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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महासमुन्द : खेल एवं युवा कल्याण विभाग महासमुंद द्वारा छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय बहुउद्देश्यीय स्टेडियम निर्माण हेतु बरोडाबाजार स्थित खसरा नंबर 398/1, रकबा 4.47 हेक्टेयर में 8 से 10 एकड़ शासकीय भूमि के चिन्हांकन एवं आरक्षण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। इस भूमि के आबंटन एवं स्वामी हक प्रदान किए जाने के संबंध में यदि किसी व्यक्ति या संस्था को कोई दावा या आपत्ति हो, तो वे 30 अक्टूबर 2025 तक कार्यालयीन अवधि में तहसील न्यायालय महासमुंद में स्वयं या अपने अभिभाषक के माध्यम से प्रस्तुत कर सकते हैं। नियत तिथि के बाद प्राप्त दावों पर विचार नहीं किया जाएगा।
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महासमुन्द : अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं तथा राज्य आपदा मोचन बल के निर्देशानुसार आगामी दीपावली पर्व को दृष्टिगत रखते हुए नगर सेना, नवा रायपुर द्वारा जिले में संचालित समस्त स्थायी एवं अस्थायी पटाखा दुकानों में अग्नि सुरक्षा के संबंध में सावधानियां बरतने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं।
इसी तारतम्य में जिला सेनानी एवं जिला अग्निशमन अधिकारी, नगर सेना महासमुन्द द्वारा जिले के सभी पटाखा दुकानदारों एवं आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे अग्नि सुरक्षा नियमों का पालन करें, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। पटाखा दुकानों के लिए अग्नि सुरक्षा के लिए दिए गए दिशा निर्देश में पटाखा दुकान अज्वलनशील सामग्री (जैसे टीन शेड) से निर्मित होनी चाहिए, किसी भी प्रकार के कपड़ा, बांस, रस्सी या टेंट से नहीं। प्रत्येक दुकान के बीच कम से कम तीन मीटर की दूरी रखी जाए तथा दुकानें आमने-सामने न बनाई जाएं। प्रकाश व्यवस्था के लिए तेल का लैम्प, गैस लैंप या खुली बिजली बत्ती का उपयोग न करें। किसी भी पटाखा दुकान से 50 मीटर के दायरे में आतिशबाजी प्रदर्शन प्रतिबंधित रहेगा। विद्युत तारों में कोई खुला ज्वाइंट न हो तथा मास्टर स्विच में फ्यूज या सर्किट ब्रेकर अवश्य लगा हो। पटाखा दुकानें ट्रांसफार्मर या हाई टेंशन पावर लाइन के नीचे या पास में न हों। प्रत्येक दुकान में 5 किलोग्राम क्षमता का डीसीपी अग्निशामक यंत्र अनिवार्य रूप से रखा जाए। दुकानों के सामने 500 लीटर पानी की ड्रम एवं बाल्टियों की व्यवस्था की जाए। दुकानों के सामने बाइक या कार की पार्किंग पूरी तरह प्रतिबंधित रहे। अग्निशमन विभाग एवं एम्बुलेंस के फोन नंबर दुकान परिसर के प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किए जाएं। साथ ही अग्निशमन वाहन के आवागमन हेतु पर्याप्त खुला स्थान रखा जाए।
जिला अग्निशमन अधिकारी ने सभी व्यापारी, दुकानदार एवं नागरिको को सावधानी बरतने और प्रशासन द्वारा जारी सुरक्षा निर्देशों का पूर्ण पालन करने कहा है।
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महासमुंद : कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह द्वारा कैलेण्डर वर्ष 2025 के लिए समस्त शासकीय कार्यालयों तथा संस्थाओं के लिए पूर्व में जारी आदेश में संशोधित किया गया है। संशोधित आदेशानुसार दीपावली का दूसरा दिन (गोवर्धन पूजा) 21 अक्टूबर को घोषित स्थानीय अवकाश को परिवर्तित करते हुए भाई दूज (दीपावली) के दिन गुरुवार 23 अक्टूबर को स्थानीय अवकाश घोषित किया है। उपरोक्त स्थानीय अवकाश बैंक, कोषालय, उपकोषालय के लिए लागू नहीं होगा।
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महासमुंद : ऐतिहासिक नगरी सिरपुर में महानदी के किनारे तीन दिवसीय जिला स्तरीय जूनियर रेडक्रास प्रशिक्षण शिविर का आयोजन 10 अक्टूबर को शुभारंभ हुआ। शुभारम्भ अवसर पर सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मोगरा पटेल, उपाध्यक्ष जिला पंचायत श्री भीखम सिंह ठाकुर, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सृष्टि अमर चंद्राकर, जिला पंचायत सदस्य देवकी पटेल, सभापति भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी श्री संदीप दीवान, सरपंच सिरपुर श्रीमती पुष्पा माली, जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय कुमार लहरे, जिला संगठक डॉ अशोक गिरि गोस्वामी, प्रबंध करणी रेडक्रास राजेश्वर खरे सदस्य, विश्वनाथ पाणिग्रही सदस्य, सह क्रीडा अधिकारी श्रीमती अंजली बरमाल, शिविर संचालक श्रीमती उमा ठाकुर उपस्थित रहे।
सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी ने सेवा भाव से मानवता का पाठ का संदेश दिया। पाणिग्रही जी ने पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षारोपण हेतु सभी विद्यार्थी को प्रेरित किया। जिला मास्टर ट्रेनर श्री दिनेश साहू ने रेडक्रॉस के उद्देश्य, सिद्धांत, एवं मूलभूत सामाजिक दायित्व की जानकारी प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन किरण पटेल विकासखंड सचिव महासमुंद ने किया।
शिविर के द्वितीय दिवस में योग व्यायाम ध्वजारोहण के साथ साथ सेवा कार्य सिखाया गया। नेशनल मास्टर ट्रेनर डॉ यशवंत चंद्राकर एवं ट्रेनर श्री दिनेश साहू के द्वारा प्राथमिक सहायता की ट्रेनिंग, जिसमें सीपीआर, विभिन्न दुर्घटनाआें जैसे कि रोड एक्सिडेंट, आग, पानी में डूबना, रक्तस्राव, फ्रैक्चर, जहर सेवन, सर्प दंश डॉग बाइट, मिर्गी, विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप, वज्रपात में घायल की सहायता हेतु ट्रेनिंग दिया गया। साथ ही रक्तदान, नेत्रदान, अंगदान, प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, भ्रूण हत्या, नारी शिक्षा, नशा मुक्ति की जानकारी दी गई।
साथ ही महा शिविर ज्वाल कार्यक्रम मुख्य अतिथि विधायक बसना डॉ संपत अग्रवाल के आतिथ्य में संपन्न हुआ। जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दिशा दीवान, श्री स्वप्निल तिवारी, श्री संदीप दीवान, डॉ. अशोक गिरि गोस्वामी, श्री सुखी राम हिरवानी, श्री दुलरवा धीवर, श्री निहाल सोनकर, उप सरपंच श्री राजेश ठाकुर, सुमन दीवान, श्री पुरुषोत्तम घृतलहरे जी, डॉ यशवंत चंद्राकर उपस्थित रहे, और जूनियर द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया गया।
अंतिम तृतीय दिवस 12 अक्टूबर कौन शिविर में शामिल 756 जूनियर एवं 95 काउंसलर सहित कुल 911 लोगों ने सिरपुर के अनेक ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों का रैली के साथ भ्रमण किया और नगर भ्रमण भी किया। साथ ही सभी जूनियर का प्राथमिक सहायता एवं एवं जनरल नालेज का क्विज कंपीटिशन का आयोजन किया गया।
अंतिम दिन समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सभापति भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी संदीप दीवान उपस्थित रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को समस्त ज्ञान की बातों को जीवन में अमल करने तथा सभी से साक्षा करने की सलाह दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में भूपेंद्र राठौर उपाध्यक्ष रेडक्रॉस सोसायटी, श्रीमती अनिता रावटे पूर्व सभापति रेडक्रास, प्रवीण दीवान, शोभा दीवान, थानवर यादव, गोपी ध्रुव प्रदीप साहू, प्रेम लाल पटेल, कावेरी वैशनव, धरम पटेल, मुकेश देशमुख, श्रीमती उमा ठाकुर र्शिविर संचालक, महासमुंद जूनियर रेडक्रॉस सचिव श्रीमती किरण पटेल, बागबाहरा जूनियर रेडक्रास सचिव परस राम सिन्हा, बसना सचिव जानकी जीवन प्रधान , सरायपाली सचिव यशवंत चौधरी, अंशुमन टांडी, कोमल ध्रुवंशी, चिंताराम अग्रवाल, नोबल ध्रुव, भोजन प्रभारी रघुनाथ सिन्हा, पंजीयन प्रभारी पटेल कार्यालय प्रभारी तेजलाल देवांगन, सहायक द्वारका जी उपस्थित रहे।
रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान संत अन्ना स्कूल सांकरा, द्वितीय आशीबाई गोलछा महासमुंद , तृतीय कन्या शाला बसना, रही। सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रथम स्थान हायर सेकंडरी स्कूल बढ़ईपाली पिथौरा, द्वितीय हायर सेकंडरी स्कूल दुर्गापली बसना एवं तृतीय हायर सेकंडरी स्कूल खोपली बागबाहरा रहा। वही क्विज़ कंपीटिशन में प्रथम जानवी देवदास कौहाकुडा, द्वितीय तृतीय साक्षी सोनवानी, नेहा साहू कोल्दा चतुर्थ सागर साहू बढ़ईपाली, पंचम अनुपमा यादव सुखीपाली रहा। अंत में डॉ अशोक गिरि गोस्वामी ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए आभार व्यक्त किया।
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महासमुंद : छत्तीसगढ़ आइडियाथान 2025 के अंतर्गत युवाओं में नवाचार की भावना को बढ़ावा देने, स्टार्टअप एवं इनक्यूबेशन सहायता की जानकारी प्रदान करने तथा विभिन्न योजनाओं की जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वाणिज्य एवं उद्योग विभाग छत्तीसगढ़ शासन तथा एनआईटी रायपुर आरआरएफआईई के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय आउटरीच कार्यक्रम का आयोजन स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, महासमुंद के सभागार में किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलेक्टर श्री विनय लंगेह रहे। इस अवसर पर एनआईटी रायपुर से डॉ. धर्मपाल (सह-प्राध्यापक), श्रीमती मेधा सिंह (सीईओ) एवं श्री सुनील देवांगन (इनक्यूबेशन प्रबंधक) विशेष रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को स्टार्टअप की अवधारणा, व्यवसाय स्थापना की प्रक्रिया, नवाचार की भूमिका और सरकारी योजनाओं के लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी दी। विद्यार्थियों को यह बताया गया कि किस प्रकार वे अपने रचनात्मक विचारों को व्यावसायिक रूप में बदलकर न केवल आत्मनिर्भर बन सकते हैं बल्कि समाज के विकास में भी योगदान दे सकते हैं।
कलेक्टर श्री विनय लंगेह ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज का युग नवाचार का युग है। युवाओं को चाहिए कि वे पारंपरिक सोच से आगे बढ़कर नई दिशा में सोचें। शासन द्वारा स्टार्टअप और इनक्यूबेशन को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनका अधिक से अधिक लाभ युवाओं को लेना चाहिए। इस अवसर पर विद्यालय के कई विद्यार्थियों ने अपने नवोन्मेषी विचार और प्रोजेक्ट आइडिया कलेक्टर एवं विशेषज्ञों के समक्ष साझा किए, जिनकी सराहना की गई। कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षकगण, विद्यार्थी, युवा उद्यमी तथा विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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बलरामपुर : विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय में आने वाले पहाड़ी कोरवा अपनी विलक्षण संस्कृति और सरल स्वाभाव के लिए प्रसिद्ध हैं। इस जनजाति के लोग पहाड़ी क्षेत्रों पर दूर-दूर अपने घर बनाकर निवास करते हैं। परन्तु दुर्गम ऊंचे पहाड़ों में निवासरत लोग अब शासकीय योजनाओं का लाभ आसानी ले पा रहे हैं। पहाड़ी कोरवाओं को शासकीय जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले इस हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लायी गई। पहाड़ी कोरवा जनजातियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के नए द्वार खुल गए हैं।
स्वास्थ्य सुविधा के साथ मोबाइल मेडिकल यूनिट की सुविधा
मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजनाएं जन-जन तक पहुँच रही है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में सुदूर पहाड़ी कोरवा गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो रही है। कोरवा परिवार अब सरकारी योजनाओं के तहत चिकित्सा सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। पहले बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं से दूर रहने वाले पहाड़ी कोरवा समुदाय अब स्वास्थ्य शिविरों और मोबाइल मेडिकल यूनिट से जुड़ रहे हैं। जहां ब्लड प्रेशर, शुगर, हीमोग्लोबिन, मलेरिया जांच जैसी सेवाएँ निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।
381 शिविर से 26 हजार 498 पहाड़ी कोरवा लाभान्वित
जिले में पहाड़ी कोरवा की संख्या 19 हजार 744 है। पहाड़ी कोरवा क्षेत्रों में 99 शिविर आयोजित कर 2 हजार 972 महिलाओं को लाभ दिया गया। इस वित्तीय वर्ष में इन क्षेत्रों में एमएमयू के माध्यम से 381 शिविर आयोजित कर 26 हजार 498 पहाड़ी कोरवाओं को लाभान्वित किया गया। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत 19 हजार 179 पहाड़ी कोरवा परिवारों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है, जो निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा का लाभ ले रहे हैं।
कुपोषण और एनीमिया को दूर करने आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन
पहाड़ी कोरवा बच्चों में कुपोषण और एनीमिया को दूर करने स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्रों में नियमित जांच की जा रही है, जिसमें बच्चों की जांच कर चिन्हांकित बच्चों को बेहतर पूरक पोषण आहार एवं उपचार उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा हेतु आपातकालीन चिकित्सा वाहन की सुगम सुविधा प्राप्त हो रही है। जिससे सर्पदंश, आकस्मिक दुर्घटना, मातृत्व स्वास्थ्य जैसी दशाओं में तुरन्त स्वास्थ्य सुविधाएं उनके दरवाजे पर ही उपलब्ध हो रही है।
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सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस जयवर्धन के मार्गदर्शन से ओड़गी ब्लॉक में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला विशालपुर में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत किशोर किशोरियों के साथ किशोर सशक्तिकरण कार्यक्रम किया गया। इसमें गुड टच बेड टच, रूप नहीं गुण, आज हमने क्या सीखा, पढ़ाई का कोना, घरेलू हिंसा, लिंग आधार हिंसा एवं बाल विवाह जैसे गंभीर विषयों पर चर्चा हुआ साथ ही चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, 181, 112 की जानकारी दी गई। इस जागरूकता कार्यक्रम में यूनिसेफ एग्रिकोन फाउंडेशन से ब्लॉक समन्वयक श्री धनराज जगते और प्रधान पाठक एवं सभी शिक्षक गण उपस्थित रहे कार्यक्रम अनुशासन में रहकर संपन्न हुआ।
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(डी.एम.एफ. योजना अंतर्गत स्थापित तथा जिला प्रशासन सूरजपुर एवं शिक्षा विभाग सूरजपुर द्वारा संचालित)
सूरजपुर : “ज्ञान ही सफलता की कुंजी है” - इस विचार को साकार कर रहा है तक्षशिला मेधा परिसर । तक्षशिला मेधा परिसर, जिला ग्रंथालय सूरजपुर आज विद्यार्थियों, प्रतियोगी परीक्षा अभ्यर्थियों और शोधार्थियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुका है। यह केवल एक लाइब्रेरी नहीं, बल्कि “सफलता की सीढ़ी” के रूप में देखा जा रहा है। जहाँ से अनेक विद्यार्थी अपने सपनों के साथ अध्ययन कर रहे हैं।
1. परिचय
यह अध्ययन केंद्र विद्यार्थियों, पाठकों और शोधार्थियों को उत्कृष्ट अध्ययन का वातावरण प्रदान करता है। यहाँ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु समृद्ध संसाधन, मार्गदर्शन और शांत अध्ययन माहौल उपलब्ध है।
2. स्थापना एवं इतिहास
12 फरवरी 2022 को सूरजपुर जिला प्रशासन द्वारा स्थापित यह ग्रंथालय दो मंजिला आधुनिक भवन में संचालित है।
यहाँ 18,000 से अधिक पुस्तकों का सुव्यवस्थित संग्रह है कृ जिसमें सामान्य अध्ययन, विज्ञान, इतिहास, सीजीपीएससी , व्यापम, यूपीएससी, रेलवे, बैंकिंग, और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित साहित्य उपलब्ध है।3. सदस्यता और वर्तमान स्थिति
तक्षशिला मेधा परिसर की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है -
कुल रजिस्टर्ड सदस्यरू 518
अब तक जारी पुस्तकेंरू 5000$
कुल विज़िट्सरू 15,000$प्रतिदिन 50 से 80 पाठक नियमित अध्ययन हेतु आते हैं।कई विद्यार्थियों का चयन विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलतापूर्वक हुआ है
4. प्रमुख सुविधाएं
वाईफाई कैंपस और ऑनलाइन लर्निंग सुविधा कंप्यूटर लैब दृ डिजिटल शिक्षा के लिए, सीजीपीएससी, यूपीएससी, व्यापम, एसएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें।150-200 पाठकों के लिए आरामदायक अध्ययन व्यवस्था। शोधार्थियों और वरिष्ठ नागरिकों हेतु विशेष कक्ष। सुव्यवस्थित, श्रेणीबद्ध और आधुनिक पुस्तक प्रबंधन प्रणाली
5. विशेषताएँ
विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए अध्ययन और शोध की उत्कृष्ट सुविधाएँप्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क मार्गदर्शन और अध्ययन सामग्री पुस्तक सुझाव सेवा - विद्यार्थियों की रुचि के अनुसार पुस्तक उपलब्धता डिजिटल और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से अध्ययन की सुविधा
6. सफलता की दिशा मेंतक्षशिला मेधा परिसर ने सूरजपुर जिले के सैकड़ों युवाओं के सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।कई विद्यार्थी जिन्होंने सीमित संसाधनों के बीच पढ़ाई शुरू की थी, आज सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं।यह लाइब्रेरी न केवल ज्ञान का भंडार है, बल्कि प्रेरणा और अवसरों का केंद्र भी है।
7. तक्षशिला मेधा परिसर
जिला ग्रंथालय सूरजपुर आज जिले के युवाओं के लिए एक “ज्ञान तीर्थ” बन चुका है। यहाँ की सुविधाएँ, अनुशासित वातावरण और मार्गदर्शन विद्यार्थियों के अकादमिक व पेशेवर विकास में अमूल्य योगदान दे रहे हैं। यह केवल एक लाइब्रेरी नहीं - यह सूरजपुर की शिक्षा क्रांति का प्रतीक है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सूरजपुर : छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती महोत्सव के अवसर पर “हर दिन हर घर आयुर्वेद” विशेष सप्ताह के अंतर्गत शासकीय नवीन महाविद्यालय चांदनी, बिहारपुर में बुधवार 15 अक्टूबर 2025 को आयुर्वेद संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
यह आयोजन आयुष्मान आरोग्य मंदिर, शासकीय आयुर्वेद औषधालय, बिहारपुर चांदनी (जिला सूरजपुर) द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान धन्वंतरि एवं मां सरस्वती की वंदना से हुआ। संगोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्रभारी और रासेयो कार्यक्रम अधिकारी धीरेन्द्र कुमार जायसवाल ने की तथा मंच संचालन फार्मासिस्ट श्री योगेश पटेल ने किया। डॉ. आशीष कुमार शर्मा, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी ने “समग्र स्वास्थ्य हेतु आयुर्वेद का महत्व” विषय पर पावर पॉइंट प्रस्तुति दी। उन्होंने आयुर्वेद के सिद्धांतों, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने एवं जीवनशैली सुधार की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. उपेन्द्र सिंह, होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी ने “माइंड, बॉडी और सोल के समन्वय से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य लाभ” विषय पर व्याख्यान दिया। वहीं डॉ. श्वेता भगत, आयुर्वेद चिकित्सक ने “आयुर्वेद पथ्य-अपथ्य एवं आहार-विहार” विषय पर उपयोगी जानकारी दी।
संगोष्ठी के दौरान छात्र-छात्राओं ने प्रश्नोत्तर सत्र में उत्साहपूर्वक भाग लिया। विशेषज्ञों द्वारा उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। उपस्थित अतिथियों को औषधीय पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण एवं स्वास्थ्य संवर्धन का संदेश दिया गया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में महाविद्यालय के प्राध्यापक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे और आयुर्वेद से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों से लाभान्वित हुए।
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सूरजपुर : भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशानुसार पूरे देश में मनाए जा रहे सीपीआर जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत जिला सूरजपुर में आज विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन रेडक्रॉस सोसायटी सूरजपुर के अध्यक्ष एवं कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देशन में तथा पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सह सचिव, भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी, चेयरमैन, वाइस चेयरमैन एवं समस्त सदस्यों के सहयोग से किया गया।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभा कक्ष में सभी पुलिस जवानों को सीपीआर का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का संचालन डॉ. शुभम सिंह एवं डॉ. पारुल द्वारा किया गया।
प्रशिक्षण के दौरान चिकित्सकों ने जवानों को सीपीआर की सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक जानकारी दी तथा प्रैक्टिकल डेमो के माध्यम से प्रत्येक जवान को सीपीआर देने की विधि सिखाई।
उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक के प्रमुख कारण क्या होते हैं, किन लक्षणों से इसे पहचाना जा सकता है तथा समय पर सीपीआर देकर किसी व्यक्ति का जीवन कैसे बचाया जा सकता है। कार्यक्रम का उद्देश्य आम नागरिकों और सुरक्षा बलों को हृदयाघात जैसी आकस्मिक परिस्थितियों में त्वरित प्राथमिक उपचार देने के लिए प्रशिक्षित करना था, ताकि संकट की घड़ी में जीवन बचाया जा सके।इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जिला संगठन संदीप गुप्ता, पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं रेडक्रॉस सोसायटी के सदस्य उपस्थित रहे।
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स्वच्छता के महत्व पर विद्यार्थियों को किया गया जागरूक
सूरजपुर : हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवाशिंग डे के अवसर पर शासकीय माध्यमिक शाला पतरापाली में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दिवस का उद्देश्य विद्यार्थियों एवं समुदाय के बीच हाथों की स्वच्छता के महत्व को समझाना तथा बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूकता फैलाना है। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के शिक्षकों द्वारा ग्लोबल हैंडवाशिंग डे के इतिहास एवं महत्व की जानकारी देने से हुई। शिक्षकों ने बताया कि साबुन और पानी से नियमित रूप से हाथ धोने की आदत अपनाने से अनेक संक्रामक बीमारियों से बचाव संभव है। विद्यार्थियों को हाथ धोने की सही विधि का प्रदर्शन कर व्यावहारिक जानकारी दी गई। मध्याह्न भोजन से पूर्व सभी विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से हाथ धोकर स्वच्छता का संदेश दिया। इस अवसर पर बच्चों में स्वच्छता के प्रति रुचि जागृत करने के लिए नारा एवं प्रश्नोत्तरी जैसी गतिविधियां भी आयोजित की गईं। कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षकगण उपस्थित रहे। सभी ने संदेश दिया कि स्वच्छ हाथ ही स्वस्थ जीवन की पहचान हैं, और हमें इस आदत को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।
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सूरजपुर : छत्तीसगढ़ राज्य में वित्तीय सेवा विभाग, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत ‘आप की पूँजी, आपका अधिकार’ जन-जागरूकता अभियान के अंतर्गत जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरूकता कोष पर जिला स्तरीय जागरूकता एवं सहायता शिविर 31 दिसंबर 2025 तक आयोजित किए जाएंगे।
इन शिविरों का आयोजन जिलाधिकारी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में प्रत्येक जिले के अग्रणी जिला कार्यालय द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम में सभी बैंक, बीमा, पेंशन, प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड और अवैतनिक निधि का योगदान रहेगा।इस श्रृंखला के प्रथम चरण में 16 अक्टूबर 2025 को रायपुर और बिलासपुर जिलों में जिला कलेक्टर और अग्रणी जिला प्रबंधक की देखरेख में कलेक्टरेट कार्यालय में विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में नागरिकों को अनक्लेम्ड जमा, बीमा दावे, डिविडेंड, शेयर एवं म्यूचुअल फंड और पेंशन राशि प्राप्त करने हेतु डिजिटल हेल्पडेस्क और सहायता काउंटर उपलब्ध कराए जाएंगे। आवश्यकतानुसार लाभार्थी/दावेदार के केवाईसी अपडेट, दावा प्रपत्र भरने और दस्तावेज सत्यापन में भी सहयोग प्रदान किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इन शिविरों में शामिल होकर इस जनकल्याणकारी पहल का लाभ उठाएँ।
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, छत्तीसगढ़ ने इस पहल के माध्यम से नागरिकों को उनके जमा पूँजी और निवेश के अधिकारों के प्रति जागरूक करने और सुविधाजनक तरीके से लाभ दिलाने का संकल्प लिया है।
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सूरजपुर : सूरजपुर जिस बेटे से माँ ने बुढ़ापे में सहारे की उम्मीद की थी, उसी ने नशे के गिरफ्त में आकर उन्हें और उनकी छोटी बेटी को दहशत के माहौल में जीने को मजबूर कर दिया। आए दिन की मारपीट, गाली-गलौज और नशे के लिए पैसों की मांग से तंग, मॉ बेटी को आखिरकार घर से ही निकाल दिया, लेकिन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सूरजपुर इस लाचार मों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा और न केवल उन्हें सुरक्षा दिलाई, बल्कि बेटे को भी इलाज के लिए नशा मुक्ति केन्द्र में दाखिला दाखिला कराया।
उम्मीद का सहारा बना विधिक सेवा प्राधिकरण परेशान माँ-बेटी को जब पीएलव्ही उमेश कुमार के माध्यम से यह पता चला की जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विधिक सलाह और सहायता उपलब्ध कराता है, तो वे अपनी समस्या लेकर डीएलएसए कार्यालय पहुँची। उन्होने अपनी पूरी व्यवस्था सचिव पायल टोपनो को बताई। सचिव पालय टोपनों ने उस माँ की आर्थिक कमजोरी और बेबसी को समझते हुए तत्काल संवेदनशीलता दिखाई। उन्होने कार्यालय में उपस्थित अधिकार मित्र को पीडित मों की ओर से नशा मुक्ति केंद्र में दाखिले हेतु तुरंत आवेदन तैयार करने मदद करने के निर्देश दिये।
त्वरित कार्यवाही से मिली राहत- आवेदन मिलते ही, सचिव पायल टोपनो ने बिना देर किए थाना प्रभारी सूरजपुर को पत्र जारी किया, इसमें निर्देशित किया कि पीडिता माँ के बताए परिस्थितियों की करते हुए आवेदिका के पुत्र की सम्पूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण कराकर नशा मुक्ति केंद्र में दाखिला कराया जाए। डीएलएसए के इस पत्र का संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी सूरजपुर ने तत्परता दिखाई, तत्काल आरक्षक और थाने में नियुक्त पीएलव्ही चीरंजीव लाल की एक संयुक्त टीम तैयार किया की गई। टीम ने तुरंत कार्यवाही करते हुए नशे के आदि हो चुके पुत्र को रेस्क्यू किया, मेडिकल कराया और उसे सफलतापूर्वक सबरी सेवा संस्थान द्वारा संचालित नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र सूरजपुर में दाखिला करा दिया।
यह पूरी कार्यवाई श्रीमती विनीता वार्नर, अध्यक्ष प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सूरजपुर के मार्गदर्शन में संपन्न हई। डीएलएसए के इस मानवीय हस्तक्षेप से न केवल मों और बेटी को घरेलू हिंसा और दहशत से राहत मिली, बल्कि उनके बेटे को भी इलाज और जीवन में बदलाव का मौका मिला। यह घटना दर्शाती है कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जरूरतमंदों के लिए केवल एक कानूनी संस्था नहीं, बल्कि त्वरित राहत और मानवीय सहायता का एक शक्तिशाली संघ है।
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सूरजपुर : शासकीय नवीन महाविद्यालय चांदनी बिहारपुर मे महाविद्यालय रेड रिबन क्लब इकाई के तत्वाधान मे ’’एड्स के प्रति जागरूकता’’ विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज मे व्याप्त इस लाइलाज़ बीमारी के प्रति लोगों और विद्यार्थियो मे जागरूकता और सतर्कता प्रदान करना था व्याख्यायन के मुख्य वक्ता डॉ राहुल कुमार साव, सहायक प्राध्यापक प्राणी शास्त्र, शासकीय नवीन महाविद्यालय ओड़गी रहे डॉ साव ने विद्यार्थियों को एड्स से सम्बंधित प्रत्येक पक्ष जैसे एड्स फैलने के कारण (संक्रमण) दवा से बचाव, जागरूकता ही बचाव और सरकारी बचाव एड्स के लिए जवाबदेह वायरस एचआईवीं कैसे हमारी इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है और मौत के मुँह तक मानव को ले जाता है पर अपना व्याख्यान केंद्रित किया। उक्त व्याख्यान का आयोजन महाविद्यालय प्राचार्य रंजीत कुमार सातपुते के मार्गदशन और महाविद्यालय रेड रिबन नोडल प्रभारी धीरेन्द्र कुमार जायसवाल ,अतिथि व्याख्याता सचिन मिंज, पिंटू गुता, रामनिवास पटेल, ने आवश्यक सहयोग प्रदान किया उक्त व्याख्यान से महाविद्यालय के सभी संकाय के विधार्थी लाभान्वित हुए।
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पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष ने विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर दिए जरूरी दिशा-निर्देश
कोरिया : छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री आर.एस. विश्वकर्मा ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि समाज की सशक्तता तभी संभव है जब योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में विभिन्न योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली और अधिकारियों को निर्देशित किया कि पिछड़ा वर्ग के अधिक से अधिक हितग्राही शासकीय योजनाओं से लाभान्वित हों।
बैठक में आयोग के सदस्य श्री यशवंत सिंह वर्मा, बलदाऊ राम साहू, हरिशंकर यादव और कृष्णा गुप्ता, कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ावर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण, मनरेगा, पशु चिकित्सा, उद्यानिकी, मत्स्य, खाद्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, उद्योग व्यापार केंद्र, कौशल विकास, महिला एवं बाल विकास सहित विभिन्न विभागों की योजनाओं की समीक्षा की गई।
अध्यक्ष श्री विश्वकर्मा ने ओबीसी छात्रावास निर्माण के प्रस्ताव शीघ्र भेजने, स्कॉलरशिप योजना का लाभ सभी पात्र विद्यार्थियों को दिलाने, तथा पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जाति प्रमाणपत्र बनाते समय क्रीमी एवं नॉन क्रीमी लेयर के प्रावधानों का पालन किया जाए। साथ ही पिछड़ा वर्ग के लोगों को चिन्हित व्यवसायों में सहकारी समितियां बनाकर सामूहिक रूप से कार्य करने की अपील की, जिससे समाज की आर्थिक सशक्तता को बल मिलेगा।
अध्यक्ष ने युवाओं से कहा कि वे तकनीकी शिक्षा अपनाएं, सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे संवेदनशीलता के साथ कार्य करें, गांवों में जाकर जनता से संवाद करें और समस्याओं का त्वरित निराकरण करें।
श्री विश्वकर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत यह विगत वर्ष यह आयोग का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि देश मे पहली बार जाति जनगणना 1932 में हुआ था। उन्होंने यह भी बताया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलाकर 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नही चाहिए। छत्तीसगढ़ में 95 जातियों को अन्य पिछड़े वर्ग में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि नगरीय निकायों में 33 प्रतिशत तथा पंचायत में 57 प्रतिशत आबादी ओबीसी वर्ग की है।
अध्यक्ष श्री वर्मा ने अधिकारियों को सुझाव दिया कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में फलदार वृक्ष लगाए जाएं और यहाँ की जलवायु को देखते हुए फसलों को बढ़ावा देने को कहा। उन्होंने ओबीसी वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार व रोजगार में भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया।
बैठक में अपर कलेक्टर श्री सुरेन्द्र प्रसाद वैद्य, श्री डीडी मंडावी, डिप्टी कलेक्टर श्री राकेश साहू सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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महासमुंद : राज्य शासन के निर्देशानुसार जिला उपभोक्ता आयोग महासमुंद द्वारा आम उपभोक्ताओं को ई-हियरिंग सुविधा के संबंध में जागरूक करने हेतु ग्राम बरोण्डा बाजार में एक दिवसीय उपभोक्ता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर पंचायत सभागृह में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला एवं पुरुष उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष श्री गोपाल रंजन पाणीग्रही ने उपस्थितजनों को ई-जागृति पोर्टल, ई-फाइलिंग एवं ई-हियरिंग की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब उपभोक्ता घर बैठे ही अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कर न्याय प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने उपभोक्ताओं के अधिकारों और कर्तव्यों के विषय में भी विस्तार से बताया।
ग्राम पंचायत बरोण्डा बाजार के सरपंच श्री लेखराज साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान समय में प्रत्येक उपभोक्ता को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना आवश्यक है। आयोग की सदस्य श्रीमती टी. दुर्गा ज्योति एवं सदस्य श्री गिरीश श्रीवास्तव ने उपभोक्ताओं के अधिकारों से संबंधित विस्तृत जानकारी साझा की। आयोग के डी.एम.ए. श्री युवराज साहू ने तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार ई-फाइलिंग प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ता अपने घर से ही शिकायत दर्ज कर सकते हैं और न्यायालय से जुड़ सकते हैं। शिविर में उपस्थित ग्रामीण महिलाओं ने उपभोक्ता अधिकारों से संबंधित जानकारी में रुचि दिखाई और इस सम्बन्ध में प्रश्न पूछे।
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बेमेतरा : जनपद पंचायत बेरला के अंतर्गत संचालित सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के पंजीकृत श्रमिकों के लिए ई-केवाईसी अभियान जारी है। इस अभियान का उद्देश्य योजना के तहत कार्यरत सभी मजदूरों का ई-केवाईसी पूर्ण कराना है, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की तकनीकी या भुगतान संबंधी कठिनाई उत्पन्न न हो।जनपद पंचायत बेरला के सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायक के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों का ई-केवाईसी कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस संबंध में सभी ग्राम पंचायतों को 25 अक्टूबर 2025 तक ई-केवाईसी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि जिन श्रमिकों का ई-केवाईसी पूर्ण नहीं होगा, उन्हें भविष्य में मनरेगा अंतर्गत कार्य करने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
ई-केवाईसी के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड एवं जॉब कार्ड शामिल हैं। मजदूर इन दोनों दस्तावेजों के साथ अपने ग्राम पंचायत कार्यालय में जाकर ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करा सकते हैं। ई-केवाईसी का विशेष महत्व इस बात में निहित है कि इससे मनरेगा योजना के लाभ का सीधा और पारदर्शी हस्तांतरण मजदूरों के बैंक खातों में किया जा सकेगा। साथ ही योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। जनपद पंचायत बेरला ने सभी जॉब कार्डधारियों से अपील की है कि वे शीघ्र अपने ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण कर लें, जिससे उनके रोजगार और भुगतान में कोई व्यवधान न हो। किसी प्रकार की समस्या या सहायता की आवश्यकता होने पर श्रमिक संबंधित ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक या सचिव से संपर्क कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, जनपद पंचायत बेरला के मनरेगा प्रकोष्ठ कार्यालय में भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है। सभी श्रमिक अपने आधार कार्ड के माध्यम से ई-केवाईसी अवश्य पूर्ण कराएं, ताकि योजना के लाभ में किसी प्रकार की बाधा न आए और उन्हें निरंतर रोजगार का लाभ मिलता रहे।
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छत्तीसगढ़ राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने की विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों और सेवाओं की समीक्षा बैठक
बेमेतरा : छत्तीसगढ़ राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरू राम निषाद ने आज जिला कार्यालय के दिशासभा कक्ष में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं, कार्यक्रमों और सेवाओं की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में उन्होंने विभागवार लक्ष्यों, कार्य योजनाओं और योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की जानकारी ली।
श्री निषाद ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए संचालित सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक सुनिश्चित रूप से पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा समाज की अंतिम पंक्ति तक योजनाओं को पहुँचाकर प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाना है ताकि सभी नागरिक सुखमय जीवन यापन कर सकें। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का प्रमुख उद्देश्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की निगरानी करना और उनमें आ रही बाधाओं को दूर करना है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित हो रही हैं, वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में समाज के सभी वर्गों - अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाएं और किसान कृ के उत्थान, विकास और कल्याण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
श्री निषाद ने कहा कि जब जिला विकसित होगा, तब राष्ट्र भी समृद्ध होगा इस अवधारणा को ध्यान में रखकर सभी अधिकारी ‘विजन छत्तीसगढ़ 2047’ के लक्ष्यों की प्राप्ति में अपनी भूमिका संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ निभाएं। उन्होंने यह भी कहा कि विकसित भारत, सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में सभी अधिकारी जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने में सक्रिय भूमिका निभाएं। बैठक में आयोग के अध्यक्ष ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सभी पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन कर उन्हें योजनाओं से लाभान्वित करें, साथ ही योजनाओं की जानकारी जनसमुदाय तक व्यापक रूप से पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में योजनाओं से वंचित नागरिकों तक पहुँच बनाना प्रशासन की जिम्मेदारी है, जिससे वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें।
इस अवसर पर आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती चंद्रकांति वर्मा ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस उद्देश्य और भावना से अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया है, उसकी पूर्ति के लिए सभी अधिकारी समर्पित भाव से कार्य करें। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग के हितग्राहियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना, उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाना और समग्र विकास सुनिश्चित करना सभी विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के सपनों को साकार करने की दिशा में सभी अधिकारी सद्भावना और समर्पण के साथ कार्य करें। बैठक में आयोग के सचिव श्री संकल्प साहू, श्री मिश्रा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रेमलता, अपर कलेक्टर श्री प्रकाश भारद्वाज सहित सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। यह बैठक न केवल योजनाओं की समीक्षा का माध्यम बनी, बल्कि अधिकारियों के लिए समाज के वंचित वर्गों के कल्याण हेतु संवेदनशील और जिम्मेदार दृष्टिकोण अपनाने का भी प्रेरणास्रोत बनी। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ प्रेमलता पदमाकर, सर्व एसडीएम सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे।
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बेमेतरा : दीपावली के पावन पर्व के अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर बेमेतरा में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत एक विशेष “दीपावली मेला स्टॉल” का आयोजन किया गया। इस स्टॉल का संचालन जिला पंचायत बेमेतरा द्वारा किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न विकासखंडों में सक्रिय स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों द्वारा स्वयं निर्मित सामग्री का प्रदर्शन एवं विक्रय किया गया। मेले में ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गए पारंपरिक एवं आकर्षक उत्पाद जैसे - अगरबत्ती, धूपबत्ती, दिया-बत्ती, फैंसी दीये, एवं मिट्टी से निर्मित दीपावली सजावट की वस्तुएँ प्रदर्शित की गईं। इन हस्तनिर्मित वस्तुओं ने न केवल पारंपरिक कला का परिचय दिया, बल्कि ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की भावना को भी उजागर किया।
यह स्टॉल 15 एवं 16 अक्टूबर 2025 को संचालित किया जा रहा है। आयोजन के पहले दिन, 15 अक्टूबर को कुल ₹5,900 की सामग्री का सफल विक्रय हुआ, जिससे महिलाओं में उत्साह और आत्मविश्वास देखने को मिला। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरू राम निषाद ने स्टॉल का भ्रमण कर स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की सराहना की और बनाये गए उत्पादों का क्रय भी किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और स्थानीय उत्पादों को बाजार से जोड़ने का एक उत्कृष्ट माध्यम हैं। उनके साथ श्रीमती चंद्रकांति वर्मा, उपाध्यक्ष एवं श्री संकल्प साहू, सचिव भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में उपस्थित जिला पंचायत एवं महिला स्व-सहायता समूहों के प्रतिनिधियों ने बताया कि इस पहल से समूह की महिलाओं को अपने उत्पादों के लिए एक सशक्त विपणन मंच मिला है। आने वाले समय में ऐसे आयोजनों के माध्यम से जिले के अन्य समूहों को भी प्रोत्साहन देने की योजना है। इस आयोजन ने “बिहान” मिशन के उस उद्देश्य को साकार किया है, जिसके अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर, सशक्त एवं आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है।
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बेमेतरा : ग्राम देवरी, परियोजना बेरला, जिला बेमेतरा की रहने वाली लीला निषाद आज अपने गाँव की अन्य महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं। कभी कुपोषण और एनीमिया से जूझने वाली लीला अब स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार की मिसाल हैं और इसका श्रेय वह राष्ट्रीय पोषण माह अभियान को देती हैं, जिसने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।
शुरुआती जीवन और संघर्ष
लीला निषाद की शादी वर्ष 2016 में ग्राम देवरी निवासी भागीरथी निषाद के साथ हुई थी। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी - पति मजदूरी कर किसी तरह घर चलाते थे। विवाह के एक वर्ष बाद लीला गर्भवती हुईं, लेकिन उचित जानकारी, पोषण और देखभाल के अभाव में उन्होंने अस्वस्थ एवं कुपोषित बच्चे को जन्म दिया। दुर्भाग्यवश, जन्म के कुछ दिनों बाद ही बच्चे की मृत्यु हो गई। इस घटना से लीला मानसिक रूप से टूट गईं और धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य भी गिरने लगा। जांच के दौरान पता चला कि वह एनीमिया से ग्रस्त हो चुकी हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से मिली नई दिशा
एक दिन उनके गाँव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती अमरौतिन साहू ने उन्हें घर के बाहर बुलाया और कहा कि “आज आंगनबाड़ी केंद्र में राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत पोषण मेले का आयोजन किया गया है, जिसमें सभी ग्रामवासी आमंत्रित हैं। पहले तो लीला झिझकीं, लेकिन कार्यकर्ता दीदी के आग्रह पर वे आंगनबाड़ी केंद्र पहुँचीं। वहाँ उन्होंने पहली बार हरी सब्जियों, अनाज, दालों, फलों और स्थानीय पौष्टिक खाद्य पदार्थों की सुंदर प्रदर्शनी देखी।
पोषण मेले में स्वास्थ्य कर्मियों व कार्यकर्ताओं ने समझाया कि गर्भवती महिला के लिए संतुलित आहार कितना आवश्यक है। आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड व एल्बेन्डाजोल जैसी दवाओं का नियमित सेवन क्यों ज़रूरी है। स्वच्छता, हाथ धोने की आदत और समय पर जांच कराने के लाभ क्या हैं। इस कार्यक्रम से लीला को यह एहसास हुआ कि कुपोषण और बीमारी अज्ञानता से पैदा होती है, और जानकारी ही सबसे बड़ा इलाज है। उन्होंने तय किया कि अब से वह संतुलित आहार और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देंगी।
इसके बाद लीला नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्र आने लगीं। वे पोषण माह की हर गतिविधि जैसे पोषण परामर्श सत्र, हरी सब्जी प्रतियोगिता, पौष्टिक आहार प्रदर्शनी में उत्साहपूर्वक भाग लेने लगीं। धीरे-धीरे उनके व्यवहार, सोच और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आने लगा। वर्ष 2019 में जब लीला पुनः गर्भवती हुईं, तब वे तीन माह की गर्भवती थीं। लेकिन इस बार वे पहले से तैयार थीं। उन्होंने संतुलित आहार लिया, नियमित टीकाकरण कराया, आयरन व कैल्शियम सप्लीमेंट का सेवन किया, और सबसे महत्वपूर्ण स्वच्छता व स्वास्थ्य को जीवन का हिस्सा बना लिया।
31 मार्च 2020 को लीला ने एक स्वस्थ बालिका को जन्म दिया। बच्ची को गोद में लेते हुए उनकी आँखों में खुशी के आँसू थे। उन्होंने मन ही मन कहा सचमुच राष्ट्रीय पोषण माह ने मुझे नई जिंदगी दी है। यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है जिसने हमारे गाँव की महिलाओं को स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखाया है। आज लीला निषाद न केवल स्वयं स्वस्थ व आत्मनिर्भर हैं, बल्कि वे अन्य महिलाओं को भी पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती हैं। वे हर वर्ष राष्ट्रीय पोषण माह के आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभाती हैं और अपने अनुभव साझा करती हैं। उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि जब सरकार की योजनाएं जनसहभागिता से जुड़ती हैं, तो वे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती हैं।
राष्ट्रीय पोषण माह अभियान ने लीला निषाद जैसी कई महिलाओं के जीवन में नई रोशनी लाई है। यह केवल पोषण का पर्व नहीं, बल्कि स्वस्थ भारत की दिशा में सामूहिक संकल्प का प्रतीक बन चुका है।
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श्रीमती वीणा त्रिपाठी ने लगाया 3 किलोवाट का सोलर रूफटॉप, केंद्र और राज्य सरकार की डबल सब्सिडी से मिला लाभ
बेमेतरा : प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने आम नागरिकों के जीवन में बड़ा परिवर्तन लाया है। यह योजना अब महिलाओं को भी ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त बना रही है। बेमेतरा शहर के बस स्टैंड क्षेत्र की निवासी श्रीमती वीणा त्रिपाठी ने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर रूफटॉप प्लांट स्थापित कर न केवल बिजली बिल में राहत पाई, बल्कि अब वे स्वयं ‘ऊर्जा दाता’ बन गई हैं। सिर्फ एक माह में उनके सोलर प्लांट ने 300 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन किया है। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजने से उन्हें आय का भी लाभ मिलेगा। “अब हर माह बिजली बिल की चिंता खत्म हो गई है, बल्कि सौर ऊर्जा से होने वाली आमदनी परिवार की बचत में सहायक है,” श्रीमती त्रिपाठी ने मुस्कुराते हुए कहा।
डबल सब्सिडी से दुगुना लाभ
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत 3 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट पर केंद्र सरकार से ₹78,000 तथा राज्य सरकार से ₹30,000 की सब्सिडी प्राप्त होती है। इस प्रकार उपभोक्ता को कुल ₹1,08,000 की आर्थिक सहायता मिलती है। डबल सब्सिडी के कारण अब उपभोक्ताओं के लिए सौर ऊर्जा अपनाना आसान हो गया है, जिससे बिजली पर निर्भरता घट रही है। हर घर बनेगा ऊर्जा उत्पादन केंद्र श्रीमती त्रिपाठी का कहना है कि “यदि हर घर इस योजना का लाभ उठाए, तो बेमेतरा जिला स्वयं बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सकता है।” उन्होंने बताया कि यह योजना न केवल बिजली बिल में राहत देती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान सुनिश्चित करती है।योजना का लाभ कैसे लें
योजना का लाभ लेने के लिए नागरिक https://pmsuryaghar.gov.in पोर्टल पर जाकर अपनी बिजली उपभोक्ता संख्या और मोबाइल नंबर से पंजीकरण कर सकते हैं। इसके बाद अधिकृत वेंडर का चयन कर सोलर रूफटॉप प्लांट स्थापित किया जा सकता है। उपभोक्ताओं को वेंडर बदलने की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में सार्थक पहल
केंद्र एवं राज्य सरकार की यह संयुक्त पहल छत्तीसगढ़ को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध हो रही है। “हर घर सौर - हर घर रोशन” का लक्ष्य अब साकार हो रहा है, और श्रीमती वीणा त्रिपाठी जैसी प्रेरक महिलाएं इस परिवर्तन की मिसाल बन रही हैं।मुख्य बिंदु
केंद्र और राज्य सरकार से कुल ₹1,08,000 की सब्सिडी, 3 किलोवाट सोलर रूफटॉप से प्रति माह 300$ यूनिट उत्पादन, बिजली बिल से राहत और अतिरिक्त आमदनी का अवसर, महिला उपभोक्ता बनीं ‘ऊर्जा दाता’ आत्मनिर्भरता की ओर सशक्त कदम योजना से ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा -
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कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देशन में बेमेतरा जिले में जल संरक्षण कार्यों को नई दिशा
ग्राम पंचायत तिलई में डबरी निर्माण से बढ़ी सिंचाई सुविधा - हितग्राही किसानों ने बदली अपनी आर्थिक स्थिति
बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के निर्देशन एवं नेतृत्व में बेमेतरा जिले में जल संरक्षण और ग्रामीण रोजगार सृजन के लिए निरंतर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। जिले में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत विभिन्न ग्राम पंचायतों में तालाब निर्माण, गहरीकरण, रिचार्ज पिट, बोल्डर चेकडैम, स्टॉपडैम, एवं डबरी निर्माण जैसे कार्यों को प्राथमिकता से कराया जा रहा है। इन कार्यों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अंचलों में जल संवर्धन, सिंचाई सुविधा का विस्तार और कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना है। इसी क्रम में जनपद पंचायत बेरला के ग्राम पंचायत तिलई में भी जल संरक्षण संबंधी कार्यों के अंतर्गत डबरी निर्माण कराया गया। इस कार्य से ग्राम के किसानों को सिंचाई सुविधा प्राप्त हुई, जिससे उनकी कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
ग्राम पंचायत तिलई के कृषक श्री महेन्द्र और श्री राकेश कुमार ने बताया कि पहले वे वर्षा पर निर्भर खेती करते थे। बेमौसम बारिश और पानी की कमी के कारण हर साल फसलें खराब हो जाती थीं, जिससे आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं रह जाता था। जब ग्राम सभा में मनरेगा के तहत हितग्राही मूलक डबरी निर्माण की जानकारी दी गई, तो उन्होंने आवेदन कर योजना का लाभ लेने का निर्णय लिया। ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव तैयार कर जनपद पंचायत बेरला को प्रेषित किया गया, स्वीकृति के पश्चात् कार्य प्रारंभ हुआ। डबरी निर्माण पूर्ण होने के बाद अब किसान अपने खेतों की सिंचाई स्वयं के जलस्रोत से कर पा रहे हैं। साथ ही डबरी में मछली पालन भी शुरू किया गया है, जिससे आय के अतिरिक्त साधन उपलब्ध हुए हैं। ग्रामीणजन बताते हैं पहले खेती केवल एक सीजन में ही होती थी, अब पूरे वर्ष भर सब्जी, धान और तिलहन की फसलें ले पा रहा हूँ। डबरी निर्माण से खेतों में नमी बनी रहती है और सिंचाई की दिक्कत खत्म हो गई है। मछली पालन से भी आमदनी बढ़ी है। अब मैं अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ बचत भी कर पा रहा हूँ। ग्रामीण श्री राकेश ने बताया कि डबरी से उनके खेतों में पानी की उपलब्धता बढ़ने से उत्पादन में लगभग 30-40% की वृद्धि हुई है। अब वे गांव के अन्य किसानों को भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने कहा कि जल संरक्षण बेमेतरा जिले की विकास नीति का एक प्रमुख हिस्सा है। जिले के सभी जनपद पंचायतों में जल स्रोतों के संरक्षण, पुनर्भरण एवं विस्तार के लिए मनरेगा और अन्य विभागीय योजनाओं के माध्यम से कार्य किए जा रहे हैं। इन कार्यों से ग्रामीणों को न केवल रोजगार मिला है बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है। हमारा उद्देश्य ‘हर खेत को पानी’ और ‘हर हाथ को काम’ के लक्ष्य को साकार करना है। मनरेगा के साथ-साथ जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से जिले के कई ग्रामों में तालाब गहरीकरण, सोख्ता गड्ढा निर्माण, जल पुनर्भरण संरचना एवं नाला रोक बांध (नाला बंधन) जैसे कार्य भी किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से भूमिगत जलस्तर में वृद्धि, सिंचाई क्षमता विस्तार और पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिला है। बेमेतरा जिला प्रशासन द्वारा संचालित यह अभियान जल संरक्षण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रेरक उदाहरण बन रहा है।
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बिलासपुर : छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, बिलासपुर क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत अब तक 5 हजार 969 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 930 उपभोक्ताओं के यहां सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि 628 उपभोक्ताओं को उनकी सब्सिडी की राशि का भुगतान शासन द्वारा कर दिया गया है। योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए क्षेत्र के विभिन्न कार्यालयों में कार्यशालाएं और शिविरों का आयोजन लगातार किया जा रहा है। कार्यपालक निदेशक श्री ए. के. अम्बस्थ ने योजना के सफल और त्वरित क्रियान्वयन हेतु अधीक्षण अभियंताओं, कार्यपालन अभियंताओं एवं सोलर वेंडरों को निर्देशित किया है कि वे सम्मिलित प्रयासों से लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित करें। उन्होंने विशेष रूप से उन उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने पर बल दिया है, जिन्होंने पूर्व में पंजीयन कराया है, ताकि शीघ्र सोलर प्लांट स्थापना का कार्य पूरा हो सके।
श्री अम्बस्ट ने बताया कि बिलासपुर रीजन में प्राप्त 5969 आवेदनों में से कोरबा वृत्त के 1395, बिलासपुर नगर वृत्त के 1526 तथा बिलासपुर (संचा./संधा.) वृत्त के 3048 उपभोक्ता सम्मिलित हैं। इनमें से 930 उपभोक्ताओं के घरों में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं और 628 उपभोक्ता शासन की सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। सोलर प्लांट स्थापना के सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं। बिलासपुर रीजन के 21 उपभोक्ताओं के बिजली बिल अब “जीरो बिल” में परिवर्तित हो गए हैं, जिससे योजना की सफलता और उपयोगिता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।
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बिलासपुर ; एकीकृत बाल विकास परियोजना तखतपुर अंतर्गत वार्ड क्रमांक 7 में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र 7-1 में आंगनबाड़ी सहायिका के रिक्त पद की पूर्ति हेतु आवेदन मंगाए गए थे। प्राप्त आवेदनों की जांच कर अनंतिम सूची जारी कर दी गई है। जिसका अवलोकन एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय तखतपुर, नगर पालिका परिषद तखतपुर, आंगनबाड़ी केंद्र 7-1 में किया जा सकता है। जारी सूची के संबंध में दावा-आपत्ति 24 अक्टूबर तक प्रस्तुत किये जा सकते है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बिलासपुर : कभी बारिश की बूंदों से टपकती छत और मिट्टी की दीवारों के बीच जीवन गुज़ार रही धुरीपारा मंगला की दुलारी के जीवन में एक बड़ी खुशहाली आई है ,प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनका पक्का आशियाना बना है, इस बार वे पहली बार अपने पक्के घर में दिवाली मनाएंगी इससे उनके त्यौहार का उत्साह दुगुना हो गया है। योजना के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताया है।
धुरीपारा मंगला की दुलारी अपने परिवार के साथ वर्षों से एक कच्चे घर में रह रही थीं। बरसात के दिनों में घर में पानी भर जाता था और दीवारों पर नमी से रहना मुश्किल हो जाता था। आमदनी इतनी नहीं थी कि पक्का घर बनवा सकें ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत उन्हें सरकारी सहायता मिली, पति स्वयं राज मिस्त्री हैं उन्होंने स्वयं अपना मजबूत घर बना लिया है। उनका नया घर न केवल सुरक्षा का प्रतीक है बल्कि आत्मनिर्भरता का भी, इस बार वे पहली बार अपने पक्के घर में दिवाली मनाएंगी ये उनके लिए बड़ी खुशी है। दुलारी खुश होकर बताते हैं कि अब बच्चों के लिए एक अलग कमरा है, रसोई साफ-सुथरी है और बरसात का डर खत्म हो गया है। घर में बिजली, पानी और शौचालय की सुविधा ने उनके जीवन को आसान बना दिया है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी से कई गरीब परिवारों को लाभ मिला है, जिससे उन्हें कच्चे घर की मुश्किलों से निजात मिली है।




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