- कोरिया : कोरिया जिले के खड़गवां विकासखण्ड के ग्राम बडे़ कलुआ के रहने वाले किसान श्री सुखराम को कृषि विभाग के मार्गदर्शन में कृषि की नई तकनीक और उच्च किस्म के बीजों के प्रयोग से कृषि उत्पादन में सफलता मिली है और वे अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सक्षम हुए हैं। कृषि विभाग के सहयोग से मक्का व उड़द की कतार बोनी कर सामान्य विधि से बोई गई फसल की तुलना में किसान सुखराम को अधिक उत्पादन प्राप्त हुआ है।
किसान सुखराम बताते है कि कृषि विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त कर उन्होनें उन्नत किस्म की उड़द व मक्का की खेती की। कृषिगत नीतियों एवं योजनाओं की जानकारी से कम लागत में अधिक उत्पादन कर उनकी आय में वृद्वि हुई है। इससे अब वे अपने परिवार की खुशहाली और जरूरतें पूरी करने में सक्षम हुए है।
सुखराम बताते है कि उनके पास कुल 1.08 हेक्टेयर भूमि है। जिसमें 1 हेक्टेयर रकबा में राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा मिशन दलहन योजना के तहत वर्ष 2020 में अन्र्तवती फसल प्रदर्शन के तहत उड़द माष एवं मक्का सी.पी.333 फसल का प्रदर्शन आयोजित किया। कृषि विभाग के अधिकारियों के सहयोग से कतार बोनी कर, कीट नाशक व अन्य सामग्री प्राप्त की।
इससे पहले सुखराम पुराना तरीका अपनाकर कीटनाशक का छिड़काव व खेती करते थे। जिससे कम उत्पादन व लागत अधिक आती थी और आय भी कम प्राप्त होता था। लेकिन कृषि विभाग के सहयोग से कतार बोनी कर व कीटनाशक व अन्य सामग्री प्राप्त कर उन्नत तकनीकी से कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं एवं आय में वृध्दि भी हो रही है। -
महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत 10 एकड़ में फलदार पौधरोपण एवं अंतरवर्ती खेती से कमाए लाखों रुपए
कोरिया : महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों की देख-रेख में हुए वृक्षारोपण के साथ लेमनग्रास की अंतरवर्ती खेती ने कोरिया जिले के आदिवासी किसानों को आर्थिक सशक्तिकरण की एक नई राह दिखलाई है।
यहाँ की रटगा पंचायत के पाँच किसानों ने अपनी भूमि का एक-एक हिस्सा मिलाकर पहले फलदार पौधों का रोपण किया। इसके बाद रोपित पौधों के बीच लेमनग्रास व शकरकंद की अंतरवर्ती खेती शुरु की। शुरूआत में ही किसानों का यह प्रयास रंग लाया और इन्हें दो लाख रुपये से अधिक की आमदनी हुई।
किसानों के इस आर्थिक सशक्तिकरण की कहानी की शुरुआत हुई थी, कोरिया जिले के बैकुण्ठपुर विकासखण्ड की ग्राम पंचायत-रटगा के आश्रित ग्राम दुधनिया से।यहाँ रहने वाले श्री बसंत सिंह ने अपनी 4 एकड़, श्री अहिबरन सिंह ने 2 एकड़, श्रीमती इरियारो बाई ने 1 एकड़, श्री शिव प्रसाद ने 2 एकड़ और श्री रामनारायण ने अपनी 1 एकड़ भूमि को मिलाकर पहले एक चक तैयार किया और उसके बाद इनके प्रस्ताव पर यहाँ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से वर्ष 2018-19 में पड़त भूमि विकास कार्यक्रम अंतर्गत सामूहिक फलदार पौधरोपण का कार्य स्वीकृत किया गया।
इसके अंतर्गत यहाँ आम, अनार, कटहल, अमरुद और नींबू के पौधों का रोपण किया। रोपित पौधों के रख-रखाव के दौरान किसानों को जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों से फलोद्यान के बीच अंतरवर्ती खेती कर लाभ अर्जित करने का सुझाव मिला।
रटगा गाँव के इन पाँचों किसानों के अनुरोध पर कृषि विज्ञान केन्द्र की टीम ने सामूहिक फलदार पौधरोपण के बीच लेमनग्रास और शकरकंद की अंतरवर्ती खेती का एक प्रस्ताव तैयार किया। किसानों के आत्मबल और महात्मा गांधी नरेगा के सहयोग से साल 2020 के मई माह में इस प्रस्ताव का क्रियान्वयन शुरु हुआ।
कोरोना माहमारी के बीच शुरु हुए इस कार्य ने इन किसानों के साथ-साथ गाँव के अन्य ग्रामीणों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए। लॉकडाउन अवधि में यहाँ 53 मनरेगा श्रमिकों को 3076 मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराते हुए 5 लाख 62 हजार 400 रुपए का मजदूरी भुगतान किया गया।
इन पाँचों किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण की इस महती परियोजना में तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने वाले कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री आर.एस.राजपूत ने बताया कि किसानों की भूमि की गुणवत्ता के अनुसार यहाँ फलदार पौधों का रोपण करवाया गया था और उनके बीच अंतरवर्ती फसल के रूप में लेमनग्रास (कावेरी प्रजाति), शकरकंद (इंदिरा नारंगी, इंदिरा मधुर, इंदिरा नंदनी, श्री भद्रा, श्री रतना प्रजाति) की खेती कराई गई है।
उन्होंने आगे बताया कि लेमनग्रास की प्रथम कटाई अगस्त, 2020 में की गई थी। एक बार लेमनग्रास लगाने के उपरांत इसकी खेती 4 से 5 साल तक की जा सकती है तथा प्रत्येक वर्ष 60 से 70 दिनों के अंतराल पर 4 से 5 बार कटाई की जा सकती है।
जिले में किसानों का उत्पादक समूह बनाकर, उनके माध्यम से तेल निकालने की यूनिट भी लगाई गई है। इस यूनिट से कच्चे माल को इसेन्सियल ऑयल के रुप में प्राप्त किया जा रहा है। परियोजना में इन्हें अब तक लेमनग्रास की 60 टन पत्तियों की बिक्री से 60 हजार रुपए, वहीं इसके 1 लाख 8 हजार नग स्लिप्स को बेचने से 81 हजार रुपये की आय हो चुकी है।
इसके अतिरिक्त शकरकंद की 52,500 नग (शकरकंद वाईन कटिंग) को बेचने से उन्हें 91 हजार 875 रुपए का लाभ हुआ है। आने वाले दिनों में इस समूह को शकरकंद की फसल एवं रोपित फलदार पौधों से लेयरिंग, कटिंग, ग्राफ्टिंग व बीज द्वारा उच्च गुणवत्ता की तैयार नई पौध के विक्रय से भी अतिरिक्त आमदनी होगी। आज की स्थिति में यह परियोजना इनकी नियमित आय का महत्वपूर्ण साधन बन चुकी है। - दावा आपत्ति 21 जनवरी तक आमंत्रित
कोरिया : मुख्य कार्यपालन अधिकारी, राज्य कौशल विकास प्राधिकरण रायपुर के निर्देशानुसार संकल्प योजना के कियान्वयन हेतु लाईवलीहुड कोरिया में काउंसलर्स की नियुक्ति हेतु इच्छुक अर्हताधारी आवेदकों से स्पीड पोस्ट के माध्यम से निर्धारित प्रारूप में प्राप्त आवेदनों की जांच कर पात्र-अपात्रों की सूची जारी कर दी गई है।जारी सूची का अवलोकन जिले की वेबसाईट korea.gov.in पर किया जा सकता है। जारी सूची के संबंध में दावा आपत्ति 21 जनवरी को शाम 5 बजे तक जिला पंचायत स्थित कार्यालय, जिला कौशल विकास प्राधिकरण कोरिया में स्वयं, स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड डाक अथवा ई-मेल ं[email protected] के माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकता है। - कोरिया : आदिवासी विकास विभाग कोरिया के सहायक आयुक्त ने बताया कि जिले में संचालित समस्त शासकीय, अशासकीय, महाविद्यालय, षिक्षा महाविद्यालय, डाईट, आई.टी.आई, पाॅलिटेक्निक एवं नर्सिंग कालेजों के संस्था प्रमुख, छात्रवृत्ति प्रभारी एवं उनमें अध्ययनरत् अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों जो आदिवासी विभाग द्वारा संचालित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की पात्रता रखते हैं, वे शिक्षा सत्र 2020-21 हेतु पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति कक्षा 12वीं से उच्चतर के लिए ऑनलाईन आवेदन वेबसाईट http://mpsc.mp.nic.in/CGPMS में आवेदन कर सकते हैं।
विद्यार्थियों हेतु आवेदन करने एवं संस्थाओं को प्रस्तावों एवं स्वीकृत आदेषों को लाॅक करने हेतु तिथि में वृध्दि की गई है। जिसके अंतर्गत ड्राफ्ट प्रपोजल एवं सेंक्सन आॅर्डर लाॅक करने तथा अषासकीय संस्थाओं की जांच के लिए अंतिम तिथि 20 जनवरी 2021 है।
डिस्बर्स के लिए शासकीय के लिए 25 जनवरी तथा अषासकीय के लिए 28 जनवरी तक तिथि निर्धारित है। निर्धारित तिथि के पश्चात पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन स्वीकृत नहीं किये जाएंगे एवं ड्राफ्ट प्रपोजल लॉक करने और सेंक्शन आर्डर लॉक करने का अवसर भी प्रदान नहीं किया जाएगा। - कोरिया : कोरिया जिले के खड़गवां विकासखण्ड के ग्राम बडे़ कलुआ के रहने वाले किसान श्री सुखराम को कृषि विभाग के मार्गदर्शन में कृषि की नई तकनीक और उच्च किस्म के बीजों के प्रयोग से कृषि उत्पादन में सफलता मिली है और वे अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सक्षम हुए हैं।कृषि विभाग के सहयोग से मक्का व उड़द की कतार बोनी कर सामान्य विधि से बोई गई फसल की तुलना में किसान सुखराम को अधिक उत्पादन प्राप्त हुआ है।
किसान सुखराम बताते है कि कृषि विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त कर उन्होनें उन्नत किस्म की उड़द व मक्का की खेती की। कृषिगत नीतियों एवं योजनाओं की जानकारी से कम लागत में अधिक उत्पादन कर उनकी आय में वृद्वि हुई है। इससे अब वे अपने परिवार की खुशहाली और जरूरतें पूरी करने में सक्षम हुए है।
सुखराम बताते है कि उनके पास कुल 1.08 हेक्टेयर भूमि है। जिसमें 1 हेक्टेयर रकबा में राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा मिशन दलहन योजना के तहत वर्ष 2020 में अन्र्तवती फसल प्रदर्शन के तहत उड़द माष एवं मक्का सी.पी.333 फसल का प्रदर्शन आयोजित किया।
कृषि विभाग के अधिकारियों के सहयोग से कतार बोनी कर, कीट नाशक व अन्य सामग्री प्राप्त की। इससे पहले सुखराम पुराना तरीका अपनाकर कीटनाशक का छिड़काव व खेती करते थे।जिससे कम उत्पादन व लागत अधिक आती थी और आय भी कम प्राप्त होता था। लेकिन कृषि विभाग के सहयोग से कतार बोनी कर व कीटनाशक व अन्य सामग्री प्राप्त कर उन्नत तकनीकी से कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं एवं आय में वृध्दि भी हो रही है। - संसदीय सचिव व विधायक श्रीमती अम्बिका सिंहदेव व स्वास्थ्य अमला ने किया स्वागत
कोरिया : जिले में कोविड-19 के टीकाकरण करने के लिए जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में वैक्सीन पहुंच गई है। पहली खेप में कोरिया जिले को 4610 डोज प्राप्त हुए हैं।ढोल, नगाड़े के साथ वैक्सीन वाहन का स्वागत किया गया। इस दौरान संसदीय सचिव छत्तीसगढ़ व विधायक श्रीमती अम्बिका सिंहदेव सहित स्वास्थ्य अमला उपस्थित रहे।
इस माह की 16 जनवरी से जिले में टीकाकरण अभियान का शुभारंभ होगा। वैक्सीनेशन का कार्य जिले में 3 स्थानों से शुरू किया जाएगा। जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटना, मनेन्द्रगढ़ एवं शहरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डोमनहील शामिल है।
कलेक्टर कोरिया के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों को दवा के रखरखाव व टीकाकरण करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।कलेक्टर कोरिया सत्यनारायण राठौर ने ”सभी विभागों के बीच आपसी तालमेल बनाकर प्रथम चरण के दौरान टीकाकरण के कार्य को संपन्न कराने के निर्देश दिए है।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी उपायों का पालन करना आवश्यक है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. रामेश्वर शर्मा ने बताया कि टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए आवष्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रथम चरण में चिकित्सकों से लेकर, आंगनबाड़ी कर्मचारियों, मितानिनो, स्वास्थ कार्यकर्ताओ, आईसीडीएस कर्मचारियो, नर्सिग स्टाफ का टीकाकरण किया जाएगा। जिले में पहले चरण के दौरान कुल 5,782 कोरोना योद्धाओ को टीका लगाया जाना है। धीरे धीरे पूरे जिले में टीकाकरण अभियान का विस्तार किया जायेगा।
जिले में कोविड टीकाकरण के लिए कुल 24 कोल्ड चेन स्टोर बनाये गये है जिसमें से जिला स्तर पर 01 वैक्सीन संग्रहण केन्द्र ,18 कोल्ड चेन पाइंट ,सहित 05 नये कोल्ड चेन पाइंट बनाये गये है। टीकाकरण होने पर स्वास्थ्य कर्मियों का डाटा हार्ड कॉपी के साथ ही तुरंत कोविन पोर्टल पर डाटा अपलोड किया जाए, जिससे टीकाकरण में किसी भी प्रकार की देरी न हो। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दिए गए दिशा निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रथम चरण की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। - कोरिया : आदिवासी विकास कोरिया के सहायक आयुक्त ने बताया कि वर्ष 2020-21 में एकलव्य संयुक्त आदर्श आवासीय विद्यालय जमथान, वि0ख0 भरतपुर में कक्षा 6वीं में बालक-बालिका वर्ग के अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों को प्रवेश दिये जाने हेतु चयनित विद्यार्थियों के प्रवेश नहीं लिये जाने से रिक्त सीट की प्रतीक्षा सूची, वरियताक्रम के नीचे के विद्यार्थियों का चयन किया गया है।
चयनित सूची का अवलोकन जिला कार्यालय (सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कोरिया) के कार्यालयीन सूचना पटल से किया जा सकता है। चयनित विद्यार्थी सिविल सर्जन, जिला मेडिकल बोर्ड का प्रमाण पत्र के साथ दिनांक 22.01.2021 तक चयनित संस्था में प्रवेश लेना सुनिश्चित करेंगे। चयनित विद्यार्थियों द्वारा निर्धारित तिथि तक प्रवेश नहीं लेने की स्थिति में वरियताक्रम के नीचे के विद्यार्थियों का चयन किया जावेगा। - कोरिया : कलेक्टर श्री एसएन राठौर के द्वारा जिले के दूरस्थ क्षेत्र में अवस्थित विदेषी मदिरा दुकान केल्हारी एवं जनकपुर के बंद होने के समय में परिवर्तन किया गया है।जिसके अनुसार ये दुकानें प्रातः 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक संचालित होंगी। इसके अतिरिक्त जिले की षेश समस्त देषी व विदेषी मदिरा दुकानें प्रातः 9 बजे से रात्रि 10 बजे तक संचालित होंगी।
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योजनांतर्गत अब तक जिले में के्रडा द्वारा 3049 सिंचाई सौर पंपों की स्थापना
कोरिया : कोरिया जिले के विकासखण्ड सोनहत के ग्राम चन्दहा के किसान श्री रघुवीर अपने खेतों में फसल के साथ साथ सब्जी उत्पादन करना चाहते थे।खेत में जल का स्त्रोत भी था लेकिन बिजली व्यवस्था न होने के कारण सिंचाई के समुचित साधन का उपयोग कर पाने में रघुवीर असमर्थ थे। यही कहानी विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ के ग्राम घुटरा के श्री रामकेष्वर की भी है।
अपनी इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने क्रेडा विभाग से संपर्क किया। जहां उन्हें विभागीय अधिकारियों ने सौर सुजला योजना की जानकारी दी।क्रेडा विभाग के अधिकारियों ने दोनों किसानों की मदद करते हुए उन्हें सौर सुजला योजना का लाभ लेने हेतु आवेदन करने की सलाह दी। रघुवीर और रामकेष्वर दोनों ने तुरंत ही सौर सुजला योजना के लिए आवेदन किया और आवेदन स्वीकृत भी हुआ।
किसान रघुवीर बताते हैं कि इससे पूर्व वे वर्शा जल पर सिंचाई के लिए आश्रित थे। पर अब सोलर पंप के माध्यम से आसानी से सिंचाई कर पा रहे हैं और बेहतर फसल एवं सब्जी उत्पादन भी मिल रहा है।इसी तरह किसान रामकेष्वर राज्य सरकार को किसान हितैशी सौर सुजला योजना हेतु धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट करते हैं और बताते हैं कि सौर सुजला योजना से खेती-किसानी को काफी प्रोत्साहन मिल रहा है।
उन्होनें अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सौर सुजला योजना के तहत सोलर सिंचाई पंप लगने से समय पर खेती-किसानी हो पा रही है। सोलर पंप से सफल सिचाई हेतु सुविधा मिलने से हमें खेती करने में बहुत सुविधा हो रही है।
उल्लेखनीय है कि अब तक जिले में सौर सुजला योजना के अंतर्गत 3049 सिंचाई सौर पंपों की स्थापना की गई है। सौर सुजला योजना के तहत किसानों को कृषि प्रयोजन व सिंचाई कार्यो के लिए राज्य शासन द्वारा अनुदान एवं रियायती दरों पर सोलर पम्प उपलब्ध कराए जा रहे है।
योजना के तहत ऐसे किसानों को जिनके पास जल स्त्रोत पहले से उपलब्ध था, किन्तु बिजली कनेक्शन न होने की वजह से महंगे ईधन का उपयोग कर सिंचाई करनी पड़ती थी। सिंचाई के लिए सिर्फ वर्षा के जल पर आश्रित थे, उन्हे सौर सुजला योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। - कोरिया : उप संचालक कृषि से प्राप्त जानकारी अनुसार राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत खरीफ वर्श 2020 में फसल उपार्जन करने वाले कृषकों का योजनान्तर्गत पंजीयन कराने हेतु 31 जनवरी 2021 तक समय-सीमा निर्धारित की गई है। खरीफ वर्ष 2020-21 में धान एवं मक्का फसल का समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा कृषकों का पंजीयन किया जा रहा है।खाद्य विभाग द्वारा पंजीकृत किसानों के डेटा को राजीव गांधी किसान न्याय योजना हेतु मान्य किया जाएगा तथा उपार्जित मात्रा के आधार पर अनुपातिक रकबा ज्ञात कर आदान सहायता राशि की गणना की जावेगी।
योजनान्तर्गत अन्य फसल जैसे कि सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कुटकी एवं रागी उपार्जन करने वाले किसानो को शासन से कृषि आदान सहायता राशि प्राप्ति हेतु राजीव गाँधी किसान न्याय योजना पोर्टल में प्राथमिक सहकारी समिति द्वारा पंजीयन कराया जाना अनिवार्य होगा।
पंजीयन से पूर्व कृषक के आवेदन पत्र का सत्यापन कृषि विभाग के क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा कराया जाना अनिवार्य होगा जो कि भुईयां पोर्टल में प्रदर्शित संबंधित मौसम के गिरदावरी के आकड़ों के आधार पर किया जाएगा।सत्यापन उपरांत कृषक को संबंधित प्राथमिक सहकारी समिति में अपना आवेदन पत्र को जमा करा कर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। अपंजीकृत कृषकों को योजनान्तर्गत आदान सहायता अनुदान की पात्रता नहीं होगी।
इस हेतु कृषक को पूर्ण रूप से भरे हुए प्रपत्र-1 के साथ आवश्यक अभिलेख जैसे कि ऋण पुस्तिका, आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति सम्बंधित प्राथमिक सहकारी समिति में जमा कर निर्धारित समय-सीमा 31 जनवरी 2021 तक पंजीयन कराना होगा। योजनान्तर्गत शामिल फसलों के अतिरिक्त अन्य फसलों पर आदान सहायता राशि देय नहीं होगी।
शासन स्तर से योजनान्तर्गत कृषि आदान सहायता राशि सीधे कृषकों के खाते में अंतरित की जाएगी। अधिक जानकारी के लिए कृषक अपने क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अथवा निकटतम कृषि विभाग कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। - कोरिया : कलेक्टर श्री एसएन राठौर ने खरीफ विपणन वर्श 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए जिले के 33 धान उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की मानीटरिंग हेतु अधिकारियों को जिला स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
जिसके अनुसार धान उपार्जन केंद्र पटना के लिए जिला श्रम अधिकारी श्रीमती पायल षर्मा, सरभोका के लिए आयुक्त आदिवासी विकास डाॅ. ललित षुक्ला, गिरजापुर के लिए कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा बैकुण्ठपुर श्री के. एस. यादव, छिन्दडांड के लिए जिला कोशालय अधिकारी श्री विनोद उपगडे, तरगवां के लिए उपसंचालक पशुपालन डाॅ. एस. के. मिश्रा, झरनापारा के लिए सहायक संचालक मछली पालन श्री एस. पी. चैरसिया, जामपारा के लिए जिला सांख्यिकी अधिकारी श्री ऐलेक्जेंडर केरकेट्टा, सलबा के लिए अनुविभागीय अधिकारी वन विभाग जेनी प्रेस कुजूर, धौराटिकरा के लिए कार्यपालन अभियंता जल संसाधन श्री एस. के. दुबे, सोनहत के लिए डिप्टी कलेक्टर श्री ज्ञानेन्द्र ंिसंह ठाकुर, रामगढ़ के लिए डिप्टी कलेक्टर श्री अरूण कुमार सोनकर, रजौली के लिए जिला खनिज अधिकारी श्रीमती त्रिवेणी देवांगन, केल्हारी के लिए अनुविभागीय अधिकारी वन विभाग श्री के. एस. खूंटिया, चैनपुर के लिए जिला खेल अधिकारी श्री राजेन्द्र सिंह, बंजी के लिए जिला प्रभारी क्रेडा श्री रामायण उपाध्याय एवं बरबसपुर के लिए महाप्रबंधक उद्योग श्री एम. बड़ा जिला स्तरीय नोडल अधिकारी होंगे।
इसी तरह धान उपार्जन केंद्र नागपुर के लिए कार्यपालन अभियंता छ.ग.गृ.नि.म., घुटरा के लिए कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग श्री एस. बी. सिंह, डोडकी के लिए उप संचालक समाज कल्याण श्री ष्याम सुन्दर रैदास, खड़गवां के लिए आयुक्त नगर निगम चिरमिरी श्रीमती सुमन राज, जिल्दा के लिए सहायक संचालक उद्यानिकी श्री सतीश सिंह, चिरमी (बंजारीडांड) के लिए जिला विपणन अधिकारी श्रीमती प्रीति सोनवानी, कोडा के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री मनोज खलखो, पोंडी के लिए जिला प्रबंधक नान श्रीमती ललिता बावरा, बड़ेकलुआ के लिए कार्यपालन अधिकारी अन्त्यावसायी श्री कमलेष देवांगन, कौड़ीमार के लिए उपसंचालक कृशि श्री पी.एस.दीवान, बैमा के लिए सहायक पंजीयक श्री द्वारिकानाथ, जनकपुर के लिए कार्यपालन अभियंता पी.डब्लू.डी. श्री आर.के.मेश्राम, कोटाडोल के लिए अनुविभागीय अधिकारी वन विभाग श्री के.एस.कंवर, कुंवारपुर के लिए जिला मिषन समन्वयक श्री अजय मिश्रा, गढ़वार (कंजिया) के लिए जिला परिवहन अधिकारी श्री अरविन्द भगत, माड़ीसरई के लिए अनुविभागीय अधिकारी ई.एण्ड एम. श्री देवेन्द्र चैधरी एवं सिंगरौली के लिए जिला आबकारी अधिकारी श्री प्रकाष पाल जिला स्तरीय नोडल अधिकारी होंगे। - कोरिया : कोरिया जिले के विकासखण्ड सोनहत के ग्राम घुघरा के निवासी श्री शिवप्रसाद राजवाड़े को पशुधन विकास विभाग के द्वारा बैकयार्ड कुक्कुट पालन योजना के तहत मुर्गी पालन के कार्य से जोड़कर इस विभागीय योजनान्तर्गत 45 रंगीन मुर्गी चुजे एवं कुक्कुट आहार प्रदान किया गया। जिससे शिवप्रसाद को कृषि ले अतिरिक्त आजीविका का सशक्त साधन मिला है।
पशुधन विकास विभाग के द्वारा बैकयार्ड कुक्कुट पालन की इस योजना से जुड़कर शिवप्रसाद को बेहद लाभ मिल रहा है। वे बताते हैं कि उन्हे योजना के तहत जो चूजे मिले, वे 3 माह पश्चात विकसित होकर 1 किलोग्राम वजन के हो गए। साथ ही मुर्गियों से 10 से 12 अंडे प्रति दिन प्राप्त होने भी शुरू हो गया।
उन्होंने विक्रय की योजना के तहत प्रत्येक माह 10 रूपये प्रति अंडा बेचकर 2 हजार 600 रुपये तथा 15 मुर्गा बेचकर 7 हजार 500 तक कि कमाई हासिल की। इस प्रकार प्रतिमाह 10 हजार रूपये तक की आमदनी हो जाती है।
पशुधन विभाग द्वारा विकाससखण्ड स्तर पर मदद करते हुए श्री शिवप्रसाद राजवाड़े वर्ष 2019-20 में चूजे प्रदान किये गए। इसके साथ उन्हें चूजों के रखरखाव हेतु उचित मार्गदर्शन भी विभागीय अधिकारियों द्वारा दिया गया। समय-समय पर टीकाकरण एवं औषधि भी प्रदान किया गया।
विभाग द्वारा दी गई जानकारी का अनुसरण कर हितग्राही ने मुर्गी पालन किया। और अपनी व परिवार की आर्तगीक उन्नति की राह को मजबूत बनाया। शिवप्रसाद राज्य शासन व जिला प्रशासन को इस योजना एवं मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देते है। - कोरिया : प्राकृतिक आपदा में मृतकों के वारिसों के लिए 72 लाख रूपये की राशि की मंजूरी दी गई है। जिसमें विकासखंड मनेन्द्रगढ़ के ग्राम बंजी के जयपाल की गाज गिरने से मृत्यु होने पर उनके वारिस कलावती, ग्राम चरवाही के दलप्रताप की कुआं में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस ललिता, ग्राम चनवारीडांड की अनीता की सर्पदंश से मृत्यु होने पर उनके वारिस राजबहादुर, ग्राम नौगई की लीलावती की हसदेव नदी में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस विजय सिंह, ग्राम घुटरा के टेकचंद की सर्पदंश से मृत्यु होने पर उनके वारिस कुसुम, ग्राम मनेन्द्रगढ के संदीप सोनी की कुआं में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस राजेष सोनी, ग्राम गोदरीपारा के चिन्टू की अमृतधारा के पानी में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस माया सरकार, ग्राम खोंगापानी के राजेन्द्र कोल की तालाब में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस रानी कोल एवं ग्राम डोमनापारा के मान सिंह की कुआं में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस षोभनाथ के लिए 4-4 लाख रूपये की राशि शामिल है।
इसी तरह विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के ग्राम सरईगहना के महाबीर की नाला में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस बीरसाय, ग्राम खांड़ा की सुनीता की सर्पदंश से मृत्यु होने पर उनके वारिस ईष्वर प्रसाद, ग्राम कोचिला के दीपेष की कुआं में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस मोतीलाल, ग्राम झरनापारा के उमेष कुमार की पानी में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस सुनिता, ग्राम उमझर के पल्टू की तालाब में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस सुधरी, ग्राम सावांरांवा की अंजु की तालाब में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस रामप्रसाद तथा विकासखंड खड़गवां के ग्राम बेलबहरा की प्रमिला साहू की आकाषीय बिजली गिरने से मृत्यु होने पर उनके वारिस राजकुमार एवं ग्राम मेन्ड्रा के षिवम की तालाब में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस देवनारायण के लिए 4-4 लाख रूपये की राशि मंजूरी दी गई है।
इसी प्रकार विकासखंड मनेन्द्रगढ़ के ग्राम सेंधा के श्रवण कुमार की कुआं में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस राजेश एवं रेखा के लिए भी 4 लाख रूपये की राशि मंजूरी दी गई है। इस राशि की मंजूरी राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत प्राकृतिक आपदा राहत के अंतर्गत दी गई है। -
कोरिया : महिला बाल विकास विभाग के जिला बाल संरक्षण अधिकारी से प्राप्त जानकारी अनुसार श्रम बाल प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत श्रम विभाग एवं जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम के द्वारा जिले के बैकुण्ठपुर शहर, पटना, पण्डोपारा, चरचा, खरवत, बरबसपुर तथा नागपुर, बेलबहरा, उदलकछार, मनेन्द्रगढ़ शहर के होटल, ढाबे, गैरेज, क्रेशर, दुकानो एवं प्रतिष्ठानो आदि जगहों पर छापेमार की कार्यवाही की गई।
छापामार कार्यवाही के दौरान बाल श्रमिक के संबंध में जानकारी प्राप्त की एवं सभी फर्म संचालक के मालिकों से आग्रह किया गया कि कोई भी श्रमिक 14 वर्ष से कम संस्था, फर्म में कार्य नहीं करना चाहिये।अगर कोई बच्चा आपकी संस्था में काम हेतु आता है तो तुरंत विभाग के जिम्मेदार अधिकारी को सूचित करें, जिससे उन बच्चों को शिक्षित व्यावसायिक कार्यो व प्रशिक्षण में जोड़ा जा सके।
विभिन्न फर्म संचालकों को बाल श्रम निषेध दिवस की जानकारी देते हुये बाल श्रम निषेध अधिनियम के उल्लंघन की स्थिति में चाईल्ड लाईन हेल्फ लाईन 1098 एवं संबंधित विभाग को सूचित करने की समझाईश दी गई। इस कार्यवाही में किसी भी संस्था, प्रतिष्ठान पर बाल श्रमिक के रूप में कार्य करते कोई भी श्रमिक नही पाया गया।
बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों की दुर्दशा गंभीर चिंता का विषय है। ऐसे बच्चे अपनी उत्तरजीविका, भोजन, पानी, वस्त्र, आश्रम एवं संरक्षण हेतु प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के संघर्षों एवं चुनौतियों का सामना करते है। इन बच्चों के आर्थिक, लैंगिक एवं अन्य प्रकार के शोषण के शिकार होने का गंभीर खतरा होता है।
किशोर न्याय(बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 2(14) (पप) के अनुसार ऐसे बालक जिसके बारे में पाया जाता है कि उसने तत्समय प्रवृत्त श्रम विधियों का उल्लघन किया है या पथ पर भीख मांगते या वहां रहते पाया जाता है को देखरेख एवं संरक्षण का जरूरतमंद बालक माना गया है तथा बालक कल्याण समिति के माध्यम से उसके पुनर्वास एवं समाज में एकीकरण का प्रावधान किया गया है।
बाल श्रम(प्रतिषेध विनियमन) संशोधन अधिनियम 2016 की धारा (2) के अनुसार किसी भी बच्चे से कार्य कराने पर पाबंदी है। कूडा बीनने एवं सफाई के कार्य को अधिनियम के तहत खतरनाक व्यवसाय की श्रेणी में रखा गया है।
उपरोक्त तारतम्य में यह आवश्यक है कि बाल श्रमिक, कूडा-कचरा बीनने के व्यवसाय तथा भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों की पहचान कर उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाए तथा उनको शिक्षा एवं अन्य सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। साथ ही उनके परिवार को भी शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाते हुए उनके प्रशिक्षण एवं रोजगार की व्यवस्था की जाए। - कोरिया : कलेक्टर श्री एस0एन0 राठौर की अध्यक्षता में आज जिला कलेक्ट्रोरेट के सभा कक्ष में झ्ाुमका वाटर टूरिज्म सोसायटी के प्रबंध कारिणी सभा की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कलेक्टर श्री राठौर ने बताया कि झ्ाुमका वाटर टूरिज्म हमारे जिले का एक आकर्षक पर्यटक के रूप में विकसित हो रहा है।
जिसका लोकार्पण विगत दिनों माननीय मुख्यमंत्री के कर कमलों द्वारा किया। हम सभी अधिकारियों का दायित्व है कि यह पर्यटकों के लिए आकर्षक पर्यटक स्थल बने ऐसा हम सब का प्रयास होना चाहिए।उल्लेखनीय है कि झ्ाुमका वाटर टूरिज्म सोसायटी बैकुण्ठपुर विकसित करने के लिए सभी व्यवस्थाओं को ध्यान मे रखते हुए झ्ाुमका वाटर टूरिज्म में सीटिंग चेयर क्रय, सफाई हेतु 2 स्वीपर, पार्किग के तरफ फेंसिग, सभी महत्वपूर्ण एवं कैफेटेरिया एरिया में डस्टबीन, पर्यटकों के लिए पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
शादी, बर्थडे आदि समारोह के लिए बुकिंग पर पर्यटन समिति के अनुशंसा, प्रवेश द्वारा पर साईन बोर्ड, साउंड सिस्टम, 20 नग एलईडी लाईट, सुरक्षा व्यवस्था हेतु 02 सुरक्षा गार्ड, ओपन जिम साथ ही योगा शुभारंभ करना, झ्ाुमका में शिकायत एवं सुझ्ााव हेतु बाक्स, ड्रोन से फोटोग्राफी, फिश एक्योरियम, कैफेटेरिया एवं स्ट्रीट लाईट विघुत मीटर तथा सीसी टी.व्ही कैमरा लगवाने हेतु चर्चा की गई। बैठक में बैकुण्ठपुर के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, डिप्टी कलेक्टर एवं झ्ाुमका वाटर टूरिज्म सोसायटी के सचिव एवं सदस्यगण उपस्थित थे। - कोरिया : कलेक्टर श्री एस0एन0राठौर की अध्यक्षता में आज यहां जिला कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में समय सीमा की बैठक संपन्न हुई। बैठक में कलेक्टर ने विभिन्न विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा कोरिया जिला प्रवास पर की गई घोषणाओं की प्रगति की जानकारी ली।
उन्होंने एडवेंचर पार्क चिरमिरी की प्रगति की जानकारी लेते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व खड़गवां एवं नगर निगम आयुक्त चिरमिरी को डीपीआर, नक्शा, खसरा अन्य महत्वूपर्ण जानकारी एकत्रित कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। इसी तरह मनेन्द्रगढ़ में मेडिकल काॅलेज तथा नागपुर में शासकीय महाविद्यालय की जानकारी प्रस्तुत करने को कहा।
बैठक में कलेक्टर ने जिले में किसी भी प्रकार के नये भवन या मकान का निर्माण होता है उसमे वाटर हारवेस्टिंग बनवाने एवं उसका पालन अनिवार्यः करने के लिए कहा।जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु डबरी, तालाब, बांध, नाला इत्यादि जल संरक्षण के लिए जितने भी विभाग कार्यरत है। सभी को वाटर रिचार्ज करने हेतु निर्देश दिये है।
बैठक में कलेक्टर ने धान खरीदी की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रत्येक खरीदी केंद्र में व्यवस्थाएं दुरूस्त रखें जिससे किसानों को सुविधा हो। श्री राठौर ने निर्देशित करते हुए सभी धान खरीदी केन्द्रो के नोडल अधिकारियों को अपने-अपने समितियों में प्रतिदिन जाकर अनियमितताओं की निगरानी कर जल्द से जल्द निराकरण करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने जिले में अब तक हुए धान खरीदी तथा अवैध धान परिवहन को रोकने के संबंध में जानकारी ली।
गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की जानकारी लेते हुए कलेक्टर ने गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन एवं गौठानों में आजीविका संवर्धन गतिविधियों पर चर्चा की।कृषि विज्ञान केन्द्र, एग्रीकल्चर, नरेगा एवं बाड़ी विकास के तहत जहां भी खेती, सब्जी का उत्पादन होता है उन स्थान पर गोधन न्याय योजना से उत्पादित वर्मीकम्पोस्ट का अधिक से अधिक उपयोग किये जाने हेतु निर्देशित किये।श्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर शतप्रतिशत श्रम पंजीयन करना भी सुनिश्तिच करें। जिससे पात्र हितग्रहियों को योजनाओं का लाभ मिल सकें।
बैठक में उन्होंने पीएम पोर्टल में लंबित शिकायतों का यथाशीघ्र निराकरण कराने तथा सीएम दर्पण पोर्टल में विभागीय कार्यों की प्रगति दर्ज कराने की भी जानकारी ली। इस दौरान कलेक्टर ने विभागीय योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों से फीडबैक लेने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया।
बैठक में कलेक्टर श्री राठौर ने सुपोषण अभियान के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को कुपोषण से मुक्त करना राज्य शासन की प्राथमिकता में शामिल है। इस योजना का जिले मे अच्छे से क्रियान्वयन हो, इसका अधिकारी ध्यान रखें और इसका प्रचार-प्रसार भी करें।
इसी क्रम में उन्होंने हाट बाजार क्लिनिक योजना, वन अधिकार पट्टा, फसल बोनी, पीएम किसान सम्मान निधि आदि के संबंध में जानकारी लेकर संबंधितों को आवश्यक निर्देश दिये। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर एवं सभी विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे। - कोरिया : कलेक्टर श्री सत्यनारायण राठौर ने प्रदत्त षक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण कोरिया जिले के लिए कैलेण्डर वर्श 2021 के लिए स्थानीय अवकाषों की घोशणा की है। उन्होंने छेरछेरा 28 जनवरी, करमा (ढोल ग्यारस) 17 सितंबर एवं दीपावली का दूसरा दिन (गोवर्धन पूजा) 5 नवंबर को जिले में स्थानीय अवकाष की घोशणा की है। यह अवकाष कोशालय/उप कोशालय और बैंको के लिए लागू नहीं होगा।
- कोरिया : जवाहर नवोदय विद्यालय केनापारा बैकुण्ठपुर में कक्षा 9 वीं प्रवेश हेतु लेट्रल इंट्री परीक्षा 24 फरवरी को प्रातः 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक होगी। इस हेतु जिले में दो परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं। जिसमें जवाहर नवोदय विद्यालय केनापारा बैकुण्ठपुर एवं षासकीय आदर्ष रामानुज हायर सेकेण्डरी स्कूल बैकुण्ठपुर षामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि जवाहर नवोदय विद्यालय भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत एक आवासीय विद्यालय है। जिसमें कक्षा 6 वीं से 12 वीं तक की आवासीय शिक्षा दी जाती है। - कोरिया : विकासखण्ड सोनहत के अंतर्गत रामगढ़ कोरिया जिले का एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, जहाँ वर्ष 2013-14 में क्षेत्र के गरीब कृषकों, पशुपालकों के पशु, पक्षियों हेतु पशु चिकित्सा सुविधाओं की निरन्तर उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा पशु औषधालय रामगढ़ को उन्नयित कर पशु चिकित्सालय की स्थापना की गई। परन्तु पशु चिकित्सालय की स्थापना होने के बावजूद भी विगत 07 वर्षो से यहां पशु चिकित्सक की पदस्थापना न होने से क्षेत्र के गरीब कृषकों, पशुपालकों के पशु, पक्षियों के उपचार, कृत्रिम गर्भाधान, योजनाओं के क्रियान्वयन एवं अन्य विभागीय कार्यों के सम्पादन में बहुत ही कठिनाई आ रही थी।
इसके संबंध में वर्ष 2020-21 में शासन से प्राप्त निर्देशानुसार उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, जिला-कोरिया द्वारा जिला प्रशासन को प्रस्तुत प्रस्ताव पर डी0एम0एफ0 मद अन्तर्गत विभाग की विभिन्न रिक्त संस्थाओं हेतु “पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ के 04 पद तथा “सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी” के 06 पदों पर संविदा भर्ती किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई।
डी0एम0एफ0 मद अन्तर्गत उपरोक्तानुसार पदों पर भर्ती की स्वीकृति प्राप्त होने उपरान्त विभाग द्वारा प्रस्तावित संस्थाओं में वरियता (मेरिट) के आधार पर 04 पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञएवं 06 सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों की भर्ती कर पदस्थापना की गई। उक्त भर्ती के तहत ही पशु चिकित्सालय रामगढ़ में डॉ0 (सुश्री) कविता सिंह की प0चि0स0 शल्यज्ञ (संविदा) के पद पर पदस्थापना की हुई तथा उनके द्वारा पशु चिकित्सालय रामगढ़ का प्रभार ग्रहण कर लिया गया।
डॉ0 (सुश्री) कविता सिंह की प0चि0स0शल्यज्ञ (सँविदा) के पद पर पशु चिकित्सालय रामगढ़ में पदस्थ होने के उपरान्त क्षेत्र के कृषकों, पशुपालकों में हर्ष व्याप्त है और उन्हें इस बात की खुशी है, कि अब उन्हें अपने पशु, पक्षियों के उपचार, कृत्रिम गर्भाघान एवं बधियाकरण में कोई परेशानी नहीं होगी। साथ ही उन्हें पशुपालन हेतु समुचित सलाह भी मिल पाएगी ।
पशु चिकित्सालय रामगढ़ में प0चि0स0शल्यज्ञ के पदस्थ होते ही स्थानीय ग्रामीण कृषकों, पशुपालकों ने जिला प्रशासन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए अपनी खुशी जाहिर की है। ग्रामीणों ने कहा कि अब उन्हें पशुओं के रख-रखाव के सही तरीके, योजनाओं की जानकारी एवं पशुपालन के संबंध में किसी भी तरह की सलाह लेने में सुविधा होगी। - कोरिया : कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए आज कोरिया जिले में वैक्सीन टीकाकरण की मॉकड्रिल तीन जगहों पर की गई। इसमें सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र पटना में कलेक्टर कोरिया सत्यनारायण राठौर, और सीएमएचओ डां रामेश्वर शर्मा उपस्थित रहे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मनेन्दगढ में एसडीएम नयनतारा तोमर और शहरी प्राथमिक स्वास्थ केंन्द, डोमनहील (चिरमिरी) में डीपीएम रंजना पैकरा की उपस्थिति में यह प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान टीका लगाने से लेकर वैक्सीन को लाने और सुरक्षित ले जाने का ट्रायल भी किया गया।
कलेक्टर श्री राठौर ने मॉकड्रिल के बारे में बताते हुए कहा कि ”कोरोना वैक्सीन का मॉकड्रिल सफल रहा। प्रशासन कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण को लेकर पूरी तरह मुस्तैद है। अभी हमें सतर्क रहना होगा साथ ही मास्क और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना होगा।“
कोविड वैक्सीनेशन हेतु एसएचसी सेन्टर पटना में किये गये माॅकड्रिल का कलेक्टर श्री एस.एन.राठौर ने निरीक्षण कर टीकाकरण के संबंध में जानकारी प्राप्त किया एवं चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
सीएमएचओ डॉ रामेश्वर शर्मा ने बताया कि कोरोना टीकाकरण की मॉकड्रिल जिले में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। मॉकड्रिल के तहत टीका लगने के बाद प्रतीकात्मक लाभार्थी को लगभग आधा घंटा तक सेंटर में ही रुकवाया गया। इस बीच प्रत्येक सेंटर में 5-5 लोगों की रेस्क्यू टीम भी तैनात की गई जिससे टीकाकरण के बाद प्रतीकात्मक लाभार्थी को अगर कुछ असहज लगने लगे या साइड इफैक्ट की शिकायत आई तो क्या करना है, इसका भी ट्रायल किया गया। टीकाकरण पूरा होने के बाद वैक्सीन किट को कोल्ड चेन तक सुरक्षित पहुंचाने की भी मॉकड्रिल हुई। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा के लिहाज से पुलिस जवान भी तैनात किए गए। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले के फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स की सूची बना ली गई है।
इस संबंध में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ एस.एस.सिंह ने बताया “वैक्सीन के पहुंच जाने पर चिह्नांकित किए गए लाभार्थियों का आईडी चेक किया गया जिसके सत्यापन के बाद उसे टीकाकरण के लिए चेंबर में भेजा गया। कोरोना टीकाकरण की मॉकड्रिल सफल रही। मॉकड्रिल के पहले प्रतीकात्मक लाभार्थी को कॉल किया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वैक्सीन को कोल्ड चेन से सेंटर तक पहुंचाने का भी ड्रिल किया।“
डीपीएम रंजना पैकरा ने बताया, “जिले में 24 कोल्ड चेन प्वाइंट और कुल 50 सेशन साइट निर्धारित है। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण तथा इससे बचाव के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में प्रत्येक सेंटर में 25-25 प्रतीकात्मक लाभार्थी को बुलाया गया। मॉकड्रिल के क्रम में सबसे पहले संबंधित क्षेत्र के लाभार्थियों को टीकाकरण की सूचना देने के लिए उनके मोबाइल पर मैसेज भेजा गया। कॉल के माध्यम से उन्हें संबंधित सेंटर की जानकारी दी गई। साथ ही सेंटर पर पहुंचने का समय भी बताया गया। जिले के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र मनेन्द्रगढ और सीएचसी पटना में 25-25 और शहरी प्राथमिक स्वास्थ केंन्द डोमनहील चिरमिरी में 19 प्रतीकात्मक लाभार्थी पर ट्रायल किया गया।कोविड-19 वैक्सीनेशन हेतु किये गए माॅकड्रिल में टीकाकरण केन्द्रों में प्रवेश एवं निकास द्वार के अलावा तीन पृथक-पृथक कक्ष बनाये गये थे। जिनमें प्रतीक्षा कक्ष, टीकाकरण एवं निगरानी कक्ष शामिल है। टीकाकरण कक्ष में एक समय में एक की व्यक्ति प्रवेश कर सकता है एवं टीकाकरण पश्चात् निगरानी कक्ष में संबंधित व्यक्ति को आधा घंटा आब्जरवेशन में रखा जायेगा। वैक्सीन टीम में पाॅच सदस्य रखे गये है।
कोरोना वैक्सीन टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश भर में मॉकड्रिल के निर्देश दिए हैं। इसी कडी में जिले में मॉकड्रिल के तहत टीकाकरण की मॉकड्रिल की गई।उल्लेखनीय है कि जिले में 24 कोल्ड चेन प्वाइंट और कुल 50 सेशन साइट निर्धारित है जिसमें विकासखण्ड बैकुण्ठपुर में 17, जनकपुर में 03, खड़गवां में 09, मनेन्द्रगढ़ में 13, सोनहत में 03, चिरमिरी शहर में 05 की संख्या में है। वैक्सीन को जिला टीकाकरण केन्द्र में रखा गया है। जिसे रेफ्रिजरेटर में दो से आठ डिग्री तापमान पर रखा जाएग। माॅकड्रिल के दौरान सुरक्षा के लिहाज से पुलिस के जवान तैनात थे। -
पशुधन विकास विभाग की बैकयार्ड कुक्कट पालन योजना से मिली मदद
कोरिया : कोरिया जिले में विकासखण्ड भरतपुर अन्तर्गत आदर्श गौठान ग्राम देवगढ़ की निवासी श्रीमती मालती बैगा को पशुधन विकास विभाग के द्वारा बैकयार्ड योजना में मुर्गी पालन से जोड़कर इस विभागीय योजनान्तर्गत 28 दिवसीय 45 नग रंगीन मुर्गी चुजे एवं कुक्कुट आहार प्रदाय किया गया है। इससे मालती को आजीविका का साधन मिला है। वे बताती हैं कि इस योजना से जुड़कर उन्हें प्रति माह 5 हजार रुपये तक की आमदनी हो जाती है।
पशुधन विकास विभाग द्वारा विकासखण्ड स्तर पर मदद करते हुए श्रीमती मालती को जून माह में चूजे प्रदाय किये गए। इसके साथ उन्हें चूजों के रखरखाव हेतु उचित मार्गदर्शन दिया गया एवं विभाग द्वारा समय-समय पर टीकाकरण एवं औषधि भी प्रदान किया गया।श्रीमती मालती बैगा ने विभाग द्वारा दी गई जानकारी का अनुसरण कर मुर्गी पालन किया जिससे उनकी मुर्गियों में मृत्यु दर बेहद कम रही, विगत दो माह से इनकी मुर्गियों ने अण्डा देना प्रारंभ कर दिया। संबंधित विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार औसतन प्रथम माह में अण्डा उत्पादन प्रति मुर्गी 8-10 हो रहा है जो द्वितीय माह में बढकर 12-14 हो गया वे मुर्गियों के अण्डे को 10 रूपये नग बेचकर लगभग 3000 से 4000 प्रतिमाह केवल अण्डे से प्राप्त कर रही है। साथ ही उनमें से आधे मुर्गो को जो 2 किलोग्राम से 2.50 किलोग्राम के बीच है, जिन्हें बेचकर 800 से 1000 रूपये प्रतिमाह प्राप्त रकर ही है यानि श्रीमती मालती बैगा 5000 रूपये प्रतिमाह इस योजना से लाभांवित हो रही है और पशुधन विकास विभाग विकासखण्ड भरतपुर का आभार व्यक्त करती है। -
फलदार पौधों के साथ लेमन ग्रास व शकरकंद की अंतरवर्ती खेती से कमाए लाखों रुपए
कोरिया : कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ विकासखण्ड की ग्राम पंचायत लाई के कुछ किसानों ने इस साल मानसून पूर्व सामूहिक खेती का एक प्रयास करने का विचार किया। सबने बड़े उत्साह से टमाटर की फसल लगाई। पौधे बढ़ते, इससे पहले ही मौसम की मार हुई और पूरी फसल नष्ट हो गई। इस सामूहिक खेती के असफल प्रयास में इन किसानों की जमा पूँजी पूरी तरह बर्बाद हो गई। इस पूँजी के एक झटके में बर्बाद होने से इनके सामने विकट समस्या आ खड़ी हुई। अब इनके पास न तो खेती का कोई विकल्प था और न ही कोई बचत पूँजी, जिसके सहारे वे दुबारा कोई प्रयास कर सकें। ऐसे में इन किसानों का संबल बना महात्मा गांधी नरेगा। इस योजना के अंतर्गत इन्हें सामूहिक फलदार पौधरोपण अंतरवर्ती लेमनग्रासध्शकरकंद की खेती कार्य स्वीकृत किया गया, जिससे इन्हें अपने कर्जों से मुक्ति में मदद मिली, वहीं इस कृषि से अब उन्हें लाभ भी मिलने लगा है। इस कार्य में फलदार पौधों की स्थापित मातृ नर्सरी से इन्हें प्रथम छःमाही में ही लगभग दो लाख रुपए का लाभ हो चुका है। इन किसानों ने अपनी आर्थिक प्रगति से संबल पाकर जल्द ही एक ट्रेक्टर खरीदने की योजना बनाई है।
सामूहिक प्रयास से बदलाव लाने की इस कहानी की शुरुआत होती है गाँव के साधारण से पाँच किसानों की आपसी बातचीत और आगे बढ़ने की ललक से। इन किसानों में श्री परसराम भैना, श्री सोनसाय पण्डो, श्री हरिदास वैष्णव, श्री संतोष कुमार यादव और मोहम्मद सत्तार ने आपस में बातचीत करके बड़े स्तर पर खेती की एक कार्ययोजना बनाई। लेकिन टमाटर की फसल बर्बाद होने के बाद इन किसानों ने नए सिरे से आजीविका शुरु करने का निर्णय लिया जिसमें उनकी मदद ग्राम पंचायत एवं जिले के कृषि विज्ञान केन्द्र ने की। पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) के तहत बारह एकड़ भूमि पर सामूहिक फलोद्यान और अंतरवर्ती खेती के लिए 11 लाख 82 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई और कृषि विज्ञान केन्द्र को कार्य एजेंसी बनाया गया।
अब कृषि विज्ञान केन्द्र ने सबसे पहले इन किसानों का एक समूह बनाया और गाँव के मनरेगा श्रमिकों के नियोजन से परियोजना में शामिल भूमि को समतलीकरण कर खेती लायक बनाया। फिर कार्य-योजना के अनुसार, यहाँ उच्च गुणवत्ता वाले फलदार पौधे वैज्ञानिक तरीके से लगवाए। इनका रोपण इस तरह से किया गया कि सभी पौधे उच्च उत्पादकता के साथ आने वाले वर्षों में मातृ-वाटिका की तरह अच्छे गुणवत्तायुक्त कलमें भी प्रदान करेंगे। यहाँ आम के पौधों के साथ रोपे गए अनार, कटहल, अमरुद और सीताफल आदि के पौधे हैं। केन्द्र के वैज्ञानिकों के अनुसार आने वाले वर्षों में यहाँ से प्रतिवर्ष 20 से 25 हजार नए पौधे तैयार किए जा सकेंगे। इससे जिले में बागवानी विस्तार हेतु उच्च गुणवत्ता के निरोगी पौधों की उपलब्धता बनी रहेगी और किसानों को आमदनी के विकल्प मिलेंगे।
महात्मा गांधी नरेगा मद से विकसित हो रहे इस फलोद्यान की घेराबंदी में किनारों पर 250 गढ्ढों में शकरकंद की कलमें लगाई गई थीं। यहाँ फलदार पौधरोपण के बाद अंतरवर्ती फसल के रुप में लेमनग्रास लगाया गया है। इनकी नियमित सिंचाई के लिए पास में ही बहने वाली नदी से पंप लगाकर पानी लिया जा रहा है और टपक पद्धति से सिंचाई की जा रही है। समूह के सदस्य श्री सोनसाय पण्डो की लगभग दो एकड़ भूमि इस फलोद्यान में शामिल है। वह बतलाते हैं कि यहाँ सिंचाई की लिए सोलर पम्प लगाने की योजना बनाई गई थी, जिसकी क्रेडा विभाग से अनुमति भी मिल चुकी है।
लॉकडाउन के दौरान इस कार्य से जहाँ गाँव में पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर सृजित हुए, वहीं समूह के किसानों को भी रोजगार प्राप्त हुआ। समूह के कृषक श्री परसराम और श्री हीरादास ने बताया कि इस परियोजना के शुरुआती छः माह में ही उन्हें इसका लाभ मिलना शुरु हो गया था। यहाँ तैयार की गई लेमनग्रास की 74 क्विंटल पत्तियों को काटकर बेचने से उन्हें अगस्त माह में 74 हजार रुपए से ज्यादा का लाभ हुआ था। इसके साथ ही लेमन ग्रास की एक लाख 8 हजार नग स्लिप्स की बिक्री से उन्हें 81 हजार रुपए की आमदनी भी हुई थी। यहाँ लगाई गई शकरकंद की 65,300 नग वाईन कटिंग(डंठल) का भी विक्रय किया गया, जिससे समूह को एक लाख 14 हजार 275 रुपये की आय हुई। अब कुछ ही दिनों में शकरकंद की फसल भी निकालने लायक हो जाएगी, जिसका लगभग दस क्विंटल उत्पादन का अनुमान है, जिसकी अनुमानित कीमत 35 हजार के आस-पास हो सकती है। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों की देख-रेख में यहाँ शतावर के भी एक सौ पौधे लगाए गए हैं, जो अभी तैयार हो रहे हैं। इन किसानों ने आगे बताया कि यहाँ के लेमनग्रास से निकलने वाले तेल का भी पैसा इनके खातों में आने वाला है। इससे और अधिक लाभ होगा।
परियोजना के प्रारंभिक चरण में ही इन पाँचों किसानों में से प्रत्येक के खाते में 33 हजार 775 रुपए आ चुके हैं। वहीं महात्मा गांधी नरेगा से मजदूरी की राशि मिलने से अब इनके समक्ष पैसों का संकट कम हो गया है। सभी किसान कहते हैं कि फलोद्यान में लेमनग्रास और शकरकंद की अंतरवर्ती खेती ने जीवन में बदलाव ला दिया है। वे हँसते हुए कहते हैं कि सालभर मेहनत से जितना नहीं मिलता था, वह इस खेती से छःमाह में ही मिल गया है। अब जब तक हिम्मत है, तब तक इस खेती को मन लगाकर करेंगे।
इस परियोजना के टेक्नीकल एक्सपर्ट एवं कृषि विज्ञान केन्द्र कोरिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री आर.एस.राजपूत एवं वैज्ञानिक (उद्यानिकी) श्री केशव चंद्र राजहंस ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा के अनुमेय कार्य पड़त भूमि विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत यहाँ उन्नत किस्म फलदार पौध रोपण सह अतंरवर्तीय फसल के रूप में लेमनग्रास (कावेरी प्रजाति), शकरकंद (इंदिरा नारंगी, इंदिरा मधुर, इंदिरा नंदनी, श्री भ्रदा, श्री रत्ना प्रजाति) व औषधीय पौधा सतावर का उत्पादन लिया जा रहा है।
विशेषज्ञों ने आगे बताया कि लेमनग्रास खेती का फायदा यह है कि इसे एक बार लगाकर प्रत्येक दो से ढाई माह के बीच 4 से 5 साल तक इसकी कटाई की जा सकती है। जिले में किसानों का उत्पादक समूह बनाकर उसके माध्यम से लेमनग्रास से तेल निकालने की यूनिट लगाई गई है, जिससे कच्चे माल को एसेंसियल ऑइल के रुप में प्राप्त किया जा रहा है। लेमनग्रास के सुगंधित तेल से हस्त निर्मित साबुन व अगरबत्ती निर्माण कार्य का तकनीकी प्रशिक्षण भी इन कृषकों को दिया गया है, ताकि वे इनका निर्माण कर अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकें। वहीं यहाँ रोपित फलदार पौधों से लेयरिंग, कटिंग, ग्राफ्टिंग व बीज द्वारा लगभग 20-22 हजार उच्च गुणवत्ता की नई पौध तैयार की जावेगी, जिससे इन किसानों के समूह को लगभग दो लाख रुपए की अतिरिक्त आय अनुमानित है। - कोरिया : आदिवासी विकास कोरिया के सहायक आयुक्त ने बताया कि वर्ष 2020-21 में एकलव्य संयुक्त आदर्श आवासीय विद्यालय जमथान, वि0ख0 भरतपुर में कक्षा 6वीं में बालक-बालिका वर्ग के अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों को प्रवेश दिये जाने हेतु चयनित विद्यार्थियों के प्रवेश नहीं लिये जाने से रिक्त सीट की प्रतीक्षा सूची, वरियताक्रम के नीचे के विद्यार्थियों का चयन किया गया है। चयनित सूची का अवलोकन जिला कार्यालय (सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कोरिया) के कार्यालयीन सूचना पटल से किया जा सकता है। चयनित विद्यार्थी सिविल सर्जन, जिला मेडिकल बोर्ड का प्रमाण पत्र के साथ दिनांक 11.01.2021 तक चयनित संस्था में प्रवेश लेना सुनिश्चित करेंगे। चयनित विद्यार्थियों द्वारा निर्धारित तिथि तक प्रवेश नहीं लेने की स्थिति में वरियताक्रम के नीचे के विद्यार्थियों का चयन किया जावेगा।
- कोरिया : जिला चिकित्सालय बैकुण्ठपुर में आने वाले मरीजों की रक्त जांच एवं उपचार हेतु नवीन सीबीसी, एलाईजा एवं ब्लड सेप्रेटर मशीन की स्थापना कर दी गई है। इससे जिले के समस्त मरीजों को रक्त जांच एवं ब्लड बैंक में नई तकनीक की मषीन से जांच की सुविधा उपलब्ध होगी। जिला चिकित्सालय बैकुण्पुर के मुख्य सिविल सर्जन सह अधीक्षक से प्राप्त जानकारी अनुसार आधुनिक तकनीक से रक्त संबंधी विभिन्न जांचों में सटीक जानकारी मिल सकेगी। जिला चिकित्सालय में नवीन सीबीसी, एलाईजा एवं ब्लड सेप्रेटर मशीन की स्थापना से मरीजों एवं चिकित्सकों दोनों को ही बेहद सुविधा होगी।उन्होंने इन आधुनिक मशीनरी की जानकारी देते हुए बताया कि सीबीसी से रक्त संबंधी सटीक जांच परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इसी तरह एलाइजा मशीन से ब्लड बैंक में रक्त के वायरल लोड की जांच की जा सकेगी। ब्लड सेपरेटर मशीन से ब्लड कॉम्पोनेन्ट को अलग किया जा सकता है।
- सूखे के दौरान गांव के श्रमिकों को रोजगार देकर मनरेगा के तहत हुआ था कार्य
कोरिया : कोरिया जिले के सुदूर विकासखण्ड भरतपुर के ग्राम पंचायत कंजिया में स्थित छोटा तालाब अब गांव की एक आय का स्रोत बन चुका है। यहां पुरातन समय से गांव मे दो तालाब बने हुए थे। लंबे समय से बने हुए इस छोटा तालाब का स्रोत धीरे धीरे बंद होता जा रहा था। तब ग्रामीणों की ग्राम पंचायत में रखी गई मांग पर महात्मा गांधी नरेगा के तहत गांव के तालाब का गहरीकरण कार्य कराया गया। इससे एक ओर जहां स्थानीय जनों को सूखे की स्थिति में पर्याप्त रोजगार का साधन मिला वहीं गहरीकरण के बाद इस तालाब में मछली पालन भी प्रारंभ हो गया। ग्राम पंचायत को इससे एक निष्चित आय हो रही है वहीं एक आदिवासी परिवार को प्रति वर्ष एक लाख रूपए तक की आय मिलने से रोजगार की चिंता खत्म हो गई है।
कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर के भरतपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत कंजिया स्थित है। यहां परंपरागत ढंग से अनुसूचित जनजाति बाहुल्य है। डोंगरीपारा में स्थित यह तालाब यहां रहने वाले ग्रामीणों के निस्तार के अलावा उनके पशुआंे के लिए भी पेयजल का मुख्य स्रोत है। स्थानीय ग्रामीण बतलाते हैं कि यह तालाब लंबे समय से गहरीकरण नहीं किए जाने के कारण पानी कम होने लगा था। जिससे गर्मियों में यह सूखने की कगार पर आने लगा था। इससे पषुओं के लिए पेयजल की बड़ी समस्या होने लगी थी। महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत के तालाब के गहरीकरण के बाद बारिश में तालाब में पानी भरा और ग्राम पंचायत ने इस तालाब में मछली पालन के लिए ठेका इस तालाब के किनारे रहने वाले गांव के ही किसान श्री रामकृपाल सिंह को दे दिया। उन्हे 16 हजार रूपए की राषि में यह तालाब मछली पालन के लिए 10 सालों की लीज में दिया गया।
तालाब के गहरीकरण के बाद एक ओर जहां ग्राम ंपचायत को लगभग उपयोग हीन हो चुकी उसके परिसंपत्ति का लाभ मिलने लगा वहीं दूसरी ओर एक आदिवासी परिवार को स्थायी रोजगार का एक निश्चित साधन मिल गया। गांव के इस तालाब के किनारे रहने वाले श्री रामकृपाल सिंह निविदा के माध्यम से लीज ले चुके हैं उनके पास लगभग चार एकड़ असिंचित कृषि भूमि है। विषेष रूप से उल्लेखनीय यह है कि बीते दो साल से उनके परिवार को मछली पालन के व्यवसाय से लगभग 1 लाख रूपए की निष्चित आमदनी होने लगी है। इस परिवार के मुखिया श्री रामकृपाल सिंह ने अपनी अतिरिक्त आय के साधन के बारे मंे खुष होकर बताया कि अब काम की कोई चिंता नहीं है। दो साल से उनको अच्छी कमाई हो रही है। मछली उत्पादन के बारे में विस्तार से उन्होने बताया कि वह इस तालाब में हर साल जुलाई अगस्त में 12 किलो बीज डालते हैं और एक साल में दो बार मछली निकालते हैं।एक बार में वह ढाई से तीन क्विंटल मछली निकालते है। जिससे उन्हे लगभग एक लाख रूपए का लाभ होता है। मछली पालन से अतिरिक्त आय पाकर श्री रामकृपाल ने एक अपने असिंचित खेतों के सिंचाई के लिए एक बोरिंग करा लिया है अब वह उन चार एकड़ खेतों में गेंहू की फसल लगाने की तैयारी कर रहे है।