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 कोरिया : बच्चों के सही विकास के लिये चकमक अभियान एवं सजक कार्यक्रम संचालित
कोरिया 15 मई : प्रदेश में वर्तमान में कोविड-19 से बचाव को दृष्टिगत रखते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों का आना- जाना बंद किया गया है । इस अवधि में बच्चों के सही विकास के लिये अभिभावकों तक प्रारंभिक बाल्यावस्था देखरेख एवं षिक्षा संबंधी हर संभव जानकारी पहुंचाने हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग व्दारा यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से चकमक अभियान एवं सजक कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने आज यहां बताया कि चकमक अभियान के अंतर्गत लाॅकडाउन अवधि में पूरे परिवार के साथ मिलकर हंसी-खुषी से सीखने का अवसर है । इससे बच्चों को रचनात्मक तरीके से खुद को व्यक्त करने का अवसर मिल रहा है । इससे बच्चों को घर में मौज-मस्ती करने और परिवार के सदस्यों के साथ खुषी साझा करने का मौका मिल रहा है । इस अभियान को संचालित करने का उद्देष्य बच्चों, माता- पिता और दादा -दादी तथा देखभाल करने वालों को वर्तमान स्थिति से निपटने में मदद करना है । इस अभियान के दौरान परिवार के सदस्यों व्दारा बच्चों के साथ आनंदपूर्ण गतिविधियां करायी जा रही है । प्रथम सप्ताह में पालकों तक व्हाट्सएप्प के माध्यम से प्रेषित किया गया है । यह अभियान लाॅक डाउन की अवधि तक संचालित रहेगा । इस अभियान के तहत जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व्दारा गतिविधियां किया जा रहा है।

वर्तमान में कोरोना संक्रमण की स्थिति में बच्चे अभिभावकों के साथ में अभी घर पर है । इस स्थिति में सजक कार्यक्रम के माध्यम से अभिभावक घरों में बच्चों के साथ कैसे सार्थक समय बिता सकते है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पोषण और समग्र विकास की प्रक्रिया को घर पर बढ़ावा मिले । महिला एवं बाल विकास विभाग व्दारा यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से सजग आॅडियों कार्यक्रम तैयार किया गया है । इस कार्यक्रम के तहत डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से अभिभावकों तक हर सप्ताह बच्चों के समग्र विकास संबंधित आॅडियों मैसेज भेजे जा रहे है। इन आॅडियों मैसेज में बच्चों के सही परवरिष के सुझाव के साथ बच्चों को अपनी कहानी सुनाने, ढेर सारी बात चीत करने, गीत के साथ प्यार दुलार और खेल संबंधित सुझाव शामिल है । सजग कार्यक्रम के तहत आॅडियो संदेष की पहली कड़ी में 04 संदेष भेजे जा चुके है ।इस कार्यक्रम की मूल अवधारणा ’’सीखे करके देखे सिखाए’’ इस सिद्धान्त पर आधारित है । जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व्दारा अभिभावकों को वीडियों दिखाया जा रहा है ।

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