के बच्चों को शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सार्थक प्रयास करें
जशपुरनगर 24 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण समिति की त्रैमासिक समीक्षा बैठक कलेक्टोरेट सभाकक्ष मे आयोजित हुई। इस अवसर पर बाल संरक्षण समिति, बाल एवं बालिका संरक्षण गृह, संप्रेक्षण गृह, बाल सखी वन स्टाॅप संेटर तथा नवा बिहान (घरेलू हिंसा) के प्रकरणों एवं गतिविधियों की अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की गई। इस अवसर पर मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री के.एस.मण्डावी, मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री पी. सुथार, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री अजय शर्मा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री चन्द्रषेखर यादव सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में कलेक्टर श्री कावरे ने बालक एवं बालिका संरक्षण गृह, तथा नवा बिहान के अधिकारियों को बच्चों एवं महिलाओं के प्रकरण को संवेदनशीलता के साथ निराकृत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बच्चें एवं महिलाओं को आवश्यक सहायता एवं सुरक्षा देना आपका दायित्व है। बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में 5 संस्था कार्यरत है जिनमें 1 संस्था षासन द्वारा एवं 4 संस्था निजी एनजीओ के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।
कलेक्टर ने इन सभी संस्थाओं का संचालन बेहतर तरीके से करने के निर्देष देते हुए संस्थाओं में साफ-सफाई एवं स्वच्छता पर विषेष ध्यान रखने के लिए कहा है। साथ ही बच्चों का नियमित निगरानी, स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए निर्देशित किया गया है। बच्चों का डाईट चार्ट प्रदर्षित करने के निर्देष दिए। कलेक्टर ने इन संस्थाओं मंें रिक्त पदों की अद्यतन स्थिति की जानकारी लेते हुए खाली पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही बाल संप्रेषण गृह तथा संस्था के अन्य भवनों को सुदृढ़ीकरण का कार्य करने के लिए कहा गया है। उन्होने जिले में प्रभावषाली लाॅकडाउन के समय इन संस्थाओं में रहने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई जारी रखने के लिए आॅनलाईन षिक्षा की व्यवस्था करने के निर्देष दिए।
कलेक्टर श्री कावरे ने जिले के षासकीय एवं निजी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को षारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न से बचाने के लिए सुझाव पेटी स्थापित करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागृति लाने के उद्देष्य से सभी पंचायतों में पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समिति का गठन किया जाने के निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि इस समिति में पंचायत प्रतिनिधि सदस्य होगे। यह समिति अपने-अपने क्षेत्रों में बाल संरक्षण के साथ ही बाल मजदूरी, अषिक्षा, बाल विवाह एवं मानव तस्करी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास करेंगी।
उन्होंने कहा कि इन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिले में मनरेगा के तहत अधिक से अधिक कार्य स्वीकृत किया गया है साथ ही इन श्रमिकों में कुषल श्रमिकों का चयन कर उनका कौषल विकास के साथ रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देष दिए गए। कलेक्टर ने जिले के पहाड़ी कोरवाओं को षिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जागरूक कर सके। दूरस्थ क्षेत्रों में विषेष कैम्पन के आयोजन के निर्देष दिए। - जशपुरनगर 24 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे के निर्देशन में जशपुर जिले में विभिन्न विकासखंडों में लगभग 699 क्वारेंटाईन सेंटर बनाया गया है। क्वारेंटाईन सेंटर में लगभग 3881 श्रमिकों, मजदूरों यात्रियों को रखा गया है। जिसमें पुरूषों की संख्या 3428 एवं महिलाओं की संख्य 453 शामिल है। इनमें जशपुर विकासखंड के 58 क्वारेंटाईन सेंटर में 218 लोगों को रखा गया हैं। इसी प्रकार मनोरा के 57 क्वारेंटाईन सेंटर में 190 लोगों को, दुलदुला विकासखंड के 90 क्वारेंटाईन सेंटर में 432 लोगों को, कुनकुरी विकासखंड के 153 क्वांरेंटाईन सेंटर में 726 लोगों को, फरसाबहार विकासखंड के 55 क्वारेंटाईन सेंटर में 877 लोगों को कासंाबेल विकासखंड के 55 क्वारेंटाईन सेंटर में 339 लोगों को, पत्थलगांव विकासखंड के 128 क्वारेंटाईन सेंटर में 570 लोगों को एवं बगीचा विकासखंड के 103 क्वारेंटाईन सेंटर में 529 लोगों को रखा गया है।
कलेक्टर श्री कावरे के निर्देश पर एसडीएम, जनपद सीईओ और नगरीय निकाय के अधिकारियों द्वारा क्वारेंटाईन सेंटर में पानी, बिजली, शौचालय, भोजन के साथ बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण एवं निंग कराई जा रही है। इसके बाद 14 दिनों के क्वारेंटाईन अवधि में उन्हें रखा जा रहा है। इस दौरान मेडिकल टीम के द्वारा उनकी सतत् निगरानी की जा रही है। -
इस वर्ष 1 करोड़ 5 लाख की लागत से मिनी राईस मिल की होगी स्थापनाकिसान करमू ने छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब उन्हें धान कुटवाने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा
जशपुरनगर 24 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे के मार्गदर्शन में दूरस्थ अंचल के खनन प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में जिला प्रशासन की खनिज न्यास निधि से ग्रामीण किसानों को कृषि विभाग द्वारा मिनी राईस मिल की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में किसान गांवों में धान की खेती के साथ साग-सब्जी का भी उत्पादन करते हैं जिससे उनको आर्थिक आमदनी भी प्राप्त होती है। किसानों के द्वारा अपने धान को कुटवाने के लिए दूर जाना पड़ता था। उनकी सुविधाओं को देखते हुए कृषि विभाग के द्वारा उन्हें मिनी राईस मिल की सुविधा दी गई है ताकि किसान धान उत्पादन के साथ ही अपने धान को घर पर ही कुटाई करके चावल बना सकते हैं। ताकि उन्हें धान कुटवाने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। घर पर ही उन्हें सुविधा उपलब्ध हो जाएगाी।
ग्राम जबला के किसान करमू को खनिज न्यास निधि मद से मिनी राईस मिल स्थापित करके दिया गया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब उन्हें अपने धान कुटवाने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। कृषि विभाग के उपसंचालक श्री एम.आर. भगत ने बताया कि खनिज न्यास निधि मद से किसानों को लाभांवित करने के लिए वर्ष 2019-20 में मिनी राईस मिल के लिए 95 लाख राशि की स्वीकृति मिली थी। और 2020-21 में 1 करोड़ 5 लाख की स्वीकृति दी गई है। जिले के लगभग 195 किसानों को मिनी राईस मिल से लाभांवित किया जा रहा है। -
प्रतिक चिन्ह एवं मुह मीठा कराकर बच्चों को प्रोत्साहित
जशपुरनगर 24 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे से आज प्रयास आवासीय विद्यालय एवं एकलव्य आदर्ष आवासीय विद्यालय के बच्चों ने मुलाकात की। उन्होंने बच्चों को मुंह मीठा कराके प्रतिक चिन्ह देेकर सम्मानित किया और अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी। इस मौके पर वनमण्डलाधिकारी श्री कृष्ण जाधव,, जषपुर, जिला पंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्री के.एस.मण्डावी, सहायक आयुक्त श्री एस.के. वाहने, मण्डल संयोजक श्री पवन कुमार, शासकीय अधिकारी सह प्राचार्य श्री मनोज सोनी, व्याख्याता श्री सुभाष चैरसिया उपस्थित रहे। इस अवसर पर बच्चों के पालक अपने बच्चों के साथ उपस्थित थे।
प्रयास आवासीय विद्यालय से चन्द्रषेखर यादव, 93.5 प्रतिषत एवं कु. कल्पना कुलदीप 92.5 प्रतिषत, एकलव्य आदर्ष आवासीय विद्यालय से कु. कल्पना लकड़ा 93.8 प्रतिषत एवं कु. रेष्मा भगत 88.6 प्रतिषत उत्तीर्ण अंक से उत्तीर्ण हुए।
जिले में संचालित प्रयास आवासीय विद्यालय जषपुर, में शैक्षणिक सत्र् 2019-20 मंे विद्यालय के 101 विद्यार्थी 10वीं बोर्ड की परीक्षा में सम्मिलित हुए, सभी बच्चे प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए, 20 विद्यार्थी 90 प्रतिषत से अधिक अंक प्राप्त किये, 44 विद्यार्थी 80 प्रतिषत से अधिक अंक प्राप्त किये, 29 विद्यार्थी 70 प्रतिषत से अधिक अंक प्राप्त किये हैं। उल्लेखनीय है, कि प्रयास आवासीय विद्यालय में कक्षा 10वीं का संचालन शैक्षणिक सत्र् 2019-20 से ही प्रारंभ किया गया है। एकलव्य आदर्ष आवासीय विद्यालय सन्ना के कक्षा 12वीं में 60 में से 58 छात्राएं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुई है। जिसमें 12 छात्राएं 80 प्रतिषत से अधिक अंक प्राप्त की है। इसी प्रकार कक्षा 10वीं के 60 छात्राओं में से 58 प्रथम श्रेणी जिसमें से 10 छात्राएं 90 प्रतिषत से अधिक एवं 43 छात्राएं 80 प्रतिषत से अधिक अंक से उत्तीर्ण हुई है। -
जशपुरनगर 24 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत् सभी जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी, नगरीय निकाय के अधिकारी, खाद्य निरीक्षक को माह जून में अरहर दाल वितरण के संबध्ंा में आवश्यक दिशा निर्देश दिए है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के राशनकार्डों में माह जून में 01 किलो अरहर दाल वितरित किए जाने के संबंध में आबंटन जारी किया है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के समान ही छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रचलित राशनकार्डों (सामान्य एपीएल श्रेणी को छोड़कर ) 01 किलो अरहर दाल वितरित किए जाने हेतु आबंटित किया गया है। पात्रता अनुसार अनुसूचित विकासखंडों में पात्रता अनुसार माडा क्षेत्र में प्रदाय किए जा रहे चने की पात्रता के अंतर्गत 01 किलो चना 05 रुपए प्रति किलो की उपभोक्ता दर एवं 01 किलोग्राम अरहर दाल निःशुल्क वितरण किया जाएगा। माह जून 2020 में अरहर दाल वितरण हेतु टैबलेट में आवश्यक प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि माह जून 2020 में निःशुल्क अरहर दाल वितरण के संबंध में राशनकार्ड धारियों को जानकारी दिया जाये तथ उचित मूल्य दुकानों में अरहर दाल भण्डारण एवं वितरण सुनिश्चित किया जाए। -
-इंटकवेल में भी साफसफाई देखी-शंकरनाला एवं शिवनाथ नदी के इंटकवेल देखने पहुंचे कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे
दुर्ग 24 जून : दो दिन हुई लगातार बारिश के बाद दुर्ग शहर की निचली बस्तियों की स्थिति देखने आज कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे सुबह-सुबह पहुंचे। उन्होंने शंकर नाले की सफाई का निरीक्षण किया। वे शिवनाथ नदी स्थित इंटकवेल भी पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि इंटकवेल की जाली में जलकुंभी फंस गई थी। उन्होंने कहा कि इसे निकालने का काम तेजी से हो, इसके लिए पर्याप्त संख्या में अमला लगाया जाए। कलेक्टर ने कहा कि बारिश की वजह से शिवनाथ नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। किसी भी स्थिति में नगर में पेयजल आपूर्ति बाधित न हो, इसे सुनिश्चित करें। आयुक्त श्री इंद्रजीत बर्मन ने कलेक्टर को बताया कि निगम अमले द्वारा व्यवस्था पर निरंतर नजर रखी जा रही है और बारिश के चलते निचले इलाके के लोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए ड्रेनेज सिस्टम को पुख्ता करने का कार्य निरंतर किया जा रहा है।
कलेक्टर ने कहा कि शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित कराना भी निगम का प्राथमिक दायित्व है। तेज बारिश की स्थिति में ड्रेनेज बड़ी समस्या होती है। निरंतर साफसफाई, नालों की सफाई से काफी हद तक यह समस्या सुलझाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह बहुत प्राथमिकता का विषय है । यदि इस कार्य में अधिक मैनपावर लगाये जाएं तो और भी अच्छा होगा। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर लगातार नगरीय निकायों में भ्रमण कर सफाई व्यवस्था देख रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने कोसा नाला का निरीक्षण किया। यहां लगभग चालीस ट्रक जलकुंभी निकाली गई थी। कलेक्टर ने निगम अधिकारियों को मुकम्मल ड्रेनेज व्यवस्था रखने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए निगम अधिकारियों द्वारा सतत मानिटरिंग की जा रही है। जलभराव वाले इलाकों पर विशेष नजर रखी जा रही है। कलेक्टर के दौरे के अवसर पर कार्यपालन अभियंता श्री सुशील बाबर, उपअभियंता श्री राजेन्द्र ढबाले, स्वास्थ्य अधिकारी श्री दुर्गेश गुप्ता एवं जलकार्य निरीक्षक श्री नारायण ठाकुर व अन्य उपस्थित थे । -
सूरजपुर 24 जून : जिला बाल संरक्षण अधिकारी सूरजपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार सलका उमेश्वरपुर चैकी थाना प्रेमनगर पुलिस द्वारा एवं बालिका को बाल कल्याण समिति सूरजपुर मे प्रस्तुत किया गया, बालिका लगभग 12 वर्ष की है। जो कुछ बोल नही पाती और ना ही कुछ सुन पा रही है। संकेत से लिखने पढ़ने मे भी असमर्थ है। बालिका नीले रंग का फ्राॅक पहने हुए है। बालिका मे बायें हाथ मे चोट का निशान है। साथ ही दायें कान के पास तिल का निशान है।
बालिका के संबंध मे यदि किसी को कुछ भी पहचान लगता है तो जिला बाल संरक्षण ईकाई सूरजपुर केतका रोड मानपुर मे सम्पर्क कर सकते है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी या मोबाईल न0-9009383323 से सम्पर्क कर सकते है। -
सूरजपुर 24 जून : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के निर्देषन मे अपर कलेक्टर श्री एस.एन.मोटवानी से प्राप्त जानकारी अनुसार आगामी मानसून 2020 में प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था के लिए जिला मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर सूरजपुर में आगामी आदेश पर्यन्त बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम का संपर्क नम्बर 07775-266116 है। इसके नोडल अधिकारी एवं दल प्रभारी श्री वहीदुर्रहमान डिप्टी कलेक्टर सूरजपुर, मोबाईल नम्बर 7987001223 को नियुक्त किया गया हैं।
इस कार्य के लिए रोस्टर अनुसार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जिसमें श्री शितलेश कुमार ठाकुर, सहा0 ग्रेड-3 उ.मा.वि. डुमरिया, श्री मोतीलाल राजवाडे भृत्य शा.मा.शाला गिरवरगंज को प्रातः 4.00 से प्रातः के 10.00 बजे तक, श्री सुखदेव यादव सहा0 ग्रेड-3, शा. हाईस्कुल भुनेश्वरपुर, श्री विरेन्द्र राम, भृत्य कार्यालय कार्यपालन अभियन्ता लोक निर्माण विभाग सूरजपुर को प्रातः के 10.00 बजे से सायं 4.00 बजे तक, श्री संजीव कुमार यादव, सहा0 ग्रेड-3 शा.उ.मा.वि. बसदेई, श्री अनन्त कुमार ठाकुर, भृत्य, शा.उ.मा.वि. गिरवरगंज, संलग्न कार्यालय सूरजपुर को सायं 4.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक, श्री विरेन्द्र कुमार सिंह, सहा0 ग्रेड-3, शा.उ.मा.वि. बसदेई, श्री अनिल कुमार रायल, भृत्य, शासकीय हाई स्कूल पटना के कर्मचारियों की डयुटी लगाई गई हैं। जो अवकाश के दिनों में भी 24 घंटा कार्य करेंगे। -
सूरजपुर 24 जून : जिले में वर्षा ऋतु में फैलने वाली संक्रामक बीमारी जैसे मलेरिया, डायरिया, वायरल बुखार आदि के रोकथाम हेतु तथा सर्पदंश से प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने हेतु कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के द्वारा दल का गठन किया गया है। गठित दल में समस्त विकासखंडों के लिए संबंधित विकासखण्ड के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अध्यक्ष एवं सदस्य में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास ( अपने कार्यक्षेत्र अन्तर्गत ), परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास परियोजना, मण्डल संयोजक एवं विकास खंड चिकित्सा अधिकारी को सम्मिलित किया गया है।
कलेक्टर ने गठित दल को ग्राम स्तर पर पदस्थ अपने-अपने विभागीय अमले से सतत् सम्पर्क में रहने एवं जिस क्षेत्र से भी संक्रामक बीमारी फैलने अथवा सर्पदंष की सूचना प्राप्त होगी वहां त्वरित कार्यवाही करते हुए आवष्यक चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने के साथ-साथ उसकी सूचना कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी को तत्काल दिये जाने निर्देषित किया है जिससे जिला स्तर से चिकित्सक दल अथवा दवाईयों की आपूर्ति कर बीमारी को त्वरित नियंत्रित किया जा सके। - सूरजपुर 24 जून : पूरे राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने एवं प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय स्कूल एवं अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से सूरजपुर जिले के समस्त विकासखण्डों में शासकीय शिक्षक, शिक्षा महाविद्यालय रायपुर के मार्गदर्शन में लक्ष्य भेद नामक ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें इस प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य स्तरीय संरक्षक श्री मनीष मिश्रा राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर राजकुमार जलतारे, श्रीमती वर्षा रानी गुप्ता और श्री भूपेंद्र पटेल जी का समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहा।
सूरजपुर विकासखंड में यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण 19 जून से 23 जून 2020 तक मास्टर ट्रेनर श्री गौरी शंकर पाण्डेय, श्री धर्मानंद गोजे एवं श्रीमती अंजू लता जी के द्वारा विकासखंड के 122 शिक्षक शिक्षिकाओं को गूगल मीट एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण की सबसे मुख्य बात यह रही कि यह कोरोना संकट के समय में शिक्षकों के इतने बड़े समूह का यह पहला ऑनलाइन प्रशिक्षण था जिसमें प्रशिक्षण लेने और प्रशिक्षण देने वाले दोनों ही काफी उत्साहित नजर आए। इस प्रशिक्षण में बच्चों के स्वयं से सीखने पर जोर दिया गया और बताया गया कि इस प्रक्रिया में शिक्षकों को केवल एक कुशल मार्गदर्शक, सुविधा दाता एवं विद्यालय में भयमुक्त वातावरण निर्माण करने वाले की भूमिका निभानी होगी। यह प्रशिक्षण छात्रों को 21वीं शताब्दी की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
इस प्रशिक्षण की सफलता का सबसे जीवंत उदाहरण यह रहा कि प्रशिक्षण में जुड़ने के साथ ही ऑनलाइन मीटिंग क्रिएट करना और उसमें जुड़ना, गूगल फॉर्म पर अपने असाइनमेंट और प्रतिवेदन अपलोड करना तथा गूगल वॉइस टाइपिंग की सहायता से अपने प्रशिक्षण को बोलकर टाइप करना सीख गए जो कि पहले नहीं जानते थे और इसके लिए उन्होंने सभी मास्टर ट्रेनरों का खुले दिल से आभार व्यक्त किया और कहा कि हम लोग जब खुद से प्रयास करके केवल 5 दिन में इतना कुछ सीख सकते हैं तो यदि बच्चों पर भी प्रशिक्षण में बताए गए बिंदुओं को लागू किया जाएगा तो निश्चित रूप से अप्रत्याशित सफलता मिल सकती है।
एक शिक्षक की नजर में इस लक्ष्यभेद प्रशिक्षण के मायने
स्कूल को इंटरनेशनल पायदान पर लाने का, नौनिहालों का भविष्य बनाने का, बच्चों को खुद सीखने हेतु सक्षम बनाने का, बच्चों की क्षमता परखने का, खुद की ऊर्जा व अनुभव के सटीक प्रयोग का, शाला को जेल बनने से रोकने और पाठ्यक्रम को रोचक बनाने का, स्वयं को परखने का, समय की मांग समझने का, नई तकनीक से जुड़ने का, शैक्षिक क्रांति में भागीदारी का, पुराने कपड़े (पुरानी शिक्षकीय परम्पराएं) बदलने का, स्वयं को स्थापित रखने का, शिक्षक का अस्तित्व बचाने का, समाज मे अपने आप को अनुपयोगी बनने से रोकने का, बच्चो को शिक्षक बनाने का, देश को आगे लाने का, अपनी मेहनत की रोटी खाने का, खुद का आदर्श दिखाने का, ईमानदारी से अपने शिक्षकीय पेशे का फर्ज निभाने का प्रशिक्षण के अंतिम दिन विशेष रूप से हमारे विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री क.ेसी.साहू, बी.आर.सी.सी. मनोज कुमार मंडल, राज्य स्तर के ट्रेनर राजकुमार जलतारे, सलका संकुल प्रभारी महेश दोहरे ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षको के बीच उपस्थित होकर उनका उत्साहवर्धन किया।
इस प्रशिक्षण को सफल बनाने में सूरजपुर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी श्री विनोद कुमार राय, जिला मिशन समन्यवयक श्री शशिकांत सिंह, विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री के.सी. साहू, इस प्रशिक्षण के कार्यक्रम प्रभारी सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री सुनील पोर्ते, बी.आर.सी. श्री मनोज मंडल, श्री सुदर्शन राजवाड़े एवं कार्यक्रम संयोजक नवापारा संकुल के संकुल समन्वयक श्री अनुरागवेन्द्र सिंह बघेल, सभी जन शिक्षक, संकुल प्रभारी एवं कुशल मास्टर ट्रेनर उपस्थित रहे। -
प्रातः 07 बजे से रात्रि 09 बजे तक कर सकेंगें उपयोग
सूरजपुर 24 जून : अपर कलेक्टर श्री एस.एन.मोटवानी से प्राप्त जानकारी अनुसार सूरजपुर के अन्तर्गत ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग करने की अनुमति शर्तो के अधीन प्रदान की गई है। जारी आदेष में बताया गया है कि ध्वनि विस्तारक यन्त्र (लाउड स्पीकर) का प्रयोग हेतु सक्षम अधिकारी से 48 घंटे पूर्व अनुमति प्राप्त करना आवश्यक होगा, जिले के अनुविभागीय दण्डाधिकारी ध्वनि विस्तारक यंत्र ( लाउड स्पीकर ) का प्रयोग के लिए अनुमति प्रदान करने हेतु सक्षम अधिकारी होंगे, ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग रात्रि 9.00 बजे से प्रातः 7.00 बजे के मध्य पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा, ध्वनि विस्तारक यंत्र के संचालन हेतु मात्र दो व्यक्तियों को अनुमति होगी।
सोशल व फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा, किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित होने पर सम्पूर्ण जवाबदारी आवेदक की होगी, ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग उस क्षेत्र की परिवेशीय ध्वनि पैमाने से 10 डी.बी. (ए) से अधिक नहीं होनी चाहिए या -75 डी.बी. ( ए ) से अधिक नहीं होनी चाहिए एवं धीमी आवाज में ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग करना होगा, उपरोक्त शर्तों तथा कोविड -19 के संक्रमण की रोकथाम के परिपेक्ष्य में शासन के दिशा - निर्देश, एडवायजरी, आदेश की शर्तों का उल्लंघन करते हुये पाये जाने पर सम्बन्धित व्यक्ति आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60, भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188, छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों, जैसे लागू हों, के अंतर्गत कार्यवाही के भागी होंगे। -
अपर कलेक्टर ने शर्तो के साथ संचालन करने दी अनुमति
सूरजपुर 24 जून : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के निर्देषन में अपर कलेक्टर श्री एस.एन.मोटवानी से प्राप्त जानकारी अनुसार सूरजपुर के अन्तर्गत सभी पान दुकान को प्रातः 7.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक सोशल एवं फिजीकल डिस्टेसिंग का पालन करते हुये 50 प्रतिषत कर्मचारियों की उपस्थिति में तम्बाक युक्त सिगरेट, गुडाखु, गुटखा, तम्बाकू , पाउच, बीड़ी जैसे कोई भी पदार्थ नहीं रखने और न ही विक्रय करने तथा अन्य शर्तों के अधीन संचालन करने की अनुमति दी गई हैं। जारी आदेष के अनुसार तम्बाकु, पान, सिगरेट, बीड़ी, गुडाखु, गुटखा की दुकानों एवं पान ठेला संबंधित थोक दुकानों को प्रातः 09.00 बजे से सायं 7.00 बजे तक कोरोना वायरस कोविड़-19 के संक्रमण से बचाव हेतु जारी दिशा - निर्देशों का पालन करते हुए शर्तों के अधीन संचालन की अनुमति दी गई है, जिसमें पान ठेले अथवा दुकान में सेनेटाईजर व हाथ धोने के लिए साबुन एवं पानी की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा, सोशल व फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। पान दुकान व ठेलों में एक समय में 5 से अधिक व्यक्ति किसी भी स्थिति में एकत्र नहीं होंगें।
ग्राहकों के खड़े होने हेतु मार्किंग की जायेगी तथा ग्राहक , मार्किंग से बाहर खड़े नहीं होंगे, पान ठेले व दुकान में विक्रय किए जाने वाले पदार्थ जैसे - पान , सिगरेट , गुडाखू , गुटखा , तम्बाकू , पाउच , बीड़ी आदि का उपयोग व उपभोग सार्वजनिक स्थान व पान ठेले में किया जाना प्रतिबंधित होगा। इन सामाग्रियों का मात्र विक्रय किया जाये, दुकानदार एवं दुकान में आने वाले सभी ग्राहकों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा, सार्वजनिक स्थानों पर थूकना प्रतिबंधित है। सार्वजनिक स्थल पर थूकते पाये जाने पर अर्थदण्ड अधिकतम 100 रूपये तक वसूला जावेगा, दुकान में वेटिंग करने हेतु अलग से कुर्सी नहीं रखा जायेगा, कोरोना वायरस ( कोविड- 19 ) के संक्रमण से बचाव हेतु आवश्यक सूचना व जानकारी संबंधी पोस्टर व पाम्पलेट एवं फ्लेक्स आदि का दुकान में सार्वजनिक प्रदर्शन अनिवार्य होगा, किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना के लिए पान दुकान व ठेला संचालक जिम्मेदार होंगे।
जिले व क्षेत्र के हॉटस्पॉट एवं कन्टेन्मेंट जोन घोषित होने की दशा में शासन द्वारा सम्पूर्ण लॉकडाउन के सम्बन्ध में जारी निर्देश पूर्वानुसार प्रभावी होंगे तथा इन अतिरिक्त गतिविधियों को निष्पादित करने की अनुमति हॉटस्पॉट एवं कन्टेन्मेंट जोन में नहीं होगी। उपरोक्त शर्तों तथा शासन के दिशा - निर्देश व एडवायजरी एवं आदेश की शर्तो का उल्लंघन करते हुये पाये जाने पर सम्बन्धित व्यक्ति आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60, भारतीय दण्ड संहिता 1880 की धारा 188 तथा अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों, जैसे लागू हों, के अंतर्गत कार्यवाही के भागी होंगे। -
सूरजपुर 24 जून : अपर कलेक्टर श्री एस.एन.मोटवानी से प्राप्त जानकारी अनुसार कंटेन्मेट जोन में कार्य करने के संबंध मे आंषिक संषोधन किया गया है। कंटेन्मेंट जोन ग्राम पर्री स्थित 100 बिस्तरीय लाईवलीहुड हाॅस्टल एवं परिसर मे कार्य करने के लिए आंषिक संषोधन करते हुए श्री वहीदुर्रहमान डिप्टी कलेक्टर सूरजपुर नोडल अधिकारी के मार्गदर्षन मे षिफ्टवाईज सहायक के रूप मे श्री ईजराईल खान, राजस्व निरीक्षक सूरजपुर श्री मानसराज कन्हैया राजस्व निरीक्षक पचीरा के स्थान पर श्री आसित किषोर, अधीक्षक प्री. मैट्रिक बालक छात्रावास बिश्रामपुर, श्री विजय टोप्पो अधीक्षक, प्री. मैट्रिक बालक छात्रावास सूरजपुर को नियुक्त किया गया है। -
सूरजपुर 24 जून : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के आदेष पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा विकासखण्ड सूरजपुर के फैसेलिटी क्वारेंटिन सेंटर 25 बिस्तरीय लाईवलीहुड हाॅस्टल तीसरे भवन पर्री में रखे गये प्रवासियों में से 04 व्यक्ति 22 जून 2020 को कोविड-19 के धनात्मक पाये जाने के कारण फैसेलिटी क्वारेंटीन सेंटर लाईवलीहुड हाॅस्टल तीसरे भवन पर्री को कंटेन्मेंट सेंटर घोषित कर दिया गया है। उक्त कन्टेनमेंट सेंटर के लिए श्रीमती अमृता सिंह, नायब तहसीलदार सूरजपुर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। श्रीमती अमृता सिंह अपने मार्गदर्षन में कंटेन्टमेंट सेंटर की निगरानी हेतु 24 घंटे सातो दिन राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से समन्वय स्थापित कर शासन द्वारा निर्धारित एस.ओ.पी. का पालन कराना सुनिश्चित करेंगी।
उक्त कन्टेन्मेंट सेंटर में फिजिकल एवं सोशल डिस्टेंसिग तथा मास्क का उपयोग अनिवार्य होगा। श्रीमती अमृता सिंह के मार्गदर्षन में षिफटवाईज कार्य करने के लिए सहायक के रूप में श्री रामज्ञान सिंह, अधीक्षक, पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास, सूरजपुर, श्री अनुज सिन्हा, पटवारी उप तहसील पिलखा, श्री अमित सिन्हा, पटवारी उप तहसील पिलखा को नियुक्त किया गया हैं। -
आज 25 मरीजों को किया गया डिस्चार्ज, अगले 14 दिन रहेंगे होम क्वारेंटाइन में
कोरबा 24 जून : कोरोना संक्रमितों के ईलाज के लिए कोरबा के ईएसआईसी अस्पताल में स्थापित डेडीकेटेड कोरोना हास्पिटल में पिछले एक महिने में 216 मरीज भर्ती हुए हैं। अस्पताल में सीएमएचओ डा. बी.बी.बोडे, अस्पताल इंचार्ज डा. प्रिंस जैन सहित लगभग 20 मेडिकल स्टाफ की टीम दिन-रात संक्रमितों के ईलाज में लगी है। कोविड अस्पताल में ईलाज के दौरान कोरोना की रोकथाम और ईलाज के लिए शासन द्वारा जारी किये गये प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया जा रहा है। कोविड प्रोटोकाल के अनुसार ही ईलाज के दौरान इंफेक्शन से बचने और ईलाज के बाद डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ के डोफिंग के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई है। पूरी सावधानी और सुविधाओं के कारण ही कोरबा के कोविड अस्पताल से अभी तक 132 कोरोना संक्रमितों का ईलाज पूरा हो गया है और उन्हें स्वस्थ्य होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
इसके साथ ही अस्पताल में मरीजों के ईलाज में लगे किसी भी डाक्टर, नर्स, लैब टेक्निशियन या अस्पताल के सफाई कर्मी तक में कोई संक्रमण नहीं हुआ है। अस्पताल प्रबंधन के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री पद्माकर शिंदे और अस्पताल कंसलटेंट डा. देवेन्द्र गुर्जर तथा उनकी टीम लगातार ईलाज के लिए जरूरी सुविधाओं और दवाइयों आदि के इंतजाम में लगी है। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट के भी पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।
अस्पताल के इंचार्ज डाक्टर प्रिंस जैन ने बताया कि कोरोना संक्रमितों के ईलाज के लिए क्रमबद्ध तरीके से डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी कोविड अस्पताल में लगाई गई है। कोविड प्रोटोकाल के अनुसार 14 दिन ड्यूटी करने वाले डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ को अगले 14 दिनों तक क्वारेंटाइन में रहना होता है। इस दौरान इन सभी की कोरोना जांच भी की जाती है। डा.जैन ने बताया कि कोविड अस्पताल में काम करने वाले किसी भी मेडिकल स्टाफ की आज तक कोरोना की कोई रिपोर्ट पाजिटिव नहीं आई है। सभी मेडिकल स्टाफ कोरोना नेगेटिव पाये गये हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में जांजगीर-चांपा, जशपुर, कोरिया और कोरबा जिले के 216 संक्रमितों को ईलाज के लिए भर्ती किया गया है।
इनमें से 132 मरीज पूरी तरह ठीक होकर डिस्चार्ज कर दिये गये हैं। जांजगीर जिले के 13, जशपुर जिले के 36 सहित 83 कोरबा के मरीज कोविड अस्पताल के ईलाज से ठीक हो गये हैं। डा. जैन ने बताया कि आज 25 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है। जिनमें 11 पुरूष एवं 14 महिलाएं शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती किए गये मरीजों में से दो गर्भवती महिलाओं और दो बुजुर्गों को बेहतर ईलाज के लिए रायपुर एम्स रिफर किया गया है। कोरबा के कोविड अस्पताल में वर्तमान में 80 मरीजों का ईलाज किया जा रहा है। अस्पताल में भर्ती कोविड संक्रमितों में 78 कोरबा और दो कोरिया जिले के हैं। -
कोरबा 24 जून : वर्षाकाल 2020 के दौरान आवश्यकता होने पर मिनीमाता बांगो बांध माचाडोली से हसदेव नदी में पानी प्रवाहित किया जायेगा। कार्यपालन अभियंता मिनीमाता बांगो बंाध संभाग क्रमांक-3 माचाडोली ने बताया है कि वर्तमान में मिनीमाता बांगो बांध में लगभग 80 प्रतिशत जल भराव है। जिसके कारण मिनीमाता बांगो बांध के जलद्वार खोलकर हसदेव नदी में जल प्रवाह किये जाने की अधिक संभावना है। इसलिए सर्व साधारण एवं कार्य संबंधितों को सूचित किया गया है कि उक्त बांध से नीचे, हसदेव नदी के किनारे, बाढ़ क्षेत्र में स्थापित चल-अचल सम्पत्ति सुरक्षित स्थानों पर ले जायें। बाढ़ क्षेत्र में स्थापित खनिज खदान ठेकेदार, औद्योगिक इकाईयां, संस्थानों आदि को भी सूचित किया गया है कि वे अपनी परिसम्पत्तियों को बाढ़ क्षेत्र से बाहर कर लेवें। कार्यपालन अभियंता मिनीमाता बांगो बंाध ने कहा है कि अकस्मात बाढ़ से होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति के लिए जल संसाधन विभाग उत्तरदायी नहीं होगा।
बाढ़ क्षेत्र में आने वाले संभावित ग्रामों के नाम- बांगो, लेपरा, टुुनिया, कछार, कोनकोना, पोड़ीउपरोड़ा, चर्रा, गाड़ाघाट, छिनमेर, सिरकीकला, कोड़ा, कछार, पाथा, सिलीयारीपारा, तिलसाभाटा, हथमार, छिर्रापारा, डुग्गुपारा, कल्मीपारा, जूनापारा, तिलाईडाड, टुंगुमांड़ा, नवागांव, झोरा, कोरियाघाट, डोंगाघाट, पोंड़ीखोहा, धनगांव, लोतलोता, नर्मदा, औराकछार, झाबू, सोनगुड़ा, नवागांव, स्याहीमुड़ी, आदि हैं। -
खाद्य विभाग ने जारी किये निर्देश, 25 जुलाई समय सीमा निर्धारितजिले में लगभग तीस हजार सदस्यों के आधार नंबर राशन कार्डों में दर्ज होंगे
कोरबा 24 जून : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से छत्तीसगढ़ को जोड़ने की घोषणा के बाद कोरबा जिले में भी तैयारियां शुरू हो गई है। एक देश एक राशन कार्ड के लिए वर्तमान में प्रचलित राशनकार्डों में मुखिया और परिवार के सभी सदस्यों के आधार नंबरों को अनिवार्यतः दर्ज किया जाना है। कोरबा जिले में वर्तमान में दो लाख 80 हजार 315 राशन कार्ड प्रचलन में हैं। जिनमें 29 हजार 902 सदस्यों के आधार नंबर दर्ज नहीं हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने छुट गये इन सभी सदस्यों के आधार नंबर राशनकार्डों में दर्ज करने के लिए व्यापक अभियान शुरू करने के निर्देश खाद्य विभाग के अधिकारियों को दिये हैं। पच्चीस जुलाई तक अधिकारियों और मैदानी अमले को छुट गये सभी राशनकार्डों में आधार सीडिंग का काम पूरा करना होगा
भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए शुरू होने वाले ‘वन नेशन वन राशन कार्ड‘ कार्यक्रम के तहत आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से ही राशन सामग्री वितरण एवं पोर्टेबिलिटी का उपयोग किया जा सकेगा। कार्डधारियों को अपनी पसंद की उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बिना आधार नंबर वाले राशन कार्डधारियों, सदस्यों के आधार नंबर प्राप्त करने के लिए सभी एसडीएम, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, नगरी निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों और सहायक खाद्य अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिये है।
दुकान संचालको के खाद्य विभाग के मॉड्यूल में उपलब्ध कराया दी गई है। बिना आधार सीडिंग वाले राशन कार्ड धारी सदस्यों को माह जुलाई में राशन सामग्री प्रदान करते समय व्यक्तिगत रूप से आधार कार्ड की छाया प्रति या नामांकन पर्ची जमा करवाने कहा गया है। आधार कार्ड की स्वच्छ एवं पठनीय छायाप्रति प्राप्त कर क्यूआर कोड स्कैन कर विभागीय सर्वर में दर्ज किया जाएगा। जिला स्तर पर आधार की डाटा एंट्री का कार्य 25 जुलाई तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। आधार विहीन राशनकार्डों और सदस्यों के आधार नंबर की इंट्री उचित मूल्य दुकान संचालकों द्वारा वेबसाइट लिंक https://khadya.cg.nic.in/rationcards/rcmodule/FrmAadharEntryPublicly.aspx में जाकर आधार नंबर दर्ज किया जा सकता है। जिन राशनकार्डधारकों के पास आधार नंबर नहीं हैं वे पास के लोकसेवा केंद्र में आधार पंजीयन करवाकर नामांकन पर्ची की प्रति राशन दुकान संचालक के पास जमा कर सकते हैं। -
राज्य शासन ने 30 अगस्त तक मंगाये नामांकन प्रस्ताव, 2021 के गणतंत्र दिवस पर घोषित होंगे पुरस्कार
कोरबा 24 जून : देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म पुरस्कारों के लिए 15 सितंबर तक आनलाइन नामांकन एवं सिफारिशें स्वीकार की जायेंगी। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने इन पुरस्कारों के नामांकन और सिफारिशों के लिए वेब साईट पोर्टल ूूूण्चंकउंूंतकेण्हवअण्पद पर प्रस्ताव लेना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने भी पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कारों के लिए 30 अगस्त तक प्रस्ताव मंगाये हैं ताकि प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा कर सर्व योग्य नागरिक की सिफारिश केंद्र सरकार को की जा सके। प्राप्त नामांकनों में से पद्म पुरस्कार के लिए चयनित योग्य व्यक्तियों की घोषणा 2021 के गणतंत्र दिवस पर की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि पद्म पुरस्कार- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान हेै। इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान, इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामले, नागरिक सेवा, व्यापार और उद्योग आदि सभी क्षेत्रों और विषयों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले भारतीय नागरिकों को यह पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। कोई भी व्यक्ति किसी जाति, व्यवसाय, हैसियत या लिंग भेद के बिना इन पुरस्कारों के लिए पात्र है। पुरस्कार से संबंधित नियमावली और अन्य जानकारियां वेबसाइट ूूूण्चंकउंूंतकेण्हवअण्पद पर उपलब्ध हैं। आनलाइन नामांकन या सिफारिश में अनुशंसित व्यक्ति द्वारा किसी क्षेत्र या विषय विशेष में प्राप्त की गई विशिष्ठ या असाधारण उपलब्धियों का स्पष्ट उल्लेख करना होगा। विवरणात्मक रूप में अधिकतम आठ सौ शब्दों में विशिष्ठ कार्य या उपलब्धि की जानकारी पोर्टल पर मौजूद प्रारूप में देनी होगी।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा निर्देश जारी किया गया है कि आमतौर पर सार्वजनिक जीवन में प्रचार या प्रमुखता की आकांक्षा के बिना असाधारण योगदान देने वाले लोगों की पहचान कर उनका नामांकन कराया जाये। इसके साथ ही इन पुरस्कारों के लिए महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जाति, जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों में से भी प्रतिभाशाली और असाधारण कार्य करने वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनके भी नामांकन के प्रयास किये जायें। डाक्टरों और वैज्ञानिकों को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में काम करने वाले व्यक्तियों सहित सरकारी सेवक पद्म पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं होंगे। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा पंद्रह सितंबर के बाद प्राप्त नामांकनों-सिफारिशों पर विचार नहीं किया जायेगा। नामांकन एवं सिफारिशें केवल आनलाइन ही स्वीकार की जायेगी। -
बेमेतरा 24 जून : बीज अनेक रोगाणु जैसे-कवक, जीवाणु, विषाणु व सूत्रकृमि आदि के वाहक होते हैं, जो भंडारित बीज एवं खेत मंे बोये गये बीज को नुकसान पहंुचाते हैं। इससेे बीज की गुणवŸाा एवं अंकुरण के साथ-साथ फसल की बढ़वार, रोग से लड़ने की क्षमता, उत्पादकता एवं उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिये बीज भंडारण के पूर्व अथवा बोवाई के पूर्व जैविक या रासायनिक अथवा दोनों के द्वारा बीज का उपचार किया जाना चाहिए।
कृषि विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र ढोलिया (बेमेतरा) के अधिकारियों ने बताया कि बीजोपचार विभिन्न माध्यम से किया जाता है। ’’बीजोपचार ड्रम’’ मंे बीज और दवा डालकर ढक्कन बंद करके हैंडल द्वारा ड्रम को 5 मिनट तक घुमाया जाता है। इस विधि से एक बार मंे 25-30 किलो ग्राम बीज उपचार किया जा सकता है। बीजोपचार ड्रम कृषि विभाग के माध्यम से अनुदान मंे अथवा कृषि सेवा केन्द्र से प्राप्त किया जा सकता है।
बीज उपचार की पारम्परिक विधि ’’घड़ा विधि’’ है। इस विधि से बीज और दवा को घड़ा मंे निश्चित मात्रा मंे डालकर घड़े के मुंह को पालीथीन से बांधकर 10 मिनट तक अच्छी तरह से हिलाया जाता है। थोड़ी देर बाद घड़े का मंुह खोलकर उपचारित बीज को अलग बोरे मंे रखा जाता है। बीज उपचार की अन्य विधि ’’प्लास्टिक बोरा’’ विधि है। इस विधि मंे बीज और दवा को डालकर बोरे के मुंह को रस्सी से बांध दिया जाता है और 10 मिनट तक अच्छी तरह हिलाने के बाद जब दवा की परत बीज के ऊपर अच्छी तरह लग जाये तब बीज को भंडारित अथवा बुआई की जाती है।
बीज का उपचार रासायनिक विधि से भी किया जाता है। इस विधि मंे 10 लीटर पानी मंे कार्बेन्डाजाइम या वीटावेक्स की निर्धारित मात्रा 2 से 2.5 ग्राम प्रति लीटर की दर से घोल बनाकर गन्ना, आलू, अन्य कंद वाले फसल को 10 मिनिट तक घोल मंे डुबाकर बुआई की जाती है।
धान बीजोपचार 17 प्रतिशत नमक घोल से किया जाता है। इस विधि मंे साधारण नमक के 17 प्रतिशत घोल मंे बीज को डुबोया जाता है, जिससे बदरा, मटबदरा, कीट से प्रभावित बीज, खरपतवार के बीज ऊपर तैरने लगते है और स्वस्थ्य एवं हष्ट पुष्ट बीज नीचे बैठ जाता है, जिसे अलग कर साफ पानी से धोकर भंडारित करें अथवा सीधे खेत मंे बुआई करें। बीज जनित बीमारी जैसे उकटा, जड़गलन, आदि के उपचार के लिए जैविक फफूंदनाशी जैसे-ट्राइकोडर्मा या स्यूडोमोनास से 5 से 10 ग्राम प्रति किलो ग्राम बीज की दर से उपचारित करें, इससे उकटा अथवा जड़ गलन से फसल प्रभावित नहीं होती है।
बीजोपचार के लाभ -बीज एवं मृदा जनित रोग जैसे- ब्लास्ट, फाल्सस्मट (लाई फूटना) उकटा, जड़ गलन आदि बीमारी से फसल प्रभावित नहीं होती है। बीजोपचार करने से बीज के उपर एक दवाई की परत चढ़ जाती है जो बीज को बीज अथवा मृदा जनित सूक्ष्म जीवांे के नुकसान से बचाती है। बीज की अकुंरण क्षमता को बनाये रखने के लिये बीजोपचार जरूरी होता है, क्योंकि बीज उपचार करने से कीड़ांे अथवा बीमारियांे का प्रकोप भंडारित बीज मंे कम होता है। बुआई पूर्व कीटनाशी से बीज का उपचार करने पर मृदा मंे उपस्थित हानिकारक कीटों से बीज की सुरक्षा होती है। उपचारित बीज की बुआई करने से बीज की मात्रा कम लगती है एवं बीज स्वस्थ्य होने के कारण उत्पादकता एवं उत्पादन मंे वृद्धि होती है। - बेमेतरा 24 जून : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ सतीश शर्मा ने सावधानी बरतने की अपील की है। उन्हाने कहा है कि घर से बाहर निकलने पर मास्क जरुर लगाएं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अवश्य करें। बरसात का मौसम प्रारंभ हो गया है। इस मौसम मे वायरल फीवर, सर्दी, खांसी, बुखार साथ लेकर आता है। और जून-जुलाई माह मे बारिश के साथ उमस का समय भी होता है। जिसमे वायरस बैक्टिरिया फैलते हैं।
डाॅ. शर्मा ने कहा कि हम कुछ सावधानी रखकर कोरोना या अन्य वायरस से होने वाले संक्रमण से बच सकते हैं। वर्तमान मे अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूर जिले मे पहुँचे हैं। इसके अलावा अन्य नागरिकों का भी आगमन हुआ है। रेड जोन से आने वाले लोग अपनी जानकारी अनिवार्य रुप से स्वास्थ्य विभाग, एसडीएम, बीएमओ, सीएमओ, (नगरपालिका/नगर पंचायत) के पास आवश्यक रुप से देवें। अन्यथा अन्य स्त्रोत से जानकारी मिलने पर आपदा प्रबंधन अंतर्गत एफआईआर दर्ज किया जायेगा।
सीएमएचओ ने जिले के नागरिकों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए कहा है कि जब भी घर से बाहर जायें मास्क जरुर लगाकर निकलें भीड़-भाड़ वाली जगह मे जाने से बचें। हाथों को सेनेटाईज करते रहें। आपके परिवार के लिए आपकी जान कीमती है तो मास्क जरुर पहनें। डाॅ. शर्मा ने 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति जिन्हे डायबिटीज, हायपरटेंशन, अस्थमा, हृदय रोग आदि हैं, वे आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें। -
बेमेतरा जिले में सरपंच के 04 व पंच के 12 पद रिक्तबेमेतरा 24 जून : जिले में सरपंच के 04 व पंच के 12 रिक्त पदों के उप चुनाव हेतु राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली तैयार/पुनरीक्षित किये जाने हेतु कार्यक्रम जारी किया गया है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री शिव अंनत तायल ने निर्वाचक नामावली तैयार किये जाने हेतु संबंधित विकासखण्ड के अनुविभागीय अधिकारी (रा.) को रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा तहसीलदार को सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी निुयक्त किया है।
त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2019-20 के दौरान नाम निर्देशन पत्र प्राप्त नही होने एवं अन्य कारणों से जिले में 04 सरपंच एवं 12 पंच पद रिक्त है, जिसमंें बेमेतरा ब्लाक से कोदवा, भनसुली, तथा बेरला ब्लाक से गोड़गिरी, कुसमी में सरपंच का पद रिक्त है। इसी प्रकार बेमेतरा ब्लाक के ग्राम पंचायत मरतरा के वार्ड 04, बहेरा के वार्ड 12, लालेसरा के वार्ड 19, मउ के वार्ड 6 तथा 18, गांगपुर के वार्ड 9, भंवरदा केे वार्ड 12 में, बेरला ब्लाक से ग्राम पंचायत कंडरका में वार्ड 13 व 15 तथा नवागढ़ ब्लाक से ग्राम पंचायत घठोली के वार्ड 02, भोपसरा के वार्ड 10 तथा अमलडीहा के वार्ड 04 में पंच का पद रिक्त है। राज्य निर्वाचन आयोग रायपुर द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार प्रथम चरण में 01 जनवरी 2020 की स्थिति में विधानसभावार अद्यतन निर्वाचक नामावली के आधार पर आधार पत्रक तैयार किया जायेगा। प्रारंभिक निर्वाचक नामावली के आधार पत्रक अनुसार पीडीएफ आॅनलाइन साफ्टवेयर के माध्यम से तैयार कर मुद्रण एवं जांच के लिए दिनांक 06 जुलाई 2020 निर्धारित है । जनपद पंचायतवार मुद्रित निर्वाचक नामावली प्राप्त करना और उन्हे रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को उपलब्ध कराना एवं निर्वाचक नामावली प्रकाशन के संबंध में सूचना भेजना दिनांक 11 जुलाई 2020 निर्धारित है।
राज्य निर्वाचन आयोग रायपुर द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार द्वितीय चरण में निर्वाचक नामावली के संबंध में सार्वजनिक सूचना का प्रकाशन और दावे तथा आपत्तियां प्राप्त करने के कार्य की शुरूवात दिनांक 13 जुलाई 2020, प्राप्त दावों एवं आपत्तियों का निपटारे की अंतिम तिथि 21 जुलाई 2020 दोपहर 3.00 बजे तक, दावे/आपत्तियों के निराकरण आदेश के विरूद्ध अपील करने एवं अपील अधिकारी द्वारा निराकरण की अंितम तिथि 04 अगस्त 2020, ग्राम पंचायतवार अनुपूरक सूचियों एवं पी.डी.एफ. तैयार करना दिनांक 08 अगस्त 2020, अनुपूरक सूचियों एवं पी.डी.एफ. मुद्रण हेतु जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंपना दिनांक 11 अगस्त 2020, अनुपूरक सूचियां मूल प्रारंभिक सूचियों के साथ जोड़ा जाना हेतु दिनांक 13 अगस्त 2020 तथा निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा किया जाने हेतु दिनांक 14 अगस्त .2020 निर्धारित है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी शिव अनंत तायल ने संबंधित ब्लाक के अनुविभागीय अधिकारी (रा.) को रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा तहसीलदार को सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी निुयक्त करते हुये आयोग के निर्देश एवं निर्धारित कार्यक्रम अनुसार संबंधति ग्राम पंचायतों की निर्वाचक नामावली तैयार करने के निर्देश दिये है। -
जांजगीर-चांपा : जिले के बीस किलोमीटर लंबे नहर मार्ग में छायादार पौधे लगाए जाएंगे, जिले के सभी गोठानों में फलदार पौधों का रोपण किया जाएगा। कलेक्टर यशवंत कुमार के निर्देश पर पूरे जिले में वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा। मनरेगा के तहत 8 लाख 73 हजार फल और छायादार पौधे तैयार किए गए हैं। जिले में मनरेगा के माध्यम से वृहद पैमाने पर पौधारोपण किया जाएगा। इससे जिले में हरियाली आएगी वहीं मनरेगा के पंजीकृत मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सकेगा।
जिले में मनरेगा के तहत विभिन्न प्रजातियों के 8 लाख 73 हजार फलदार, छायादार पौधे लगाने की स्वीकृति वन , रेशम विभाग को मनरेगा से दी गई है। पौधों का रोपण सार्वजनिक स्थानों, सरकारी स्कूल, कॉलेज, भवनों, सड़क किनारे, गौठान, चारागाह, ब्लॉक प्लांटेशन, सहित उन स्थानों पर भी किए जाएंगे जहां पर सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है। आगामी वर्षों में इन फलदार वृक्षों से महिला स्व सहायता समूहों, ग्रामीणों की आजीविका भी निर्मित होगी।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल ने बताया कि पर्यावरण को प्रदूषण बचाने, सुरक्षित रखने के लिए पौधा रोपण जरूरी है। इस वर्ष बारिश में पौधे लगाने का काम बड़े पैमाने पर कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक यशवंत कुमार के मार्गदर्शन में किया जाएगा। पौधरोपण किए जाने के पूर्व गड्ढे खोदने की तैयारियां चल रही हैं। जिपं सीईओ ने बताया कि क्रियान्वयन एजेंसी रेशम विभाग के माध्यम से 238 हेक्टयेर में 7 लाख 37 हजार पौधे रोपे जाएंगे। वन विभाग द्वारा करीब 1 लाख 35 हजार 300 के पौधे लगाए जाएंगे। इसके अलावा ग्राम पंचायतों के माध्यम से गौठान और चारागाहों में भी पौधरोपण होगा। उद्यानिकी विभाग को 2 लाख 25 हजार पौधे तैयार करने की मंजूरी दी गई है, जिन्हें अगले वर्ष पौधरोपण करने के लिए लिया जाएगा।
रेशम विभाग कराएगै अर्जुन पौधों का रोपण-
मनरेगा से 7 लाख 37 हजार पौधे की मंजूरी रेशम विभाग को अर्जुन के पौधा रोपण करने के लिए दी है। इसमें मनरेगा के साथ ही रेशम विभाग अपने विभागीय मद से भी राशि खर्च करेगा। अर्जुन के पौधरोपण होने से जिले में कोसा का उत्पादन बढ़ेगा, जिससे आगामी वर्षों में कोसा कारोबार से जुड़े लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा। रेशम विभाग के माध्यम से 238 हेक्टेयर क्षेत्र में अर्जुन के पौधे जनपद पंचायत अकलतरा, बलौदा, सक्ती, जैजैपुर, पामगढ़, नवागढ़, मालखरौदा में लगाए जाएंगे, जिन्हें ब्लाक प्लाटेंशन के रूप में विकसित किया जाएगा।
वन विभाग नहर किनारे बीस किलोमीटर मार्ग में करेगा पौधों का रोपण-
क्रियान्वयन एजेंसी वन विभाग के माध्यम से पौधों की नर्सरी तैयार की गई है। पौधे तैयार होने के उपरांत बलौदा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नैला से पकरिया नहर किनारे 10 किलोमीटर क्षेत्र में 10 हजार पौधे एवं सक्ती क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली मसनिया से डुडगा नहर के किनारे 10 किलोमीटर क्षेत्र में 10 हजार नीम, आम, पीपल, बरगद, इमली के पौधे रोपित किए जाएंगे । करीब 1 लाख 33 हजार पौधे नीम, शीशम, मुनगा, सीताफल, इमली, आम, नीबू, जामुन, अमलवास, कटहल, करंज, गुलमोहर, अमरूद, आंवला, कोसम, महुआ आदि छायादार एवं फलदार पौधे गौठान एवं चारागाह में रोपे जाएंगे।उद्यान विभाग को आगामी वर्ष के लिए 2 लाख 25 हजार पौधों की नर्सरी लगाने की स्वीकृति दी गई है। सीताफल, पपीता फल, मुनगा के साथ ही गुलमोहर, पेल्टाफार्म के पुटपुरा, अमोरा, मुड़पार, चारपारा, करनौद, डोड़की, कचंदा, भुतहा, चुरतेली की नर्सरी में तैयार किए जा रहे हैं।