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कोरबा 25 अपे्रल 2020/कोरबा में कोरोना संक्रमण के हाॅट स्पाॅट कटघोरा में प्रतिदिन लगभग पांच सौ लीटर दूध की घर पहुंच आपूर्ति हो रही है। जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक वस्तुओं राशन, दवाई के साथ-साथ दूध की भी इस संक्रमित इलाके में घर पहुंच आपूर्ति की जा रही है। कटघोरा के तीन डेयरी उत्पादक विके्रताओं को ग्रामीण पशु पालकों से उत्पादित दूध को इकट्ठा करने और उन्हें पैकेट बनाकर घर-घर पहुंचाने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन द्वारा सौंपी गई है। श्याम डेयरी, कान्हा डेयरी और गोपाल डेयरी संचालकों द्वारा आसपास के ग्रामीण दूध उत्पादक पशु पालकों से सुबह साढ़े छह बजे दूध एकत्रित कर लाॅजिस्टिक सेंटर हाईस्कूल कटघोरा पहुंचाया जा रहा है। ग्रामीण दूध उत्पादक पशु पालकों से एकत्रित दूध सुबह सात बजे तक जेंजरा बाईपास से होते हुए शासकीय वाहन में लाॅजिस्टिक सेंटर तक पहुंचता है। लॅाजिस्टिक सेंटर में प्रभारी पशु चिकित्सा शल्यज्ञ डाक्टर की मौजूदगी में दूध के आधा लीटर, एक लीटर और दो लीटर के पैकेट तैयार किये जाते हैं। पैकेट तैयार होने के बाद दूध को दोपहर से पहले घर-घर पहुंचाया जाता है।
कोरोना संक्रमण प्रभावित रेड जोन में शामिल कटघोरा शहर में पहला कोरोना पाजिटिव मिलने के साथ ही पूरी तरह लाॅक डाउन कर दिया गया है। संक्रमण को अन्य इलाकों और लोगों में फैलने से रोकने के लिए सभी इंतजाम जिला प्रशासन द्वारा किये गये हैं। लोगों को अपने घरों से निकलने की मनाही के साथ-साथ इलाके का सेनेटाईजेशन, संदिग्ध लोगों की सेंपलिंग और संक्रमित लोगों को ईलाज के लिए एम्स रायपुर पहुंचाने के साथ-साथ प्रशासन ने सभी जरूरी व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने लाॅक डाउन शुरू होेते ही इस इलाके में राशन, दवाईयां, सब्जियों, दूध जैसी अति जरूरी चीजों की सप्लाई के लिए घर पहुंच सेवा शुरू करवा दी थी। 60 वालिंटियर लोगों के घरों तक जरूरत का सामान, दवाई, दूध आदि रोज पहुंचा रहे हैं। इलाके में हर रोज औसतन 400 घरों तक वालिंटियरों की पहुंच है। प्रतिदिन लगभग पांच सौ लीटर दूध घर पहुंच सेवा के तहत सप्लाई किया जा रहा है। राशन मांग अनुसार पैकेट बनाकर लोगों के घरों तक पहुंचाया जा रहा है। सब्जियों की बिक्री भी पचास रूपये, 100 रूपये और 200 रूपये के किट के रूप में घरों तक पहुंचाकर की जा रही है। इस व्यवस्था के लिए कटघोरा के चिन्हांकित राशन दुकानों और मेडिकल स्टोर्स का वाट्सएप्प गु्रप बनाया गया है और इनके नंबर सार्वजनिक किए गये हैं। कटघोरा में बने कंट्रोल रूम से भी लोगों को मांग के अनुसार अपने आर्डर करने के लिए इन नंबरों पर ही संपर्क करने की सलाह दी जाती है। लोग इन नंबरों पर अपना आर्डर वाट्सएप्प के माध्यम से दर्ज कराते हैं और संबंधित वालिंटियर सामान्य दरों पर सामाग्री घरों तक पहुंचा देते हैं।दूध और सब्जी की घर पहुंच सेवा के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था की गई है परंतु इन दोनों चीजों के लिए भंडारण और निगरानी का काम प्रशासन की देखरेख में किया जा रहा है। कटघोरा के हाई स्कूल में लाजिस्टिक सेंटर स्थापित किया गया है। आसपास के दूध एवं सब्जी उत्पादक किसान इस लाजिस्टिक सेंटर में अपने उत्पाद लेकर आते हैं। वाट्सएप्प गु्रप पर आर्डर के हिसाब से दूध और सब्जियों की पैकिंग कर उन्हें मांग अनुसार लोगों के घरों तक पहुंचाया जाता है। भुगतान केैश आॅन डिलेवरी होता है। इस व्यवस्था से कोरोना संक्रमित क्षेत्र में एक ओर जहां अति आवश्यक चीजों की सरल, सुगम और मांग अनुसार आपूर्ति सुनिश्चित हुई है वहीं दूसरी और लोगों का इन चीजों के लिए घर से बाहर नहीं निकलने पर लाॅक डाउन का पूरी तरह पालन कराने में प्रशासन को बड़ी मदद मिली है। -
फ्लू, इनफ्लूएंजा के लक्षणों वाले मरीजों का होगा अलग ईलाज, सम्भावित संक्रमण से बचेंगे अन्य मरीज
कोरबा 25 अपे्रल 2020/ कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास और नवाचार लगातार किये जा रहे हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की पहल पर जिले में एक और नवाचार फीवर क्लीनिक शुरू किया गया है। जिले के सरकारी अस्पतालों में कोरोना संदिग्ध और सामान्य मरीजों का अलग-अलग ईलाज करके संक्रमण को फैलने से रोकना इस नवाचार का प्रमुख उद्देश्य है। कोरोना का हॅाट स्पाॅट बन चुके कोरबा के कटघोरा मेें स्थितियां अब नियंत्रण में हैं और पिछले नौ दिनों से कोई भी नया संक्रमित इलाके में नहीं मिला है। जिले की सभी सरकारी अस्पतालों और कोरबा मुख्यालय में स्थित इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में सर्दी, खांसी, बुखार के साथ सांस की बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए ईलाज की अलग व्यवस्था फीवर क्लीनिक संचालित की जा रही है।
कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने इस विषय में बताया कि अस्पतालों की सामान्य ओपीडी में इनफ्लूएंजा या फ्लू जैसी बीमारियों के लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार वाले मरीजों का ईलाज अन्य रोगों से पीड़ित मरीजो के साथ ही किये जा रहे थे। कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण भी इसी तरह के हैं। इसलिए ऐसे लक्षणों वाले मरीजों को अन्य रोगों के मरीजों से अलग कर जांच एवं ईलाज की व्यवस्था जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में शुरू की गई है। कलेक्टर ने बताया कि इससे कोरोना के संदिग्ध मरीजों की पहचान में आसानी होगी और ऐसे संदिग्ध मरीजों को पहचान कर तत्काल उनका कोरोना टेस्ट कराया जायेगा। टेस्ट में पाजिटिव आने पर समय रहते ऐसे संक्रमित मरीजों को बेहतर ईलाज मिल सकेगा। इसके साथ ही ऐसे मरीजों के संपर्क में आने से दूसरे मरीजों को भी संक्रमित होने से बचाया जा सकेगा।
कलेक्टर ने बताया कि जिला अस्पताल में बने नये भवन में फीवर क्लीनिक शुरू किया गया है। यहां डाक्टरों की ड्यूटी निर्धारित कर सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों का अलग से उपचार करने के साथ-साथ कोरोना संक्रमण का संदेह होने पर मरीजों का कोरोना टेस्ट कराने की व्यवस्था भी की गई है। फीवर क्लीनिक तक आने-जाने और मरीजों के बैठने की भी अलग व्यवस्था की गई है। डाक्टरों को भी क्लीनिक में सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखते हुए सर्दी, खांसी, बुखार सांस में तकलीफ वाले मरीजों की जांच और ईलाज के निर्देश दिए गये हैं।
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छुरीकला नगर पंचायत में भी अति आवश्यक सेवाओं के लिए लाॅक डाउन में दी गई छूट
कोरबा 25 मार्च 2020/कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण के लिये पूर्व में चिकन, मटन, मछली और अण्डा विक्रय पर लगाई गई रोक प्रशासन ने हटा ली है। कटघोरा नगर पालिका परिषद क्षेत्र को छोड़कर पूरे कोरबा जिले में अब अति आवश्यक सेवाओं के लिए प्रशासन द्वारा समय सुबह नोै बजे से दोपहर दो बजे तक समय निर्धारित किया गया है। राशन, सब्जी, फल, दूध आदि के साथ-साथ इलेक्ट्रिक पंखों, कूलर, बे्रड आदि की दुकानें भी इसी अवधि में खुली रहेंगी। दूध बांटने का समय सुबह साढ़े छह बजे से साढ़े आठ बजे तक और शाम पांच बजे से सात बजे तक निर्धारित किया गया है। इसी तरह कटघोरा में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मरीजों को देखते हुए ऐतिहातन तौर पर छुरीकला नगर पंचायत में किया गया पूर्ण लाॅक डाउन शिथिल किया गया है। अब छुरीकला में भी अति आवश्यक सेवायें प्रदान करने वाले कार्यालय और प्रतिष्ठान सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक खुलेंगे। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने निर्धारित छूट अवधि के बाद लोगों को अपने घरों से बाहर नहीं निकलने की ही हिदायत दी है। इस दौरान लोग अपने घरों में ही रहंेगे। अभी भी लाॅकडाउन के दौरान कोरोना वायरस के लिये शासन द्वारा तय किये गये दिशा-निर्देश पूरी तरह लागू रहेंगे।अखबारों के वितरण के लिये सुबह साढ़े छह बजे से साढ़े नौ बजे तक छूट रहेगी। इस तीन घण्टे की अवधि में अखबार के हाॅकर शहर में अखबार बांटेंगे। कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर जिले के अन्य क्षेत्रों में सब्जी-फल-किराना-राशन, जानवरों के खाने की चीजों और चारे आदि की दुकानें सुबह नौ बजे से दो बजे तक खुली रहेंगी। दवाई दुकानें और पेट्रोल पम्प सामान्य दिनों की तरह ही संचालित होंगे, परन्तु उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिये शासन द्वारा समय-समय पर जारी किये गये निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। जिले में कटघोरा नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में बिजली के पंखे, कूलर की दुकानें और इनकी रिपेयरिंग की दुकानें भी निर्धारित समय में खुल सकेंगी। विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक किताबों की दुकानों को भी निर्धारित समयावधि के लिए पूर्णतया तालाबंदी से छूट दे दी गई है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीएम द्वारा चिन्हाकित ट्रकों और आटोमोबाईल रिपेरिंग की दुकानें तथा राजमार्गों पर ढाबे भी खुल सकेंगे। ढाबों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए केवल पार्सल ले जाने की सुविधा होगी। कुरियर, डाक और पोस्ट आफिस सेवाओं को भी लाक डाउन से छूट प्रदान कर दी गई है। इलेक्ट्रिशियन, मोटर मैकेनिक, प्लंबर, बढ़ई, आईटी रिपेयर का काम करने वाले लोगों को भी लाक डाउन से छूट दी गई है। खोया, पनीर, दही जैसे दूध उत्पादों की बिक्री की दुकानें भी निर्धारित समय में खुली रहेंगी। निःशक्तजनों, बच्चों, बेघर वरिष्ठ नागरिकों व महिलाओं तथा विधवाओं की देखरेख के लिए संचालित आवासीय संस्थाओं को भी पूर्ण तालाबंदी से छूट दी गई है।नगरीय सीमा के बाहर संचालित किये जाने वाले शासकीय और निजी औद्योगिक संस्थानों को भी चालू करने की अनुमति दी गई है। इंडस्ट्रियल स्टेट में स्थिति औद्योगिक इकाईयों को कामगारों के आने-जाने पर नियंत्रण रखने और उद्योग परिसर के भीतर या लगी हुई जगहों पर रहने की व्यवस्था करने पर ही संचालन की अनुमति दी गई है। नगरीय सीमा के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण, सिंचाई योजना, भवन निर्माण, जल प्रदाय एवं स्वच्छता, लाईनों का निर्माण, दूर संचार के लिए आप्टिकल फाईबर केबल डालने का काम एवं सभी प्रकार के औद्योगिक निर्माण परियोजनाओं के लिए भी लाॅक डाउन में अनुमति दी गई है। नगरीय निकायों की सीमा के भीतर ऐसी निर्माण परियोजनाएं जहां श्रमिक साईट पर उपलब्ध हों तथा बाहर लाने की आवश्यकता न हो, संचालित की जायेंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सीएससी एवं च्वाईस सेंटर तथा बोर खनन की गतिविधियों को भी लाक डाउन से छूट प्रदान कर दी गई है।दुकानदारों को मेन्टेन करना होगा सोशल डिस्टेन्सिंग:- लाॅकडाउन की स्थिति में निर्धारित किये गये समयानुसार अत्यावश्यक सेवाओं से संबंधित दुकानें आदि खुलेंगी। दुकानदारों को कोरोना संक्रमण की गम्भीरता को देखते हुये अपने ग्राहकों के बीच कम से कम एक-एक मीटर की दूरी मेन्टेन करनी होगी। इसके लिये दुकानों के सामने एक-एक मीटर पर लाईन, चैकोर डिब्बा या गोला बनाकर लोगों को निर्धारित दूरी पर रखना होगा। दुकानों पर भीड़ लगाने की बजाय लोगों को भी एक-एक कर सामान खरीदने की हिदायत जिला प्रशासन द्वारा लगातार दी जा रही है। -
कोटा जिला प्रशासन ने रवानगी की जगहों की जानकारी भेजी, तीन जगहों से सवार हो सकेंगे विद्यार्थी
कोरबा 25 अपे्रल 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रयासों से राजस्थान के कोचिंग हब से छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं को लेकर बसें कल कोटा से रवाना हो जायेंगी। कोटा जिला प्रशासन ने छत्तीसगढ़ के पांचों संभागों के विद्यार्थियों के लिए बसों की रवानगी का समय, रवानगी स्थल और बसों की संख्या तय कर जानकारी कोरबा जिला प्रशासन को भेजी है। बिलासपुर संभाग के विद्यार्थियों को लेकर बसें कोटा में तीन तय जगहों से कल 26 अपे्रल को शाम सात बजे छत्तीसगढ़ के लिए रवाना होंगी। कोटा के कंट्री इन से नौ बसें, सत्यार्थ से आठ बसें और कुनहाड़ी से 11 बसें बिलासपुर संभाग के विद्यार्थियों को लेकर रवाना होंगी। कोटा जिला प्रशासन द्वारा इसकी सूचना सभी कोचिंग संस्थानों को दी गई है। कोरबा जिला प्रशासन ने भी पालकों से अपील की है कि वे कोटा में कोचिंग के लिए गये अपने बच्चों को बसों के रवानगी स्थल और समय के बारे में अपने स्तर पर भी दूरभाष पर बातचीत के दौरान बता दें ताकि बच्चे निर्धारित समय पर निर्धारित जगह पर पहुंचकर छत्तीसगढ़ आने के लिए बसों में सवार हो सकें।
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- राज्य शासन और यूनिसेफ के कार्यक्रम चकमक और सजग की लॉन्चिंग के अवसर पर आंगनबाड़ी के शिशुओं से मुख्यमंत्री ने पूछे प्रश्न
- उत्तर जान बहुत खुश हुए मुख्यमंत्री, कहा बच्चों को काफी लाभ मिल रहा डिजिटल इंटरैक्शन से
दुर्ग 25 अप्रैल 2020/ पाटन ब्लॉक में अखरा में आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आँगनबाड़ी के बच्चों के क्षमता विकास की जानकारी ली। मौका था राज्य शासन और यूनिसेफ के कार्यक्रम चकमक और सजग की लॉंचिंग का। लॉक डाउन में भी बच्चों का क्षमता विकास होता रहे और वे घर पर भी सीखतें रहें। उनकी रचनात्मकता बढ़े, इसके लिए यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अखरा में कामिनी कंडेरा और उनके बेटे सुशील कंडेरा से बात की। साथ ही उन्होंने भीष्मा ठाकुर और उनकी बेटी यामिनी ठाकुर से बात की। सुशील और यामिनी अखरा के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक दो में जाते हैं अभी वे लॉकडाउन की वजह से आंगनबाड़ी केंद्र नहीं जा पा रहे हैं लेकिन उनके घर पर ही रेडी टू ईट फूड पहुंचा दिया गया है मुख्यमंत्री ने दोनों बच्चों की माताओं से पूछा क्या रेडी टू ईट फूड प्राप्त हो गया है। माताओं ने कहा, हां हमें रेडी टू ईट फूड प्राप्त हो गया है। फिर मुख्यमंत्री ने पूछा कि अभी बच्चों को वीडियो और ऑडियो के माध्यम से पढ़ते देखना कैसा लग रहा है। बच्चों की माताओं ने बताया कि हमारे बच्चे इसमें बहुत रूचि ले रहे हैं। वे काफी मनोरंजन से इसे देखते हैं और काफी कुछ सीखते हैं। माताओं ने बताया कि इसकी सामग्री काफी अच्छी है और जब यह बच्चे स्कूल जाएंगे तब यह उनके लिए काफी उपयोगी होगी। इसके साथ ही बच्चों को खेल-खेल में भी बहुत सारी बातें सिखाई जा रही है जैसे बड़े और छोटे के बीच का अंतर, रंगों में भेद आदि। बच्चे डिजिटल माध्यम से बहुत खुशी से जुड़ गए हैं और उन्हें यह सब बहुत अच्छा लगता है। मुख्यमंत्री ने दोनों छोटे बच्चों का नाम पूछा और फिर उनसे प्रश्न किए। इतने छोटे बच्चों ने भी मुख्यमंत्री के प्रश्नों का बहुत आत्मविश्वास से जवाब दिया। मुख्यमंत्री को बहुत सारी चीजों में छोटे और बड़े का अंतर करके बताया। बहुत सारी चीजों में रंगों का अंतर करके बताया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यह बहुत अच्छी योजना चलाई जा रही है। यह बच्चों के मानसिक विकास के लिए बहुत उपयोगी होगी। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए हम पोषणआहार तो उपलब्ध करा ही रहे हैं। लॉक डाउन में हमारे बच्चे किसी तरह से पीछे ना रह जाए यह उम्र बहुत ज्यादा सीखने की होती है और इसके भरपूर उपयोग के लिए डिजिटल माध्यम का प्रयोग किया। इस अनूठी योजना के क्रियान्वयन में एमसीसीआर की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके सदस्य श्री बलराम यादव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान रायपुर में रहे। पाटन में इसके क्रियान्वयन में संस्था के सदस्य श्री राजू वर्मा, श्री संदीप मिश्रा, श्री किशन हिरवानी मौजूद रहे। इस दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन एवं परियोजना अधिकारी श्री सुमित गंडेचा भी उपस्थित रहे।
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दुर्ग 25 अप्रैल 2020/संभाग के सभी जिलों में मनरेगा के कार्य बड़े पैमाने पर किए जा रहे हैं। अभी दुर्ग संभाग के 2150 पंचायतों में मनरेगा के काम शुरू किए जा चुके हैं। शुरू किए गए कार्यों की संख्या 9367 है। इनमें 411711 मजदूर कार्यरत हैं। सबसे ज्यादा मजदूर राजनांदगांव जिले में लगे हुए हैं। यहां एक लाख 55 हजार 965 मजदूर कार्य कर रहे हैं। कबीरधाम में लगभग 80127 मजदूर काम कर रहे हैं। बेमेतरा में 68421 मजदूर काम कर रहे हैं। बालोद में 60028 मजदूर काम कर रहे हैं। दुर्ग जिले में 45173 मजदूर काम कर रहे हैं। विकास उपायुक्त श्री आर के खूंटे ने बताया कि सभी जिलों में बड़े पैमाने पर मनरेगा के कार्य शुरू किए गए हैं। मनरेगा के कार्यों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। हाथ धोने के पश्चात तथा मास्क लगाने के पश्चात मजदूर अपना काम शुरू कर रहे हैं। श्री खूंटे ने बताया कि मनरेगा के माध्यम से जल संरक्षण और भूमि सुधार जैसे कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में नरवा गरवा घुरवा बाड़ी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की भी लगातार समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में मनरेगा में प्रभावी कार्य किया जा रहा है। संभागायुक्त श्री जी आज चुरेंद्र इन कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने कलेक्टरों को इस बात के लिए निर्देशित किया है कि वह बड़े पैमाने पर उपयोगी कार्य मनरेगा के माध्यम से चिन्हांकित करें यहां काम आरंभ कराएं और अधिकाधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखें। मजदूर मास्क पहने हुए हो, साथ ही उन्हें साबुन से हाथ धुलाकर काम आरंभ कराया जाए, यह सब हिदायत दी गई है इसके साथ ही कोरोना संक्रमण के संबंध में भी उपयोगी जानकारी सभी को उपलब्ध कराने निर्देशित किया गया है। मनरेगा के माध्यम से नाला गहरीकरण जैसे कार्य भी कराए जा रहे हैं इससे भूमिगत जल के रिचार्ज की संभावना बढ़ेगी, ग्राउंड वाटर रिचार्ज होने से सिंचाई के लिए भी अधिक पानी उपलब्ध होगा। साथ ही गर्मी में होने वाली पेयजल जैसी दिक्कतें भी दूर होंगी। श्री खूंटे ने बताया कि जल संरक्षण के कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके अलावा पशुधन से संबंधित कार्य जैसे मुर्गी शेड वगैरह भी बनाए जा रहे हैं। सभी सीईओ को निर्देशित किया गया है गांव की जरूरतों के मुताबिक उपयोगी संरचनाएं चिन्हांकित करें और इन्हें स्वीकृत कर काम आरंभ कराएं।
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दुर्ग 25 अप्रैल 2020/ नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र में आज दुर्ग जिले के कलेक्टर श्री अंकित आनंद, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अजय यादव एवं निगम आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने आज प्रातः 6ः00 बजे बैकुंठ धाम स्थित होलसेल बाजार, पावर हाउस फल एवं सब्जी बाजार तथा आकाशगंगा सुपेला सब्जी मार्केट का संयुक्त रूप से निरीक्षण कर उपस्थित अधिकारियों को उचित आवश्यक निर्देश दिए। संयुक्त निरीक्षण में उन्होंने व्यापारी संघ के प्रतिनिधियों से चर्चा की तथा बैकुंठधाम में होलसेल के सब्जी व्यापारियों से क्रय एवं विक्रय के संबंध में जानकारी प्राप्त की। आकाशगंगा सब्जी मंडी में व्यापारियों द्वारा सोशल डिस्टेंस के सिद्धांत का पालन के लिए तैयार की गई व्यवस्था का जायजा लेकर सब्जी व्यवसायी संघ से आगामी कार्य योजना को लेकर चर्चा की गई। गौरतलब है कि आकाशगंगा, लक्ष्मी मार्केट एवं पावर हाउस सब्जी मंडी के फुटकर विक्रेताओं को सोशल डिस्टेंस के सिद्धांत का पालन के लिए अलग-अलग स्थान सुपेला थाना के पास, स्लाटर हाउस के पास, राधिका नगर, सर्कस मैदान, संजय नगर सुपेला, सेक्टर 1 फायर ब्रिगेड के समीप मैदान, हाउसिंग बोर्ड स्टेट बैंक के पास, कैलाश नगर तथा आईटीआई ग्राउंड के स्थल में शिफ्ट किया गया है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। बैकुंठ धाम बाजार में प्रतिदिन निगम के अधिकारीध्कर्मचारी, सुरक्षा गार्ड एवं पुलिस प्रशासन बेहतर व्यवस्था हेतु जुटे हुए हैं।
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दुर्ग 25 अप्रैल 2020/ नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र में विभिन्न प्रदेशों एवं क्षेत्रों से लॉक डाउन के दौरान फंसे हुए लोग निगम के राहत शिविरो मे ठहरे हुए हैं, इनको व्यस्त एवं तनावमुक्त रखने के लिए नए-नए तरीके निगम भिलाई द्वारा अपनाए जा रहे हैं। मंगल भवन के राहत शिविर में कैरम, लूडो, टीवी, एफएम रेडियो जैसी सुविधाएं मुहैया कराई गई है ताकि कैंपस के भीतर रहते हुए समय व्यतीत किया जा सके। इसी प्रकार से सांस्कृतिक भवन वैशाली नगर में भी लूडो की व्यवस्था की गई है साथ ही निगम के अजय शुक्ला द्वारा इन राहत शिविरों में जाकर योग के तरीके बताए जा रहे हैं, जिसमें सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है। राहत शिविर में ठहरे हुए लोगों के मांग एवं आवश्यकता के हिसाब से भी भोजन इत्यादि व्यवस्था की जा रही है वैशाली नगर संस्कृतिक भवन के मजदूरों द्वारा पूड़ी, जीरा राइस, हलवा की मांग की गई थी जिस पर उन्हें इसके लिए राशन सामग्री प्रदाय की गई इसके साथ ही इसी स्थल पर सब्जी के लिए कच्चा केला प्रदान किया गया और मंगल भवन एवं अकाश गंगा के राहत शिविर में पका हुआ केला दिया गया। राहत शिविरों का निगम के अधिकारी/कर्मचारी सतत निरीक्षण कर रहे हो और ठहरे हुए लोगों के लिए बेहतर व्यवस्था कर रहे हैं ताकि इनको कोई समस्या न हो। राहत शिविर में स्वास्थ्य परीक्षण भी चिकित्सकों द्वारा किया जा रहा है। मास्क एवं सैनिटाइजर भी प्रदान किया गया है। दैनिक जीवन की जरूरी सुविधाएं राहत शिविरों में उपलब्ध कराई जा रही है। अजय शुक्ला ने बताया कि राहत शिविरों एवं आश्रय स्थलों में योग एवं व्यायाम के तरीके बताकर तनावमुक्त रखने प्रयासरत है, ऐसे समस्त स्थलों में योग सिखाकर व्यस्त रखने का कार्य किया जा रहा है ताकि मानसिक एवं शारीरिक ताजगी भी यहां ठहरे हुए लोगों में लाई जा सके।
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दुर्ग 25 अप्रैल 2020/ कोरोना वायरस के रोकथाम एवं बचाव हेतु फील्ड में तैनात स्वच्छता कर्मचारियों का रैन्डम जांच कोरोना वायरस के तहत आज किया गया। स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा एवं शहरी कार्यक्रम के प्रबंधक तुषार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि भिलाई निगम के 20 सफाई कर्मचारियों का सभागार में नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच की गई। कोरोना वायरस का संक्रमण कम्युनिटी में तो नहीं फैल रहा है इसकी रेन्डम टेस्ट की जा रही है। इस परीक्षण में उन लोगों को लिया जा रहा है जो कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम हेतु आवश्यक सेवाओं में लगे हुए हैं! आवश्यक सेवा में निगम के सफाई कर्मचारी भी सम्मिलित है और प्रथम पंक्ति पर है। जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम आज सुबह 11 बजे से निगम के सभागार में कोरोना वायरस के जांच संबंधी सभी उपकरण के साथ पहुंचे और डाॅक्टरों की टीम ने 20 कर्मचारियों का नमूना लिए। इस दौरान डाॅक्टरों की टीम ने सभी कर्मचारियों को कार्य के दौरान सोशल डिस्टेंस का पालन करने व समय-समय पर हाथों की सफाई करते रहने के निर्देश देते हुए स्वास्थ्य खराब होने इत्यादि पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेने की सलाह दिए। सभागार में जांच शिविर में जिला स्वास्थ्य विभाग और निगम की संयुक्त टीम, शहरी बीएमओ डाॅ.एस.के.जामगड़े, बीटीओ विजय सेजुले, आरएचओ मनोज साहू, टेमन साहू, पी देशमुख, लैब टेक्निशियन सत्यम श्रीवास, वार्ड ब्याॅय लक्ष्मण यादव सहित शहरी परिवार कल्याण केन्द्र व निगम के कर्मचारी उपस्थित थे।
- कोरिया: नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण एवं रोकथाम हेतु किये गये लॉकडाउन के दौरान खनिजों के नियमित खनन एवं खनिजों से परिष्कृत उत्पादों के राज्यीय एवं अन्तर्राज्यीय परिवहन के संबंध में राज्य शासन के खनिज संसाधन विभाग द्वारा सभी खनिजों के उत्पादन एवं परिवहन बनाये रखने हेतु पत्र जारी कर विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये हैं। यह निर्देश भारत सरकार के गृह मंत्रालय एवं खान तथा इस्पात मंत्रालय द्वारा प्राप्त गाईडलाईन के परिपालन में जारी किये गये हैं। इसके साथ ही भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा विभिन्नय निर्माण गतिविधियों का प्रारंभ किये जाने के आदेश भी जारी किये गये हैं।राज्य शासन के खनिज संसाधन विभाग द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि सभी खनिजों, उनके परिष्कृत उत्पादों यथा स्पंज आयरन, फेरो एलायस, आयरन ओर पैलेट्स एवं स्टील आदि के उत्पादन किये जाने हेतु अन्य आवश्यक खनिजों जैसे आयरन ओर, कोयला, चूनापत्थर, डोलोमाईट, मैंगनीज, कोमोईट आदि कच्चे पदार्थों की नियमित मांग एवं आपूर्ति बनाये रखने हेतु खनन संबंधी समस्त कियाकलापों तथा खनिज उत्पादों के परिवहन में संलग्न वाहनों, ट्रांसपोर्टरों, लोडरों, उत्पादनकर्ता, डीलर, रीटेलर को राज्य के भीतर एवं अन्तर्राज्यीय मार्गों पर नियमित परिवहन एवं आवागमन हेतु समुचित कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसके साथ ही भारत सरकार से प्राप्त पत्र के संदर्भ में उल्लेखित निर्माण कार्यों को किये जाने हेतु आवश्यकतानुसार गौण खनिजों की भी आपूर्ति बनाये रखने हेतु इन खनिजों का खनन, परिवहन एवं अनुशांगिक सभी क्रियाकलापों को गतिशील बनाये रखने हेतु उचित कार्यवाही के निर्देश खनिज संसाधन विभाग द्वारा दिये गये हैं।पत्र में समस्त कियाकलापों में केन्द्र एवं राज्य शासन के द्वारा नोवेल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम हेतु जारी स्वच्छता व शारीरिक दूरी बनाये रखने के समस्त गाईडलाईन का पालन कड़ाई से किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देश के अनुसार राज्य शासन एवं स्थानीय प्रशासन के द्वारा कोविड-19 के संक्रमण को रोकने हेतु प्रतिबंधित, क्वारंटाईन और विशेष निगरानी क्षेत्रों (हॉटस्पाट) की आवश्यकता वाले क्षेत्रों में यह निर्देश लागू नही होंगे।
- बेमेतरा :- वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से निपटने के लिए संयुक्त जिला कार्यालय कलेक्टोरेट के ट्रेजरी विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने स्वेच्छानुसार अपने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष मे कुल 76 लाख 66 हजार 963 रुपए का चेक मुख्यमंत्री सहायता कोष मे कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल के हाथों सौंपा।इसी क्रम मे विधानसभा क्षेत्र नवागढ़ ग्राम पंचायत केवाछीे के सरपंच एवं समस्त ग्रामवासीयों के द्वारा कोविड-19 रिलीफ फण्ड बेमेतरा मे कुल 40 हजार रु. का सहयोग राशि कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल के हाथों सौंपा।
- महासमुंद : जिले में पशुधन विकास विभाग द्वारा विभिन्न योजनाए वर्षों की तरह सुचारू रूप से चल रही है। इस क्रम में बैकयार्ड पोल्ट्री वितरण योजना के अंतर्गत महासमुंद विकासखण्ड के आदिवासी बहुल्य एवं सामान्य पिछडे वर्ग के 36 ग्रामों में 153 गरीब परिवारों को मुर्गी के चूजे वितरण किये गये। पशुपालन विभाग के उपसंचालक ने बताया कि इस साल जिले के 800 गरीब परिवारों को इस योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्हे चूजों के लालन-पालन एवं देख-रेख संबंधी प्रशिक्षण भी दिया गया है । लगभग तीन हजार रूपये मूल्य प्रति इकाई के अंतर्गत 45 रंगीन चूजे चयनित हितग्राहियों अनुसूचित जान जाति एवं अनुसूचित जाति को 90 प्रतिशत एवं अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग को 75 प्रतिशत तक अनुदान पर दिये गये।ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में पशुधन विकास विभाग की अहम भूमिका है। विभाग द्वारा ग्रामीण आर्थिक विकास के लिए अत्यंत गरीब तबके के हितग्राहियों के लिए बैकयार्ड योजना अंतर्गत इस साल जिले के 800 हितग्राहियों का चुनाव किया गया है। योजना अंतर्गत 28 दिवसीय रंगीन 45 चुजे प्रत्येक हितग्राही को प्रदाय किया जाता है। उन्हे दिये गये चूजे देशी प्रजाति के है, जिन्हे विशेष देख-रेख की जरूरत नही होती है। प्रत्येक हितग्राही को चूजे के साथ साथ कुक्कुट आहार भी प्रदाय किया जाता है।योजना के तहत प्रदाय किये जा रहे चूजे में 50 प्रतिशत नर एवं 50 प्रतिशत मादा है। इनका अंडा उत्पादन 60 से 70 प्रतिशत प्रतिवर्ष होता है तथा अंडे से बच्चे सेने की इनमें विशेष क्षमता होती है। इन मुर्गे एवं मुर्गियों में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमताअधिक होती है, जिससे बीमारी उसमें कम लगती है। हितग्राहियों के यहा मुर्गियों की निरंतरता बनाये रखने के लिए उनको अंडा उत्पादन हेतु प्रशिक्षण एवं प्रोत्साहन दिया जाता है। चार से छह माह के उम्र में इन मुर्गे-मुर्गियों का वजन 2 से 2 किलो 500 ग्राम हो जाता है, तथा इनकी बिक्री दर देशी मुर्गे एवं मुर्गियों की तरह बाजार दर के बराबर होती है, जिसके कारण मुर्गे एवं मुर्गियों का 200 से 300 रू. प्रति किलो दर से आसानी से ग्रामीण परिवेश में ही बिक्री हो जाती है। इनको कोई विशेष बाजार की आवश्यकता नहीं होती।
- बेमेतरा : बेमेतरा नगर में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजना के अंतर्गत एवं कलेक्टर शिव अनंत तायल के निर्देशानुसार सीजी हॉट डॉट इन पोर्टल के द्वारा प्रखर सोनी वार्ड क्रमांक 12 द्वारा प्रथम ऑनलाइन आर्डर कर दिनेश सब्जी भंडार नवीन मार्केट द्वारा लॉक डाउन के नियमों का पालन करते हुए डिलीवरी प्रक्रिया पूर्ण किया गया द्य मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका बेमेतरा होरी सिंह ठाकुर ने बताया कि सीजी हॉट डॉट इन पोर्टल पर नगर के सभी प्रकार के सब्जी एवं फल विक्रेता द्वारा पंजीयन किया जाता है जिनमें विक्रेता अपने स्टॉक में उपलब्ध सब्जी एवं फलों का दर न्यूनतम ऑर्डर की राशि एवं डिलीवरी शुल्क निर्धारित करता है। जिसके पश्चात अपने अधीनस्थ डिलीवरी ब्वॉय का पंजीयन करता है। विक्रेता द्वारा अपनी सामग्री का दर प्रस्तुत करने के पश्चात नगर एडमिन द्वारा चिन्हित किया जाता है। चिन्हित करने के पश्चात नगर के आम नागरिकों द्वारा सीजी हॉट डॉट इन पोर्टल में ग्राहक पंजीयन किया जाता है। जिसके अंतर्गत ग्राहकों को विक्रेताओं द्वारा प्रस्तुत सब्जी फल इत्यादि वस्तुओं के दर प्रदर्शित होने लगते हैं। ग्राहकों द्वारा अपनी वंचित सब्जी एवं फल आवश्यकतानुसार मात्रा अंकित कर ऑर्डर किया जाता है। ग्राहक द्वारा प्रेषित किया गया आर्डर विक्रेता के पोर्टल पर प्रदर्शित। होने लगता है। जिसे वह अपने अधीनस्थ डिलीवरी ब्वॉय को अग्रेषित कर देता है। डिलीवरी ब्वॉय द्वारा संबंधित ग्राहक के पते पर वंचित सामग्री पहुंचा कर ग्राहक द्वारा प्राप्त ओटीपी का पोर्टल में अंकित कर प्रक्रिया पूर्ण करता है। ग्राहक द्वारा शासन की योजना का लाभ प्राप्त कर खुशी एवं आभार व्यक्त किया गया।
- कोरिया : कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के प्रबंधन के अंतर्गत आम जनता को राहत देने के लिए राज्य शासन द्वारा राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अंत्योदय, प्राथमिकता, निःशक्तजन, एकल निराश्रित एवं अन्नपूर्णा श्रेणी के राशनकार्डधारियों को माह जून 2020 का चावल निःशुल्क दिये जाने का निर्णय लिया गया है। अप्रैल से जून 2020 तक अंत्योदय एवं प्राथमिकता श्रेणी के राशनकार्डों को वितरित किये जाने वाले खाद्यान्न की मात्रा उन्हें छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम अथवा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (नियमित तथा अतिरिक्त आबंटन) अंतर्गत प्राप्त होने वाले खाद्यान्न की बेहतर मात्रा के समकक्ष होगी। माह जून 2020 के नियमित चावल आबंटन के साथ 03 माह का अतिरिक्त चावल का वितरण 1 मई 2020 से प्रारंभ किया जायेगा। राज्य शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी पत्र में यह बताया गया है।राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रचलित राशनकार्डों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना तथा छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत बीपीएल राशनकार्डों में माह अप्रैल से जून 2020 तक प्रतिमाह अतिरिक्त चावल आबंटन निःशुल्क किया जायेगा। पत्र में यह भी कहा गया है कि उचित मूल्य दुकानों में वितरण के समय राशनकार्ड वार आबंटन की पात्रता की सूची का प्रदर्शन अनिवार्य रूप से किया जाये।
- बेमेतरा :-सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा लाॅकडाउन अवधि के दौरान विद्यार्थियों के लिए तकनीकी शिक्षा तथा अध्ययन की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से AICTE (All India Council for Technical Education) द्वारा Free online coaching applications प्रारंभ किया गया है। उत्सुक विद्यार्थियों द्वारा AICTE की वेबसाईटhttp://free.aicte-india.org/ का अवलोकन कर इस अध्ययन पोर्टल का लाभ लेते हुए लाॅकडाउन अवधि में समय का सदुपयोग सुनिश्चित किया जा सकता हैं। इसके लिए आवश्यक ब्राडबैंड नेटवर्क को Customer Service Centers उपभोक्ता सेवा केन्द्रद्ध से भी ।बबमेम किया जा सकता।
- बेमेतरा :- देश दुनिया में चल रही कोरोना वायरस महामारी रोकने लाॅकडाउन एवं 144 धारा लगा हुआ है। जहां ग्रामीणों के आय के सभी साधन बंद हो गए हैं वहीं महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के लिए शासन के द्वारा गांव में छूट का प्रावधान किया गया है, रोजगार गारंटी के योजना कार्य शुरू हाने से ग्रामीण मजदूरों को राहत मिली है तथ उनकी अर्थव्यवस्था एवं जिंदगी पटरी पर लौटी है।विकासखण्ड में लाॅकडाउन ढील होने के बाद से मनरेगा के कार्यो में तेजी आई है वहीं गांेव में मनरेगा काम शुरू होने से मजदूरों के चेहरे खिल उठे है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रीता यादव ने बताया कि जिले में 313 ग्राम पंचायतों में कार्य चल रहे है। वही रोजगार गांरटी के अंतर्गत 68 हजार 421 मजदूरों को प्रतिदिन जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में मिल रहा है जिसके तहत तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, गोठान निर्माण, नरवा प्रबंधन एवं टारनाली निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसमें मजदूरी के रूप में 190 रू. दिया जा रहा है। जनपद पंचायत नवागढ अंतर्गत ग्राम पंचायत नांदल, घठोली, खैरी एवं हाथाडाडू का निरीक्षण किया गया।जिला पंचायत बेमेतरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों को मास्क वितरण कर सोसल डिस्टेंस बनाये रखने एवं साबुन से हाथ धोने के संबंध में जानकारी दी। निरीक्षण के दौरान अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नवागढ़ श्री डी.आर. डाहिरे, ए.पी.ओ. मनरेगा श्री नवीन कुमार साहू , मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नवागढ श्री नरपत लाल साहू उपस्थित थे।
- बेमेतरा:-स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) जिला बेमेतरा के द्वारा कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए जिला कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के मार्गदर्शन मे स्व-सहायता समूह के सदस्यों ने मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों मे जागरुकता का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। स्वच्छता समूहों के द्वारा गांव मे घर-घर जा कर के कोरोना वायरस से बचाव के बारे मे बताया जा रहा है एवं बिना वजह घर से न निकले, जरुरी कार्याें से सदि घर से बाहर निकलना पड़े तो मास्क या गमछा से पूरी तरह से मुंह नाक को ढक करके निकल सकते है। हाॅट बाजार एवं सार्वजनिक जगहों मे कम से कम दो मीटर सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान मे रखकर खरीददारी करें। बार-बार अपने हाथों को रगड़-रगड़ कर साबुन से अपने हथेलियों को अच्छी तरह से साफ करें या सेनेटाईजर का इस्तेमाल करें। मुंह, आंख, कान नही छुए, सार्वजनिक स्थलांेपर नही थूके एवं शौच करने के लिए अपने-अपने घरों मे बने व्यक्तिगत शौचालय का नियमित उपयोग करे।घरों से रिक्शा के माध्यम से सभी सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करते हुए जिले के चिन्हित ग्राम पंचायतों मे कचरा इकट्ठा करने का जिसमे सूखा कचरा एवं ठोस कचरा प्रबंध समूह के महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है। ग्रांव को स्वच्छ स्वथ्य एवं सुन्दर बनाने के उद्देश्य से उक्त समूहो को जिला प्रशासन से लगातार मार्गदर्शन एवं सहयोग समय-समय पर प्राप्त होते रहते है। जिससे इनका उत्साहवर्धन एवं मनोबल उक्त कार्य करने के लिए बना रहता है। समूहों को गांव मे कार्य करने से संबंधित सभी को विकासखण्ड स्तरीय एवं जिला स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वर्तमान मे कोविड-19 महामारी को ध्यान मे रखकर ज्यादा से ज्यादा इसकी जानकारी एवं किसी से प्रकार के अफवाहो से बचने की जानकारी दी जा रही है। ग्रामीण महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता से संबंधित जानकारी भी समूहो के द्वारा ग्राम के महिलाओं, किशोरी बालिकाओं को दिया जा रहा है। प्रचार-प्रसार से संबंधित आवश्यक सामग्री इनको जिला प्रशासन एवं पंचायत विभाग के द्वारा समय-समय पर प्रदान किया जा रहा है। वर्तमान समय मे ग्रामों मे मनरेगा कार्य प्रारंभ हो गया है, जिसमे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए कार्य कराते हुए कार्यरत मजदूरों को मास्क वितरण जिला प्रशासन की ओर से किया जा रहा है।
- बेमेतरा :-आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा जिला बेमेतरा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 पोस्ट मैट्रिक राज्य छात्रवृत्ति अंतर्गत अनुसूचित जाति में कुल 1443 विद्यार्थियों हेतु राशि 7230830 रू. तथा अनुसूचित जनजाति हेतु कुल 439 विद्यार्थियों हेतु 2711774 रू. एवं अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु कुल 4316 विद्यार्थियों हेतु 11204930 रू. स्वीकृति कर डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया गया हैं।सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती मेनका चन्द्राकर ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्री-मैट्रिक अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति अंतर्गत कुल 43 विद्यार्थियों का तथा पोस्ट मैट्रिक अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति अंतर्गत कुल 30 विद्यार्थियों का एवं मेरिट कम मीन्स (मेरिट सह साधन आधरित) छात्रवृत्ति अंतर्गत कुल 3 विद्यार्थियों का आॅनलाईन प्रस्ताव भारत सरकार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को स्वीकृति एवं भुगतान हेतु प्रेषित किया गया है।
- बेमेतरा :राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए लाॅकडाउन के कारण स्कूल लंबे समय से बंद हैं। अतः बच्चों को घरों में पढ़ने लिखने एवं सीखने का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग छ.ग.शासन द्वारा आनलाईन पढ़ाई के लिए वेबपोर्टल cgschool.in तैयार कर “पढ़ई तुहर दुआर” कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ 07 अप्रैल को छ.ग. प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपश बघेल के कर कमलों द्वारा किया जा चुका है। इस पोर्टल पर कक्षा 1 से 10 तक के लिए सभी विषयों के पाठ्यसामग्री वीडियो/आडियो एवं पीडीएफ फार्म में उपलब्ध है। इसके अलावा वेबपोर्टल पर सभी स्कूलों का वर्चुअल स्कूल भी बनाया गया है। ये वर्चुअल स्कूल भौतिक रूप से विद्यमान स्कूलों का ही विस्तार होंगे जिसमें उसी स्कूल के शिक्षक और बच्चे जुड़कर वीडियो कांन्फ्रेसिंग के माध्यम से आनलाईन इंटरेक्टिव कक्षाओं का आयोजन उसी तरह से कर सकते हैं जैसे भौतिक स्कूलों में होता है। इस प्रकार लाकडाउन का पालन करते हुए सभी शिक्षक और बच्चे अपने अपने घरों में रहते हुए मोबाईल फोन के माध्यम से सीखने सिखाने की प्रक्रिया को निरंतर जारी रख सकते हैं।डीइओ बेमेतरा श्री सी.एस. ध्रुव ने बताया कि जिलें में इस हेतु जिला स्तरीय, विकासखंड स्तरीय एवं संकुल स्तरीय नोडल अधिकारियों की नियुक्त किया जा चुका है, जिनके माध्यम से सभी शिक्षकों और बच्चों को वेबपोर्टल से जोडने की प्रक्रिया जारी है। अभी तक 90 प्रतिशत शिक्षक एवं लक्ष्य समूह के लगभग 25 प्रतिशत बच्चे पोर्टल से जुड़ चुके हैं तथा अनेक शालाओं में पठन-पाठन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसी संदर्भ में “पढ़ई तुहर दुआर“ कार्यक्रम का जिलें में सुव्यवस्थित संचालन एवं मानिटरिंग हेतु कलेक्टर द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी के आधीन शिक्षा विभाग में प्रबंधन क्षेत्र से जुड़े सभी अधिकारियों कर्मचारियों को निष्ठापूर्वक अपने अपने दायित्वों का निर्वहन करने के लिए आदेश जारी किया जा चुका है। कार्यक्रम का लाभ सभी बच्चों को मिले इस हेतु शिक्षा विभाग का समस्त अमला निरंतर कार्य कर रहे हैं।
- राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आवश्यक सावधानियां जनहित में जारीबलरामपुर : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव तथा इस दौरान लू तथा भीषण गर्मी से बचाव के लिए राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जनहित में लोगों की जानकारी के लिए “क्या करें और क्या न करें” जारी किए गए है।आपदा प्रबंधन के जारी सुझाव और सावधानियों के अनुसार कोविड-19 के संक्रमण से बचाव, लू और भीषण गर्मी से बचने के लिए लोगों को सुझाव दिए गए हैं कि वे घर पर रहे और रेडियो सुनें, टीवी देखें, स्थानीय मौसम और कोविड-19 स्थिति पर अद्यतन परामर्श के लिए समाचार पत्र पढ़ें। जितना हो सके पर्याप्त पानी पिएं, भले ही प्यास न लगी हो। मिर्गी, हृदय, गुर्दे या लीवर से संभवित रोग वाले जो सरल प्रतिबंदित आहार लेते हो तरल पदार्थ लेने से पहले डाॅक्टर से परामर्श ले। हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें। ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन) घोल, घर का बना पेय लस्सी, (तोरानी, चावल) का पानी, नींबू का पानी, छाछ आदि का उपयोग करें। बाहर जाने से बचें, यदि बाहर जाना आवश्यक है, तो अपने सिर पर (कपड़े-टोपी, या छाता) और चेहरे को कवर करें। जहां तक संभव हो किसी भी सतह को छूने से बचें। अन्य व्यक्तियों से कम से कम एक मीटर की दूरी पर शारीरिक दूरी बनाए रखें। साबुन और पानी से बार-बार और ठीक से हाथ धोएं। साबुन और पानी उपलब्ध न हो तो हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें। घर के प्रत्येक सदस्य के लिए अलग-अलग तौलिये रखे। इन तौलियों को नियमित रूप से धोएं।इसी प्रकार जितना हो सके घर के अंदर रहें। अपने घर को ठंडा रखें। धूप से बचाव के लिए पर्दे, शटर का उपयोग करें। निचली मंजिलों पर बने रहने का प्रयास करें। पंखों का उपयोग करें, कपड़ों को नम करें और अधिक गर्मी में ठंडे पानी में ही स्नान करें। यदि आप बीमार महसूस करते हैं-उच्च बुखार/लगातार सिरदर्द/चक्कर आना/ मतली या भटकाव/लगातार खांसी/संास की तकलीफ है तो तुरंत डाॅक्टर को दिखाएं। जानवरों को भी छाया मंे रखें और उन्हें पीने के लिए भरपूर पानी दें।लाॅकडाउन के दौरान बाहर न जाएं। यदि आपको आवश्यक कार्य के लिए बाहर जाना है तो दिन के ठंडे घंटों के दौरान अपनी सारणी निर्धारित करने का प्रयास करें। अत्यधिक गर्मी के घंटों के दौरान बाहर जाने से बचें, विशेष रूप से दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच नंगे पैर या बिना चेहरे को ढके और बिना सिर ढककर बाहर न जाएं। व्यस्थतम समय (दोपहर) के दौरान खाना पकाने से बचें, खाना पकाने वाले क्षेत्रों (रसोई घरों) में दरवाजे और खिड़कियां खोल कर रखें, जिससे पर्याप्त रूप से हवा आ सके। शराब, चाय, काॅफी और कार्बोनेटेड पेय, पीने से बचें जो शरीर को निर्जलित करते हैं। उच्च प्रोटीन, मसालेदार और तैलीय भोजन खाने से बचें, बासी खाना न खाएं। बिना हाथ धोएं अपनी आंखों, नाक और मुंह को न छुंए, जो लोग बीमार हैं उनके साथ नजदीकी संपर्क से बचें। बीमार होने पर बाहार धूप में न जाएं, घर पर रहें।नियोक्ता और श्रमिक को सलाह दी गई है कि कार्यस्थल पर स्वच्छ और ठंडा पेयजल प्रदान करें। श्रमिकों को सीधे धूप से बचने के लिए सावधानी बरतें। यदि उन्हें खुले में काम करना पड़ता है, जैसे कि (कृषि मजदूर, मनरेगा मजदूर आदि) तो सुनिश्चित करें कि वे हर समय अपना सिर और चेहरा ढकें रहें। दिन के समय निर्धारित समय सारणी निश्चित करें, खुले में काम करने के लिए विश्राम गृह की अवधि और सीमा बढ़ाएं। गर्भवती महिलाओं या कामगारों की चिकित्सीय स्थिति पर विशेष ध्यान दें। सभी कार्यकर्ता चेहरे को ढककर रखे। एक-दूसरों से 1 से 1.5 मीटर की शारीरिक दूरी बनाए रखें और हाथ की सफाई का अभ्यास करवाएं। बार-बार हाथ धोने के लिए साबुन और पानी दें, अपने हाथों को धोएं बिना चेहरे को छूने से पहले सावधानी बरतने के निर्देश दें। दोपहर/रात के खाने के समय इस तरह से प्रावधान करें कि दो व्यक्तियों के बीच 1 से 1.5 मीटर की दूरी हो। स्वच्छता कर्मचारियों को अपने हाथों को ढंकना चाहिए, मास्क और दस्ताने पहनना चाहिए। दस्ताने पहनने के बाद मास्क को नहीं छूना चाहिए। उन्हें अपने हाथों को अच्छी तरह और बार-बार धोना चाहिए। हमेंशा फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें, यदि कोई बीमार है तो उसे ड्यूटी पर्यवेक्षक को सूचित किया जाना चाहिए।इसी तरह नियोक्ता और श्रमिकों को “क्या नहीं करें” के तहत सलाह दी गई है कि कार्यस्थल पर धूम्रपान या तम्बाखू न ही थूके और न ही चबाएं। एक-दूसरे से हाथ न मिलाएं या एक-दूसरों को गले न लगाएं। अपने चेहरे को विशेष रूप से आंखों, नाक और मुंह को न छुएं। जो लोग बीमार है उनके निकट संपर्क से बचें, बीमार होने पर काम पर न जाएं। घर पर ही रहें। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा पुलिस और यातायात पुलिस कार्मिकों को सलाह दी गई है कि दिन में ड्यूटी पर रहते हुए ठंड वाली जैकेट पहनंे। अपने से कुछ दूरी पर लोगों/वाहनों को रोकें। आपके द्वारा जांचे जा रहे दस्तावेजों को न छुएं, जहां तक संभव हो किसी भी सतह को छूने से बचें, जहां तक संभव हो अपना हाथ नियमित और अच्छी तरह से धोंए, यदि साबुन, पानी आसानी से उपलब्ध नहीं है तो हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें। अपने चेहरे को अनचाहे हाथों से नहीं छुएं, हर समय फेस मास्क पहनें, उन्हें समय-समय पर बदलें और उपयोग किए गए मास्क को सुरक्षित रूप से फेकें। पर्याप्त पानी पीएं, जितनी बार संभव हो पानी पीएं, भले ही प्यास न लगी हो। सुरक्षात्मक साधनों का उपयोग करें, छाया में रहने का प्रयास करें, धूप का चश्मा और सनस्क्रीन का प्रयोग करें। जहां तक संभव हो युवा कर्मियों को यातायात ड्यूटी पर रखा जाना चाहिए। जब आप काम के बाद घर जाते है, तो स्नान करें और अपने इस्तेमाल किए कपड़ों को अच्छी तरह से धोएं।आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को सलाह दी गई है कि जितना हो सके घर के अंदर रहें, पार्क, बाजारों और धार्मिक स्थानों जैसे भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जाएं, अपने घर को ठंडा रखें। पर्दें और पंखे या कूलर का उपयोग करें, नियमित रूप से हाथ धाने से खासकर भोजन करने से पहले स्वच्छता बनाए रखें। यदि आम बीमार महसूस करते हैं और निम्न में से किसी एक का अनुभव करते हैं, तो तुरंत डाॅक्टर को बुलाएं, उच्च शरीर का तापमान, शरीर में दर्द लगे, सिर दर्द, चक्कर आना, मतली या भटकाव लगना, सांस की तकलीफ होना, असामान्य रूप से भूख लगना। यदि आप एक वरिष्ठ नागरिक की देखरेख कर रहे हैं तो नियमित रूप से हाथ धोने से उनकी मदद करें, समय पर भोजन और पानी का सेवन सुनिश्चित करें, उनके पास जाते समय अपनी नाक और मुंह ढकने के लिए फेस कवर का इस्तेमाल करें, यदि आप बुखार/खांसी/सांस/ लेने जैसे चीजों से पीड़ित है, तो आपको वरिष्ठ नागरिक के पास नहीं जाना चाहिए। उस दौरान किसी और को उसके पास जाने के लिए कहे वो भी पूरी सावधानी के साथ।
- बलरामपुर : कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बाचव एवं रोकथाम हेतु राज्य सरकार द्वारा लाॅकडाउन लगाया है। इस अवधि में प्रभावित मेहनतकश मजदूरों को मनरेगा के तहत तमाम सुरक्षा मानकों के पालन करते हुए मजदूरी कार्यो को करने की अनुमति प्रदान की गई है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीष एस. ने विकासखण्ड कुसमी के विभिन्न ग्राम पंचायतों में मनरेगा के अन्तर्गत चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर अधिकारियों-कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीष एस. ने विकासखण्ड कुसमी के ग्राम पंचायतों में चल रही डबरी, कूप, नाला ट्रीटमेंट तथा नटवरनगर नर्सरी कार्यों का निरीक्षण किया गया। उन्होंने मनरेगा के सभी कार्यों को अधिक से अधिक मजदूर लगा कर तय सीमा में कार्यों को पूर्ण करने तथा अधिक से अधिक रोजगार सृजन करने के निर्देश दिये। इस दौरान उन्होंने मजदूरों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और कार्य करते से समय 1 से 2 मीटर की दूरी बनाये रखने, औजारों को किसी दूसरे को न छूने देना, काम के बाद साबुन से हाथ धोने और सेनेटाईजर का उपयोग करने की समझाईश दी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री हरीष एस. ने जनपद पंचायत के मुख्या कार्यपालन अधिकारी एवं मरेगा कार्यक्रम अधिकारी को नाला ट्रीटमेंट के कार्य को प्राथमिकता से प्रारंभ करने तथा कार्य में प्रगति लाने हेतु मजदूरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने रोजगार सहायक, तकनीकी सहायक को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु मजदूरों को कार्यस्थल पर सभी सुविधाओं के साथ-साथ सुरक्षा मानकों के प्रति लगातार जागरूकता करने के निर्देश दिये।इस दौरान सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा श्री के.एम. पाठक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत श्री विनोद जायसवाल, सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
- बलरामपुर : कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री संजीव कुमार झा ने लोगों को सोशल-फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने के लिए निर्देश जारी किए है। उन्होंने कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क या अन्य किसी तरीके से चेहरा ढका नहीं पाए जाने पर अर्थदण्ड अधिकतम 100 रुपए, सार्वजनिक स्थानों पर थूकते पाए जाने पर 100 रुपए एवं सोशल-फिजिकल डिस्टेंस नियमों का उल्लंघन करते पाए जाने पर अर्थदण्ड 200 रुपए प्रतिव्यक्ति निर्धारित किया गया है। दो पहिया वाहनों पर एक से अधिक सवारी पाए जाने पर अर्थदण्ड अधिकतम 200 रुपए, चार पहिया वाहनों में ड्रायवर के पिछली सीट पर 1 अतिरिक्त सवारी हो सकती है। इसके अतिरिक्त सवारी होने अथवा सामने के सीट पर सवारी होने पर अर्थदण्ड अधिकतम 200 रुपए निर्धारित किया गया है। उन्होंने छूट प्राप्त दुकानों संस्थानों के द्वारा मास्क का उपयोग नहीं करने पर एवं उनके द्वारा अनावश्यक विचरण अथवा सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का उल्लंघन करते पाए जाने पर प्रथम बार अर्थदण्ड अधिकतम 500 रुपए एवं दूसरी बार अर्थदण्ड 1000 रुपए निर्धारित किया गया है। कलेक्टर ने कहा है कि इसके बाद भी गलती की पुनरावृत्ति होने पर दुकान संचालकों की छूट समाप्त कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण के बचाव के नियमों का पालन नहीं करने पर उपरोक्तानुसार अर्थदण्ड स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय स्वशायी निकायों द्वारा अधिरोपित की जाएगी एवं अर्थदण्ड के अतिरक्ति विभिन्न प्रभावी अधिनियम एवं नियमों के अंतर्गत अन्य वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
- 05 श्रमिकों द्वारा 17 दिन में किया गया आर.सी.सी.लाईनिंग का निर्माणजशपुर : राज्य के उत्तर पूर्व में स्थित जषपुर जिला जो कि अनुसूचित जनजाति बाहुल्य जिला है यहॉ की मिट्टी जलवायु कुछ क्षेत्र को छोड़कर मत्स्य पालन के लिये अनुकूल है अनुसूचित जनजाति के समुदायों के लोगों के लिये मछली, भोजन के रूप में पहली पसन्द होने के साथ-साथ मछली उनके दैनिक खान-पान में विषेष महत्व रखता है जिसके कारण से जिले के अधिकांष उक्त समुदाय के लोग अपने बाड़ी- खेत में छोटे-छोटे डबरी/तालाब बनाकर मछली पालन का कार्य भी करते हैं।क्षेत्र के सभी मत्स्य पालक मत्स्य बीज के लिये जिला जषपुर स्थित मत्स्य बीज उत्पादन चायनिज हैचरी प्रक्षेत्र बघिमा से उत्पादित उन्नत किस्म के मत्स्य बीज कतला, रोहू, मृगल पर ही निर्भर करते हैं जहॉ से जिला के मत्स्य पालकों के अलावा अन्य जिला रायगढ़, अंबिकापुर, बलरामपुर आदि एवं जिला से लगे समीपवर्ती राज्य उडी़सा एवं झारखण्ड के मत्स्य पालकों को भी मत्स्य बीज की आपूर्ति की जाती है।श्री डी.के.इजारदार ने बताया कि उक्त प्रक्ष्ेत्र की अति महत्वपूर्ण इकाई प्रजनक पोखर में सुरक्षित रखे हुए प्रजनकों की सुरक्षा के लिये पोखर में पर्याप्त जल स्तर बनाये रखने हेतु प्रजनक पोखर के क्षतिग्रस्त मेंड़ मजबूती के लिये उसमें आर.सी.सी.लाईनिंग का निर्माण कार्य कोविड-19 लॉक डाउन अवधी में मछली पालन कार्य को मिली छूट के तहत जिला प्रषासन के कुषल मार्गदर्षन पर 05 श्रमिकों द्वारा निरंतर 17 दिवस तक कुल 85 मानव दिवस कार्य करने के उपरान्त आर.सी.सी.लाईनिंग का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया। अब प्रजनक पोखर में पर्याप्त जल का भराव हो सकेगा और मत्स्य प्रजनक सुरक्षित एवं स्वस्थ होंगे जो कि दो महीना पश्चात मत्स्य बीज उत्पादन कार्य के लिये अधिक उपयोगी सिध्द होंगे। उन्होंने बताया कि इससे वर्ष 2020-21 में जिला को प्राप्त मत्स्य बीज उत्पादन 6.50 करोड़ स्पान के लक्ष्य को आसानी से पूर्ण किया जा सकेगा, वैसे तो मत्स्य बीज उत्पादन प्रक्षेत्र बघिमा में विगत पॉच वर्षों से प्राप्त लक्ष्य से अधिक मत्स्य बीज उत्पादन किया जाता रहा है,उपरोक्त प्रजनक पोखर समय पर निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात चालू वर्ष में भी लक्ष्य से अधिक उन्नत किस्म के मत्स्य बीज कतला, रोहू, मृगल उत्पादन की जावेगी जो जषपुर जिला को मत्स्य बीज उत्पादन के क्षेत्र में गौरवान्वित करेगा।
- जशपुर : कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्शन में जिले में आकस्मिक वर्षा ओला वृष्टि के कारण फसलों के हुए नुकसान का आंकलन करने राजस्व अमला अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों से मिलकर फसल के हुए नुकसान की जानकारी ले रहे है और किसानों के खेतों में पहुंचकर फसल का आंकलन तैयार कर रहे है।।कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को किसानों के फसल नुकसान के संबंध में जानकारी बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। इसी कड़ी में आज राजस्व अमला आरबीसी 6-4 के तहत् किसानों के खेतों का भौतिक सत्यापन कर जानकारी तैयार की जा रही है।
- बाड़ी विकास बना संकट में आमदनी का जरियाछत्तीसगढ़ शासन की नरवा, गुरूवा, घुरूवा बाड़ी योजना बनी किसानों के लिए लाभदायकजशपुर : किसानों को अपनी मेहनत का सही दाम मिलता है तो उनकी खुशी दुगनी हो जाती है। लॉकडाउन के दौरान किसान अपनी बाड़ी में मौसमी साग-सब्जी का उत्पादन करके स्थानीय बाजार में विक्री करने से आर्थिक आमदनी हो रही है। छत्तीसगढ़ शासन की नरवा, गुरूवा, घुरूवा, बाड़ी दूरस्थ अंचल में निवासरत किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही है। जशपुर जिले के कांसाबेल ब्लॉक के ग्राम बटईकेला का किसान श्री रामधनी ने बताया कि बाड़ी विकास से जुड़कर अपने खेतों में फुलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, धनियापत्ती एवं अन्य मौसमी सब्जी लगा रहे है साथ ही अपने घरों के लिए भी उपयोग कर रहे है। उन्होंने बताया कि शासन की योजना का लाभ लेकर उद्यान विभाग के सहायक संचालक श्री रामअवध सिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में उन्नत खेती की तकनिकी की भी जानकारी उन्हें मिल रही है। उद्यान विभाग द्वारा उन्हें सब्जी मिनीकिट का भी लाभ दिया गया है जिससे फसल की पैदावार अच्छी हो रही है।किसान रामधनी ने बताया कि अपने खेतों में बैंगन की खेती की जिससे 250 किलोग्राम बैगन सब्जी का उत्पादन हुआ है। आस-पास के गांवों मे ंविक्रय करने पर उन्हें लगभग 14 हजार रुपए की आमदनी प्राप्त हुई है। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन को धन्यवाद देते हुए कहा है कि बाड़ी विकास योजना ग्रामीण कृषकों के लिए बहुत लाभकारी योजना है। इस योजना से जुड़कर सब्जी भाजी की खेती कर अपनी आय में बढ़ोत्तरी कर रहे है।