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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महासमुंद : पंचायत संचालनालय के अंतर्गत रिवाम्पेड राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के तहत छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 एवं संबंधित मार्गदर्शिकाओं के अनुसार संविदा आधार पर विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। जिसमें जिला समन्वयक, संकाय सदस्य एवं लेखापाल के एक- एक पद शामिल है।
योग्य एवं इच्छुक अभ्यर्थी अपना आवेदन पत्र 23 अप्रैल 2025 सायं 5:00 बजे तक केवल पंजीकृत डाक या स्पीड पोस्ट के माध्यम से मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत महासमुंद (छ.ग.) के नाम पर भेज सकते हैं। आवेदन व्यक्तिगत रूप से, ई-मेल या अन्य किसी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से स्वीकार नहीं किए जाएंगे। साथ ही, अंतिम तिथि के पश्चात प्राप्त आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। रिक्त पदों, निर्धारित योग्यता, सेवा शर्तों एवं आवेदन पत्र के प्रारूप की विस्तृत जानकारी जिला महासमुंद की आधिकारिक वेबसाइट www.mahasamund.gov.in एवं कार्यालय जिला पंचायत महासमुंद के सूचना पटल पर अवलोकन किया जा सकता है।
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बेमेतरा : जिला जेल बेमेतरा में आज राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (NACO) और छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति (CGSACS) के निर्देशानुसार 140 विचाराधीन बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण, परामर्श एवं रक्त जांच अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम कलेक्टर एवं जिला एड्स नियंत्रण समिति (DACS) के अध्यक्ष श्री रणबीर शर्मा के निर्देशन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यशवंत कुमार ध्रुव एवं जिला एड्स नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉ. खगदेव साहू के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान जिला चिकित्सालय बेमेतरा के HCTS (एचआईवी काउंसलिंग एवं टेस्टिंग सर्विस) के परामर्शदाता श्री पुराणिक नायक द्वारा सभी बंदियों को एचआईवी/एड्स के संक्रमण के कारण, बचाव उपायों, यौन रोगों, सिफलिस व हेपेटाइटिस के प्रति जागरूक करते हुए परामर्श प्रदान किया गया। साथ ही, HCTS के एमएलटी श्री संजय तिवारी द्वारा एचआईवी, सिफलिस, हेपेटाइटिस बी एवं सी सहित विभिन्न बीमारियों के लिए रक्त जांच की गई।इस अवसर पर जिला जेल बेमेतरा के जेल अधीक्षक, फार्मासिस्ट श्रीमती दीक्षा अंगारे, जेल स्टाफ तथा जेल प्रहरीगण भी उपस्थित रहे।कार्यक्रम का उद्देश्य बंदियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना एवं गंभीर संक्रामक बीमारियों की समय पर पहचान कर उचित उपचार सुनिश्चित करना रहा।
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बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के निर्देशन एवं सहायक आयुक्त आबकारी श्री प्रमोद कुमार नेताम तथा सहायक जिला आबकारी अधिकारी श्री नितिन कुमार खंडूजा के मार्गदर्शन में, आबकारी विभाग बेमेतरा द्वारा बीते शुक्रवार को अवैध मदिरा धारण व परिवहन के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही की गई।
मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर आबकारी विभाग ने साकिन जिया पथर्रा रोड में अस्थायी नाका लगाकर वाहन हीरो होंडा (क्रमांक CG 07 LX 4125) की तलाशी ली। जांच के दौरान आरोपी गिरवर साहू (उम्र 30 वर्ष, निवासी-जिया) के कब्जे से कुल 5.94 बल्क लीटर शराब (27 नग देशी मदिरा प्लेन पाव व 6 नग विदेशी मदिरा पाव) बरामद की गई। उक्त शराब की कुल बाजार कीमत ₹42,880/- आँकी गई है। मौके पर आरोपी गिरवर साहू के विरुद्ध आबकारी अधिनियम की विभिन्न धारा अंतर्गत गैर-जमानती प्रकरण कायम कर उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत कर रिमांड पर लिया गया। इस कार्यवाही में आबकारी उपनिरीक्षक श्रीमती वीणा भंडारी, आबकारी आरक्षक संतोष अहिरवार तथा वाहन चालक पूर्णानंद सोम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आबकारी विभाग ने अवैध मदिरा संबंधी शिकायतों हेतु संपर्क हेतु आबकारी उपनिरीक्षक वृत्त बेमेतरा के कार्यालय के दूरभाष नंबर 7803036415 पर आम जनता से सहयोग की अपील की है।
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बिलासपुर : प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत *मोर द्वार साय सरकार* अभियान चलाकर किए जा रहे आवास सर्वे कार्य में बिलासपुर जिला पूरे प्रदेश में अव्वल रहा है। अब तक 1,52,624 परिवारों का सर्वे किया जा चुका है, जो कि सभी 33 जिलों में टॉप पर है। सर्वे अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा।
गौरतलब है कि विशेष सर्वेक्षण पखवाडा अंतर्गत राज्य भर में *मोर दुवार, साय सरकार* महाभियान के तहत घर-घर जाकर आवास के लिए छुटे हुए पात्र परिवारो का सर्वे कार्य जारी है। सर्वेक्षको द्वारा घर-घर जाकर सर्वे का कार्य किया जा रहा है। जिला बिलासपुर अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतो में 30 अप्रैल 2025 तक सर्वे का कार्य किया जाएगा। जिले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत संदीप कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में सर्वेक्षण का कार्य जनपद पंचायतो की निगरानी में ग्राम पंचायतों मे किया जा रहा है। जिसमें बिलासपुर जिला प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अन्तगर्त सर्वे में राज्यभर में प्रथम स्थान पर आया है। कोई भी जरूरतमंद पात्र व्यक्ति आवास के लाभ से वंचित न हो, इसलिए जिले मे प्रचार प्रसार के माध्यम से सर्वे में अपना नाम जुडवाने के लिए आमजन को अवगत कराया जा रहा है। जिले में आज दिनांक तक 152624 परिवारों का सर्वे किया जा चुका है। जिसमे स्वयं सर्वे के माध्यम से 15875 एवं सर्वेक्षकों के माध्यम से 136749 परिवारों का सर्वे किया जा चुका है। सर्वे के अंतिम चार दिनो में सभी छुटे हुए पात्र परिवार को शामिल करने के लिए ग्राम - ग्राम सर्वे जारी है।
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पुरूषों के वर्चस्व वाले कार्य क्षेत्र में बनाई अपनी अलग पहचान
महिलाओं के लिए मिसाल बनी अनीता गंधर्व
बिलासपुर : कोटा ब्लॉक के मिट्ठू नवागांव गांव में एक अलग दृश्य दिखाई पड़ता है, जहां गांव में रहने वाली अनीता गंधर्व राज मिस्त्री का काम करते हुए दिखती है। अपने काम में पारंगत अनीता आत्मनिर्भरता की एक नई मिसाल बन गई है, वो एक ऐसा कार्य कर रही हैं,जिसमें अब तक पुरुषों का ही वर्चस्व रहा है। राज मिस्त्री का काम कर अपने परिवार को आर्थिक संबल देने के साथ ही बिहान योजना की अन्य आजीविका गतिविधियों के जरिए अनीता अब लखपति दीदी भी बन चुकी है।
स्व सहायता समूह में जुड़ने से पहले अनीता के घर की अर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। सन् 2019 में अनीता राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की बिहान योजना की वंदना महिला स्व सहायता समूह मे जुडी जहां उन्हें छोटे बड़े खर्च के लिए ऋण मिल जाया करता था, जिससे अनीता ने अपने घर के कई जरूरी काम करवाए। बिहान योजना के तहत ग्रामीण स्व रोजगार प्रशिक्षण केंद्र (कोनी) में अनीता ने निः शुल्क राज मिस्त्री का प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अनीता ने ये काम शुरू करने का विचार किया। लेकिन ये आसान नहीं था,काम के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा, लोगों के लिए ये स्वीकार करना मुश्किल था कि कोई महिला ये काम बेहतर ढंग से कर पाएगी। अनीता बताती हैं कि जब वे काम की तलाश में जाती तो लोग मजाक बनाते कि एक महिला राज मिस्त्री का काम क्या कर सकेगी। लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के तहत जब ग्राम में शौचालय बनवाने का काम आया तो समूह की दीदियों और बिहान टीम ने उनका उत्साह वर्धन किया ,साथ ही ग्राम के सरपंच ने भरोसा करते हुए काम करने का मौका दिया। अनीता खुश होकर बताती है कि "मैने गांव में शौचालय निर्माण का काम सफलतापूर्वक पूरा किया ,इसके बाद नल जल योजना के साथ साथ ग्राम में 15 आवास का भी निर्माण किया।
अनीता कहती है कि बिहान योजना ने उनकी जिंदगी बदल दी समूह से CIF और बैंक लोन के सहायता से अब होटल और गुपचुप चाट का व्यवसाय भी शुरू कर दिया है, जिससे होने वाली आजीविका ने उन्हे लखपति दीदी की श्रेणी में ला दिया है। अनीता ने बताया कि अपने घर का निर्माण भी उन्होंने खुद ही किया जिससे पैसे की काफी बचत हुई।अब वह अपने अपने परिवार का पालन पोषण बेहतर तरीके से कर पा रही है। अब गांव की महिलाएं भी ये कार्य सीखना चाहती हैं। अनीता मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद देते हुए कहती है कि बिहान योजना ने उनका जीवन संवार दिया है। ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की इस योजना ने उन जैसी महिलाओं को बड़ा सहारा दिया है।
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नसीम अहमद खान, उपसंचालक जनसंपर्क
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य में इन दोनों ग्रामीण विकास एवं सामाजिक सशक्तिकरण का एक नया इतिहास लिखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार एक अभिनव अभियान मोर दुवार- साय सरकार के माध्यम से गरीब ,वंचित और आवासहीन परिवारों के यहां दस्तक देकर उन्हें सम्मान के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के घर का अधिकार देने में जुटी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बीते दिनों जगदलपुर प्रवास के दौरान घाटपदमपुर ग्राम से इस अभियान की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री आवास योजना का तेजी से और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है । इस बात को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री का पद संभालने के दूसरे दिन ही कैबिनेट की पहली बैठक में 18 लाख परिवारों को आवास की स्वीकृति प्रदान कर स्पष्ट कर दिया था। छत्तीसगढ़ सरकार इस अभियान के माध्यम से प्रत्येक पात्र परिवार को पक्का आवास देने के अपने संकल्प को पूरा कर रही है।
छत्तीसगढ़ में चल रही ग्रामीण आवास क्रांति का ही यह परिणाम है कि अब गांवों में विशेषकर पिछड़े और गरीब तबके की बस्तियों में मिट्टी के जीर्णशीर्ण घरों और बांस- बल्ली के सहारे टिकी घास-फूंस की झोपड़ी की जगह अब साफ-सुथरे पक्के मकान बने हुए अथवा बनते दिखाई देने लगे हैं। राज्य के मैदानी इलाकों से लेकर सुदूर वनांचल का कोई ऐसा गांव अथवा मजरा- टोला नहीं, जहां 8-10 पक्के घर, प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए हाल- फिलहाल में न बने हों। यह योजना न केवल लाखों गरीब परिवारों को छत दे रही है, बल्कि रोजगार, व्यापार और उद्योगों को भी गति प्रदान कर रही है। इससे सीमेंट, ईट, सरिया और निर्माण सामग्री से जुड़े व्यवसाय में तेजी आयी है। यह जनकल्याण और आर्थिक विकास का एक संतुलित मॉडल है।
छत्तीसगढ़ राज्य को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए कुल 11,50,315 ग्रामीण आवासों का लक्ष्य प्रदान किया गया है, जिसमें से अब तक 9,41,595 आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है। केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा छत्तीसगढ़ प्रवास दौरान राज्य को अतिरिक्त 3 लाख आवासों की स्वीकृति देने से यह प्रयास और भी व्यापक हो गया है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी ग्रामीण आवासीय पहल है।
राज्य सरकार समाज के सभी वर्ग के पात्र परिवारों के साथ-साथ बैगा, कमार, पहाड़ी कोरवा, अबूझमाड़िया एवं बिरहोर विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवारों को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पक्का आवास उपलब्ध करा रही है। महासमुंद जिले के धनसुली गांव की कमार बस्ती में 15 से अधिक कमार परिवारों को पीएम जनमन योजना के अंतर्गत पक्के आवास उपलब्ध कराए गए हैं। इससे इन जनजातीय परिवारों के जीवन में स्थायित्व आया है और वे शासन की अन्य योजनाओं से भी लाभान्वित हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार का मोर दुवार- साय सरकार अभियान 30 अप्रैल तक तीन चरणों में संचालित है, जिसमें पात्र हितग्राहियों का घर-घर जाकर सर्वेक्षण करना और ग्राम सभाओं के माध्यम से सूची का वाचन और शत-प्रतिशत पात्र परिवारों का कवरेज सुनिश्चित करने के साथ ही सर्वेक्षण पूर्ण करने वाले कर्मियों का सार्वजनिक सम्मान किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा गांव में जाकर सर्वेक्षण कार्य का शुभारंभ करना और हितग्राहियों से उनके बारे में जानकारी लेना इस बात का प्रमाण है कि राज्य सरकार इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर पूरी तरह संवेदनशील और संकल्पित है।
इस अभियान को जन अभियान का स्वरूप देने के लिए जनप्रतिनिधियों, जनसेवियों और स्थानीय कलाकारों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। पीएम आवास पंचायत एम्बेसडर के रूप में नामित व्यक्तियों द्वारा भी लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। गृह पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता एवं जानकारी की सहज उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अतिरिक्त, राज्य में जरूरत मंद परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत 47,090 आवासों के निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 38,632 आवास स्वीकृत किए गए हैं। राज्य सरकार की विशष पहल पर आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ितों परिवारों के लिए 15,000 विशेष आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनका निर्माण कराया जा रहा है। पीएम जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवारों के लिए 42,326 आवास के निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अब तक 27,778 आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिसमें से 6,482 आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है। नियद-नेल्ला-नार योजना के अंतर्गत अब तक 477 आवास पूर्ण कराए गए हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन बिलासपुर से 3 लाख हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराना इस योजना की सफलता है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 18 लाख पात्र हितग्राहियों को आवास से वंचित रखा गया। छत्तीसगढ़ सरकार अब हर हितग्राही को उसका अधिकार दिलाने की दिशा में काम कर रही है। मोर दुवार- साय सरकार महाअभियान शासन की संवेदनशीलता, नीति की पारदर्शिता और जनता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह अभियान केवल योजना की सफलता नहीं, बल्कि एक मजबूत, सशक्त और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जशपुरनगर: जल जागृति जशपुर के अंतर्गत जल संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम के 25वें दिवस का आयोजन जनपद पंचायत पत्थलगांव के ग्राम पंचायत कुडकेलख़जरी में आयोजित किया गया। जल एक सीमित और बहुमूल्य संसाधन है जो पृथ्वी पर सभी जीवन को बनाए रखता है। बढ़ती वैश्विक आबादी और जलवायु परिवर्तन के चल रहे प्रभाव के साथ, पानी की कमी एक बढ़ती हुई चिंता बन गई है। इस चुनौती के जवाब में, जल संरक्षण भावी पीढ़ियों के लिए स्वच्छ जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसी तारतम्य में जिला प्रशासन जशपुर द्वारा जल जागृति जशपुर अभियान चलाया जा रहा है। वाटर हीरो नीरज वानखड़े ने उपस्थित लोगों को विभिन्न मॉडल्स के माध्यम से जल संरक्षण के उपायों को समझाया। विभिन्न खेल गतिविधियों के माध्यम जल बचाने लोगो को अपील किया।
जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जल हमारे जीवन के लिए अभिन्न अंग है। अगर हमें अपने भावी पीढ़ी के लिए जल बचाना है तो हमें अभी से जल बचाना होगा। ये केवल एक व्यक्ति से संभव नहीं है हम सभी को मिलकर सम्मिलित प्रयास से जल बचाना है।जल बचाने की शुरुआत हमे अपने घर से करना है।लोगों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि आज के इस जल जागरूकता कार्यक्रम में सम्मिलित होकर इस अभियान का हिस्सा बनना सुखद अनुभव है। जिला प्रशासन का यह सराहनीय कदम है हम सभी को मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाना है और जल संरक्षण करना है। अपने भविष्य के लिए, अपने लिए हमें पानी बचाना जरूरी है। हमारी जिम्मेदारी है कि पानी का सही उपयोग करे, व्यर्थ पानी ना बहाए। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से अपील किया कि मां घर की पहली गुरू होती है अभी से बच्चों में ऐसा संस्कार दे जिससे बच्चों में पानी बचाने की प्रवृत्ति बचपन से ही आए ।
जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुरुचि पैंकरा ने सभी लोगों को संबोधित करते हुए जल बचाने हेतु लोगों से अपील की और सभी को एक साथ मिलकर आगे आने कहा और जल पर्यावरण की रक्षा के लिए आग्रह किया। कार्यक्रम में सालिक साय अध्यक्ष जिला पंचायत जशपुर, श्रीमती सुरुचि पैंकरा जिला पंचायत सदस्य, धनियारो परहा अध्यक्ष जनपद पंचायत पत्थलगांव, फिलिस्फिना एक्का उपाध्यक्ष जनपद पंचायत पत्थलगांव, क्षेत्र के सभी जनपद सदस्य, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पत्थलगांव, जिला समन्वयक प्रधानमंत्री आवास, सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा जिला पंचायत जशपुर, अनुविभागीय अधिकारी ग्रायांसे जनपद पंचायत पत्थलगांव, कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा, आसपास के 21 ग्राम पंचायतों यथा ग्राम पंचायत बालाझार, चंदागढ़, बटुराबहार, खरकट्टा, शेखरपुर, पंडरीपानी व अन्य ग्राम पंचायतों के सरपंच, स्व सहायता समूह की दीदियां, आसपास के गांवों के ग्रामीणजन व जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, वन विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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रायपुर : भारतीय प्रशासनिक सेवा में 243वीं रैंक हासिल करने श्री अभिषेक अग्रवाल को कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने शुभकामनाएं दी और शॉल और श्रीफल भेंटकर उन्हें सम्मानित किया। यूपीएससी में सफलता हासिल करने वाले श्री अग्रवाल ने युवाओं से अपील की कि वे सेल्फ स्टडी और नियमित पढ़ाई की बदौलत सफलता हासिल कर सकते हैं। यूपीएससी में मेहनत और लगन से ही सफलता हासिल की जा सकती है। इसके सफलता के लिए उन्होंने अपने माता-पिता को श्रेय दिया। उल्लेखनीय है कि श्री अभिषेक अग्रवाल सेवानिवृत आईएएस अधिकारी श्री उमेश अग्रवाल के सुपुत्र हैं।
श्री अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि सिविल सर्विसेस परीक्षा में यह उनका छठवां अटैम्प्ट था। उन्होंने लगातार पांच बार मेंस की परीक्षा दी है तथा तीन बार इंटरव्यू तक पहुंचे हैं। इस वर्ष उन्हें परीक्षा में रैंक 243 हासिल हुआ है। इसके पहले वर्ष 2021 में उनका चयन 254 रैंक के साथ आईआरएस के पद पर हो चुका है। वर्तमान में श्री अग्रवाल भारतीय वन सेना के अधिकारी हैं। उन्होंने डीपीएस स्कूल रायपुर और आईआईटी रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की हैं। बीटेक की पढ़ाई पूरा करते ही वर्ष 2016-17 में उनका चयन अखिल भारतीय इंजीनियरिंग सेवा के लिए हुआ। श्री अभिषेक अग्रवाल कहते हैं कि मुझे व्यापक क्षेत्र में काम करने की इच्छा थी इसलिए मैंने सिविल सर्विसेज को करियर चुना।
श्री अभिषेक अग्रवाल युवाओं से कहते हैं कि खुद पर विश्वास रखो और मेहनत करो, सफलता जरूर मिलेगी। कोचिंग के साथ आपको सेल्फ स्टडी पर ज्यादा फोकस करना चाहिए स्टैंडर्ड बुक्स पढ़ने चाहिए। किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पाने के लिए आपको नियमित रूप से पढ़ाई करना आवश्यक है। उनका कहना है कि पढ़ाई के दौरान आप एआई टूल्स का भी उपयोग कर सकते हैं। भाषा की बाधा को भी अब एआई से पार किया जा सकता है। अब दिल्ली जाने की जरूरत नहीं। कोचिंग के अलावा सेल्फ स्टडी करो और समय-समय पर टेस्ट सीरीज देकर खुद का आंकलन करो, इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। श्री अभिषेक अग्रवाल और उनके माता-पिता एवं परिजनों का एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप जिला पंचायत सीईओ श्री कुमार विश्वरंजन और एसडीएम श्री नंदकुमार चौबे ने भी पुष्पगुच्छ और शाल भेंटकर सम्मानित किया।
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बेमेतरा : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशानुसार अब खेतों में फसल अवशेष जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। पर्यावरण को हो रहे नुकसान को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उप संचालक कृषि मोरध्वज डडसेना ने जानकारी दी कि आदेश का उल्लंघन करने पर कृषकों से उनके खेत के रकबे के अनुसार दंड वसूला जाएगा। दो एकड़ तक के किसानों पर 2,500 रुपए, दो से पांच एकड़ वाले किसानों पर 5,000 रुपए तथा पांच एकड़ से अधिक रकबा वाले किसानों पर 15,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
उप संचालक कृषि मोरध्वज डडसेना ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से खेत की सतह पर मौजूद लाभकारी सूक्ष्मजीव, मित्र कीटों के अंडे तथा भूमि में पाई जाने वाली ह्यूमस नष्ट हो जाती है, जिससे भूमि की उर्वरता एवं आगामी फसल उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके विपरीत, फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन जैसे कम्पोस्टिंग अथवा जीरो टिलेज विधि से अवशेषों को खेत में ही सड़ने देना, मृदा की गुणवत्ता को बनाए रखने में सहायक हो सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि एक टन पैरा जलाने से भारी मात्रा में प्रदूषक गैसें जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जित होती हैं और करीब 199 किलोग्राम राख का उत्पादन होता है, जो पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है। साथ ही, प्रति टन जलने वाले धान के पैरा से मृदा में 5.5 किलोग्राम सल्फर का नुकसान होता है। कलेक्टर ने सभी सरपंचों से अपील की है कि वे अपने-अपने गांवों में किसानों को फसल अवशेष जलाने से रोकें और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें।
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जशपुरनगर : कलेक्टर श्री रोहित व्यास के निर्देशानुसार स्वच्छता श्रमदान के तहत बागबहार और पत्थलगांव के मंदिर ,तालाब और जनपद पंचायत में स्वच्छता अभियान चलाया गया और लोगों को परिसर की नियमित साफ सफाई रखने की अपील की गई ।
इस अवसर पर श्री कलम विश्वकर्मा जनपद सदस्य, रवि परहा सरपंच बागबहार, व्ही. के. राठौर सीईओ जनपद पंचायत, अमित देव एसडीओ आर ई एस ,उप अभियंता , तकनीकी सहायक, ब्लाक समन्वयक एसबीएस,अनिता कुशवाहा पीआरपी, अजित साय रोजगार सहायक, बिहान टीम, पंच गण , ग्रामीण जन उपस्थित रहे।
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जशपुरनगर : सुफलाम फूड प्रोसेसिंग एक्सपो, जो 25-26 अप्रैल को निफ्टेम (NIFTEM) सोनीपत कैंपस में आयोजित हुआ, में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री श्री चिराग पासवान ने जिला प्रशासन जशपुर द्वारा समर्थित जशप्योर (JASHPURE) के स्टॉल का दौरा किया। निफ्टेम के निदेशक श्री हरिंदर ओबेरॉय तथा अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे।
इस दौरान जशप्योर टीम, जिसका नेतृत्व बिहान की स्व सहायता समूह से जुड़ी आनेश्वरी भगत और गणपति सिंह ने किया, महुआ और मिलेट्स जैसे कोदो, कुटकी, रागी से बने अपने नवाचार उत्पादों का प्रदर्शन किया। केंद्रीय मंत्री ने इस पहल को सराहा और कहा कि यह क्षेत्र न केवल आदिवासी समुदाय के लिए बल्कि समग्र खाद्य उद्योग के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
खाद्य प्रसंस्करण सलाहकार श्री समर्थ जैन ने बताया किः
महुआ न केवल अत्यधिक पौष्टिक है, बल्कि प्राचीन समय से आदिवासी समुदायों द्वारा इसे खाद्य और औषधि के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के दृष्टिकोण के तहत हम महुआ को एक स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद के रूप में स्थापित कर रहे हैं, जिससे महुआ को केवल शराब बनाने वाली सामग्री के रूप में देखने का परिपेक्ष्य बदले। इस दिशा में जशपुर जिले के कलेक्टर श्री रोहित व्यास और सीईओ जिला पंचायत श्री अभिषेक कुमार के मार्गदर्शन में निरंतर कार्य कर रहे हैं। जशप्योर टीम महुआ को मुख्यधारा के नई उम्र के सुपरफूड्स के रूप में पुनर्जीवित करने के लिए काम कर रही है।
इस अवसर पर जशप्योर टीम ने मंत्री जी को एक विशेष श्जशपुर बास्केटश् भेंट की, जो पारंपरिक ष्छिंद-कासा घास से हस्त निर्मित थी और इसमें जशपुर जिले की आदिवासी महिलाओं द्वारा बनाए गए विभिन्न उत्पाद शामिल थे।
जशप्योर के प्रमुख उत्पादों में शामिल हैं
Buckwheat Mahua Cookies
Mahua Chawayanpras
Mahua Nector
Ragi Mahua Makahan Dry Fruit Ladoo
Ragi Mahua Cookies
Mahua Energy Candy
Millets ke Pasta
Dheki Kuta Javaphool Rice
यह पहल जशप्योर टीम की मेहनत और निष्ठा का परिणाम है, जो आदिवासी नेतृत्व को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्वस्थ और स्थिर खाद्य उत्पादों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जिले के सभी विकास खंड में बच्चों के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएगी
कला संस्कृति, खेल प्रतिस्पर्धा, शिक्षा सीखना समझना, एक्सपोजर विजिट कौशल उन्नयन, पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन के सिखाए जाएंगे बच्चों को गुण
जशपुरनगर : कलेक्टर श्री रोहित व्यास के मार्गदर्शन में ग्रीष्म कालीन समर कैंप का आयोजन शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिले के सभी विकास खंडों में किया जा रहा है। आगामी 1 मई 2025 से जशपुर जशपुर समर कैंप की शुरुआत की जा रही है। जहां बच्चों को कला एवं संस्कृति, खेल प्रतिस्पर्धा, शिक्षा सीखना समझना और संवारना, एक्सपोजर विजिट अभ्यास से अनुभव, कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन आदि अन्य गतिविधियां आयोजित की जाएगी।
शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इच्छुक विद्यार्थी आवेदन करने हेतु अपने विकास खंड के विकास खंड शिक्षा अधिकारी अपने स्कूल के प्राचार्य और प्रधान पाठक से सम्पर्क करके आवेदन प्राप्त किया जा सकता है।समर कैंप में बच्चों को बैडमिंटन, स्विमिंग, टेबल टेनिस, तीरंदाजी, क्रिकेट, हांकी ,वाटर स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग पर्वतारोहण, नृत्य, संगीत, चित्रकला, हस्तशिल्प, और नाटक में रूचि रखने वाले छात्रों की पहचान आदि शामिल हैं।इसी प्रकार कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग, स्पोकन इंग्लिश, कम्युनिकेशन स्किल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, करियर काउंसलिंग, एस्ट्रोनॉमी एक्टिविटी बच्चों को एक्सपोजर विजिट कलेक्टर कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला न्यायालय, संग्रहालय, पुस्तकालय, एस्ट्रोनॉमी लैब का भी भ्रमण कराया जाएगा। इसी तरह अन्य गतिविधियां में कौशल उन्नयन, सेंटर्स का भ्रमण, स्वच्छता अभियान, सर्च एंड रेस्क्यू प्रशिक्षण को भी समर कैंप में शामिल किया गया है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मणिभूषण मिंज अपने परिवार के साथ खुद के पक्के मकान में खुशहाल जीवन कर रहे व्यतीत
जशपुरनगर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में लोगों के पक्के मकान बनाने के सपने साकार हो रहे हैं। चेहरे में खुशी जीवन में सुकून देखने को मिल रहा है। साय के सुशासन में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) से पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है।
जशपुर जिले में आर्थिक रूप से कमजोर विशेषकर गरीब परिवारों को पक्के मकान का सपना पूरा हो रहा है और उनके परिवारिक जीवन में बदलाव आ रहा है।
दूरस्थ अंचलों में निवासरत् बाहुल्य वाले इलाकों के लोगों तक योजना का लाभ दिया जा रहा है।इसी कड़ी में जशपुर विकासखण्ड क्षेत्र में निवासरत् ग्राम बाधरकोना निवास श्री मणिभूषण मिंज को वर्ष 2024 - 2025 में आवास योजना लाभ जिला प्रशासन के प्रयासों से मिला है। खुद के पक्के मकान में अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद भी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि योजना से पक्का मकान बन जाने से कई परेशानियों से छुटकारा मिल गया है। बारिश में छत से पानी टपकने या गीले दीवारों की चिंता भी दूर हुई। साथ ही सांप बिच्छुओं का भी डर नहीं रहा। अब वह अपने परिवार के साथ पक्के मकान में खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
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जशपुरनगर : अजीविका सवर्धन कार्यक्रम अंतर्गत शुक्रवार को जिला पंचायत सभागार में अतिरिक्त मुख्य कार्यापालन अधिकारी जिला पंचायत श्री प्रदीप राठिया की अध्यक्षता में जिले में विभिन्न प्रकार के उत्पाद विशेषकर बांस लकड़ी और छींद कांसा की टोकरी कालीन एवं हैण्डलूम में जुड़े स्वयं सहायता समूह एवं व्यक्तिगत विशेषकर कारीगरों को संगठित कर उत्तम उत्पादन एवं बाजार व्यवस्था विषय पर चर्चा किया गया इस अवसर पर श्री विजय शरण , युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन और स्व सहायता समूह की महिलाएं बड़ी संख्या उपस्थित थे ।
जिला प्रशासन द्वारा स्व सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है। महिलाओं को उनकी रूचि के अनुसार प्रशिक्षण देकर उनके लिए स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। -
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हर माह मिलने वाले एक हजार रूपये से घर की जरूरतें हो रही हैं पूरी
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना आज ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए आर्थिक संबल का मजबूत जरिया बन चुकी है। कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड की ग्राम पंचायत लखनपुर में रहने वाली मीरा बाई इसकी एक जीवंत मिसाल हैं। मीरा बाई अपने घर पर कुछ बकरियाँ पालकर गुज़ारा करती हैं। आय का कोई स्थायी स्रोत न होने के कारण महीने के खर्चों में उन्हें काफी कठिनाई होती थी। लेकिन जब से उन्हें महतारी वंदन योजना के तहत हर माह एक हजार रुपये मिलना शुरू हुआ है, तब से उनकी जिंदगी में राहत आई है।
मीरा बाई कहती हैं कि गांव में किसी महिला को नियमित रूप से हर माह एक तय राशि मिले, ये अपने आप में बड़ी बात है। यह भरोसा बना रहता है कि ज़रूरत के समय कम से कम एक हजार रुपये तो मदद में मिलेंगे।मीरा बताती हैं कि आजकल जब कोई सौ रुपये भी देने को तैयार नहीं होता, तब मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा शुरू की गई यह योजना उनके जैसे गरीब परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि यह राशि हर महीने समय पर उनके बैंक खाते में जमा हो जाती है, जिससे वह साग-सब्जी, राशन और अन्य जरूरी घरेलू सामान आसानी से खरीद पाती हैं और घर के छोटे-मोटे खर्चों में परिवार का हाथ बंटा पाती हैं।
मीरा बाई की तरह गाँव की अन्य महिलाएं भी इस योजना से प्रेरित हो रही हैं। यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनने की ओर प्रेरित कर रही है और यह दिखा रही है कि सरकार ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए कितनी संजीदा है। महतारी वंदन योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि ग्रामीण अंचलों में महिलाओं के सम्मान, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की दिशा में बेहद प्रभावी साबित हो रहा है।
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राजनांदगांव की पूजा विश्वकर्मा को लिवर ट्रांसप्लांट के लिए मिली 18 लाख रुपए की सहायता
रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना गंभीर बीमारियों से पीड़ित जरूरतमंद मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। इसी योजना के तहत राजनांदगांव जिले की श्रीमती पूजा विश्वकर्मा को समय पर आर्थिक सहायता मिल सकी, जिससे उनका सफलतापूर्वक लिवर ट्रांसप्लांट संभव हुआ और उन्हें नया जीवन मिला।
श्रीमती पूजा विश्वकर्मा के पति श्री आनंद विश्वकर्मा पेशे से एसी मैकेनिक हैं और अपने सीमित संसाधनों में परिवार का भरण-पोषण करते हैं। जब श्रीमती पूजा को गंभीर लिवर की बीमारी का पता चला और डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता जताई, तब परिवार के सामने लगभग 26 लाख रुपए के खर्च की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई।
पहले एम्स रायपुर और फिर एम्स दिल्ली में उपचार चलने के बाद वर्ष 2025 में रायपुर के श्री नारायणा हॉस्पिटल में लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की गई। इस जटिल और खर्चीले उपचार में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना के तहत राज्य सरकार से मिली 18 लाख रूपए की आर्थिक सहायता श्रीमती पूजा के जीवन की रक्षा का आधार बनी।श्री आनंद विश्वकर्मा ने योजना के प्रति आभार जताते हुए कहा, “जब डॉक्टरों ने ऑपरेशन की बात कही और खर्च बताया, तो हम बिल्कुल टूट चुके थे। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना ने हमें न केवल हिम्मत दी, बल्कि मेरी पत्नी का जीवन भी बचाया। अगर यह योजना न होती, तो मेरी पत्नी को बचा पाना मुश्किल था। मैं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और राज्य सरकार का हृदय से धन्यवाद करता हूं।”
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत गंभीर बीमारियों से पीड़ित जरूरतमंद नागरिकों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सहायता हेतु राज्य रकार द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है। इस योजना ने अब तक अनेक मरीजों को नवजीवन प्रदान किया है और प्रदेश में स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक सशक्त सामाजिक सुरक्षा कवच के रूप में स्थापित हो चुकी है।
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इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा आई.आई.टी., भिलाई के बीच हुआ पांच वर्षीय समझौता
रायपुर : छत्तीसगढ़ के दो प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.), भिलाई शिक्षा, शोध तथा प्रौद्योगिकी विकास के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। दोनों संस्थानों के विद्यार्थियां के प्रशिक्षण, गुणवत्तापूर्ण स्नातकोत्तर शोध, संकाय शोध तथा अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास की संयुक्त परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आज यहां दोनों संस्थानों के मध्य पांच वर्षीय समझौता किया गया। समझौता ज्ञापन पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भिलाई के निदेशक डॉ. राजीव प्रकाश ने हस्ताक्षर किये। प्रदेश के दो उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों के बीच हुए समझौते से राज्य में शोध, अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को नई दिशा मिलेगी। इस अवसर पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.), भिलाई एवं छत्तीसगढ़ बायोटेक प्रमोशन सोसायटी के मध्य स्टार्टअप इन्क्यूबेशन एवं प्रौद्योगिकी विकास में सहयोग हेतु भी समझौता ज्ञापन किया गया।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भिलाई के मध्य संपन्न समझौते के तहत दोनो संस्थानों में स्नातकोत्तर तथा शोध पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शोध कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए दोनों संस्थान एक-दूसरे को मान्यता देंगे। दोनों पक्ष चुनौतीपूर्ण शोध समस्याओं पर केन्द्रित संयुक्त सहयोगी शोध में भी संलग्न होंगे, जिससे समस्या की पहचान, जैविक सामग्री के आदान-प्रदान तथा शोध कार्यां का संपादन किया जा सकेगा। दोनों संस्थानों में उपलब्ध शोध सुविधाओं और पुस्तकालय सुविधाओं का उपयोग भी किया जा सकेगा। शैक्षणिक शोध और प्रशिक्षण के लिए छात्रों का आदान-प्रदान होगा तथा वे दोनों संस्थानों में उपलब्ध छात्रावास सुविधा का लाभ भी ले सकेंगे। दोनों संस्थान उपलब्ध सूचनाओं, वैज्ञानिक या तकनीकी डेटा, प्रौद्योगिकी तथा अन्य जानकारियों का भी परस्पर उपयोग कर सकेंगे। समझौते के तहत दोनों संस्थानों के संकाय सदस्य भी एक-दूसरे संस्थान में शोध एवं अनुसंधान कार्य संपादित कर सकेंगे। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में संपन्न समझौता समारोह में कृषि महाविद्यालय, रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास, कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. विनाय पाण्डेय, खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. ए.के. दवे, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय शर्मा, निदेशक विस्तार डॉ. एस.एस. टुटेजा, निदेश प्रक्षेत्र एवं बीज डॉ. राजेन्द्र लाकपाले सहित अनक प्राध्यापक एवं वैज्ञानिक तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भिलाई के प्राध्यापक एवं वैज्ञानिक भी उपस्थित थे।
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज यहां राजभवन में छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार गोयल ने सौजन्य भेंट की और आयोग की गतिविधियों से अवगत कराया।
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एक ही छत के नीचे मिलेगी खरीदारी और मनोरंजन की सुविधा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर में जोरा मॉल का भव्य शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना कर विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद लिया और सभी के सुख, समृद्धि और मंगल की कामना की। इस दौरान उन्होंने मॉल में सर्व सुविधायुक्त सिनेमा हॉल का शुभारंभ किया और राज्य सरकार के सुशासन पर आधारित एक वीडियो देखा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि राजधानी वासियों के लिए आज का दिन बेहद खास है। यह नया प्रतिष्ठान लोगों को आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी सभी आवश्यक वस्तुएं, मनोरंजन और सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराएगा। इससे आसपास के युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे और क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। श्री साय ने कहा कि यह मॉल आने वाले समय में शहरी जीवनशैली को और अधिक सहज, समृद्ध और सुविधाजनक बनाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि लगभग 12 वर्षों की यात्रा के बाद यह प्रतिष्ठान अपने वास्तविक स्वरूप में बनकर तैयार हुआ है। प्रतिष्ठान के संचालक अनुभवी है और उद्योगपति के रूप में उनके लंबे अनुभवों का लाभ इस नए प्रतिष्ठान को भी मिलेगा। उन्होंने क्षेत्रवासियों और प्रतिष्ठान से जुड़े सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े मॉल का आज विधिवत शुभारंभ हुआ है। 12-13 वर्ष पहले ट्रेजर आईलेंड के नाम से इस मॉल का काम प्रारम्भ हुआ, परन्तु लम्बी यात्रा के बाद आज नए कलेवर के साथ इसका शुभारम्भ हुआ। यह मॉल रायपुर और प्रदेशवासियों के लिए बेहतरीन खरीदी एवं मनोरंजन का केंद्र होगा। राजधानी रायपुर देश में विकसित राजधानी के रूप में अपनी पहचान बना रहा है और यह मॉल इस पहचान को स्थापित करने में अपना योगदान देगा।
शुभारंभ समारोह को उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने भी संबोधित कर अपनी शुभकामनाएं दी।
इस शुभ अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, विधायक श्री अमर अग्रवाल, विधायक श्री अनुज शर्मा, विधायक श्री मोतीलाल साहू, सीएसआईडीसी के चेयरमैन श्री राजीव अग्रवाल, सीएमडीसी के अध्यक्ष श्री सौरभ सिंह, आरडीए के अध्यक्ष श्री नंदकुमार साहू, बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष श्री प्रभतेज सिंह भाटिया, मॉल के संचालक श्री विजय झावर भी उपस्थित रहे।
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हरित ऊर्जा की दिशा में एक और कदम
रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में एक और अहम कदम उठाते हुए रायपुर स्थित गांधी भवन में सौर ऊर्जा आधारित सिस्टम स्थापित करने की योजना बनाई है। इस परियोजना का उद्देश्य भवन की विद्युत आवश्यकताओं को पर्यावरण अनुकूल तरीके से पूरा करना है।
खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राकेश पाण्डेय और राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सवन्नी के बीच इस संबंध में आज महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में गांधी भवन में सौर ऊर्जा प्रणाली की स्थापना और उसकी उपयोगिता पर विस्तार से चर्चा हुई। दोनों अध्यक्षों ने परियोजना को शीघ्र अमल में लाने के लिए परस्पर समन्वय स्थापित करने पर सहमति जताई।यह पहल न केवल छत्तीसगढ़ की हरित ऊर्जा नीति को मजबूती देगी, बल्कि गांधी भवन जैसे ऐतिहासिक स्थल को स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रयोग का प्रेरणादायक उदाहरण भी बनाएगी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा अक्षय ऊर्जा के प्रचार-प्रसार एवं उपयोग को प्राथमिकता दी जा रही है और यह परियोजना उसी दिशा में एक सकारात्मक प्रयास के रूप में देखी जा रही है।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के पंडरी में स्वरा प्रतिष्ठान का भव्य शुभारंभ किया और प्रतिष्ठान के संचालक को अपनी शुभकामनाएं दी। स्वरा प्रतिष्ठान में शहरवासियों को आधुनिक फैशन और डिजाइनर कपड़ों का अच्छा कलेक्शन मिलेगा।
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रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण हेतु शुरू की गई महतारी वंदन योजना ग्रामीण जरूरतमंद महिलाओं के लिए आशा की नई किरण बन गई है। विकासखंड पाली के ग्राम तिवरता की निवासी रेखा दास महंत इसकी एक जीवंत मिसाल हैं, जिनका जीवन इस योजना से बदल गया है। रेखा दास महंत पहले अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कभी पड़ोसियों से, तो कभी रिश्तेदारों से उधार मांगने को मजबूर थीं। कई बार बेहद जरूरी कार्यों के लिए भी उन्हें मदद नहीं मिलती थी। लेकिन अब महतारी वंदन योजना के तहत उन्हें हर महीने एक हज़ार रुपये की नियमित आर्थिक सहायता मिलती है, जिससे उनके छोटे-मोटे घरेलू खर्च आसानी से पूरे हो जाते हैं।
रेखा कहती है कि अब मुझे अपनी छोटी जरूरतों के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ती। हर माह खाते में आने वाली राशि से दाल-चावल, बच्चों की जरूरतें और अन्य ज़रूरी सामान खरीद लेती हूं। रेखा के पति श्री गणेश दास खेती-किसानी करते हैं, लेकिन सिंचाई की समस्या के कारण धान की पैदावार कम होती है। ऐसे में घर का सारा भार रेखा पर आ जाता था। लेकिन अब, महतारी वंदन योजना की राशि ने उन्हें आत्मनिर्भर बना दिया है।
रेखा को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी प्राप्त हुआ है। अब उनका परिवार कच्चे मकान की असुविधा से मुक्त होकर पक्के घर में सुरक्षित जीवन व्यतीत कर रहा है। वह बताती हैं कि पहले बरसात में घर टपकता था, बच्चे बीमार पड़ते थे। अब पक्के मकान में से जीवन में राहत आ गई है।
रेखा दास महंत ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह सरकार वास्तव में गरीबों की सरकार है। महतारी वंदन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना ने हम जैसे परिवारों को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर दिया है। महतारी वंदन योजना से अब हम जैसी महिलाओं को एक नया संबल मिला है। यह योजना, नारी गरिमा, स्वाभिमान और सामाजिक सुरक्षा का प्रतीक बन चुकी है। -
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मिनीमाता के मूर्ति अनावरण एवं सम्मान समारोह में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री
रायपुर : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा है कि सतनामी समाज एवं छत्तीसगढ़ के गौरव पूर्व सांसद स्वर्गीय मिनीमाता का जीवन जन सेवा एवं संघर्षों में व्यतीत हुआ है। उन्होंने गरीबों, दीन-हीनों एवं जरूरतमंदों की सेवा में आजीवन अपने आप को समर्पित किया था। उनका पूरा जीवन मानवता एवं जन कल्याण के लिए समर्पित रहा है। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखण्ड के ग्राम भंडेरा में आयोजित स्वर्गीय मिनीमाता के मूर्ति अनावरण एवं सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। सांसद श्री भोजराज नाग, विधायक श्री कुंवर सिंह निषाद और श्री डोमन लाल कोर्सेवाड़ा भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कार्यक्रम में कहा कि उस दौर में जब महिलाओं को अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी, स्वर्गीय मिनीमाता को छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद बनने का गौरव हासिल हुआ था। उन्होंने कहा कि गरीबों और वंचित वर्गों के साथ-साथ पीड़ित मानवता की सेवा में मिनीमाता का योगदान अनुपम एवं अद्वितीय है। हम सभी को गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा की सीख मिनीमाता से लेना चाहिए।
सांसद श्री भोजराज नाग ने वंचित वर्गों के कल्याण तथा समाज के नवनिर्माण में स्वर्गीय मिनीमाता के योगदानों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि मिनीमता ने जीवन पर्यंत समाज में फैली कुरीतियों और विसंगतियों को दूर करने में बहुमूल्य भूमिका निभाई। विधायक श्री डोमन लाल कोर्सेवाड़ा ने स्वर्गीय मिनीमाता के योगदानों को रेखांकित करते हुए उन्हें समाज के शोषित, पीड़ित एवं वंचित वर्गों का सच्चा हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि आप सबकी कृपा और आशीर्वाद से ग्राम भंडेरा के मेरे जैसे एक साधारण व्यक्ति को विधायक बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले समाज के प्रतिभाशाली लोगों का सम्मान किया गया। पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, पूर्व विधायक सर्वश्री बिरेन्द्र साहू, राजेन्द्र राय, दयाराम साहू तथा नगर पंचायत गुण्डरदेही के अध्यक्ष श्री प्रमोद जैन सहित अनेक जनप्रतिनिधि तथा सतनामी समाज के पदाधिकारी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।
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बेमेतरा : जिले की एकीकृत बाल विकास परियोजना बेरला अंतर्गत वर्तमान में नवीन स्वीकृत पद एवं रिक्त पद हेतु आ.बा. सहायिका के पद पर शासन द्वारा निर्धारित निर्देश एवं मानदंडों के अनुसार नियमानुसार नियुक्ति किया जाना हैं। इसके अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय बेरला आंगनबाड़ी केंद्र आनंदगांव 05 पर आ. बा. सहायिका पद, आंगनबाड़ी केंद्र रवेली 02 आ.बा. सहायिका पद, आंगनबाड़ी केंद्र कोदवा 03 आ.बा. सहायिका पद, आंगनबाड़ी केंद्र सोढ़ 06 आ.बा. सहायिका हेतु पद पर आवेदन आमंत्रित किया गया हैं।
आवेदन संबंधित नगरीय की आवेदिकाओ द्वारा आवेदन पत्र भरकर निर्धारित तिथि में 25 अप्रैल 2025 से 09 मई 2025 तक एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय बेरला में कार्यालयीन समय 10ः00 से 5ः30 बजे तक सीधे अथवा पंजीकृत डाक द्वारा जमा किये जायेगे। निर्धारित तिथि के पश्चात् प्राप्त आवेदन स्वीकार नहीं किये जावेगे।
आंगनबाड़ी सहायिका के पद हेतु निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8 वीं परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। आवेदिका की आयु 18 से 44 वर्ष के मध्य होना चाहिए। एक वर्ष या अधिक सेवा अनुभव रखने वाले अभ्यर्थियों को आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी जाएगी। आवेदिका को ग्रामीण क्षेत्रों में उसी पंचायत/नगरी वार्ड की स्थानीय निवासी होनी चाहिए जिस पंचायत में आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए विज्ञापन जारी हुआ है। तथा पंचायत/नगरीय क्षेत्र में उसी वार्ड की निवासी होनी चाहिए जिस पंचायत हेतु विज्ञापन जारी हुआ है। सभी आवश्यक दस्तावेजों की स्व-प्रमाणित प्रति के साथ आवेदन पत्र सम्बन्धित एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय में निर्धारित अंतिम तिथि तक सीधे अथवा पंजीकृत डाक के माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकता है।
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बिलासपुर : जिला सहकारी बैंक प्रबंधन और कर्मचारी संघ के संयुक्त तत्वाधान में आज कलेक्टर एवं बैंक के प्राधिकृत अधिकारी श्री अवनीश शरण को भावभीनी बिदाई दी गई। बिदाई समारोह में बैंक के सीईओ श्री सुनील सोढ़ी द्वारा कलेक्टर के कार्यकाल में बैंक में हुई प्रगति का विवरण प्रस्तुत किया गया साथ ही शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर श्री शरण ने बैंक के उज्वल भविष्य की कामना कर सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम के अंत में नोडल अधिकारी श्री आशीष दुबे के द्वारा आभार व्यक्त किया गया। कर्मचारी संघ के द्वारा भी स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इस अवसर पर, उप पंजीयक श्रीमती मंजू पांडेय, अतिरिक्त मुख्य पर्यवेक्षक श्री शशांक शेखर दुबे, नोडल अधिकारी श्री आशीष दुबे, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री भागवत यादव, प्रकाश शर्मा, शरद शर्मा, राजकिशोरी इक्का, अश्वनी पांडेय, देवेंद्र शुक्ला, किशोर चंद्राकर, अभिषेक शर्मा अनुभा मसीह, नेहा निकम, राजेश पाठक, सुशील चन्द्राकर एवं बैंक के कर्मचारी अधिकारी उपस्थित रहे।