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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बलरामपुर : अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1995 के तहत अत्याचार के मामलों मे प्रभावी कार्रवाई के लिए जिला स्तर पर गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती हीरामुनी निकुंज एवं कलेक्टर श्री राजेंद्र कटारा की उपस्थिति में संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विश्व दीपक त्रिपाठी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सुश्री समीक्षा जायसवाल, जिला पंचायत सदस्य, सहित समिति के सदस्यगण उपस्थित रहे। बैठक में अधिनियम के तहत आवश्यक पहलुओं एवं दर्ज प्रकरणों की समीक्षा किया गया।जिसमें अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम एवं नियम के तहत प्राप्त कुल 16 मामलों को समिति के समक्ष विचार विमर्श के लिए रखा गया। समिति के द्वारा सभी मामलों पर क्रमबद्ध समीक्षा की गई। समिति द्वारा सर्वसम्मति से प्राप्त सभी प्रस्तावों का अनुमोदन करते हुए बैठक में अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार पीड़ित लोगों की सहायतार्थ दर्ज प्रकरणों के कुल 16 अनुसूचित जनजाति प्रकरणों में 21 लाख आर्थिक सहायता स्वीकृत करने का सर्वसहमति से निर्णय लिया गया। साथ ही बैठक में अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई। समिति के सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को भी अवगत कराया, जिस पर कलेक्टर ने शीघ्र निराकरण करने की बात कही। -
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महासमुन्द : अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) बागबाहरा श्री उमेश साहू के निर्देशानुसार शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में आज तहसीलदार बागबाहरा श्री जुगल किशोर पटेल के नेतृत्व में राजस्व विभाग और पुलिस बल की संयुक्त कार्रवाई के तहत बागबाहरा तहसील के खसरा नंबर 49 में घास मद की शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाया गया।
अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही
उक्त भूमि पर हीरेन्द्र देवांगन सहित अन्य तीन व्यक्तियों द्वारा मकान एवं बाड़ी बनाकर अवैध कब्जा किया गया था। अतिक्रमणकारियों को पूर्व में ही नोटिस दिया गया था, किंतु आदर्श आचार संहिता प्रभावशील होने के कारण उस समय कार्रवाई स्थगित कर दी गई थी। आज, 20 मार्च को तहसीलदार श्री जुगल किशोर पटेल, राजस्व निरीक्षक, हल्का पटवारी, नगर पालिका अमला तथा राजस्व विभाग की टीम ने पुलिस बल की उपस्थिति में इस अतिक्रमण को हटा दिया। एसडीएम श्री उमेश साहू ने बताया कि कलेक्टर श्री विनय लंगेह के निर्देशानुसार शासकीय भूमि पर किए गए सभी अतिक्रमणों को हटाने की सतत कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और प्रशासन की यह मुहिम आगे भी जारी रहेगी। -
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जशपुर : कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने प्राकृतिक आपदा में जनहानि के एक मामले में प्रभावित परिजन को आर.बी.सी. 6-4 के तहत् 04 लाख रुपए की आर्थिक सहायता अनुदान राशि की स्वीकृत दी है। कांसाबेल तहसील अंतर्गत ग्राम कुसुमताल निवासी ओमेगा एक्का का सांप के काटने से 17 जुलाई 2024 को मृत्यु हो गई। मृतक के निकटतम वारिस उनके पिता उत्तम दान बाई हेतु 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की गई है। -
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भोजन, पार्किंग, चिकित्सा सुविधा, शौचालय, खोया पाया केंद्र नक्शा में दर्शाया गयाजशपुर : कुनकुरी के मयाली में विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ के पास महाशिवपुराण कथा का आयोजन 21 से 27 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है। प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी के द्वारा महाशिवपुराण कथा सुनाया जाएगा कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन ने ले आउट तैयार किया है। ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न होने पाए जिसमें भोजन, पार्किंग, शौचालय , पेयजल, खोया पाया केंद्र, लोगों के लिए अस्पताल की सुविधा, सहित महत्वपूर्ण जानकारी ले आउट में दर्शाया गया है। -
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210 नये किसानों को समितियों में नवीन सदस्य के रूप में किया गया शामिलजशपुर : अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के लिए जारी कैलेंडर अनुसार जिले के 24 आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों में पैक्स में नवीन सदस्य बनाये जाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन संबंधित समिति मुख्यालयों में किया गया। कार्यक्रम में जिले के 24 समितियों द्वारा समितियों में जो किसान सदस्य नहीं है उनको नवीन सदस्य बनाया गया। इनमें कुल 210 नये किसानों को समितियों में नवीन सदस्य के रूप में शामिल किया गया।जिले के समितियों में सदस्य बनने के बाद नये सदस्य किसानों को भी पुराने सदस्य किसानों की भांति समितियों से मिलने वाली सुविधाओं जैसे उपचारित बीज, रासायनिक खाद, 0 प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण, समर्थन मूल्य पर धान बिक्री के साथ अन्य सुविधाओं का लाभ मिलने के संबंध में विस्तार से जानकारी दिया गया। उक्त कार्यक्रम में जिले के सभी समितियों के प्रबंधक एवं कर्मचारी तथा सहकारिता विभाग एवं अपेक्स बैंक के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। -
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कोरिया : राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विश्व ग्लूकोमा सप्ताह के अवसर पर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्लूकोमा (कांच बिंद/काला मोतियाबिंद) को लेकर जागरूकता और निःशुल्क नेत्र जांच अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिला अस्पताल एवं विकासखंड स्तर पर विशेषज्ञों की टीम मरीजों की स्क्रीनिंग और जांच कर रही है। 9 मार्च से 17 मार्च तक जिले में ग्लूकोमा सप्ताह के तहत 960 मरीजों की आखों की जांच किया गया, जिसमें 4 ग्लूकोमा के मरीज पाए गए वहीं 8 मरीजों को ग्लोकोमा होने की संभावना है। इसके अलावा मोतियाबिंद 52, ड्राई आई 11, रेडनेस 15, वाटरिंग आई 12 व अन्य 114 मरीज आंखों की अलग-अलग परेशानी से पीड़ित हैं।
40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की प्राथमिकता से जांचविशेषज्ञों के अनुसार, ग्लूकोमा 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अधिक पाया जाता है, खासकर उन व्यक्तियों में जिनके परिवार में पहले से यह बीमारी रही हो। इस रोग के शुरुआती चरण में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, जिससे मरीज को देर से पता चलता है और उपचार में देरी के कारण रोशनी जाने का खतरा बढ़ जाता है।
ग्लूकोमा के प्रमुख लक्षण-आंखों में तेज दर्द और बल्ब के चारों ओर रंगीन गोले दिखना। दृष्टि धीरे-धीरे कम होना या धुंधलापन महसूस होना। चश्मे का नंबर बार-बार बदलना। सिरदर्द, आंखों में भारीपन, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों में अधिक जोखिम होते हैं।
जिले के सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क नेत्र जांच, स्क्रीनिंग और उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह ने जिलेवासियों से अपील की है कि वे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी आंखों की जांच कराएं और समय रहते ग्लूकोमा का इलाज कराएं। स्वास्थ्य विभाग की विशेषज्ञ टीमें लगातार गांवों और शहरों में नेत्र जांच शिविर आयोजित कर रही हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इस बीमारी की पहचान कर समय पर उपचार प्राप्त कर सकें। जागरूकता ही बचाव है और समय पर जांच कराने से आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है। -
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आधार व राशनकार्ड से बनेगा आयुष्मान वय वंदना कार्डकोरिया : जिला प्रशासन द्वारा 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान वय वंदना योजना के तहत कार्ड बनाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के निर्देशानुसार एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह के मार्गदर्शन में जिला एवं ब्लॉक स्तर की टीमें स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ घर-घर जाकर सर्वे एवं पंजीयन कर रही हैं।
आधार कार्ड एवं राशन कार्ड के आधार पर मिलेगा लाभइस योजना के तहत 70 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के सभी नागरिक अपने आधार कार्ड और राशन कार्ड के आधार पर आयुष्मान वय वंदना कार्ड बनवा सकते हैं। इस कार्ड के माध्यम से अस्पताल में भर्ती होने पर 5 लाख रुपए तक का निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। प्रशासन का लक्ष्य है कि जिले के हर पात्र व्यक्ति को इस योजना से जोड़ना है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह ने जिलेवासियों से अपील की है कि वे अपने क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर अपना आयुष्मान वय वंदना कार्ड बनवाएं और इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ उठाएं। जिला प्रशासन द्वारा इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। यह योजना वरिष्ठ नागरिकों को आर्थिक एवं चिकित्सा सुरक्षा प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है। -
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बलरामपुर : कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा के निर्देशानुसार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कुसमी श्री करूण डहरिया की अध्यक्षता में अनुभाग कुसमी अंतर्गत नव निर्वाचित सरपंचों हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। उक्त कार्यशाला में सरपंचों को छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 के प्रमुख प्रावधानों से अवगत कराया गया। साथ ही सरपंचों को पंचायतों के काम-काज एवं सम्मिलन के प्रक्रिया व नियम के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।पंचायत को किस प्रकार से कार्य करना चाहिए, वित्तीय आहरण इत्यादि के संबंध में भी बताया गया। इस अवसर पर सरपंचों ने अपने अनुभव साझा किए एवं पंचायत संचालन हेतु अपनी कार्ययोजना से भी उपस्थित अधिकारियों को अवगत कराया। इस अवसर पर जनपद पंचायत कुसमी के सीईओ श्री अभिषेक पाण्डेय सहित विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। -
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मनरेगा के तहत लखपति दीदीयों को मिलेंगे नए अवसर, आजीविका होगी सशक्तबलरामपुर : जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर की अध्यक्षता में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ के अंतर्गत जिला स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन जिला पंचायत के सभाकक्ष में किया गया। बैठक में सीईओ श्रीमती तोमर ने परियोजना की प्रगति की गहन समीक्षा की। साथ ही उन्होंने संगठन निर्माण, लखपति दीदी योजना, लोक ऑपरेटिंग सिस्टम (लोकोस) में डाटा प्रविष्टि और 10 किसान उत्पादक संगठनों के विकास विषयों की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।बैठक में सीईओ श्रीमती तोमर ने बिहान के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और पीआरपी को स्पष्ट निर्देश दिये कि वे राज्य शासन की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए कार्य करें। उन्होंने कहा कि जिन समूह के सदस्यों का प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास स्वीकृत हो चुका है, उन्हें प्रेरित किया जाए ताकि वे अपने आवास का निर्माण शीघ्र पूरा करें। इससे न केवल उन्हें सुरक्षित आवास मिलेगा, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
‘बिहान’ मिशन के तहत प्राथमिकता वाले कार्यों की समीक्षा करते हुए सीईओ श्रीमती तोमर ने समुहों में नए सदस्यों को जोड़ने, ग्राम संगठन और संकुल संगठन स्तर पर लोक ऑपरेटिंग सिस्टम में डाटा प्रविष्टि करने और क्लस्टर के कट-ऑफ ट्रांजेक्शन को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही लखपति दीदी योजना को और प्रभावी बनाने के लिए चिन्हित लाभार्थियों के साथ मिलकर व्यक्तिगत और सामूहिक योजनाएं तैयार करने को कहा। वित्तीय वर्ष के अंत तक निर्धारित लक्ष्यों को शत-प्रतिशत हासिल करने के लिए सीईओ श्रीमती तोमर ने बैंक लिंकेज और अन्य सभी गतिविधियों को प्राथमिकता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि लखपति दीदी योजना के तहत लाभार्थियों को मनरेगा के माध्यम से मुर्गी एवं बकरी पालन शेड और अन्य व्यक्तिगत आजीविका गतिविधियों का लाभ दिलाने के लिए कैडर सक्रिय भूमिका निभाते हुए इसके लिए मांग पत्र और आवश्यक दस्तावेज तैयार कर जनपद कार्यालय में जमा करने की प्रक्रिया को तेज करने को कहा। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से राजमिस्त्री प्रशिक्षण देने को कहा। ताकि ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके। बैठक में जिला मिशन मैनेजर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक, एरिया कोऑर्डिनेटर और पीआरपी सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। -
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उन्होंने समाज सेवा करते हुए व्यक्तित्व के विकास की बात कही। उन्होंने बताया कि शासकीय पॉलीटेक्निक रामानुजगंज को प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का जिला स्तर पर नोडल संस्था बनाया गया है, इसलिए शिविर के दौरान इस योजना के संबंध में लोगों में जागरूकता लायी जायेगी। योजना के अंतर्गत 21 से 24 वर्ष आयु के पात्र अभ्यर्थी का पहचान कर पीएमआईएस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और प्रोफाइल कंप्लीट कर उचित स्थान एवं कंपनी पर इंटर्नशिप हेतु सहायता दी जाएगी। प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को कंप्यूटर लैपटॉप, स्मार्टफोन का आधारभूत संचालित करना बताया जाएगा। तकनीकी शिक्षा जागरूकता अभियान के अंतर्गत पॉलीटेक्निक संस्थाओं में प्रवेश हेतु आयोजित प्री पॉलीटेक्निक टेस्ट हेतु स्कूली विद्यार्थियों एवं उनके पालकों को जागरूक किया जायेगा।
संस्था के प्रभारी कार्यक्रम अधिकारी श्री उमाशंकर यादव ने बताया कि सात दिवसीय शिविर जिसका थीम डिजिटल साक्षरता युवा है। शिविर में प्रतिदिन सुबह शारीरिक व्यायाम और योगाभ्यास किया जाएगा। उसके बाद बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, नशा मुक्त भारत, मतदाता जागरूकता, ग्रामीण डिजिटल साक्षरता पर आधारित प्रभात फेरी निकाली जाएगी। परियोजना कार्य में गांव के सार्वजनिक स्थलों की साफ सफाई की जाएगी। स्वच्छता अभियान के अंतर्गत जागरूकता हेतु नुक्कड़ नाटक का मंचन भी किया जाएगा।सामाजिक जागरूकता आधारित वाल पेंटिंग किया जाना हैं। पर्यावरण संतुलन हेतु चिन्हित ग्रामीण घरों में वृक्षारोपण किया जाएगा। माध्यमिक विद्यालय आरागाही के विद्यार्थियों हेतु पिट्दुल, चम्मस दौड, कुर्सी दौड़ जैसे देशी खेल का आयोजन किया जाएगा, जिससे कि उनमें एकता और अनुशासन की भावना विकसित हो। शिक्षा मित्र योजना के अंतर्गत माध्यमिक विद्यालय के कक्षा 6वी और 7वीं के विद्यार्थियों हेतु हमारे स्वयंसेवकों द्वारा पठन पाठन का कार्य किया जाएगा। -
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युवाओं को मिलेगा राज्य विधानसभा और संसद में विचार रखने का सुनहरा अवसरबलरामपुर : युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में विकसित भारत युवा संसद 2025 का आयोजन तीन चरणों में किया जा रहा है। इस श्रृंखला का जिला स्तरीय युवा संसद कार्यक्रम 25 मार्च 2025 को नोडल संस्था शासकीय महाविद्यालय बलरामपुर में आयोजित होगा। कार्यक्रम में सरगुजा, जशपुर और बलरामपुर तीन जिलों के 101 प्रतिभागी भाग लेंगे। भारत सरकार ने शासकीय महाविद्यालय बलरामपुर को नोडल संस्था के रूप में चिन्हित किया है।संस्था के नोडल प्राचार्य श्री एन. के. देवांगन ने बताया कि वर्ष 2047 के विकसित भारत विजन में युवाओं के सक्रिय योगदान को ध्यान में रखते हुए यह मंच युवाओं को दिया जा रहा है, ताकि वे देश के विकास पर अपने विचार प्रकट कर सकें। चयनित प्रतिभागियों को राज्य की विधानसभा और देश की संसद में विकसित भारत विजन 2047 पर बोलने का अवसर प्राप्त होगा।
प्रतियोगिता का प्रारूप एवं चरणप्रतियोगिता का तृतीय चरण जिला स्तरीय पर 25 मार्च 2025 को प्रातः 09:30 बजे से शासकीय महाविद्यालय बलरामपुर के संयोजकत्व में बाजारपारा स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा। बलरामपुर, सरगुजा एवं जशपुर जिले के प्रतिभागियों द्वारा 26 फरवरी से 16 मार्च 2025 तक अपलोड किए गए वीडियो स्क्रीनिंग के पश्चात 101 प्रतिभागियों का चयन किया गया है। चयनित प्रतिभागियों को ‘‘एक देश एक चुनाव’’ विकसित भारत की ओर बढ़ता कदम विषय पर 3 मिनट तक अपने विचार प्रस्तुत करने होंगे। निर्णायक मंडल द्वारा निर्धारित मानदंडों के आधार पर श्रेष्ठ 10 प्रतिभागियों को चयनित किया जाएगा, जो राज्य स्तरीय (राज्य विधानसभा) प्रतियोगिता के लिए चयनित होंगे।
राज्य स्तरीय युवा संसद में प्रतिभागियों को ‘‘हमारे संविधान के 75 वर्ष अधिकारों, कर्तव्यों और प्रगति की यात्रा अथवा संविधान के 11 संकल्प भारत के संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने की शपथ’’ इन दो में से किसी एक विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करने होंगे। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के प्रथम तीन प्रतिभागी राष्ट्रीय स्तर (संसद) के लिए चयनित किए जाएंगे। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का विषय होगा एक देश, एक चुनावः लोकतंत्र को सुगम व सरल बनाना, प्रगति को बढ़ाना एवं स्थिरता सुनिश्चित करना।
प्रतियोगिता के तहत प्रतिभागियों का मूल्यांकन निर्णायक मण्डल द्वारा विभिन्न मापदंडों के आधार पर किया जाएगा। विषय की समझ, स्पष्टता और संरचना, नवाचार और रचनात्मकता, मौखिक संप्रेषण और शारीरिक भाषा विषय की प्रासंगिकता, सामग्री की गुणवत्ता और समय सीमा। यह प्रतियोगिता युवाओं को वर्ष 2047 के विकसित भारत के विजन में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने का अवसर प्रदान करेगी। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना, नेहरू युवा केंद्र और उच्च शिक्षा विभाग के सहयोग से किया जाएगा। -
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कलेक्टर श्री शर्मा ने देवकर और मोहभट्टा परीक्षा केंद्र में परीक्षा का निरीक्षण कियाबेमेतरा : लोक शिक्षण संचालनालय, नवा रायपुर छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित कक्षा 5वीं की केन्द्रीकृत परीक्षा 2025 के अंतर्गत आज 17 मार्च 2025 को गणित विषय की परीक्षा आयोजित की गई। परीक्षा 858 परीक्षा केन्द्रों में सुचारू रूप से संपन्न हुई। आज आयोजित परीक्षा में कुल पंजीकृत 15,750 विद्यार्थियों में से 15,283 विद्यार्थी उपस्थित रहे, जबकि 437 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। परीक्षा की निष्पक्षता एवं सुचारू संचालन हेतु जिला प्रशासन बेमेतरा द्वारा गठित निरीक्षण दलों ने विभिन्न परीक्षा केंद्रों का सघन निरीक्षण किया। कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा द्वारा शासकीय प्राथमिक शाला देवकर एवं शासकीय नवीन प्राथमिक शाला मोहभट्टा रोड, बेमेतरा का निरीक्षण किया गया।वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. कमल कपूर बंजारे ने शासकीय प्राथमिक शाला नांदघाट और शासकीय प्राथमिक शाला झाल का जायजा लिया। इसी क्रम में श्री एस.पी. कोशले, प्राचार्य, ने सी.बी.एस.ई. शासकीय प्राथमिक शाला बेमेतरा का निरीक्षण किया। परीक्षा केन्द्राध्यक्षों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हुई। परीक्षा के दौरान नकल या अन्य किसी भी प्रकार की अनुचित घटना की सूचना प्राप्त नहीं हुई| जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि आज 10 वीं बोर्ड की सामाजिक विज्ञान विषय की परीक्षा भी शांति पूर्वक सम्पन्न हुई। -
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पेयजल समस्या के त्वरित समाधान पर जोर
कोरिया : कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी की अध्यक्षता में आज जिला स्तरीय समय-सीमा बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न विभागों की लंबित योजनाओं और प्रकरणों की समीक्षा की गई। बैठक में कलेक्टर ने आगामी गर्मी को देखते हुए जिले में पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दूरस्थ स्वास्थ्य केंद्रों, आश्रम-शालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में समुचित पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। बिगड़े हुए हैंडपंपों को तत्काल सुधारने और पेयजल आपूर्ति में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश भी दिए गए।ग्रीष्मकाल को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देश दिया कि वे पिछले वर्ष की समस्याओं का आकलन करें और इस बार पहले से ही समाधान सुनिश्चित करें। खराब पंपों और स्टार्टर्स को समय पर ठीक करने को कहा।
बैठक में कलेक्टर ने आयुष्मान कार्ड और राशन कार्ड की सूची के आनुपातिक अध्ययन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं में राशन कार्ड की सूची पढ़वाई जाए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कौन गांव में रहता है और कौन नहीं। इसके बाद फिजिकल वेरिफिकेशन कर आयुष्मान कार्ड की स्थिति को सुधारा जाए।
अंत्यावसायी योजना के तहत दिए गए ऋण की वसूली पर जोर देते हुए कलेक्टर ने तहसीलदारों को निर्देश दिया कि जो हितग्राही बकाया राशि जमा करने में टालमटोल कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पंचायत के माध्यम से लिए गए ऋण की समय पर वसूली सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
वन अधिकार पट्टा मामलों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने वन विभाग को निर्देश दिया कि वे समुचित निरीक्षण कर पंजीयन करें और वन अधिकार पट्टा की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाएं। इसी प्रकार, राजस्व न्यायालय में लंबित मामलों को शीघ्र निपटाने और न्याय प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश भी दिए गए।
जिला पंचायत को मनरेगा के तहत छाया और पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। वन विभाग को आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता बनाए रखने का निर्देश दिया गया। किसी भी आग लगने की घटना की सूचना तत्काल 07836299112 पर देने की अपील की गई। इसके अलावा, कलेक्टर ने आश्रम शालाओं, स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनवाड़ी केंद्रों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए और कहा कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था पाए जाने पर तत्काल सुधार किया जाए।
आज जनदर्शन में विभिन्न मांगों व समस्याओं को लेकर 23 आवेदकों ने कलेक्टर के समक्ष आवेदन दी। सभी आवेदनों को तत्काल सम्बंधित अधिकारियों परीक्षण कर समय-सीमा के भीतर निराकरण करने के लिए प्रेषित किए।बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी, अपर कलेक्टर श्री अरुण मरकाम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी गण उपस्थित रहे। -
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2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक 11,581 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व अर्जित
44 खनिज ब्लॉकों की सफलतापूर्वक ई-नीलामीः देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी
बैलाडीला क्षेत्र में तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी
जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्तः 9,362 विकास कार्यों को दी गई मंजूरी
राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना
कोरिया : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पारदर्शी खनन नीति, ई-नीलामी, डिजिटल निगरानी और पर्यावरण-संवेदनशील खनन रणनीतियों को अपनाकर प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नए आयाम दिए हैं। खनिज संसाधनों के सुव्यवस्थित उत्खनन के चलते बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ के खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य के गठन के समय की तुलना में खनिज राजस्व में 30 गुना वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और 2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक ही 11,581 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है। यह पारदर्शी खनन नीति और प्रभावी प्रशासन का परिणाम है। अब तक 44 खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी सफलतापूर्वक की जा चुकी है, जिसमें अब तक चूना पत्थर के 14, लौह अयस्क के 9, बॉक्साइट के 11, स्वर्ण के 3, निकल, क्रोमियम के 2, ग्रेफाइट के 2, ग्लूकोनाइट के 2 और लिथियम के 1 खनिज ब्लाक की निलामी की गई है।
प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स की सफलतापूर्वक नीलामी
भारत सरकार द्वारा देश के आर्थिक एवं सामरिक विकास को ध्यान में रखते हुए क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के लिए राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा जनवरी, 2025 में की गई है। इस के अनुरूप प्रदेश में विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 से ही क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण/खोज पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके तहत 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 31 परियोजनाओं अंतर्गत क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स पर कार्य किये जा रहे है। प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स जिसमें लिथियम का 1, स्वर्ण का 3, निकल, क्रोमियम का 2, ग्रेफाइट का 2 ग्लूकोनाइट के 2 मिनरल ब्लॉक की नीलामी की गई है।
देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा की गई है जिसके तहत् जिला कोरबा के कटघोरा लिथियम ब्लॉक को मेसर्स साउथ मायकी मायनिंग कंपनी को 76 प्रतिशत प्रीमियम राशि पर आबंटित किया गया है। राज्य के सुकमा एवं कोरबा जिले में भी लिथियम अन्वेषण कार्य किया जा रहा है जिसमें लिथियम के भण्डार पाये जाने की पूर्ण संभावना है।
बैलाडीला लौह अयस्कः भारत के खनन क्षेत्र का मजबूत स्तंभ
बैलाडीला क्षेत्र भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडारों में से एक है। यहां तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा किया जाएगा। इसके अलावा कांकेर जिले के हाहालद्दी लौह अयस्क खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।पर्यावरण संतुलन और पारदर्शी निगरानी प्रणाली
पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए खनन क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और वैज्ञानिक रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने कई नई पहल की हैं। सेटेलाइट इमेजरी और माइनिंग सर्विलियेंस सिस्टम के माध्यम से अवैध खनन की निगरानी की जा रही है। गौण खनिज खानों में सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार बेहतर कार्य करने वाले पट्टेधारियों को ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली के तहत प्रोत्साहित कर रही है।
खनिज राजस्व से सामाजिक विकास और बुनियादी सुविधाओं में निवेश
खनिज राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्रदेश के सामाजिक विकास में निवेश किया जा रहा है। जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हुई है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और कौशल विकास सहित 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इससे खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हो रहा है।
खनिज अन्वेषण कार्यों का विस्तार और नई परियोजनाएँ
राज्य सरकार ने चूना पत्थर, बॉक्साइट, लौह अयस्क और ग्रेफाइट सहित कुल 13 खनिज परियोजनाओं में अन्वेषण कार्य शुरू किया है। प्रारंभिक सर्वेक्षणों में चूना पत्थर के 283 मिलियन टन, लौह अयस्क के 67 मिलियन टन और बॉक्साइट के 3 लाख टन भंडार का अनुमान लगाया गया है। स्वर्ण, ग्रेफाइट और ग्लूकोनाइट जैसे खनिजों की खोज भी की जा रही है, जिससे राज्य के खनन क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, सूरजपुर जिले के जाजावल क्षेत्र में यूरेनियम ब्लॉक के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। कोल बेड मीथेन पूर्ववर्ती कोरिया जिले में वेदांता लिमि. एवं ऑईलमैक्स को पेट्रोलियम अन्वेषण लायसेंस स्वीकृत किया गया है। मैंगनीज ओर इंडिया लि. (मोईल) द्वारा सीएमडीसी के साथ प्रदेश में प्रथम बार बलरामपुर क्षेत्र में खनिज मैगनीज का भंडार चिन्हित किया गया है।
मुख्य खनिजों के लिए अन्वेषण हेतु केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की गई है। इसी तर्ज पर खनिज विभाग द्वारा राज्य के गौण खनिजों के व्यवस्थित विकास एवं अन्वेषण के लिए राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना पर कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश के समृद्ध राज्यों में से एक है। कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, बॉक्साइट, स्वर्ण, निकल, क्रोमियम और प्लेटिनम समूह के तत्व सहित कुल 28 प्रकार के खनिजों की प्रचुरता ने इस राज्य को देश के खनन क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों, सतत विकास की रणनीतियों और कुशल प्रशासनिक प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ भारत के अग्रणी औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। खनिज संपदा के माध्यम से प्रदेश न केवल आर्थिक मजबूती प्राप्त कर रहा है, बल्कि हरित और सतत विकास की दिशा में भी अग्रसर हो रहा है। आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध खनिज संपदा और रणनीतिक पहल के साथ भारत के माइनिंग हब के रूप में अपनी पहचान और अधिक सशक्त करेगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
’2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक 11,581 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व अर्जित’’44 खनिज ब्लॉकों की सफलतापूर्वक ई-नीलामी: देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी’’बैलाडीला क्षेत्र में तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी’’जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त: 9,362 विकास कार्यों को दी गई मंजूरी’’राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना’बलरामपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पारदर्शी खनन नीति, ई-नीलामी, डिजिटल निगरानी और पर्यावरण-संवेदनशील खनन रणनीतियों को अपनाकर प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नए आयाम दिए हैं। खनिज संसाधनों के सुव्यवस्थित उत्खनन के चलते बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ के खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य के गठन के समय की तुलना में खनिज राजस्व में 30 गुना वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और 2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक ही 11,581 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है। यह पारदर्शी खनन नीति और प्रभावी प्रशासन का परिणाम है। अब तक 44 खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी सफलतापूर्वक की जा चुकी है, जिसमें अब तक चूना पत्थर के 14, लौह अयस्क के 9, बॉक्साइट के 11, स्वर्ण के 3, निकल, क्रोमियम के 2, ग्रेफाइट के 2, ग्लूकोनाइट के 2 और लिथियम के 1 खनिज ब्लॉक की नीलामी की गई है।
’प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स की सफलतापूर्वक नीलामी’
भारत सरकार द्वारा देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास को ध्यान में रखते हुए क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के लिए राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा जनवरी, 2025 में की गई है। इस के अनुरूप प्रदेश में विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 से ही क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण/खोज पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके तहत 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 31 परियोजनाओं अंतर्गत क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स पर कार्य किये जा रहे है। प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स जिसमें लिथियम का 1, स्वर्ण का 3, निकल, क्रोमियम का 2, ग्रेफाइट का 2 ग्लूकोनाइट के 2 मिनरल ब्लॉक की नीलामी की गई है।
देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा की गई है जिसके तहत जिला कोरबा के कटघोरा लिथियम ब्लॉक को मेसर्स साउथ मायकी माइनिंग कंपनी को 76 प्रतिशत प्रीमियम राशि पर आबंटित किया गया है। राज्य के सुकमा एवं कोरबा जिले में भी लिथियम अन्वेषण कार्य किया जा रहा है जिसमें लिथियम के भण्डार पाये जाने की पूर्ण संभावना है।
’बैलाडीला लौह अयस्क: भारत के खनन क्षेत्र का मजबूत स्तंभ’
बैलाडीला क्षेत्र भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडारों में से एक है। यहां तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा किया जाएगा। इसके अलावा कांकेर जिले के हाहालद्दी लौह अयस्क खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।’पर्यावरण संतुलन और पारदर्शी निगरानी प्रणाली’
पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए खनन क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और वैज्ञानिक रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने कई नई पहल की हैं। सेटेलाइट इमेजरी और माइनिंग सर्विलियेंस सिस्टम के माध्यम से अवैध खनन की निगरानी की जा रही है। गौण खनिज खानों में सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार बेहतर कार्य करने वाले पट्टेधारियों को ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली के तहत प्रोत्साहित कर रही है।
’खनिज राजस्व से सामाजिक विकास और बुनियादी सुविधाओं में निवेश’
खनिज राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्रदेश के सामाजिक विकास में निवेश किया जा रहा है। जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हुई है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और कौशल विकास सहित 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इससे खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हो रहा है।
’खनिज अन्वेषण कार्यों का विस्तार और नई परियोजनाएँ’
राज्य सरकार ने चूना पत्थर, बॉक्साइट, लौह अयस्क और ग्रेफाइट सहित कुल 13 खनिज परियोजनाओं में अन्वेषण कार्य शुरू किया है। प्रारंभिक सर्वेक्षणों में चूना पत्थर के 283 मिलियन टन, लौह अयस्क के 67 मिलियन टन और बॉक्साइट के 3 लाख टन भंडार का अनुमान लगाया गया है। स्वर्ण, ग्रेफाइट और ग्लूकोनाइट जैसे खनिजों की खोज भी की जा रही है, जिससे राज्य के खनन क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, सूरजपुर जिले के जाजावल क्षेत्र में यूरेनियम ब्लॉक के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। कोल बेड मीथेन पूर्ववर्ती कोरिया जिले में वेदांता लिमि. एवं ऑईलमैक्स को पेट्रोलियम अन्वेषण लाइसेंस स्वीकृत किया गया है। मैंगनीज ओर इंडिया लि. (मोईल) द्वारा सीएमडीसी के साथ प्रदेश में प्रथम बार बलरामपुर क्षेत्र में खनिज मैगनीज का भंडार चिन्हित किया गया है।
मुख्य खनिजों के लिए अन्वेषण हेतु केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की गई है। इसी तर्ज पर खनिज विभाग द्वारा राज्य के गौण खनिजों के व्यवस्थित विकास एवं अन्वेषण के लिए राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना पर कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश के समृद्ध राज्यों में से एक है। कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, बॉक्साइट, स्वर्ण, निकल, क्रोमियम और प्लेटिनम समूह के तत्व सहित कुल 28 प्रकार के खनिजों की प्रचुरता ने इस राज्य को देश के खनन क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों, सतत विकास की रणनीतियों और कुशल प्रशासनिक प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ भारत के अग्रणी औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। खनिज संपदा के माध्यम से प्रदेश न केवल आर्थिक मजबूती प्राप्त कर रहा है, बल्कि हरित और सतत विकास की दिशा में भी अग्रसर हो रहा है। आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध खनिज संपदा और रणनीतिक पहल के साथ भारत के माइनिंग हब के रूप में अपनी पहचान और अधिक सशक्त करेगा। -
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लंबित प्रकरणों का जल्द से जल्द करें निराकरण कर पीड़ित व्यक्तियो को राहत एवं सहायता राशि शीघ्र उपलब्ध कराएं : कलेक्टर श्री शर्माबेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा की अध्यक्षता में आज यहां कलेक्ट्रेट के सभा कक्ष में अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत जिला स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की बैठक आयोजित की गई। समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत दर्ज एवं लंबित प्रकरणों की समीक्षा की। साथ ही अत्याचार निवारण अधिनियम अंतर्गत पंजीकृत प्रकरणों को सक्षम अधिकारी द्वारा शीघ्र जांच कर न्यायालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए एवं साथ ही संबंधित पीड़ित व्यक्तियो को राहत एवं पुनर्वास अंतर्गत सहायता राशि शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में आदिमजाति विकास विभाग के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में अनुसूचित जाति के 34 प्रकरण आए थे | जिसमें 27 अनुसूचित जाति से और 7 अनुसूचित जनजाति से थे। 32 प्रकरणों में भुगतान हो गया है। दो प्रकरण प्रक्रियाधीन है। कलेक्टर शर्मा ने सभी प्रकरणों को जल्द से जल्द से निराकरण का निर्देश दिया। बैठक में आदिम जाति अनुसूचित जाति विकास विभाग के सहायक संचालक श्री अभिषेक जायसवाल द्वारा वर्षवार दर्ज प्रकरण की जानकारी दी गई।इसके तहत स्वीकृत अस्वीकृत प्रकरण की जानकारी, प्राप्त अंतर्जातीय विवाह स्वीकृत/अस्वीकृत प्रकरण की जानकारी एवं दोषियों पर त्वरित कार्यवाही करने के संबंध में अवगत कराया गया। इस दौरान प्राप्त अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के प्रकरणों में पीड़ित हितग्राहियों को दी गई तत्कालीन सहायता राशि की समीक्षा एवं वर्ष 2013 से आज तक दर्ज प्रकरणों की जानकारी, जिसमें पुलिस विवेचना तथा न्यायालय में चालान प्रस्तुतीकरण के साथ ही न्यायालय में लंबित व निर्णित प्रकरणों की व्यापक समीक्षा की गई।
कलेक्टर श्री शर्मा ने बैठक में कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए चलाई जा रही शासन की योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कराए। अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दी जाने वाली राहत की भी पीड़ितों तक जानकारी पहुंचाएं जिससे हर पीड़ित को लाभ दिया जा सके। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू,डीडीपी प्रॉसिक्यूटर श्रीमती कंचन जटिल, डीएसपी श्रीमती कौशिल्या, डीएसपी श्रीमती कौशिल्या साहू,जिला आबकारी अधिकारी श्री प्रमोद कुमार नेताम,जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री व्योम श्रीवास्तव,समिति सदस्य श्री मूरती राम मांडवी,श्री टी.आर.जनार्दन, शासकीय अभिभाषक श्री शिव गोपाल श्रीवास्तव उपस्थित थे। -
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बेमेतरा : लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बेमेतरा जिले के विकासखंड नवागढ़ ग्राम बोरतरा में जल जीवन मिशन योजनांतर्गत “महिला-जन जल” जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस जनसभा में जल बहनों, ग्राम जल स्वच्छता समिति और ग्रामीण महिलाओं को जल संरक्षण, पेयजल की महत्ता और जल जीवन मिशन के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी गई।कार्यक्रम में महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष जोर दिया गया, जिससे वे जल प्रबंधन में अधिक सक्रिय भागीदारी निभा सकें। जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा की गई तथा जल संरक्षण, जल संवर्धन और स्वच्छता से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर ग्रामीणों को जागरूक किया गया।अभियान के दौरान उपस्थित महिलाओं को जल प्रबंधन में नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया गया, ताकि वे अपने गांव में जल स्रोतों के संरक्षण और स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने में योगदान दे सकें। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने जल सरंक्षण के टिकाऊ उपायों पर चर्चा की और जल संकट से बचने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।इस अभियान के माध्यम से ग्रामवासियों में जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति चेतना बढ़ाने का प्रयास किया गया, जिससे समाज में जागरूकता और सहभागिता को बढ़ावा मिले। -
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माहवारी के प्रति भेदभाव न करे, स्वच्छता के लिए सजग रहें - डॉ. एकता लंगेहमहासमुंद : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर आज महिला एवं बाल विकास द्वारा "सशक्त महिला सशक्त समाज" थीम पर महिला दिवस का आयोजन स्थानीय शंकराचार्य भवन में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के तैल्यचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने वाली डॉ. एकता लंगेह एवं श्रीमती प्रिया सिन्हा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक उन्नति को बढ़ावा देना है एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित करना था।इस मौके पर पूर्व नपा अध्यक्ष राशि महिलांग, अरुणा शुक्ला, स्थानीय महिला पार्षद गण, जनप्रतिनिधि, समाज सेवी और बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थी।
डॉ. एकता लंगेह ने अपने उद्बोधन में कहा कि महिलाओं को केवल अवसरों की तलाश ही नहीं करनी चाहिए, बल्कि स्वयं अवसरों का सृजन भी करना चाहिए। उन्होंने कहा, आज की नारी हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है। शिक्षा, विज्ञान, राजनीति, खेल और उद्यमिता हर जगह महिलाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। हमें अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह समाज की समग्र प्रगति का आधार होना चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं के मासिक धर्म के समय गंदा कपड़ा उपयोग करने के कारण होने वाले बीमारी के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है। साथ ही एक परिवार में सुरक्षित माहौल बनाने के लिए जोर डाला गया ताकि एक किशोरी माहवारी की पीड़ा को अपने पिता या भाई को भी आसानी से बता सके और डॉक्टरी इलाज मिल सके। उन्होंने कहा कि यह एक शारीरिक प्रकिया है, जिसमें भेदभाव नहीं करना चाहिए साथ ही साथ हमें अपने आसपास लोगों को भी मासिक धर्म के प्रति फैली भ्रांति से जागरूक करना चाहिए और मासिक धर्म के समय सेनेटरी पैड का उपयोग करना चाहिए। डॉ. एकता लंगेह ने सभी महिलाओं को शुभकामनाएँ देते हुए उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहने का संदेश दिया।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया गया एवं स्वच्छता के प्रति संदेश देने सेनेटरी पैड का वितरण किया गया ।कार्यक्रम में महिलाओं के उत्थान, शिक्षा और अधिकारों पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम में श्रीमती प्रिया सिन्हा ने सभी महिलाओं को महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं और उन्हें सशक्त, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, महिला केवल परिवार और समाज की रीढ़ ही नहीं, बल्कि वह सशक्तिकरण और परिवर्तन की प्रतीक भी है। आज महिलाएँ हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं और नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं।हमें अपने आत्मविश्वास को बनाए रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए और हर चुनौती का सामना साहस के साथ करना चाहिए। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और शिक्षा एवं कौशल विकास को प्राथमिकता दें। इस अवसर पर समाज सेवी महिलाओं ने भी अपने विचार रखे ।इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी समीर पांडेय, परियोजना अधिकारी शैल नाविक, पर्यवेक्षक शीला प्रधान, उप संचालक समाज कल्याण श्रीमती संगीता सिंह, तारिणी चन्द्राकार,महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्य अधिकारी एवं अतिथिगण तथा बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थी। -
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2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक 11,581 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व अर्जित44 खनिज ब्लॉकों की सफलतापूर्वक ई-नीलामी : देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामीबैलाडीला क्षेत्र में तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारीजिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्तः 9,362 विकास कार्यों को दी गई मंजूरीराज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजनामहासमुंद : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पारदर्शी खनन नीति, ई-नीलामी, डिजिटल निगरानी और पर्यावरण-संवेदनशील खनन रणनीतियों को अपनाकर प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नए आयाम दिए हैं। खनिज संसाधनों के सुव्यवस्थित उत्खनन के चलते बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ के खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य के गठन के समय की तुलना में खनिज राजस्व में 30 गुना वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और 2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक ही 11,581 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है। यह पारदर्शी खनन नीति और प्रभावी प्रशासन का परिणाम है। अब तक 44 खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी सफलतापूर्वक की जा चुकी है, जिसमें अब तक चूना पत्थर के 14, लौह अयस्क के 9, बॉक्साइट के 11, स्वर्ण के 3, निकल, क्रोमियम के 2, ग्रेफाइट के 2, ग्लूकोनाइट के 2 और लिथियम के 1 खनिज ब्लाक की नीलामी की गई है।
प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स की सफलतापूर्वक नीलामी
भारत सरकार द्वारा देश के आर्थिक एवं सामरिक विकास को ध्यान में रखते हुए क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के लिए राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा जनवरी, 2025 में की गई है। इस के अनुरूप प्रदेश में विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 से ही क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण / खोज पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके तहत 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 31 परियोजनाओं अंतर्गत क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स पर कार्य किये जा रहे है। प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स जिसमें लिथियम का 1, स्वर्ण का 3, निकल, क्रोमियम का 2, ग्रेफाइट का 2 ग्लूकोनाइट के 2 मिनरल ब्लॉक की नीलामी की गई है।
देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा की गई है जिसके तहत् जिला कोरबा के कटघोरा लिथियम ब्लॉक को मेसर्स साउथ मायकी माइनिंग कंपनी को 76 प्रतिशत प्रीमियम राशि पर आबंटित किया गया है। राज्य के सुकमा एवं कोरबा जिले में भी लिथियम अन्वेषण कार्य किया जा रहा है जिसमें लिथियम के भण्डार पाये जाने की पूर्ण संभावना है।
बैलाडीला लौह अयस्क भारत के खनन क्षेत्र का मजबूत स्तंभ
बैलाडीला क्षेत्र भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडारों में से एक है। यहां तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा किया जाएगा। इसके अलावा कांकेर जिले के हाहालद्दी लौह अयस्क खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
पर्यावरण संतुलन और पारदर्शी निगरानी प्रणाली
पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए खनन क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और वैज्ञानिक रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने कई नई पहल की हैं। सेटेलाइट इमेजरी और माइनिंग सर्विलियेंस सिस्टम के माध्यम से अवैध खनन की निगरानी की जा रही है। गौण खनिज खानों में सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार बेहतर कार्य करने वाले पट्टेधारियों को ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली के तहत प्रोत्साहित कर रही है।
खनिज राजस्व से सामाजिक विकास और बुनियादी सुविधाओं में निवेश
खनिज राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्रदेश के सामाजिक विकास में निवेश किया जा रहा है। जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हुई है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और कौशल विकास सहित 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इससे खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हो रहा है।
खनिज अन्वेषण कार्यों का विस्तार और नई परियोजनाएँ
राज्य सरकार ने चूना पत्थर, बॉक्साइट, लौह अयस्क और ग्रेफाइट सहित कुल 13 खनिज परियोजनाओं में अन्वेषण कार्य शुरू किया है। प्रारंभिक सर्वेक्षणों में चूना पत्थर के 283 मिलियन टन, लौह अयस्क के 67 मिलियन टन और बॉक्साइट के 3 लाख टन भंडार का अनुमान लगाया गया है। स्वर्ण, ग्रेफाइट और ग्लूकोनाइट जैसे खनिजों की खोज भी की जा रही है, जिससे राज्य के खनन क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, सूरजपुर जिले के जाजावल क्षेत्र में यूरेनियम ब्लॉक के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है।कोल बेड मीथेन पूर्ववर्ती कोरिया जिले में वेदांता लिमि. एवं ऑईलमैक्स को पेट्रोलियम अन्वेषण लायसेंस स्वीकृत किया गया है। मैंगनीज ओर इंडिया लि. (मोईल) द्वारा सीएमडीसी के साथ प्रदेश में प्रथम बार बलरामपुर क्षेत्र में खनिज मैगनीज का भंडार चिन्हित किया गया है। मुख्य खनिजों के लिए अन्वेषण हेतु केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की गई है। इसी तर्ज पर खनिज विभाग द्वारा राज्य के गौण खनिजों के व्यवस्थित विकास एवं अन्वेषण के लिए राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश के समृद्ध राज्यों में से एक है। कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, बॉक्साइट, स्वर्ण, निकल, क्रोमियम और प्लेटिनम समूह के तत्व सहित कुल 28 प्रकार के खनिजों की प्रचुरता ने इस राज्य को देश के खनन क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों, सतत विकास की रणनीतियों और कुशल प्रशासनिक प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ भारत के अग्रणी औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। खनिज संपदा के माध्यम से प्रदेश न केवल आर्थिक मजबूती प्राप्त कर रहा है, बल्कि हरित और सतत विकास की दिशा में भी अग्रसर हो रहा है। आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध खनिज संपदा और रणनीतिक पहल के साथ भारत के माइनिंग हब के रूप में अपनी पहचान और अधिक सशक्त करेगा। -
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21 से 24 वर्ष के युवाओं के लिए सुनहरा अवसरमहासमुंद : प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना में 10 वीं, 12 वीं, आईटीआई, डिप्लोमा, स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थी जो नियमित शिक्षा या उच्च शिक्षा में पंजीकृत न हो, आवेदक हेतु यह अनिवार्य है कि वह किसी नियमित जॉब, नियोजन में न हो, आवेदक के परिवार में कोई सदस्य शासकीय नौकरी में न हो, परिवार के किसी सदस्य की वार्षिक आय 8 लाख से अधिक न हो व आवेदक की उम्र 21 से 24 वर्ष तक हो तो वो इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं। इंटर्नशिप के लिए आवेदन के लिए एक ऑनलाईन पोर्टल https://pminternship.mca.gov.in प्रारंभ किया है, जिसका उपयोग करके आवेदन फार्म भरा जा सकता है।आवेदन प्रक्रिया निःशुल्क है। आवेदन फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 है। आवेदन किसी भी लोक सेवा केन्द्र अथवा स्वयं के मोबाइल द्वारा किया जा सकता है। आवेदन के लिए आधार कार्ड, संबंधित शैक्षणिक योग्यता जैसे 10 वीं, 12वीं, आईटीआई, डिप्लोमा या स्नातक की अंकसूची, प्रमाण पत्र, आधार सीडेड बैंक खाते के पासबुक के प्रथम पृष्ठ की छायाप्रति, आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर अनिवार्य है। इंटर्नशिप कॉर्पोरेट मंत्रालय द्वारा चयनित कंपनियों जिसकी सूची पोर्टल में दी गई है। किसी एक कंपनी में करनी होगी यह केवल 1 वर्ष के लिए ही होगी।इस योजना में आवेदन के उपरान्त युवाओं को चयनित होने पर भारत सरकार के कॉर्पोरेट उपक्रम में एक साल की अप्रेंटिसशिप में रूपए 5000.00 प्रतिमाह मानदेय व सम्बन्धित को एक वर्ष में रूपए 6000.00 एकमुश्त अन्य खर्च हेतु प्रदान किया जाएगा। यह अप्रेंटिसशिप नियमित नियुक्ति नहीं है, यह अप्रेंटिसशिप अनुभव प्राप्त करने के लिए है। यह केन्द्र सरकार की निःशुल्क योजना है, जिसका उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। -
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मनरेगा के तहत श्रम आधारित कार्य स्वीकृत करने के निर्देशमहासमुंद : कलेक्टर श्री विनय लंगेह ने समय सीमा की बैठक में विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में धान उठाव, ई-केवाईसी, 5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षा, डिजिटल क्रॉप सर्वे, पीएम जनमन योजना, हीट वेव से बचाव और मनरेगा में श्रम आधारित कार्य जैसे अहम मुद्दों की समीक्षा की गई। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक, अपर कलेक्टर श्री रवि कुमार साहू, रविराज ठाकुर, एसडीएम श्री हरिशंकर पैकरा सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे एवं वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अनुविभागीय एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी जुड़े थे।
कलेक्टर श्री लंगेह ने खाद्य विभाग और संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि धान उठाव की प्रक्रिया शीघ्रता से पूरी की जाए, जिससे किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। पीएम किसान सम्मान निधि और अन्य योजनाओं के तहत लाभार्थियों की ई-केवाईसी प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। 5वीं और 8वीं बोर्ड परीक्षा को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए कि वे सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि यह सर्वे समय पर पूरा किया जाए ताकि योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों को मिल सके।जहां प्रारम्भ नहीं हुए हैं वहां प्रारम्भ करने के निर्देश भी दिए गए। इसी तरह प्रधानमंत्री जनमन योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इस योजना के लक्ष्यों को शीघ्रता से पूरा करें। उन्होंने गर्मी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए, हीट वेव से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने, सार्वजनिक स्थानों पर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को सतर्क रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों पर आवारा मवेशियों के जमवाड़ा को सुरक्षित स्थानों पर रखने के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर श्री लंगेह ने मनरेगा के तहत अधिकतम श्रम आधारित कार्यों को स्वीकृति देने के निर्देश दिए गए, जिससे ग्रामीणों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध हो सके एवं ग्रामीणों को बिना वजह पलायन न करना पड़े। इसके अलावा, विभिन्न सरकारी योजनाओं और समय सीमा पत्रकों की विस्तार से समीक्षा की गई। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे सभी योजनाओं को निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा करें ताकि आमजन को इनका लाभ जल्द से जल्द मिल सके। बैठक में कलेक्टर ने सभी विभागों को कार्य में पारदर्शिता और तत्परता बनाए रखने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए। -
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जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लीजशपुर : नई दिल्ली के राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्री निरूपम चकमा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। उन्होंने जिले आदिवासी परिवारों और विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों की दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ली और केन्द्र शासन और राज्य शासन के सभी योजनाओं का लाभ देने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर कलेक्टर श्री रोहित व्यास, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के निदेशक श्री पी कल्याण रेड्डी, विशेष प्रतिवेदक श्री राधाकांत त्रिपाठी, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के वरिष्ठ अन्वेषक श्री आकाश त्रिपाठी, अन्वेषक श्री सार्थक बंदूनी निज सहायक सुत्री परना चकमा अनुसूचित जनजाति आयोग के सचिव श्री भुवाल सिंह, अनुसंधान सहायक श्री ईश्वर साहू और जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
राष्ट्रीय सदस्य श्री निरूपम चकमा ने कलेक्टर से जिले की सामान्य जानकारी, आदिम जाति कल्याण विभाग, विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर विकास प्राधिकरण, जिला कौशल विकास प्राधिकरण, कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग, पशु चिकित्सालय, समाज कल्याण, क्रेडा विभाग, रेशम विभाग, मछली पालन विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, खेल गतिविधियों, रोजगार के पर्याप्त अवसर, महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से दूर करने के सार्थक प्रयास सहित विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी ली।उन्होंने कहा कि जशपुर जिले में खेल की बहुत संभावना है और खेल मैदान को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है। उन्होंने रौतिया समाज के सामाजिक आर्थिक और भौगोलिक पृष्ठ भूमि की भी जानकारी ली।
कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने बताया कि जशपुर जिले में रौतिया समाज के लगभग 1 लाख 45 हजार 313 जनसंख्या है जिले में आदिम जाति विकास विभाग के अंतर्गत आश्रम छात्रावास की संख्या 202 है। प्रयास आवासीय विद्यालय, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर जनजाति सदस्यों के लोग निवास करते हैं। पहाड़ी कोरवा के कुल 4 हजार 110 परिवार और बिरहोर जनजाति के 161 परिवार निवास करते हैं। जिले अनुसूचित जनजाति परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना , आधार कार्ड, जन-धन बैंक खाता , आयुष्मान कार्ड, सिकल सेल बिमारी की जांच व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, राशन कार्ड,पीएम किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड आदि योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य श्री निरूपम चकमा ने युवाओं का कौशल उन्नयन कर स्वरोजगार से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय पैरामीटर के सभी मापदंड का पालन करते हुए अनुसूचित जनजाति लोगों को योजना का लाभ देने के निर्देश दिए हैं। -
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बलरामपुर : छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण अधिनियम, 1996 एवं भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार उपकर अधिनियम, 1996 एवं 1998 के प्रावधानों के अनुसार किसी भी भवन एवं अन्य सन्निर्माण के कुल लागत (भूमि की लागत को छोड़कर) का 01 प्रतिशत उपकर के रूप में धारा-03 के तहत् निर्माण कार्य से संबंधी शासकीय/अशासकीय/निजी एवं व्यक्तिगत संस्थानों के द्वारा उनके क्षेत्रकारिता के भीतर होने वाले निर्माण संबंधी कार्यों पर उनके निर्माण कार्य के कुल निर्माण लागत का 01 प्रतिशत उपकर कटौती किया जाना अनिवार्य है।भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996 की धारा-3 के अधीन संदेय उपकर के निर्धारण उपरांत निर्दिष्ट समयावधि में उपकर संदेय नहीं किये जाने की स्थिति में भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवा-शर्तों का विनियमन) नियम 1996 के नियम-8 के अंतर्गत 02 प्रतिशत मासिक तथा वार्षिक 24 प्रतिशत की दर से व्याज संदाय किये जाने का प्रावधान है।
इस संबंध में विभाग के विभागाध्यक्ष कार्यालय/जिला कार्यालय तथा विभाग अंतर्गत संचालित-निगम/मंडल/आयोग/प्राधिकरण/संस्थान/विश्वविद्यालय/महाविद्यालय के द्वारा निर्माण संबंधी कार्य कराया जाता है, उन कार्यालय में निर्माण कार्यों से काटी गयी 01 प्रतिशत उपकर की राशि काटौती किया जाये। साथ ही ऐसे प्राधिकृत विभाग जो किसी निर्माण कार्य करने संबधित निजी/शासकीय/अशासकीय तथा व्यक्त्तिगत आवास, व्यवसायिक दुकान/आवासीय कॉलोनी निर्माण संबधित कार्यों पर भवन अनुज्ञा की स्वीकृति जारी की जाती है, उन कार्यालय द्वारा भवन अनुज्ञा स्वीकृति जारी करने के पूर्व उपकर जमा करने के पश्चात् ही अनुज्ञा जारी करने का कष्ट करेगें।साथ ही ऐसे विभाग जहां पर किये जा रहे निर्माण संबंधी परियोजनाओं कार्यों पर कटौती की गई उपकर की बकाया राशि एवं नवीन परियोजनाओं में उपकर देय राशि को 20 मार्च 2025 के पूर्व तक अनिवार्यतः श्रम विभागीय वेबसाईट श्रम जयते डॉट सीजी.जीओव्ही डॉट इन के लिंक में जाकर पेमेंट गेटवे के माध्यम से जमा कर सकते है। -
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आम जनता से सहयोग की अपीलबलरामपुर : होली त्यौहार में शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु संयुक्त जिला कार्यालय भवन के सभाकक्ष में जिला स्तरीय शांति समिति की बैठक कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री राजेंद्र कटारा अध्यक्षता एवं पुलिस अधीक्षक श्री बैंकर वैभव रमनलाल की उपस्थिति में संपन्न हुई। इस दौरान अपर कलेक्टर श्री आर.एस.लाल, संयुक्त कलेक्टर, अतिरिक्ति पुलिस अधीक्षक श्री विश्व दीपक त्रिपाठी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री अमित श्रीवास्तव व समिति के सदस्य उपस्थित रहे।बैठक में सदस्यों से होली के त्यौहार पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन को सहयोग करने की बात कही गई। होली त्यौहार में शांति व्यवस्था हेतु कलेक्टर ने जिले के समस्त निवासियों से अपील की है कि वे होली दहन के लिए हरे पेड़-पौधे न काटें, सड़कों के बीचों-बीच होलिका दहन न करें, रंग-गुलाल के प्रयोग में ज्वलनशील पदार्थों का उपयोग न करें, चेहरे पर नकाब न पहनें एवं वाहन धीमी गति से चलाएं तथा तीन सवारी न बैठाएं। साथ ही नशे की हालत में वाहन न चलाने की अपील की गई है।
कलेक्टर श्री कटारा ने बताया कि होली त्यौहार के दिन अति आवश्यक सेवाएं, जैसे दवा दुकान, दुग्ध एवं सब्जी की दुकानें खुली रहेंगी। कलेक्टर ने कहा कि होली आपसी सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक है, और साथ ही रमजान का पवित्र महीना भी चल रहा है। ऐसे में लोगों से अपील की जाती है कि वे एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए अपनी मर्यादाओं का पालन करें, ताकि किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे। कलेक्टर ने कहा कि हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि सोशल मीडिया के माध्यम से कोई भ्रामक जानकारी न फैलाई जाए। यदि ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है, तो तुरंत सूचित करें ताकि त्वरित कार्यवाही की जा सके। इसके साथ ही, उन्होंने अवैध शराब परिवहन, भंडारण तथा बिक्री पर सघन जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सालयों में 24 घंटे ड्यूटी लगाई जाए और अग्निशामक वाहनों को भी तैयार रखा जाए।
पुलिस अधीक्षक श्री बैंकर वैभव रमनलाल ने शांति समिति की बैठक में बताया कि त्यौहार के दौरान जिले के अंतर्गत सभी प्रमुख स्थानों पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि होली दहन स्थानों पर किसी प्रकार की अशांति न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। होली के दिन विभिन्न स्थानों पर पुलिस द्वारा गश्त कर नजर रखी जाएगी। साथ ही भांग या शराब पीकर कानून व्यवस्था प्रभावित करने वालों पर सतत निगरानी रखी जाएगी एवं आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि होली के दिन शराब पीकर वाहन चलाने और बिना हेलमेट के क्षमता से अधिक सवारी बैठाने वाले चालकों पर कार्यवाही की जाएगी।साथ ही उन्होंने सभी से अपील कि है की नाबालिगों को वाहन चलाने की अनुमति न दें, अन्यथा वाहन जप्त करने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रायः जिले में होने वाली दुर्घटनाओं में यह देखा गया है कि अधिकांश दुर्घटनाएँ नशे की वजह से घटित होती हैं। उन्होंने होली पर्व पर मुखौटे एवं नुकसान पहुंचाने वाले रंगों, कीचड़ आदि का प्रयोग न करने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएँ संचालित हो रही हैं, अतः ऐसे ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग न करें, जिससे परीक्षार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो। -
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कोरिया : जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है जो समाज में लंबे समय से व्याप्त है। बाल विवाह से जहां बालिकाओं एवं बालकों का सर्वागीण विकास प्रभावित होता, वहीं बाल अधिकारों का हनन भी होता है। विगत वर्षों में राज्य में बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास किये गए है, जिसके परिणामस्वरूप बाल विवाह के प्रकरणों में उल्लेखनीय कमी आई हैं।इस अभियान को पूर्णतः सफल बनाने तथा तय किये गए लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए राज्य की क्रियान्वयन रणनीति तैयार की गई है। रणनीति के संबंध में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन 19 मार्च 2025 को समय 11 बजे कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित किया गया है। उक्त आयोजित कार्यशाला में निर्धारित तिथि एवं समय पर उपस्थित होने का आग्रह किया है।