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- पढ़ई तुहर द्वार से पढ़ाई कर रहे दुर्ग के 94 हजार से अधिक बच्चेदुर्ग : अप्रैल महीना चल रहा है। पूरे देश में लाकडाउन है और स्कूल बंद हैं लेकिन आनलाइन एजुकेशन की वजह से छत्तीसगढ़ और दुर्ग जिले में बच्चे उसी तरह पढ़ रहे हैं जैसे स्कूल में इस वक्त पढ़ते होते। दुर्ग जिले के 6937 शिक्षकों की टीम ने अपनी कड़ी मेहनत से लाकडाउन के दौरान भी आनलाइन पढ़ाई कर बच्चों की पढ़ाई जारी रखी है।पढ़ई तुहर द्वार से दुर्ग जिले के 94 हजार से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं। इसके लिए टीचर्स बच्चों के लिए शैक्षणिक सामग्री जिसमें आडियो, वीडियो, पीडीएफ वर्जन भी शामिल हैं बनाकर एप्रूवल के लिए एडमिन के पास भेज रहे हैं। एडमिन का एक पैनल जिला स्तर पर बनाया गया है जो सामग्री की गुणवत्ता को देखता है और इसके एप्रूवल के बाद यह बच्चों को भी नजर आने लगता है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि पढ़ई तुहर द्वार अभियान वरदान साबित हुआ है। हमारे पास जो सामग्री आई है वो काफी गुणवत्तापूर्वक है। इससे छात्र-छात्राओं को काफी मदद मिलेगी। श्री बघेल ने बताया कि आनलाइन कक्षाएं भी नियमित समय पर चलाई जा रही हैं जो बच्चों के लिए काफी उपयोगी हैं। बच्चों को होमवर्क भी दिया जा रहा है और वे होमवर्क को पूरा कर रहे हैं। श्री बघेल ने बताया है कि बस मोड बदला है अब फिजिकल डिस्टेंसिंग है लेकिन नालेज डिस्टेंसिंग नहीं है। सहायक संचालक श्री अमित घोष ने बताया कि बच्चे डिजिटल माध्यम में काफी रुचि ले रहे हैं। आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से पढ़ाई करना बच्चों के लिए बहुत अच्छा अनुभव होता है। यह उन्हें डिजिटली साक्षर बनाने के लिए भी उपयोगी है। साथ ही बच्चों के लिए ज्ञान का नया संसार खोल देता है और इंटरनेट के रचनात्मक पक्षों की समझ उन्हें प्रदान करता है। आनलाइन कक्षाओं के माध्यम से बच्चों को पढ़ा रही ऋतु सिन्हा, रश्मि नामदेव एवं मिलिंद चंद्रा ने बताया कि बच्चों का रिस्पांस बहुत अच्छा है। हमने लाकडाउन के समय का काफी रचनात्मक उपयोग कर लिया। सामग्री एप्रूवल करने वाले एडमिन ने चर्चा में बताया कि शिक्षकों से बहुत अच्छी सामग्री आ रही है। हमने अलग-अलग खंड को अलग-अलग शिक्षकों को सौंपा है। उनके अनुभवों से और पढ़ाने के नवाचार का लाभ भी इन वीडियो के माध्यम से मिलेगा। बहेबीववसण्पद एक ऐसा वेबसाइट है जिसमें बहुत अच्छी शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध होगी। उल्लेखनीय है कि बच्चों को मध्याह्न भोजन में किसी तरह की दिक्कत न आए, इसके लिए भी शिक्षा विभाग ने सभी बच्चों के घरों में निर्धारित सामग्री का राशन पहुंचा दिया है।
- दुर्ग : राज्य शासन ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के दौरान लाॅक डाउन की स्थिति में कृषि क्षेत्र मे छुट प्रदान की है। जिले में खरीफ सत्र के दौरान महत्वपूर्ण कृषि आदान बीज एवं उर्वरकों की उपलब्धता कृषकों को सुनिश्चित कराने के संबंध में जिले की सेवा सहकारी समितियों में खरीफ बीजों का भण्डारण 01 अप्रैल 2020 से प्रारम्भ कर अद्यतन जिले में 10671 क्विंटल धान बीज एवं 17120 मि.टन उर्वरकों का जिले की समस्त 59 समितियों में भंडारण किया गया है तथा जिले की कुल बीज मांग के विरूद्ध 50 प्रतिशत बीजों का भण्डारण माह- अप्रैल अंत तक किया जाना प्रस्तावित है। शेष बीजों का भंडारण निर्धारित समय सीमा मई अंत तक कर लिया जाएगा। खरीफ 2020 के लिए धान मोटा-2250 रु., धान पतला-2500 रु. तथा सुगंधित धान-2900 रु. की विक्रय दर निर्धारित की गई है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव हेतु समितियों से खाद एवं बीज वितरण हेतु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित द्वारा ग्रामवार रोस्टर प्लान तैयार किया गया है। इसके अलावा वितरण संबंधी जानकारी संबंधित समिति, शाखा एवं ग्राम पंचायतों के सूचना पटल पर चस्पा करने के साथ खाद एवं बीज वितरण हेतु सामाजिक दूरी का कड़ाई से पालन किया जावे साथ ही एक समय में एक ही कृषक की उपस्थिति सुनिश्चित की जावे, समिति प्रांगण एवं गोदाम के बाहर साबुन एवं स्वच्छ पानी की व्यवस्था की जावे तथा आगंतुक कृषकों को हाथ धोने उपरांत ही प्रवेश दिया जावे। उर्वरक विक्रय हेतु प्रयोग की जाने वाली पी.ओ.एस. मशीन कृषक का अंगुठा लगाया जाना होता है उसे भी सेनेटाईज किया जावे।वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव हेतु शासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशानुसार उचित सामाजिक दूरी बनाये रखते हुये तथा अनिवार्यतः मास्क पहन कर समितियों से बीजों एवं उर्वरकों का अग्रिम उठाव कर लें ताकि कृषि कार्य मानसून प्रारंभ होने पर कृषि आदान बीज एवं उर्वरक उठाव हेतु समितियों में अनावश्यक भीड़ न हो एवं कृषकों की मांग अनुरूप बीज एवं उर्वरक का भण्डारण-वितरण कराया जा सके।
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बुधवार तक कुल 3809 होम क्वारंटीन।2793 ने पूरी की क्वारंटीन की अवधि।शेष बचे 1001 क्वारंटीन्स की निगरानी जारी।अब तक नहीं मिला है एक भी कोविड पीड़ित।
मंगलवार से बुधवार तक की कोरोना रिपोर्टिंग के अनुसार अंतरराज्यीय स्तर की यात्रा कर लौटे लोगों में 91 नए संदिग्ध सामने आए और अंतरराष्ट्रीय प्रकरणों का आंकड़ा जस का तस रहा। वहीं, उक्त अवधि में दोनों मिला कर 99 लोग क्वारंटीन के दिन काट कर संदेही घेरे से बाहर निकलने में सफलता मिले हैं
महासमुंद : जिले में जारी कोरोना कंट्रोल के प्रयासों में चौबीस घंटों वाले तुलनात्मक पुराने और नए संदेहास्पद प्रकरणों की संख्या में कोई बड़ा अंतर दर्ज नहीं हुआ है। किन्तु आठ प्रकरणों की अल्प सकारात्मक बढ़त जरूर देखी गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसपी वारे ने बताया कि कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देशानुसार जिले में स्थापित किए गए कोरोना कंट्रोल रूम में तैनात स्वास्थ्य अमले द्वारा सतत निगरानी रखते हुए नवीनतम आंकड़ों के संदर्भ में जिला व राज्य स्तर पर प्रतिदिन आंकड़े संप्रेषित किए जा रहे हैं। इस ओर स्वास्थ्य विभाग के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम अंतर्गत तैयार की गई मंगलवार 21 अप्रैल से बुधवार 22 अप्रैल तक रात्रि आठ बजे तक मिले आंकड़ों के मुताबिक इन चौबीस घंटों में देश के अलग-अलग राज्यों से यात्रा कर महासमुंद लौटने वालों के 91 नए प्रकरण उजागर हुए, जिन्हें चिरायुदल द्वारा तत्काल होम क्वारंटीन कर लिया गया। वहीं, इस अवधि में विदेश यात्रा कर वापसी करने वालों का एक भी नया प्रकरण सामने नहीं आया। दूसरी ओर मंगलवार से बुधवार के बीच ही कुल 99 प्रकरण ऐसे प्रकरण समाने आए जिन्हें बाहर से यात्रा कर वापस लौटने के कारण अब तक कोरोना से संक्रमित होने के संदेह के घेरे में रखा जा रहा था, इनके क्वारंटीन की 28 दिवसीय अवधि पूरी होने पर संक्रमण संबंधी संदेहास्पद छबि समाप्त समझी जा रही है।उल्लेखनीय है कि प्राप्त आंकलन के अनुसार नियंत्रण को लेकर जारी प्रयासों के बलबूते जिला अब भी प्रदेश के उन चुनिंदा जिलों में स्थान बनाए हुए है। जहां अब तक न तो कोरोना वायरस के संक्रमण का फैलाव शुरू हुआ है और न ही कोविड 19 से पीड़ित एक भी के दर्ज होने की सूचना है।अब तक भेजे जांच नमूनों आधे निगेटिव आधे वेटिंग
इधर, शुरूआत से लेकर अब तक जिले से कोरोना की जांच के लिए राजधानी भेजे गए कुल 88 नमूनों में से 44 की रिपोर्ट आ चुकी है। जिनमें संक्रमण नहीं पाया गया। वहीं, एकमात्र निरस्त प्रकरण को छोड़ कर कुल 43 प्रकरणों में परिणाम अब भी लंबित है। डॉ आर के परदल ने बताया कि जिले में नमूना एकत्र करने का कार्य प्रगति पर है। जांच प्रक्रिया में समय लगने के कारण वर्तमान में आंकड़ों का अंतर बड़ा प्रतीत हो रहा है। किन्तु नई आधुनिक प्रणाली से कम समय में जांच कर लिए जाने की सुविधा मिलने के संकेत मिल रहे हैं। जिससे परिणाम मिले में विलंब होने की समस्या भी जल्द ही दूर की जा सकेगी। -
स्व-सहायता समूह द्वारा श्रमिकों एवं ग्रामीणों को दे रहे है निःशुल्क में माॅस्क
महासमुंद 23 अप्रैल 2020/ कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण ने देश में स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थिति उत्पन्न कर दी है। महासमुंद जिले के विकासखण्ड बागबाहरा में इसके कारण चिकित्साकर्मियों और पुलिस कर्मियों, सफाई कर्मचारियों, ग्रामीण अंचल में कार्यरत् श्रमिकों एवं ग्रामीणों के लिए मास्क, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण तथा फेस शील्ड चिकित्सीय सुविधाओं की आवश्यकता बढ़ा दी है। सरकार अधिकांश क्षेत्रांे में नागरिकों द्वारा भी मास्क का उपयोग किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है।पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एन.आर.एल.एम) के तहत महिला स्व सहायता समूहों द्वारा कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए हर संभव तरीके से योगदान देकर सामुदायिक योद्धाओं के रूप में सामने आई है। कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क सबसे पहला साधन है। बागबाहरा के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के मार्गदर्शन में 18 महिला स्व सहायता समूहांे ने मास्क बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। इन स्व सहायता समूहों द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं स्वास्थ्य विभागों के परामर्श तथा निर्देशों का पालन करते हुए 2-3 प्लाई बुने हुए काॅटन मास्क सहित विभिन्न श्रेणियों के लगभग सात हजार 925 मास्क तैयार कर चुके हैं, जिन्हें ग्रामीण अंचल में श्रमिकों एवं ग्रामीण परिवारों को निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। ग्राम पंचायत सिमगांव में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा मनरेगा में कार्य कर रहे लगभग 188 श्रमिकों को मास्क निःशुल्क वितरण किया गया तथा सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए कार्य करने की समझाईश दी गई। महिला स्व-सहायता समूह द्वारा समर्पित अपने-अपने समुदायों में साफ सफाई की सुरक्षित पद्धतियों को बढ़ावा देने संबंधी सामाजिक योगदान के माध्यम से अपनी आजीविका को बनाए रखते हुए ये महिलाए कोविड-19 के संक्रमण के खिलाफ समर्पण और निष्ठा के साथ लड़ रही है। -
महासमुंद 23 अप्रैल 2020/ राज्य शासन के महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजनांतर्गत जिला पंचायत महासमुंद के द्वारा बसना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम नवागांव एवं गनेकेरा में माॅडल गौठान का निर्माण किया गया है। जिला पंचयात के ए.पी.ओ. श्री प्रथम अग्रवाल ने बताया कि गौठान में प्रतिदिन लगभग 100 से 120 पशु आते हैं, गौठान में पानी टंकी और कोटना बनाई गई हैं। जिसे नियमित रूप से साफ-सफाई कर पशुओं को साफ पानी पिलाया जाता है, गौठान में बोर की सुविधा उपलब्ध है, गौठान में तीन स्व-सहायता समूह को रोजगार मिला है।
गौठान में 17 वर्मी बेड लगे हुए हैं, जिसमें वर्तमान में सभी बेड भरे हुए है तथा खाद निर्माण किया जा रहा है। समूह द्वारा कुल 100 क्ंिवटल खाद तैयार कर 40 क्विंटल खाद बिक्री किया जा चुका हैं, जिसमें से 60 क्विंटल बिक्री के लिए तैयार हैं। स्व-सहायता समूह को खाद के द्वारा 15 हजार की आमदनी हो चुकी है, जिसका पैसा उस समूह के खाते में सीधा जाता है, खाद तैयार करने में समूह द्वारा रूचि लिया जा रहा हैं। इससे और अन्य समूह भी इसमें रूचि लेकर काम करने का सोच रहे हैं। गौठान के सामने 10 एकड़ चारागाह का निर्माण किया गया है, जिसमें पशुओं को अनावश्यक जाने से रोकने के लिए सी.पी.टी. का खुदाई किया गया है, साथ ही चारागाह के एक क्षेत्र में ज्योति एवं कस्तूरबा स्व-सहायता समूह द्वारा बाड़ी विकास का कार्य किया गया है, जिसमें भिंडी, करेला, लौकी, खीरा, भाजी, भाटा, टमाटर सहित अन्य सब्जियाॅ लगाई गई हैं।गोठान में सब्जियां लगाने से समूह के आय में वृद्धि हुई है, जो इस कोरोना संकट माहमारी के कारण लाॅक डाउन की स्थिति में ग्रामवासियों की खाद्य आपूर्ति में अहम भूमिका आ रही हैं। गौठान में प्राधिकरण से चरवाहा कक्ष का, दवाचारा कक्ष तथा मछली पालन तथा जल स्टोरेज के लिए भू-तल जल भण्डार टैंक बनाया जा रहा है तथा चारागाह में सिंचाई के लिए ड्रीप इरीगेशन का कार्य किया जा रहा हैं। गौठान निर्माण बनने के बाद नवागांव में पशुओं की संख्या बढ़कर 189 हो चुकी है। गौठान में पशुओं को पशु विभाग द्वारा तथा चारवाहा द्वारा सही देख-रेख एवं समय-समय पर उपचार किया जा रहा है, जहां 63 पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान 33 पशुओं का बधिया करण और 561 पशुओं का टिकाकरण किया जा चुका हैं, जिसमें खुराचपका, गलघोटू शामिल है तथा 327 पशओं का उपचार किया जा चुका है। पशु चिकित्सा शिविर नवागांव गौठान में सात बार शिविर लगाया जा चुका है। ग्र्राम गौठान समिति द्वारा उक्त गौठान का उचित रूप से संचालित एवं देखरेख सुचारू रूप से किया जा रहा है। इससे गनेकेरा एवं नवागांव के ग्रामीण उत्साहित है। -
महासमुंद 23 अप्रैल 2020/ राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति द्वारा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे है। आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने बताया कि शिक्षण सत्र 2020-21 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को कक्षा छटवीं में प्रवेश के लिए चयन परीक्षा का आयोजन कर प्रावीण्यता के आधार पर 60 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। चयन परीक्षा 09 मई 2020 को आयोजित किया जाना था, जिसे संशोधित करते हुए प्रवेश परीक्षा 31 मई 2020 को प्रातः 10ः30 बजे से 12ः30 बजे तक आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं सावधानी को ध्यान में रखते हुए लाॅकडाऊन में वृद्धि के फलस्वरूप परीक्षा के आयोजन में परिवर्तन किया गया हैं। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में कक्षा 6वीं में प्रवेश के प्रावधान अनुसार कक्षा 5वीं में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण होना चाहिए, किन्तु कोविड-19 के संक्रमण के फलस्वरूप स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जनरल प्रमोशन दिए जाने के कारण उक्त शर्त को शिथिल किया गया है। -
महासमुंद 23 अप्रैल 2020/ छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना अंतर्गत जिले में कृषकों द्वारा बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत् बाड़ी कार्य किया जा रहा है। महासमुंद विकासखंड के ग्राम बम्हनी के प्रतिज्ञा महिला स्व सहायता समूह के महिलाओं द्वारा एकता एवं संगठन से लगभग दो एकड़ रकबा में सब्जी उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। एक ओर जहां लाॅकडाउन के कारण सभी लोग घरांे में बंद है, वहीं दूसरी ओर समूह की महिलाओं द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाड़ी में पौष्टिक सब्जियों के उत्पादन के लिए परिश्रम कर रही है। महिलाओं द्वारा बाड़ी में बरबटी, लौकी एवं करेला सब्जियों के अलावा लाल भाजी, अमारी भाजी तथा चेच भाजी सहित अन्य सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है।
महिला समूह की सदस्य श्रीमती सुशीला निषाद ने बताया कि उत्पादित हरी सब्जियों के स्वयं के उपयोग के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर करेला तीस-चालीस रूपए प्रति किलोग्राम, बरबटी दस रूपए किलोग्राम एवं लौकी दस रुपए प्रति नग के भाव से विक्रय किया जा रहा है, जिससे महिलाओं को अच्छी आमदनी मिल रही है। उद्यानिकी विभाग द्वारा समूह के महिलाओं को आदान सामग्री प्रदाय किया गया है तथा विभागीय मैदानी अमलें द्वारा समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है। इससे आत्मनिर्भर होकर महिलाएं सफलतापूर्वक सब्जी उत्पादन का कार्य कर रही हैं, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा हैं और यह रोजगार का जरिया बना है। इससे प्रतिज्ञा महिला स्व सहायता समूह के महिलाएं खुश है। -
जिले में 792 ग्राहकों एवं 75 विक्रेताओं ने कराया पंजीयन
महासमुंद 23 अप्रैल 2020/ कोरोना वायरस ;ब्व्टप्क्.19द्ध के संक्रमण की रोकथाम के लिए लाॅकडाउन के दौरान ताजे फल एवं सब्जी की घर पहुंच सेवा देने के लिये छ.ग. शासन द्वारा वेबपोर्टल ीजजचरूध्ध्बहींजण्पद बनाया गया है। जिससे जिले के समस्त नागरिक लाॅकडाउन के दौरान अपने घर में सुरक्षित रहकर उपरोक्त सुविधा के माध्यम का अधिक से अधिक उपयोग करें, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य प्रशासनिक नियमों का पालन हो सके।ये सभी सेवाएं जिले के समस्त नगरीय निकायों (तुमगाॅव को छोड़कर)े सभी जगह उपलब्ध है, वर्तमान में जिले में कुल 792 ग्राहक एवं 75 विक्रेताओं के द्वारा पंजीयन पूर्ण कर लिया गया है। आज नगरपालिका बसना में विक्रेता श्री हरिओम फ्रुट्स एण्ड कं. के द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री नारायण साहू द्वारा सामग्री प्राप्त कर भुगतान किया गया। -
महासमुंद 23 अप्रैल 2020/ राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना पढ़ाई तुहर द्वार योजना के तहत् कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के मार्गदर्शन में महासमुंद जिले में भी यह योजना प्रारंभ हो चुकी है। अभी तक जिले में लगभग 42 हजार विद्यार्थियों तथा सात हजार शिक्षकों का विभाग के वेब पोर्टल बहेबीववसण्पद में पंजीयन करा चुके हैं और लगातार पंजीयन में वृद्धि हो रही है । इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए जिले के 120 संकुलों में संकुल नोडल अधिकारियों का चयन किया जा चुका है तथा प्रत्येक ब्लॉक में विकास प्रभारी अधिकारी एवं विकासखंड नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी भी दी जा चुकी हैं।
पढ़ाई तुहर द्वार योजना के अंतर्गत कक्षा पहली से 12वीं तक के विद्यार्थी अपने घरों में बैठकर एंड्राइड फोन तथा सामान्य फोन के द्वारा विभिन्न विषयों के शैक्षणिक सामाग्रियांे को ऑडियो, वीडियो रूप में देख, सुन सकते हैं साथ ही चार स्तर पर ऑनलाइन कक्षाएं भी प्रारंभ हो चुकी है। पहले स्तर पर राज्य स्तर से उत्कृष्ट शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन अध्यापन कराया जा रहा है। दूसरे स्तर पर एससीईआरटी के विषय विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं ली जा रही है। इसी प्रकार जिले स्तर पर डाइट के द्वारा चिन्हित उत्कृष्ट शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं व ऑडियो, वीडियो सामग्री तैयार किया जाना है। विकासखंड, संकुल तथा स्कूल स्तर पर भी विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को जागरूक करके शिक्षकों द्वारा कक्षा लेने कहा गया है और इस पर अमल होना भी प्रारंभ हो चुका है।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को ध्यान में रखते हुए विषय विशेषज्ञों द्वारा वेबपोर्टल में ऑडियो, वीडियो, नोट्स तथा असाइनमेंट भी अपलोड किया जा रहा है, ताकि लॉक डाउन जैसे इस कठिन परिस्थिति में भी छात्रों की पढ़ाई में नुकसान ना हो इस पोर्टल में शिक्षकों द्वारा घर बैठे गृह कार्य देकर जांचने तक की सुविधा दी गई है। कोविड-19 जैसी गंभीर समस्याओं में भी छात्रों की पढ़ाई में कोई बाधा ना आए इस उद्देश्य से इस वेब पोर्टल में वर्चुअल क्लास का भी निर्माण किया गया है जिसमें स्कूल के शिक्षक व विद्यार्थी वर्चुअल कक्षाओं के द्वारा विषय का पढ़ाई करते हैं। यह योजना न केवल लाकडाउन की स्थिति में ही चलेगी वरन स्कूलों के खुलने के बाद भी एक दूसरे के पूरक बनकर कार्य करेंगे।
इस योजना का लाभ महासमुंद जिले के सभी स्कूली विद्यार्थियों के द्वारा लिया जा सकता हैद्य इसके लिए उन्हें सीजी स्कूल डॉट इन वेब पोर्टल बहेबीववसण्पद में जाकर मोबाइल नंबर व कुछ जानकारी के साथ विद्यार्थी के रूप में पंजीयन करना होगा। इसके पश्चात वह अपने मोबाइल नंबर व पासवर्ड की सहायता से लॉग इन करके अपलोडेड शैक्षणिक सामग्री व ऑनलाइन कक्षाओं में भाग ले सकता है। यदि किसी एक परिवार में 3 विद्यार्थी अलग-अलग कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं तो उन्हें एक ही मोबाइल नंबर का पंजीयन करना होगा और अलग-अलग कक्षाओं के विषय सामग्री तीनों विद्यार्थियों के द्वारा देखा जा सकेगा । अतः सभी जागरूक पालकों, अभिभावकों से आग्रह है कि छत्तीसगढ़ शासन के इस महती योजना का लाभ अपने पाल्यों को दिलाने में सहयोग करें। महासमुंद जिले में यह कार्य जिला शिक्षा अधिकारी श्री राबर्ट मिंज के निर्देशन तथा सहायक संचालक श्री सतीश नायर के मार्गदर्शन में एपीसी श्री पुरोहित सर, जिला नोडल श्री विवेक वर्मा, विकासखंड नोडल महासमुंद श्री राजेश्वर प्रसाद चंद्राकर, विकासखंड नोडल पिथौरा श्री अक्षय साहू, विकासखंड नोडल सरायपाली श्री अनिल प्रधान, विकासखंड नोडल बसना श्री अजय भाई तथा विकासखंड नोडल बागबाहरा श्री सुबोध तिवारी द्वारा मैदानी स्तर पर कार्य किया जा रहा है।
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महासमुंद 23 अप्रैल 2020/ विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना वायरस (कोविड-19) एक संक्रामका बीमारी है। इसके संपर्क से पीड़ित, संदेही से दूर रहने के निर्देश दिए हैं। अंतरर्राज्यीय से वापसी उपरांत स्वास्थ्य अमले को सूचना एवं क्वारन्टीन में रहने के लिए शासन प्रशासन द्वारा निरंतर निर्देश जारी किए जा रहे हैं। शासन के द्वारा भी यह निर्देशित किया गया है कि इससे बचने के सभी संभावित उपाय अमल में लाए जाए परन्तु तुमगाॅव के नेत्र सहायक अधिकारी श्रीमती सरोज मिश्रा द्वारा 31 मार्च 2020 को बिना किसी सूचना के मध्यप्रदेश के जिला रीवा के ग्राम डबोरा के प्रवास पर रही। इसके उपरांत वे वहां से आकर 02 अप्रैल 2020 को तुमगाॅव आकर उनके द्वारा कार्यलयीन कार्य सम्पादन किया गया। उसकी पुष्टि अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महासमुंद के प्रतिवेदन के अनुसार 20 अप्रैल 2020 से हुई हैं। श्रीमती सरोज मिश्रा को 02 अप्रैल 2020 से होम क्वारेन्टाईन में रखा गया था तथा उनके आवास में क्वारेन्टाईन किए जाने के संबंध में नोटिस चश्पा किया गया था। उनके द्वारा क्वारेन्टाईन अवधि में कार्यालय में उपस्थित होकर 03,04,07,08 एवं 09 अप्रैल 2020 को उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर कर अपने पदीय कर्तव्यों की अवहेलना एवं लापरवाही बरती गई।
इस पर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन द्वारा नेत्र सहायक श्रीमती सरोज मिश्रा के उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डिसीज कोविड-19 रेगुलेशन्स 2020 की धारा 14 के अन्तर्गत कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए जारी निर्देश का स्पष्ट उल्लंघन करने के कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया हैं। निलंबन अवधि में नेत्र सहायक अधिकारी श्रीमती सरोज मिश्रा तुमगांव का मुख्यालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सरायपाली निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह-भत्ते की पात्रता होगी। -
महासमुंद 23 अप्रैल 2020/कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण जिले के कमजोर परिवारों, निःशक्तजनों, आश्रयहीन लोगों के समक्ष भोजन और राशन की समस्या खड़ी कर दी है। ऐसे लोगों को भोजन की दिक्कत नहीं हो इसके लिए कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देशन पर जिला प्रशासन द्वारा डोनेशन ऑन व्हील अभियान की शुरुआत की गई हैं। डोनेशन आॅन व्हील में जिले के अनेक समाजसेवी संस्थाएं, नागरिक और संगठन बढ़ चढ़कर राशन सामग्री एवं राशि दान कर रहे हैं।
जिला प्रशासन द्वारा इन राशन सामग्रियों को जरूरतमंदों के घर तक पहुँचा कर उन्हें लाभान्वित कर रहे हैं। इस कड़ी में आज महासमुद के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी, नायब तहसीलदार श्री देवेन्द्र कुमार नेताम एवं उनके टीम ने महासमुंद विकासखंड के ग्राम अचानकपुर, खड़सा, मोहकम, पीढ़ी, सिरपुर, मरौद, नांदबारू केसरडीहि, चुभरी, अमलौर के कमारडेरा एवं खैरवारडेरा में पहुॅचकर 42 परिवारों को जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए राशन सामग्रियों के पैकेट, माॅस्क का वितरण किया गया।
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हर दिन डेढ़ सौ से दो सौ घरों तक पहुंच रहा राशन, सब्जी, दवाई, चार सौ लीटर दूध की भी प्रतिदिन आपूर्ति
मुख्यमंत्री श्री बघेल भी कर चुके हैं कलेक्टर श्रीमती कौशल की इस व्यवस्था की सराहना
कोरबा 23 अपे्रल 2020/ लाॅक डाउन के दौरान कटघोरा में सभी दुकानें और प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद हैं। इस पर भी लोगों को राशन, दवाई, सब्जी, दूध जैसी दैनिक उपयोग की चीजों के लिए किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। लोगों को घर बैठे पर्याप्त मात्रा में अपनी जरूरत के अनुसार सामाग्री उपलब्ध हो जा रही है। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इसके लिए विशेष रूप से घर पहुंच सेवा शुरू की है। वाट्सएप्प पर आर्डर लेकर कैश आॅन डिलेवरी सिस्टम से लोगों तक घर बैठे जरूरत की चीजों को पहुंचाने की इस सुविधा ने कटघोरा में लाॅक डाउन को पूरी तरह से लागू कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोरोना प्रभावित लोगों तक समय पर जरूरत का सामान पहुंच जाने से उनमें शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। लोगों में कोरोना से लड़ाई के लिए एक सकारात्मक माहौल और शासन-प्रशासन को हर संभव सहयोग की भावना भी जागृत हुई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भी वीडियो कांफे्रंसिंग के माध्यम से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के कामों की समीक्षा के दौरान कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की इस व्यवस्था की सराहना की थी और इसे जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों द्वारा भी उपयोग करने की सलाह दी थी।
छत्तीसगढ़ के कोरोना संक्रमण प्रभावित रेड जोन में शामिल कटघोरा शहर में पहला कोरोना पाजिटिव मिलने के साथ ही पूरी तरह लाॅक डाउन कर दिया गया है। संक्रमण को अन्य इलाकों और लोगों में फैलने से रोकने के लिए सभी इंतजाम जिला प्रशासन द्वारा किये गये हैं। लोगों को अपने घरों से निकलने की मनाही के साथ-साथ इलाके का सेनेटाईजेशन, संदिग्ध लोगों की सेंपलिंग और संक्रमित लोगों को ईलाज के लिए एम्स रायपुर पहुंचाने के साथ-साथ प्रशासन ने सभी जरूरी व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने लाॅक डाउन शुरू होेते ही इस इलाके में राशन, दवाईयां, सब्जियों, दूध जैसी अति जरूरी चीजों की सप्लाई के लिए घर पहुंच सेवा शुरू करवा दी थी। 60 वालिंटियर लोगों के घरों तक जरूरत का सामान, दवाई, दूध आदि रोज पहुंचा रहे हैं। इलाके में हर रोज औसतन 400 घरों तक वालिंटियरों की पहुंच है। प्रतिदिन लगभग साढ़े चार सौ लीटर दूध घर पहुंच सेवा के तहत सप्लाई किया जा रहा है। राशन मांग अनुसार पैकेट बनाकर लोगों के घरों तक पहुंचाया जा रहा है। सब्जियों की बिक्री भी पचास रूपये, 100 रूपये और 200 रूपये के किट के रूप में घरों तक पहुंचाकर की जा रही है। इस व्यवस्था के लिए कटघोरा के चिन्हांकित राशन दुकानों और मेडिकल स्टोर्स का वाट्सएप्प गु्रप बनाया गया है और इनके नंबर सार्वजनिक किए गये हैं। कटघोरा में बने कंट्रोल रूम से भी लोगों को मांग के अनुसार अपने आर्डर करने के लिए इन नंबरों पर ही संपर्क करने की सलाह दी जाती है। लोग इन नंबरों पर अपना आर्डर वाट्सएप्प के माध्यम से दर्ज कराते हैं और संबंधित वालिंटियर सामान्य दरों पर सामाग्री घरों तक पहुंचा देते हैं।
दूध और सब्जी की घर पहुंच सेवा के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था की गई है परंतु इन दोनों चीजों के लिए भंडारण और निगरानी का काम प्रशासन की देखरेख में किया जा रहा है। कटघोरा के हाई स्कूल में लाजिस्टिक सेंटर स्थापित किया गया है। आसपास के दूध एवं सब्जी उत्पादक किसान इस लाजिस्टिक सेंटर में अपने उत्पाद लेकर आते हैं। वाट्सएप्प गु्रप पर आर्डर के हिसाब से दूध और सब्जियों की पैकिंग कर उन्हें मांग अनुसार लोगों के घरों तक पहुंचाया जाता है। भुगतान केैश आॅन डिलेवरी होता है। इस व्यवस्था से कोरोना संक्रमित क्षेत्र में एक ओर जहां अति आवश्यक चीजों की सरल, सुगम और मांग अनुसार आपूर्ति सुनिश्चित हुई है वहीं दूसरी और लोगों का इन चीजों के लिए घर से बाहर नहीं निकलने पर लाॅक डाउन का पूरी तरह पालन कराने में प्रशासन को बड़ी मदद मिली है। कोरोना संक्रमण को कटघोरा में एक क्षेत्र तक ही सीमित रख पाने में अति आवश्यक चीजों की आपूर्ति के लिए बनाई गई इस बेहतरीन व्यवस्था का भी बड़ा योगदान रहा है।
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लगभग बीस किसानों ने एक दिन में छह हजार रूपये से अधिक की सब्जी बेची
कोरबा 23 अपे्रल 2020/ जुराली के सब्जी उत्पादक किसानों की एक बड़ी समस्या का निराकरण कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कर दिया है। कसनिया-बरभाठा-ढेलवाडीह बाईपास- जेंजरा चैक होकर जुराली की सब्जी आज सुबह कटघोरा पहुंची। हाईस्कूल के लाॅजिस्टिक सेंटर में भण्डारित की गई इस सब्जी को पचास रूपये, एक सौ रूपये और दो सौ रूपये के पैकेट के रूप में मांग अनुसार कटघोरा के कोरोना प्रभावित इलाकों में लोगों को घर पहुंचाकर उपलब्ध कराया जा रहा है। आज एक ही दिन में जुराली के लगभग 20 किसानों ने छह हजार रूपये से अधिक की सब्जी बेच ली है।
कटघोरा के वार्ड नंबर 10 एवं 11 में कोरोना संक्रमण के कारण पूरी तरह लाॅक डाउन है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए वार्डों की गलियों पर भी बेरिकेटिंग लगाकर आवागमन रोक दिया गया है। वार्ड नंबर दस से लगे वार्ड नंबर 13 जुराली के किसान अपनी घर बाड़ियों में बड़ी मात्रा में सब्जी उत्पादन करते हैं। जुराली की यह सब्जी वार्ड नंबर 10 के रास्ते कटघोरा शहर में बिकने को आती थी। कोरोना संक्रमण का मुख्य केंद्र बनने के बाद वार्ड नंबर 10 से सब्जियां शहर में आना बंद हो गई थी जिससे जुराली के किसानों को सब्जियां बेचने में परेशानी होने लगी थी। इस बात की सूचना मिलने और स्थानीय अखबार में प्रकाशित खबर को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जुराली की सब्जी कटघोरा तक लाने के लिए वैकल्पिक मार्ग खोजने के निर्देश अधिकारियों को दिए। विचार विमर्श के बाद किसानों के हित में कलेक्टर ने कसनिया-बरभाठा-ढेलवाडीह बाईपास- जेंजरा चैक होकर कटघोरा तक जुराली की सब्जी लाने के लिए रास्ता तय कर दिया है। जुराली से चार पहिया वाहन में हर रोज इसी रास्ते से सब्जियां अब कटघोरा शहर आयेंगी। आज संपत लाल, दिनेश, बसंत, उत्तम, शत्रुघन, शिवकुमार, मितलाल, छोटे आदि लगभग 20 किसानों ने बैगन, खीरा, लौकी, बरबट्टी, टमाटर, भिंडी, डोड़का आदि लगभग 15 क्विंटल सब्जियां कटघोरा शहर भेजीं। इसमें से लगभग छह हजार रूपये की सब्जी एक दिन में ही बिक गई है। किसानों का कहना है कि अब रास्ता तय हो जाने से सब्जियां कटघोरा तक पहुंच जायेंगी और लाॅक डाउन की इस स्थिति में किसानों को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
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अब तक दो हजार 598 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव, 20 मरीज ठीक भी होकर लौटे
लगभग सात सौ सेम्पलों की रिपोर्ट आना बाकीकोरबा 22 अपे्रल 2020/ कोरोना को लेकर पिछले एक हफ्ते से कोरबा जिले के लिए अच्छी खबर हैं। पिछले एक हफ्ते में कोरबा जिले से एम्स रायपुर और मेडिकल कालेज रायपुर भेजे गये कोई भी सेम्पल कोरोना की जांच में पाजिटिव नहीं आया है। पिछले पांच दिनों में हुई जांच में कोरबा जिले के एक हजार 160 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव मिली है इसे मिलाकर जिले में अब तक दो हजार 598 लोगों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। कोरोना संक्रमण की जांच के लिए जिले से तीन हजार 327 सेम्पल रायपुर भेजे गये हैं, इनमें से दो हजार 628 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। केवल 28 लोग ही इस जांच में संक्रमित पाये गये हैं। लगभग 700 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। दो सेम्पल तकनीकी कारणों से अमान्य किये गए है। अब तक कोरबा जिले के 20 कोरोना संक्रमित मरीज ईलाज के बाद ठीक होकर वापस लौट आये हैं। ठीक होने वाले मरीजों में एक कोरबा शहर और बाकी 19 कटघोरा के हैं। रायपुर एम्स में वर्तमान में कटघोरा के आठ कोरोना संक्रमितों का ईलाज चल रहा है। उनका स्वास्थ्य तेजी से सुधर रहा है और जल्द ही उनके भी स्वस्थ्य होकर वापस लौटने की उम्मीद है। -
कोरोना वायरस को हराने मितानिन कर रही गृह भ्रमण
बुखार, सूखी खांसी, हांफना, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों का मितानिन द्वारा सर्वे
रायपुर, 23 अप्रेल 2020। कोरोना वायरस के समुदाय में संक्रमण को रोकने के लिए इसके शुरुआती लक्षण के आधार पर मितानिन द्वारा राजधानी के शहरी इलाके के घर-घर सर्वे किया जा रहा है। लॉक डाउन के दौरान सोशल डिसटेंसिंग को कारगर मानते हुए महामारी के संक्रमण के फैलाव को रोकने लोगों में सूखा खांसी, सांस लेने में तकलीफ, हांफनाव बुखार आने जैसे लक्षणों की पहचान जा रही है।
रायपुर व बीरगांव नगर निगम क्षेत्र में 20 मार्च से शुरु हुए परिवार भ्रमण अभियान में 22 अप्रेल तक 1 लाख परिवारों के 5 लाख से ज्यादा लोगों का सर्वे किया गया। कोरोना वायरस से संबंधित 30 मार्च तक कुछ लोगों में सूखी खांसी व बुखार के मामूली लक्षण मिले जिनका स्थानीय स्तर पर इलाज करा लिया गया। वहीं एक अप्रेल से 22 अप्रेल के बीच में इस तरह के लक्षण कोई भी परिवार में नहीं मिला है।
शहरी मितानिन प्रोग्राम के कॉडिनेटर सुश्री रानू मिंज ने बताया, शहरी क्षेत्र में लगभग 10,155 मितानिनों द्वारा रोजाना परिवार भ्रमण कर समुदाय व पारा स्तर पर सर्वे कर लोगों को जागृत किया जा रहा है। वहीं सर्वे के दौरान कोरोना वायरल को लेकर कोई भी लक्षण नजर आने पर तत्काल संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक को मरीज का रिपोर्ट भेजा जाता है। मितानिन कॉडिनेटर सुश्री मिंज ने बताया, रायपुर व बीरगांव नगर निगम क्षेत्र में 2.20 लाख परिवारों के लगभग 17 लाख की जनसंख्या निवासरत् हैं। राज्य शासन द्वारामितानिनों को कोरोना वायरस के संदर्भ में कार्य करने के लिए प्रोत्साहन राशि भी प्रदान किया जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण से समुदाय के बचाव के लिए वर्तमान परिदृश्य में व्यापक समुदायिक जागरुकता की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा समुदाय में संक्रमण के फैलाव की संभावना को कम करने के लिए समुदाय व पारा स्तर पर क्रियांवित की जाने के लिए आवश्यकता दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। सर्वे को लेकर इलाकों का चयन व गतिविधियों के क्रियांवयन का दायित्व खंड चिकित्सा अधिकारियों को सौंपा गया है जो मितानिन ट्रेनर एवं खंड समन्वयकों के माध्यम से मितानिनों से संपर्क बनाये हुए हैं। संपूर्ण गतिविधियों के लिए मार्गदर्शन एवं कार्य की निगरानी सुनिश्चित करेंगे।
रायपुरा क्षेत्र के मितानिन ट्रेनर श्रीमति सरिता साहू ने बताया मितानिनों द्वारा उनके निर्धारित परिवारों में भ्रमण का कार्य को पूरा करने लॉकडाउन अवधि में पूर्ण करने की कार्य योजना बनाई गयी है। उन्होंने बताया कोरोना संक्रमण एवं इससे बचाव के संबंध में प्राप्त प्रशिक्षण व पाम्पलेट के आधार पर समुदाय को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना। मितानिन ट्रेनर ने बताया रायपुरा वार्ड में 21 मितानिन परिवार भ्रमण कर सर्वे कार्य में जुटी हुयी हैं। मितानिनों द्वारा रायपुरा में कुल 3130 घरों में निवासरत 13320 लोगों का सर्वे कर बुखार,सूखी खांसी जैसे लक्षणों की जांच की जा रही है। वार्ड में अब तक 70 प्रतिशत परिवारों का मितानिनों ने परिवार भ्रमण कर लिया है। उन्होंने बताया, इस दौरान विगत 14 दिवसों में यात्रा किये हुए व्यक्तियों एवं कोरोना पॉजिटिव प्रकरण के संपर्क में आये व्यक्तियों को चिंहांकित कर स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जा रहा है।
होम क्वारेंटिन किये गये व्यक्तियों द्वारा घर में रहने की समझाइश का पालन हो, इसके लिए फॉलोअप करने की जिम्मेदारी मितानिनों को दी गई है। शहरी क्षेत्रों में महिला आरोग्य समिति के सदस्यों के माध्यम से समुदाय की सहभागिता कोबढाया जा रहा है। मितानिनों द्वारा परिवार भ्रमण में इन परिवारों या व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी। होम (गृह)क्वारेंटिन में रखे गये व्यक्ति, विगत 15 दिवसों में यात्रा किये व्यक्ति, 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति,व्यक्ति जिनमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग अथवा सांस संबंधित रोग होने पर सावधानियां बनाए रखना हैं।
मितानिनों द्वारा जागरुकता व परिवार भ्रमण कार्य -
कोरोना संक्रमण पर समुदाय को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना।
संक्रमण के लक्षणों, इसके फैलने के तरीके, बचाव के उपाय ।
विशेष कर साबुन से बार-बार हाथ धोना।
मुंह-नाक ढकना एवं 6 फुट की दूरी बनाये रखने की जानकारी देना एवं अभ्यास करवाना।
व्यक्तियों में संक्रमण के लक्षण का पता लगाकर खंड चिकित्सा अधिकारी को सूचित करना।
मुहल्ले में जिन व्यक्तियों के जांच के लिए नमूने लिये हों उसका फॉलोअप करना।
वृद्व जनों एवं लम्बी बीमारियों से पीडि़त व्यक्तियों के स्वास्थ्य की स्थिति का पता लगाना।
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बिश्रामपुर के राहत शिविरों और कुंजनगर का निरीक्षण कर बांटे कपड़े, मास्क और मजदूरी राशि, कार्यों की सराहना कर किया प्रेरित
सूरजपुर 23 अप्रैल 2020/आज जिले में राहत कार्यों का निरीक्षण करने और कोरोना महामारी के नियंत्रण व रोकथाम के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लेने सरगुजा कमिश्नर श्री इमिल लकड़ा के द्वारा सूरजपुर के विभिन्न हिस्सों के राहत शिविरों का भ्रमण किया गया। इस दौरान कलेक्टर श्री दीपक सोनी के द्वारा बिश्रामपुर ग्लोब्स स्कूल में स्थापित किए गए राहत शिविर का भ्रमण कराया जहां प्रशासन के सहयोग से बम्बू ट्री गार्ड निर्माण का कार्य भी किया जा रहा है। यहां पहुंच कर कमिश्नर श्री लकड़ा ने कार्यों का निरीक्षण करते हुए राहत शिविर में ठहरे हुए श्रमिकों को कपड़े, मास्क भेंट करने के साथ ही बम्बू ट्री गार्ड के कार्य के लिए मजदूरी राशि का वितरण किया। यहीं रुके हुए श्रमिक के बच्चे शरद को मिठाई, बिस्किट और कपड़े दिये गये।
इसके अलावा कुंजनगर में सेनिटाइजर निर्माण के कार्यों का निरीक्षण करते हुए श्री लकड़ा ने मीठी महिला ग्राम संगठन की महिलाओं से बात कर विभिन्न रंगों के बनाए जा रहे सेनिटाइजर की विधि जानी और कार्यों कि सराहना करते हुए नेक कार्यों को करते हुए इसी तरह आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया। संगठन की महिलाओं ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से अबतक 1700 लीटर सेनिटाइजर बनाया जा चुका है जिसमें 880 लीटर सेनिटाइजर जिला चिकित्सालय को प्रदाय किया गया है और मांग पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
कमिश्नर श्री लकड़ा ने निरीक्षण के दौरान कहा कि यहां किए जा रहे कार्य और जिला प्रशासन की पहल अन्य के लिए उदाहरण है उन्होंने कार्यों से प्रभावित होते हुए जिला प्रशासन और कलेक्टर दीपक सोनी के कार्यों की सराहना की है।
इस दौरान सरगुजा उपायुक्त श्री महाबीर राम, एसडीएम सूरजपुर श्री पुष्पेन्द्र शर्मा एवं तहसीलदार सूरजपुर श्री नंदजी पाण्डेय, नायब तहसीलदार गरिमा ठाकुर उपस्थित थे।
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बेमेतरा 23 अप्रैल 2020:-कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव व रोकथाम के लिए बेमेतरा जिले के समस्त नगरीय सीमा क्षेत्र के लिए 03 मई 2020 तक धारा 144 लागू किया गया है। राज्य शासन के निर्देशानुसार घोषित लाकडाउन मे चिन्हित जिले के भीतर कंटेन्मेंट जोन को छोड़कर बचे हुए शेष क्षेत्रों मे 20 मई से अतिरिक्त गतिविधियांे के संचालन की अनुमति के संबंध मे दिशा निर्देश जारी किए है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि जिले मे होने वाली शादी-ब्याह एवं अन्त्येष्ठि/अंतिम संस्कार से संबंधित आयोजनांे की स्वीकृति/अनुमति के लिए संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सौंपा गया है। अधिकारियों को अनुमति जारी करने के पूर्व कुछ बातों को सुनिश्चित करना होगा जिसमे, सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्ण रुप से पालन हो, आयोजन मे उपस्थित होने वाले व्यक्तियों को अनिवार्य रुप से मास्क का उपयोग करना होगा, आयोजनों मे व्यक्तियों की अधिकतम संख्या 20 से ज्यादा नही होगी, ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग नही किया जयेगा एवं ऐसे आयोजनो की स्वीकृति की सूचना संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी को अनिवार्य रुप से देना होगा। -
बेमेतरा जिले के 314 ग्राम पंचायतों में 62 हजार 130 मजदूर कार्यरत
बेमेतरा 23 अप्रैल 2020:- राज्य शासन के निर्देशानुसार एवं कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल के मार्गदर्शन सेें जिले में लगातार महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत वर्तमान में चले रहे बेमेतरा जिले के 429 ग्राम पंचायतों मे से 314 ग्राम पंचायतों में 62 हजार 130 कार्यरत मजदूरों के कार्यस्थल पर कोविड-19 के संबंध में सुरक्षा हेतु मास्क, साबुन के उपयोग करने एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किये जाने के संबंध में जानकारी दी।जिला पंचायत बेमेतरा से प्राप्त जानकारी के अनुसार महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत जनपद पंचायत बेरला के तहत ग्राम पंचायत सरदा, देवरी, खर्रा, कुसमी, बहेरा में चल रहे तालाब निर्माण, निजी डबरी, तालाब गहरीकरण कार्य, गौठान निर्माण, टारनाली निर्माण कार्यो का निरीक्षण श्रीमती रीता यादव मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा किया गया। - आमजनों सहीत बड़ी संस्थाएॅबनेंभागीदार, कर रहें राषन से लेकर दैनिक उपयोग की समाग्रियों का दानसूरजपुर : राज्य शासन के मंषानुसार गरीब वर्गो सहित दिहाड़ी श्रमिकों को लाॅकडाउन में राहत पहुॅचाने के लिए तमाम जद्दोजहद में जिला प्रसाषन निरंतर मुस्तैद होकर कार्य कर रहा है। कोरोना वायरस की रोकथाम व नियंत्रण के लिए लाॅकडाउन को अधिक प्रभावी बनाने के साथ ही राहत कार्य को प्राथमिकता से क्रियान्वित करने के लिए अभिनव पहल बतौर कलेक्टर श्री दीपक सोनी के द्वारा डोनेषन आॅनव्हील का प्रारंभ किया है जिसमें इच्छुक व सक्षम व्यक्ति अथवा संस्थाओं को दान करने अपील की गई थी। कलेक्टर की अपील के बाद बड़ी संख्या में स्वस्फुर्त होकर लोगो और बड़ी संस्थाओं ने आगे आकर राषन सामग्री के साथ दैनिक उपयोग के समानों का दान किया है, जिसे डोनेषन आॅनव्हील के माध्यम से जरूरतमंद लोगों तक घर पहुॅच सुविधा के साथ मुहैया कराया जा रहा है।इस पुनित कार्य में नित्य दिन संस्थाओं और लोगों के द्वारा दान दिया जा रहा है इसी क्रम में पास्टरसाम फिलिप संस्था एलिमप्रेयर बिश्रामपुर के द्वारा डोनेषन आॅनव्हील में 30 पैकेट खाद्य सामग्री उपलब्ध कराया गया है। प्रत्येक पैकेट में 5 किलो चांवल, आधा किलोग्राम दाल, 250 मि.ली. तेल, आधा किलो आलू, प्याज और मसाले शामिल हैं।इसके अतिरिक्त राइस मिलर्स सूरजपुर सेंटर के द्वारा 151 नग पैकेट राशन प्राप्त प्रदाय किया गया है जिसमें चांवल 5 किलो, अरहर दाल आधा किलो, आटा 2 किलो, नमक 1 किलो, तेल 200 मिली, हल्दी 100 ग्राम, धनिया 100 ग्राम, साबुन 1 नग, बिस्किट 2 पैकेट दिया गया है। इसके अलावा सक्षम व्यक्तियों में श्री समयलाल के द्वारा आलू 2 किलो, श्री सत्यप्रकाश ने आलू 2 किलो, श्री सत्यनारायण ने कटहल 2 किलो, श्री दयाशंकर ने आलू 8 किलो, श्री रामसाय ने आलू 4 किलो, श्री बुद्धू राम ने आलू 2 किलो, श्री कामेश्वर ने आलू 5 किलो, श्री राजेश ने आलू 6 किलो, श्री हरदेव ने आलू 5 किलो, श्री राजू ने आलू 5 किलो, श्री महेश्वर ने बैगन 5 किलो अपनी स्वेच्छा से दान किए हैं।इसके साथ ही कार्यालय उद्यान अधीक्षक सोनपुर के सहयोग से कृषकों के द्वारा लाॅकडाउन में फंसे लोगों की मदद के लिए सब्जी दान किया गया है। जिसमें कृषक श्री विजय कुमार सिंह ने आलू 10 किलो, श्री गुलाममुस्तफा ने पत्तागोभी 5 किलो, श्री तुलेश्वर साहू ने मिर्ची 10 किलो, श्री लक्ष्मी राम ने लालभाजी 3 किलो, देवंती ने लौकी 2 किलो, श्री रामकुमार ने भिंडी 2 किलो, श्री सोनू ने टमाटर 2 किलो, श्री संजय ने बैगन 1 किलो, श्री निक्कू ने भिंडी 1 किलो, श्री अगस्त ने बरबट्टी 1 किलो, त्रिलोक ने परवल 1 किलो, नवीन ने लौकी, पत्तागोभी, बैगन 5 किलो, आशिव ने भिंडी आधा किलो, मुनेश्वर ने बैगन आधा किलो, राहुल ने डोड़का आधा किलो, खलील मोहम्मद ने लौकी, गोभी, परवल, मूली 6 किलो, समयलाल ने आलू 2 किलो, सत्य प्रकाश ने आलू 2 किलो, दयाशंकर ने आलू 5 किलो, रामसाय ने आलू 5 किलो एवं उद्यान विभाग सोनपुर से केला, प्याज 10 किलोग्राम अपनी स्वेच्छा से दान किया गया। विकाखंड भैयाथन उद्यानिकी विभाग के सहयोग से किसानों के द्वारा दान किया गया सब्जियों को डोनेषन आॅनव्हील के माध्यम से लाकडाउन में फंसे झिलमिली और दर्रीपारा के श्रमिकों को उपलब्ध कराया गया है। इस मुहिम का हिस्सा बनने एवं सहयोग करने के लिए इस मोबाईल नम्बर 7000484068, 9926480936 व 9826604070 पर संपर्क कर दान कर सकते है।
- मध्यान्ह भोजन के जगह दिया जा रहा सूखा राशन व सोयामिल्क, जागरूकता अभियान का भी हो रहा प्रसारसूरजपुर : वैश्विक महामारी का रूख इख़्तियार कर चुके कोरोना वायरस संक्रमण व प्रभाव से सभी वर्ग को सुरक्षित रखने के लिए लाॅकडाउन लागू होने के साथ सभी संस्थानों को आगामी निर्देश तक बंद रखने के निर्देश सें विद्यालयों को भी बंद कर दिया गया है।इन विद्यालयों में शामिल प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय में अध्यनरत छात्रों के शारीरिक विकास को बढ़ाने के लिए मिड डे मील योजना अंतर्गत मध्यान्ह भोजन के साथ प्रदेश में सोयामिल्क वितरण हो रहा था, अचानक विद्यालयों के बंद होने पर जिलें में संचालित 1412 प्राथमिक विद्यालयों के 65743 छात्र, वहीं 564 माध्यमिक स्कूलों में 35895 अध्यनरत छात्रों के शारीरीक विकास में अहम भूमिका निभा रहे मिड डे मील को लाॅकडाउन अवधि में 40 दिनों का सूखा पौष्टिक समाग्रीयों व सोयामिल्क को सुरक्षा मानको का पालन करते हुए वितरण करनें से संबंधित निर्देश दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी विनोद राय ने बताया है कि राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के परिपालन में शत् प्रतिशत छात्रों तक 40 दिनों का मिड डे मील की समाग्रीयों को वितरण के दौरान शिक्षकों और अभिभावकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के गाइड लाइन का सख्ती से पालन कर प्रदान किया गया है। इसके लिए लॉकडाउन के अवधि में 03 अप्रैल सेंजिलें में कक्षा पहली सें आठवीं तक के छात्रों को मध्याह्न भोजन की सूखीसमाग्रीडोर टू डोर पहुंचाने की मुश्किल चुनौती को डीएमसी शशिकांत सिंह सहित शिक्षकों के संयुक्त प्रयास सें नियमित मानिटरिंग कर किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य लाकडाउन के अवधि में नौनिहालों के शारीरक विकास में सबसे अहम भूमिका निभाने वाला मिड डे मिल का सूखा अनाज सोयामिल्क पिलाया जा रहा है।उक्त संबंध में डीएमसी शशिकांत सिंह ने बताया है कि जिले के ओड़गी, भैयाथान, प्रेमनगर, प्रतापपुर, सूरजपुर, रामानुजनगर ब्लॉक के शिक्षको द्वारा सूखे मध्यान्ह भोजन का पैकेट बनाकर और मास्क लगा कर ठेला, मोटरसायकल, चार पहियावाहनो में खाद्यान रखकर पंचायतों के हर मोहल्ले, पारा व बस्ती में वितरण के लिए रवाना किया गया है। खाद्यान्न वितरण के दौरान शिक्षको द्वारा घर-घर जाकर सुरक्षित तरीके से समाग्रीयां उपलब्ध कराने के साथ बच्चों को सुगंधित पौष्टिक सोया दूध भी पिलाया जा रहा है। इसके साथ साथ छात्रों व परिवार के सदस्यों कोरोना वायरस के खतरे और उससे बचाव के तरीकों से अवगत कराया जा रहा है। यह घर पहुंच सुविधा को तब तक जारी रखा जाएगा जबतक हर बच्चे तक राशन ना पहुंच जाये। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भूपेशबघेल के निर्देश पर 30 अप्रैल तक कुल 40 दिन की अवधि तक मिड डे मील के तहत मध्यान्ह भोजन की सामिग्री उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। यह मध्यान्ह भोजन 40 दिन का सूखा दाल और चावल बच्चों के पालकों को स्कूल से प्रदाय के साथ प्रति दिवस 100 मिली. सोयामिल्क षिक्षकों की उपस्थिति में पिलायें जाने के निर्देष दिये गये हैं। प्राथमिक शाला के प्रत्येक बच्चे को 4 किलोग्राम चावल और 800 ग्राम दाल तथा उच्चतर माध्यमिक शाला के प्रत्येक बच्चे को 6 किलोग्राम चावल और 1200 ग्राम दाल दिया जाना है। जिसमें प्राथमिक और मिडिल स्कूलों को मिलाकर दर्ज संख्या अनुसार 97638 छात्र हैं। इन छात्रों को घर-घर में जाकर राशन प्रदान किया जा चुका है।घरों पर आनलाईन पढ़ई तुंहर दुआरसेंशैक्षणिकपरिवेश में अहम बदलाव का बन रहा माध्यम -लाॅगडाउन अवधि में छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रभाव ना पड़े इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेशबघेल जी द्वारा बीते दिनों आनलाईन रूप से कक्षा 01 सें 10 तक के छात्रों के अध्ययन से जुड़ी सभी विषयों की पुस्तकों के साथ आनलाईन रूप से सोशल मीडिया के माध्यम से संवाद छात्र व शिक्षको के मध्य हो इसके लिए भी कार्य किया जा रहा है। इस गतिविधि का प्रत्यक्ष पहलू यह उभर कर सामने आ रहा है कि विद्यालय बंद होने से छात्र घरों पर उबाऊ व निरासापन सें बाहर आकर पूरे मनोयोग के साथ घरों पर पढाई शुरू कर दिए हैं। वहीं इसके वजह से छात्रों के परिजनों में भी इसके प्रति रूचि बढ रही हैं, जो पूर्व के समय में छात्रों की पढाईसें संबंधित प्रगति पर शिक्षकों के भरोसे छोड़ने से छात्रों की प्रतिभा में निखार आशा अनुरूप विकसित नहीं हो पाती थी। लेकिन राज्य सरकार द्वारा लाकडाउन में घरो पर छात्रों की पढाई के माध्यम में एक बड़ी बदलाव की शुरुआत पढ़ई तुहर दुआर के माध्यम से किया गया है जो अल्प अवधि में छात्रों के घरों पर शैक्षणिकपरिवेश निर्माण सें शासकीय शिक्षा के प्रति नकारात्मक धारणाओं को खत्म करते हुए, छात्रों के प्रतिभा में निखार लाने में शिक्षको के साथ परिजनों में भी अहमियत बढने से निखरेगी ।
- सूरजपुर : नगरीय निकाय क्षेत्रों में कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव के लिए कलेक्टर श्री दीपक सोनी के निर्देषन में जिले के सभी निकायों सूरजपुर, विश्रामपुर, प्रतापपुर, भटगांव, जरही सहित प्रेमनगर के वार्डो में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण एवं सुरक्षा हेतु सेनीटाईजेषन के लिए दवाई का छीड़काव किया जा रहा है।कलेक्टर श्री दीपक सोनी के द्वारा स्वच्छता पर विषेष ध्यान देने सभी नगरीयअमलों को निर्देष दिये गये हैं जिसके परिपालन में नगरीयअमलों के द्वारा प्रतिदिन नगरीय वार्डो के गलियों, सड़क, नालियों व अन्य स्थानों की साफ-सफाई के साथ-साथ प्रत्येक घरों में पहुंचकरडोर टू डोरकचरा कलेक्षन कर निष्चित जगह में निपटान किया जा रहा है। साथ ही नगरीय क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिए समस्त वार्डो के पाईपलाइन को सुधार कर जल शोधन संयंत्र के माध्यम से टंकियों की सफाई कर शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। स्वच्छता कर्मियों के द्वारा सभी वार्डो, घरों, नालियों का सफाई करते हुए आवष्यकदवाईयों का भी वार्डो में छिड़काव किया जा रहा है।इस वैष्विक महामारी के रोकथाम के लिए जिलाप्रषासन की टीम द्वारा लगातार सब्जी बाजार, मांस व मछली की दुकान का निरीक्षण किया जा रहा है तथा दुकान संचालकों को फिजिकल डिस्टेंस के नियमों का सख्ती से पालन करने समझाईस दी जा रही है। ग्राहको को तीन मीटर की दूरी में रहने कहा जा रहा है। सभी को वैष्विक महामारी की जानकारी मुनादी कर घरों में रहने, सुरक्षित रहने एवं कोरोना संक्रमण से बचने के लिए फिजिकल डिस्टेंस बनाने कहा गया है। सभी को जागरूक रहकर दुसरों को भी जागरूक करने और एक सभ्य नागरिक का परिचय देने कहा जा रहा है। मास्क, गमछा, सेनेटाइजर आदि लगाने के लिए जागरूक कर आमलोगों से अपील भी की जा रही है कि परस्पर सहयोग से ही इस वैष्विक महामारी का सफाया किया जा सकता है।
- बेमेतरा :-एक्सटेंशन रिफाम्र्स (आत्मा) योजनांतर्गत बेमेतरा जिला के विकासखण्ड-नवागढ़ के ग्राम मुरता में जय मां महामाया महिला स्व सहायता समूह द्वारा मशरूम का उत्पादन किया जा रहा है।यह समूह को पूर्व में सही मार्गदर्शन नही मिलने के कारण उत्पादन का विक्रय व स्थिति मे सुधार नही कर पा रहे थे। केन्द्र परिवर्तित आत्मा योजना के बी.टी.एम. द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण एवं सुझाव द्वारा मशरूम उत्पादन की उत्तम तकनीकी जानकारी दिया गया जिसका परिणाम अच्छा रहा। समूह की महिलाओं को राज्य कृषि मेला में भ्रमण कराया गया जिससे उनके द्वारा मशरूम उत्पादन में वृद्धि हुई। प्रारंभ में उत्पाद को ग्राम में ही बेचा जाता था। बाद में मार्गदर्शन प्राप्त होने पर सदस्यों के द्वारा स्थानीय बाजार में बेचना शुरू किया गया है। वर्तमान में उनके द्वारा उत्पाद की बिक्री से आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। उनके द्वारा मशरूम उत्पादन वर्ष 2018-19 में प्रारंभ किया गया था उस समय 140 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचा जाना था वर्तमान में 200 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से विक्रय किया जा रहा है। स्वायल हेल्थ कार्ड योजना के अंतर्गत कृषकों के द्वारा अपने स्वयं की खेत की मिट्टी का परीक्षण कराया जा रहा है। मिट्टी परीक्षण उपरांत मृदा स्वास्थ्य पत्रक में दिये गये जानकारी के अनुसार उनके द्वारा उर्वरक एवं सूक्ष्म पोषक तत्व, कार्बनिक खाद का उपयोग कम कर जैविक खाद का उपयोग किया जा रहा है। जिससे भूमि की उर्वरक क्षमता में वृद्धि हुई है। साथ ही कृषकों में जानकारी प्राप्त होने पर जागरूकता पैदा होने से वर्तमान में जैविक खाद का उपयोग कृषक पुनः प्रारंभ कर दिये है। कृषि विभाग के अमलो द्वारा कृषकों को जैविक खाद का महत्व उपयोग व उससे लाभ की जानकारी प्रशिक्षण व भ्रमण के माध्यम से दिया जा रहा है।
- बलरामपुर : कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने जिला मुख्यालय में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर श्री विशाल कुमार महाराणा को आगामी आदेश पर्यन्त तक अनुविभागीय अधिकारी राजस्व वाड्रफनगर का कार्यभार सौंपा है। इसके साथ ही वे अपने अनुभाग में भू-अर्जन अधिकारी, पंजीयन लोक न्यास(रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट), सक्षम प्राधिकारी छ0ग0 लोक परिसर बेदखली अधिनियम 1974 तथा सहायक सत्कार अधिकारी का कार्य भी संभालेंगे। साथ ही डिप्टी कलेक्टर श्री विशाल कुमार महाराणा के विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण होने तक राजस्व प्रकरणों में जांच पारित होने वाले आदेशों में अनुविभागीय अधिकारी रामानुजगंज श्री अभिषेक गुप्ता के प्रतिहस्ताक्षर प्राप्त करेंगे।
- छात्र-छात्राओं को घर बैठे मिल रहा शिक्षा का लाभबलरामपुर : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के कारण लॉकडाउन लागू किया गया है। लॉकडाउन के दौरान राज्य के समस्त स्कूलों को बन्द कर दिया गया है। बच्चों को शिक्षा से जोड़ कर रखना शिक्षा विभाग के लिए एक चुनौती थी। इस चुनौती का समाधान निकालने के लिए राज्य शासन द्वारा अभिनव पहल करते हुए “पढ़ई तुंअर दुआर” ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल की शुरूआत की गई। इसके माध्यम से बच्चों तक पढ़ाई की वे सभी सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं जो कक्षा में पढ़ाई के समय उपलब्ध रहती हैं। जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ई तुंअर दुआर पोर्टल पर विद्यार्थियों का पंजीयन कर ऑनलाईन शिक्षा दिया जा रहा है।राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् रायपुर के निर्देशानुसार कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्री बी.एक्का के कुशल नेतृत्व में शासन की महत्वकांक्षी योजना ’’पढ़ई तुंअर दुआर’’ ऑनलाईन कक्षा के तहत् जिले के सभी शिक्षकों के द्वारा कक्षाएं संचालित की जा रही है। परिषद् के द्वारा ऑनलाईन कक्षाएं संचालित करने के निर्णय से बच्चों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है तथा बच्चे ऑनलाईन कक्षा का लाभ ले रहे हैं। जिले में कक्षाओं को बेहतर पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने में प्राथमिक शाला पुटसू के श्री अनुप कच्छप द्वारा ’’आम की टोकरी’’ “टेन लिटिल फिंगर”, श्री अनुराग सिंह प्राथमिक शाला बठौरा के द्वारा ’’पार्ट्स ऑफ बॉडी’’, श्री कन्हैया लाल द्वारा ’’नानी तेरी मोरनी’’ ’’हाथी और चींटी’’, प्राथमिक शाला तुरीर्डीह की श्रीमती राखी सरकार ने ’’द बैलून मैन’’, अंग्रेजी के फलों का नाम ’’चार चने’’ श्री संतोष गुप्ता प्राथमिक शाला जाबरखाड़, श्री अखिलेश सिंह यादव द्वारा अंग्रेजी के फलों के नाम ’’सत्तु गोज शॉपिंग’’ अपलोड किया गया। इस पाठ्य सामग्रियों को यू-ट्यूब के माध्यम से बच्चे आनन्द से ज्ञान अर्जित कर रहे हैं। ’’पढ़ई तुंहर दुआर’’ कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु जिला नोडल श्री बंधेश सिंह सहायक संचालक, श्री मोहन प्रजापति सहायक प्रोग्रामर, विकाससखण्ड स्तर पर सभी विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा संकुल स्तर पर समस्त जनशिक्षक संकुल नोडल के रूप में बच्चों तक ऑनलाईन कक्षा संचालन का मानिटरिंग कर रहे हैं।
- बलरामपुर : कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन ने जनजीवन को प्रभावित किया है। सार्वजनिक परिवहनों के बंद होने से कुछ लोग अपने घरों से दूर है तथा वापस नहीं जा पा रहे हैं। जिले के विकासखण्ड शंकरगढ़ में बिलासपुर से आए घुमंतू सपेरों का परिवार रूका हुआ था। सपेरों ने घर जाने की इच्छा प्रशासन को बताई। कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने तत्काल इनके जाने की व्यवस्था करते हुए उनके सकुशल घर पहुंचने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संकट के दौरान प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य अमला नागरिको की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है।छत्तीसगढ़ में प्राचीन समय से जनजातीय समुदाय के लोग घूम-घूमकर सांप का खेल दिखाते है। सांप का खेल दिखाकर अपना जीविकोपार्जन करते है। आजीविका की तलाश में सपेरों का परिवार शंकरगढ़ में रुककर आसपास के क्षेत्रों में घूमकर अपना कार्य कर रहे थे। इसी दौरान कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए लॉकडाउन किया गया था। लॉकडाउन के कारण इनके सामने जीवनयापन का महत्वपूर्ण संकट खड़ा हो गया। इसकी जानकारी मिलते ही कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने इन परिवारों की सम्पूर्ण जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन को दी और उन्हें सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये। इन परिवारों को राशन, जरूरी वस्तुएं तथा स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई थी। किन्तु लंबे समय से रुके होने के कारण इन लोगों ने घर जाने की इच्छा जताई।छत्तीसगढ़ में कोरोना के नियंत्रित होने के साथ ही महत्वपूर्ण सेवाओं में छूट प्रदान की गई है। स्थिति से अवगत होने पर कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने सवेंदनशीलता का परिचय देते हुए इनको घर पहुंचाने की व्यवस्था की। इनका स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत इनको अतिरिक्त राशन देकर बस के माध्यम से बिलासपुर के लिए रवाना किया गया। सपेरों का परिवार बिलासपुर अपने घर सकुशल पहुंच गया है। बिलासपुर पहुंचने पर इन लोगों ने कलेक्टर एवं जिला प्रशासन का हृदय से धन्यवाद दिया है ।