- Home
- छत्तीसगढ़
-
कृषक अरुण ने प्रथम किस्त कि राषि पाकर राज्य सरकार का किया धन्यवाद
सूरजपुर 23 मई :कोरोना महामारी से बचाव व रोकथाम के लिए राज्य सरकार के द्वारा लाॅकडाउन के प्रभाव से प्रभावित कृषि कार्य करनें वाले कृषको को राहत देने के लिए आर्थिक सहायता बतौर राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से सहायता राशि जारी किया गया है। इससे सभी वर्ग के कृषको को काफी हद तक राहत मिली है,ऐसे ही कृषक जिले के रामानुजनगर विकासखण्ड के ग्राम कैलाशपुर के अरुण कुमार साहू है,जिनके लिए राज्य सरकार के राजीव गांधी किसान न्याय योजना वरदान साबित हुआ है।
छत्तीसगढ़ सरकार की इस जनहितैषी एवं अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना से राहत महसूस कर रहे किसान अरुण ने बताया कि लाॅकडाउन के प्रभाव से मेहनत-मजदूरी के कार्य लगभग बंद हो जाने के कारण बचे हुए अनाज से किसी तरह भरणपोषण कर पा रहे थे, जो भी खत्म होने वाला है, जिस कारण उनके परिवार को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि छोटे किसान होने तथा उनके परिवार के जीविकोपार्जन का आधार केवल खेती-किसानी एवं रोजीमजदूरी होने के कारण लाॅकडाउन में बाहरी आय स्रोत पूरी तरह से बंद हो गया था। इस मुश्किल हालात में वे अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए सदैव चिंतित रहते थे। लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेशबघेल के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा परिवार की मुखिया की तरह जनता की वास्तविक जरूरतों को समझते हुए सही समय पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से वर्ष 2019-20 समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री करने वाले किसानों के खातों में प्रथम किश्त की राशि की भुगतान कर एक संवेदनशील तथा कुशल अभिभावक की भूमिका का निर्वाह किया है। किसान अरुण ने बताया कि आज उसके बैंक खाते में इस योजना के माध्यम से प्रथम किस्त के रूप में 12 हजार 847 रूपए जमा हो गया है।
राज्य सरकार की इस लोक कल्याणकारी योजना से लाभान्वित कृषक अरूण की माता जी ने परिवार सहित खुशी जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की यह राजीव गांधी किसान न्याय योजना इस वक्त के मुश्किल हालात का सामना कर रहे उनके जैसे अनेक गरीब, खेतीहर, मजदूर, किसानों के लिए सहारा बन गया है। छत्तीसगढ़ के मुखिया एवं किसान पुत्र श्री भूपेशबघेल द्वारा राज्य के किसानों की समस्या एवं जरूरतों को समझते हुए उनके प्रति दायित्व को पूर्ण किया है।इसी प्रकार गांव के कृषकरामजीतनसाहू, रामअधीनसाहू ने भी बताया है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रथम किस्त की राषि के रूप में बैंक खाते में 25 हजार से अधिक की राषि आई है, जिससे बहुत खुषी हो रही है। खेतों में जुताई नहीं होने से खेत वीरान थे, राषि मिलने के तुरंत बाद ही कल मेरे द्वारा ट्रेक्टर से खेतो का जुताई किया गया और खाद, बीज की भी खरीदी की गई है। अब पैसा मिलने से सभी समस्याएॅ दूर हो गई है इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भुपेष बघेल जी का बहुत धन्यवाद करता हूँ। -
शासकीय व अर्ध शासकीय कार्यालयों में शहीदों को दो मिनट का मौन धारण कर दी जाएगी श्रद्धांजलि और राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने का लेंगे शपथमुख्यमंत्री श्री बघेल ने झीरम श्रद्धांजलि दिवस मनाने के संबंध में जारी किये निर्देश
जशपुरनगर 23 मई : छत्तीसगढ़ में हर वर्ष 25 मई को ’झीरम श्रद्धांजलि दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस संबंध में आज अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सल हिंसा के शिकार हुए प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं, सुरक्षा बलों के जवानों और विगत वर्षो में नक्सल हिंसा के शिकार हुए सभी लोगों की स्मृति में 25 मई को प्रतिवर्ष ’झीरम श्रद्धांजलि दिवस’ के रूप में मनाया जाए। प्रदेश के सभी शासकीय एवं अर्ध शासकीय कार्यालयों में 25 मई को शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी जाए तथा यह शपथ ली जाए कि राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने के लिए हम सब संकल्पित रहेंगे। -
जशपुरनगर 23 मई : कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर के निर्देशन में जषपुर जिले में विभिन्न विकासखंडों में लगभग 648 क्वारेंटाईन सेंटर बनाया गया है। क्वारेंटाईन सेंटर में लगभग 2401 श्रमिकों, मजदूरों यात्रियों को रखा गया है। जिसमें पुरूषों की संख्या 1875 एवं महिलाओं की संख्या 526 शामिल है। इनमें जशपुर विकासखंड के 65 क्वारेंटाईन सेंटर में 244 लोगों को रखा गया हैं। इसी प्रकार मनोरा के 32 क्वारेंटाईन सेंटर में 162 लोगों को, दुलदुला विकासखंड के 90 क्वारेंटाईन सेंटर में 212 लोगों को, कुनकुरी विकासखंड के 153 क्वांरेंटाईन सेंटर में 232 लोगों को, फरसाबहार विकासखंड के 50 क्वारेंटाईन सेंटर में 587 लोगों को, कासंाबेल विकासखंड के 50 क्वारेंटाईन सेंटर में 242 लोगों को, पत्थलगांव विकासखंड के 105 क्वारेंटाईन सेंटर में 471 लोगों को एवं बगीचा विकासखंड के 103 क्वारेंटाईन सेंटर में 251 लोगों को रखा गया है।
कलेक्टर श्री क्षीरसागर के निर्देश पर एसडीएम, जनपद सीईओ और नगरीय निकाय के अधिकारियों द्वारा क्वारेंटाईन सेंटर में पानी, बिजली, शौचालय, भोजन के साथ बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण एवं निंग कराई जा रही है। इसके बाद 14 दिनों के क्वारेंटाईन अवधि में उन्हें रखा जा रहा है। इस दौरान मेडिकल टीम के द्वारा उनकी सतत् निगरानी की जा रही है। -
इस राशि से अपने खेती बाड़ी के लिए खाद-बीज खरीदकर उन्नत खेती करने में मिलेगी मददलाॅकडाउन के इस विपदा में मदद करने के लिए मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ शासन को दिया धन्यवाद
जशपुरनगर 23 मई : छत्तीसगढ़ शासन की राजीव गांधी किसान न्याय योजना लाॅकडाउन के समय में जशपुर जिले के आदिवासी किसानों को आर्थिक संबल दे रही है। फरसाबहार विकासखंड के ग्राम खुटसेरा के किसान अनूप साय पैंकरा को इस योजना के तहत् 21 मई को उनके खाते में 17 हजार रुपए की राशि जमा हुई है। वर्ष 2019-20 में कोनपारा धान खरीदी केन्द्र में उन्होंने अपना धान बेचा था। जिसके तहत् उन्हें अंतरण राशि प्राप्त हुई है।
उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि लाॅकडाउन के इस विपदा वाले घड़ी में शासन ने सही समय पर खाते में पैसे दिए हैं। जून-जुलाई में खेती बाड़ी का काम शुरू हो जाता है और किसानों को खेती बाड़ी के लिए खाद-बीज की आवश्यकता होती है ऐसे समय में पैसे आने से उनकों अपने खेतों के लिए हाईब्रीड बीज एवं खाद खरीदने में आसानी होगी ताकि वे उन्नत खेती करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने प्रदेश के किसानों की समस्याओं को समझा और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् लाॅकडाउन के कठिन दौर से गुजर रहे किसानों के खातों में बोनस राशि अंतरित की गई । जिससे उनकों आर्थिक रूप से मदद मिली है। - · स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन्स
· कॉन्टेंटमेंट एवं बफर जोन को छोड़कर शेष जगह सशर्त नियमित टीकाकरण होगा बहाल
· स्वास्थ्य केन्द्र एवं वीएचएसएनडी पर टीकाकरण को लेकर दिए गए निर्देश
रायपुर 23 मई 2020। कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम बेहद प्रभावित हुआ है. इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन्स जारी कर क्षेत्रवार टीकाकरण सेवाओं को बहाल करने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी है. जारी गाइडलाइन्स के अनुसार कोरोना संक्रमण के प्रसार के मुताबिक प्रत्येक जिले को रेड, ऑरेंज एवं ग्रीन जोन में बांटा गया है. वहीं रेड एवं ऑरेंज जोन में कोरोना संक्रमितों की व्यापकता के हिसाब से कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन भी बनाया गया है. संक्रमण प्रसार की आशंका के मद्देनजर कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन में स्वास्थ्य केन्द्रों एवं आउटरीच क्षेत्रों में नियमित टीकाकरण को फ़िलहाल रोका गया है. लेकिन सभी क्षेत्रों (कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन सहित) के स्वास्थ्य केन्द्रों पर बर्थ डोज टीकाकरण जारी रहेगा.
बफ़र जोन के अलावा एवं ग्रीन जोन में शर्तों के साथ होगा टीकाकरण:
मंत्रालय के दिशानिर्देश के मुताबिक कॉन्टेंटमेंट एवं बफ़र जोन में स्वास्थ्य केंद्र आधारित टीकाकरण एवं आउटरीच टीकाकरण सेशन( ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) अभी शुरू नहीं होगा. लेकिन बफ़र जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में स्वास्थ्य केंद्र आधारित टीकाकरण एवं आउटरीच टीकाकरण सेशन कुछ शर्तों के साथ शुरू होगा. जिसमें आउटरीच सेशन पर एक समय में 5 से अधिक लोगों को उपस्थित रहने की मंजूरी नहीं मिलेगी. इन सेशन के दौरान कोरोना संक्रमण रोकथाम के सभी प्रोटोकॉल का अनुपालन करना अनिवार्य होगा. जिसमें पंचायत एवं अर्बन लोकल बॉडी आउटरीच सेशन साईट के प्लान में मदद करेंगे. किसी भी बफ़र एवं कॉन्टेंटमेंट जोन में 14 दिनों के बाद नियमित टीकाकरण सेवा की शुरुआत करने का फैसला राज्य एवं जिला प्रशासन द्वारा ही लिया जा सकेगा.
स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण के दौरान बरतनी होगी सतर्कता:
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए स्वास्थ्य केन्द्रों पर होने वाले टीकाकरण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह गाइडलाइन्स में दी गयी है. यह बताया गया है कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर टीकाकरण के पूर्व हवादार स्थान का चयन करना होगा एवं यह भी सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्येक लोग एक दूसरे से 1 मीटर की दूरी पर ही बैठें. स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण लोड के मुताबिक पूर्व में ही फिक्स्ड टीकाकरण कर्मियों का चयन करना होगा. टीकाकरण कर्मियों को ग्लोब्स, तीन लेयर वाले मास्क एवं टीकाकरण करने से पूर्व हाथों को सैनिटाइज्ड करना अनिवार्य होगा. साथ ही टीकाकरण किसी भी रूप में बाधित नहीं हो इसके लिए वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता पूर्व में ही सुनिश्चित करनी होगी एवं लोगों को कोविड-19 के प्रति सजग करने के लिए स्वास्थ्य केन्द्रों के बाहर पोस्टर भी लागने होंगे.
वीएचएसएनडी सत्र आयोजन के लिए दिए गए निर्देश:
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस(वीएचएसएनडी) के आयोजन को लेकर कुछ जरुरी दिशानिर्देश दिया है.
· वीएचएसएनडी सत्र पर लोगों की भीड़ कम करने के लिए सत्र को प्रत्येक घन्टे के हिसाब से बाँटने की सलाह दी गयी है. प्रत्येक घंटे के स्लॉट में 4-5 लाभार्थियों को ही उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं.
· प्रत्येक वीएचएसएनडी सत्र को दो सेशन में बांटने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें अतिरिक्त सेशन के संचालन के लिए रिटायर्ड एएनएम एनएनएम, स्टाफ नर्सेज आदि या प्रशिक्षित पुरुष स्वास्थ्य कर्मी की नियुक्ति की जा सकती है.
· वीएचएसएनडी सत्र के एक दिन पूर्व ही आशा के द्वारा चिन्हित लाभार्थी को कॉल कर जानकारी दी जाएगी
· सत्र के दौरान एएनएम को कोरोना रोकथाम के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा. साथ ही सत्र पर जरुरी वैक्सीन के साथ ओआरएस, जिंक, आइएफए, कैल्शियम आदि की उपलब्धता भी सुनिश्चित करानी होगी
· सत्र के दौरान एएनएम सामाजिक दूरी का पालन करते हुए लाभार्थियो को 30 मिनट के वेटिंग पीरियड के दौरान कोरोना संक्रमण की रोकथाम पर जानकारी देगी -
महासमुंद 23 मई : पिथौरा तहसील के अंतर्गत समस्त ग्राम कोटवारों की संबंधित ग्राम पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केन्द्र एवं स्कूल भवन में दूसरे राज्यों से आए श्रमिकों की निगरानी के लिए स्थापित क्वारेंटाईन सेंटर में ड्यूटी लगाई गई है। उक्त कार्य में लापरवाही बरतने, अपेक्षित सहयोग नहीं करने एवं उच्चाधिकारियों के निर्देश की अवहेलना करने के कारण तहसीलदार ने खुर्सीपार के कोट्वार श्री जयमल कुलदीप को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है तथा साल्हेतराई के कोट्वार श्री गयाराम पांडे को ग्राम खुर्सीपार के ग्राम कोटवार का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। -
दुर्ग 23 मई : 'द वल्चर एंड द लिटिल गर्ल', हम सबने कभी न कभी यह फोटो जरूर देखी होगी। एक बच्चा है जो भूखा और कमजोर है और बिल्कुल मरणासन्न है। इसके पास एक गिद्ध है जो इसके मरने की प्रतीक्षा कर रहा है। गिद्ध बिल्कुल आश्वस्त है कि थोड़े देर में इसका बचा-खुचा मांस उसे खाने मिल जाएगा। इस समय न्यूयार्क टाइम्स के रिपोर्टर केविन ने यह फोटो ली। इसका इतना गहरा दुख उन्हें पहुंचा कि छह महीने बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली। इस फोटो को नेशनल ज्योग्राफिक चैनल ने उस साल की सर्वोत्तम फोटो घोषित किया। ये मानवता की सबसे दुखद फोटो में से एक है। इसके बाद क्या हुआ, दुनिया ने जिसे लड़की समझा वो एक लड़का था, इसी समय एक फ्रेंच दस्ता पहुंचा और बच्चे को अपने संरक्षण में ले लिया। वो बच्चा अभी शायद 28 साल का हो चुका होगा, उसका नाम है कोंग योंग। ये कहानी बताती है कि आपदा के वक्त सबसे जरूरी होती है सीधी मदद। आप उद्यम करने की शुरूआत तभी कर पाते हो जब आप अपने पैरों पर खड़े हो जाते हो, इसके लिए एक सहारा चाहिए।
छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसे वक्त में किसानों के खाते में किसान न्याय योजना की शुरूआत की। जिस वक्त किसानों को इसकी सबसे बड़ी जरूरत थी। अभी हजारों प्रवासी गांवों में लौटेंगे, इस वक्त किसानों को अपने घरों में परिवार को भी देखना होगा और अतिथियों का भी ख्याल रखना होगा। किसानों के लिए इस वक्त यह राशि बेहद अहम होगी। कोरोना जैसी आपदा से लड़ने प्रतिरोधक क्षमता चाहिए और यह प्रतिरोधक क्षमता आएगी जब लोगों के पास पौष्टिक आहार की उपलब्धता हो। किसानों की क्रय शक्ति बेहतर होने से बाजार को भी बड़ा सहारा मिलेगा जो दो महीनों के लाकडाउन से काफी कमजोर हो चला है। अर्थशास्त्र के शुरूआती पन्नों में ही नर्क्स के सिद्धांत का जिक्र होता है यह सिद्धांत गरीबी के दुष्चक्र का सिद्धांत है। कोई देश गरीब क्यों है क्योंकि वो गरीब है। इसमें पूंजी की कमी की बात आती है। लोगों के पास पैसे नहीं होते तो वे बाजार से चीजें नहीं खरीद पाते, इससे बाजार में डिमांड नहीं पैदा होती और फिर बाजार उत्पादन नहीं करता, फिर उत्पादन नहीं होने से रोजगार सृजित नहीं हो पाता और यह दुष्चक्र चलता रहता है।
छत्तीसगढ़ में न्याय योजना से जो राशि किसानों के खाते में भेजी जाएगी उससे बाजार भी बढ़ेगा और खेती की बेहतरी के लिए भी रास्ते खुलेंगे क्योंकि अभी देश के सामने बड़ी आबादी के लंबे समय तक पोषण की चुनौती भी होगी, यह चुनौती अधिकाधिक खाद्य उत्पादन से दूर होगी। किसानों को उचित दाम मिलने पर खेती के लिए भी आकर्षक संभावनाएं पैदा होंगी। जो प्रवासी दूसरे राज्यों में जाने के लिए मजबूर हैं उनका प्रवास धीरे-धीरे रूकेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार भूमिहीन मजदूरों के लिए भी योजना लाने पर काम कर रही है। इस वर्ग के लिए किये गये प्रयास सबसे उपयोगी साबित होंगे क्योंकि वे ही सबसे अग्रणी लोग है जिनकी मेहनत से धरती सोना उपजाती है। छत्तीसगढ़ में हमारी सबसे बड़ी चुनौती खेती को समृद्ध करने को लेकर है। खेती में बेहतर आय की संभावनाएं होंगी तो पलायन तेजी से रूकेगा। अभी सरकार ने मनरेगा के कार्य भी बड़े पैमाने पर शुरू किये हैं। इन मनरेगा कार्यों से नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जाएगा। इस प्रकार छत्तीसगढ़ की बड़ी उत्पादक शक्ति का पसीना अपने खेतों को ऊर्वर करने बहेगा।
कोविड संकट बड़ा संकट है लेकिन यह मौका भी है छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए कि अपनी संभावनाओं के शीर्ष तक पहुंचे। अपनी उद्यमशीलता के माध्यम से अपने लिए ऐसी जमीन तैयार करें जिससे उन्हें कभी बिछड़ना न पड़े। सूडान की सबसे बड़ी विपत्ति की कहानी हमारे सामने है। उसका नायक कोंग योंग भी हमारे सामने है। हर तकलीफ एक अवसर भी हो सकता है यदि हम उससे सीख लें और उद्यमशीलता की राह में आगे बढ़ जाएं। -
कोरिया : जिले के विकासखंड भरतपुर के ग्राम पंचायत बरहोरी के सचिव विकास मिश्रा द्वारा मादक द्रव्य का सेवन कर अनुविभागीय दण्डाधिकारी भरतपुर के निवास स्थान पर देर रात्रि बेवजह शोर एवं अभद्र टिप्पणी के माध्यम से अमानवीय व्यवहार करने पर उन्हें कलेक्टर ने अनुविभागीय दण्डाधिकारी के पत्र के अनुक्रम में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय जनपद पंचायत भरतपुर नियत किया गया है। इस दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर ने छत्तीसगढ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 एवं अन्य सुसंगत नियमों का उल्लंघन करने के कारण छत्तीसगढ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत निलंबन की कार्यवाही की है। - रायपुर : कोरोना संकटकाल में जिला प्रशासन धमतरी की पहल पर जिले की महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक हर्बल चीजों का उत्पादन किया जा रहा है। इन हर्बल उत्पादों में ‘ओज‘ हर्बल लेमन ग्रास मसाला, ‘ओज‘ लेमन ग्रास तुलसी, ‘ओज‘ लेमन ग्रास मिंट और ओज हर्बल लेमन ग्रास अदरक मसाला प्रमुख हैं। आयुष के चिकित्सकों ने ओज लेमन ग्रास चाय मसाला से होने वाले लाभों के बारे में बताते हुए कहा कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही कोरोना तथा अन्य रोगों से लड़ने में भी सहायक है। चिकित्सकों ने इसे मोटापा कम करने में सहायक, सर्दी, जुकाम, खांसी जैसी बीमारियों से भी लड़ने में लाभकारी बताया।
इन उत्पादों का स्थानीय बाजार में मूल्य 100 ग्राम का 100 रूपए, 50 ग्राम का 50 रूपए एवं 30 ग्राम का 30 रूपए रखा गया है। समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित लगभग 10 किलोग्राम ओज लेमन ग्रास की बिक्री से 30 से 40 प्रतिशत की आमदनी हो रही है। यह उत्पाद कलेक्टर परिसर एवं जनपद पंचायत धमतरी में स्थित बिहान मार्ट तथा शहर के प्रमुख दुकानों पर भी उपलब्ध है। भटगांव के स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लगभग तीन एकड़ भूमि में लेमन ग्रास की खेती की जा रही है। इसी तरह गंगरेल की ‘नई दिशा महिला‘ स्व-सहायता समूह द्वारा हर्बल लेमन ग्रास चाय मसाला का उत्पादन भी किया जा रहा है। बड़े पैमाने में उत्पाद निर्मित करने के लिए मल्टी युटीलिटी सेंटर छाती में मल्टी युटीलिटी प्रसंस्करण सेंटर की स्थापना की जा रही है। जिससे समूह की महिलाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सुनिश्चित होंगे। -
मनोचिकित्साक डॉ अविनाश शुक्लाब को जिले के क्वाारेंटाइन सेंटरों का बनायागया नोडल अधिकारी
रायपुर 22 मई : जिले के समस्त क्वेरेंटाइन सेंटर में मानसिक स्वाकस्य्वल सेवाओं के विस्ताार एवं तनाव प्रबंधन के लिए डॉ अविनाश शुक्ला।, (मनोचिकित्ससक,) को आगामी आदेश तक नोडल अधिकारी नियुक्तर किया है। डॉ शुक्ल,स्पार्श क्लिनिक, जिला चिकित्सासलय, पंडरी में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं| सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल ने निर्देशित किया है कि क्लिनिकल सायकोलाजिस्टे एवं योग शिक्षक का सहयोग लेकर प्रत्ये क क्वा रेंटाइन सेंटर में श्रमिकों एवं निवासरतों का मानसिक स्वा्स्य्क परीक्षण कर आवश्यहकतानुसार मनोवैज्ञानिक परामर्श, बौद्विक एवं मानसिक प्रबंधन के लिए योगासन किया जाना सुनिश्चित करते हुए कोविड-19 के नियमों का पालन हो।
राजधानी के आश्रय स्थलों में ठहरे हुए प्रवासी श्रमिकों को अवसाद, चिंता, बेचैनी और घबराहट से उबारने के लिए नियमित रूप से जि़ला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत परामर्श दिया जा रहा है। राजधानी के आसपास के गांव में रहने वाले 200 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को क्व रेंटाइन सेंटर में जि़ला मानसिक स्वास्थ्य द्वारा गठित दल के माध्यम से परामर्श दिया जा रहा है।
प्रवासी श्रमिकों के अलावा गर्भवती महिलाओं के साथ 50 से अधिक छोटे बच्चेइ भी हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्रवासी श्रमिकों का मानसिक तनाव दूर करने के संबंध में 31 मार्च को उच्चतम न्यायालय ने जागरूकता कार्यक्रम चलाने का आदेश दिया था। न्यायालय के आदेश पर क्वाचरेंटाइन केंद्र में रखे गए प्रवासी श्रमिकों को मानसिक तनाव दूर करने के टिप्स दिए जा रहे हैं। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मनोवैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न प्रदेशों से आए लोगों से शारीरिक दूरी बनाते हुए उनके मानसिक तनाव के कारणों की क्रमश: जानकारी ली जा रही। तत्पश्चात उन्हें तनाव दूर करने के सुझाव के साथ स्वंय की रक्षा के लिए बरती जाने वाली सावधानी के बारे में जानकारी दी।
मनोवैज्ञानिक डॉ. मिनेष कुमार साहू के अनुसार ने कोरोना वायरस के खतरे और बचाव के विषय में भी जानकारी दी जा रही है । साथ ही श्रमिकों की काउंसिलिंग कर उन्हें क्वा रेंटाइन सेंटर में साफ-सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग और आपसी व्यवहारिक वातावरण बनाने की सलाह दी जा रही है। मुख्य रूप से लोगों में परिवार से मिलने के प्रति चिंता ज्यादा है, जिसको समझाइश देकर तनाव को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
राधास्वािमी सतसंग भवन के क्वातरेंटाइन सेंटर में रविशंकर विश्वतविद्वालय के मनोवैज्ञानिक डॉ. सचिन कुमार, डॉ. नरेंद्र वर्मा, डॉ. देवेंद्र वर्माव मनोचिकित्सकक डीएस परिहार सहायक चिकित्साक अधिकारी की टीमने आज श्रमिकों से बातचीत किया। श्रमिकों में सबसे ज्यादा घर जाने की चिंता और नशे की आदत के कारण बेचैनी और घबराहट की समस्याा देखी गई, जिसको दूर करने विशेषज्ञ लगे हुए हैं।
क्वाारेंटाइन सेंटर में श्रमिकों के लिए मेडिकल कैंप एवं मनोवैज्ञानिक परामर्श कैंप का आयोजन हेल्थै एवं वेलनेस सेंटर, नकटी द्वारा प्रबंधन किया गया। एक 9 माह की गर्भवती महिला और पति ने कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर बच्चे् के स्वानस्य्एक पर होने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जाहिर की जिसे मनोवैज्ञानिक द्वारा काउंसलिंग कर दूर किया गया।क्वाैरेंटाइन केंद्र में रहने वालों की प्रतिक्रिया-
मनोवैज्ञानिकों ने जब क्वारंटाइन केंद्र में रखे गए प्रवासी श्रमिकों से उनके अंदर वर्तमान में उठ रही भावनाओं के संबंध में पूछा तो कई प्रकार की प्रतिक्रिया सामने आई।
1- अपने व स्वजनों की भलाई की चिंता
2- वर्तमान व भविष्य के बारे में अनिश्चितता।
3- शारीरिक दूरी से अकेलापन महसूस होना।
4- संसाधन नियंत्रण से बाहर होने से असहाय महसूस करना।
5- आंतरिक प्रेरणा व उर्जा में कमी होना।
6- उदासी व व्यर्थ की भावनाओं का उत्पन्न होना।
7- क्रोध व चिड़चिड़ापन होने से जिंदगी से डर लगना।
प्रवासी श्रमिकों को तनाव दूर करने के दिए गए सुझाव:
1- कोरोना के संबंध में केवल विश्वसनीय स्त्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें। ऐसे में केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए वेबसाइट व हेल्पलाइन से जानकारी लेना उचित होगा।
2- व्हाट्सएप, फेसबुक या अपने पड़ोसी द्वारा बताई गई जानकारी पर सहज विश्वास न करें और न ही चिंतित हो।
3-भावनात्मक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए संतुलित आहार लें। पर्याप्त पानी व नींद लेने के साथ प्रतिदिन व्यायाम करें।
4- कुछ नया कौशल सीखने या सिखाने का अभ्यास करें। प्रतिदिन कुछ देर ध्यान करने के साथ दस मिनट तक सांस लेने व छोड़ने की क्रिया का अभ्यास करें।
5- प्रियजनों से मोबाइल से बात करने के लिए समय निर्धारित करें। साथ ही प्रतिदिन साबुन या हैंडवाश से हाथ धोते हुए शारीरिक दूरी हर हाल में बनाए रखें। सरकार व प्रशासन द्वारा आप की सुरक्षा के लिए जो नियम बनाए जाए उसका अनुपालन करें। - कोरिया 22 मई : जिले के विकासखंड भरतपुर के ग्राम पंचायत बरहोरी के सचिव विकास मिश्रा द्वारा मादक द्रव्य का सेवन कर अनुविभागीय दण्डाधिकारी भरतपुर के निवास स्थान पर देर रात्रि बेवजह षोर एवं अभद्र टिप्पणी के माध्यम से अमानवीय व्यवहार करने पर उन्हें कलेक्टर ने अनुविभागीय दण्डाधिकारी के पत्र के अनुक्रम में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय जनपद पंचायत भरतपुर नियत किया गया है। इस दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर ने छत्तीसगढ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 एवं अन्य सुसंगत नियमों का उल्लंघन करने के कारण छत्तीसगढ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत निलंबन की कार्यवाही की है। - कोरिया 22 मई : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण एवं महामारी के विस्तार को रोकने के उद्देश्य से पूरे प्रदेश में मई माह के हर शनिवार और रविवार को पूरी तरह से लाॅकडाउन रखने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के परिपालन में राज्य शासन ने मई माह के चतुर्थ शनिवार 23 मई को संपूर्ण छत्तीसगढ़ में सामान्य अवकाश घोषित किया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है।
-
दुर्ग 22 मई : नगर पालिक निगम, भिलाई के आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने छ0ग0 नगर पालिक निगम, अधिनियम 1956 की धारा 69(4) में प्रदत्त शक्तियों के अधीन नगर पालिक निगम, भिलाई के जोन कार्यालयों को प्रशासनिक एवं वित्तीय रुप से सशक्त बनाने एवं कार्यो को सूचारु रुप से शीघ्रता से निराकरण की दृष्टि से शासन से नियुक्त जोन आयुक्तों को जनप्रतिनिधियों के विभिन्न निधि के तहत शक्तियां प्रत्यायोजित कर चुके हैं! गौरतलब है कि संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास नया रायपुर छत्तीसगढ़ दिनांक 12 सितम्बर 2019 के आदेश के तहत 20 लाख से कम लागत के कार्यों को ई-टेंडर से मुक्त रखा गया है। भिलाई निगम के आयुक्त श्री रघुवंशी ने एक और आदेश जारी किया है जिसके तहत अब महापौर निधि के तहत 10.00 लाख तक के प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति से लेकर देयक भुगतान किए जाने हेतु जोन आयुक्त को अधिकृत किया गया है। इसके अलावा इस आदेश में जोन क्रमांक 5 में शासन से जोन आयुक्त नियुक्त नहीं होने के कारण इन कार्यों के निर्वहन के लिए उपायुक्त तरूण पाल लहरे को अधिकृत करते हुए जिम्मेदारी दी गई है। बता दें कि अधोसंरचना मद एवं राज्य परिवर्तित के 10 लाख अंतर्गत प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति, निविदा आमंत्रण, अनुबंध, कार्य आदेश जारी करने के लिए शासन से नियुक्त जोन आयुक्तों को निगम आयुक्त द्वारा विभिन्न निर्देशों के तहत अधिकृत किया जा चुका है!
शिकायतों का शीघ्रता से निराकरण कराने इन्हें मिला दायित्व विभिन्न प्रकार के शिकायतों आदि का निराकरण कराने के लिए तथा कार्यालयीन व्यवस्था के तहत पुरुषोत्तम साहू, स्टेनो टायपिस्ट को स्टेनो टू आयुक्त के कार्य के साथ-साथ नस्तियों का संचालन, प्रेषण, परीक्षण एवं आयुक्त/महापौर समीक्षा बैठक की कार्यवाही विवरण तैयार करने तथा चन्द्रपाल हरमुख, प्र. निज सहायक को अपने वर्तमान कार्यो के साथ-साथ आयुक्त कार्यालय में पी.एम.ओ. मुख्यमंत्री जनचैपाल, कलेक्टर जनचैपाल, कलेक्टर टी.एल., पी.जी.एन., आयुक्त टी.एल. आदि लंबित शिकायतों को समय सीमा के भीतर निराकरण करवाने का दायित्व निर्वहन करने हेतु आदेशित किया गया है। -
दुर्ग 22 मई : शहर में पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हैंडपंप एवं पावर पंपों का संधारण किया जा रहा है। महापौर एवं भिलाई नगर विधायक श्री देवेंद्र यादव तथा निगमायुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं। इसी तारतम्य में जोन के अधिकारियों द्वारा निगम क्षेत्र में स्थित हैंडपंप एवं पावर पंप का संधारण कार्य किया जा रहा है, ताकि पेयजल व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रहे। इसी के साथ ही पीलिया से बचाव के उपाय अपनाए जा रहे हैं।
हैंडपंप एवं पावर पंप का संधारण निगम क्षेत्र के हैंड पंप एवं पावर पंप का संधारण का कार्य जोन स्तर पर किया जा रहा है। हैंडपंप में प्रायः असेंबली से संबंधित दिक्कतें आती है जिस पर निगम के कर्मचारियों द्वारा हैंड पंप को टाइट करने का काम किया जाता है, जिससे पानी आसानी से ऊपर आ सके। पावर पंप में सामान्यतः पंप खराब होने की दिक्कत आती है जिसके लिए पंप को बदलना होता है या फिर साधारण मरम्मत करनी होती है इसका कार्य भी किया जा रहा है। पीलिया की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए पानी टैंकरों में किया गया रबर पेंट कुछ ऐसे स्थानों पर जहां पानी के स्रोत कम है वहां पर विभागीय टैंकर के माध्यम से जल प्रदाय किया जाता है। शुद्ध पेयजल निगम क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए निगम के विभागीय पानी टैंकरों के भीतरी भाग को रबर पेंट के माध्यम से पेंट किया गया है।
जल शुद्धिकरण के लिए आवश्यक सामग्रियों का किया जा रहा है भंडारण ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए शुद्ध पेयजल के लिए आवश्यक सामग्रियों के भंडारण की व्यवस्था की जा रही है। जल शुद्धिकरण के लिए प्रायः एलम, चुना, ब्लीचिंग, क्लोरीन की आवश्यकता होती है जिसकी व्यवस्था आवश्यकता अनुसार की गई है।
हस्त पंप एवं पावर पंप की उपलब्धता प्रत्येक जोन क्षेत्र में जल प्रदाय व्यवस्था के तहत हस्त पंप एवं पावर पंप स्थापित है। जोन क्रमांक एक में 435 हस्त पंप एवं 100 पावर पंप, जोन क्रमांक 2 में 428 हस्त पंप एवं 114 पावर पंप, जोन क्रमांक तीन में 401 हस्त पंप एवं 52 पावर पंप, जोन क्रमांक 4 में 490 हस्त पंप एवं 85 पावर पंप स्थापित है।
आयुक्त श्री रघुवंशी ने भिलाई निगम क्षेत्र में पीलिया को फैलने से रोकने के लिए जलकार्य विभाग के अधिकारियों को पाइप लाइन में लीकेज की मरम्मत कराने, डिसइन्फेक्शन के लिए निर्धारित मात्रा में क्लोरीन आदि केमिकल का उपयोग करने, जल शोधन संयंत्र का संचालन सुचारु रुप से करने, नियमित रूप से वाटर सैंपल क्वालिटी टेस्टिंग करने, निगम भिलाई की सभी पानी टंकियों की सफाई कराने तथा अगली सफाई की तिथि पेंट से लिखने, वाल चेंबर आदि स्थानों पर पानी का भराव न होने देने और यदि लीकेज हो तो मरम्मत कराने, निगम क्षेत्र के बोरवेल के पानी की जांच कराने एवं पानी उपयोग हेतु उचित व्यवस्था नहीं होने पर बोर से असेंबली निकालकर बोर को वेल्डिंकेप से बंद करने, टैंकर से जल प्रदाय की स्थिति में टैंकर की अंदर से सफाई उपरांत रबर पेंट कराने, जल प्रदाय वाले टैंकर को डिसइन्फेक्शन कर निर्धारित मात्रा में क्लोरीन का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। -
- रिस्पांस टाइम को बेहतर करने में मिली मदद, स्वास्थ्य अमले को अधिक गतिशील करने में हुई सफल- रूटीन की एंबुलेंस पर बोझ हुआ कम, लोगों को मिल रहा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ
दुर्ग 22 मई : पिछले साल डीएमएफ की बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं को अग्रणी रखने के लिए लाये गए प्रस्तावों का लाभ अब नजर आने लगा है। पिछले साल की बैठक में प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया था और इसके अंतर्गत पांच एबंलेंस का क्रय लगभग 58 लाख रुपए की लागत से किया गया था। इनके क्रय किये जाने से कोरोना संकट की उपयोगिता में इनकी भूमिका साबित हुई है। कोरोना पीड़ितों को एंबुलेंस के माध्यम से रायपुर एम्स पहुंचाने, आइसोलेशन के लिए रखे जाने वाले मरीजों को तुरंत आइसोलेशन केंद्र पहुंचाने में एवं स्वास्थ्य अमले द्वारा मौके पर पहुंच कर व्यापक स्वास्थ्य जांच अभियान करने में इनकी बड़ी भूमिका रही है।
जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाक्टर गंभीर सिंह ने बताया कि डीएमएफ के माध्यम से अधोसंरचना को बेहतर करने में हमें बड़ी मदद मिली है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में रिस्पांस का महत्व काफी होता है। किसी मरीज की जानकारी मिलती है और आप उस तक कितने तेजी से अपनी पहुंच बना पाते हैं और उसको केयर देना आरंभ करते हैं इस कार्य में आपकी सफलता निहित है। इन एंबुलेंस के माध्यम से हमें बड़ी मदद मिली है क्योंकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी चुनौती रहती है। कोरोना के साथ ही हम लोग डेंगू नियंत्रण के लिए भी काम कर रहे हैं। बड़ा स्वास्थ्य अमला चैबीस घंटे सक्रिय है इसके साथ ही हमें यह भी ध्यान में रखना है कि रूटीन में आने वाले गंभीर मरीजों को भी एंबुलेंस की सुविधा मिल सके। डीएमएफ के माध्यम से यह पहल हुई और इससे जिले में अधोसंरचना काफी उन्नत हुई।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल डीएमएफ में सबसे ज्यादा स्वास्थ्य की बेहतरी पर जोर दिया गया था। स्वास्थ्य पर प्रशासन के पूरे फोकस का असर दिख रहा है। कोरोना संक्रमण को थामने के प्रयासों के साथ ही डेंगू के प्रभाव को भी रोकने की दिशा में इससे बड़ी मदद मिली है।
इस बार भी स्वास्थ्य का पूरा ध्यान- डीएमएफ के सदस्य सचिव श्री अरुण वर्मा ने बताया कि इस बार भी स्वास्थ्य पर पूरा जोर दिया गया है। 12 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति का प्रस्ताव रखा गया। सिविल अस्पताल सुपेला मं शिशु रोग विशेषज्ञ एवं एमडी मेडिसीन तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उतई एवं अहिवारा में 2 स्त्री रोग विशेषज्ञ, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुम्हारी में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं एक निश्चेतना विशेषज्ञ तथा जिला चिकित्सालय में पैथोलाजिस्ट की संविदा नियुक्ति का प्रस्ताव रखा गया। जहां पर पद स्वीकृत नहीं हैं वहां लैब टेक्नीशियन और स्टाफ नर्स की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव रखा गया। सिविल अस्पताल सुपेला एवं 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सोनोग्राफी मशीन का प्रस्ताव रखा गया। साथ ही जिला चिकित्सालय में सर्जिकल वार्ड को जीर्णोद्धार कार्य में अतिरिक्त संशोधित प्रस्ताव इस बार बैठक में रखा गया। -
दुर्ग तहसील परिसर में एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा ने की कार्रवाई
दुर्ग 22 मई : कोविड संक्रमण के रोकथाम के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सजग है और इसके लिए गाइडलाइन जारी किए गए हैं। इसके उल्लंघन की दशा में कड़ी कार्रवाई की जा रही है। आज दुर्ग तहसील में एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा ने बिना मास्क पहने अथवा मुंह को कपड़े से ढंके बिना आए नागरिकों पर अर्थदंड लगाया। एसडीएम के औचक निरीक्षण के दौरान पंद्रह लोग बिना मास्क लगाये परिसर में दिखे। एसडीएम ने इन पर 100 रुपए का जुर्माना इस प्रकार कुल पंद्रह सौ रुपए का जुर्माना लगाया। एसडीएम ने इन लोगों को समझाइश भी दी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार असुरक्षित तरीके से घूमकर आप स्वयं की स्वास्थ्य सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहे हैं और इसकी वजह से दूसरे लोगों के स्वास्थ्य को भी खतरे में डाल सकते हैं। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों तहसील कार्यालय को पूरी तरह से सैनेटाइज किया गया है।कोरोना संक्रमण को लेकर पूरा एहतियात यहां बरता जा रहा है। -
दुर्ग 22 मई : जिला प्रशासन ने आम दुकानों के संचालन की समयावधि के लिए जन सूचना जारी की है जिसके तहत् दूध,डेयरी व मिल्क पार्लर के लिए सोमवार से रविवार तक सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। ब्रेड, फल, सब्जी, चिकन, मटन, मछली, अण्डा के विक्रय, वितरण, भण्डारण तथा परिवहन के लिए सोमवार से शुक्रवार को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तथा शनिवार व रविवार को इनकी दुकाने सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक खुली रहेंगी। किराना दुकानें/रेस्तरां (होम डिलेवरी) /अन्य दुकाने (प्रतिबंधित दुकानों को छोड़कर) सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहेगी एवं शनिवार व रविवार को प्रतिबंधित रहेगी। सामग्रियों की होम डिलवरी का समय भी दुकानों के खुलने के समय अनुसार ही होगा। पूर्व आदेश के अनुसार मेडिकल स्थापनाएं, चश्मे की दुकानें व मीडिया संस्थान इत्यादि प्रतिबंध से मुक्त रहेगी। स्वास्थ्य विभाग के गाईड लाईन के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, मास्क का उपयोग व सेनेटाईजेशन का उपयोग करना अनिवार्य रहेगा। -
क्वारंटीन के नियमों का पूर्ण-रूपेण पालन हो और कोरोना संक्रमण की संभवना भी क्षीण हो, इसके लिए स्वास्थ्य महकमेे के आला अफसरों ने जमीनी स्तर पर मुआयना कर विकासखंड बसना क्षेत्र में मजदूरों से मुलाकात की और हाल-चाल पूछते-पूछते लगे-हाथ सावधानी समझाईश भी दे डाली
महासमुंद 22 may : कुल ग्यारह हजार दो सौ इकसठ संदिग्ध यात्रियों को क्वारंटीन कर अब तक छह सौ पचास नमूनों को जांच के लिए राजधानी भेजने वाला जिला कोरोना के संक्रमण घेराव से बचा हुआ है। गी्रन जोन में आने वाले महासमुंद में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे की जोर-आजमाईश भी निरंतर जारी है। इसे और पुख्ता करते हुए आला अधिकारियों द्वारा मौका निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ एसपी वारे के मार्गदर्शन में जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ वाई के सिंह एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार विकासखंड बसना पहुंचे। जहां, उन्होंने सबसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लंबर का मुआयना किया साथ ही हाल में मुंबई से आए पांच संदिग्धों को आश्रय देकर क्वारंटीन करने वाले और डोगरीपाली का निरीक्षण भी किया। पहले तो कोरोना संक्रमण एवं रोकथाम दल में आपातकालीन सेवाएं प्रदान कर रहे स्वास्थ्य अमले को सोशल डिस्टिेसिंग एवं क्वारंटीन के नियमों को भली प्रकार पालन करवानेे के निर्देश दिए गए इसके बाद बायो मेडिकल वेस्ट का सुनियोजित प्रबंधन बनाए रखने के लिए कहा गया।
श्री ताम्रकार से मिली जानकारी के मुताबिक इस क्षेत्र में बाहरी राज्यों से आए बीस मजदूरों को क्वारंटीन कर उनमें से छह संदिग्धों के स्वैब नमूने कोरोना जांच के लिए राजधानी एम्स भेजे जा चुके हैं। तत्संबंध में निरीक्षणकर्ताओं ने अद्यतन जानकारी हासिल कर कोरोना निगरानी दस्ते को नियमित रूप से जांच करते रहने के लिए कहा। बताया जा रहा है कि संबंधितों छह संदिग्ध मरीजों में से एक संदिग्ध प्रकरण ऐसा भी है जो छत्तीसगढ़ पहुंचने के पहले ही मलेरिया पाॅजिटिव मिला था। ऐसे में, डाॅ सिंह ने मलेरिया पीडित कोरोना के संदिग्ध मरीज को क्वारंटीन के नियमों का पालन करने के साथ-साथ आगामी चैदह दिनों तक मलेरिया का कोर्स पूरा करने ही समझाईश भी दी है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिले में कोरोना वायरस संक्रमण एवं रोकथाम प्रयासों में कसावट लाने के उद्देश्य से यह निरीक्षण किया गया और आने वाले समय में भी इस तरह के क्रियाकलाप जारी रहेंगे। -
सूरजपुर 22 मई : कोविड-19 के संक्रमण को वैष्विक महामारी घोषित किया गया है कोविड -19 के संक्रमण एवं फैलाव की रोकथाम हेतु लाॅकडाउन किया गया है। लाॅकडाउन होने की स्थिति में अस्पताल में भीड़ को नियंत्रित करने साथ ही सुगम स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देष्य से कलेक्टर श्री दीपक सोनी के द्वारा सूरजपुर में 18 अप्रैल 2020 को टेलीमेडिसिन की सेवा प्रारंभ की गई। इस सेवा के अन्तर्गत मरीज मोबाईल फोन के माध्यम से आवष्यक चिकित्सा परामर्ष विडियो काॅल, वाईस काॅल और मैसेज चैट करके प्राप्त कर रहे हैं साथ ही दवाईयों को भी रेडक्राॅस सोसायटी के द्वारा घर पहुॅच कर मरीजों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इस सुविधा से बुजूर्गो, दिव्यांगो सहित ग्रामीण जनों को बड़ी राहत हुई है और दुरस्थ क्षेत्रों के मरीज सुविधा का लाभ लेते हुए जिला प्रषासन की इस पहल की सराहना भी कर रहें हैं।
जिले में टेलीमेडिसिन की सेवा दो पालियों में संचालित है। प्रथम पाली प्रातः 8.00 बजे से अपराह्न 2.00 बजे तक डाॅ. क्षितिज कुमार सिंह मो. 7477039920 एवं डाॅ. सर्वथा पाण्डेय मो. नं. 8319698159 एवं द्वितीय पाली अपराह्न 2.00 बजे से शाम 8.00 बजे तक में डाॅ. कृष्ण कुमार साहू मो. नं. 7828139837 में निरंतर सेवा दे रहे हैं।
इसी कड़ी में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ आर.एस. सिंह ने बताया अबतक जिले से 664 लोगों ने टेलिमेडिसीन पोर्टल में पंजीयन कराया है, जिसमें 191 लोगों ने चिकित्सा परामर्ष के साथ 473 मरीजों को रेडक्रास सोसायटी के माध्यम से निःषुल्क सेवा के तहत घरर पहुॅच दवाई का प्रदाय किया गया है। जिला चिकित्सालय सूरजपुर के द्वारा जिले के सभी जनों से अपील किया गया है कि टेलीमेडिसिन की सेवा का लाभ लेने के लिए हेल्प लाईन नम्बर 7879810704 या वेब साईट लिंक बहेनतंरचनतण्ेींदतवीपण्बवध्बहमउमक में जाकर पंजीयन करा इस सेवा का निःशुल्क लाभ ले सकते हैं। -
सूरजपुर 22 मई : लाॅकडाउन के प्रभाव की सबसे बड़ी मार दिहाड़ी श्रमिकों सहित गरीब तबके के रोजाना पारिश्रमिक पर गुजर-बसर कर रहे लोगो पर पड़ी है। जिसके लिए मुख्यमंत्री श्री भुपेष बघेल जी के द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत् राषनकार्ड एकमुष्त दो माह का खाद्यान्न वितरण करने के साथ ही अतिरिक्त आबंटन का वितरण के भी निर्देष दिये थे। जिसके परिपालन में जिले में राषनकार्डधारियों को लाभान्वित किया जा रहा है।
इसी कड़ी में जिला खाद्य अधिकारी श्री संदीप भगत से प्राप्त हुई जानकारी में कुल एपीएल व बीपीएल कार्ड 211229 पर 201095 हितग्राहियों को 2 माह का खाद्यान्न वितरण पूर्ण कर दिया जाना बताया है। उन्होनें बताया है कि माह जून हेतु आबंटित खाद्यान्न का वितरण भी माह मई में ही किया जा रहा है, जिसमें 138849 हितग्राहियों को लाभांवित किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त माह अप्रैल व मई 2020 में 3785.49 क्विंटल शक्कर तथा राषनकार्ड पर 1 किलोग्राम चना निःषुल्क वितरण भी किया गया है।
इसके अलावा राज्य शासन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत् अपै्रल, मई एवं जून माह के नियमित आबंटन के साथ अतिरिक्त आबंटन का वितरण किया जा रहा है। राज्य के ऐसे प्रवासी व्यक्ति जो राज्य या केन्द्र सरकार की किसी भी योजना के तहत राषनकार्डधारी नहीं है, उन्हें मई, जून के लिए 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति व्यक्ति निःषुल्क वितरण किया जाना है जिसके लिए भी जिले में कार्ययोजना अनुरूप कार्य किया जा रहा है। - महासमुंद 22 मई : मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों की अनुशंसा पर जिले के 08 हितग्राहियों के लिए स्वेच्छानुदान राशि स्वीकृत की गई हैं। इनमें श्री अभय नवीन मिंज, श्री बेलोचन राणा, श्रीमती खुशबू राणा, श्री लखन लाल पटेल, श्री संतू दास, कु. अनिता नायक, श्रीमती लोकेश्वरी साहू एवं सपना डड़सेना शामिल हैं। संबंधित हितग्राहियों को स्वीकृत राशि प्राप्त करने के लिए मतदाता फोटो परिचय पत्र, बैंक पास बुक, आधार कार्ड, राशन कार्ड, स्वयं की दो फोटो एवं अन्य दस्तावेज संस्था का पंजीयन प्रमाण पत्र एवं साक्ष्य के साथ संबंधित तहसील कार्यालय में अविलम्ब प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे, ताकि स्वीकृत राशि का भुगतान आपको आर.टी.जी.एस. के माध्यम से किया जा सके।
- महासमुंद 22 मई : कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तुमगाॅव में पदस्थ नेत्र सहायक श्रीमती सरोज मिश्रा को कोविड-19 कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए जारी निर्देशों के उल्लंघन के कारण निलंबित किया गया था। इसके उपरांत निलंबन अवधि में श्रीमती मिश्रा का मुख्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कार्यालय में नियत किया गया था। उक्त आदेश में संशोधन करते हुए श्रीमती सरोज मिश्रा का मुख्यालय कार्यालय जिला मलेरिया अधिकारी महासमुंद में निर्धारित किया गया हैं।
-
महासमुंद 22 मई : जिले में रुर्बन मिशन के अंतर्गत 09 स्टॉप डेम निर्माण किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत बसना विकासखंड के उमरिया एवं बरतियाभाठा में 02-02, भँवरपुर एवं उड़ेला में 01-01, पलसापाली में 03 स्टाॅप डेम का निर्माण कृषि विभाग के देख-रेख में तैयार किया जा रहा है। इसके बन जाने से क्षेत्र के हजारांे किसानों को इसका लाभ मिलेगा। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. रवि मित्तल, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री ज.ेक.े चंद्रकार, कृषि विभाग के उप संचालक श्री एस. आर. डोंगरे एवं जनपद पंचायत बसना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सोनवानी ने बसना क्षेत्र के भँवरपुर, बरतियाभाठा, उमरिया और पलसापाली में बन रहे स्टॉप डेम का निरीक्षण किया।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. मित्तल और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने कृषि विभाग द्वारा बनाए जा रहे स्टॉप डेम के निर्माण कार्यों की सराहना करते हुए गुणवत्तापूर्ण स्टॉप डेम निर्माण कार्य कराने को कहा। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्य रूर्बन मिशन के तहत कराया जा रहा है। प्रत्येक स्टॉप डेम के निर्माण के लिए लगभग 20-20 लाख रूपए की राशि जारी किया गया है। स्टॉप डेम निर्माण कार्य में आस-पास के मजदूरों को बड़ी संख्या में रूर्बन योजना के माध्यम से रोजगार मिल रहा है, जिसमें श्रमिकों को प्रतिदिन 190 रुपए की मजदूरी के अनुसार भुगतान किया जा रहा है, इसमें आस-पास के सैकड़ांे मजदूर प्रतिदिन कार्य कर रहे है। वर्तमान समय में 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है और बरसात के पहले निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा हंै।
उल्लेखनीय है कि इन गांवों में बहने वाली छोटी नदियांे का पानी बेवजह बह जाता है, स्टाॅप डेम के निर्माण होने के बाद पानी जमा होगा और गर्मियों में भी पानी का लाभ मिलेगा। किसान अपनी फसलों के उपज के लिए स्टाॅप डेम से पानी ले सकते हैं। किसानों ने बताया कि स्टॉप डेम निर्माण होने से खेतों में पानी के सिंचाई के लिए आसानी होगी, वही कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि स्टॉप डेम के निर्माण से पानी के कमी के समय पम्प के सहारे सिचाई के लिए उपयोग ककिया जा सकेगा और आस-पास के वाटर लेबल में भी बढ़ोत्तरी होगी और इसके फलस्वरूप आस पास के ट्यूबवेल में ज्यादा मात्रा में पानी की सिचाईं खेतांे में होगा जिससे किसानों को लाभ मिलेगा। -
- बीते चार साल में डीईआईसी सेंटर से 2100 ने लिया उपचार और परामर्श- चिकित्सकीय परामर्श के लिए विशेष बच्चों को सेंटर से परामर्श दे रहे विशेषज्ञ
रायपुर. 22 मई : कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी संक्रमण के दौरान संपूर्ण देश में चौथे चरण का लॉकडाउन है। ऐसे समय में सभी प्रकार की दिव्यांगता वाले बच्चों का इलाज करना कठिन है। मुश्किल की इस घड़ी में रायपुर के जिला अस्पताल शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (डिस्ट्रिक्ट अर्ली इन्तेर्वेंशन सेंटर / डीईआईसी सेंटर) के विशेषज्ञों द्वारा फोन के माध्यम से ऐसे बच्चों को आवश्यक चिकित्सकीय परामर्श प्रदान किया जा रहा है। साथ ही उनके अभिभावकों को भी उनकी फीजिकल एक्टिविटी के तरीके बताए जा रहे हैं।
हालांकि लॉकडाउन में ढील हुई है और अस्पताल में कई आवश्यक सेवाएं भी शुरू कर दी गई हैं। परंतु उक्त सेंटर में नए मरीज नहीं आ रहे हैं। महामारी संक्रमणकाल के पूर्व डीईआईसी सेंटर में बच्चों का इलाज जारी था। लॉकडाउन की वजह से उन बच्चों को घर पर ही नियमित देखभाल करने, फिजियोथैरेपी आदि करते रहने की सलाह दी गई थी। लॉकडाउन के दौरान भी विशेषज्ञ फोन पर ही उन बच्चों को चिकित्सकीय सलाह दे रहे हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ एवं इंचार्ज शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (डीईआईसी सेंटर) रायपुर डॉ. निलय मोझारकर का कहना है मानसिक विकार, ऑटिज्म एक दिव्यांगता है। जिसमें दिमाग के सूचनाएं एवं शब्द सही से प्रोसेस नहीं हो पाते हैं। बच्चे को समझने, हाव-भाव दिखाने और बोलने में तकलीफ होती है। विशेषकर छोटे बच्चे इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। पहले के मुकाबले लोगों में जागरूकता बढ़ी है इसलिए सेंटर में ऐेसे केसेस पंजीकृत होने लगे हैं। ऐसे बच्चों को फिजीयोथैरेपी, स्पीच थैरेपी, मनोचिकित्सकीय परामर्श की जरूरत रहती है। ज्यादा दिन तक उन एक्टीविटी को बंद नहीं किया जा सकता इसलिए ऐसे बच्चों को पुनः सेंटर अब आना चाहिए। वैसे लॉकडाउन में भी नियमित रूप से फोन से बच्चों की देखभाल का परामर्श दिया जा रहा ।
चार साल से संचालन- बच्चों के मानसिक विकास में विलंबता, मानसिक विकार, ऑटिज्म या दिव्यांगता के विशेष इलाज के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र (डीईआईसी सेंटर) खोला गया है। रायपुर के जिला अस्पताल में उक्त केन्द्र बीते चार साल से ऐेसे बच्चों को विशेष उपचार और परामर्श प्रदान कर रहा है अब तक केन्द्र में सभी प्रकार की दिव्यांगता के लगभग 2100 बच्चों का पंजीयन हुआ है। इनमें ऑटिज्म के बच्चे भी शामिल हैं। डीईआईसी सेंटर में ऐसे असामान्य व्यवहार वाले बच्चों की विशेष देखभाल होती है। बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों, केयर टेकर की काउंसिलिंग होती है ताकि घर में अच्छा वातावरण इन बच्चों को मिले। सेंटर में विशेष तौर पर विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा बहु विषयक टीम, साइकोलॉजिस्ट, स्पेशल एजुकेटर, सोशल वर्कर, ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट तथा फिजियोथेरेपिस्ट की देखरेख में ऐेसे बच्चों का उपचार किया जाता है।
दिखे ये लक्षण तो हो जाएं सतर्क- विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चे में यदि आवाज लगाने पर भी बच्चा अनसुनी कर दे, बच्चा अकेले और गुमसुम रहने लगे, सामान्य बच्चों की बजाए विकास धीमा होना, आंखों में आंखे डालकर बात करने से बच्चा घबराए, बच्चा अपने आप में खोया रहे, अपने आप को सामाजिक रूप से अलग रखे आदि लक्षण दिखे तो अभिभावकों को सतर्क हो जाना चाहिए। ऐसे में फौरन चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। मानसिक बीमारी संभावित है। इसलिए इसका इलाज जितनी जल्दी शुरू कर दी जाए उतने अच्छे परिणाम मिलते हैं। - जशपुरनगर 22 मई : कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने आज कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा एवं बचाव के लिए बगीचा विकासखंड के जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री जगनराम को जशपुर में महुआ से बन रहे हर्बल युक्त एवं केमिकल मुक्त सेनेटाईजर दिया गया और भी लोगों को सेनेटाईजर का उपयोग करने के लिए कहा।