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- जशपुरनगर 09 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे के निर्देशन में जषपुर जिले में विभिन्न विकासखंडों में लगभग 699 क्वारेंटाईन सेंटर बनाया गया है। क्वारेंटाईन सेंटर में लगभग 4222 श्रमिकों, मजदूरों यात्रियों को रखा गया है। जिसमें पुरूषों की संख्या 3648 एवं महिलाओं की संख्य 574 शामिल है। इनमें जशपुर विकासखंड के 58 क्वारेंटाईन सेंटर में 389 लोगों को रखा गया हैं। इसी प्रकार मनोरा के 57 क्वारेंटाईन सेंटर में 266 लोगों को, दुलदुला विकासखंड के 90 क्वारेंटाईन सेंटर में 532 लोगों को, कुनकुरी विकासखंड के 153 क्वांरेंटाईन सेंटर में 518 लोगों को, फरसाबहार विकासखंड के 55 क्वारेंटाईन सेंटर में 1085 लोगों को कासंाबेल विकासखंड के 55 क्वारेंटाईन सेंटर में 439 लोगों को, पत्थलगांव विकासखंड के 128 क्वारेंटाईन सेंटर में 511 लोगों को एवं बगीचा विकासखंड के 103 क्वारेंटाईन सेंटर में 482 लोगों को रखा गया है।
कलेक्टर श्री कावरे के निर्देश पर एसडीएम, जनपद सीईओ और नगरीय निकाय के अधिकारियों द्वारा क्वारेंटाईन सेंटर में पानी, बिजली, शौचालय, भोजन के साथ बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण एवं निंग कराई जा रही है। इसके बाद 14 दिनों के क्वारेंटाईन अवधि में उन्हें रखा जा रहा है। इस दौरान मेडिकल टीम के द्वारा उनकी सतत् निगरानी की जा रही है। -
जशपुरनगर 09 जून : जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर श्री भीष्म प्रसाद पाण्डेय ने आज जिला सत्र न्यायाधीश के विश्राम कक्ष में अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी की मीटिंग की ली। इस अवसर कलेक्टर श्री महादेव कावरे, पुलिस अधीक्षक श्री शंकरलाल बघेल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री अमित जिंदल, जेल अधीक्षक श्री एस.के.राठौर उपस्थित थे। उन्होंने जिला सत्र न्यायाधीश श्री भीष्म प्रसाद पाण्डेय ने वर्तमान में कोविड-19 की सुरक्षा को देखते हुए जिला जेल में बंदियों की स्वास्थ्य सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के निर्देश जिला जेल अधिक्षक को दिए है। साथ्ज्ञ ही मासक लगवाने के लिए भी निर्देशित किया गया। उन्होंने महिला एवं पुलिस बंदियों को सोशल डिस्टेंश का पालन करने के साथ ही मास्क लगाने के लिए भी जिला जेल अधीक्षक कोनिर्देशित किया गया है। जिला जेल में गर्भवती महिला बंदियों हैं तो उनके स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देकर उनके स्वास्थ्य परीक्षण कराने कहा गया है। बंदियों को उनके बैरक में सोशल डिस्टेंश बनाने के लिए भी निर्देश दिए गए है। अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी में कोविड वायरस सुरक्षा को दृष्टि रखते हुए जेल के अंदर नियमित सेनेटाईजर करने के लिए भी कहा गया है। बंदियों में सर्दी, खांसी के लक्षण दिखए देते है तो तत्काल स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए कहा गया है। और अन्य प्रकरणों की भी जानकारी ली गई।
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मरीजों को दी जाने वाली सुविधा की ली जानकारीनिरीक्षण के दौरान स्टाफ नर्स अनुपस्थित पाए जाने पर कारण बताओं नोटिस जारी करने के दिए निर्देशमरीजों को दवाई देने से पहले दवाई का एक्सपाईरी डेट का अवलोकन करने के लिए कहा गया है
जशपुरनगर 09 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे और पुलिस अधीक्षक श्री शंकरलाल बघेल ने आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोदाम का आकस्मिक निरीक्षण करके स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने रजिस्टर का अवलोकन करके डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की उपस्थिति की जानकारी ली। कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान लोदाम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्टाफ नर्स कामनी कुमारी बिना आवेदन की अनुपस्थिति पाई गई । उन्होंने विकासखंड स्वास्थ्य अधिकारी को स्टाफ नर्स को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए । कलेक्टर ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण की सुरक्षा को देखते हुए स्वास्थ्य केन्द्रों में डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं चलेगी कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान दवाई भंडार कक्ष का भी निरीक्षण किया और मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली । उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से दवाईयों की एक्सपेरी डेट के बारे में जानकारी ली कलेक्टर ने कहा मरीजों को दवाई देते समय एक्सपेरी डेट का विशेष ध्यान रखें। -
अन्य राज्य से आने वाले लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण करके ही जिले में प्रवेश की अनुमति देंअन्य राज्य से आने वाले वाहनों को ई-पास चेक करके ही प्रवेश देने के दिए हैं निर्देश
जशपुरनगर 09 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे और पुलिस अधीक्षक श्री शंकरलाल बघेल ने आज जशपुर विकासखंड लोदाम चेक पोस्ट का निरीक्षण करके किया सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली।उन्होंने अन्य राज्य से आने वाले श्रमिक का चेक पोस्ट पर स्वास्थ्य परीक्षण करके ही जिले के सीमा क्षेत्र में प्रवेश देने के निर्देश । कलेक्टर ने रजिस्टर का अवलोकन करके आने जाने वालों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अन्य राज्य से आने वाले वाहनों को ई पास से ही जिले में प्रवेश की अनुमति देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण को देखते हुए लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण गंभीर से करना बेहद जरूरी। स्वास्थ्य अधिकारियों को आने जाने वाले यात्रियों का चेक पोस्ट पर स्वास्थ्य परीक्षण करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री आई.एल. ठाकुर, एसडीएम श्री योगेद्र श्रीवास उपस्थित थे। -
सूरजपुर, 09 जून : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के निर्देशन में कृषि विभाग प्रतापपुर के बंशीपुर सर्किल के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के छुटे हुए लाभार्थियो कृषको के लिए पंचायत भवन बंशीपुर में शिविर का आयोजन सोशल डिस्टेंस के साथ किया जा रहा है और आगामी तीन दिनों तक जितने भी छुटे हुये कृषक होंगे, उन सभी को 6000 की राशि दिलवाने के लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा, उक्त शिविर में किसानों से ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड, बैंक पास बुक, और मोबाइल नंबर लिया जा रहा है, आज शिविर विभिन्न क्षेत्रों के 156 कृषको ने अपना दस्तावेज जमा किया, जो हल्का पटवारी द्वारा ऑनलाइन करने की प्रक्रिया जारी है, उक्त सभी षिविर कार्यक्रम उपसंचालक कृषि सूरजपुर श्री कोसले के मार्गदर्षन में अनुविभागीय अधिकारी प्रतापपुर श्री पैकरा, तहसीलदार श्री राधे श्याम तिरकी, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी श्री अनिल चतुर्वेदी के निर्देश पर ग्रामीण विस्तार अधिकारी अभिषेक सिंह द्वारा आयोजित किया जा रहा हैं। उन्होंने बंशीपुर ग्राम पंचायत जो कोयला खदान से प्रभावित है, वहा भी उनके प्रयास से 50 एकड़ में ड्रिप सिंचाई योजना से किसानों को लाभान्वित कर गन्ने की खेती करवाई हैं। उक्त शिविर में ग्राम पंचायत के सरपंच, पंच, और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थिति रहें।
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सूरजपुर 09 जून : अनुविभागीय अधिकारी राजस्व प्रतापपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रतापपुर में शा.उचित मूल्य दुकान ग्राम चंदौरा, गोविंदपुर, खोरमा, भेड़िया विकासखंड प्रतापपुर में संचालनकर्ता नियुक्ति किया जाना है। जिसके लिए आमजनों, सहकारी समितियाॅ, वृहद आदिम जाति बहुउद्देषीय सहकारी समिति (लेम्पस, प्राथमिक कृषि साख समिति, वन सुरक्षा समिति, महिला स्वयं सहायता समूह, ग्राम पंचायत, अन्य उपभोक्ता सहकारी समिति तथा स्थानीय स्वषासीय निकाय के इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित करते हुए बताया गया है कि इच्छुक संस्था 19 जून 2020 तक कार्यालयीन समय शाम 5ः30 बजे तक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय प्रतापपुर में उपस्थित होकर निर्धारित प्रारूप अनुसार आवेदन जमा कर सकते हैं।
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क्वारंटाईन श्रमिकों के परिवार का भी ध्यान रख रही जिला प्रषासन, निःषुल्क उपलब्ध कराई जा रही जरूरत की सामग्री
सूरजपुर 09 जून : वैष्विक महामारी घोषित हो चुकी कोरोना महामारी से किये लाॅकडाउन में राज्य शासन के निर्देष पर जिला प्रषासन के द्वारा प्रवासी श्रमिकों को राहत दिये जाने विभिन्न कार्यक्रम चलाये गये जिसमें प्रवासी श्रमिकों के परिवार को खाद्यान्न सहित जरूरत की सामग्री मुहैया कराई गई। साथ ही स्वास्थ्य अमले ने भी अपनी जिम्मेदारी वहन करते हुए ऐसे श्रमिक जो बाहर फंसे हुए थे, उनके घर में स्वास्थ्य सुविधाओं को घर पहुॅच उपलब्ध कराया। वर्तमान समय में राज्य शासन के द्वारा सूरजपुर जिले के रहने वाले नागरिक जो छत्तीसगढ़ के बाहर अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में गए थे, उन्हें राज्य में वापस लाने का सिलसिला जारी है। कलेक्टर श्री रणबीर षर्मा के निर्देशन में जिले में वापस आने वाले प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य लोगों को सुरक्षित क्वारंटाईन सेंटरों में ठहराने के लिए सभी सेंटरों में आवश्यक समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान में सूरजपुर जिले में विभिन्न विकासखंडों में 36 क्वारंटाईन सेंटर बनाये गये हैं। क्वारंटाईन सेंटर में लगभग 840 श्रमिकों, एवं प्रवासियों कोे रखा गया है। जिन्हें स्वास्थ्य जांच में कोरोना निगेटिव पाये जाने पर निर्धारित अवधि पूर्ण किये जाने के बाद घर जाने की अनुमति दी जा रही है।
जिले के क्वारंटाईन सेंटरों में ठहरे प्रवासी श्रमिकों का जिला प्रशासन द्वारा विशेष ध्यान रखा जा रहा है। सभी क्वारंटाईन सेंटर में खान-पान की समुचित व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई है। क्वारंटाईन सेंटर में रहने वाले सभी सेंटरों में घर जैसी सभी बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही सुरक्षा मानकों का पालन करने सभी क्वारंटाईन लोगों को फिजीकल डिस्टेंस में रखने के लिए अलग-अलग कमरे, शौचालय सहित जरूरत की सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है, और इस बात का विषेष ध्यान रखा जा रहा है कि किसी भी व्यक्ति के संक्रमित पाये जाने पर अन्य ठहरे हुए व्यक्ति संक्रमित न हों। प्रवासी श्रमिक अभिषेक का जिला प्रषासन ने दिया हर पल साथ, आज अभिषेक जुड़वा बच्चों के पिता हैं-
ऐसे ही प्रवासी श्रमिक अभिषेक जो सूरजपुर के विकासखंड प्रतापपुर के ग्राम भेलकच्छ के रहने वाले हैं, जो मध्यप्रदेष राज्य के इंदौर शहर में कार्य कर रहे थे, लाॅकडाउन होने के बाद अभिषेक वहीं फंस गये और यहाॅ उनकी धर्मपत्नि गर्भ से थी, और राषन की भी कमी होने लगी।
जिला प्रशासन के द्वारा अन्य राज्य में फंसे श्रमिकों की पता साजी की गई तो अभिषेक से भी बात हुई तब अभिषेक ने अपने बारे में बताते हुए अपने परिवार की हालत बयां कि तब प्रतापपुर जनपद सीईओ के द्वारा तत्काल अभिषेक के पत्नि को राषन उपलब्ध कराया गया और गर्भ की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य दल को भी उनकी देख रेख करने के लिए मुस्तैद किया गया और प्रषासन की देख-रेख में ही अभिषेक के घर स्वस्थ प्रसव के दौरान दोहरी खुशी ने दस्तक दी और उनकी पत्नि ने जुडवा बच्चों को जन्म दिया। वर्तमान में राज्य शासन की कवायद से अभिषेक को सुरक्षित सूरजपुर जिले में वापस लाया गया है, जो लाईवलीहुड काॅलेज पर्री क्वारंटाइन सेंटर में रह रहें हैं, जहाॅ एक ओर जिला प्रषासन अभिषेक की क्वारंटाईन में देखभाल कर रहा है, वहीं उनके पत्नि व बच्चे प्रषासन के संरक्षण में है और उनकी समस्त जरूरतों का ध्यान प्रषासन के द्वारा रखा जा रहा है। हाल ही में राषन की कमी होने पर जनपद सीईओ प्रतापपुर के निर्देष पर ग्राम सचिव के माध्यम से तत्काल राषन उपलब्ध कराते हुए 20 किलोग्राम चावल व 2 किलोग्राम दाल अभिषेक के घर पहुॅचाया गया। अभिषेक आज जिला प्रषासन सहित राज्य शासन का धन्यवाद करते नहीं रूकते। -
सूरजपुर 09 जुन : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 04 जून 2020 को जारी मानक प्रचालन प्रक्रिया एस.ओ.पी. तथा छ.ग. शासन, सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर के पत्र 06 जून 2020 के अनुसार नोवेल कोरोना वायरस (कोवड़ि-19) के संक्रमण नियंत्रण हेतु घोषित लॉकडाउन में 08 जून, 2020 से अतिरिक्त गतिविधियों को अनुमति प्रदान किए जाने कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के द्वारा आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश के अनुसार सार्वजनिक पार्क, उद्यान प्रातः 07.00 बजे से सायं 07.00 बजे तक खुल सकेंगे।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 04 जून 2020 को जारी मानक प्रचालन प्रक्रिया एस.ओ.पी. के अनुसार आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने की शर्त पर धार्मिक, पूजा स्थल संचालित की जा सकेंगी। जिसमें कन्टेनमेंट जोन, बफर जोन में गतिविधियां बंद रखी गई है। 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, अन्य रोगों से ग्रस्त व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे को घर पर ही रहने की सलाह दी गई है। साथ ही धार्मिक, पूजा संस्थान के प्रबंधक श्रद्धालुओं को सलाह देंगे कि जहां तक संभव हो कम से कम 6 फीट की शारीरिक दूरी का पालन किया जावे। फेस कवर, मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जावे। धार्मिक, पूजा स्थल में प्रवेश करने के पूर्व कम से कम 40-60 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोना अथवा अल्कोहल युक्त हैण्ड सैनिटाईजर का उपयोग (कम से कम 20 सेकेण्ड के लिए) करना अनिवार्य होगा। श्वसन शिष्टाचार का सख्ती से पालन किया जाएगा। खाँसते या छींकते समय टिशु पेपर, रूमाल, कोहनी का उपयोग किया जाए तथा टिशु पेपर को ठीक से निपटान, डिस्ट्राय किया जायेगा। स्वास्थ्य की स्व-निगरानी करना और किसी भी बिमारी की जल्द से जल्द राज्य और जिला हेल्पलाईन नंबरों पर रिपोर्ट करना होगा। किसी भी स्थान में थूकना सख्त प्रतिबंधित किया गया है। सभी श्रद्धालुओं को आरोग्य सेतु एप इंस्टाल कर उपयोग करने की सलाह भी दी गई है।
धार्मिक स्थलों को भी करना होगा सुरक्षा निर्देशों का पालन-जारी आदेश अनुसार धार्मिक स्थलों को प्रवेश द्वार पर सेनिटाईजर डिस्पेंसर एवं थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। परिसर में केवल अलक्षण वाले व्यक्तियों को प्रवेश हेतु अनुमति दी जाएगी। फेस कवर, मास्क का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति दी जावेगी। कोविड-19 के निवारक उपायों के बारे में पोस्टर, स्टैण्डी प्रमुखता से प्रदर्शित कर कोविड-19 के निवारक उपायों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ऑडियो और वीडियो क्लिप को नियमित रूप से चलाया जाना होगा। आगंतुकों का पाली-पाली से परिसर में प्रवेश दिया जावेगा। एक साथ परिसर के भीतर भीड़ इकट्ठा नही करने कहा गया है। स्वयं के वाहन से आने वाले श्रद्धालुओं के जूते, चप्पल उनके वाहन में ही रखकर धार्मिक, पूजा स्थल पर प्रवेश करने हेतु निर्देशित किया गया है।
अन्य श्रद्धालुओं हेतु अलग- अलग स्लॉट अनुसार जूते, चप्पल रखने की व्यवस्था की जाएगी। परिसर के बाहर एवं पार्किंग स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग, फिजीकल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुये उचित भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करने, परिसर के बाहर और भीतर स्थित कोई भी दुकान, स्टॉल, कैफेटेरिया आदि को हमेशा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने कहा गया है। कतार व्यवस्था एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने हेतु परिसर में चूने या अन्य किसी उचित रंग से गोल घेरा, सर्कल, निशान लगाई जावेगा। आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार की व्यवस्था की जावे। प्रवेश हेतु कतार में खड़े होने वाले व्यक्तियों के मध्य न्यूनतम 6 फीट की शारीरिक दूरी सुनिश्चित की जावेगा। लोगों को परिसर में प्रवेश करने से पहने अपने हाथों और पैरों को साबुन और पानी से धोना चाहिए। बैठने की व्यवस्था इस तरह से की जाए कि पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग, फिजीकल डिस्टेंसिंग दूरी बनी रहे। एयर-कंडीशनिंग, वेंटिलेशन के लिए, सी.पी.डब्लु.डी के दिशा निर्देश का पालन किया जाए जिसके अंतर्गत सभी एयर कंडीशनिंग उपकरणों की तापमान सेटिंग 24 से 30 डिग्री सेल्सियस तथा रिलेटिव हयुमिनिटी 40 से 70 प्रतिशत की सीमा में होनी चाहिए। ताजा हवा एवं क्रांस वंेटिलेषेन हेतु पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। मूर्ति, पवित्र पुस्तक आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी। बड़ी सभाएं, मण्डली का आयोजन प्रतिबंधित रहेगा।
संक्रमण के फैलने की संभावना को देखते हुए जहां तक संभव हो, रिकार्ड किये गये भक्ति संगीत, गाने बजाये जा सकते हैं। गाना बजाने वालों या गायन समूहों को कार्यक्रम करने की अनुमति न दी जावे। परिसर के भीतर लोगों से मिलते-जुलते समय फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित की जावे। धार्मिक, पूजा स्थल के भीतर सार्वजनिक चटाई, दरी के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। आगंतुक अपने स्थल स्वयं की दरी, चटाई ला सकते हैं। धार्मिक, पूजा स्थल के भीतर प्रसाद वितरण एवं पवित्र जल का छिड़काव करने की अनुमति नहीं होगी धार्मिक, पूजा स्थल द्वारा यदि भोजन बनाने हेतु सामुदायिक रसोई, लंगर, अन्नदान आदि की व्यवस्था की जा रही है तो ऐसे स्थानों पर फिजीकल डिस्टेंसिंग के मानदण्डों का पालन किया जावे। धार्मिक, पूजा स्थल को संक्रमण मुक्त रखने हेतु नियमित रूप से सफाई व्यवस्था, सेनिटाईज किया जावे तथा शौचालय एवं वॉश एरिया की सफाई हेतु विशेष ध्यान रखा जाए। धार्मिक, पूजा संस्थान के प्रबंधन द्वारा स्थल की नियमित साफ-सफाई एवं कीटाणुरोधक की व्यवस्था सुनिश्चित करने सहित परिसर के फर्श को विशेष रूप से दिन में कई बार साफ किया जावे। आगंतुकों अथवा कर्मचारियों द्वारा उपयोग किये गये फेस कवर, मास्क, दस्ताने के उचित निपटान हेतु व्यवस्था सुनिश्चित करने कहा गया है।
यदि परिसर के भीतर संदिग्ध या संक्रमित व्यक्ति पाया जाता है तो संदिग्ध, संक्रमित व्यक्ति को एक अलग कमरे, जगह में रखकर आईसोलेट किया जावेगा। जब तक ऐसे व्यक्ति की जांच किसी डॉक्टर द्वारा न कर ली जावे, तब तक उस व्यक्ति को मास्क, फेस कवर उपलब्ध कराई जावे। तत्काल निकटतम चिकित्सा सुविधा (अस्पताल, क्लिनिक), जिला हेल्पलाईन नंबर पर सूचित किया जावे। नामित चिकित्सा अधिकारी द्वारा जोखिम मूल्यांकन किया जावेगा और तदनुसार मामले के प्रबंधन, उसके संपर्को और कीटाणुशोधन की आवश्यकता के बारे में आगे की कार्यवाई शुरू की जावेगी। यदि व्यक्ति पॉजीटिव पाया जाता है तो सम्पूर्ण परिसर का सेनेटाईजेषन किया जायेगा। क्लबों में केवल बाहरी (आउटडोर) गतिविधियाँ प्रातः 07.00 बजे से सायं 07.00 बजे तक संचालित हो सकेंगी। स्पोर्टिंग काम्प्लेक्स एवं स्टेडियम में केवल बाहरी (आउटडोर) खेल गतिविधियां प्रातः 7.00 बजे से सायं 7.00 बजे तक संचालित हो सकेंगी। रेस्टोरेंट को प्रातः 7.00 बजे से सायं 7.00 बजे तक केवल होम डिलिवरी एवं टेक-अवे की अनुमति होगी। रेस्टोरेंट के भीतर बैठकर भोजन, जलपान करना प्रतिबंधित रहेगा।
होटल संचालन हेतु अनुमति केवल पूर्वानुसार निर्धारित उपयोग हेतु भारत सरकार द्वारा जारी एस.ओ.पी. अनुसार होगी।नोवेल कोरोना वायरस (कोवड़ि-19) के संक्रमण की संभावना को देखते हुए तथा इससे बचाव एवं सुरक्षा के दृष्टिगत लॉकडाउन के दौरान जारी आदेश के द्वारा जिले में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं संस्थाओं के संचालन की समय व शर्ते पूर्ववत् रहेंगी। लॉकडाउन आदेशों एवं दिशा-निर्देशों के उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर सम्बन्धित व्यक्ति आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60, भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 तथा अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों जैसे लागू हों, के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी। जिले में कन्टेन्मेंट जोन घोषित होने की दशा में शासन द्वारा सम्पूर्ण लॉकडाउन के संबंध में जारी निर्देश पूर्वानुसार प्रभावी होंगे तथा इन अतिरिक्त गतिविधियों को निष्पादित करने की अनुमति कंटेन्मेंट जोन में कदापि नहीं होगी। शासन के निर्देषानुसार सार्वजनिक पार्क, उद्यान और धार्मिक व पूजा स्थलों को मिली सषर्त खुलने की अनुमति -
बेमेतरा 09 जून : जिले के क्वारंटाईन सेंटर्स में अपने माता-पिता के साथ ठहरे बच्चों के शारीरिक व बौद्धिक विकास के लिए उन्हें खेल सामाग्री उपलब्ध कराई जा रही है। क्वारेंटाइन सेन्टर मे अध्ययन, योगा, लूडोगेम, पोषण किट, पौधारोपण एवं फलवितरण आदि गतिविधियां संचालित की जा रही है। इसके अलावा बच्चों के शारीरिक व बौद्धिक विकास के लिए खेल सामाग्री व अलग-अलग गतिविधियों से संबंधित सामाग्री उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे बच्चे कलात्मक कार्य व खेल के माध्यम से उत्साहपूर्वक दिन व्यतीत करेंगे। खेल सामाग्री मिलने से बच्चों व उनके माता-पिता में उत्साह व खुशी है। इससे बच्चों के चेहरे पर खुशी व मुस्कान देखने को मिल रही है। शासन प्रशासन की इस पहल पर बच्चों के माता-पिता ने आभार व्यक्त किया है।
क्वारंटाईन सेंटर्स में ठहरे प्रवासी व्यक्तियों को सुविधाओं का लाभ मिल रहा है और वे संतुष्ट हैं। क्वारंटाईन सेंटर में सेनेटाईजर और हैण्डवाश उपलब्ध है। प्रवासियों को यहॉ घर जैसा माहौल मिल रहा है। वे प्रतिदिन तीन समय आते है और बाहर से ही प्रवासियों के संबंध में जानकारी लेते हैं। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने जिले के क्वारंटाईन सेंटर्स का निरीक्षण कर रहे हैं और वहॉ उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं की जानकारी लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं। -
बेमेतरा 09 जून : प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर शुद्ध पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। बेमेतरा जिले के खारे पानी प्रभावित ग्राम डंगनिया और घिवरी को साजा समूह जल प्रदाय योजना से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा एक करोड़ 43 लाख 99 हजार रूपए स्वीकृत किए गए हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर से प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग इंद्रावती भवन नवा रायपुर को कार्य पूर्ण कराने ग्राम डंगनिया के लिए 64 लाख 17 हजार रूपए और ग्राम घिवरी के लिए 79 लाख 82 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति साजा समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित करने के लिए दी गई है। इन गांवों को जल प्रदाय योजना से जुड़ जाने पर यहां के निवासियों के लिए शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होगी। अधिकारियों को जल प्रदाय योजना का कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही निर्माण कार्य की लागत में मितव्ययता सुुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। -
बेमेतरा 09 जून :- कोरोना वायरस के चलते लाॅकडाउन होने के कारण खाने कमाने की दृष्टि से बाहर गये श्रमिकों में से छत्तीसगढ़ वापस लौटे श्रमिकों और व्यक्तियों को जिनके पास राशनकार्ड नहीं हैं या किसी भी राशनकार्ड में नाम दर्ज नहीं है उनको मुख्यमंत्री श्री भुपेश बघेल के निर्देशानुसार माह मई एवं जून के लिए 05 किलो चावल प्रति व्यक्ति प्रति माह और 01 किलो चना प्रति परिवार प्रति माह की दर से निःशुल्क प्रदाय किया जाना है। इसके लिए मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार बेमेतरा जिले के कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शिव अनंत तायल के द्वारा जिले के सभी जनपद पंचायत कार्यालय के साथ ही नगर पालिका/पंचायत कार्यालय को ऐसे प्रवासी श्रमिकों की पहचान कर आॅनलाईन एंट्री करने के निर्देश जारी किये गए है। योजना का लाभ केवल ऐसे प्रवासी श्रमिकों को दिया जाना है, जिनका नाम किसी भी राशन कार्ड में दर्ज नही है।
मुख्यमंत्री जी के इस निर्देश से बेमेतरा शहर के घड़ी चैक स्थित शासकीय उचित मूल्य की दुकान से सिंघौरी निवासी सुनीता यादव के 04 सदस्यीय परिवार को इस योजना के तहत निःशुल्क खाद्यान्न का लाभ प्रदान किया गया। सनीता यादव ने एक माह का 20 किलो चावल व 01 किलो चना उठाया है। राशनकार्ड नहीं होने के बावजूद सुनीता यादव के परिवार को खाद्यान्न प्राप्त होने के बाद उनके सामने अब खाने की समस्या नही होगी। उनके परिवार को माह जून के लिए और 20 किलो चावल व 01 किलो चना और मिलेगा। सुनीता यादव की तरह ही कोई भी प्रवासी श्रमिक या व्यक्ति जिसका नाम किसी अन्य राशनकार्ड में दर्ज नही है, इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेगा।
राज्य सरकार की इस योजना से बेमेतरा जिले सभी नागरिकों के चेहरे खिल उठे हैं, और उन्होंने ने इस विपरीत परिस्थिति में इस योजना के साथ साथ राज्य सरकार पर भी भरोसा जताया है। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिको या व्यक्तियों के लिए माह मई हेतु 17.3 क्विंटल चना एवं 353.41 क्विंटल चावल साथ ही माह जून के लिए भी 01 किलो चना प्रति परिवार प्रति माह की दर से 17.3 क्विंटल चना व 05 किलो चावल प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर से 353.41 क्विंटल चावल का आबंटन जारी किया गया है।
सरकार की इस योजना से राज्य की जनता के साथ ही बेमेतरा जिले के लोगो के चेहरे खिल उठे है। उनका कहना है कि इस कोरोना काल के विपरीत परिस्थिति में सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत सरकार द्वारा दी जाने वाली राशन सामग्री ने उनकी भोजन की समस्याओं में मददगार साबित हुई है। -
बेमेतरा 09 जून : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत विभिन्न संविदा पदों हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। जिसमें से आयाबाई एवं क्लिनर के पदों पर संविदा भर्ती हेतु दिनंाक 15 जून 2020 को प्रातः 10.00 बजे से 11.00 बजे तक आवेदन पंजीयन, प्रातः 11.00 बजे से 1.00 बजे तक दस्तावेज सत्यापन, दोपहर 2.00 बजे से 3.00 बजे तक दावा आपतित एवं निराकरण तद्पश्चात् दोपहर 4.00 बजे मेरिट सूची का प्रकाशन किया जावेगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बेमेतरा ने बताया कि पूर्व में विज्ञापन में जारी किये गये विज्ञापन दिशा निर्देश पूर्ववत ही रहेगें। उक्त आयाबाई एवं क्लिनर के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की भर्ती/पदस्थापना एसएनसीयू बेमेतरा अंतर्गत किया जाना था। यह पद एसएनसीयू के लिए ही रहेगा लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इनकी नियुक्ति/पदस्थापना कोविड-19 हाॅस्पिटल में आगामी आदेश तक किया जावेगा।
अतः पात्र एवं इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन पत्र के साथ शैक्षणिक योग्यता की स्व-प्रमाणित छायाप्रति क्रमानुसार (1) आवेदन प्रारूप, (2) 8वी. (3) छ0ग0 निवासी प्रमाण पत्र (4) जाति प्रमाण पत्र (5) अनुभव प्रमाण पत्र (6) जन्म प्रमाण पत्र/अन्य प्रमाण पत्र जिसमें जन्मतिथि अंकित हो के साथ स्वयं निर्धारित तिथि एवं समय में उपस्थित होकर आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। निर्धारित तिथि व समय के पश्चात् प्राप्त आवेदनों को स्वीकार नहीं किया जावेगा। -
बेमेतरा 09 जून : कोविड-19 महामारी से संक्रमितों के जांच हेतु लेब टेक्निशियन के 08 पदों पर अस्थाई भर्ती आगामी 03 माह हेतु किये जाने बाबत् विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। उक्त लेब टेक्निशियन के पदों पर भर्ती हेतु दिनंाक 12 जून 2020 को प्रातः 9.30 बजे से 12.00 बजे तक दस्तावेज सत्यापन, तद्पश्चात् 12.00 बजे से 1.00 बजे तक दावा आपत्ति एवं निराकरण, तद्पश्चात् दोपहर 2.00 बजे से दावा आपत्ति पश्चात् कौशल परीक्षा हेतु सूची का प्रकाशन की कार्यवाही कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला बेमेतरा (छ.ग.) में की जावेगी। जिसके उपरांत दोपहर 3.00 बजे से कौशल परीक्षा का आयोजन कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, बेमेतरा (छ.ग.) में किया जावेगा।
अतः लेब टेक्निशियन पदों पर कार्यालयीन ई-मेल [email protected] में निर्धारित तिथि एवं समय में आवेदन किये गये अभ्यर्थी आवेदन पत्र के साथ शैक्षणिक योग्यता की स्व-प्रमाणित छायाप्रति क्रमानुसार (1) आवेदन प्रारूप, (2) 10वी. (3)12वी (4) डीएमएलटी/बीएमएलटी/डिप्लोमा (5) छ.ग. काउनसिल में पंजीयन (6) छ.ग. निवासी (7) जाति प्रमाण पत्र (8) अनुभव प्रमाण पत्र (9) अन्य एवं मूल प्रमाण पत्र/दस्तावेजों के साथ स्वयं निर्धारित तिथि एवं समय में उपस्थित होना सुनिश्चित करें। - बेमेतरा 09 जून : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के तहत अपवर्जित श्रेणी के किसानों को छोड़कर शेष समस्त भू-स्वामी कृषक परिवार को राशि रू. 2000/- की दर से तीन किस्तों में 6000/- रूपये का भुगतान किये जाने का प्रावधान है। योजनान्तर्गत पंजीकृत किसानों के रिकार्ड त्रुटिपूर्ण/लंबित होने के कारण सहायता राशि का लाभ नही मिल पा रहा है। ऐसे कृषक आधार कार्ड, बैंक पास बुक की छायाप्रति मोबाईल नं. सहित अपने विकासखण्ड/तहसील के सहायक नोडल अधिकारी (कृषि विभाग)/तहसीलदार (राजस्व विभाग) या जिले में नोडल अधिकारी उप संचालक कृषि, जिला-बेमेतरा कार्यालय में प्रस्तुत कर सकतें है।
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कोविड महामारी में कुपोषित बच्चों का रखें ख़ास ख्याल
केन्द्रों पर कोविड-19 की भी दी जा रही है जानकारी
रायपुर 9 जून : लॉक डाउन के बाद शुरु हुई गैर कोविड-19 गतिविधियों के अंतर्गत पोषण पुनर्वास केंद्र में बैठे 16-माह के लकी (बदला हुआ नाम) के माता और पता आज बहुत खुश है। उनकी ख़ुशी का कारण उनका बेटा है जिसका वज़न अब बढकर 7.4 किलो हुआ है | लकी पोषण पुनर्वास केंन्द्र में आने से पूर्व कुपोषण का शिकार था । उसका वज़न केवल 6.6 किलो था और वह सुस्त और चिडचिडा था। केंन्द्र में 15 दिन नियमित पोषण आहार के खान-पान, चिकित्सकीय जांच से लकी स्वस्थ्य हुआ है।
रायपुर के जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र की डाइटिशियन पूनम बताती है 20 मई को भर्ती होने के बाद से ही लकी का उपचार शुरू किया । ``हमने उसे उपचारात्मक डाईट एफ-75 से खान-पान कराना शुरू किया । हर दो घंटे में बच्चे को थोडा-थोडा खाना दिया गया जिसमें खिचड़ी, हलवा,और दलिया शामिल है । पोषण पुनर्वास केंन्द्र में देख रेख के साथ चिकित्सकों द्वारा प्रतिदिन स्वास्थ्य जांच करने के साथ ही उपचार भी किया जाता रहा। यह सब निशुल्क दिया जाता है।’’
वर्तमान में पोषण पुनर्वास केंद्र में आने वाले लोगों और कुपोषित बच्चों को कोविड-19 के संक्रमण से बचने से रोकथाम और बचाव के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है । पोषण पुनर्वास केंद्र से डिस्चार्ज होने के पूर्व,बच्चे की मां को घर पर बनने वाले पौष्टिक आहार की जानकारी दी जाती है और पौष्टिक आहार बनाना सिखाया जाता है।पूनम का कहना है शुरुआत में माता के अंदर बहुत ज्यादा झिझक रहती है उससे बात कर के धीरे-धीरे झिझक को तोड़ा जाता है । माता और पिता के मानसिक तनाव को भी कम किया जाता है । धीरे-धीरे उनसे दोस्ती करके उनको स्वस्थ परिवारिक जीवन शैली के बारे में भी बताया जाता है ।
आमतौर पर कुपोषित बच्चों को 15 दिन तक पुनर्वास केंद्र में रखा जाता है।अगर बच्चे का वज़न 15% तक बढ जाए तो बच्चे को घर भेजा जाता है वरना 10 दिन तक और रखा जाता है। कभी कभी तो एक महीने तक भी रखा जा सकता है। मितानिन और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कुपोषित बच्चों की पहचान करने की ट्रेनिंग दी जाती है और वह समुदाय से ऐसे बच्चों को पुनर्वास केंद्र तक भेजते हैं। घर भेजे जाने के बाद भी इन्ही के माध्यम से स्वस्थ हुए बच्चों की जानकारी भी नियमित रूप से ली जाती है ।
लकी की मॉ रूकमणी (बदला हुआ नाम ) ने बताया वह बेटे के स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित थी। स्वास्थ्य जॉच के लियें निजी अस्पताल भी गये थे लेकिन कोई सही परामर्श नहीं मिला। निरंतर वजन में कमी के साथ शारीरिक रूप से कमजोरी स्पष्ट झलक रही थी। इसी बीच पारा की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कम्लेश्वरी साहू ने पोषण पुनर्वास केंद्र के बारे में बताया।आंगनवाडी कार्यकर्ता ने बताया पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों के साथ माताओं के लिए ठहरने एवं भोजन की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान रुकमनी को रूपये 150 प्रति दिन के दर से दिए जाते हैं।
``कमलेश्वरी दीदी के कहने पर ही हम बच्चे को केंद्र पर लाये। अब उसकी सेहत में काफी सुधार हुआ है।यह सब केंद्र की दीदीयों के द्वारा संभव हो सका और मुझे पोष्टिक आहर बनाने की सीख मिल सकी,’’ रुकमनी बताती है।
कोविड महामारी से बचाने में किया जा रहा दिशा-निर्देशों का पालन
कोविड महामारी के दौरान अब पोषण पुनर्वास केंद्र में संक्रमण को रोकने के लिए दिए निर्देश का पालन किया जा रहा है । कुपोषण से ग्रस्त बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण कोरोना महामारी के समय उन्हें देखभाल की अत्यंत आवश्यक है। -
माह मई के मानव दिवस के लक्ष्य 100 फीसदी अर्जित
हितग्राही मूलक कार्यो व सर्वाधिक कार्य स्वीकृति एवं श्रमिकों को नियोजित करने में राज्य में प्रथम स्थान पर काबिज
जशपुरनगर 08 जून : वैश्विक महामारी के संक्रमण के दौर में महात्मा गांधी नरेगा स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन का प्रमुख केंद्र बिन्दु साबित हो रहा है। लाॅकडाउन में एक ओर जहाॅ अन्य सभी कार्य बंद है, वैसे में महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत संचालित कार्य मजदूरों के लिए सार्थक कदम साबित हो रहा है। लाॅकडाउन की इस विषम परिस्थिति में मजदूर सामाजिक दूर व माॅस्क,सैनिटाइजर/हैण्डवाश का उपयोग करते हुए समय-समय पर जारी शासन के निर्देशो का पालन करते हुए नरेगा कार्य कर रहे है।
जशपुर जिला में कलेक्टर महोदय के मार्गदर्शन और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के सतत् निर्देशन के फलस्वरूप एवं स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन व आर्थिक मजबूती हेतु लोगों के भरोसे व विश्वास का परिणाम है कि जशपुर जिला मनरेगा में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। हितग्राही मूलक कार्यो में सर्वाधिक कार्य स्वीकृति व श्रमिकों को नियोजित करने में राज्य में प्रथम स्थान पर काबिज है। इन्हीं विश्वास व भरोसे के बदौलत हमने माह मई में मानव दिवस सृजन के लक्ष्य को 100 फीसदी प्राप्त कर लिया है। माह मई में मानव दिवस 1292011 (बारह लाख बानबे हजार ग्यारह) के विरूद्ध में 1810283 (अट्ठारह लाख दस हजार दो सौ तिरासी) मानव दिवस अर्जित कर लिया गया है। इस प्रकार मई महीने के लक्ष्य के विरूद्ध 140 प्रतिशत मानव दिवस अर्जित किया गया है।
इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के.एस.मण्डावी ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान महात्मा गांधी नरेगा के प्रारंभ होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हुई है। ग्रामीण कोरोना संक्रमण के रोकथाम व बचाव के सभी निर्देशो का पालन करते हुए नरेगा कार्यो को संपादित कर रहे है। हितग्राही मूलक व सामुदायिक कार्यो के साथ-साथ कृषि संबंधी कार्य व ’’जल संवर्धन व संरक्षण’’ के अधिकाधिक कार्यो को प्राथमिकता देते हुए योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। वैश्विक महामारी के दौरान बचाव के समस्त निर्देशों का कड़ाई से पालन किए जाने हेतु सचिव एवं रोजगार सहायकों को निर्देशित किया गया है।
सहायक परियोजना अधिकारी (मनरेगा) शशिकांत गुप्ता ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लक्ष्य 4405625(चैवालिस लाख पांच हजार छः सौ पच्चीस) के विरूद्ध 5346568 (तिरपन लाख छयालिस हजार पांच सौ अडसठ ) 121 प्रतिशत मानव दिवस अर्जित किया गया था। वहीं इस वित्तीय वर्ष में मई माह के लक्ष्य 1292011 के विरूद्ध 1810283 मानव दिवस अर्जित किया है, तथा आज की स्थिति में जनपद पंचायत बगीचा अंतर्गत 416240 श्रमिक, जनपद पंचायत दुलदुला में 163265, जनपद पंचायत जशपुर में 172180, जनपद पंचायत कांसाबेल में 225841, जनपद पंचायत कुनकुरी में 268206, जनपद पंचायत मनोरा में 160438, जनपद पंचायत पत्थलगांव में 201556 एवं जनपद पंचायत फरसाबहार में 202787 इस प्रकार कुल 1810513 मानव दिवस अर्जित कर लिया गया है जो लक्ष्य के विरूद्ध 140 प्रतिशत है। जिले में औसतन 80 हजार श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। -
दुर्ग 08 जून : कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु जिले में लाॅकडाउन प्रभावशील है, जिसके तहत् बाहर से आये हुए व्यक्तियों को क्वारंटाईन किया जा रहा है। जिन व्यक्तियों को होम क्वारंटाईन में रखा गया है, यदि वह क्वारंटाईन अवधि पूर्ण किए बिना, नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो उनके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत 6 महीने की सजा अथवा एक हजार रूपये का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डनीय होगा।
इसके अतिरिक्त आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत 1 वर्ष का कारावास एवं अर्थदंड से दंडनीय होगा। यदि ऐसे कृत्य में उक्त व्यक्ति के परिवार द्वारा सहयोग किया जाता है परिवार के सदस्यों के विरुद्ध भी इसी प्रकार दंडनीय कार्यवाही की जावेगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। - दुर्ग 08 जून : जिला के तहसील दुर्ग के नेवईभाठा नगर पालिक निगम रिसाली, महेश काॅलोनी फुलगांव नगर पालिक निगम दुर्ग, वार्ड 19 कैंप-1, नगर पालिक निगम भिलाई, सतनामी पारा जागृति विद्यालय के पास, वार्ड-28 छावनी एवं सेक्टर-6 सी मार्केट नगर, नगर निगम पालिक भिलाई में नए कोरोना पॉजिटिव केस पाए जाने के परिपेक्ष्य में परिशिष्ट-1 में दर्शायें अनुसार क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। कन्टेनमेंट जोन उक्त चिन्हांकित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा कन्टेनमेंट जोन में घर पॅहुच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाएगी। कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर प्रतिबन्ध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्ही भी कारणों से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित रहेगा। कन्टेनमेंट जोन की निगरानी हेतु लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की जाएगी। जिला चिकत्सालय एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सम्बंधित क्षेत्र में स्वास्थ्य की निगरानी एवं निर्देशानुसार सैंपल इत्यादि जाॅच हेतु लिया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।
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- पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए स्कूली बच्चों को प्रेरित करने के
लिए वन मितान कार्यक्रम का होगा आयोजन
दुर्ग 08 जून : पर्यावरण को संजोने आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण से जोड़ना बेहद आवश्यक है। इसके लिए एक नवाचारी प्रयोग वन विभाग द्वारा किया जाएगा। लगभग 120 बच्चों का समूह जंगल में टैंट में एक दिन का हाल्ट करेगा। यहां फारेस्ट विभाग के ट्रेनर बच्चों को जंगल के जानवरों के बारे में, पक्षियों के बारे में बताएंगे। वे यह बताएंगे कि किस प्रकार पारिस्थितिकी का संरक्षण करना मानवता के लिए उपयोगी होगा। जंगल में अलग-अलग तरह के पक्षियों की आवाजें, उनके आवास, उनके समूह में रहने का तरीका, खानपान की विधि आदि बताई जाएगी। कैंप का समय माइग्रेटरी बर्ड का समय होगा, इसलिए उनके डिटेल्स भी बताए जाएंगे। इसमें फारेस्ट विभाग के प्रमुख अधिकारियों के साथ राजू वर्मा जैसे पक्षी विशेषज्ञ भी बच्चों को पक्षियों के बारे में तथ्य साझा करेंगे। आज कलेक्टर डाॅक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे की अध्यक्षता में इस संबंध में बैठक हुई। यहां डीएफओ श्री केआर बढ़ाई ने विस्तार से प्रोजेक्ट की जानकारी दी और बताया कि ये प्रोजेक्ट किस तरह बच्चों की अभिरुचि जगाने में सहायक हो सकता है। उल्लेखनीय है कि स्कूली विद्यार्थियों में वन, वन्य प्राणी एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने हेतु वन मितान कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसके तहत कक्षा 6वीं से 12वीं के छात्र-छात्राओं को प्राकृतिक वातावरण का अनुभव प्रदान कर उन्हें इसके संरक्षण के लिए जागरुक किया जाएगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य- वन मितान कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को वन वन्य प्राणी एवं पर्यावरण की वन मितान बनाकर उन्हें इसके संरक्षण हेतु प्रेरित करना है। इच्छुक विद्यार्थियों को नेचुरल वाॅलेंटियर फोर्स के रूप में विकसित करना है साथ ही विभाग एवं विभागीय अधिकारियों के कार्य उत्तरदायित्वों एवं चुनौतियों से इन विद्यार्थियों को अवगत कराना है।
विद्यालय एवं विद्यार्थियों का चयन- विद्यालय एवं विद्यार्थियों का चयन एवं निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। ऐसे विद्यार्थी जो पर्यावरण के प्रति अभिरूचि रखते हो। विद्यार्थी का चयन वन्य प्राणी पक्षी इत्यादि की समान्य जानकारी के आधार पर होगा। चयनित विद्यार्थी का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। शिविर हेतु कक्षा 6वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को चनित किया जा सकता हैं किन्तु प्राथमिकता के आधार पर 8वीं एवं 12वीं के विद्यार्थी को सर्वप्रथामिकता दी जाएगी। प्रत्येक परिक्षेत्र में 120 विद्यार्थी का चयन किया जाकर दो चरणों में 60-60 विद्यार्थी हेतु वन मितान कार्यक्रम किया जाएगा।
शिविर स्थल का चयन- प्रशिक्षण सह जागरूकता शिविर का आयोजन वन्य परिक्षेत्र में स्थित प्राकृतिक सौन्दर्य के स्थल पर किया जाएगा। शिविर का चयन इस प्रकार से किया जाएगा कि विद्यालय से 25 से 30 किलोमीटर के परिक्षेत्र में स्थित हो।गतिविधियाॅ- वनमितान शिविर एक दिन का होगा। जिसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियाॅ को शामिल किया गया है। शिविर दिवस पर विद्यार्थियों को पक्षी दर्शन, वन्य प्राणी दर्शन, सफारी, नौकायान, वन भ्रमण कराया जाएगा। प्राकृतिक पथ भ्रमण, प्रकृति की पाठशाला, स्थल पर विद्यमान वाणिकी गतिविधियों की जानकारी देने के साथ ही वन एवं वन्य प्राणी एवं पर्यावरण के महत्व से रूबरू कराया जाएगा। जिज्ञासा समाधान व चर्चा, परिचर्चा, वनाचार, प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया जाएगा। शिविर के आयोजन को ध्यान में रखते हुए साफ-सफाई, भोजन, सुरक्षा स्वास्थ्य, सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। - - क्वारंटीन सेंटरों में क्वारंटीन अवधि का उचित उपयोग करने किए जा रहे नवाचार- इसी बीच 1100 पौधे लगाएं जा रहे क्वारंटीन केंद्रों में, यादगार निशानियां होंगी क्वारंटीन के दिनों की
दुर्ग 8 जून : अपने गांव लौट आए प्रवासी श्रमिकों का क्वारंटीन पीरिएड पूरी तरह उनके लिए उपयोगी हो, इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में क्वारंटीन केंद्रों में अनेक नवाचारी प्रयोग किए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण ने यह सिखाया है कि प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी रखनी है और यह प्राचीन भारतीय यौगिक पद्धति के पालन से संभव है इसलिए इन केंद्रों में सुबह से योगा और प्राणायाम कराया जा रहा है। विनायकपुर में रोजगार सचिव सुश्री कामिनी ने बताया कि यहां सुबह से ही प्राणायाम और योग कराया जाता है। यहां हाईस्कूल में क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है और पूरा शेड्यूल बना दिया गया है। यहां भोपाल से लौटे कीर्ति नारायण ने बताया कि सुबह से क्वारंटीन सेंटर में योग कराया जाता है। इसके बाद ही नाश्ता होता है।
उन्होंने बताया कि चैदह दिनों में यह पूरी तरह से सिस्टम में आ जाएगा और हम लोग इसे हमेशा के लिए अपना लेंगे। योग करने के बाद काफी स्फूर्ति मन में आती है। गोपाल ने बताया कि सभी को योग करना बहुत अच्छा लगता है। यहां आने के बाद कई ऐसे आसन सीखे जिसके बारे में पता नहीं था। योग करने से हमें बड़ा लाभ यह होगा कि बीमार कम पड़ेंगे और इलाज का खर्च भी कम हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि क्वारंटीन केंद्रों में व्यवस्थाओं की मानटिरिंग के लिए अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इनकी नियमित रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाती है। ग्राम पंचायत झींट में क्वारंटीन पीरिएड में रह रहे ताम्रश्वर ने बताया कि मेरा क्वारंटीन पीरिएड पूरा हो गया है। मुझे किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि क्वारंटीन सेंटर में रह रहे लोगों की स्किल मैपिंग भी कराई जा रही है ताकि हुनरमंद लोगों की पूरी पहचान हो सके। इनका डाटाबेस कई तरह से उपयोगी होगा। इसे उद्योगजगत के लोगों के साथ भी साझा किया जा रहा है। उदाहरण के लिए झीट के क्वारंटीन सेंटर में रह रहे 9 लोग प्लंबर हैं।
अब इस प्रकार के डाटाबेस होने की वजह से हुनरमंद और नियोक्ता दोनों के बीच दूरी कम हो पाएगी। इस बीच क्वारंटीन सेंटर में रह रहे लोगों ने पौधरोपण का कार्य आरंभ किया। विभिन्न क्वारंटीन केंदों में पौधे रोपे जा रहे हैं। लगभग ग्यारह सौ पौधे रोपे जा रहे हैं। ये पौधे लाकडाउन पीरिएड की याद दिलाएंगे और हमेशा के लिए लाकडाउन के दौरान की स्मृति याद दिलाएंगे। कहीं साक्षरता की अलख भी जल रही है। राजपुर की हीराबाई क्वारंटाइन सेंटर में पहुंचने से पहले अक्षरों की दुनिया से नावाकिफ थी, चैदह दिनों में हीराबाई अक्षरों की चमकती दुनिया से वाकिफ हुई। पूरे धमधा ब्लाक के क्वारंटीन केंद्रों में यह कार्रवाई की गई। -
दुर्ग 08 जून : जिले के कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे से छत्तीसगढ़ स्वच्छता जन जागरूकता अभियान के अघ्यक्ष श्री रवि नायर तथा अन्य पदाधिकारियों ने मुलाकात कर कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। संस्था के सदस्यों ने बताया कि संस्था द्वारा जिले के सभी पुलिस थानों, अस्पतालों, बैंकों, नगर निगम कार्यालय, शहर के सभी भीड़ वाले इलाकों, शहर के शासकीय और अशासकीय वाहनों तथा शहर के सभी चिन्हांकित स्थानों पर बैनर, पोस्टर, स्टीकर, टेबल बोर्ड, हैंगिंग बोर्ड व सेल्यूट बोर्ड लगाकर जनता को कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।
श्री नायर के बताया कि सभी पुलिस थाना, अस्पतालांे, बैंको व नगर निगम कार्यालय के गेट के पास कोरोना के माॅडल के साथ कोविड फाइटर्स के लिए सम्मान बोर्ड वाला प्रतीक चिन्ह लगाया जायेगा। कलेक्टर ने संस्था के सदस्यों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से रोकथाम के लिए संस्था द्वारा किया जा रहा प्रयास सराहनीय है। कलेक्टर से भेंट के दौरान संस्था के संयोजक श्री जी. एस. ठाकुर, राजेश जोशी व बी. एन. पाणिग्राही मौजूद थे। -
गर्भवती माताओं के डिलीवरी के लिए ब्लॉक मुख्यालय बागबाहरा में बनाया गया विशेष आइसोलेशन वार्ड
महासमुंद 08 जून : बागबाहरा तहसील के अंतर्गत स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटरों में प्रवासी श्रमिकों का आना जारी है। इन प्रवासी श्रमिकों में पुरुष, महिला एवं बच्चे शामिल हैं। ये सभी प्रवासी श्रमिक अन्य राज्यों एवं जिले से आ रहे हैं। इन श्रमिकों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रोकना स्थानीय प्रशासन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बागबाहरा श्री भागवत प्रसाद जायसवाल के मार्गदर्शन में ना केवल पुरुष, बच्चों अपितु महिलाओं की समस्याओं का भी विशेष ध्यान रखते हुए स्थानीय स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले माताओं को निःशुल्क गरिमा कीट (सेनेटरी पैड) का वितरण किया गया। बागबाहरा तहसील के अंतर्गत स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में वर्तमान में 1391 महिलाएं आइसोलेशन में है। इन महिलाओं के मासिक दिनों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन द्वारा पहल करते हुए कुल 1160 गरिमा किट वितरण करने का लक्ष्य रखा है।
इस कड़ी में आज बागबाहरा तहसील के विभिन्न क्वॉरेंटाइन सेंटर में स्वास्थ्य कर्मियों, मितानिन, महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से बड़ी संख्या में गरिमा किट का वितरण किया गया। इसमें 45 साल से कम उम्र की महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड्स मासिक आवश्यकता की अनिवार्य वस्तु है, जिसे संकोच के कारण अन्य कर्मचारियों से मंगवा नही सकती। इसीलिए उन्हें यह उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि वो इस दौरान होने वाले मानसिक दिक्कतों और शारीरिक संक्रमण से बच सके। इसके साथ-साथ विकासखण्ड मुख्यालय में 09 माह की गर्भ धारण अवधि वाली महिलाओं को विकासखंड स्तर के आइसोलेशन चिकित्सा केन्द्र में लाकर उनकी सुरक्षित डिलीवरी की भी तैयारी की जा रही है, जिससे कि उनको और उनके होने वाले बच्चे को संक्रमित होने से बचाया जा सके।
प्रशासन की इस योजना को लेकर क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाली महिलाएं प्रशासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत खाद्य पदार्थों का वितरण, क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने की व्यवस्था ,पीने के पानी की व्यवस्था ,गर्मी के दिनों में कूलर की व्यवस्था और अब गरिमा किट का जो वितरण किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने भी बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों से अपील की है कि वे अपने आने की किसी भी प्रकार की जानकारी प्रशासन से ना छुपाएं एवं 14 दिन के अनिवार्य क्वॉरेंटाइन को स्वीकार करते हुए स्थानीय स्तर पर बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर पर रहकर प्रशासन एवं स्थानीय लोगों की मदद करें जिससे कोविड-19 के संक्रमण को रोका जा सकें। -
क्वारंटीन केन्द्रों में सुरक्षा जागरूकता के साथ बनाया जा रहा नशा उन्मूलन का माहौल
महासमुंद 08 जून : वर्तमान परिपे्रक्ष्य में जिले में अन्य राज्यों से आए बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक क्वारंटीन केन्द्र में रह रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा इनके समुचित देख-रेख और खान-पान के लिए पर्याप्त प्रबंध क्वारंटीन केन्द्रों पर ही किए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत् जिला तंबाकू नशा मुक्ति केन्द्र दल आवश्यक सावधानियां बरतकर लगातार क्वारंटीन केन्द्रों में जाकर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं नशा उन्मूलन के लिए जागरूकता जानकारी प्रदान कर रहे है। इसी कड़ी में सोमवार 08 जून 2020 को महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम फुलवारी, बावनकेरा और पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम गड़बेड़ा एवं ग्राम मुढ़ीपार के शासकीय विद्यालयों में स्थापित दो क्वारंटीन केन्द्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षा, सावधानी एवं तंबाकू व अन्य नशा उन्मूलन संबंधी जागरूकता जानकारी दी गई।
इस दौरान ग्राम बावनकेरा के लोगों ने हरी सब्जियों के थोड़ी कमी होने की जानकारी दी। जिस पर जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केंद्र दल के सदस्यों ने गांव के सरपंच से चर्चा कर हरी सब्जियों के साथ हरी मिर्च एवं नमकीन इत्यादि की व्यवस्था करने को कहा। उल्लेखनीय है कि चिकित्सकों की राय में क्वारंटीन की अवधि में रह रहे नशे के आदी मरीजों के लिए उक्त खाद्य पदार्थ विड्रो सिमटम्स को नियंत्रित करने में कारगर साबित होता हैं। यह कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे के मार्गदर्शन में जिला तंबाकू नशा मुक्ति केन्द्र के सामाजिक कार्यकर्ता श्री असीम श्रीवास्तव एवं उनके टीम द्वारा लगातार क्वारंटीन संेटर पहुंचकर क्वारंटीन केन्द्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षा, सावधानी एवं तंबाकू व अन्य नशा उन्मूलन संबंधी जानकारी लगातार दी जा रही हैं। -
सोमवार की अल-सुबह तीन कोरोना पाॅजिटिव प्रकरणों के स्वस्थ होकर घर वापस लौटने के साथ-साथ दोपहर तक एक अन्य प्रकरण में पाॅजिटिव से निगेटिव होने का सुखद समाचार मिला,
जिले में पाॅजिटिव से निगेटिव होने का कुल आंकड़ा पांच प्रकरणों के साथ तेजी से बढ़ता नजर आ रहा है
महासमुंद 08 जून : जिले के बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम भदरसी के रहने वाले पहले प्रकरण के स्वस्थ होकर घर वापस कल 07 जून को लौटने के बाद आज 08 जून 2020 को सुबह लगभग ढ़ाई से चार बजे के बीच ही तीन और कोरोना पाॅजिटिव प्रकरण राजधानी स्थित एम्स के चिकित्सालय से उपचारित होकर सकुशल घर वापस लौट आए हैं। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें सरायपाली विकाखण्ड के ग्राम तोषगांव के 24 वर्षीय युवा के साथ बसना विकासखण्ड के ग्राम बरतियाभाठा के 48 वर्षीय तथा बागबाहरा मुख्यालय से 54 वर्षीय पुरुष शामिल हैं। इन्हें, 31 मई 2020 को उपचार के लिए राजधानी रायपुर के एम्स चिकित्सालय भेजा गया था, वहीं बसना विकासखण्ड के ग्राम संतपाली निवासी एक और कोविड-19 पाॅजिटिव प्रकरण 29 मई 2020 को उपचार के लिए एम्स रवाना किया गया था। पिछले चैबीस घंटों में यह चैथा प्रकरण रहा जिसे मंगलवार 08 जून 2020 की दोपहर तक उपचार उपरांत कोविड-19 का निगेटिव घोषित कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि जिले में लगातार दो दिनों से मिल रही सकरात्मक सूचनाओं के साथ स्वास्थ्य विभाग ने अब तक कुल पांच प्रकरणों में कोविड पाॅजिटिव से कोविड निगेटिव हो जाने की पुष्टि कर दी है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के रोकथाम के लिए राज्य शासन, जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य अमला लगातार बेहतर प्रबंधन और सुचारू व्यवस्था संचालन व नियोजन के लिए तत्परता से कार्य कर रहे है, जिसके परिणास्वरूप अब जिले में कोविड-19 पाॅजिटिव प्रकरणों के निगेटिव होनेे की जानकारी मिल रही हैं। - कोरिया 08 जून : कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री सत्य नारायण राठौर के द्वारा जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर स्थित स्कूलपारा में होम क्वारेंटाइन किये गये मरीज का जांच रिपोर्ट पाजिटिव पाये जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव की रोकथाम हेतु उक्त क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए उसके आस पास के 1 कि.मी. की परिधि क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
कलेक्टर द्वारा स्कूलपारा के आस पास के 01 किमी. परिधि क्षेत्र में पूर्व दिशा में जिला अस्पताल बैकुण्ठपुर, पश्चिम दिशा में सुदीप अग्रवाल सुजुकी शो रूम बैकुण्ठपुर, उत्तर दिशा में ई0एल0चर्च बैकुण्ठपुर तथा दक्षिण दिशा में डबरीपारा शर्मा फर्नीचर दुकान बैकुण्ठपुर की सीमा तक पूर्णतः लॉकडाउन कर कन्टेमेंट जोन घोषित किया गया है।
कलेक्टर श्री राठौर ने स्कूलपारा के अंतर्गत कन्टेनमेंट जोन के कारण संपूर्ण नगर पालिका परिषद बैकुण्ठपुर में आवश्यक सेवाओं में दी जाने वाली छूट को प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही अतिआवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने अधिकारियों को दायित्व भी सौंप दिया है। जिसके अनुसार तहसीलदार बैकुण्ठपुर, खाद्य निरीक्षक बैकुण्ठपुर, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं गृह निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता, अनुविभागीय अधिकारी एवं लोक निर्माण एवं लोक निर्माण विद्युत यांत्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी, अनुविभागीय दंडाधिकारी बैकुण्ठपुर के मार्गदर्शन में कार्य करेंगे।