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महासमुंद 05 जून : कोविड-19 के संक्रमण एवं बचाव के लिए जिले में जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न टीमों का गठन किया गया हैं और इन टीमों के सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया गया। इसी तारतम्य में आज यहां कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में श्री वेंकट राहुल डब्ल्यू. एच. आ.े, डॉ प्रणीत कुमार एवं राज्य से आये जिला प्रभारी डॉ वाय के शर्मा की उपस्थिति में कोरोना पाॅजिटीव मरीजों के काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग टीम के सभी सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान श्री वेंकट राहुल डब्ल्यू. एच. आ.े ने काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग टीम के सदस्यों से कोरोना मरीज की रिपोर्ट आने पर टीम द्वारा अपनाई जाने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं की जानकारी ली। ट्रेसिंग टीम के सदस्यों के कार्य ब्लाॅक स्तर पर उनकी सम्पूर्ण जानकारी, गठित टीमों के सदस्यों की जानकारी, कोरोना पाॅजिटीव से उसके काॅन्टेक्ट की विस्तार से जानकारी लेने की प्रक्रिया सहित अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के दौरान टीम के सदस्यों ने प्रश्न किए और उनका समाधान भी किया गया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल ने भी विभिन्न टीमों द्वारा किए जाने वाले कार्यो के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने टीम के सभी सदस्यों को पूरी सक्रियता एवं तत्परता के साथ कार्य करने का आव्हान किया। प्रशिक्षण के दौरान डिप्टी कलेक्टर सुश्री पूजा बंसल, मुुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस.पी. वारे, सिविल सर्जन एवं अधीक्षक डाॅ. आर.के. परदल, डाॅ अनिरूद्ध कसार, डाॅ छत्रपाल सहित टीमों के सदस्यगण उपस्थित थे। -
महासमुंद 05 जून : तहसील बागबाहरा के विभिन्न क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रवासी श्रमिको का आना जारी है । इस हेतु शासन प्रशासन से समय-समय पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए है, जिसके अंतर्गत ऐसे प्रवासी श्रमिकों को 14 दिन के अनिवार्य आइसोलेशन में रखा जाना है। इस हेतु पंचायत स्तर पर एवं नगरी क्षेत्र में विभिन्न क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है। ऐसे प्रवासी श्रमिकों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रुकने का उद्देश्य बताया जाता है। ये 14 दिन उनके स्वयं के परिवार और गांव वालों के संक्रमण सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। इन क्वॉरेंटाइन सेंटर में ऐसे श्रमिकों को रोकने हेतु इस बात पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि उन्हें किसी प्रकार की समस्या ना हो। उनकी मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखकर के तहसील स्तर पर निर्मित क्वॉरेंटाइन सेंटर में पर्याप्त सुविधाओं की व्यवस्था की गई।
इस हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बागबाहरा के द्वारा नोडल अधिकारियों को विस्तृत निर्देश दिए गए हैं। तहसील बागबाहरा के समस्त क्वॉरेंटाइन सेंटर में मूलभूत सुविधाओं जैसे कि भोजन की व्यवस्था, पीने का साफ पानी ,बिजली, साफ सफाई, प्रवासी श्रमिकों के लिए मनोरंजन के साधन एवं इस भीषण गर्मी में ऐसे सेंटरों में कूलर की व्यवस्था जन सहयोग के माध्यम से की गई है। आइसोलेशन के शुरुआती दिनों में ऐसे प्रवासी श्रमिकों को पंचायत स्तर पर बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने में कुछ अटपटा सा लगा। परंतु क्वॉरेंटाइन सेंटर की सुविधाओं को देखते हुए इन्हें यह सेंटर भाने लगा है। ऐसे श्रमिकों के लिए सूखा राशन पंचायत वह घर वालों के सहयोग से मिल जाता है । सभी श्रमिक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने लिए भोजन बनाते हैं।
भोजन करने के बाद स्थानीय मनोरंजन के साधन जैसे कौड़ी खेलकर, कबड्डी खेल कर अपना मनोरंजन करते हैं। इस संबंध में प्रवासी मजदूरों का कहना है कि हम हमेशा कामकाज में उलझे रहते है। परिवार के साथ समय बिताने का मौका नहीं मिलता अब हमें यह मौका मिला है जिसका हम सदुपयोग करते हैं। गांव के जिन स्कूलों में हमारे बच्चे पढ़ते हैं उन स्कूलों में हम यदा-कदा ही जाते हैं। परंतु अब हम अपने बच्चों के साथ उन्हीं स्कूलों में साथ रह रहे हैं जिससे कि हमें अपना बचपना याद आ गया। स्थानीय प्रशासन ने इस बात का भी ध्यान रखा है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में रुके हुए प्रवासी श्रमिक अपने हुनर जैसे रस्सी बनाना ,झाड़ू बनाना ,चटाई बनाना अगर उन्हें आता है तो साथ मे रहने वाले अन्य साथियों को भी अवश्य सिखाये। ये क्वॉरेंटाइन सेंटर में समय बिताने का एक अच्छा साधन साबित हो सकता है। यदा-कदा अगर क्वॉरेंटाइन सेंटर में कुछ समस्या रह भी जाती है तो यह प्रवासी मजदूर आपस में तालमेल बिठाते हुए इन छोटी-मोटी समस्याओं को दूर कर लेते है। स्थानीय स्तर पर इन्हें पंचायत का भी सहयोग पूरा-पूरा मिल रहा है।
ऐसे प्रवासी श्रमिकों का कहना है क्वॉरेंटाइन सेंटर बाहर से बंद रहता है। सरपंच कोटवार सचिव और अधिकारी हाल-चाल जानने आते रहते हैं । और आर.एच.ओ. मितानिन मेडिकल चेकअप चेकअप के लिए आते है। हम उनसे दूर से बात किया करते है। पूर्व में कुछ श्रमिकों के सैंपल भी ले गए थे पर रिपोर्ट नेगेटिव आया। इन सेंटरों में हमारा समय कब बीत जाता है पता नहीं चलता है और हम अपने 14 दिन के आइसोलेशन को समाप्त कर अपने घर लौट जाते हैं। ऐसी प्रवासी श्रमिक शासन-प्रशासन की व्यवस्थाओं को देखते हुए उन्हें धन्यवाद देते दिख रहे है। -
गर्भवती माताओं को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए 24 घंटे चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध
महासमुंद 05 जून : सरायपाली अनुविभाग के अंतर्गत कोरोना से संदिग्ध एवं संक्रमित गर्भवती माताओं के लिए तहसील मुख्यालय सरायपाली एवं बसना में अलग से क्वारेंटाईन सेंटर की व्यवस्था की गई हैं। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री कुणाल दुदावत ने बताया कि इस क्वारेंटाईन सेंटर में विशेषकर गर्भवती माताओं को रखा जाएगा। जिससे गर्भवती माताओं को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए 24 घंटे चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध रहेगी। इस सेंटर में चिकित्सक के अलावा महिला स्वास्थ्यकर्ता हमेशा रहेेंगी। जो समय-समय पर गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य जांच करेंगे। -
महासमुंद 05 जून : वैश्विक स्तर पर फैले कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के मरीजो का सैम्पल जाॅच के लिए भेजा गया है। जिसमें जिला प्रशासन द्वारा नगरीय निकाय क्षेत्र बागबाहरा के मरीज की जाॅच रिपोर्ट पाॅजिटीव पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए नगरीय निकाय क्षेत्र बागबाहरा के नीचे वर्णित चैहद्दी को कन्टेंनमेंट जोन घोषित किया गया हैं। इसमें उत्तर दिशा में शिवमंदिर तुरई आश्रम, दक्षिण दिशा में हरनादादर तालाब, पूर्व दिशा में पिथौरा चैक एवं पश्चिम दिशा मंे नगर पालिका कार्यालय शामिल हैं। इसके अलावा उक्त कन्टन्टमेंट जोन के अलावा 03 किलोमीटर की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया हैं।
इसी प्रकार संदिग्ध मरीजों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है, जिसमें बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम नर्रा के मरीज की जांच रिपोर्ट पाॅजिटीव पाए जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुए ग्राम नर्रा के नीचे वर्णित चैहद्दी को कन्टेंनमेंट जोन घोषित किया गया हैं। इसमें उत्तर दिशा में उजागर सिंग काॅम्प्लेक्स, दक्षिण दिशा में बिपिन का मकान एवं ब्यारा, पूर्व दिशा में पिल पिता गुरूबाग का मकान एवं पश्चिम दिशा मंे दुकालू सतनामी का मकान शामिल हैं। इसके अलावा उक्त कन्टन्टमेंट जोन के अलावा 03 किलोमीटर की परिधि को बफर जोन घोषित किया गया हैं।
कन्टेन्टमेंट जोन में प्रावधान के अंतर्गत होगी कार्रवाई
कटेंनमेंट जोन के चिन्हित क्षेत्र अंतर्गत सभी दुकानें एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आगामी आदेश पर्यन्त बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा उक्त क्षेत्र मेें घर पहुॅच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तु की आपूर्ति उचित दरों पर सुनिश्चित की जाएगी। सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घर के बाहर निकलना प्रतिबंधित होगा। स्वास्थ्य विभाग के मानकों के अनुरूप व्यवस्था के लिए पुलिस पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार आवश्यक सर्विलांस काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं सैम्पल जांच आदि की कार्रवाई की जाएगी।
कन्टेन्टमेंट जोन में तत्काल कार्रवाई के लिए अधिकारी नियुक्त
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने कन्टेन्टमेंट जोन में तत्काल कार्रवाई के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए है। इनमें सम्पूर्ण प्रभार एवं इंसीडेन्ट कमांडर के रूप में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री भागवत प्रसाद जायसवाल, कंटेनमेंट जोन में दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को बंद करवाना, आवागमन पर प्रतिबंध रखते हुए सुसंगत आवश्यक कार्रवाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) सुश्री लितेश सिंह, केवल एक प्रवेश एवं निकास की व्यवस्था हेतु बेरिकेटिंग के लिए लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री एस.आर.सिन्हा, काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए सिविल सर्जन डाॅ. आर.के. परदल, प्रवेश एवं निकास सहित क्षेत्र की सेनिटाईजिंग व्यवस्था एवं आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जनपद पंचायत बागबाहरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम.आर. यदु, स्वास्थ्य टीम को एस.ओ.पी. अनुसार दवा, मास्क, पी.पी.ई. किट इत्यादि उपलब्ध कराना एवं बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए खंड चिकित्सा अधिकारी डाॅ कुरूवंशी, घरों का एक्टिव सर्विलांस के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक श्रीमती भावना गुप्ता, खंड स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष में व्यवस्था के लिए विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी श्री के.आर. कोवाची, पर्यवेक्षण अधिकारी के रूप में नायब तहसीलदार श्री बलराम तंबोली होंगे।इसी तरह कंटेनमेंट जोन के लिये गूगल मैप तैयार करने के लिए (राजस्व अमले द्वारा दिये गये नजरी नक्शा के आधार पर) जिला विज्ञान एवं सूचना अधिकारी श्री आनंद सोनी, ई-जिला प्रबंधक श्री भूपेन्द्र अंबिलकर एवं भू-अभिलेख शाखा के सहायक अधीक्षक श्री आदित्य कुंजाम को नियुक्त किया गया हैं। सभी अधिकारी-कर्मचारी आपस में समन्वय बनाकर उक्त समस्त कार्यों का निर्वहन करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर उपरोक्त कार्यों के लिए अन्य स्थानीय अमलों की ड्îूटी लगाने के लिए भी अधिकृत होंगे। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। -
रायपुर, 5 जून : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के बीच नाक, कान और गला – ईएनटी (ENT) के चिकित्सएकों को सुरक्षित ऱखने के दिशा-निर्देश जारी किये हैं।दिशानिर्देशों का उद्देश्य ईएनटी डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, सहायक कर्मचारियों, रोगियों और उनके परिचारकों के बीच कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को कम करना है।
ईएनटी ओपीडी (ENT OPD) में प्रवेश करने वाले सभी कर्मचारियों और रोगियों के संपर्क को कम करने के लिए थर्मल जांच की जाएगी। मंत्रालय ने कहा कोविड-19 या ईएनटी (ENT) या श्वसन संबंधी लक्षणों वाले रोगियों को एक अलग कोविड-19 स्क्रीनिंग क्लिनिक में देखा जाना चाहिए। ईएनटी ओपीडी (ENT OPD) में प्रवेश करने पर, रोगियों के प्रवेश को विनियमित करने और मास्क, हाथ की स्वच्छता और सामाजिक दूरी का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सुझाव दिया गया है।
सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल ने बताया जून और जुलाई महिने में प्रवासी श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी रहने से कोरोना पॉजिटिव के मामले लगातार बढ रहे हैं।केंद्रीय स्वांस्य्मि मंत्रालय ने ईएनटी के डॉक्टोरों को अस्पशतालों में अतिरिक्त) सावधानियां बरतते हुए प्राटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है। ओपीडी में एक समय में एक ही मरीज को देखना सुरक्षा की दृष्टि से जरुरी होगा। क्लिनिक में शारीरिक जांच की आवश्यकता वाले रोगियों की पहचान करने के लिए टेलीकॉन्सेलेशन को प्राथमिकता दी जाएगी।
निर्देश के अनुसार कोविड-19 सकारात्मक रोगियों को कोविद रोगियों के लिए नामित ऑपरेशन थिएटरों में केवल आपातकालीन संकेत के लिए संचालित किया जाना है।नियमित ओपीडी में एंडोस्कोपी करने से बचने का भी सुझाव दिया है, यह कहते हुए कि अगर यह प्रदर्शन करना है, तो इसे पीपीई किट के साथ अलग सीमांकित क्षेत्र में किया जाना चाहिए।
नाक-कान व गला रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए हाई रिस्क। श्रेणी में चिकित्सीकों को रखा गया है। इन क्लि निकों में सुरक्षात्मिक कदम उठाते हुए गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि कोविद संदिग्ध रोगियों का इलाज कोविड-19 पॉजिटिव से अलग वार्ड में किया जाना चाहिए।मरीज की जांच कोविद निगेटिव स्थिति की पुष्टि के बाद ही उन्हें ईएनटी वार्ड (ENT ward) में स्थानांतरित कर इलाज किया जाना चाहिए। ईएनटी ओपीडी रूम अच्छी तरह हवादार होना चाहिए। ईएनटी डॉक्टरों को ओपीडी कक्ष में पीपीई किट (N95 मास्क, गाउन, दस्ताने, काले चश्मे / फेस शील्ड) पहनना चाहिए। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण द्वारा मानक प्रोटोकॉल के अनुसार मास्क, हाथ की स्वच्छता और सामाजिक दूरी उपयोग सुनिश्चित करें।नियमित ओपीडी में एंडोस्कोपी (नाक की एंडोस्कोपी, 90 कठोर या स्वरयंत्र के लिए लचीली एंडोस्कोपी) करने से बचें।
उन्हें कोविड-19 के लिए सख्त एहतियात करते हुए मास्क पहनना, सामाजिक दूरी और हाथ धोने की उपयुक्ते सुविधासुनिश्चित करें। हैंड सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग पोस्टर्स को वार्ड के कई क्षेत्रों में प्रदर्शित किया जाना चाहिए। रोगी के व्यक्तिगत सामान को कम से कम रखें। जांच उपकरणों को हर उपयोग के बाद मानक नसबंदी प्रोटोकॉल के अनुसार मेडिकल वेस्टम को डिस्पोंज करना चाहिए। वार्ड की उचित सफाई और कीटाणुशोधन के लिए वार्ड में न्यूनतम फर्नीचर होना चाहिए। ईएनटी वार्ड में हेड और एनईसीके सर्जरी वार्ड के लिए रोगी बेड के बीच कम से कम 2 मीटर की दूरी अनिवार्य है। स्वास्थ्य देखभाल कर्मी के लिए एन-95 मास्क, पीपीई किट (एन 95 मास्क और गाउन) और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों क उपयोग जरुरी है। - जशपुरनगर 05 जून : कुनकुरी विधायक श्री यू.डी. मिंज और कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने आज कुनकुरी के होली क्रास अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया और मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में अस्पताल की प्रशासक क्लोडिया टोप्पो से जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल के आइसोलेशन सेन्टर में मरीज प्रवीण टोप्पो से उनके स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली। कलेक्टर श्री कावरे ने डाॅक्टरों को उचित इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री शंकर लाल बघेल, डीएफओ श्री कृष्ण जाधव, जिला पंचायत सीईओ श्री के एस मंडावी, एसडीएम श्री रवि राही, डाॅक्टर और अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
- जशपुरनगर 05 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे के निर्देशन में जषपुर जिले में विभिन्न विकासखंडों में लगभग 699 क्वारेंटाईन सेंटर बनाया गया है। क्वारेंटाईन सेंटर में लगभग 4049 श्रमिकों, मजदूरों यात्रियों को रखा गया है। जिसमें पुरूषों की संख्या 3394 एवं 655 महिलाएं शामिल है। इनमें जशपुर विकासखंड के 58 क्वारेंटाईन सेंटर में 441 लोगों को रखा गया हैं। इसी प्रकार मनोरा के 57 क्वारेंटाईन सेंटर में 278 लोगों को, दुलदुला विकासखंड के 90 क्वारेंटाईन सेंटर में 449 लोगों को, कुनकुरी विकासखंड के 153 क्वांरेंटाईन सेंटर में 482 लोगों को, फरसाबहार विकासखंड के 55 क्वारेंटाईन सेंटर में 1095 लोगों को कासंाबेल विकासखंड के 55 क्वारेंटाईन सेंटर में 440 लोगों को, पत्थलगांव विकासखंड के 128 क्वारेंटाईन सेंटर में 443 लोगों को एवं बगीचा विकासखंड के 103 क्वारेंटाईन सेंटर में 421 लोगों को रखा गया है।
कलेक्टर श्री कावरे के निर्देश पर एसडीएम, जनपद सीईओ और नगरीय निकाय के अधिकारियों द्वारा क्वारेंटाईन सेंटर में पानी, बिजली, शौचालय, भोजन के साथ बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण एवं स्क्रीनिंग कराई जा रही है। इसके बाद 14 दिनों के क्वारेंटाईन अवधि में उन्हें रखा जा रहा है। इस दौरान मेडिकल टीम के द्वारा उनकी सतत् निगरानी की जा रही है। -
जशपुरनगर 05 जून : कुनकुरी विधायक श्री यूडी मिंज और कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने आज कुनकुरी विकास खंड के ग्राम जोरातराई के गौठान एवं मयाली डेम में पौधा रोपण कर पर्यावरण को बचाने आम लोगों को संदेश दिया। कलेक्टर श्री कावरे ने मयाली डेम के उचित रख-रखाव की व्यवस्था का जायजा लिया एवं जोरातराई गौठान में पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए जिले में शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरूवा, गरूवा, घुरूवा, बारी योजना का बेहतर क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री शंकर लाल बघेल, वनमण्डलाधिकारी जषपुर श्री कृष्ण जाधव, जिला पंचायत सीईओ जषपुर श्री क.ेएस. मंडावी, एसडीएम कुनकुरी श्री रवि राही सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण उपस्थित थे। -
कांकेर जिले के अंतागढ़ क्षेत्र में आज शुक्रवार (5 जून) को जवानो से भरी टाटा सूमो वाहन हादसे का शिकार हो गया जिससे वाहन में सवार हेड कांस्टेबल विक्रम सिंह व बिस्वकर्मा तिवारी, कांस्टेबल सागर अशाक लहरे व राशिद अहमद और एसएसबी का चालक विक्रम घायल हो गए। वाहन में कुल 5 जवान सवार थे मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक वाहन अंतागढ़ नारायणपुर मुख्य मार्ग पर गोंडबिनापाल गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ टाटा सूमो वाहन का चालक ट्रक को साइड दे रहा था। तभी उसने वाहन पर से अपना नियंत्रण खो दिया जिससे सूमो वाहन चार-पांच बार पलटी खाते हुए पेड़ से जा टकराया। इस हादसे में हेड कांस्टेबल विक्रम सिंह सिर पर गंभीर चोट आई है। उन्हें भिलाई रेफर किया गया है। बाकी जवानों का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।
- गाइडलाईन के तहत हो रही है ज़िले में प्रसव पूर्व जांच (एएनसी)
रायपुर 5 जून : गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा नियमित की जा रही है । जांच के साथ ही गर्भवती महिलाओं को पंजीकृत भी किया जाता है। पंजीयन उपरांत गर्भवती महिलाओं को समय पर टीका लगवाया जाता है और जांच के लिए फोलोअप भी किया जाता है । प्रसव के बाद भी 42 दिनों तक एएनसी जांच के तहत जच्चा व बच्चा का नियमित ख्याल रखा जाता है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल ने बताया अप्रैल में ज़िले में प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के लिए 5554 गर्भवती महिलाओं की पंजीयन किया गया है जिसमें अभनपुर में 471,आरंग में 696, धरसींवॉ में 425, तिल्दा में 424 , बीरगॉव शहरी में 264 , और रायपुर शहरी में 3274, गर्भवती महिलाएं थी। उन्होंने बताया गर्भवती महिलाओं के पंजीयन और प्रसव पूर्व जांच होने से जोखिम की संभावनाएं कम होती हैं । नियमित रूप से गुणवत्तापूर्ण एएनसी जांच से समय समय पर अवस्थाओं की जटिलताओं को पहचान किया जाता है और आवश्यक उपचार प्रदान किया जाता है जो मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु दर को कम करने में सहायक होता है । पंजीयन से गर्भवती महिलाओं और नवजातों को सरकार द्वारा दी गयी सुविधायें भी मिल जाती हैं।
प्रसव पूर्व जांचों को करवाना मां और बच्चा की स्वस्थता के लिए भी ज़रूरी हैं। प्रसव पूर्व होने वाली जांचों से गर्भावस्था के समय होने वाले जोखिम या रोगों को पहचानने, और उनका उपचार करने में सरलतामिलती है। इन जांचों से हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) के केस चिन्हित किये जाते है, फिर उनकी उचित देखभाल की जाती है। प्रसव पूर्व जांचों में मुख्यतः खून, रक्तचाप और एचआईवी की जांच की जाती है। । एनीमिक होने पर प्रसूता का सही इलाज किया जा सकता है ताकि शिशु स्वस्थ पैदा हो।
गर्भवती की प्रसव पूर्व चार जांचें
प्रथम चरण में गर्भधारण के तुरंत बाद या गर्भावस्था के पहले 3 महीने के अंदर जांच होती है। द्वितीय चरण में गर्भधारण के चौथे या छठे महीने में। तृतीय चरण में गर्भधारण के सातवें या आठवें महीने में तथा चतुर्थ चरण में गर्भधारण के नौवें महीने में जरूरी जांचे की जाती हैं।
सिविल सर्जन डॉ. रवि तिवारी ने बताया मातृ एवं शिशु चिकित्सालय ज़िला अस्पताल कालीबाडी में लॉक डाउन में भी नियमित रुप से गर्भवती महिलाओं की एएनसी सुविधाएं मिलती रही ।उन्होने बताया अप्रैल में 52 और मई में 145 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया है। बीते वर्ष 2019-20 में कुल 2252 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया गया था ।
डॉ. तिवारी ने कहा प्रत्येक गर्भवती महिला के हीमोग्लोबिन की मात्रा अनुसार आईएफए, कैल्शियम के साथ साथ टीकाकरण,उच्च रक्तचाप, मधुमेह की स्क्रीनिंगभी, गर्भवती महिलाओं की एएनसी में की जाती है । गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के प्रावधान पर ध्यान दिया गया है। अन्य रोगों के रोकथाम के लिए भी पर्याप्त उपाय किए जा रहे है । किसी भी प्रकार की जांच के समय पूर्ण रुप से गाइड लाईन को फोलो किया जाता है
उच्च जोखिम गर्भावस्था क्या है
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थय अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने बताया उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था या हाई रिस्क प्रेगनेंसी उसे कहते हैं जिसमें मां और शिशु दोनों में सामान्य गर्भावस्था की तुलना में अधिक जटिलता विकसित होने की संभावना होती है। ऐसी महिलाओं को अन्य सामान्य गर्भवती स्त्रियों के मुकाबले ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हे चिकित्सक की देखरेख की ज्यादा जरूरत पड़ती है।
उच्च जोखिम गर्भावस्था पहचान कैसे होती है
हाई रिस्क प्रेगनेंसी की पहचान के लिए प्रसव पूर्व की गर्भावस्था या प्रसव का इतिहास जानना बहुत जरूरी होता है, जिसमें पता लगाया जाता है कि पहला बच्चा किस प्रकार जन्म लिया था, पिछले प्रसव के दौरान या बाद में अत्यधिक रक्तस्राव तो नहीं हुआ, गर्भवती को पहले से कोई बीमारी, उच्च रक्तचाप, शुगर, हाइपोथायराइड, टीबी, हार्ट डिसीज, वर्तमान गर्भावस्था में गंभीर एनीमिया, 7 ग्राम यूनिट से कम खून की मात्रा, ब्लड प्रेशर, गर्भावस्था के समय डायबिटीज का पता लगाकर इसकी पहचान की जाती है। -
बलरामपुर 05 जून : कलेक्टर श्री श्याम धावड़े तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीष एस. ने विभाग प्रमुखों के साथ बैठक कर विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं तथा कार्यों के प्रगति की समीक्षा की। कलेक्टर ने विभाग प्रमुखों को विभाग में संचालित योजनाओं, कार्योंं से संबंधित अद्यतन जानकारी के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिये थे। शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे सुराजी गांव योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना के साथ ही शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, खाद्य विभाग एवं आदिवासी विकास विभाग से संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा की। कुपोषण मुक्ति के लिए जिले में किये जा रहे कार्यों की बिन्दुवार समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिये। कलेक्टर ने महिला स्व सहायता समूहों को प्राथमिकता देते हुए अधिक से अधिक योजनाओं से जोड़कर आजीविका प्रदान करने की बात कही।
कलेक्टर ने बैठक के दौरान सर्व प्रथम स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख योजनाओं तथा कार्यों की समीक्षा करते हुए जिले में उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की संख्या, उपलब्ध चिकित्सा कर्मी, आवश्यक दवाईयों की उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से आगामी समय में मौसमी बीमारियों से बचाव, जगरूकता तथा उपचार के लिए की गई तैयारियों के बारे में पूछा। कोरोना वायरस के साथ-साथ अन्य मौसमी बीमारियों के लिए भी आवश्यक तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में शत्-प्रतिशत संस्थागत् प्रसव कराने को कहा। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के समीक्षा के दौरान गंभीर एवं कुपोषित बच्चों की संख्या, शिशुवती, गर्भवती तथा एनीमिक महिलाओं की जानकारी के साथ ही उनको दी जाने वाली खाद्य सामग्री तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में चर्चा की। कोरोना वायरस से बचाव को ध्यान में रखते हुए महिलाओं एवं बच्चों को रेडी-टू-ईट के साथ गर्म भोजन के स्थान पर सूखा राशन वितरित किया जा रहा है। समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए भवन तथा कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों की जानकारी लेते हुए जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने को कहा।
कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी से अंग्रेजी माध्यम के स्कूल के लिए भवन, फर्नीचर तथा शिक्षक की व्यवस्था के बारे में जाना। शालाओं में रंग-रोगन तथा मरम्मत के कार्य स्कूल खुलने से पूर्व पूर्ण करने को कहा। हायर सेकेण्डरी स्कूलों के बच्चों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग एवं कौशल विकास के पाठ्यक्रम संचालित किये जाने है। बच्चों को जिले की आवश्यकतानुसार कौशल विकास के पाठ्यक्रमों से जोड़ना है, ताकि बच्चों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिल पाये। जिले में सोलर और ऑटो सेक्टर में कुशल कामगारों के लिए संभावनाएं देखी जा रही है। इसीलिये बच्चों को इन विषयों से जोड़कर प्रशिक्षित और पारंगत करना है। उन्होंने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को पिछले कुछ सालों में भू-जल स्तर में आये बदलाव की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
मनरेगा के अन्तर्गत स्वीकृत प्रमुख कार्यों के बारे में चर्चा करते हुए लंबित मजदूरी भुगतान जल्द करने के निर्देश दिये। मनरेगा के प्रमुख कार्यों में डबरी निर्माण तथा नरवा संवर्धन के कार्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व से जुड़े मामलों को प्राथमिकता से निराकरण कर जानकारी कार्यालय कलेक्टर को भेजें तथा भुईंया सॉफ्टवेयर में खाली पड़े जमीनों का सर्वे कर एन्ट्री पूर्ण करें। कलेक्टर ने आश्रम-छात्रावासों में खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति बिहान मार्ट के माध्यम से करने के निर्देश दिये। बिहान मार्ट महिला स्व सहायता समूहों द्वारा संचालित है, जो महिला समूहों द्वारा तैयार उत्पादों का विक्रय करती है। बैठक के अंत में उन्होंने महिला समूहों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही। महिला समूहों को आर्थिक गतिविधियों में प्राथमिकता देते हुए आजीविका से जोड़ा जाएगा। शासन के मंशानुसार गांवों को अर्थव्यवस्था तथा आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। बैठक में अपर कलेक्टर श्री विजय कुमार कुजूर, सर्व डिप्टी कलेक्टर सहित सर्व विभाग प्रमुख उपस्थित थे। - सूरजपुर 05 जून : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पत्र 05 जून 2020 के माध्यम से प्रतिवेदित किया गया है कि विकासखण्ड सूरजपुर के फेसिलिटी क्वारेंटाइन सेन्टर , नवोदय विद्यालय बसदेई में रखे गये श्रमिकों में दो कोविड 19 के धनात्मक मरीज 04 जून 2020 को पाये गये हैं । तत्संबंध में नवोदय विद्यालय, बसदेई स्थित फेसिलिटी क्वारेंटाइन सेन्टर में कोरोना वायरस ( कोविड -19 ) पॉजिटिव पाये जाने के फलस्वरूप कोविड -19 के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु नवोदय विद्यालय बसदेई के परिसर में स्थित बालक छात्रावास के 8 ब्लाकों को पूर्ण रूप से कंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया है ।
उपरोक्त कंटेन्मेंट जोन में रहने वाले जो भी व्यक्ति हैं , वे सभी अपने - अपने कक्ष में ही रहेंगे । बाहर के कोई भी व्यक्ति , इस कंटेन्मेंट जोन में कोविड -19 निमित्त शासकीय कर्तव्य में कार्यरत व्यक्ति हैं , उन्हें छोड़कर , सभी व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। साथ ही कंटेन्मेंट जोन में रहने वाले व्यक्तियों को जोन से बाहर निकलना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। अपरिहार्य स्थिति में किसी को बाहर से अंदर आना व अंदर से बाहर जाना है तो इस हेतु स्थानीय प्रशासन एवं नोडल अधिकारी एवं चिकित्सकीय टीम के सलाह से संयुक्त रूप से निर्णय लिया जावेगा तथा उक्त कंटेन्मेंट जोन में इससे संबंधित अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था , चिकित्सा व्यवस्था एवं अन्य आवश्यक सामग्री आपूर्ति के संबंध में शासन के एस.ओ.पी. का कड़ाई से पालन करते हुए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे । उक्तानुसार उक्त कंटेन्मेंट जोन में कार्य करने वाले सभी कार्मिकों को कोविड -19 के प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। -
सेंटरों में श्रमिकों मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली
जशपुरनगर 05 जून : विधायक कुनकुरी और कलेक्टर ने कुनकुरी विकास खंड के ग्राम रायकेरा के क्वारेंटाईन सेंटर में निरीक्षण करके श्रमिक और मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को सेंटर में मजदूरों के लिए भोजन, पानी, बिजली सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस अवसर पर विधायक श्री यूडी मिंज, कलेक्टर श्री महादेव कावरे, पुलिस अधीक्षक श्री शंकर लाल बघेल डीएफओ श्री कृष्ण जाधव, जिला पंचायत सीईओ श्री के एस मंडावी, सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण उपस्थित थे। -
पार्वती स्वसहायता समूह की महिलाओं ने पौध रोपण कर पर्यावरण को संरक्षित रखने का लिया संकल्प
जशपुरनगर 05 जून : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए आज कुनकुरी विकास खंड के ग्राम रायकेरा में कुनकुरी विधायक श्री यूडी मिंज कलेक्टर श्री महादेव कावरे, पुलिस अधीक्षक श्री शंकर लाल बघेल, वनमण्डलाधिकारी श्री कृष्ण जाधव, जिला पंचायत सीईओ श्री के एस मंडावी ने पौध रोपण किया एवं जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए रायकेरा के पार्वती महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा पौध रोपण कर पर्यावरण को संरक्षित रखने का संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर कुनकुरी विधायक श्री मिंज और कलेक्टर श्री कावरे ने समूह की महिलाओं से रूबरू होकर उनके कार्यो के बारे में जानकारी ली और जिला पंचायत सीईओ श्री के एस मंडावी से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को बैंक से लोन उपलब्ध कराकर रोजगार से जोड़ने के निर्देश दिए है। इस अवसर पर जनपद सदस्य चन्द्रशेखर होता, सरपंच विनय, एसडीएम रवि राही, कृषि अधिकारी एम.आर. भगत, एवं अन्य जनप्रतिनिधि और समूह की महिलाएं उपस्थित थे। -
विष्व पर्यावरण दिवस पर सामाजिक वानिकी को बढ़ावा देने के लिए जिले के जनप्रतिनिधियों एवं आला अधिकारियों ने किया वृक्षारोपणकलेक्टर समेत आला अफसरों ने पौधा रोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेषजशपुर से साथ जिले के समस्त विकासखंड में किया गया वृक्षारोपण
जशपुरनगर 05 जून : विष्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण संरक्षण एवं पर्यावरण के प्रति लोगों में जन जागरूकता लाने के उददेष्य से जषुपर विधायक श्री विनय भगत, कुनकुरी विधायक श्री यू़.डी. मिंज, कलेक्टर श्री महादेव कावरे, वनमण्डलाधिकारी जषपुर श्री कृष्ण जाधव सहित अन्य जिला अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा जिला मुख्यालय के प्रवेष द्वार के निकट ही बाकी नदी के तट पर फलादार एवं छायादार पौधे लगाए गए है। इन रोपित पौधों में अमलतास, बेल, जामुन, अर्जुन, इत्यादि विभिन्न प्रकार के पौधे षामिल है। विष्व पर्यावरण दिवस पर पूरे जिले मेें वर्षा ऋतु तक 10 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है जिससे पेड़ो की संख्या में निरंतर आ रही कमी को पूरा किया जा सके।
कलेक्टर श्री कावरे ने बताया कि पर्यावरण एवं मनुष्य का अटूट संबंध है। इसलिए पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी लोगों को एक साथ मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने बताया कि पर्यावरण के संरक्षण में सामाजिक वानिकी का अत्यधिक महत्व है। सामाजिक वानिकी के माध्यम से हम अपने घर के आस-पास, गांव-षहर के बाहर अनुपयोगी जमीन पर, जंगल के बाहर खाली पड़ी जमीन पर, नदी के किनारे, किसानों के खेतों की मेड़ो पर व्यवस्थित रूप से आयुर्वेद एवं पर्यावरण के अनुकूल पेड़-पौधे लगाकर पर्यावरण के बचाने में अपना योगदान दे सकते है।वृक्षारोपण कार्यक्रम की षुरूआत करते हुए जनप्रतिनिधी जषुपर विधायक श्री विनय भगत द्वारा वृक्षारोपण स्थल पर पूजा अर्चना कर एक बेल के पौधे का रोपण किया गया, इसी प्रकार कुनकुरी विधायक श्री यू.डी. मिंज, जिला पंचायत अध्यक्ष जषपुर श्रीमती रायमुनि भगत, श्री हीरूराम निकंुज, सामाजिक कार्यकर्ता श्री अजय गुप्ता, एवं अन्य जनप्रतिनिधी तथा जिला कलेक्टर श्री महादेव कावरे, पुलिस अधीक्षक जषपुर श्री षंकर लाल बघेल, वनमण्डालाधिकारी जषपुर श्री कृष्ण जाधव, जिला पंचायत सीईओ जषपुर श्री के. एस. मण्डावी,, अपर कलेक्टर श्री आई.एल. ठाकुर, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग श्री वाहने, जिला षिक्षा अधिकारी श्री एन. कुजूर, एसडीएम जषपुर श्री योगेन्द्र्र श्रीवास, तहसीलदार जषपुर श्री कमलेष मिरी सहित अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधी, मीडियाकर्मियांे द्वारा वृक्षा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेष आम जनों को दिया गया। -
स्व-सहायता समूह की महिलाओं में आत्मनिर्भरता एवं कार्य करने की बढ़ी उम्मीद
महासमुंद 05 जून : विश्वव्यापी कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण के दौर को देखते हुए जहाँ कोई भी व्यक्ति घर से निकलने को तैयार नही है, वहीं इस समय नारी शक्ति अलग-अलग स्थलों पर अपनी भागीदारी निभाकर त्याग और समर्पण के साथ श्रेष्ठता के शिखर पर पहुँच रही हंै। महासमुन्द विकासखण्ड के स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने जिला प्रशासन के मागदर्शन में 1800 लीटर हैण्ड-सेनेटाईजर का निर्माण कर कुल 3000 बॉटल्स तैयार किया है। जिसे विकासखण्ड मुख्यालयों में 750 बॉटल्स सभी विकासखण्डों के क्वारंटाइन सेंटर एवं आम जन मानस को आसानी से उपलब्ध हो पाए इसलिए वितरित किया गया है।स्व-सहायता महिलाओं द्वारा स्वयं के ग्राम में विक्रय कर ग्रामीण स्तर में जागरूकता का कार्य किया जा रहा है, जिससे समूहों की महिलाओं को रोजगार तथा आमजन को कोरोना के वैश्विक महामारी से बचाया जा सके। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को फैलने से बचाव व रोकथाम के लिए स्व-सहायता समूह की महिलाएं हैंड-सेनेटाईजर का निर्माण कर अपने आजीविका के रूप में अपना रही है, इससे स्व-सहायता समूह की महिलाओं में आत्मनिर्भरता एवं कार्य करने की उम्मीद और बढ़ी है। -
महासमुंद 05 जून : कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने एवं बचाव के लिए शासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर एडवायजरी जारी की गई हैं और उसका अक्षरशः पालन करने के लिए समय-समय पर नागरिकों से अपील भी की गई है, ताकि कोरोना का संक्रमण नहीं फैलने पाएं। इस संबंध में जिला प्रशासन ने आम नागरिकांे सहित जनप्रतिनिधियों से विशेष रूप से अपील जारी की है कि जारी निर्देशों के तहत् फिजिकल डिस्टेंस का ख्याल रखें। जिला प्रशासन द्वारा जारी अपील में कहा गया है कि जनप्रतिनिधि क्वारेंटाईन सेंटर में सामग्री प्रदाय करते समय पर्याप्त दूरी (कम से कम दो मीटर) बनाए रखें। उन्होंने नागरिकों से भी आग्रह करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की सहायता सामग्री देते समय क्वारेंटाईन सेंटर में रह रहे श्रमिकों से पर्याप्त सोशल एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखें ताकि कोरोना का संक्रमण नहीं फैलने पाए। ज्ञात हो कि जिले में पार्षद पति द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने की वजह से संक्रमित पाया गया हैं। -
महासमुंद 05 जून : जिले में आज 04 जून 2020 अभी तक कोरोना के 19 धनात्मक प्रकरण की पुष्टि हुई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर ने जांच के बाद मामले के धनात्मक रिपोर्ट की सूचना जिला प्रशासन को दी है। जिला कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने भी इसकी पुष्टि की हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पिथौरा विकासखण्ड में 02 इनमें ग्राम झापीमौहा में 01 एवं बड़ेलोरम में 01, और बागबाहरा विकासखण्ड में 17 इनमें ग्राम मुड़पार में 04, भदरसी में 01 एवं बागबाहरा नगरपालिका परिषद् में 12 व्यक्ति शामिल हैं। इसमें से 15 पुरुष एवं 04 महिलाएं हैं।
इनमें से 01 राॅची (झाराखण्ड), 03 मुम्बई (महाराष्ट्र), 01 हैदराबाद (तेलंगाना), 02 ओड़िशा, 01 उत्तरप्रदेश, 02 गरियाबंद एवं 01 बिलासपुर (छत्तीसगढ) से प्रवासी श्रमिक आए थे। इसके अलावा 01 हेल्थ वर्कर एवं 07 स्थानीय व्यक्ति शामिल हैं। ये सभी क्वारंेटाईन सेंटर पर ही रह रहे थे। -
महासमुंद 05 जून : जिला प्रशासन द्वारा अनाधिकृत रूप से क्वारंेटाईन सेंटर में प्रवेश करने वाले एवं क्वारंेटाईन सेंटर से बाहर जाने वाले एवं क्वारेंटाईन नियम तोड़ने वाले लोगो के विरूद्ध सख्त रूख अपनाते हुए 01 व्यक्ति पर एफ.आई.आर. दर्ज करवाया गया है। यह मामला बागबाहरा नगरपालिका परिषद् वार्ड क्रमांक 15 का है, जहां आरोपी बाहर से आए हुए क्वारेंटाईन सेंटर में रह रहे श्रमिकोें से अनाधिकृत रूप से मिला करता था। इस बात की जानकारी वहां रह रहे अन्य श्रमिकांे से मिली। इसकी जानकारी मिलने पर क्वारेंटाईन सेंटर के नोडल अधिकारी द्वारा रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए थाना बागबाहरा में मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया हैं। वरिष्ठ करारोपण अधिकारी नगर पालिका परिषद् बागबाहरा की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए थाना बागबाहरा पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, 269, 270 महामारी अधिनियम धारा 3 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है ।
उल्लेखनीय है कि भारतीय दण्ड संहिता. की धारा 188 के तहत शासकीय सेवक के द्वारा जारी विधिवत आदेश के उल्लंघन पर 06 माह की जेल का प्रावधान है। धारा 269 के तहत किसी बीमारी को फैलाने के लिए किया गया गैर जिम्मेदाराना काम करने पर छह महीने की जेल या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है। धारा 270 के तहत किसी जानलेवा बीमारी को फैलाने के लिए घातक या फिर नुकसानदायक काम करने पर दो साल जेल की या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए शासन के निर्देशों के तहत क्वारेंटाईन संेटर से क्वारेंटाईन अवधि में बाहर जाना एवं किसी भी बाहरी व्यक्ति का अनाधिकृत प्रवेश वर्जित है। -
भारतीय दण्ड संहिता. की धारा 188 का हुआ उल्लंघनविभिन्न धाराओं के तहत् होगी कार्रवाई
महासमुंद 05 जून : जिला प्रशासन द्वारा अनाधिकृत रूप से क्वारंेटाईन सेंटर में प्रवेश करने वाले एवं क्वारंेटाईन सेंटर से बाहर जाने वाले एवं क्वारेंटाईन नियम तोड़ने वाले लोगो के विरूद्ध सख्त रूख अपनाते हुए 07 लोगो पर तीन अलग-अलग प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज करवाया गया है। सरायपाली अनुविभाग के अनुविभागीय दण्डाधिकारी श्री कुणाल दुदावत ने बताया कि ंपहला मामला बसना ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम संतपाली का है जहां पर आरोपी व्यक्ति 15 मई 2020 को ग्राम संतपाली में मुंबई से लौटा एवं उसे क्वारंेटाईन सेंटर में रखा गया था। आरोपी द्वारा क्वारंेटाईन की अवधि में रहते हुए एक दिन दीवार फांदकर निकट ग्राम के अंतर्गत अपने मित्र के पास जाकर शराब का सेवन किया गया। वरिष्ठ करारोपण अधिकारी जनपद पंचायत बसना की रिपोर्ट पर मामले का संज्ञान लेते हुए थाना सरायपाली पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 34, 188, 269, 270 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।
दूसरा मामला बसना ब्लॉक के अंतर्गत भूकेल ग्राम पंचायत का है जहां आरोपी 02 व्यक्तियों का बेटा अन्य राज्य से लौट कर के आया था एवं उसे शासकीय उच्च प्राथमिक शाला क्वारेंटाईन सेंटर में रखा गया था। क्वारंेटाईन की अवधि के दौरान आरोपी व्यक्तियांे द्वारा क्वारंेंटाईन सेण्टर में अनाधिकृत रूप से प्रवेश किया गया एवं बेटे से मुलाकात की गयी। मुलाकात के कुछ दिन बाद 31 मई 2020 को बेटे की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पायी गयी तब जानकारी हुई कि आरोपियों द्वारा अनाधिकृत रूप से क्वारेंटाईन सेंटर में प्रवेश किया गया था। वरिष्ठ करारोपण अधिकारी जनपद पंचायत बसना की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए थाना बसना पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188,269,270, महामारी अधिनियम धारा 03 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है ।
तीसरा मामला बसना ब्लॉक अंतर्गत जलकोट ग्राम पंचायत का है जहा आरोपी 01 व्यक्ति अन्य राज्य से लौट कर के आया था एवं उसे शासकीय आगनबाड़ी सेंटर में क्वारंेटाईन में रखा गया था। क्वारंेटाईन की अवधि के दौरान आरोपी व्यक्ति के बुलावे पर उसे 02 अन्य मित्रांे (सहआरोपियों ) द्वारा क्वारंेटाईन सेंटर में अनाधिकृत रूप से प्रवेश किया गया एवं मुलाकात की गयी। मुलाकात के कुछ दिन बाद 31 मई 2020 को अन्य राज्य से लौटे आरोपी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पायी गयी। तब जानकारी हुई कि आरोपियों द्वारा अनाधिकृत रूप से क्वारंेटाईन सेंटर में प्रवेश किया गया था। वरिष्ठ करारोपण अधिकारी जनपद पंचायत बसना की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए थाना बसना पुलिस ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188,269,270,महामारी अधिनियम धारा 3 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है ।
गौरतलब है कि भारतीय दण्ड संहिता. की धारा 188 के तहत शासकीय सेवक के द्वारा जारी विधिवत आदेश के उल्लंघन पर 06 माह की जेल का प्रावधान है। धारा 269 के तहत किसी बीमारी को फैलाने के लिए किया गया गैर जिम्मेदाराना काम करने पर छह महीने की जेल या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है। धारा 270 के तहत किसी जानलेवा बीमारी को फैलाने के लिए घातक या फिर नुकसानदायक काम करने पर दो साल जेल की या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए शासन के निर्देशों के तहत क्वारेंटाईन संेटर से क्वारेंटाईन अवधि में बाहर जाना एवं किसी भी बाहरी व्यक्ति का अनाधिकृत प्रवेश वर्जित है। -
बेमेतरा 04 जून : महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना साजा, सेक्टर देवकर के ग्राम सहसपुर आंगनबाड़ी केन्द्र में दर्ज बालिका तृषा, माता दशरी बाई, पिता प्रेमलाल कम वजन के कारण गंभीर कुपोषित थी। इस बच्ची पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता झलेश्वरी साहू द्वारा विशेष ध्यान दिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा प्रतिदिन गृह भ्रमण कर पालकों को बच्ची के खानपान पर विशेष ध्यान देने के लिये प्रेरित किया गया। कार्यकर्ता द्वारा बच्ची की मां और दादी को केन्द्र में पौष्टिक खिचड़ी जिसमें, पालक, लालभाजी, लौकी, गोभी, आलू, मटर आदि मिलाकर बनाकर दिखाया गया।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत तृषा एवं तृषा की माता को आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रतिदिन खिचड़ी खिलाया गया। घर में भी पौष्टिक खिचड़ी में तेल या घी डालकर बच्ची को खिलाने की सलाह दी गई। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान द्वारा बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने का विशेष प्रयास किया जा रहा है। तृषा की मां को रेडी-टू-ईट को सुरक्षित साफ डिब्बे में 6 दिन के लिये पैकेट बनाकर रखने की सलाह दी गई। बच्ची को रेडी-टू-ईट पोषण आहार को प्रतिदिन खिलाने के लिए पालकों को बताया गया। व्यंजन जैसे हलवा, चीला, बर्फी आदि बनाकर बच्ची को खिलाने की सलाह दी गई। बच्ची को खाना खिलाने के पहले स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए हमेशा साबुन से हाथ धोने के लिए बताया गया । इसके अलावा हमेशा एक साफ कटोरी एवं चम्मच का उपयोग करने के लिए कहा गया।
खाने में स्थानीय पौष्टिक खाद्य सामग्री समावेश करने हेतु प्रेरित किया गया। सेक्टर पर्यवेक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा निरंतर गृह भंेट करके देखा गया कि तृषा के पालक दी गई सलाहों पर किस प्रकार अमल कर रहे है। गृह भेंट के दौरान पालकों के मन में उतपन्न हो रहे संकाओ को दूर किया गया जिससे बच्ची की देखभाल करने में उन्हें काफी सुविधा हुई। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा चलायी जा रही बाल संदर्भ योजना अंतर्गत बच्ची का मुफ्त स्वास्थ्य जांच कराया गया एवं मुफ्त दवाईयाॅ भी उपलब्ध कराई गई।विभाग द्वारा चलायी जा रहीं सतत् सीख प्रक्रिया प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताई गई जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पालकों को समझाई गई। सतत् सीख पक्रिया के कुछ महत्वपूर्ण विषय इस प्रकार है:-कमजोर नवजात शिशु की पहचान और देखभाल, गंभीर दुबलेपन को कैसे पहचाने एवं रोके, कुपोषण और मृत्यु से बचने के लिए बीमारियों से बचाव, बच्चों और किशोरियों में खून की कमी/एनीमिया की रोकथाम। इस प्रकार की जानकारियाॅ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से पाकर बच्ची के पालक काफी हर्षोउल्लासित है। बच्ची की देखभाल करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बताई गई जानकारी काफी उपयोगी रहीं। पोषण अभियान अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा स्मार्टफोन एप्प से तृषा को तत्काल चिन्हांकित करने में सफलता मिली। इसी प्रकार विभागीय एप्प कुपोषित बच्चों को तकनीक की सहायता से तत्काल चिन्हांकित करने में काफी उपयोगी होता है। इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी केन्द्र में सुपोषण चैपाल गतिविधि के आयोजन से तृषा के पालकोे को स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के संबंध में संदेश देकर उनका व्यवहार परिवर्तन करवाने में कामयाबी मिली है।इस प्रकार के प्रयासों से बच्ची का वजन पिछले दो माह में अच्छा बढ़ा है। तृषा का वजन शुरुआत में 8 किलो 800 ग्राम था, जो कि 1 किलो 200 ग्राम बढ़कर 10 कि.ग्रा. हो गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सजगता व देखभाल से बच्ची तृषा अब पूर्णतः स्वस्थ व सुपोषित है। -
कलेक्टर द्वारा ग्राम पंचायत चिरगुड़ा क्षेत्र के शा.पू.मा.शा चिरगुड़ा के पास से 100 मी. का दायरा कन्टेनमेंट जोन घोषित
अपर कलेक्टर श्री सुखनाथ अहिरवार प्रभारी अधिकारी नियुक्त
कोरिया 04 जून : वैश्विक स्तर पर फैले कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम हेतु युद्ध स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में कोरिया जिले में संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच हेतु प्रेषित किये गये थे जिसमें ग्राम पंचायत चिरगुड़ा क्षेत्र के शा.पू.मा.शा चिरगुड़ा के क्वारंटाइन सेन्टर के एक मरीज की रिपोर्ट पॉजीटिव पाये जाने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को दृष्टिगत रखते हुये कलेक्टर श्री एस एन राठौर द्वारा जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर, ग्राम पंचायत चिरगुड़ा क्षेत्र के शा.पू.मा.शा चिरगुड़ा, संकुल छिन्दिया के पास से 100 मी. के परिधि क्षेत्र को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। इसमें पूर्व दिशा में नागेश्वर तालाब, पश्चिम दिशा में अधिवक्ता किरण सोनी का मकान, उत्तर दिशा में राष्ट्रीय राज्य मार्ग 43 और दक्षिण दिशा में धनमत बाई का खेत तक शामिल है। घोषित कन्टेिनमेंट जोन के प्रभारी अधिकारी के रूप में अपर कलेक्टर श्री सुखनाथ अहिरवार कोरिया मो.नं 7587371661 को नियुक्त किया गया है।
कलेक्टर श्री राठौर ने जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर के अंतर्गत घोषित कन्टेनमेंट जोन ग्राम पंचायत चिरगुड़ा क्षेत्र के शा.पू.मा.शा चिरगुड़ा, संकुल छिन्दिया हेतु आदेश जारी करते हुए बताया कि उक्त क्षेत्र में सभी दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान आगामी आदेश तक पूर्णतः बंद रहेंगे। प्रभारी अधिकारी द्वारा घर पहुंच सेवा के माध्यम से लोगों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति उचित दरों पर सुनिश्चित की जायेगी। सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन पूर्ण प्रतिबंधित तथा मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर किन्हीं भी कारणों से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित रहेगा। पुलिस द्वारा लगातार क्षेत्र में पेट्रोलिंग की जा रही है एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्विलांस, कान्टैक्ट ट्रेसिंग एवं सैम्पल जांच की कार्यवाही की जा रही है।
क्षेत्र की बेरिकेटिंग हेतु कार्यपालन अभियंता, लोक निर्माण विभाग बैकुण्ठपुर, आवश्यक वस्तुओ की आपूर्ति एवं सैनेटाइज व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु सीईओ जनपद पंचायत तथा एक्टिव सर्विलांस, स्वास्थ्य टीम को एस.ओ.पी अनुसार दवा, मास्क आदि उपलब्ध कराने एवं बायो मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बैकुण्ठपुर को आदेशित किया गया है। कन्टेनमेंट जोन के संपूर्ण निरीक्षण एवं नियंत्रण हेतु खेल अधिकारी श्री राजेन्द्र सिंह को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। अनुविभागीय दंडाधिकारी बैकुण्ठपुर श्री ए. एस पैंकरा को पर्यवेक्षक अधिकारी नियुक्त किया गया है। -
महासमुंद 04 जून : राज्य में भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई आत्मनिर्भर भारत योजनांतर्गत प्रवासी व्यक्तियों का चिन्हांकन कर माह मई एवं जून, 2020 के लिए 05 कि.ग्रा. चांवल प्रति व्यक्ति एवं 01 कि.ग्रा. चना प्रतिकार्ड दिये जाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। हितग्राहियों के पहचान के संबंध में आधार नंबर प्राप्त किये जाने के निर्देश थे। छत्तीसगढ़ शासन ने प्रवासी व्यक्तियों के चिन्हांकन के लिये आधार नंबर के अतिरिक्त अन्य फोटोयुक्त पहचान पत्र के आधार पर चिन्हांकन किये जाने का नवीन निर्देश जारी किया है। नवीन निर्देश के अनुसार यदि हितग्राही का आधार पंजीयन हो चुका है, किंतु आधार नंबर अप्राप्त है, तो आधार पंजीयन पर्ची ;म्दतवससउमदज प्क्द्ध , भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान-पत्र , आयकर विभाग द्वारा जारी स्थायी खाता संख्या (पेनकार्ड) , किसान फोटो पासबुक एवं राज्य शासन/जिला प्रशासन द्वारा जारी अन्य कोई फोटोयुक्त परिचय-पत्र में से किसी के आधार पर भी हितग्राही का चिन्हांकन किया जा सकता है।
भारत सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन 23 मार्च 2020 से लेकर आत्मनिर्भर भारत योजनांतर्गत लागू होने तक राज्य योजनांतर्गत राशनकार्डविहीन व्यक्तियों को जारी किये गये राशनकार्डों में प्रवासी व्यक्तियों के राशनकार्डों पर माह मई एवं जून 2020 के लिये खाद्यान्न तथा चने का वितरण किये जाने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने उक्त निर्देशों के क्रियान्वयन के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरीय निकाय को निर्देशित किया है। -
साथ ही कोरोना से बचने महात्मा गांधी नरेगा कार्यस्थल पर 12 बिंदुओं में ‘क्या करें और क्या नहीं करें, का दिया जा रहा है संदेश
महासमुंद 04 जून : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से कार्यस्थल पर कोरोना से बचने के लिए ‘क्या करंे और क्या नहीं’ के संदेश का वाचन किया जा रहा है। नोवेल कोरोना वायरस से निपटने और इसके संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए तैयार किया गया 12 बिन्दुओं का जनजागृति संदेश मनरेगा के मजदूरों सहित ग्रामीणों में सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, जिसका प्रभाव यह हो रहा है कि वे इस संदेश का वाचन शपथ की तरह लेकर कर रहे है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅं. रवि कुमार मित्तल ने बताया कि कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री कार्तिकेया गोयल के द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए लगातार निर्देश दिये जा रहे है। उन्होने लाॅकडाउन के दौरान ग्रामीण श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने, कार्यस्थल पर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क लगाने और सतत हाथों को पानी, साबुन एवं सैनिटाईजर से धोने के निर्देश दिए है।
श्री कार्तिकेया गोयल ने बताया कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा दिये गये निर्देशों के माध्यम से मनरेगा कार्यस्थल पर मजदूरों, ग्रामीणों को संक्रमण से बचने के उपाय बताये जा रहे है। इसके तहत 12 बिन्दुओं पर दी गई जानकारी का प्रसार सतत किया जा रहा है और आगे भी जारी रहेगा। दिनांक 04.06.2020 को पिथौरा विकासखण्ड मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी श्री राजकुमार दीवान द्वारा ग्राम पंचायत गोड़बहाल में वाचन किया तो रोजगार सहायक के माध्यम से निस्तारी तालाब गहरीकरण में कार्य का वाचन हुआ। इसके अलावा जनपद पंचायत पिथौरा के ग्राम पंचायत कोकोभांठा में तालाब गहरीकरण के दौरान रोजगार सहायक के द्वारा मजदूरों को 12 बिन्दुओं की जानकारी दी गई। इस दौरान लगभग 84 मजदूर उपस्थित रहें। जनपद पंचायत पिथौरा के ग्राम पंचायत गोड़बहाल में संदेश को मजदूरों ने ध्यान से सुना एवं अपने प्रतिदिन के कार्यो में शामिल करने की शपथ ली।
12 बिंदुआंे में छुपा कोरोना से बचने का संदेश-
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅं. रवि कुमार मित्तल ने बताया कि कोरोना वायरस से बचने के लिए कार्यस्थल पर 12 बिन्दुओं पर शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार वाचन कराकर मजदूरों, ग्रामीणों को बताया जा रहा है। इसके लिए जनपद पंचायत सीईओ, मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए गए है कि वे प्रत्येक सप्ताह कार्य प्रारंभ करने के पूर्व कार्यस्थल पर 12 बिन्दुओं के संदेशों का वाचन ग्राम रोजगार सहायक, पंचायत सचिव के माध्यम से कराया जाए। प्रत्येक सप्ताह के मनरेगा के मजदूरों को बताया जायेगा कि वे सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू, खैनी इत्यादि न चबाएं और न ही थूकें। सार्वजनिक स्थानों पर न्यूनतम 1 मीटर की भौतिक, शारीरिक दूरी बनाए रखें। श्वसन और हाथ की स्वच्छता सहित व्यक्तिगत स्वच्छता बनायें रखें। हाथ से बने एवं पुनः उपयोग में लाए जा सकने वाले मास्क से हर समय चेहरा ढंके। मास्क न होने पर साथ-सुथरे कपड़े, गमछे से चेहरा ढकंे, साथ ही आॅंख, नाक और मुंह को छूने से बचे। छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को ढककर रखें। अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं। साबुन और पानी उपलब्ध न होने पर कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल आधारित हैण्ड सैनिटाईजर का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। घर के अंदर या बाहर स्वच्छता नियमित रखने और स्पर्श वाली सतहो को कीटाणु रहित करने, अनावश्यक यात्रा से बचें। कोरोना को हराने वाले या उससे लड़ने वालो को स्वीकार करने, उनका तिरस्कार न करने के साथ ही सामाजिक आयोजनों और भीड़-भाड़ वाले जगहों से दूर रहने, बिना हाथ मिलाये और गले मिले हाथ जोड़कर अभिवादन करें और उसे स्वीकार भी करें। - महासमुंद 04 जून : मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा कोविड-19 अंतर्गत लैब तकनीशियन के अस्थाई पदों पर भर्ती विज्ञापन जारी करते हुए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। इसके परिपालन में इच्छुक अभ्यर्थियों द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि तक प्रस्तुत आवेदनों पर दावा-आपत्ति हेतु पात्र-अपात्र की सूची तैयार की गई थी। पूर्व में 28 मई 2020 तक दावा-आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए तिथि निर्धारित की गई थी, जिसे संशोधित किया गया है। अब अभ्यर्थी दावा-आपत्ति अपने निर्धारित प्रारूप में 08 जून 2020 शाम 05ः30 तक सीधे कार्यालय में जमा कर सकते हैं अथवा स्कैन कर ईमेल आईडी [email protected] के माध्यम से भी प्रेषित कर सकते हैं। निर्धारित तिथि एवं समय के उपरांत प्राप्त दावा-आपत्ति आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। दावा-आपत्ति हेतु पात्र-अपात्र सूची आवेदन प्रारूप की विस्तृत जानकारी का अवलोकन कार्यालय के सूचना पटल एवं जिले की वेबसाइट www.mahasamund.gov.in में किया जा सकता है।