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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सूरजपुर : महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े का गृह जिला होने से उनके निर्देशानुसार जिले में बालिका की सुरक्षा को लेकर कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री शुभम बंसल के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री मनोज जायसवाल के नेतृत्व में जिले में बालिका सुरक्षा माह के अंतर्गत अलग-अलग विकासखण्डों में एक साथ जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
सभी विकास खंडों के चुनिन्दा पर्यवेक्षक जिन्हे राज्य स्तर में मास्टर ट्रेनर के रूप में चयनित कर प्रशिक्षण दिया गया और उन्हे अपने-अपने जिले के चुने हुए हायर सेकेण्डरी स्कूलों और ग्राम पंचायतों में बाल अपराध बाल अधिकार, बाल संरक्षण, बाल विवाह, बाल श्रम, भ्रूण हत्या, लैंगिक अपराध, बालिका शोषण, लिंगानुपात के सम्बन्ध सभी बालिकाओं को प्रशिक्षित करने का निर्देश प्राप्त हुआ था। इसी क्रम में 14 अगस्त से लेकर 15 सितम्बर तक जिले में बालिकाओं को जागरूक करा कर उन्हें सुरक्षित रहने के हेतु जागरूक किया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से संबंधित स्कूलों की सूची प्राप्त कर जिले में कार्यक्रम को किया जा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन जिला बाल संरक्षण ईकाई के माध्यम से किया जा रहा है कार्यक्रम में रामानुजनगर के शा. कन्या उ. मा. वि. रामानुजनगर में मिडील स्कूल के बच्चीओ के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री मनोज जायसवाल ने बच्चियों को अपने सुरक्षा के लिए जागरूक रहने का आहवाहन किया उन्होने कहा कि बालिकाओं के खिलनाफ अपराध बढ़ गया है. जिस कारण लैंगिक अपराण से बालिकाओ का संरक्षण अधिनियम जैसा कानून लाना पड़ा। इस अधिनियम के अन्तर्गत समस्त 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चियों को संरक्षीत किया गया है अभी के समय में छोटी-छोटी बच्चियों के साथ यौन अपराध हो रहे हैं।
श्री मनोज जायसवाल ने बच्चियो को बताया कि सभी समस्या का निराकरण शिर्फ शिक्षा से हो सकता है। उन्होने इसके लिए बालिकाओं को सूत्र दिया। उन्होने बताया कि सभी विद्यार्थियों को पढाई का एक कोना बनाना चाहिए। जहां शांत मन से सिर्फ पढाई होना चाहिए। वहां मोबाइल लेकर नहीं जाना चाहिए। कार्यक्रम को रामानुजनगर की पर्यवेक्षक सुश्री मानकुंवर एवं श्रीमती ममता परस्ते ने संबोधित किया।
शा. उच्चतर मा० वि० प्रतापपुर एवं स्वामी आत्मानन्द विद्यालय प्रतापपुर में भी उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सुश्री प्रियंका सिंह एवं श्रीमती संतोषी सिंह द्वारा स्कूल की बच्चीयों को संबोधित किया गया। उक्त कार्यक्रमों में बालिकाओ के जिज्ञासाओं का समाधान प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उक्त विषयो पर बालिकाएं बढ़ चढ़ कर मांग ले रही है। सभी बालिकाओं का बाल विवाह मुक्त सूरजपुर बलनाने के लिए शपथ दिलया गया सभी ने बाल विवाह नहीं करने और पता चलने पर चाइल्ड हेल्प लाईन न. 1098 महिला हेल्पलाइन 181 एवं एजेंसी न. 112 में सूचना करने की बात कही।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कलेक्टर ने ग्राम कुरुआ और केशवनगर में खेतों में पहुंचकर डिजिटल फसल सर्वेक्षण के कार्य का किया निरीक्षण
जिले के विभिन्न ग्रामों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण कार्य का किया जा रहा है निरीक्षण
सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन ने आज जिले के ग्राम कुरुआ और केशवनगर के खेतों में पहुंचकर डिजिटल फसल सर्वेक्षण (डीसीएस) कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि खरीफ वर्ष 2025-26 के अंतर्गत लगाए गए फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण गुणवत्तापूर्ण और कुशलतापूर्वक किया जाना चाहिए। कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को सतत निगरानी रखने तथा निर्धारित तिथि तक सर्वेक्षण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सूरजपुर एसडीएम श्रीमती शिवानी जायसवाल व अन्य राजस्व अमला मौजूद रहे।
कलेक्टर ने कहा कि जिले के सभी एसडीएम और तहसीलदार प्राथमिकता से अधिक से अधिक प्लॉट्स का सर्वे पूरा करवाएं ताकि अधिक से अधिक किसान इस प्रक्रिया से लाभान्वित हो सकें। उन्होंने अधिकारियों को प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इसी क्रम में उप तहसील पिलखा के ग्राम सतपता एवं जयनगर, इसके अलावा ग्राम गोविंदपुर, रामानुजनगर, भटगांव, बिहारपुर पासल, उप तहसील जरही का ग्राम मरहटा, ग्राम धनेशपुर, प्रतापपुर, कुंज नगर तथा सलका तहसील प्रेमनगर में भी डिजिटल फसल सर्वेक्षण कार्य का निरीक्षण किया गया है । कार्यवाही के दौरान नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी, सर्वेयर एवं ग्रामवासी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं ।
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सूरजपुर : जिला पंचायत सूरजपुर में आज राष्ट्रीय स्तर की मॉनिटरिंग टीम के सदस्य श्री सरवत हुसैन एवं श्री पंकज सोलंकी द्वारा समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सूरजपुर श्री विजेन्द्र सिंह पाटले सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
उक्त टीम द्वारा महात्मा गांधी नरेगा, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, लैंड रिकॉर्ड, स्वामित्व योजना एनआरएलएम, सांसद आदर्श ग्राम योजना, राष्ट्रीय पेंशन योजना तथा कृषि विभाग के प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के कार्यों का निरीक्षण करेंगे एवं आगामी 10 दिनों तक जिले का भ्रमण कर ग्राम पंचायतों का दौरा किया जाएगा। इस दौरान भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन का स्थलीय निरीक्षण, दस्तावेजों का परीक्षण, कार्यों की गुणवत्ता का मूल्यांकन एवं योजनाओं के प्रभावी संचालन का अवलोकन किया जाएगा।
बैठक में डिप्टी कलेक्टर, सूरजपुर, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख, सहायक परियोजना अधिकारी (मनरेगा), कार्यपालन अभियंता (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना), उपसंचालक (समाज कल्याण), कृषि विभाग के अधिकारी, एनआरएलएम, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण तथा सहायक परियोजना अधिकारी (सांसद आदर्श ग्राम योजना) सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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सूरजपुर : आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास के निर्देशानुसार धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीए-जेजीयूए) के तहत अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 एवं नियम 2007 यथा संशोधित नियम 2012 के क्रियान्वयन में सहयोग हेतु जिला एवं उपखण्ड स्तर के वन अधिकार प्रकोष्ठ में मानव संसाधन के रूप में क्रमशः जिला स्तरीय समन्वयक (समन्वयक-वन अधिकार अधिनियम) तथा उपखंड स्तर पर एमआईएस सहायक (सहायक-वन अधिकार अधिनियम) की नियुक्ति किये जाने हेतु आवेदन निर्धारित प्रारूप में विज्ञापन जारी 11 सितंबर तक कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सूरजपुर में आमंत्रित किया गया है।
जिला स्तरीय समन्वयक के 01 पद के लिए मानदेय राशि 30,000 निर्धारित अवधि 01 वर्ष एवं एमआईएस सहायक के 02 पदों के लिए मानदेय राशि 20,000 निर्धारित अवधि 01 वर्ष के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया है।
पद की शर्तें :-
1. यह पद अशासकीय एवं पूर्णतः अस्थायी होंगे तथा निर्धारित एवं नियत की गई अवधि के अंतर्गत सीमित होंगे।
2. यह पद पूर्णतः अस्थानांतरणीय होंगे।
3. धरती आबा-जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान अंतर्गत वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु वन अधिकार प्रकोष्ठ के गठन हेतु प्राप्त बजट अनुसार प्रथमतः 01 वर्ष तक सीमित होगी एवं द्वितीय वर्ष हेतु बजट प्राप्ति की दशा में द्वितीय वर्ष तक पदावधि का विस्तार होगा।
पात्रता की शर्तेंः-
1. किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से न्यूनतम द्वितीय श्रेणी में स्नातक उपाधि प्राप्त की हो। कम्प्यूटर का ज्ञान होना चाहिये, जिसमें एमएस ऑफिस इत्यादि सम्मिलित है ।
वन अधिकार अधिनियम, 2006 के क्रियान्वयन का (समन्वयक-वन अधिकार अधिनियम के लिए न्यूनतम 03 वर्ष एवं सहायक-वन अधिकार अधिनियम के लिए न्यूनतम 02 वर्ष) मैदानी क्षेत्रों में कार्य करने का अनुभव हो जैसे:- जिले में जिला स्तरीय वन अधिकार प्रकोष्ठ तथा उपखण्ड स्तरीय वन अधिकार प्रकोष्ठ में कार्यरत रहे जिला परियोजना समन्वयक तथा क्षेत्रीय कार्यकर्ता को वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन से संबंधित कार्य कुशलता एवं प्रदर्शन के आधार पर अनुभव का प्राथमिकता दिया जा सकता है। इस हेतु छत्तीसगढ़ राज्य में कार्यरत किसी शासकीय अथवा एफआरए क्रियान्वयन के क्षेत्र में पंजीकृत अशासकीय संस्था का अनुभव प्रमाणपत्र संलग्न किया जाना अनिवार्य होगा ।2. अधिकतम आयु 01 जनवरी 2025 की स्थिति में 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये।
3. आवेदक छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी होना चाहिये, इस आशय का प्रमाणपत्र संलग्न करना होगा। जनजातीय पंरपराओं, रीतिरिवाजों, संस्कृति की सामान्य जानकारी होनी चाहिये।4. आवेदन की प्रक्रिया तथा निर्धारित तिथि:-
(प)आवेदन निर्धारित प्रपत्र में पूर्ण कर तथा आवश्यक दस्तावेज स्वयं सत्यापित कर विज्ञापन जारी दिनांक से दिनांक 11.09.2025 को सायं 05.30 बजे तक कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सूरजपुर में प्रस्तुत/जमा करेंगे।
(पप)आवेदन पत्र के परीक्षण उपरान्त सही पाये गये आवेदन पत्र के आधार पर पात्रता रखने वाले आवेदकों को संबंधित जिला मुख्यालय में साक्षात्कार हेतु आमंत्रित किया जावेगा। आवेदक को साक्षात्कार हेतु आने जाने का व्यय स्वयं वहन करना होगा।
(पपप)साक्षात्कार के समय शैक्षणिक तथा अनुभव संबंधी मूल प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। साक्षात्कार के लिये निर्धारित तिथि से दूरभाष/ईमेल माध्यम से अवगत कराया जावेगा।
(पअ)साक्षात्कार हेतु जिला कलेक्टर/अध्यक्ष, डीएलसी द्वारा जिला स्तर पर समिति का गठन किया जायेगा। निर्धारित तिथि पर साक्षात्कार समिति द्वारा प्रत्येक पात्र आवेदक का साक्षात्कार लिया जायेगा। साक्षात्कार समिति में मुख्यालय से विषय विशेषज्ञों एवं अन्य को आमंत्रित किया जा सकता है।
(अ) 50 प्रतिशत अंक साक्षात्कार पर तथा 50 प्रतिशत अंक स्नातक परीक्षा के प्राप्तांको के आधार पर दिया जाकर मेरिट सूची तैयार कर सफल/चयनित अभ्यर्थियों की पदस्थापना की जायेगी। सफल अभ्यर्थियों को 02 सप्ताह में कार्यस्थल पर कार्य पर उपस्थिति देनी होगी अन्यथा कार्य पर उपस्थित न होने की दशा में प्रतीक्षा सूची से अन्य अभ्यर्थी को अवसर दिया जायेगा, इस संबंध में सक्षम प्राधिकारी (जिला कलेक्टर) का निर्णय अंतिम होगा।
(अप)पदस्थापना जिला स्तर पर सक्षम प्राधिकारी (जिला कलेक्टर) द्वारा की जायेगी, इस संबंध में सक्षम प्राधिकारी का निर्णय अंतिम होगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगा महतारी सदन- उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा
166 महतारी सदन हेतु 49 करोड़ 80 लाख रुपये जारी
अब तक 368 महतारी सदन की स्वीकृति, 50 से अधिक महतारी सदन पूर्ण
महतारी सदन में कमरा, बरामदा, हाल, किचन, स्टोररूम, पेयजल हेतु ट्यूबवेल और सामुदायिक शौचालय जैसी होंगी सुविधायें
सूरजपुर : प्रदेश के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने तथा आपसी समरसता स्थापित करने सामायिक कार्यक्रमों में सामूहिक भागीदारी तथा महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के निर्देशानुसार महतारी सदन का निर्माण कार्य किया जाना है। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के प्रयास से 166 महतारी सदन की स्वीकृति आदेश जारी किया गया है, इसके लिए 49 करोड़ 80 लाख रुपये की स्वीकृति जारी की गई है। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि न्यू इंडिया के ग्रोथ साइकल में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत अभियान महिलाओं की क्षमता को देश के विकास के साथ जोड़ रहा है। प्रदेश के ग्राम पंचायतों में बनने जा रहा महतारी सदन भी इसी दिशा में एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि लगातार ग्राम भ्रमण के दौरान महिलाओं द्वारा बैठने की स्थान न होने की शिकायत की और बैठने हेतु स्थान दिलाने की मांग की जाती रही इसलिए महतारी सदन बनाने का विचार आया। ततपश्चात महिलाओं को रोजगार दिलाने और उनको काम काज के लिए स्थान उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार गांवों में महतारी सदन बनाने जा रही है। अब तक 368 महतारी सदन की स्वीकृति इसी उद्देश्य को पूर्ति के लिये जारी किया गया है। कार्यों में एकरूपता के दृष्टिकोण से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कार्य का एक मानक डिजाईन एवं प्राक्कलन तैयार किया गया है। प्रति महतारी सदन की लागत राशि रुपये 30 लाख होगी।
5 वर्षों में सभी ग्राम पंचायतों में महतारी सदन बनाने की योजना
प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में महतारी सदन बनाया जाएगा। महतारी सदन बनाने की शुरुआत हो गयी है। पहले चरण में प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में महतारी सदन बनना प्रारंभ किया जा रहा है व 5 साल में सभी ग्राम पंचायत में महतारी सदन बनेंगे। प्रदेश में बनने वाले महतारी सदन का निर्माण लगभग 25 सौ वर्ग फुट में कराया जाएगा। सदन में कमरा, शौचालय, बरामदा, हाल, किचन और स्टोररूम जैसी सुविधाएं रहेगी। पानी के लिए ट्यूबवेल के साथ वाटर हार्वेस्टिंग भी किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा के लिए इसमे बाउंड्रीवाल भी बनाए जाएंगे। महतारी सदन में सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण किया जाएगा।
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सूरजपुर : छतीसगढ़ रजत महोत्सव के अवसर पर ’’बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ योजना के तहत महिला सशक्तिकरण केंद्र द्वारा जागरुकता कार्यक्रम शासकीय हाई स्कूल बोझा (प्रतापपुर) में कलेक्टर श्री एस जयवर्धन के आदेश के अनुपालन में तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री शुभम बंसल के मार्गदर्शन से सम्पन्न हुआ। यह कार्यक्रम का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग, नवा बिहान संरक्षण अधिकारी श्रीमती इन्द्र कुमारी तिवारी एवं महिला सशक्तिकरण (हब) मिशन शक्ति के अंतर्गत जिला मिशन समन्वयक श्रीमती शारदा सिंह के नेतृत्व में किया गया है। जिसमें साइबर सुरक्षा पर प्रशिक्षण अंतर्गत बालिकाओं को ऑनलाइन फ्रॉड, व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के साथ ही कन्या भ्रुण निषेध अधिनियम, बाल विवाह, घरेलू हिंसा अधिनियम, सखी सेंटर, कार्य स्थल पर महिलाओ का लैगिंग उत्पीडन अधिनियम 2013 एवं महिला हेल्प लाइन नंबर 181, 1098, 112 की जानकारी दी गई एवं संबंधित मुद्दों स्वास्थ्य एवं पोषण, महिला सुरक्षा आदि विषयों पर निबंध प्रतियोगिता एवं प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया।
विद्यालय के प्राचार्य एवं सभी शिक्षको के सहयोग से सत्र का सफल आयोजन किया गया । कार्यक्रम में विधिक सेवा प्राधिकरण से पैरलीगल वालेंटियर द्वारा महिलाओं को निःशुल्क विधिक सहायता एवम यूनिसेफ समन्वयक श्री हितेश द्वारा अन्य जानकारियां दी गई।
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बिलासपुर : नगर निगम बिलासपुर अंतर्गत वार्ड क्र. 2 अब्दुल कलाम नगर, वार्ड क्र. 3 सांई नगर, वार्ड क्र. 14 मिनीमाता नगर, वार्ड क्र. 25 क्रांतिकुमार भारतीय नगर, वार्ड क्र. 45 शहीद हेमू कॉलोनी नगर, वार्ड क्र. 51 राजकिशोर नगर, वार्ड क्र. 52 रविन्द्रनाथ टैगोर नगर, वार्ड क्र. 57 अशोक नगर, वार्ड क्र. 58 रानी दुर्गावती नगर एवं वार्ड क्र. 68 रामकृष्ण परमहंस नगर में शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालन के लिए संबंधित वार्ड में पंजीकृत महिला स्व सहायता समूह, प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भण्डार एवं स्थानीय नगरीय निकाय से 4 सितम्बर 2025 तक आवेदन सीलबंद लिफाफे में मंगाए गए है।
शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालन के लिए महिला स्व सहायता समूह, प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार का पंजीयन उद्घोषणा की तारीख से तीन माह पूर्व पंजीकृत होना अनिवार्य है। निजी व्यक्तियों के आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। पंजीयन प्रमाण पत्र में उल्लेखित कार्यक्षेत्रानुसार ही संबंधित वार्ड हेतु आवेदन स्वीकार किया जाएगा अन्य वार्ड का आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। आवेदन पत्र कार्यालय कलेक्टर खाद्य शाखा बिलासपुर में सीलबंद बॉक्स में जमा करेंगे।
आवेदन करने हेतु महिला स्व. सहायता समूह एवं प्राथमिक उपभोक्ता भण्डार का जीवित पंजीयन प्रमाण की छायाप्रति, बैंक खाता संचालन एवं तीन माह का बैंक स्टेटमेंट एवं कार्य अनुभव, शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालन हेतु समूह, समिति का सहमति सहित प्रस्ताव जिसमें समिति का कार्यक्षेत्र का भी उल्लेख, महिला स्व सहायता समूह एवं प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भण्डार का कार्यक्षेत्र संबंधी प्रमाणित प्रति जिसका उल्लेख पंजीयन प्रमाण-पत्र में पंजीयन प्रमाण-पत्र जारीकर्ता प्राधिकारी के प्रमाण-पत्र के साथ संलग्न करना होगा, जिसमें वार्ड हेतु पंजीयन है, कार्यक्षेत्र का उल्लेख अनिवार्य रूप से हो। आवेदन पत्र एवं लिफाफे के ऊपरी भाग में जिस वार्ड के लिए आवेदन किया गया है, उस वार्ड का नाम का स्पष्ट उल्लेख किया जावें। -
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बिलासपुर : जिले की महिला अभ्यर्थियों को रोजगार का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से 22 अगस्त को सवेरे 10 बजे से शाम 4 बजे तक शासकीय बिलासा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं शासकीय कन्या पॉलिटेक्निक में निःशुल्क प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन किया जा रहा है।
इन कैम्पों में एटीसी टायर्स प्राईवेट लिमिटेड दहेज, जिला भरूच, गुजरात द्वारा केवल महिला अभ्यर्थियों के लिए 500 मशीन ऑपरेटर के पदों पर चयन की कार्यवाही की जाएगी। इच्छुक महिला अभ्यर्थी जो 12वीं, आईटीआई, डिप्लोमा या स्नातक (किसी भी विषय में) उत्तीर्ण हैं, वे कैम्प में उपस्थित होकर चयन प्रक्रिया में भाग ले सकती हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी रोजगार कार्यालय की वेबसाईट www.erojgar.cg.nic.in, रोजगार एप एवं संबंधित महाविद्यालय से संपर्क किया जा सकता है।
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अपूर्ण आवासों को जल्द पूरा करने दिए निर्देश
बिलासपुर : कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने जिला पंचायत के सभागार में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत चल रहे कार्यों की समीक्षा विस्तार से की। उन्होंने योजना अंतर्गत अपूर्ण आवासों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने, पीएम जनमन आवासों के निर्माण कार्यों में प्रगति लाने, चेकर वैरिफिकेशन से संबंधित समस्त कार्यों को पूरा करने करने कहा। कलेक्टर ने प्रत्येक पैरामीटर में प्रगति लाने एवं निर्धारित समय में लक्ष्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप अग्रवाल, सहायक परियोजना अधिकारी, जिला समन्वयक, सहायक अभियंता के साथ जनपद स्तर से समस्त सीईओ जनपद पंचायत, ब्लॉक समन्वयक, पीओ मनरेगा, एडीइओ सहित समस्त तकनीकी सहायक उपस्थित रहे।
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अन्तर्गत 58 हजार 483 आवास स्वीकृत हुए है जिसमें से 28 हजार 376 आवास पूर्ण हो चुके है एवं 30 हजार 107 आवास प्रगतिरत है। आवास योजना अन्तर्गत आवास 2.0 ऐप के माध्यम से 2 लाख 28 हजार 336 हितग्राहियों का सर्वे किया गया हैै। 94 हजार 852 हितग्राहियों का वैरिफिकेशन किया जाना था, जिसके विरुद्ध 78 हजार 300 हितग्राहियों का चेकर वेरिफिकेशन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है शेष वेरिफिकेशन का कार्य प्रगतिरत है।
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अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार करने दिए निर्देश
बिलासपुर : कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में आदि कर्मयोगी अभियान की जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। आदिवासी समुदायों के शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक अवसर सामाजिक न्याय एवं अन्य क्षेत्रों में कल्याण एवं विकास को बढ़ावा देने के उद्द्देश्य से जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आदि कर्मयोगी अभियान शुरू किया गया है। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री शिवकुमार बनर्जी, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास श्री पी.सी. लहरे, संबंधित विभागों के जिला अधिकारी, जिला समन्वयक रेडक्रास सोसायटी श्री सौरभ सक्सेना, प्रशिक्षित जिला मास्टर ट्रेनर्स एवं एनजीओ के सदस्य उपस्थित थे।
अभियान अंतर्गत आदिवासी विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों में अनुसूचित जनजातियों हेतु संचालित योजनाओं एवं सेवाओं तथा प्रधानमंत्री जनमन योजना, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में शामिल गतिविधियों का प्रचार प्रसार करते हुए जिले के 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या वाले अनुसूचित जनजाति बाहुल्य सभी 102 ग्रामों को योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा।
कलेक्टर ने बैठक में विभागों के उपस्थित अधिकारियों को ब्लॉक मास्टर ट्रेनर्स का चयन कर नाम प्रस्तावित करने के निर्देश दिए। ब्लॉक मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण आयोजित कर विकासखण्ड कोटा 65, विकासखण्ड बिल्डा 11, विकासखण्ड मस्तूरी 13 एवं विकासखण्ड तखतपुर 13 इस तरह कुल चिन्हांकित 102 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों में से प्रत्येक ग्राम में ग्राम स्तरीय समिति गठन करने कहा। इसके अलावा क्लस्टर तैयार करने तथा मैदानी स्तर के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों, महिला बाल विकास सुपरवाईजर, संकुल शैक्षिक समन्वयकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य मितानीन, वन प्रबंधन समिति के सदस्यों को आदि कर्मयोगी अभियान में जोड़ने हेतु निर्देशित किया है।
उल्लेखनीय है कि इस अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम को सशक्त, आत्मनिर्भर और समग्र विकास की और अग्रसर किया जाएगा। इसमें ग्राम पंचायत सचिवों, स्वयं सेवकों और स्थानीय समुदाय के भूमिका अहम होगी। सम्पूर्ण योजना को डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ा जायेगा ताकि हर ग्रामीण को सूचना, सेवाएं और योजनाएं एक ही स्थान पर मिल सके। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल द्वारा निर्देशित किया गया कि यह अभियान भारत सरकार के महत्वपूर्ण अभियान है। इसका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करते हुए अनुसूचित जनजातियों को शासन के योजनाओं से लाभान्वित कराना सुनिश्चित की जाये।
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बिलासपुर : श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का फायदा उठाने के लिए श्रमिकों का विभागीय कर्मकार कल्याण अथवा असंगठित कर्मकार मण्डल में पंजीयन अनिवार्य होता है। पंजीयन का कार्य विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर जनपदों में स्थापित श्रम संसाधन केन्द्रों में निःशुल्क किया जाता हैं, वहीं निर्धारित शुल्क 30 रूपये देकर लोक सेवा केन्द्र अथवा च्वाईस सेन्टरों में भी पंजीयन कराया जा सकता है। कतिपय च्वाईस सेन्टरों द्वारा इससे ज्यादा वसूली किये जाने की शिकायत को श्रम विभाग ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नम्बर जारी कर दोषियों के विरूद्व कठोर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। सहायक आयुक्त श्रीमती ज्योति शर्मा ने बताया कि बिलासपुर सहायक श्रमायुक्त कार्यालय के दूरभाष नम्बर 07752-455565 अथवा रायपुर श्रम विभाग के दूरभाष नम्बर 0771-3505050 पर कोई भी पीडित व्यक्ति शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में च्वाईस सेन्टरों को कार्ड प्रिन्ट के नाम पर 10 रूपए लिये जाने का प्रावधान था। जिसे भी अब छूट देकर इस राशि का प्रदाय मण्डल द्वारा किया जायेगा। पंजीयन पूर्ण हो जाने के बाद श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ उठाने हेतु आवेदन के लिए मात्र 20 रूपये का शुल्क निर्धारित किया गया है। पंजीयन कराने के लिए च्वाईस सेन्टरों में जाना जरूरी नहीं है। कोई भी व्यक्ति श्रमेव जयते एप्प को गुगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर इसके जरिए पंजीयन करा सकता है।
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नए पंचायत भवन से ग्राम पंचायत कार्यों में आएगी सुगमता
बिलासपुर : जनपद पंचायत तखतपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत लाखासार में नवीन पंचायत भवन का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। मनरेगा योजना अंतर्गत स्वीकृत इस कार्य पर 16 लाख 37 हजार रुपए की राशि स्वीकृत हुई, जिसमें 15 लाख 51 हजार रुपए का व्यय किया गया। पहले पंचायत भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था, जिसके चलते बैठकों, पंचायत की सामग्री के भंडारण एवं अन्य कार्यक्रमों में असुविधा होती थी। ग्राम पंचायत द्वारा रखे गए प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद कार्य एजेंसी एवं मनरेगा जॉब कार्डधारी पात्र श्रमिकों की मदद से भवन निर्माण कराया गया।
नया पंचायत भवन बनने से ग्राम पंचायत स्तर पर बैठकों के लिए एक निश्चित स्थल उपलब्ध हुआ है। साथ ही पंचायत की सामग्री के भंडारण हेतु स्थल अभाव की भी चिंता दूर हुई है। अब ग्रामवासियों को बैठकों, भंडारण एवं आमजनों के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ सुलभ हो गई हैं। निर्माण कार्य से ग्राम पंचायत में होने वाली बैठक एवं उन बैठक में उपस्थित होने वाले सदस्यों के लिए एक नियत स्थल प्राप्त हो सका। इस भवन के निर्माण से न केवल पंचायत के कार्यों में पारदर्शिता और सुगमता आई है। बल्कि ग्रामवासियों के लिए भी एक स्थायी एवं सुविधाजनक स्थल उपलब्ध हो सका है।
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बिलासपुर : राज्य गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रजत महोत्सव के तहत प्रार्थना हॉल में एक गरिमामय काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्य की गौरवपूर्ण यात्रा और उपलब्धियों पर आधारित 5 मिनट की लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया, जिसने उपस्थित सभी लोगों को भावविभोर कर दिया। इस लघु फिल्म में छत्तीसगढ़ के निर्माण काल से लेकर अब तक की गौरवपूर्ण उपलब्धियों को संजोया गया है। फिल्म में वर्ष 2000 में राज्य गठन के बाद से शिक्षा, स्वास्थ्य,कृषि,सड़क,उद्योग,ऊर्जा,सूचना-प्रौद्योगिकी,जैसे क्षेत्रों में हुए चहुंमुखी विकास को प्रभावशाली ढंग से दर्शाया गया। फिल्म ने यह संदेश दिया कि कैसे दो दशक से अधिक की इस यात्रा में छत्तीसगढ़ ने एक पिछड़े राज्य से तेजी से प्रगतिशील राज्य बनने तक का सफर तय किया। काव्य गोष्ठी में शामिल कवि, साहित्यकारों और प्रबुद्ध नागरिकों ने फिल्म की सराहना की, उन्होंने कहा कि यह फिल्म न केवल राज्य की प्रगति का आईना है,बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी दस्तावेज भी है। साहित्यकारों ने इसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और विकास का जीवंत चित्रण बताया। उपस्थित प्रबुद्धजनों ने कहा कि इस तरह की लघु फिल्में और आयोजन आम जनता तक राज्य की विकास यात्रा को पहुंचाने का सशक्त माध्यम हैं, जिससे छत्तीसगढ़ की नई पहचान और गौरवगाथा जन-जन तक पहुंच रही है।
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संस्कृति एवं विकास पर केन्द्रित गीतों की प्रस्तुति ने समा बांधा
कन्ज्यूमर से प्रोड्यूसर राज्य की ओर बढ़ाने होंगे कदम: कुलपतिनयी तकनीक एवं नवाचार से आगे बढ़ेगा छत्तीसगढ़ : कलेक्टर
कवियों की शानदार प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
बिलासपुर : छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अंतर्गत जिला प्रशासन द्वारा प्रार्थना सभा भवन में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। राज्य निर्माण के इन पच्चीस वर्षों में छत्तीसगढ़ में हुए विकास एवं समरस संस्कृति को कवियों ने गीतों में पिरोकर अपनी सुन्दर प्रस्तुतियों से खूब वाहवाही लूटी। राज्य के जन्म से लेकर युवा होने तक की गाथा सुनकर दर्शक भाव-विभोर हो गए। रजत जयंती पर 25 से ज्यादा नामी गिरामी कवियों ने अपनी शानदार प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 एडीएन वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा-अर्चना कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार सतीश जायसवाल ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार, कवि एवं साहित्यकार श्री नन्द किशोर शुक्ल, श्री राजेश चौहान, डॉ. अजय पाठक एवं श्रीमती रश्मिलता मिश्रा उपस्थित थीं।
मुख्य अतिथि एवं कुलपति डॉ. एडीएन वाजपेई ने कहा कि छत्तीसगढ़ की शुरू से ही अलग पहचान रही है। इसने अविभाजित मध्यप्रदेश और देश को काफी प्रभावित किया है। छत्तीसगढ़ किसी भी मामले में कमजोर कभी भी नहीं रहा है। समरसता यहां के समाजों का विशिष्ट खासियत रहा है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर ने राज्य और देश को श्रेष्ठ राजनेता दिया है। सविंधान के निर्माण में भी यहां के लोगों ने योगदान दिया है। साहित्य जगत में भी बिलासपुर का गौरवपूर्ण स्थान है। डॉ0 वाजपेई ने कहा कि गत 25 बरस में छत्तीसगढ़ ने काफी प्रगति की है। लोगों की आमदनी में काफी इजाफा हुआ है। सड़क, शिक्षा और विज्ञान में काफी प्रगति हुई है। हाल ही में जारी छत्तीसगढ़ के विजन डॉक्यूमेन्ट में ये सब देखने को मिल रहा है। अब हमें कन्ज्यूमर स्टेट से आगे जाकर प्रोड्यूसर स्टेट के रूप में पहचान बनानी है। इसके लिए उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देना होगा। विकसित राज्यों की बराबरी में आने के लिए हम सबको और मेहनत करनी पड़ेगी।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने उद्बोधन में कहा कि रजत महोत्सव हमें आत्मचिंतन का अवसर मिला है कि हम इन 25 सालों में कहां पहुंचे हैं। क्या कर रहे हैं। क्या सही दिशा में विकास के काम हो रहे हैं। क्या कुछ छूट गया। हम आज कितने खुशहाल हैं। उन्होंने कहा कि केवल पैसा ही समृद्धि का संपूर्ण परिचायक नहीं हैं। इससे भी आगे बड़े विषय हैं। उन्होंने कहा कि निर्माण के इन पच्चीस बरसों मे राज्य के उत्तर से लेकर दक्षिण तक समान रूप से विकास के काम हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिभा संपन्न लोग बहुत हैं। उनमें निहित कौशल को और धार देना है। हर मामलों में हमें देश के औसत से ऊपर रहने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ देश के बीचो-बीच स्थित है। इस भौगोलिक स्थिति का हमें फायदा उठाना चाहिए। राज्य को विकसित स्वरूप देने में लोगों को भी आगे आना होगा। उन्हें प्रोडक्टिव होना होगा। नई तकनीक एवं नवाचार अपनाएंगे तभी आगे बढ़ना आसान होगा। समाज के कमजोर लोगों को भी साथ लेकर चलना होगा अन्यथा विकास के तमाम दावे अधूरे साबित होंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार सतीश जायसवाल ने कहा कि रजत महोत्सव के अवसर पर संगोष्ठी के आयोजन से साहित्य जगत को खुशी हुई है। काफी दिनों बाद कवि एवं साहित्यकार एक साथ मिले हैं। पच्चीस सालों में भौतिक विकास के साथ छत्तीसगढ़ी भाषा एवं साहित्य का भी विकास हुआ है। विश्वविद्यालयों में भी छत्तीसगढ़ की संवेदना का महसूस कर इस पर अनुशीलन किया जा रहा है। गोष्ठी आयोजन के लिए उन्होंने जिला प्रशासन को बधाई एवं धन्यवाद किया। वरिष्ठ साहित्यकार श्री नंद किशोर शुक्ल ने कहा कि राज्य निर्माण के पहले छत्तीसगढ़ अनजाना सा था। नये राज्य बनने से पहचान मिली। छत्तीसगढ़ राज्य पर हम सभी को गर्व है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बापजेई जी ने हमें पृथक छत्तीसगढ़ दिया। तब से छत्तीसगढ़ राज्य दिनों दिन प्रगति कर रहा है। उन्होंने राज्य निर्माण के इतिहास को काफी विस्तार से बताया। श्री शुक्ल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा हमारी अस्मिता और पहचान है। इसके और विकास और विस्तार की जरूरत है। साहित्यकार श्री राजेश चौहान ने कहा कि छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने से हमारे पुरखों का सपना साकार हुआ है। इसे अव्वल राज्य में तब्दील करने की जिम्मेदारी अपने कंधो पर है। स्वागत भाषण नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने दिया। उन्हेांने आयोजन का उद्देश्य भी बताया। कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र का संचालन एवं आभार ज्ञापन जनसम्पर्क विभाग की जिला समन्वयक सुश्री रेहाना तबस्सुम ने किया। कार्यक्रम के दूसरे सत्र का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुनील शर्मा ‘‘प्रकाश’’ ने किया।
प्रार्थना सभा भवन में करीब 5 घण्टे तक कविताओं का दौर चला। वरिष्ठ कवि, साहित्यकारों व नवोदित कवियों ने अपनी चुनिंदा कविताओं के माध्यम से राज्य निर्माण की सार्थकता का वर्णन किया। गोष्ठी सत्र में डॉ. सुप्रिया भारतीयन, डॉ. देवधर महंत, श्री महेश श्रीवास, श्रीमती तुलसी देवी तिवारी, श्री एमडी मानिकपुरी, डॉ. राघवेन्द्र दुबे, श्री रामनिहोरे राजपूत, श्री सुशील तिवारी,श्री भास्कर मिश्रा ,श्री जगदीश कुलदीप, श्री विजय तिवारी, श्रीमती अनु चक्रवर्ती, श्रीमती रश्मि गुप्ता, सुश्री अनपूर्णा पवार, सुश्री उज्मा अख्तर, श्रीमती धनेश्वरी सोनी, श्रीमती वीणा शुक्ला, युवा कवि श्रीकुमार, सुश्री आकांक्षा द्विवेदी, श्री बालमुकुंद श्रीवास, श्री अंशुल शुक्ला, श्री अशीष श्रीवास, श्री चैतन्य गोपाल ने कविता पाठ किया। सभी साहित्यकारों को उप संचालक जनसंपर्क श्री एमडी पटेल द्वारा जिला प्रशासन की ओर से शॉल, श्रीफल देकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें उपस्थित लोगों ने स्वास्थ्य जांच कराई।
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28 जिलों में 1.33 लाख आदि कर्मयोगी घर-घर संपर्क कर दिलाएंगे योजनाओं का लाभ
गांवों में स्थापित होंगे आदि सेवा केंद्र आदि कर्मयोगियों का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण
रायपुर : छत्तीसगढ़ में जनजाति समुदाय के लिए संचालित केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ जनजातीय परिवारों तक पहुंचानें के लिए आदिकर्मयोगी अभियान संचालित किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आदि कर्मयोगी अभियान को 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 के मध्य जोर-शोर के साथ सेवा पर्व के रूप में संचालित करने का आह्वान किया है।
छत्तीसगढ़ में आजादी के अमृतकाल में वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्प को पूरा करने में सबकी सहभागिता से यह अभियान संचालित किया जाएगा। इस अभियान के लिए राज्य के 28 जिलों के 138 विकासखंडो में 1 लाख 33 हजार वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। आदिकर्मयोगी अभियान में विभिन्न विभागों के समन्वय से जनजातीय परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा। स्थानीय जन प्रतिनिधि भी इस अभियान में सक्रिय भागीदारी देंगे।
आदिकर्मयोगी अभियान अंतर्गत जनजातीय बाहुल्य गांवों में बुनियादी अधोसंरचना और सुविधाओं में जो भी ‘क्रिटिकल गैप’ हैं, उनकी पहचान की जाएगी। स्थानीय प्रशासन के माध्यम से इन कमियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इससे हर ग्राम बुनियादी सुविधाओं से संतृप्त होगा। आदिकर्मयोगी अभियान संचालित करने के लिए राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय उन्नमुखीकरण एवं जिला मास्टर टेªनर्स के द्वितीय चरण के चार दिवसीय प्रशिक्षण का पूर्ण कर लिया गया है। इसके बाद विकासखण्डों और गांवों में चिन्हांकित आदिकर्मयोगी को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आदिकर्मयोगी अभियान के संबंध में 6 अगस्त को आयोजित बैठक में इस कार्यक्रम को प्राथमिकता देते हुए इस कार्य को जमीनी स्तर क्रियान्वित करने के लिए ठोस रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि केन्द्रीय मंत्री श्री उइके ने आदिकर्मयोगीयों के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए जनजातीय संस्कृति और परंपरा को कायम रखते हुए इन वर्गों के कल्याण के लिए हम सबको पावन और पवित्र भाव से कार्य करने पर जोर दिया।
आदिम जाति, विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि विकसित भारत की संकल्पना में जनजातीय वर्गों के विकास में भागीदारी बनने की जरूरत है। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने कहा कि आदि कर्मयोगी जनजातियों से सहज-सरल एवं उनकी ही भाषा व बोलचाल में मित्रवत जुड़ाव आदि कर्मयोगी अभियान का उद्देश्य पूरा होगा।
प्रमुख सचिव आदिम जाति विकास श्री सोनमणि बोरा ने बताया कि इस अभियान के तहत ग्रामों में ‘आदि सेवा केंद्र’ स्थापित होंगे। ये केंद्र न केवल मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता में सहायक होंगे, बल्कि योजनाओं एवं कार्यक्रमों के सतत क्रियान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। समापन समारोह में मास्टर ट्रेनर्स सहित बस्तर और सरगुजा संभाग के आदि कर्मयोगी उपस्थित थे।
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जिला स्तरीय स्वास्थ्य समिति का कलेक्टर की अध्यक्षता में हुआ आयोजन
जशपुरनगर : कलेक्टर रोहित व्यास की अध्यक्षता में जिला स्तरीय स्वास्थ्य समिति की बैठक का आयोजन गुरुवार को जिला कार्यालय सभाकक्ष में किया गया।इस अवसर पर कलेक्टर ने 108 एवं 102 के अंतर्गत संचालित वाहनों के कार्यों की समीक्षा करते हुए समय पर सुविधा उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने 102 महतारी एक्सप्रेस की सुविधाएं 24 घंटे उपलब्ध कराने हेतु दो ड्राइवरों द्वारा शिफ्ट वार कार्य करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री मेडिकल यूनिट (एमएमयू) को विशेष पिछड़ी जनजाति के निवास क्षेत्रों में पहुंचा कर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा। मुक्तांजली वाहनों की उपलब्धता की समीक्षा कर उन्होंने खराब वाहनों को जल्द से जल्द ठीक कराने और तब तक वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए शिकायत निवारण तंत्र एवं आकस्मिक सुविधा हेतु हेल्पलाइन विकसित करने पर के निर्देश दिए, जिसके माध्यम से लोगों को सड़क दुर्घटना सहायता, दवाइयों की उपलब्धता, स्वास्थ्य सहायता आदि सुविधाओं के साथ फीडबैक की भी सुविधा प्राप्त हो। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टरी निर्माण करने के भी निर्देश दिए।
प्रत्येक गर्भवती महिला तक पहुंच हेतु चलाये जा रहे अभियान को कलेक्टर ने प्रभावी बनाने के लिए आउटरीच कार्यक्रम के तहत सीएचओ एवं मितानिन के माध्यम से समाज के बीच पहुंच कर लोगों में संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन, प्रसव पूर्व जांच के महत्व के प्रति जागरूकता लाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक गर्भवती महिला के निर्धारित तीन एएनसी चेकअप करवाकर सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने को कहा।
उन्होंने सभी स्वास्थ्य केंद्रों में योजनाबद्ध तरीके से राष्ट्रीय क्वालिटी एसुरेन्स स्टैंडर्ड (एनक्वास) के तहत सुविधा उपलब्ध कराकर सर्टिफिकेशन प्राप्त करने को कहा। उन्होंने गैर संचारी रोगों से पीड़ितों की पहचान के लिए अधिक से अधिक जांच करने को कहा। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी स्नेक वैनम एवं एंटी रेबीज दवाइयों की उपलब्धता की जानकारी लेते हुए कलेक्टर ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। किसी भी मरीज को दवाइयों के कारण असुविधा ना हो इसके लिए इन दवाइयों के स्टॉक की जांच कराकर किसी भी प्रकार दवाई उपलब्ध कराने को कहा। इसके उपरांत भी यदि मरीजों को स्वयं से दवाइयां निजी दुकानों से खरीदने के लिए कोई बाध्य करता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त आईआईटी बॉम्बे के पोषण मिशन, गर्भावस्था में योग, मानव संसाधन भर्ती, सिकलसेल उन्मूलन अभियान, राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम, मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम, शिशु टीकाकरण, एसएनसीयू संचालन, गर्भवती माताओं के टीकाकरण, तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम, कोटपा एक्ट के तहत कार्रवाई आदि पर विस्तृत चर्चा की गई। इस बैठक में सहायक कलेक्टर अनिकेत अशोक, डिप्टी कलेक्टर हरिओम द्विवेदी, सीएमएचओ डॉ जीएस जात्रा, सिविल सर्जन डॉ विनीत नंदनवार, डीपीएम राजीव रंजन मिश्रा सहित सभी बीएमओ एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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तसर पालन की वैज्ञानिक तकनीकों पर दी गई व्यावहारिक जानकारी
जशपुरनगर : विज्ञान से व्यवहार तक शीर्ष से ज़िले के बोडाटोंगरी और बंदरचुआ में तसर पालन हेतु किसानों के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिसमें 50 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन केन्द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान रांची की वैज्ञानिक-बी डॉ. निधि सुखिजा तथा सहायक निदेशक रेशम श्री श्याम कुमार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत एमआरएमए मेरा रेशम मेरा अभियान पर चर्चा से हुई। विशेषज्ञों ने समझाया कि “मेरा” शब्द का तात्पर्य है “हम इसे अर्जित करते हैं”, जो किसानों में स्वामित्व और गर्व की भावना उत्पन्न करता है, जबकि “हमारा” केवल साझेदारी को दर्शाता है। तकनीकी सत्रों में तसर पालन की वैज्ञानिक तकनीकों पर व्यावहारिक जानकारी दी गई, जिसमें प्रारंभिक अवस्था से लेकर अंतिम अवस्था तक की पालन प्रक्रियाएँ शामिल थीं। किसानों ने सक्रिय रूप से चर्चा में भाग लिया और देर अवस्था में होने वाले वाइरोसिस, चींटियों के हमले तथा अन्य प्रबंधन संबंधी समस्याओं पर अपने प्रश्न रखे। विशेषज्ञों ने इन चुनौतियों के समाधान हेतु वैज्ञानिक उपाय और रोकथाम के तरीके बताए, जिससे कीटों की जीवितता तथा कोया उत्पादन में सुधार हो सके।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सहायक निदेशक हैंडलूम श्री युगेश्वर बंजारे एवं ग्राम पंचायत सरपंच ने की। उन्होंने इस पहल की सराहना की और किसानों से वैज्ञानिक तकनीकों को अपनाने की अपील किए। ताकि क्षेत्र में सतत् रेशम कीट पालन को बढ़ावा मिल सके।
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10 साल पुराने जख्म पर मरहम बनेगा कृत्रिम पैर, रायपुर में होगा इलाज
जशपुरनगर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल से दुर्याेधन राम की जिंदगी एक बार फिर नई मुस्कान से भर उठेगी। लगभग 10 वर्ष पूर्व हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में दुर्याेधन का दायां पैर काटना पड़ा था। यह घटना उनके लिए किसी बड़े सदमे से कम नहीं थी। मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय ने उनकी पीड़ा को समझते हुए उन्हें रायपुर इलाज के लिए भेजने का निर्णय लिया है, जहां उनके लिए कृत्रिम पैर लगाया जाएगा।
मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले ग्राम बोकी कारीताला निवासी दुर्याेधन के लिए यह दुर्घटना मानो जीवन पर पहाड़ टूटने जैसा थी। परिवार की जिम्मेदारियों के बीच अच्छे अस्पताल में इलाज कराना उनके लिए बेहद कठिन था। उनकी सबसे बड़ी इच्छा यही थी कि उन्हें कृत्रिम पैर मिल सके ताकि उसे अपने कामकाज में आसानी हो। उन्होंने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर अपनी व्यथा साझा की और कृत्रिम पैर लगवाने का निवेदन किया। आवेदन पर संजीदगी से संज्ञान लेते हुए कैंप कार्यालय ने तुरंत पहल की और उन्हें इलाज हेतु रायपुर भेजने का प्रबंध किया। अपनी खुशी व्यक्त करते हुए दुर्याेधन राम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आम जनता की तकलीफों को अपना समझते हैं। कैंप कार्यालय हमेशा ही आम आदमी की मदद के लिए तत्पर रहता है।
कैंप कार्यालय में स्वास्थ्य संबंधी समस्या से जूझते लोगों को मिलती है तत्काल मदद
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निजी निवास बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय आमजन के लिए उम्मीद और सहारा का केंद्र बन चुका है। यहां स्वास्थ्य की समस्या से जूझते बगिया पहुंचने वाले जरूरतमंद लोगों को हर संभव मदद भी सुनिश्चित की जाती है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन ने सुलभ, त्वरित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य मितान हेल्पलाइन की शुरुआत की है। यह हेल्पलाइन सेवा जिले के उन लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रही है, जो लंबे समय से गंभीर बीमारियों या इलाज के अभाव में परेशान थे।सीएम कैंप कार्यालय बगिया में प्राप्त आवेदन अनुसार अब तक इस पहल के अंतर्गत 2856 मरीजों को इलाज के लिए आवश्यक चिकित्सकीय सलाह, दवाइयाँ, अस्पताल में भर्ती की सुविधा, रेफरल सेवा और आवश्यकतानुसार एंबुलेंस की व्यवस्था कराई जा चुकी है।
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जशपुरनगर : छात्र हित को ध्यान में रखते हुए अब जिला ग्रंथालय जशपुर समस्त अवकाश के दिन में भी प्रातः 05:00 बजे से रात्रि 11:00 बजे तक खुला रहेगा। विदित हो कि जिला ग्रंथालय में अध्ययन करने वाले छात्रों के द्वारा समस्त अवकाश के दिन में भी जिला ग्रंथालय खोले जाने का मांग किया गया है। जिसे ध्यान में रखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने कर्मचारियों को समस्त अवकाश के दिन कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया है। निर्देशानुसार नियमित रूप से जिला ग्रंथालय निर्धारित समय तक खुला रखेंगे। समस्त अवकाश के दिन ड्यूटी करने के उपरांत आगामी कार्य दिवस उदाहरणार्थ रविवार को यदि ड्यूटी किया गया है तो सोमवार को अवकाश होगा। शेष दिवस पूर्ववत होगी। अवकाश के दिन में जिला ग्रंथालय नहीं खुलने अथवा निरीक्षण के दौरान यदि कोई कर्मचारी बिना पूर्व सूचना/आवेदन पत्र तथा अवकाश स्वीकृत कराये बगैर अनुपस्थित पाये जाते हैं तो नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी, जिस हेतु स्वयं जिम्मेदार होगें।
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जशपुरनगर : कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने सामान्य पुस्तक परिपत्र में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जशपुर जिले के लिए पूर्व में घोषित स्थानीय में परिवर्तन किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने पूर्व में नवाखाई के अवसर पर 30 अगस्त 2025 दिन शनिवार को घोषित स्थानीय अवकाश को परिवर्तित करते हुए नवाखाई ऋषि पंचमी 28 अगस्त 2025 दिन गुरुवार को स्थानीय अवकाश घोषित किया है।
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जागरूकता बढ़ाने विद्यालयों, छात्रावासों एवं अन्य संस्थाओं में हो रहा है विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन
जशपुरनगर : कलेक्टर श्री रोहित व्यास और जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अजय शर्मा के निर्देशानुसार जिले में 14 अगस्त से 15 सितम्बर 2025 तक बालिका सुरक्षा माह मनाया जा रहा है। "Safeguarding the Girl Child: Towards a Safer and Enabling Environment for Her in India" विषय पर आयोजित बालिका सुरक्षा माह में जिले के समस्त सरकारी एवं निजी विद्यालयों, छात्रावासों , महिला छात्रावासों, बाल देखरेख संस्थाओं, सखी केन्द्र, आंगनबाड़ी केन्द्रों में संबंधित विषय पर जागरूकता बढ़ाने कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
जिनमें निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता, पोस्टर निर्माण, वाद-विवाद कार्यकम, बाल संवाद, चर्चा सत्र, वाद-विवाद, नाट्य प्रस्तुति एवं अन्य रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया जाना शामिल है। बच्चों एवं किशारों में उनके अधिकारों, सुरक्षा, स्वास्थ्य, लैंगिंग समानता, बाल विवाह, उन्मूलन, नशामुक्ति, बाल संरक्षण आदि जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता बढ़ाने हेतु विद्यालय स्तर पर इन गतिविधियों का आयोजन अत्यंत प्रभावी साबित होते हैं। विधायक बच्चों के सामाजिक, मानसिक एवं नैतिक विकास का महत्वपूर्ण केंद्र होते हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य विद्यार्थियों में विषय के प्रति रुचि, समझ और संवेदनशीलता को बढ़ाना है, जिससे वे स्वयं जागरूक बनें एवं अपने परिवार और समुदाय को भी सकारात्मक संदेश दे सकें
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झुमका जलाशय में हाउस बोट संचालन के लिए दो वर्षों के अनुबंध पर प्रस्ताव आमंत्रित, 03 सितंबर अंतिम तिथि
कोरिया : पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक नई पहल करते हुए झुमका वाटर टूरिज्म सोसायटी, बैकुण्ठपुर द्वारा झुमका जलाशय क्षेत्र में एक नग हाउस बोट के संचालन हेतु मुहरबंद प्रथम निविदा आमंत्रित की गई है। यह निविदा दो वर्ष के अनुबंध पर निर्धारित की गई है। इच्छुक निविदाकार 03 सितंबर 2025 तक 1000 रुपये नगद या बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से निविदा प्रपत्र प्राप्त कर सकते हैं। निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 03 सितंबर 2025 दोपहर 2 बजे निर्धारित की गई है। प्राप्त निविदाओं को उसी दिन दोपहर 3 बजे खोला जाएगा। हाउस बोट की संख्या 01 नग है। अमानत राशि 5 लाख रुपये है, मासिक किराया 1.4 लाख रुपये (समिति द्वारा निर्धारित) है। निविदा से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति झुमका वाटर टूरिज्म सोसायटी, बैकुण्ठपुर से संपर्क कर सकते हैं।
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प्रमुख सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए दिशा-निर्देश
उत्तरदायी शासन के तहत अभियान चलेगी-कलेक्टर
कोरिया जिले के 154 ग्राम होंगे लाभान्वित
कोरिया : जनजातीय समाज की बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति और योजनाओं की शत-प्रतिशत पहुंच सुनिश्चित करने प्रदेश सरकार ने आदि कर्मयोगी अभियान शुरू किया है। इसी सिलसिले में छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने बुधवार को मंत्रालय स्थित सभाकक्ष से 28 जिलों के कलेक्टर्स की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक लेकर अभियान की तैयारियों की समीक्षा की।
प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश के 128 विकासखंडों और 6650 आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में इस अभियान का संचालन किया जाएगा। लक्ष्य है कि इन ग्रामों में जो भी क्रिटिकल गैप है, उन्हें जिला स्तर पर आदि कर्मयोगी, ब्लॉक स्तर पर आदि सहयोगी और ग्राम स्तर पर आदि साथी की मदद से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि इस अभियान के लिए प्रदेशभर में 1.33 लाख वॉलंटियर तैयार किए जा रहे हैं, जो जमीनी स्तर पर जनजातीय समाज के बीच जाकर योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 6 अगस्त को राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में अभियान की दिशा तय करते हुए इसे 16 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक सेवा पखवाड़ा के रूप में मनाने के निर्देश दिए हैं।
कोरिया जिले में 154 ग्राम होंगे लाभान्वित
कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार कोरिया जिले के 154 ग्रामों में यह अभियान संचालित किया जाएगा। यहां के जनजातीय परिवारों को आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ सरकार की 25 योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। अभियान को केयर इंडिया और स्वामी विवेकानंद एनजीओ के सहयोग से गति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले में विजन डॉक्यूमेंट 2030 के अनुरूप एक्शन प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत अगले पांच वर्षों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कौशल विकास, सामाजिक सुरक्षा, पर्यावरण, शुद्ध पेयजल, अधोसंरचना, डिजिटल सेवाओं, कृषि और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में चरणबद्ध कार्य किया जाएगा।25 योजनाओं के क्रियान्वयन तथा ग्राम विकास की योजना
कलेक्टर ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत चयनित आदिवासी बहुल ग्रामों को शामिल किया गया है। अभियान के संचालन हेतु ग्राम स्तर पर एनजीओ, स्वयंसेवी, पंचायत प्रतिनिधि, युवा एवं सेवाभावी संगठन तैयार किए जाएंगे। ये कैडर पेंशन, आधार कार्ड, श्रम कार्ड, आयुष्मान कार्ड, आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं से संबंधित करीब 25 योजनाओं के क्रियान्वयन तथा ग्राम विकास की योजना निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।उत्तरदायी शासन के तहत चलेगी अभियान
कलेक्टर ने बताया कि ‘उत्तरदायी शासन‘ यानी ‘जिम्मेदार शासन‘ या ‘जवाबदेह शासन‘ के तहत यह अभियान चलाया जाएगा। ऐसी व्यवस्था, जिसमें सरकार अपने कार्यों के लिए जनता या जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों के प्रति उत्तरदायी (जवाबदेह) होती है। इस प्रकार उत्तरदायी शासन लोकतंत्र की बुनियादी पहचान है, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही सबसे अहम होती है।‘आदि कर्मयोगी सेवा अभियान’ का होगा संचालन
अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य, जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर चरणबद्ध रूप से आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक चयनित ग्राम में ’आदि सेवा केंद्र’ की स्थापना की जाएगी, जो शासकीय सेवाओं की प्रदायगी और जन भागीदारी को प्रोत्साहित करने का केंद्र बनेगा। पूरे अभियान के दौरान ‘आदि सेवा केंद्र’ के माध्यम से ‘सेवा पर्व’ और ‘आदि कर्मयोगी सेवा अभियान’ का संचालन किया जाएगा। इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कलेक्टर ने बताया कि गैर शासकीय कर्मियों को ’आदि सहयोगी’ तथा शासकीय कर्मियों को ’आदि सहायक’ के नाम से जाना जाएगा। अभियान के दौरान शिकायत निवारण शिविर, जनजागरूकता अभियान तथा ’आदिवासी सेवा दिवस’ का आयोजन भी किया जाएगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महासमुंद : अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम 2006 एवं नियमों के प्रभावी एवं सुचारू क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर जिला स्तरीय समन्वयक एवं पिथौरा और बागबाहरा अनुभाग स्तर पर एमआईएस सहायक की नियुक्ति किया जाना है।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती शिल्पा साय ने बताया कि यह पद अशासकीय एवं पूर्णतः अस्थाई होंगे तथा निर्धारित एवं नियत की गई अवधि के अंतर्गत सीमित होंगे यह पद पूर्णतः अस्थानांतरणीय होंगे। इस हेतु अभ्यर्थी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से न्यूनतम द्वितीय श्रेणी में स्नातक उत्तीर्ण हो, कम्प्यूटर का ज्ञान हो, जिसमें एम ऑफिस की जानकारी अनिवार्य है। अभ्यर्थी की आयु 01 जनवरी 2025 की स्थिति में 40 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी हो। क्रियान्वयन से संबंधित कार्य कुशलता एवं प्रदर्शन के आधार पर अनुभव का लाभ दिया जाएगा। इस हेतु राज्य में कार्यरत शासकीय अथवा पंजीकृत अशासकीय संस्था का अनुभव प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है।आवेदन निर्धारित प्रपत्र एवं आवश्यक दस्तावेजों सहित 10 सितंबर 2025 तक सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग में जमा कर सकते हैं। आवेदन पत्रों का परीक्षण उपरांत पात्र आवेदकों को साक्षात्कार के लिए 16 सितंबर 2025 को सूचित किया जाएगा तथा साक्षात्कार अवधि 22 सितंबर से 26 सितंबर 2025 तक निर्धारित किया गया है। साक्षात्कार के आधार पर मेरिट सूची तैयार कर चयन सूची 30 सितंबर 2025 तक जारी किया जाएगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए जिले के वेबसाइट www.mahasamund.gov.in पर अवलोकन कर सकते हैं।
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महासमुंद : केन्द्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम सूर्य घरः मुफ्त बिजली योजना जिले के हितग्राहियों के लिए बड़ी राहत देने वाली योजना साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य आवासीय घरों को सौर ऊर्जा से बिजली उत्पन्न करने के लिए सशक्त बनाना है। योजना के तहत 5 किलोवाट तक के सोलर रूफटॉप सिस्टम पर केंद्र सरकार द्वारा 78 हजार एवं राज्य सरकार द्वारा 30 हजार रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना से जिले के कई हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं और अक्षय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिल रहा है। ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण दोनों की दिशा में प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत 319 घरों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हो चुके हैं और 230 हितग्राहियों को सब्सिडी दी जा चुकी है।
इसी क्रम में जिला मुख्यालय महासमुंद अंतर्गत पुराना रावणभांटा निवासी श्री नाथूराम साहू ने योजना का लाभ लेते हुए अपने घर की छत पर 5 किलोवाट क्षमता का सौर पैनल सिस्टम स्थापित कराया है। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री और बड़ी-बड़ी दुकानों में सोलर पैनल लगा देख कर उन्हें भी सोलर पैनल अपने घर में लगाने की प्रेरणा मिली। उन्होंने 6 माह पूर्व योजना के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद पंजीकृत वेंडर द्वारा सिस्टम लगाया गया। श्री साहू ने बताया कि पहले उनका बिजली बिल काफी अधिक आता था, लेकिन अब बिल या तो शून्य रहता है या कभी-कभी माइनस में भी आता है। उन्होंने बताया कि इस योजना से हमें हर महीने 3 से 4 हजार रुपये तक की बचत हो रही है। यह आम जनता के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। हर परिवार को इसका लाभ जरूर लेना चाहिए, जिससे न केवल बिजली खर्च में कमी आती है बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा होती है।