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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कोरिया : सुशासन तिहार के अंतर्गत प्राप्त जनआवेदनों के शीघ्र और प्रभावी निराकरण हेतु आज जिला कार्यालय में कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी की अध्यक्षता में सभी विभागीय अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।बैठक में कलेक्टर ने सबसे पहले नगरीय निकायों से संबंधित आवेदनों की समीक्षा की तथा उसके पश्चात विभागवार आवेदनों की संख्या, प्रकार एवं अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी अधिकारियों से प्राप्त की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन आवेदनों का विषय संबंधित विभाग से नहीं है, उन्हें तत्काल संबंधित विभाग को अग्रेषित किया जाए।
कलेक्टर ने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया कि सभी आवेदनों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निराकरण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही समाधान होने के पश्चात आवेदकों को व्यक्तिगत रूप से सूचित करना अनिवार्य किया जाए, ताकि आम जनता को शासन-प्रशासन की तत्परता का अनुभव हो।ज्ञात हो कि सुशासन तिहार के प्रथम चरण में (8 से 11 अप्रैल 2025) जिले में 62,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें अधिकांश शिकायतें, मांग और सुझाव से संबंधित हैं।बैठक में कलेक्टर ने सभी अधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री के मंशानुरूप व उनके निर्देश के तहत हम सबको सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों का समाधान तेजी से करना है। बता दें यह तिहार शासन की ‘जनहित में त्वरित कार्यवाही‘ की नीति को मूर्त रूप प्रदान करता है। कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने कहा प्रत्येक आवेदन हमारे लिए एक जिम्मेदारी है। अधिकारियों को चाहिए कि वे पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य करें और आवेदकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करें।
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रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की नव नियुक्त अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने अपने कार्यभार ग्रहण के दूसरे ही दिन बाल श्रम की रोकथाम को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेशभर में व्यापक छापेमारी अभियान के निर्देश जारी किए हैं।डॉ. शर्मा ने श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, सभी जिलों के कलेक्टर्स एवं पुलिस अधीक्षकों को आठ बिंदुओं पर आधारित सुनियोजित और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बाल श्रम का उन्मूलन एक दिवस की प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक सतत अभियान है, जिसे निरंतरता से संचालित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के बाल अधिकारों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध दृष्टिकोण के अनुरूप, यह पहल राज्य में बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में निर्णायक कदम के रूप में देखी जा रही है।डॉ. शर्मा ने निर्देश दिए हैं कि अप्रैल 2025 से प्रारंभ होकर प्रत्येक तीन माह में सात दिवसीय प्रदेशव्यापी छापामारी अभियान चलाया जाए। इस कार्यवाही में जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस प्रशासन और संबंधित थाना क्षेत्रों की भागीदारी से विशेष दलों का गठन किया जाएगा। अभियान के दौरान पाए गए बाल श्रमिकों को तत्काल आवश्यकतानुसार बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।उन्होंने यह भी कहा कि इन कार्यवाहियों के दौरान राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOPs) का पूरी तरह पालन किया जाए। अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम प्रतिषेध दिवस (12 जून 2025) को सार्थक बनाते हुए, प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टर के समक्ष श्रम विभाग द्वारा बाल श्रम की स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
आम नागरिकों की सहभागिता को बढ़ाने के लिए, डॉ. शर्मा ने श्रम विभाग के अंतर्गत टोल फ्री नंबर की स्थापना और उसके सक्रिय संचालन की अनुशंसा की है, जिससे बाल श्रम संबंधी सूचनाएं त्वरित रूप से प्राप्त की जा सकें।बाल श्रम के मूल कारणों को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि बचाए गए बालकों के परिवारों को तत्काल रोजगार उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए जिला कलेक्टोरेट स्तर पर ‘एकल खिड़की व्यवस्था’ स्थापित करने की सिफारिश की गई है, जिससे प्रभावित परिवारों को समुचित और त्वरित सहायता दी जा सके।डॉ. शर्मा के यह निर्देश मुख्यमंत्री श्री साय एवं मंत्री श्रीमती राजवाड़े की मंशा के अनुरूप बाल अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक प्रभावी और दूरदर्शी कदम माने जा रहे हैं।
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बाल श्रम की रोकथाम हेतु छापेमारी अभियान के कड़े निर्देश दिएमहासमुंद : छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिकां शर्मा ने बाल श्रम की रोकथाम हेतु प्रदेश के समस्त जिलों में छापामार कार्यवाही किये जाने के संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। उन्होने 08 बिन्दुओं पर सुनियोजित तथा कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग को दिए हैं। डॉ. वर्णिका शर्मा द्वारा पत्र में यह लेख किया है कि बाल श्रम की रोकथाम कोई एक दिवस की प्रक्रिया नहीं है अपितु यह एक सतत प्रक्रिया है अतः कहा गया है कि संपूर्ण प्रदेश के समस्त जिलों में अप्रैल 2025 से प्रारंभ कर प्रत्येक 03 माह में प्रदेश व्यापी सात दिवसीय छापामारी अभियान चलाया जाए। छापेमारी की कार्यवाही हेतु जिला बाल संरक्षण इकाई/जिला पुलिस प्रशासन/संबंधित थाना क्षेत्र प्रशासन को शामिल करते हुए दल बनाया जाए तथा देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बाल श्रमिकों को आवश्यक होने पर यथाशीघ्र बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जावे। इसके साथ ही उन्होंने उक्त छापेमारी अभियान के दौरान समय-समय पर राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर जारी किए गए समस्त आदर्श क्रियान्वयन प्रक्रियाओं का पालन किये जाने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने निर्देशों में यह भी लेख किया है कि अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम प्रतिषेध दिवस दिनांक 12 जून 2025 को सार्थक बनाते हुए प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टर के समक्ष श्रम विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा बाल श्रम की रोकथाम के संबंध में स्थिति का प्रस्तुतीकरण किया जाये। उन्होंने विभाग को यह भी अनुशंसा की है कि बाल श्रमिक के पाये जाने पर आम नागरिकों द्वारा इसकी सूचना श्रम विभाग को सुलभ रूप से देने के लिए श्रमायुक्त कार्यालय या राज्य मुख्यालय में एक टोल फ्री नंबर की सेवा को आरंभ किया जावे व आरंभ हो,तो उसे सक्रिय रखा जावे। बाल श्रम के मूल कारणों को ध्यान में रखते हुए उन्होनें यह भी लेख किया है कि बचाव किये गये संबंधित बालक के परिवार के आय उपार्जन हेतु उनके परिवार को तत्काल रोजगार उपलब्ध कराया जाये जिसके लिए जिला कलेक्टोरेट में एकल खिड़की व्यवस्था लागू करने की भी अनुशंसा की है।
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संयुक्त दल द्वारा विभिन्न स्थानों पर अभियान का किया गया आयोजन
महासमुंद : राज्य शासन के निर्देशानुसार एवं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जारी एसओपी के तहत जिले में नशे में लिप्त बच्चों के चिन्हांकन, संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु “युद्ध नशे के विरुद्ध” अभियान का सोमवार को सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।यह अभियान चरणबद्ध रूप से जिले के प्रमुख बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौक‑चौराहो एवं अन्य संवेदनशील स्थानों पर संचालित किया गया, जहाँ अक्सर नशे के कारोबार एवं सेवन की घटनाएं सामने आती हैं। अभियान में प्रमुख रूप से खाद्य एवं औषधि विभाग, श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन, जिला नोडल कोटपा शामिल रहे।अभियान के तहत गठित संयुक्त दल ने पास-पड़ोस के क्षेत्र, वेटिंग हॉल, बस अड्डे व चौराहों पर सघन निरीक्षण कर नशे की आपूर्ति करने वाले स्रोतों पर कड़ी नज़र रखी। साथ ही, संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिलने पर तुरंत जाँच‑पड़ताल कर नशीली दवाओं के सेवन के प्रमाण एकत्रित किए।
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जनप्रतिनिधि हुए शामिल, पोषण के महत्व को बताया
महासमुंद : पोषण पखवाड़ा 2025 के समापन अवसर पर आज स्थानीय संत रविदास भवन में शहरी परियोजना अंतर्गत वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं, सहायिका और क्षेत्र की शिशुवती माताएं और गर्भवती महिलाएं, किशोरी और स्कूली बच्चे मौजूद थे। दो सप्ताह तक चले इस अभियान के अंतिम दिवस पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों, स्वास्थ्य परीक्षण शिविरों, पौष्टिक आहार प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। शिविर में इस दौरान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरूकता का संदेश दिया गया। इस अवसर पर पोषण पर आधारित रंगोली और स्लोगन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
कार्यक्रम में स्थानीय पार्षद गण श्रीमती सीता डोंडेकर, श्री राहुल आवड़े, श्री जय देवांगन श्री सूरज नायक, श्री धनेन्द्र चंद्राकर, श्री मुस्ताक खान, ईश्वरी भोई, ओमीन कागजी, कल्पना सूर्यवंशी, श्री बड़े मुन्ना देवार, श्री माखन पटेल, श्री चंद्रशेखर बेलदार एवं श्री नीरज चंद्राकर मौजूद थे। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों ने माताओं को सही पोषण और स्वस्थ्य जीवन के लिए उचित खान पान अपनाने की सलाह दी। कार्यक्रम में कुपोषण मुक्त भारत के सपनों को साकार करने की दिशा में पहल की गई। साथ ही बाल विवाह मुक्त समाज की संकल्पना को दोहराया गया। विभागीय योजनाओं से संबंधित अध्ययन सामग्री भी प्रदान किया गया।
परियोजना अधिकारी श्रीमती शैल नाविक एवं पर्यवेक्षक शीला प्रधान द्वारा माताओं और किशोरी बालिकाओं को सही पोषण - देश रोशन का संदेश देते हुए दैनिक जीवन में संतुलित आहार और नियमित व्यायाम को अपनाने का आह्वान किया गया। पोषण पखवाड़ा में बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण की रोकथाम और निवारण के उपाय बताए गए। इसके साथ ही पखवाड़े में संतुलित भोजन क्या है और उसे कैसे अपनाया जाए तथा घरेलू या स्कूल स्तर पर पोषण वाटिकाओं को प्रोत्साहित करने और मोटे अनाजों का उपयोग बढ़ाने पर जागरूक किया गया। पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत आंगनवाड़ी सेवाएं, मिड-डे मील, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना आदि के ज़रिए पोषण सुधार को बढ़ावा देने प्रेरित किया गया। पोषण पखवाड़ा का उद्देश्य संतुलित आहार, स्वस्थ जीवनशैली और पोषण संबंधी जागरूकता के प्रति प्रेरित करना है। विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और किशोरों में पोषण स्तर को बेहतर बनाना है।
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जनदर्शन में प्राप्त हुए 47 आवेदन
महासमुंद : जिला कार्यालय कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में आज आमजन से सीधे संवाद करते हुए कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने न सिर्फ 47 आवेदनों को गंभीरता से सुना, बल्कि विभागीय अधिकारियों को प्रत्येक मामले में त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सभी आवेदनों का नियमानुसार परीक्षण कर पात्र हितग्राहियों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जाए। जनदर्शन में ग्राम खैरझिटी तुमगांव के निवासियों ने करणी कृपा स्टील एवं पावर लिमिटेड के खिलाफ नियमों की अवहेलना एवं अन्य कारणों को लेकर आवेदन किया। पिथौरा निवासी श्री भगनूराम निषाद ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के संबंध में आवेदन दिए। इसी प्रकार बागबाहरा अंतर्गत ग्राम मोंगरापाली के निवासियों ने नल जल योजना पानी की समस्या को लेकर, महासमुंद के ग्राम किशनपुर निवासी श्री टुनू राणा ने पीएम आवास की मांग, ग्राम मुनगासेर निवासी श्री थनवार ने नक्शा बटांकन हेतु, सरायपाली के ग्राम चारभाँठा निवासी श्री महेश नायक ने वन अधिकार पट्टा के लिए आवेदन किया। कलेक्टर श्री लंगेह ने जनदर्शन में प्राप्त आवेदनों का प्राथमिकता के साथ निराकरण के लिए निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ एस आलोक सहित समस्त जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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खेल अधोसंरचनाओं के निर्माण के प्रस्ताव पर केन्द्रीय मंत्री ने दी सहमतिरामानुजगंज विघानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बनेंगे इंडोर स्टेडियम, क्रीडा परिसर, क्रिकेट स्टेडियम का भी होगा निर्माण
रायपुर : छत्तीसगढ़ के आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने दिल्ली प्रवास के दौरान आज केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। मंत्री श्री नेताम और केन्द्रीय मंत्री डॉ. मांडविया के मध्य छत्तीसगढ़ के विकास हेतु योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। मंत्री नेताम द्वारा इस दौरान रामानुजगंज-बलरामपुर जिले के विभिन्न स्थानों में खेलो इंडिया मद से खेल अधोसंरचना निर्माण के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने सैंद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति देने का आश्वासन दिया।
मंत्री श्री रामविचार नेताम ने बताया कि उनके इस प्रस्ताव की स्वीकृति मिल जाने से छत्तीसगढ़ के दुरूस्थ जिले रामानुजगंज-बलरामपुर में भी खेल गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया के तर्ज पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार भी खेलो छत्तीसगढ़ के माध्यम से राज्य के युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने का काम कर रही है।
मंत्री श्री नेताम ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया को विधानसभा क्षेत्र रामानुजगंज जिला बलरामपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत गांजर में स्टेडियम निर्माण एवं समतलीकरण कार्य लागत 1 करोड़ 50 लाख रूपए के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इसी प्रकार ग्राम त्रिशुली हल्दीमोड के पास क्रिकेट मैदान स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ 50 लाख रूपए डिण्डो में मिनी स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ रूपए, रामानुजगंज, बलरामपुर और रामचंद्रपुर में मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम का निर्माण हेतु लागत राशि प्रति कार्य 15-15 करोड़ रूपए का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह रामानुजगंज में बॉलीवाल तथा बैडमिंटन के लिए पक्के मैदान एवं सीटिंग बैच के निर्माण के लिए 5 करोड़ तथा रामानुजगंज में ही सर्वसुविधा युक्त क्रीडा परिसर का निर्माण जिसकी लागत 10 करोड़ रूपए अनुमानित है का प्रस्ताव केन्द्रीय खेल एवं युवा मंत्री डॉ. मंडाविया के समक्ष् रखा गया है। केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने इन प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति का आश्वासन दिया है। इन कार्यों की स्वीकृति हो जाने पर रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में भी खेल गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा। -
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रायपुर : आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग के नवनियुक्त आयुक्त डॉ.सारांश मित्तर ने सोमवार को आयुक्त कार्यालय पहुंचकर कार्यभार ग्रहण किया। इस दौरान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं विभागीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने उनका अभिवादन किया। कार्यभार ग्रहण के बाद उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं - छात्रवृत्ति, प्राधिकरण, वन अधिकार अधिनियम, पीएम जनमन, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, निर्माण शाखा एवं अन्य योजनाओं की संक्षेप में जानकारी प्राप्त की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।इस अवसर पर अपर संचालक श्री संजय गौड़, श्री आर.एस.भोई, श्री जितेन्द्र गुप्ता, श्री तारकेश्वर देवांगन, उपायुक्त श्री एल.आर.कुर्रे एवं श्रीमती मेनका चंद्राकर एवं कार्यपालन अभियंता श्री त्रिदीप चक्रवर्ती उपस्थित थे।
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खेल अधोसंरचनाओं के निर्माण के प्रस्ताव पर केन्द्रीय मंत्री ने दी सहमति
रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बनेंगे इंडोर स्टेडियम, क्रीडा परिसर, क्रिकेट स्टेडियम का भी होगा निर्माणबलरामपुर : छत्तीसगढ़ के आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने दिल्ली प्रवास के दौरान आज केंद्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। मंत्री श्री नेताम और केन्द्रीय मंत्री डॉ. मांडविया के मध्य छत्तीसगढ़ के विकास हेतु योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। मंत्री नेताम द्वारा इस दौरान रामानुजगंज-बलरामपुर जिले के विभिन्न स्थानों में खेलो इंडिया मद से खेल अधोसंरचना निर्माण के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने सैंद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति देने का आश्वासन दिया।
मंत्री श्री रामविचार नेताम ने बताया कि उनके इस प्रस्ताव की स्वीकृति मिल जाने से छत्तीसगढ़ के दुरूस्थ जिले रामानुजगंज-बलरामपुर में भी खेल गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया के तर्ज पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार भी खेलो छत्तीसगढ़ के माध्यम से राज्य के युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने का काम कर रही है।
मंत्री श्री नेताम ने बताया कि केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया को विधानसभा क्षेत्र रामानुजगंज जिला बलरामपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत गांजर में स्टेडियम निर्माण एवं समतलीकरण कार्य लागत 1 करोड़ 50 लाख रूपए के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इसी प्रकार ग्राम त्रिशुली हल्दीमोड के पास क्रिकेट मैदान स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ 50 लाख रूपए डिण्डो में मिनी स्टेडियम निर्माण लागत 1 करोड़ रूपए, रामानुजगंज, बलरामपुर और रामचंद्रपुर में मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम का निर्माण हेतु लागत राशि प्रति कार्य 15-15 करोड़ रूपए का प्रस्ताव दिया है। इसी तरह रामानुजगंज में बॉलीवाल तथा बैडमिंटन के लिए पक्के मैदान एवं सीटिंग बैच के निर्माण के लिए 5 करोड़ तथा रामानुजगंज में ही सर्वसुविधा युक्त क्रीडा परिसर का निर्माण जिसकी लागत 10 करोड़ रूपए अनुमानित है का प्रस्ताव केन्द्रीय खेल एवं युवा मंत्री डॉ. मंडाविया के समक्ष रखा गया है। केंद्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने इन प्रस्तावों पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान करते हुए जल्द स्वीकृति का आश्वासन दिया है। इन कार्यों की स्वीकृति हो जाने पर रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में भी खेल गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा।
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महासमुंद : जिले में ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार की योजना के तहत संचालित ’’बड़ौदा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान’’ बरोण्डा बाजार में ’’चार पहिया वाहन प्रशिक्षण’’ प्रारंभ किया गया है। यह प्रशिक्षण 18 से 45 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए उपलब्ध है। इस कार्यक्रम में कुल 35 सीटें निर्धारित हैं, जिनमें से 10 सीटें अभी भी रिक्त हैं। इच्छुक उम्मीदवार 23 अप्रैल तक अपना आवेदन कर सकते हैं।
पंजीयन हेतु दस्तावेज में आधार कार्ड की 2 फोटोकॉपी, बी.पी.एल. राशन कार्ड 2 फोटोकॉपी, अंकसूची 1 फोटोकॉपी न्यूनतम 8वीं उत्तीर्ण, पासपोर्ट साइज की 5 फोटो आवश्यक है। इच्छुक हितग्राही 23 अप्रैल 2025 तक बड़ौदा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में जाकर या प्रतीक साहेब गुप्ता के मोबाईल नम्बर 93402-81974 पर संपर्क कर अपना पंजीयन करा सकते हैं।
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वाहन चलाते समय सीट बेल्ट और हेलमेट अनिवार्य रूप से लगाएं
नियम विरूद्ध चलने वाले नागरिकों के अलावा अधिकारी कर्मचारी पर भी कार्रवाई करें - कलेक्टर
महासमुंद : कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक लेकर सड़क सुरक्षा नियमों एवं सुरक्षा संबंधी उपायों के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि शाला खोलने और बंद करने के दौरान भारी वाहन के आवागमन और परिवहन पर विशेष सतर्कता बरती जाएं। इस दौरान भारी वाहनों के गुजरने पर विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने परिवहन अधिकारी और अनुविभागीय अधिकारियों को इस बाबत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा कि स्कूल परिसर और मुख्य दरवाजे के सामने भारी वाहनों के पार्किंग पर भी कार्रवाई करें तथा वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करें। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक, अपर कलेक्टर श्री रवि कुमार साहू, जिला परिवहन अधिकारी श्री रामकुमार ध्रुव एवं संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर श्री लंगेह ने कहा कि विशेष तौर पर स्कूली बच्चों के आने-जाने के समय इस बात का ख्याल रखा जाए। बच्चों के स्कूली वाहन में सुरक्षा के सभी मापदंड पूरे हो। स्कूल प्रबंधन की यह जवाबदारी है कि स्कूल वाहनों में बच्चों की संख्या ओवर लोडेड न हो। साथ ही सुरक्षा संबंधी सभी उपायों का पालन करें। उन्होंने कहा कि जिले के अधिकारी-कर्मचारी भी सड़क सुरक्षा नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करें। कार्यालय आने-जाने के दौरान हेलमेट व सीट बेल्ट लगाए। उन पर भी आम नागरिक की तरह पेनाल्टी की कार्रवाई करें। साथ ही नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर रोक लगाई जाए तथा आवश्यकतानुसार समझाइश देते हुए कार्रवाई भी करें। तेज गति से वाहन चलाते पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई भी सुनिश्चित किया जाए। इसी तरह जिले में क्षमता से अधिक फर्सी व खनिज परिवहन मालवाहकों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
जिला परिवहन अधिकारी श्री आर.के. ध्रुव ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा वर्ष 2025 में अब तक प्रेशर हार्न पर कार्यवाही करते हुए कुल 10249 वाहनों से 2 करोड़ 60 लाख 54 हजार 700 रुपए समन शुल्क वसूल किया गया है। इसी तरह जिले में संचालित हो रहे मोटरसाईकल में 02 से अधिक व्यक्ति बैठे पाए जाने के विरूद्ध कुल 185 प्रकरणों में कार्यवाही कर 73 हजार 200 रुपए शुल्क वसूल किया गया है। बिना हेलमेट के मोटरसाइकिल संचालन के विरूद्ध 936 प्रकरणों में कार्यवाही कर 4 लाख 67 हजार 100 रुपए एवं बिना सीट बेल्ट के कार संचालन के विरूद्ध कुल 1102 प्रकरणों में कार्यवाही करते हुए 5 लाख 55 हजार 600 रुपए समन शुल्क वसूल किया गया। -
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सुशासन तिहार में सभी आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित किया जाए
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गर्मी में पेयजल की व्यवस्था हेतु उचित व्यवस्था करें
अवैध रेत उत्खनन पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी
शासकीय मदिरा दुकानों का टीम बनाकर निरीक्षण करें
महासमुंद : कलेक्टर श्री विनय लंगेह ने कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में समय-सीमा बैठक लेकर जिले में संचालित प्रमुख योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में “मोर दुआर साय सरकार“, “आवास प्लस 2.0“, “सुशासन तिहार“, “पीएम जनमन योजना“, धान उठाव सहित विभिन्न अभियान शामिल रहे। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक, अपर कलेक्टर श्री रवि कुमार साहू, एसडीएम सरायपाली श्रीमती नम्रता चौबे, एसडीएम महासमुंद श्री हरिशंकर पैकरा, एसडीएम बागबाहरा श्री उमेश कुमार साहू, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती सृष्टि चंद्राकर, श्री आशीष कर्मा सहित जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी वर्चुअल रूप से शामिल रहे।
बैठक में कलेक्टर श्री लंगेह ने “मोर दुआर-साय सरकार“ विशेष सर्वेक्षण पखवाड़े के सफल संचालन हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य आवास योजना से वंचित पात्र ग्रामीणों की पहचान कर उन्हें लाभान्वित करना है। श्री लंगेह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि “सुशासन तिहार“ के तहत प्राप्त आवेदनों की प्रविष्टि संबंधित पोर्टल पर आज शाम अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग विशेष टीम बनाकर आवेदनों का गुणवत्ता पूर्ण और त्वरित निराकरण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा इसका उद्देश्य जन शिकायतों का त्वरित समाधान और योजनाओं की अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।
साथ ही कलेक्टर श्री लंगेह ने सभी सीईओ को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय पंचायत दिवस (24 अप्रैल) के अवसर पर जिले के पांचों विकासखंड की चयनित 60 ग्राम पंचायतों में अटल पंचायत डिजिटल सुविधा केंद्रों एवं वीएलई द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की सूची केंद्रों पर प्रदर्शित की जाए। साथ ही दी जाने वाली सेवाओं का मुनादी के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
कलेक्टर श्री लंगेह ने भूमि जल संरक्षण और जल प्रबंधन को लेकर सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए कि वे अपने अधीनस्थ क्षेत्रों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना सुनिश्चित करें और जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जल संरक्षण के प्रति प्रेरित करें। उन्होंने हर नागरिक से भी अपील की है कि वर्षा जल को संचित करे और अपने घर, स्कूल तथा कार्यस्थलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए, तो आने वाले वर्षों में जल संकट से काफी हद तक बचा जा सकता है। भीषण गर्मी को देखते हुए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पीएचई विभाग को निर्देशित किया कि जहां पेयजल के लिए बोर खनन आवश्यक हो वहां बोर खनन कर सुविधा उपलब्ध कराई जाए। सभी जनपद सीईओ और मुख्य नगर पालिका अधिकारी भी टैंकर से पानी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर श्री लंगेह ने सभी एसडीएम को निर्देशित किया कि लोकसेवा गारंटी के अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों का समय सीमा में निराकरण करे। साथ ही अवैध रेत उत्खनन को लेकर जिन ग्राम पंचायतों से शिकायत प्राप्त हो रही है उन पर कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज करें। जिले में अवैध शराब विक्रय पर कड़ी निगरानी रखते हुए जिले के सभी मदिरा दुकानों में अनुविभागीय अधिकारी, थाना प्रभारी और आबकारी उप निरीक्षक मिलकर सतत निरीक्षण करें। कलेक्टर ने कहा कि व्हीकल माउंटेड डीजे पर भी सतत कार्रवाई करे। सभी अनुविभागीय अधिकारी डीजे संचालकों की बैठक लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से अवगत कराते हुए सख्ती से पालन कराएं। इसी के साथ उन्होंने खाद्य विभाग और संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि धान उठाव की प्रक्रिया शीघ्रता से पूरी की जाए। वर्तमान में लगभग 13 हजार क्विंटल धान उठाव शेष है। उन्होंने प्रधानमंत्री जनमन योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इस योजना के लक्ष्यों को शीघ्रता से पूरा करें। विशेषकर जाति, आधार, आयुष्मान कार्ड आदि को शत प्रतिशत बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों पर आवारा मवेशियों के जमवाड़ा को सुरक्षित स्थानों पर रखने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा उन्होंने राजस्व पखवाड़ा, पोषण पखवाड़ा, अपार आईडी, अनुकंपा नियुक्ति आदि की समीक्षा की गई। साथ ही पीएम पोर्टल, मुख्यमंत्री जनदर्शन, कलेक्टर जन चौपाल, समय सीमा पत्रकों की विस्तार से समीक्षा की तथा उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राप्त मांग एवं शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण करें।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
*अब तक 15 हजार से ज्यादा मामलों का निराकरण
*एक एक आवेदन का हो सार्थक समाधान
*टीएल बैठक में प्राथमिकता वाली योजनाओं की समीक्षा
*खाद बीज का अग्रिम उठाव करने किसानों से अपील
*पेयजल समस्या का करें त्वरित समाधान
बिलासपुर : कलेक्टर अवनीश शरण ने आज साप्ताहिक टीएल बैठक में सुशासन तिहार में मिले आवेदनों के निराकरण की प्रगति की समीक्षा की। अब तक लगभग 15 हजार से ज्यादा आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। उन्होंने दिन रात काम कर आवेदनों के परिणाम मूलक समाधान के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि आवेदनों को अधिकारी स्वयं पढ़ें, समझें और समाधान निकालें। कंप्यूटर ऑपरेटर अथवा बाबू के भरोसे न छोड़ें। गलती से यदि दूसरे विभागों के आवेदन आपकी आईडी में आ गए हैं, तो इसे संबंधित विभागों को तत्काल फॉरवर्ड कर दें। ताकि उनको समाधान के लिए समय मिल सके।
कलेक्टर ने बताया कि आगामी 5 मई से 31 मई तक समाधान शिविर लगेंगे। प्रत्येक 10 पंचायत के बीच एक शिविर आयोजित होगा। नगर निगम क्षेत्रों में भी 5/6 वार्डों के बीच समाधान शिविर लगेंगे। इन शिविरों में आवेदनों के निराकरण की स्थिति की जानकारी दी जाएगी। श्री शरण ने कहा कि शिकायतों के निराकरण में आवेदक को भी बुलाया जाए अथवा फोन पर उनसे चर्चा की जाए। कलेक्टर ने कहा कि पोर्टल के संबंध में यदि कोई दिक्कत आती है तो ग्रामीण क्षेत्र क्षेत्र के लिए जिला पंचायत सीईओ और नगरी क्षेत्र के लिए नगर निगम आयुक्त से संपर्क कर उसका निदान कराएं। कलेक्टर ने बैठक में आवेदनों के तेजी से निदान पर बल दिया। उन्होंने भीषण गर्मी को देखते हुए पेयजल की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि लोगों को पेयजल और निस्तारी में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। यदि जलस्रोत नीचे हो रहा तो नलकूप। में राइजिंग पाइप बढ़ाए। मूलभूत अथवा 15 वाँ वित्त आयोग मद का उपयोग किया जा सकता है। किसी भी हालत में लोगों को पेयजल की समस्या नहीं आनी चाहिए। आगामी खरीफ सीजन को देखते हुए खाद बीज की उपलब्धता की समीक्षा भी की। किसानों से खाद बीज का अग्रिम उठाव करने की अपील की। उन्हें अतिरिक्त ब्याज नहीं देना होगा। कृषि विभाग को उठाव के बारे में किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने टीएल में दर्ज एक एक प्रकरण की समीक्षा की। तथा और तेजी के साथ निराकरण करने के निर्देश दिए। निगम आयुक्त अमित कुमार, डीएफओ सत्यदेव शर्मा सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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महासमुंद : कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार अवैध खनिज उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण पर रोक लगाने हेतु खनिज विभाग द्वारा सतत कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में आज दिनांक ग्राम पंचायत खमतराई, महानदी क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए दो वाहनों को रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन करते हुए पकड़ा गया।
खनिज विभाग की टीम ने एक हाईवा (वाहन क्रमांक CG 06 HA 9377 जिसे सूरज भारती निवासी बघतरा मंदिर, हसौद चला रहा था, को अवैध रेत परिवहन करते हुए पकड़ा गया। वहीं एक चैन माउंटेन मशीन (मशीन क्रमांक SANY210 OE1110211J3P10119), जिसका चालक अज्ञात है, को अवैध रेत उत्खनन करते हुए जप्त किया गया। दोनों वाहनों को जब्त कर सुरक्षार्थ तुमगांव थाना में खड़ा किया गया है। खनिज विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि उक्त वाहनों पर खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 की धारा 21 के अंतर्गत कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। इस प्रकरण में 2 से 5 वर्षों की सजा का प्रावधान है और संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया जाएगा।
पूर्व में भी खनिज पट्टेदारों एवं खनिज परिवहनकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं कि बिना वैध अभिवहन पास के खनिज का उत्खनन, परिवहन या भंडारण करना कानूनन अपराध है। कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में अवैध खनिज गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु खनिज विभाग का विशेष अभियान सतत जारी रहेगा और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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सूरजपुर : तेज़ गर्मी से लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सूरजपुर जिले के नगरीय निकायों में कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देशन में विभिन्न स्थलों पर प्याऊ की व्यवस्था की गई है। यह पहल लोगों को स्वच्छ और ठंडा पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है, ताकि भीषण गर्मी में राहगीरों, दुकानदारों व आमजन को जल संकट का सामना न करना पड़े। साथ ही कलेक्टर श्री जयवर्धन ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि प्याऊ की नियमित रूप से सफाई हो और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध रहे।
भटगांव में एसईसीएल कम्युनिटी हॉल के पास, जरही में जरही चौक, प्रतापपुर में पुराना बस स्टैंड के पास एवं वार्ड क्रमांक 10, कदमपारा, प्रेमनगर में नगर पंचायत के पास, हॉस्पिटल के पास, वार्ड क्रमांक 04 सरना के पास एवं एसबीआई बैंक के पास, शिवनंदनपुर में हाई स्कूल के सामने तथा विश्रामपुर में बस स्टैण्ड एवं आरटीआई टेªनिंग सेंटर के पास प्याऊ चालू किए गए हैं।
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औद्योगिक निवेश और श्रमिक कल्याण की प्रभावी पहल
श्रमिकों के लिए कारखाना परिसर में ही आवासीय सुविधा का रास्ता खुला
साय सरकार के निर्णय से बढ़ेगी औद्योगिक उत्पादकता एवं कार्यक्षमता
रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने और श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। यह संशोधन, जो 27 फरवरी 2025 को अधिसूचित किया गया, औद्योगिक इकाइयों के लिए पट्टे पर दी गई भूमि के उपयोग और औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक आवास निर्माण को लेकर नए अवसर प्रदान करता है। इस कदम को राज्य की औद्योगिक नीति को और अधिक निवेशक-अनुकूल बनाने और स्थानीय श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
पट्टे पर दी गई भूमि का 15 प्रतिशत नियमितीकरण
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर किए गए नए संशोधन के तहत, औद्योगिक इकाइयों को पट्टे पर दी गई कुल भूमि का 15 प्रतिशत हिस्सा गैर-औद्योगिक गतिविधियों, जैसे प्रशासनिक भवन, कैंटीन, या अन्य सुविधाओं के लिए नियमित करने की अनुमति दी गई है। पहले यह सीमा सख्त थी, जिसके कारण कई इकाइयों को परिचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब इस छूट से उद्यमी अपनी इकाइयों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लचीले ढंग से भूमि का उपयोग कर सकेंगे।
औद्योगिक श्रमिक आवास निर्माण की अनुमति
संशोधन का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए आवास निर्माण की अनुमति है। यह कदम न केवल श्रमिकों को बेहतर रहन-सहन की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों की उपलब्धता को भी बढ़ाएगा। इससे श्रमिकों को कार्यस्थल के नजदीक रहने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी यात्रा लागत और समय की बचत होगी।
संशोधन के लाभ
15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण की अनुमति से उद्यमी अपनी इकाइयों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बना सकेंगे। इससे उत्पादकता और कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। औद्योगिक क्षेत्रों में आवास सुविधा शुरू होने से श्रमिकों को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास मिलेगा। यह उनकी कार्यक्षमता और जीवन स्तर को बढ़ाने में मदद करेगा। अनुकूल नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। यह विशेष रूप से छोटे और मझोले उद्यमों के लिए लाभकारी होगा। श्रमिक आवास और औद्योगिक विस्तार से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। औद्योगिक क्षेत्रों में आवास सुविधा से शहरी क्षेत्रों पर जनसंख्या का दबाव कम होगा, क्योंकि श्रमिकों को औद्योगिक क्षेत्रों में ही रहने का विकल्प मिलेगा।
गौरतलब है कि पहले औद्योगिक इकाइयों को पट्टे पर दी गई भूमि का उपयोग केवल विशिष्ट औद्योगिक गतिविधियों के लिए करना होता था। गैर-औद्योगिक उपयोग, जैसे कार्यालय भवन या कर्मचारी सुविधाओं के लिए, अनुमति लेना जटिल और समय लेने वाला था। नए नियम के तहत, 15 प्रतिशत भूमि को बिना किसी जटिल प्रक्रिया के नियमित करने की अनुमति दी गई है। यह उद्यमियों को परिचालन लागत कम करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा। उदाहरण के लिए, एक इकाई अब इस 15 प्रतिशत भूमि पर कर्मचारी कल्याण केंद्र, प्रशिक्षण सुविधा, या गोदाम बना सकती है।
छत्तीसगढ़ में औद्योगिक क्षेत्र अक्सर ग्रामीण या अर्ध-शहरी इलाकों में स्थित हैं, जहां श्रमिकों के लिए आवास की कमी रहती है। इससे श्रमिकों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिसका असर उनकी उत्पादकता पर पड़ता है। संशोधन के तहत, औद्योगिक इकाइयां अब अपने परिसर में या आसपास श्रमिकों के लिए आवास बना सकती हैं। यह सुविधा न केवल श्रमिकों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि उद्यमियों को भी स्थिर और समर्पित कार्यबल उपलब्ध कराएगी।
औद्योगिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह संशोधन छत्तीसगढ़ को निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा। रायपुर के उद्योगपति, राजेश अग्रवाल ने कहा, 15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण से हमें अपने परिसर में कर्मचारी सुविधाएं बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, श्रमिक आवास की अनुमति से हमारे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस संशोधन को विकसित छत्तीसगढ़ के विजन का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य उद्योगों को बढ़ावा देना और साथ ही श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करना है। यह संशोधन दोनों उद्देश्यों को प्राप्त करने में मददगार साबित होगा। छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन राज्य के औद्योगिक विकास और श्रमिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण और श्रमिक आवास निर्माण की अनुमति से न केवल उद्यमियों को लाभ होगा, बल्कि श्रमिकों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
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-सिपेट में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन अंतिम तिथि 29 मई, जून में होगी परीक्षा
सूरजपुर : केन्द्रीय पेट्रोरसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिपेट), रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग, रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान है, जो कि भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त प्रयास से औद्योगिक क्षेत्र रायपुर एवं कोरबा छत्तीसगढ़ में स्थापित किया गया है। सिपेट में विभिन्न पाठ्यक्रमों को संचालित किया जाता है तथा प्लास्टिक उद्योगों के क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार के शत् प्रतिशत् अवसर प्रदान कराये जाते है। सिपेट में संचालित पाठ्यकमों के सफल समापन के बाद विद्यार्थियों को कैंपस भर्ती प्रकिया के माध्यम से देश के प्रतिष्ठित उद्योगों / संस्थानों में प्लेसमेंट मिल जाता है। सिपेट, रायपुर के विद्यार्थी देश के विभिन्न मल्टिनेशनल कम्पनियों में अपनी सेवाएँ भी दे रहे है। सिपेट का उद्देश्य विभिन्न शैक्षणिक, तकनीकी व रिसर्च कार्यक्रमों के माध्यम से छत्तीसगढ़ में प्लास्टिक्स प्रसंस्करण व सहायक उद्योगों के लिए तकनीकी कौशल प्राप्त श्रमशक्ति का निर्माण, इस क्षेत्र में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन देना, गुणवत्ता नियंत्रण, तकनीकी परामर्श समेत मोल्ड्स डाई, प्लास्टिक्स उत्पादों के डिजाइन व प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग व टेक्नालॉजी के क्षेत्र में शोध व विकास को गति देना है। सिपेट द्वारा संचालित पाठ्यक्रम लघु, मध्यम व वृहत निर्माण उद्योग की वर्तमान जरूरतों के अनुरूप है। प्रदेश में 3 साल से कौशल विकास प्रशिक्षण, डिप्लोमा एवं पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा के माध्यम से युवाओं को रोजगार देने की कोशिश चल रही है। 12 वीं (विज्ञान समूह) या 2 वर्षीय आईटीआई उत्तीर्ण के बाद लेेटरल एन्ट्री के माध्यम से द्वितीय वर्ष में सीधा प्रवेश ले सकते है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति एवं अन्य पिछडा वर्ग के छात्र छात्राओं को छत्तीसगढ/मध्यप्रदेश/झारखंड/उत्तरप्रेदश/ओडिसा/ बिहार राज्य शासन के नियमानुसार छात्रवृति का प्रावधान भी है।
सिपेट सीजी में प्रवेश के लिए 07 फरवरी से आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ है जिसकी अंतिम तिथि 29 मई को है। प्रवेश परीक्षा 08 जून एवं पाठयक्रमों के प्रारंभ 14 जुलाई से संभावित है। आवेदन के लिए सीपेट की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। जिला प्रशासन द्वारा अपील की गई है कि पात्र युवा अधिक से अधिक संख्या में संस्थान में प्रवेश लें और अपने बेहतर भविष्य का निर्माण करें।
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-समय-सीमा की बैठक सम्पन्न
सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस.जयवर्धन ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समय सीमा की बैठक ली। उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार में आवेदन लेने की प्रक्रिया समाप्त हो गई है। अब इन प्राप्त आवेदनों के प्रकृति के आधार पर सर्व विभाग प्रमुख आवेदको की समस्या व मांग का समाधान करना सुनिश्चित करेंगें । कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि प्राप्त आवेदनों की गंभीरता को समझते हुए सभी अधिकारी तय सीमा समय में आवेदन की प्रकृति के आधार पर उनका निराकरण करेंगें। सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों के संबंध में उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे प्राप्त समस्या, शिकायत व मांग का शीघ्र विभाग वार वर्गीकरण करते हुए समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निराकरण करेंगें। बैठक में विभिन्न विभागों से प्राप्त आवेदनों की संख्या व उनकी प्रकृति को लेकर चर्चा की गई। इसके साथ ही बैठक में गर्मी मौसम के मद्देनजर सभी पेयजल आपूर्ति के इंतजाम सुनिश्चित करने व बिगड़े हैंडपंप के सुधार कार्य हेतु भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
बैठक में जिला पंचायत सीईआ श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू, अपर कलेक्टर श्री जगन्नाथ वर्मा, सर्व एसडीएम व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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सुशासन तिहार के तहत नगर पंचायत पटना की सक्रिय पहल
कोरिया : सुशासन तिहार के अंतर्गत प्राप्त जन शिकायतों के त्वरित निराकरण की दिशा में नगर पंचायत पटना द्वारा प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। वार्ड क्रमांक 15 में साफ-सफाई नहीं होने की शिकायत मिलने पर प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल कार्रवाई की। प्राप्त जानकारी के अनुसार, वार्ड 15 में गंदगी और जाम नाली को लेकर नागरिकों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किया गया था। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों ने मौके पर पहुँच कर सफाई व्यवस्था दुरुस्त करवाई। सफाई कर्मचारियों द्वारा कचरे की सफाई के साथ-साथ नाली में जमे मलबे को भी हटाया गया, जिससे जल निकासी में आ रही समस्या का समाधान हो सका। नगर पंचायत पटना के सफाई कर्मचारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई किए जाने से स्थानीय नागरिकों, विशेषकर शिकायतकर्ता को राहत मिली है। इससे क्षेत्र में स्वच्छता और स्वास्थ्य की स्थिति बेहतर होगी। नगर पंचायत द्वारा संदेश दिया गया कि सुशासन तिहार केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान का वास्तविक प्रयास है।
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बिलासपुर : उप संचालक कृषि विभाग द्वारा नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल-ऑयलसीड्स योजना के अंतर्गत वीसीपी चयन के लिए 24 अप्रैल तक आवेदन (रूचि की अभिव्यक्ति) आमंत्रित किए गए हैं। योजना के अंतर्गत जिले में कार्यरत एफपीओ एवं बीज सहकारी समिति योजना का लाभ उठाने के लिए अर्हता रखते हैं। तिलहन फसल को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग द्वारा यह पहल की जा रही है। इस संबंध में और विस्तृत जानकारी उप संचालक कृषि एवं विकासखण्ड स्तर पर एसएडीओ कार्यालय से ली जा सकती है।
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प्रधानमंत्री आवास 2.0: अब तक 1 लाख से ज्यादा परिवारों का हुआ सर्वे
30 अप्रैल तक चलेगा अभियान
बिलासपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से हितग्राहियो को लाभान्वित करने के उद्देश्य से मोर दुआर साय सरकार अभियान चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत पूरे जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत आवास प्लस 2.0 सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिले के ग्राम पंचायतों में घर-घर जाकर सर्वेक्षको के द्वारा आवास सर्वेक्षण को शत् प्रतिशत पूर्ण कराने के लिए पात्र हितग्राहियों के सर्वे का कार्य किया जा रहा है। जिसमें अब तक 1 लाख 13 हजार 764 परिवारों का सर्वे किया जा चुका है।
इसी क्रम में आज जिले के ग्राम पंचायत बहतराई मिठ्ठू नवागांव, नवागांव सलका, करगीकला, सोनपुरी, चपौरा, चुरेली. दारसागर, पंडरापथरा पुरूवार घुटकू, निगारबद, रेल्हा, लमेर बेलटुकरी, विशेष सर्वेक्षण पखवाड़ा अन्तर्गत रैली दिवार लेखन, रंगोली प्रतियोगिता के माध्यम से सर्वे के लिये जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया तथा सर्वे में नाम जुड़वाने के लिये आवास प्लस सर्वे 2.0 एप के विषय में आम लोगों को जानकारी दी गयी। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा लोगो को प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत आयोजित विशेष सर्वेक्षण पखवाड़ा के चरणबद्ध कार्यक्रम की जानकारी दी जा रही है एवं सभी पात्र परिवारो को 30 अप्रैल 2025 के पूर्व अपना नाम सर्वे में शामिल कराने के लिये अवगत कराया जा रहा है।
मोर दुआर साय सरकार महाअभियान कार्यक्रम का दूसरा चरण - 20 अप्रैल 2025 से 28 अप्रैल 2025 तक कार्यक्रम का दूसरा चरण जारी है। जिसमें ग्राम नोडल अधिकारी एवं सर्वेक्षक द्वारा प्रत्येक ग्राम में ग्राम सभा आयोजित कर सर्वेक्षण की प्रक्रिया का प्रस्तुतिकरण करना है। सर्वेक्षक द्वारा अपने प्रभार क्षेत्र में घर-घर जाकर प्रत्येक परिवार का संतृप्ता के आधार पर शत प्रतिशत सर्वेक्षण करना है एवं सर्वेक्षित परिवारों के विवरण का ग्राम सभा में पठन एवं वाचन किया जाना है। जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिले के समस्त विकासखण्ड के ग्राम पंचायतों में स्वसर्वे एवं सर्वेयर के माध्यम से पात्र परिवारों का सर्वेक्षण कार्य जारी है।
ग्राम चपौरा की श्रीमती सीमा बाई करपे, ग्राम कर्रा की लता, ग्राम सारधा निवासी संतोषी ने पक्के मकान का सपना साकार करने अपना नाम भविष्य में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अन्तर्गत आवास लाभ प्राप्त करने के लिये दर्ज कराया। आवास प्लस सर्वेक्षण 2.0 में सर्वेक्षक के द्वारा इनका सर्वे का कार्य किया गया। सर्व में नाम शामिल होने पर इनके द्वारा प्रसन्नता व्यक्त की गयी।
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बिलासपुर : कलेक्टर श्री अवनीश शरण ने आज साप्ताहिक जनदर्शन में दूर-दराज से आये लोगों की समस्याएं सुनी। कलेक्टर ने सभी की समस्याओं को इत्मीनान से सुना और निराकरण योग्य आवेदनों का मौके पर ही निराकरण किया। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को आवेदन भेजते हुए जल्द निराकरण करने के निर्देश दिए।
साप्ताहिक जनदर्शन में आज तखतपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत खजुरीनवागांव के सरपंच एवं ग्रामवासियों द्वारा गांव में मीडिल स्कूल संचालन कराने संबंधी आवेदन दिया गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 से गांव में स्कूल भवन बना पड़ा है लेकिन अब तक मीडिल स्कूल संचालित नहीं हुआ है। स्कूली बच्चे प्राथमिक शाला की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए नेशनल हाईवे रोड से पैदल 6 किलोमीटर देवरी, सकरी जाते हैं कलेक्टर ने आवेदन डीईओ बिलासपुर को भेजते हुए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। ग्राम पंचायत घुटकु के सरपंच एवं ग्रामवासियों ने पानी की समस्या दूर करने कलेक्टर को आवेदन सौंपा। कलेक्टर ने आवेदन पीएचई विभाग के ईई को भेजते हुए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।
विकासखंड मस्तूरी के ग्राम लोहर्सी निवासी श्री ईश्वर डहरिया ने आवास निर्माण के समय बिजली खम्भा से होने वाली परेशानी से संबंधी आवेदन कलेक्टर को दिए। उन्होंने बताया कि बिजली का तार उनके घर के ऊपर से ही गुजर रहा है खम्भा गिरने से कभी भी हादसा हो सकता है। इस मामले को बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता ग्रामीण देखेंगे। विकासखंड बिल्हा के भैसबोड़ निवासी श्री वेदराम बंजारे द्वारा उनकी 0.20 डिसमील जमीन को ऑनलाईन चढ़ाने संबंधी आवेदन कलेक्टर के समक्ष दिया गया है। इस मामले को एसडीएम बिल्हा देखेंगे।
27 खोली निवासी श्री बिजेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने अपने दिव्यांग बच्चे का स्वामी आत्मानंद अंग्रजी माध्यम स्कूल में कक्षा यूकेजी में एडमिशन कराने कलेक्टर को आवेदन दिया। इस मामले को जिला शिक्षा अधिकारी देखेंगे। विकासखंड तखतपुर के ग्राम पंचायत कुरेली निवासी श्रीमती रामेश्वरी यादव द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिलाने कलेक्टर को आवेदन दिया गया। इस मामले को जिला पंचायत सीईओ देखेंगे। मोपका निवासी श्री बिक्रम साय पैकरा द्वारा घर के नक्शा का नियमितिकरण कराने कलेक्टर को आवेदन दिया गया।
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पेयजल व्यवस्था में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी-कलेक्टर
भीषण गर्मी में पेयजल संकट से निपटने पीएचई विभाग रहे हरदम एलर्टकोरिया : कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी ने जिले में पड़ रही भीषण गर्मी के मद्देनज़र आम नागरिकों को साफ एवं सुचारु पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि पेयजल व्यवस्था में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री आकाश पोद्दार ने जानकारी दी कि कलेक्टर के मार्गदर्शन और निर्देशानुसार जिले के दूरस्थ व प्रभावित क्षेत्रों में लगातार तेजी से जल समस्या का निराकरण किया जा रहा है।कलेक्टर द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार जिले के सभी गांवों में पेयजल व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए अधिकारियों एवं तकनीकी कर्मचारियों की टीम लगातार काम कर रही है। श्री पोद्दार ने बताया कि कुछ गांवों में हेण्डपम्प के बिगड़ने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिन्हें प्राथमिकता में लेकर तत्काल मरम्मत कर दी गई है। ग्राम सरईगहना में पेयजल संकट की सूचना मिलते ही कलेक्टर ने स्वयं संज्ञान लेकर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके अंतर्गत वहाँ भी पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है। सरईगहना निवासी श्रीमती दूरपति पंडो ने बताया कि पानी की समस्या से निजात मिली है। श्री पोद्दार ने यह भी बताया कि वर्तमान में गिरते भूजल स्तर के कारण कुछ क्षेत्रों में जल उपलब्धता की समस्या उत्पन्न हो रही है। ऐसे में आम नागरिकों से अपील की गई है कि यदि कहीं भी पेयजल संबंधी समस्या उत्पन्न होती है, तो वे विभाग से तत्काल संपर्क करें या निर्धारित दूरभाष नंबर पर सूचित करें, जिससे समय पर कार्रवाई की जा सके। कलेक्टर ने गर्मी में पेयजल संकट से निपटने के लिए पीएचई विभाग को हरदम एलर्ट रहने के निर्देश भी दिए हैं ताकि आम नागरिकों को पेयजल समस्या का सामना करना न पड़े।
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-न्यास के कार्यों के प्रबंधन व वार्षिक कार्य योजना पर की गई चर्चा
सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस.जयवर्धन की अध्यक्षता में सोमवार को जिला खनिज न्यास संस्थान प्रबंधकारिणी समिति की बैठक रखी गई थी। जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु सेक्टरवार कार्य योजना के आबंटन, वर्ष-वार स्वीकृत कार्य , वर्ष 2016-17 से 2024-25 तक स्वीकृत कार्यों की सेक्टरवार संख्यात्मक जानकारी, जिले अंतर्गत प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष खनन प्रभावित क्षेत्रों की विकास खण्ड / नगर पंचायतवार ग्रामों की संख्यात्मक जानकारी, जिला खनिज संस्थान न्यास अंतर्गत प्राप्त आबंटन एवं शेष राशि की वित्तीय वर्षवार जानकारी एवं वर्ष 2024-25 में निरस्त कार्यों का अनुमोदन जैसे एजेंण्डा को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में मूल रूप से न्यास के कार्यों के प्रबंधन व वार्षिक कार्य योजना पर चर्चा की गई।
बैठक में नई गाइडलाइन पर आधारित वार्षिक एक्शन प्लान पर चर्चा की गई। जिसमें उच्च प्राथमिकता सेक्टर जिसके अंतर्गत पेयजल सप्लाई, हेल्थ केयर, शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण इत्यादि के साथ साथ अन्य प्राथमिकता वाले सेक्टर पर चर्चा की गई। बैठक मे जिला पंचायत सीईओ श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू, अपर कलेक्टर श्री जगन्नाथ वर्मा व समिति के सदस्य उपस्थित थे।
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सूरजपुर : दिनांक 21 अप्रैल 2025 सेवा पुस्तिका में वेतन निर्धारण की जांच एवं सत्यापन कराने के लिए 21 अप्रैल 2025 से 23 अप्रैल 2025 तक तीन दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया गया है। यह शिविर संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन, अंबिकापुर एवं उप संचालक, छत्तीसगढ़ राज्य स्थानिक निधि संपरीक्षा, अंबिकापुर की उपस्थिति में आयोजित किया जा रहा है। शिविर का आयोजन सूरजपुर जिला ग्रन्थालय में किया गया है, जहां सेवा पुस्तिका में वेतन निर्धारण की जांच एवं पेंशन प्रकरणों के निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों द्वारा कार्यवाही की जा रही है।