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- अस्पताल की भीड़ को कम करने और वायरस से बचाव के लिए जारी हुआ विशेष दिशा-निर्देशरायपुर. 2 जून 2020 । कोरोना काल में टेलीमेडिसिन मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है। खासकर उनके लिए जो अस्पताल जाने की स्थिति में नहीं है या वह जो संक्रमण के डर से जाना नहीं चाहते हैं। संक्रमण की स्थिति को भांपते हुए ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने नीति आयोग के साथ मिलकर टेलीमेडिसिन को लेकर 25 मार्च को ही एक गाइडलाइन जारी की थी, जिसके मुताबिक टेलीमेडिसिन के जरिए सिर्फ रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर को मरीजों का उपचार करने की अनुमती दी गयी थी। संचार के विभिन्न साधनों जैसे मोबाइल फोन टैक्स्ट मैसेज, वाट्सऐप, ईमेल आदि के जरिए मनोरोगियों को इलाज परामर्श प्रदान करने की भी सिफारिश की गई थी।
महामारी से लॉकडाउन की इस अवधि में रोगियों को अस्पताल पहुंचने और दवा खरीदने में भी कठिनाई हो रही है। समय पर इलाज और दवा नहीं मिलने के कारण उनके शारीरिक विकार के बढ़ने या ठीक होने की गति रूकने की संभावना है। इस समय टेलीमे़डिसीन चिकित्सीय परामर्श अनुकूल और सार्थक पहल रही है, जिसमें रजिस्टर्ड चिकित्सक रोगियों को वायरस संक्रमण से बचाकर उनका मूल्यांकन कर उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परामर्श प्रदान कर रहे हैं।
इसी कड़ी में 14 मई को सरकार ने भारतीय चिकित्सा परिषद (व्यावसायिक आचरण, शिष्टाचार और नैतिकता) विनियम, 2002 में इसे शामिल करते हुए राजपत्र में दिशा-निर्देश प्रकाशित किए जिसके अनुसार, एक पंजीकृत डॉक्टर या चिकित्सा व्यवसायी (आरएमपी) टेलीमेडिसिन के माध्यम से परामर्श दे सकते हैं। इससे पहले भारत में टेलीमे़डिसिन को मान्यता प्राप्त नहीं थी। लॉकडाउन की स्थिति में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी टेलीमेडिसिन की सलाह दी है ताकि अस्पताल में लोग कम-से-कम पहुंचें।
डॉ . मल्लिकार्जुन राव , सेंदरी मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल के मनो चिकित्सक का कहना है हाल ही में उन्होंने एक नशे के आदि व्यक्ति का उपचार कोरिया के जिला अस्पताल में टेलीमेडिसिन द्वारा किया । नियमित परामर्श से उसमें काफी सुधार हुआ और वह अब बिलकुल ठीक हो चुका है। उनके कुछ मरीजों को कोरबा और मुंगेली के जिला अस्पताल में ही टेलीमेडिसिन द्वारा परामर्श मिला और उनको सेंदरी नहीं आना पड़ा ।अभी तक उनके पास जिला अस्पतालों, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थय केन्द्रों से ही रोगी टेलीमेडिसिन द्वारा लाभान्वित हो रहे हैं । बहुत कम रोगी हेल्पलाइन द्वारा या खुद से यह सुविधा ले रहे हैं ।डॉ राव का यह भी कहना है टेलीमेडिसिन की पद्धति के बारे में और जागरूकता बढ़ाने की ज़रुरत है । कई लोगों, यहाँ तक की डॉक्टरों को तो अभी भी मालूम नहीं है कि टेलीसाईंकिएट्री को अब कानूनी वैद्यता मिली है।
दिशा निर्देश इस तरह-
रोगी की सहमति है महत्वपूर्ण - दिशानिर्देशों के अनुसार टेलीमेडिसिन परामर्श गुमनाम नहीं यानि बिना रोगी की पहचान के नहीं होगा। डॉक्टर को मरीज के मूल विवरण जैसे नाम, आयु, संपर्क विवरण, पता आदि की पुष्टि के बाद ही परामर्श प्रदान किया जाएगा। रोगी को डॉक्टर की साख और बुनियादी संपर्क जानकारी भी प्रदान की जानी चाहिए। दूसरे शब्दों में, रोगी और आरएमपी दोनों को एक दूसरे की पहचान जानना आवश्यक है।
ई-प्रिस्क्रिप्शन - सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार टेली चिकित्सकीय परामर्श के बाद वाट्सऐप या ईमेल के जरिए रोगियों को ई-प्रिस्क्रिप्शन दिया जाएगा। ई-प्रिस्क्रिप्शन में रोगी की पहचान का विवरण (नाम, यूएचआईडी और पूर्ण पता), समय, दिनांक और वह स्थान जहां से टेली चिकित्सा दी गई, परामर्श और ऑडियो या वीडियो कॉल का समय, वीडियो कॉल कर मरीज की पहचान (फोटो), पहले से चल रही दवाओं, वर्तमान उपचार और शारीरिक स्थिति परिक्षण की जानकारी अंकित होगी। डॉक्टर सामान्य चिकित्सीय शुल्क भी ले सकता है पर उसकी रसीद भी मरीज को देनी होगी।
ऐसी व्यवस्था- रोगियों की चिकित्सा के लिए डॉक्टरों की तैनाती करने के साथ मेडिकल स्टाफ, एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी की मौजूदगी में रोगियों की आवश्यकता के अनुसार होना चाहिए। मोबाइल फोन से वीडियो या ऑडियो द्वारा, सामान्य टेक्सट संदेशों और ईमेल के जरिए मरीजों को परामर्श प्रदान होगा। सरकारी टेलीमेडिसीन प्रैक्टिस गाइडलाइन के अनुसार दिए मरीजों को मैसेज भेजकर चिकित्सकीय सेवा लेना होगा, जिसमें उनका नाम, एप्वाइंटमेंट की तारीख और यूएचआई़डी नंबर देना अनिवार्य होगा। इसके बाद चिकित्सक ऑडियो या वीडियो कॉल द्वारा पंजीकृत या अन्य मरीजों को परामर्श देंगे। चिकित्सक दवाएं लेने और अन्य परामर्श डिजीटल पर्ची वाट्सऐप के माध्यम से मरीजों को भेजेंगे। आपातकाल लगा तो रोगियों को नजदीकी चिकित्सा अस्पताल में जाने या अन्य अस्पताल में रेफर करने की सलाह दी जाती है।
लागू नहीं - अधिसूचना में यह भी कहा गया है यह दिशा-निर्देश डिजिटल तकनीक के उपयोग के लिए सर्जिकल या इनवेसिव प्रक्रिया को दूरस्थ रूप से लागू करने के लिए लागू नहीं हैं। सरकारी अधिसूचना में दवाओं की लिस्ट भी शामिल है जो टेलीमेडिसिन के दौरान दी या नहीं दी जा सकती हैं। कोरोना काल में टेलीमेडिसिन की सुविधा काउंसलिंग में बहुत लाभदायक रही है।
1970 में पहली बार हुआ था इस्तेमाल - विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक पहली बार 1970 में टेलीमेडिसिन यानी दूर से इलाज शब्द का इस्तेमाल हुआ था। उस दौरान फोन पर लक्षण के आधार पर बीमारी की पहचान और इलाज करने की शुरुआत हुई थी। टेलीमेडिसिन में वीडियो कॉलिंग के जरिए भी मरीज को देखा जाता है और ब्लड प्रेशर मॉनिटर के डाटा के आधार दवा दी जाती है। आजकल टेक्नोलॉजी के विस्तार से मोबाइल फ़ोन, विडियो कॉल, ईमेल और अन्य तरीकों से यह किया जा सकता है। - कोरिया 02 जून : ग्रीष्म ऋतु में पेयजल की कमी एक प्रमुख समस्या है। आम जनों की इस समस्या के समाधान को प्राथमिकता देते हुए आसानी से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा लगातार हैंडपंपो के सुधार का कार्य किया जा रहा है। ग्रीष्म ऋतु के प्रारंभ से आज तक पीएचई विभाग के द्वारा कोरिया जिले के सभी विकासखण्डों में विशेष अभियान चलाते हुए 364 हैण्डपम्पों का सुधार कार्य किया गया है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था सुदृढ़ हुई है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी ने आज यहां बताया कि कोरिया जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 12 हजार 630 हैण्डपम्प स्थापित हैं। जिनके माध्यम से ग्रामीण लोगों को पेयजल प्रदान किया जा रहा है। जिले में संचालित नलजल एवं स्थल जल प्रदाय योजनाएं संचालित हैं। गर्मी के मौसम में पेयजल व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए इनमें से बंद योजनाओं में आवश्यक सुधार कार्य कराया गया है। जहां भी हैण्डपंपों के खराब होने अथवा जल स्तर कम होने पर पेयजल समस्या की सूचना प्राप्त हुई, वहां विभाग के द्वारा त्वरित कार्यवाही कर बिगड़े हैण्डपंपों का सुधार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि समस्त सुधार कार्यों के दौरान राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के निर्देशानुसार कोरोना वायरस महामारी के नियंत्रण एवं बचाव के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है तथा लोगों को भी कोरोना के संक्रमण से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। -
बेमेतरा 02 जून : छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के संक्रमण के कारण प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। इनके साथ केन्द्रों में उनके बच्चे भी रह रहे हैं। राज्य सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों के बच्चों की नियमित शिक्षा की व्यवस्था के लिए उन्हें स्कूलों में प्रवेश दिलाने का निर्णय लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने इस संबंध में कार्यवाही के लिए जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने जिला कलेक्टरों से कहा है कि प्रवासी मजदूरों के बच्चों के नियमित शिक्षा के लिए उनकी जानकारी निर्धारित प्रपत्र में एकत्रित किया जाना आवश्यक है। इस प्रपत्र में बच्चे का नाम, आयु, जन्मतिथि, लिंग, पिता का नाम, माता का नाम, कहां से छत्तीसगढ़ वापस आए हैं, निवास स्थान का पूरा पता ग्रामीण क्षेत्र के लिए - गांव, पंचायत, विकासखण्ड, जिला तथा शहरी क्षेत्र के लिए मकान नंबर, मोहल्ला, वार्ड, शहर, जिला, बच्चा कितने वर्ष का और किस कक्षा में पढ़ता है, इस वर्ष किस कक्षा में प्रवेश लेना है, माता-पिता छत्तीसगढ़ में रहेंगे अथवा काम के लिए बाहर जाएंगे, बच्चा छत्तीसगढ़ में रहेगा अथवा माता-पिता के साथ बाहर जाएगा, कि जानकारी एकत्र की जाए। जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि क्वारेंटाइन सेंटर छोड़ने के पूर्व प्रत्येक क्वारेंटाइन सेंटर में प्रपत्र अनुसार जानकारी एकत्र करा ली जाए। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शीघ्र ही इस जानकारी की ऑनलाइन एन्ट्री के लिए साफ्टवेयर उपलब्ध कराया जाएगा।
तब तक यह जानकारी प्रत्येक क्वारेंटाइन सेंटर में एक पंजी में तैयार कराएं। जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि यह सुनिश्चित करें कि सभी की जानकारी तैयार हो जाए। जिससे कोई भी बच्चा स्कूल में प्रवेश से वंचित न रह जाए। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को भी आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। -
सूरजपुर 02 जून : कोरोना महामारी के रोकथाम व नियंत्रण के लिए किये गये लाॅकडाउन के प्रभाव से आधार सेवा केन्द्रो को बंद कर दिया गया था। जो अनलाॅक 1 में 01 जून 2020 से प्रारंभ कर दिया गया है। इसी संबंध में आज कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के द्वारा समस्त आधार सेवा केन्द्रों को सुरक्षा मानको के पालन के साथ खोले जाने के आदेष दिये हैं।
आदेष में वर्णित शर्ताे के अनुसार सभी आधार केन्द्रो को नियमित तौर पर उपकरणों को सेनिटाईज किया जाना होगा, सभी आॅपरेटर और अन्य स्टाॅफ जो आधार केन्द्र पर मौजूद रहते हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से हाथों को सेनिटाईज करना अथवा साबुन ेसे धोना होगा। स्टाॅफ को अपने नाक, आंख, मुंह को कार्य के दौरान छुने से बचने हेतु कहा गया है। इसके साथ ही केन्द्र में बायोमैट्रिक डिवाईस को प्रत्येक अपडेट के बाद साफ करने कहा गया है। इसके अलावा सेवा केन्द्रों में फिजीकल डिस्टेंस का पालन करने के साथ ही युआईडीएआई के दिषा निर्देषों को डिस्प्ले में लगाने निर्देषित किया गया है। हालांकि कंटेंटमेंट जोन व हाॅटस्पाॅट क्षेत्र में यह आदेष लागु नहीं किया गया है। -
प्रधानपाठक की पहल से विद्यालय के चिन्हांकित बच्चों को शिक्षा के साथ मिल रहा भोजन
सूरजपुर 02 जून : सूरजपुर जिले में कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन में भी बच्चों की पढ़ाई अनवरत जारी है। बच्चे छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना पढ़ई तुंहर दुआर के माध्यम से घर पर ही सुरक्षित रहकर ऑनलाईन पढ़ाई कर रहे है। इस कार्य में सूरजपुर जिले के शिक्षक सक्रिय सहभागिता निभा रहे है। इस ऑनलाईन पढ़ाई के संबंध में विकासखण्ड सूरजपुर के शासकीय प्राथमिक शाला चट्टीडांड़ जयनगर की प्रधानपाठक कुमारी विनिता सिंह से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि इस लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई के लिए ऑनलाईन शिक्षा पोर्टल पढ़ई तुंहर दुआर काफी उपयोगी साबित हो रही है। इससे पढ़ाई करने को लेकर बच्चे काफी उत्साहित रहते है, क्योंकि बच्चों को मोबाईल पर वीडियो देखना बहुत पसंद होता है, इसलिए उन्हें मोबाईल से पढ़ने में बहुत मजा आ रहा है।
वेबसाईट पर बहुत सारे गुणवत्तापूर्ण और रूचिकर वीडियों, ऑडियो, पीडीएफ, शैक्षणिक सहायक सामग्री और गतिविधियां उपलब्ध है, जिससे बच्चों को पाठ को समझने में काफी मदद मिल रही है। उन्होंने आगे बताया कि उनके विद्यालय के सभी बच्चों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। विद्यालय के जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं थे, ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रधानपाठक कुमारी विनिता सिंह ने एक अभिनव पहल करते हुए उन बच्चों का चिन्हांकन कर उनको पढ़ाने की जिम्मेदारी विद्यालय की दो भूतपूर्व छात्राएँ कुमारी सुमन सारथी और कुमारी संजना सारथी को सौंपी थी, जो चिन्हांकित बच्चों की नियमित कक्षाएँ अपने घर पर ही सोशल डिसटेंस का पालन कर लगा रही है। वर्तमान में दो और भूतपूर्व छात्राएँ कुमारी संध्या गिद्ध और कुमारी आँचल इस अभियान से जुड़कर इसे सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। प्रधानपाठक कुमारी विनिता सिंह ने एक और अभिनव पहल करते हुए स्वयं के व्यय से उन बच्चों के लिए 15 मई 2020 से प्रतिदिन दोपहर के भोजन की व्यवस्था भी कराई हैं। इस कार्य में सुमन सारथी के पिता सुरेश सारथी और माता श्रीमती सीमा सारथी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है, वे प्रतिदिन बच्चों के पढ़ने के दौरान भोजन तैयार कर अपने घर पर ही सोशल डिसटेंस का पालन कर उन्हें भोजन खिलाकर घर भेजते है। प्रधानपाठक के इस सराहनीय पहल की पूरे गाँव में जमकर प्रशंसा हो रही है। -
5250 रूपये शमन शुल्क किये गये वसूल, अनिवार्य रूप से मास्क पहनने व फिजीकल डिस्टेंस की दी गई समझाइष
सूरजपुर 02 जून : अनलाॅक 1 में लोगों के द्वारा नियमों की अनदेखी और सुरक्षा मानकों के पालन न करने को लेकर प्रषासन ने सख्त रवैया अपनाया है। इसी क्रम में बीते दिन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री हरीष राठौर, एसडीएम श्री पुष्पेन्द्र शर्मा, तहसीलदार श्री नन्दजी पाण्डेय एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी श्री दीपक एक्का के दल ने सूरजपुर नगर स्थित सुभाष चैक पर रोक कर मुंह में मास्क लगाने एवं शासन से जारी नियमों का पालन करने संबंधी समझाईष देने के साथ नियमों की अनदेखी करने वालों पर कार्यवाही करते हुए शमन शुल्क की वसूली की गईं। जिसमें लगभग 5250 ( पाॅच हजार दो सौ पचास रूपये ) की वसूली की गई है।
गौरतलब है, कि 01 जून से शासन के द्वारा सेवाओं और वस्तुओं के संचालकों को रियायत देते हुए शर्तो के साथ संचालन की अनुमति प्रदान की गई है, जिससे नगर में लोगों की भीड़ जमा होने लगी, जिसमें बनायें गये नियमों व सुरक्षा मानकों का भी पालन होते नहीं दिख रहा था, इसी सब को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के निर्देषन में जिला प्रषासन के दल ने नियमों की अनदेखी करने वालों पर कार्यवाही करते हुए सुरक्षा मानकों का पालन करने समझाईष दी है। -
टेक अवे को किया गया अनिवार्य, ठेले पर खड़े होकर खाना रहेगा प्रतिबंधित
सूरजपुर 02 जून : छोटे व्यवसायियों की समस्या को देखते हुए उन्हें राहत दिलाने शासन के निर्देषो पर कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के द्वारा आदेष जारी कर 25 मई 2020 से सुबह 09 बजे से 04 बजे तक ठेले व गुमटियों का संचालन करने अनुमति दी गई थी। जिसपर पुनः कैबिनेट में लिये गये निर्णय अनुसार ठेला व गुमटी के संचालन के संबंध में कलेक्टर के द्वारा नवीन निर्देषों के साथ आदेष जारी किये हैं। जिसमें ठेले व गुमटी का संचालन समय सुबह 09 बजे से शाम 6ः30 बजे तक सोमवार से शनिवार कर दिया गया है। इसके साथ ही अनलाॅक 1.0 में नगर में अनावष्यक भीड़ को देखते हुए टेक अवे को अनिवार्य कर दिया गया है, साथ ही ठेलों पर खड़े होकर खाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। शर्तो में पूर्व की भांति ठेलों के बीच की दूरी 20 फीट की रखने, सोषल डिस्टेंसिंग का पालन करने को यथावत रखा गया है। इसके अतिरिक्त साबुन अथवा सेनिटाईजर अनिवार्य रूप से रखने के साथ सार्वजनिक स्थान पर शराब, पान, गुटखा, तम्बाकू का प्रयोग व ठेले के पास मुंह धोना, थुकना, गंदगी फैलाना प्रतिबंधित रखा गया है। निर्देषों का पालन नहीं किये जाने की स्थिति में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत् कार्यवाही की बात कहीं गई है। -
सूरजपुर 02 जून : अपर कलेक्टर श्री एस.एन.मोटवानी से प्राप्त जानकारी अनुसार छत्तीसगढ़ शासन राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन, रायपुर के निर्देशानुसार आगामी मानसून 2020 में प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था के लिए जिला मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय सूरजपुर में आगामी आदेश पर्यन्त तक कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया हैं। कंट्रोल रूम का फोन नम्बर 07775-266116 है। इसके नोडल अधिकारी एवं दल प्रभारी श्री वहीदुर्रहमान डिप्टी कलेक्टर सूरजपुर को बनाया गया हैं। जिनका संपर्क नम्बर 7987001223 है।
कंट्रोल रूम में कार्यो के संचालन हेतु श्री शितलेश कुमार ठाकुर, सहा0 ग्रेड-3 उ.मा.वि. डुमरिया, श्री मोतीलाल राजवाड़े भृत्य शा.मा. शाला गिरवरगंज, समय प्रातः 4ः00 से प्रातः के 10ः00 बजे तक इसी प्रकार श्री सुखदेव यादव, सहा0 ग्रेड-3, शा. हाईस्कुल भुनेश्वरपुर, श्री विरेन्द्र राम, भृत्य कार्यालय कार्यपालन अभियन्ता लोक निर्माण विभाग सूरजपुर, प्रातः के 10ः00 बजे से सायं 4ः00 बजे तक, श्री संजीव कुमार यादव, सहा0 ग्रेड-3 शा.उ.मा.वि. बसदेई, श्री अनन्त कुमार ठाकुर, भृत्य, शा.उ.मा.वि. गिरवरगंज, संलग्न जिला कार्यालय सूरजपुर, सायं 4ः00 बजे से रात्रि 10ः00 बजे तक, श्री विरेन्द्र कुमार सिंह, सहा० ग्रेड-3, शा.उ.मा.वि. बसदेई, श्री अनिल कुमार रायल, भृत्य, शासकीय हाई स्कूल पटना रात्रि 10ः00 बजे से प्रातः 4ः00 बजे तक इत्यादी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। स्थापित कंट्रोल रूम अवकाश के दिनों में भी 24 घंटा कार्य करेगा। -
स्पोट्स काॅम्प्लेक्स, स्टेडियम, सार्वजनिक पार्क 7 जून तक रहेगें बन्द
बेमेतरा 02 जून : गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण नियंत्रण हेतु लाॅकडाउन उपायों को चरणबद्ध रूप से खोलने एवं 30 जून 2020 तक लाॅकडाउन संशोधित रूप में लागू करने के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शिव अनंत तायल ने एक आदेश जारी कर बेमेतरा जिले के लिए निम्नानुसार दिशा-निर्देश सर्व साधारण की जानकारी हेतु जारी करते हुये यह स्पष्ट किया जाता है कि ऐसी सभी दुकानें/संस्थायें/प्रतिष्ठान/सेवाओं को जो भारत सरकार, गृह मंत्रालय व छ.ग. शासन द्वारा प्रतिबंधित नहीं है, उनके संचालक की अनुमति निम्नलिखित शर्तो के अधीन प्रदाय की जाती है। दुकानों/संस्थायें/प्रतिष्ठान/सेवाओं को भारत सरकार व राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) के रोकथाम हेतु जारी समस्त निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
दुकानों/संस्थायें/प्रतिष्ठान/सेवाओं का संचालन सप्ताह के छः दिन (रविवार बंद) प्रातः 7 बजे से सायं 5 बजे तक होगा। दुकान परिसर के बाहर पर्याप्त मात्रा में पानी व हैण्ड सेनिटाईजर रखना अनिवार्य होगा। अनुमति प्राप्त ढाबों इत्यादि में ग्राहकोें को सामाग्री टेक अवे (Take Away) व आनलाईन डिलीवरी के सिद्धांत पर दी जावेगी तथा परिसर में स्वच्छता रखना अनिवार्य होगा। अंतर-जिला टैक्सी/आटो/ई-रिक्शा/निजी वाहनों के परिचालन व आवागमन हेतु आनलाईन ई-पास प्राप्त करना अनिवार्य होगा। आॅनलाईन ई-पास के बिना अंतर-जिला परिचालन की अनुमति नहीं होगी। यात्रा के दौरान मास्क का उपयोग व सोशल-डिस्टेंसिंग के प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य होगा। यह महत्वपूर्ण होगा कि जितनी सीट की क्षमता है उससे अधिक सवारी का परिवहन नहीं किया जावेगा। उल्लंघन की दशा में परमिट निरस्त किया जा सकेगा।
सड़क किनारे सामान बेचने वालों (फेरी वालों) के लिए स्थानीय निकायों द्वारा नियत स्थान और समय का निर्धारण कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा तथा 02 ठेलो के मध्य 20 फीट की दूरी अनिवार्य रूप से रखी जावे। नाॅन वेंडिंग जोन (Non-Vending Zone) में किसी तरह व्यापार-व्यवसाय की अनुमति नहीं होगी। विवाह संबंधी कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये अधिकतम 50 व्यक्तियों की उपस्थिति की अनुमति होगी, जो संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा प्रदान की जावेगी। अंत्येष्ठि/अंतिम संस्कार जैसे आयोजनों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा तथा अधिकतम 20 व्यक्तियों की उपस्थिति की अनुमति होगी, जो संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा प्रदान की जावेगी।
समस्त प्रतिष्ठानों/ओद्यौगिक संस्थानों/व्यवसायिक संस्थाओं एवं कार्यालयों में थर्मल स्केनर/हैण्ड सेनिटाईजर/मास्क की उपलब्धता अनिवार्य रूप से रखी जावेगी। कार्यालय परिसर व सभी स्थलों पर स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक होगा। दुकानों में एक बार में अधिकतम 05 ग्राहकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये प्रवेश दिया जा सकेगा। रात्रि 9 बजे से सुबह 5 बजे का समय कफ्र्यू का होगा, जिसमें किसी भी प्रकार की गतिविधि का संचालन नहीं होगा। परंतु कोई भी व्यक्ति अनावश्यक रूप से व गैर-जरूरी कार्य हेतु सायं 07ः00 बजे के पश्चात घर से बाहर नहीं निकलेगा।
10 साल से कम उम्र के बच्चें, गर्भवती महिलाओं एवं 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति मात्र मेडिकल ईमरजेंसी कारणों से ही घर से बाहर निकल सकेंगे।सार्वजनिक स्थल पर पान, गुटखा व शराब का सेवन नहीं किया जा सकेगा। व्यक्तियों के अंतर्राज्यीय बस परिवहन के बार में पूर्व में जारी प्रतिबंध जारी रहेगा तथा इस संबंध में ई-पास के माध्यम से अनुमति प्राप्त होने पर आवागमन हो सकेगा, यही प्रक्रिया अंतर-जिला परिवहन के बारे में भी लागू होगी। समस्त स्पोटर्स काम्पलेक्स, स्टेडियम व सार्वजनिक पार्क 07 जून तक बंद रहेगी। राज्य के भीतर व अंतर्राज्यीय बस सेवा परिवहन विभाग द्वारा पृथक से जारी आदेश के अनुरूप संचालित होंगे। क्लब, बार संचालन के बारे में वाणिज्यकर (आबकारी विभाग) पृथक से आदेश करेगा। उक्त किसी भी कंडिका का उल्लंघन होने पर दुकान/प्रतिष्ठान/संस्थान/सेवाओं के विरूद्ध कार्यवाही किया जाकर सील की जा सकेगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। -
सायं 07 बजे से प्रातः 07 बजे तक अनावश्यक परिभ्रमण एवं आवागमन पर रहेगा प्रतिबंध
जिले में 07 जून तक विभिन्न गतिविधियां रहेगी प्रतिबंधितजषपुर जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी
जशपुरनगर 02 जून : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री महादेव कावरे द्वारा जिले में नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से नियत्रंण एवं रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया गया है। कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के प्रसार को रोकने तथा इस पर नियंत्रण के लिए संपूर्ण जिले के सीमा क्षेत्र के अंतर्गत स्वास्थ्यगत आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए आगामी 07 जून 2020 की रात्रि 12 बजे तक दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत धारा 144 को बढ़ाया गया है।
कलेक्टर श्री कावरे द्वारा जारी आदेष में बताया गया है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से यह तथ्य परिलक्षित है कि कोरोना वायरस के सम्पर्क से पीड़ित, संदेही से दूर रहने की सख्त हिदायत दी गई है। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा भी यह निर्देशित किया गया है कि इससे बचने के सभी संभावित उपाय अमल में लाया जाए। यही कारण है कि कोविड़-19 के संभाव्य प्रसार को देखते हुए इसके प्रसार को रोकने के लिए न सिर्फ राज्य में बल्कि पूरे देश में कडे़ सामाजिक अलगाव के उपयोग को अपनाया जा रहा है। अद्यतन स्थिति में भी कोरोना वायरस संक्रामक बीमारी पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सकता है। अभी भी संक्रमण की स्थिति कई स्थानों पर संभावित है। अतः संक्रमण से बचाव हेतु जिले में स्वास्थ्यगत आपातकालिन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए यह उचित प्रतीत होता है कि दण्ड प्रक्रिया संहित 1973 के अंतर्गत लागू धारा 144 की समय सीमा में वृद्धि की जा रही है।
आदेश में आगे कहा गया है कि इस अपात स्थिति में व्यवहारिक तौर पर संभव नही है कि जिले मे निवासरत् सभी नागरिकों को नोटिस तामिली कराई जा सके। अतः एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 अंतर्गत जषपुर जिले में पूर्व से लागू धारा 144 की समय-सीमा मे वृद्धि की गई है। अतः संक्रमण से बचाव हेतु जशपुर में स्वास्थ्यगत आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए लाॅकडाउन के दौरान भारत सरकार एवं राज्य शासन द्वारा दी गई छूट को प्रतिबंधित करते हुए प्रतिदिन संध्या 07 बजे से प्रातः 07 बजे तक पूर्णतया लाॅकडाउन किया जाने के निर्देष दिए गए है।
जिले में समस्त सार्वजनिक परिवहन सेवायें, जिसमें निजी बसें, टैक्सी, ऑटो-रिक्षा, बसें, ई-रिक्षा, रिक्षा इत्यादि भी शामिल हैं, के परिचालन को तत्काल प्रभााव से बंद किया जाता है। केवल इमरजेंसी मेडिकल सेवा वाले व्यक्तियों को वाहन द्वारा आवागमन की अनुमति रहेगी। ऐसी निजी वाहन जो इस आदेष के अंतर्गत आवष्यक वस्तुओं सेवाओं के उत्पादन एवं उनके परिवहन का कार्य कर रहे हों, उन्हें भी अपवादिक स्थिति में तात्कालीक आवष्यकताओं को देखते हुए परिवहन की छूट रहेगी।
आवष्यक सेवायें प्रदान करने वाले निम्न कार्यालय प्रतिष्ठान को छोड़कर सभी दूकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, कार्यालय, साप्ताहिक हाट-बाजार आदि अपनी सम्पूर्ण गतिविधियां बंद रखने के निर्देष दिए गए है। जिले में रात्रि निषेधाज्ञा आवश्यक गतिविधियों के अतिरिक्त शाम 7 बजे से प्रातः 7 बजे तक समस्त व्यक्तिगत गतिविधियां प्रतिबंधित रहेगी। प्रतिबंध से बाहर रखे गए प्रतिष्ठानों सेवाओं में कानून व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सेवा से संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मी, स्वास्थ्य सेवायें (जिसके अंतर्गत सभी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, लायसेंस प्राप्त पंजीकृत क्लीनिक भी शामिल हैं)। दवा दूकान, चश्में की दूकान एवं दवा उत्पादन की इकाई एवं संबंधित परिवहन, खाद्य आपूर्ति से संबंधित परिवहन सेवायें इस लाॅकडाउन की प्रतिबंध से मुक्त रहेगी। खाद्य पदार्थ, दूध, ब्रेड, फल एवं सब्जी, चिकन, मटन, मछली एवं अंडा के विक्रय, वितरण-भंडारण, परिवहन की गतिविधियां, दुग्ध संयंत्र (मिल्क प्लांट)। घर पर जाकर दूध बांटने वाले दूध विकेता एवं न्यूज पेपर हॉकर इस लॉक डाउन से मुक्त रहेंगंे। मास्क, सेनेटाईजर, दवाईयां, ए.टी.एम. वाहन, एल.पी.जी. गैस सिलेण्डर का वाहन एवं अन्य आवश्यक वस्तु एवं सेवायें, जो इस आदेश में उल्लेखित हो, का परिवहन करने वाले वाहन को लाॅकडाउन में छूट रहेगी।
बिजली, पेयजलापूर्ति एवं नगरपालिका सेवायें, जेल, अग्निशमन सेवायें, ए.टी.एम टेलीकॉम, इंटरनेट सेवायें, आई.टी. आधारित सेवायें, मोबाईल रिचार्ज एवं सर्विसेस दुकानें, पेट्रोल-डीजल पंप एवं एल.पी.जी.-सी.एन.जी. गैस के परिवहन एवं भंडारण की गतिविधियां लाॅकडाउन से मुक्त रहेंगी। खाद्य, दवा एवं चिकित्सा उपकरण सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की ई-कामर्स आपूर्ति। टेक अवे-होम डिलीवरी रेस्टोरेंट पूर्व से विभिन्न होटलों में रूके हुए अतिथियो के लिए डायनिंग सेवायें लाॅकडाउन के प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। सुरक्षा कार्य में लगी सभी एजेंसियां (निजी एजेंसियों सहित), प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया को लाॅकडाउन में छूट रहेगी। दूरसंचार, पेट्रोल पंप, पानी, बिजली, आपात सेवा तथा मीडिया संबंधी सेवा के संचालन की समय-सीमा पर प्रतिबंध नहीं होगी। मनरेगा अथवा धान परिवहन के कार्य इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा विशेष आदेश से निर्धारित कोई सेवा, जिले के अंतर्गत स्थित समस्त औद्योगिक संस्थान-ईकाइयों एवं खान को इस प्रतिबंध से छूट रहेगी।
समस्त औद्योगिक संस्थान-इकाईयां जिन्हें उक्त प्रतिबंध से छूट प्रदान की जा रही है, उनके लिए यह आवश्यक होगा कि वे न्यूनतम अनिवार्य आवश्यकता तक ही कर्मचारियों का उपयोग करेंगी एवं संक्रमण विस्तार को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार, राज्य शासन तथा समय-समय पर अन्य संस्थानों के द्वारा महामारी से सुरक्षा हेतु दिए जा रहे निर्देशों का अक्षरशः पालन अनिवार्य रूप से करने के निर्देष दिए गए है। कार्य स्थल-दुकानों पर हाथ धुलाई, सेनीटाइजर की व्यवस्था सुनिष्चित किए जाने के निर्देष दिए गए है। दुकानों में आने वाले ग्राहकों के लिए सोषल डिस्टेंस के नियमों के तहत एक मीटर की दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा। संबंधित दुकानदार द्वारा ग्राहकों के लिए 01-01 मीटर की दूरी पर मार्किंग कराकर सामाजिक दूरी से क्रय-विक्रय की कार्यवाही की जाएगी। मास्क का उपयोग नहीं करना, सामाजिक दूरियों का पालन नहीं करना, हाथ धुलाई की व्यवस्था न होना, कार्यस्थल पर निर्धारित से अधिक कर्मचारियों का उपस्थित होना इस आदेष का उल्लंघन माना जाएगा एवं संबंधित के विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाही किया जाएगा।
यह आदेश जशपुर जिले की संपूर्ण सीमा क्षेत्र के लिए 07 जून 2020 या आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगी। कलेक्टर श्री कावरे द्वारा उक्त आदेश का कड़ाई से पालन सुनिष्चित किये जाने एवं आदेष का उल्लंघन करने वालो पर दंडात्मक कार्यवाही किये जाने के निर्देष संबंधित अधिकारियों को दिए गए है। -
प्राकृतिक आपदा के तहत हाने वाले विभिन्न प्रकार के क्षति के लिए सहायता राशि वितरितकलेक्टर ने सभी तहसीलदारों को वितरित किया सहायता राशि
जशपुरनगर 02 जून : छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व तथा आपदा प्रबंधन विभाग एवं जशपुर कलेक्टर श्री महादेव कावरे के निर्देशन में वित्तिय वर्ष 2020-21 के लिए प्राकृतिक आपदा, बाढ़, भू-स्खलन, इत्यादि के तहत होने वाले हानि से क्षुब्ध परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देष्य से जिले को 3 करोड़ 69 लाख 80 हजार रूपए की सहायता राशि आबंटित किया गया है। उक्त आबंटित राशि को कलेक्टर श्री कावरे द्वारा जिले के समस्त विकासखंड तहसीलदारों को विभिन्न लघुशीर्षो के तहत पुर्नबंटित करने के लिए वितरित किया गया है। जिसके अंतर्गत कुल 45 लाख राशि जिले में बाढ़, चक्रवात आदि के तहत होने वाले क्षति की भरपाई के लिए सभी तहसीलदारों को 5 लाख 62 हजार 500 रूपए प्रति विकासखंड के मानक से वितरित किया गया है। इसी प्रकार 45 लाख की अन्य राषि जिले में बाढ़, चक्रवात के तहत होने वाली मृत्यु पर क्षुब्ध परिवार के सदस्यों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 5 लाख 62 हजार 500 रूपए प्रति विकासखंड को प्रदान किया गया है।
जिले के सभी विकासखंड को कुल 29 लाख 80 हजार की राशि बाढ़, चक्रवात, भू-स्खलन, जनसंख्या निषक्रम एवं बाढ़ बचाव के उद्देष्य से प्रति विकासखंड 3 लाख 72 हजार 500 रूपए मानक से वितरित किया गया है। 3 लाख 12 हजार 500 रूपए प्रति विकासखंड के मानक से कुल 25 लाख रूपए की सहायता राशि बाढ़, चक्रवात आदि से मकानों को हाने वाले नुकसान की मरम्मत एवं पुर्ननिर्माण के लिए बाढ़ अनुदान के तहत सभी विकासखंडो को प्रदान की गई है। इसी प्रकार जिले के सभी विकासखंडो को कुल 25 लाख की सहायता राषि बाढ़, चक्रवात के तहत किसानो को कृषि कार्य निविष्टियों में होने वाले नुकसान के लिये 3 लाख 12 हजार 500 रूपए प्रति विकासखंड बाढ़ सहायता राषि के रूप में दी गई है। इसी प्रकार 3 लाख 12 हजार 500 रूपए प्रति विकासखंड के अनुरूप कुल 25 लाख जिले के सभी विकासखंडों को प्राकृतिक आपदा, बाढ़, चक्रवात के तहत होने वाले पशुओं की मृत्यु पर किसानों को नव पशुधन खरीदने के लिए प्रदान किया गया है। कलेक्टर श्री कावरे द्वारा राजस्व प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के तहत आबंटित कुल 3 करोड़ 69 लाख 80 हजार की सहायता राशि को जिले के जषपुर, मनोरा, बगीचा, कांसाबेल, दुलदुला कुनकुरी, फरसाबहार एवं पत्थलगांव विकासखंड के तहसीलदारों को वितरित कर उक्त राषि का वितरण पात्र हितग्राही को करने के निर्देश दिए है। -
जशपुरनगर 02 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे के निर्देशन में जषपुर जिले में विभिन्न विकासखंडों में लगभग 695 क्वारेंटाईन सेंटर बनाया गया है। क्वारेंटाईन सेंटर में लगभग 4111 श्रमिकों, मजदूरों यात्रियों को रखा गया है। जिसमें पुरूषों की संख्या 3456 एवं महिलाओं की संख्य 655 शामिल है। इनमें जशपुर विकासखंड के 58 क्वारेंटाईन सेंटर में 470 लोगों को रखा गया हैं। इसी प्रकार मनोरा के 57 क्वारेंटाईन सेंटर में 279 लोगों को, दुलदुला विकासखंड के 90 क्वारेंटाईन सेंटर में 465 लोगों को, कुनकुरी विकासखंड के 153 क्वांरेंटाईन सेंटर में 498 लोगों को, फरसाबहार विकासखंड के 54 क्वारेंटाईन सेंटर में 1132 लोगों को कासंाबेल विकासखंड के 52 क्वारेंटाईन सेंटर में 434 लोगों को, पत्थलगांव विकासखंड के 128 क्वारेंटाईन सेंटर में 395 लोगों को एवं बगीचा विकासखंड के 103 क्वारेंटाईन सेंटर में 437 लोगों को रखा गया है।
कलेक्टर श्री कावरे के निर्देश पर एसडीएम, जनपद सीईओ और नगरीय निकाय के अधिकारियों द्वारा क्वारेंटाईन सेंटर में पानी, बिजली, शौचालय, भोजन के साथ बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण एवं निंग कराई जा रही है। इसके बाद 14 दिनों के क्वारेंटाईन अवधि में उन्हें रखा जा रहा है। इस दौरान मेडिकल टीम के द्वारा उनकी सतत् निगरानी की जा रही है। -
सेनेटाईजर रखने के साथ मास्क उपयोग होगा अनिवार्य
जशपुरनगर 02 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने जिले में दुकानों के खोलने की समय-सीमा सुबह 7 बजे से सांय 6.30 बजे तक निर्धारित किया गया है। शहरों में चाट-ठेलों, गुमटी लगाने वाले व्यवपारियों को अपने ठेले की दुरियां 20 फीट तक रखने के निर्देश दिए है। सोशल डिसटेंश का पालन मास्क लगाकर करने कहा गया है। उन्होंने कहा कि टेक अवे अनिवार्य होगा। ठेले में खड़े होकर खाने की सुविधा नहीं होगी। प्रत्येक ठेले के व्यपारियों को सेनेटाईजर रखना भी अनिवार्य है। ठेले के पास गोल मार्किंग किए जाने के भी सख्त निर्देश दिए गए है। ठेलों के पास मुंह धाना, थुकना, गंदगी फैलाना प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने कहा है कि सांय 7 बजे से सुबह 7 बजे तक सभी व्यक्तियों को जिले में लागू धारा 144 का पालन करना अनिवार्य होगा। काई भी व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकलेगा और लाॅकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन करेगा। नियम का उल्लंघन करने वालों पर कलेक्टर ने कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं। - सामाजिक पेंशन, वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन के हितग्राहियों के लिए हेल्पडेस्क बनाएंचैदहवें वित्त के राशि का उपयोग पंचायत के विकास कार्य के लिए होगा नियम के विरूद्ध कार्य करने पर होगी कार्यवाईसुबह 7 बजे से सांय 6.30 बजे तक खुलें रहेंगे दुकानेंसांय 7 बजे से सुबह 7 बजे तक धारा 144 का उल्लंघन करने पर होगी कार्यवाहीठेले संचालकों को 20 मीटर की दूरी पर ठेला लगाने के निर्देश, ठेलों में खड़े होकर खाने नहीं होगी सुविधाकार्य के दौरान मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंश का करना होगा पालन
जशपुरनगर 02 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने आज अपने कक्ष में मोबाईल एप्लिकेशन के माध्यम से 8 विकासखंडों के एसडीएम, जनपद सीईओ, कृषि अधिकारी, ग्राम पंचायतों के सचिवों की समीक्षा बैठक लेकर कोरोना वायरस संक्रमण के सुरक्षा के उपाए, सोसायटी में खाद-बीज का भण्डारण, सरगुजा प्राधिकरण के कार्य, मनरेगा के कार्य की प्रगति, टिड्डी दल के बचाव के संबंध में किसानों को दिशा निर्देश, समाजिक सुरक्षा पेंशन, वृद्धा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, पंचायतों में दिए जाने वाले 14वीं वित्त के कार्य, आरबीसी 6-4 के प्रकरण, प्रधानमंत्री आवास योजना, जीईओ टैगिंग के कार्याें की विस्तार से समीक्षा की। कलेक्टर ने सभी एसडीएम एवं जनपद सीईओ को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने क्षेत्र के क्वारेंटाईन सेंटर में रहने वाले मजदूर श्रमिकों की टेस्ट रिपोर्ट आने के 14 दिनों के बाद उन्हें छोड़े। उन्होंने कहा कि कोरोना के पाॅजिटिव रिपोर्ट आने पर मरीज को तत्काल उन्हें मेडिकल काॅलेज भेंजें साथ ही क्वारेंटाईन सेंटर में सांप, बिच्छु सहित अन्य जीव-जन्तुओं से बचाव के लिए दरवाजें खिड़कियों को कवर करने के लिए कहा गया है। उन्होंने क्वारेंटाईन सेंटर में पानी, शौचालय बिजली, सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ ही मनोरंजन के लिए टीव्ही की भी व्यवस्था करने के निर्देश दिए है।
कलेक्टर ने जनपद सीईओ को कड़ी हिदायत देते हुए कहा है कि ग्राम पंचायतों में 14वें वित्त का राशि दिया गया है। इसका उपयोग ग्राम पंचायतों के विकास कार्याे ंके लिए खर्च किए जाएं। उन्होंने 14 वें वित्त की राशि का उपयोग नियम के तहत् ही करने कहा है नियम के विरूद्ध कार्य करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करने की चेतावनी दी है। उन्होंने ग्राम पचंायतो के सचिवों से भी वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से पंेशन भुगतान के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने एसडीएम से आरबीसी 6-4 के प्रकरणो ंकी जानकारी ली और सर्पदंश, पानी डूबने, आकाशीय बिजली, सड़क दुर्घटना के प्रभावितों को सहायता राशि का भुगतान प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए है। उन्होंने अधिकारियों को थाने से रिपोर्ट, तत्कालिक प्रतिवेदन और मृत्यु प्रमाण-पत्र तत्काल मंगाकर प्रभावित हितग्राहियों को राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए है। इस अवसर पर वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से जिला पंचायत सीईओ के.एस.मण्डावी, समस्त एसडीएम, जनपद सीईओ, विभागी अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव, ई-डिस्ट्रीक मैनेजर श्री नीलांकर बासु जोड़े थे।
ठेलों संचालकों के लिए दिशा निर्देश जारी
कलेक्टर ने जिले में दुकानों के खोलने की समय-सीमा सुबह 7 बजे से सांय 6.30 बजे तक निर्धारित किया गया है। शहरों में चाट-ठेलों, गुमटी लगाने वाले व्यवपारियों को अपने ठेले की दुरियां 20 फीट तक रखने के निर्देश दिए है। सोशल डिसटेंश का पालन मास्क लगाकर करने कहा गया है। उन्होंने कहा कि टेक अवे अनिवार्य होगा। ठेले में खड़े होकर खाने की सुविधा नहीं होगी। प्रत्येक ठेले के व्यपारियों को सेनेटाईजर रखना भी अनिवार्य है। ठेले के पास गोल मार्किंग किए जाने के भी सख्त निर्देश दिए गए है। ठेलों के पास मुंह धाना, थुकना, गंदगी फैलाना प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने कहा है कि सांय 7 बजे से सुबह 7 बजे तक सभी व्यक्तियों को जिले में लागू धारा 144 का पालन करना अनिवार्य होगा। कोई भी व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकलेगा और लाॅकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन करेगा। नियम का उल्लंघन करने वालों पर कलेक्टर ने कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर श्री कावरे ने मनरेगा के तहत् संचालित कार्य डबरी निर्माेण, तालाब गहरीकरण को 15 जून से पूर्व पूर्ण करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है कि कार्य स्थल पर बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिए है। साथ ही मजदूरों को मछली पालन के कार्य को भी बढ़ावा देने के लिए जोर देने के लिए कहा गया है। जनपद सीईओ फरसाबहार को चारागाह का प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। साथ ही बन रहे गौठानों में शौचालय की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने जनपद सीईओ से वृद्धा पेंशन, सामाजिक पेंशन, दिव्यांग पेंशनके संबंध में भी जानकारी ली। जनपद सीईओ ने बताया कि मार्च तक का भुगतान कर दिया गया है। कलेक्टर ने अधिकारियों को ग्राम पंचायत स्तर पर हेल्पडेस्क बनाकर आधार लिंक और अन्य समस्याओं का निराकरण करके पेंशन का भुगतान करने के निर्देश दिए।
टिड्डी दल से बचाव के लिए ग्रामीणों को उपाए साझा करने के निर्देश
कलेक्टर श्री कावरे टिड्डी दल से बचाव के लिए ग्रामीणों से उपाए साझा करने के निर्देश कृषि अधिकारियों को दिए है। उन्होंने कहा है कि टिड्डी दल को भगाने के लिए टेªक्टर के साईलेंसर निकालकर चालू करके भी तेज ध्वनि कर सकते हैं। शोर से टिड्डी दल आस-पास के खेतों में आक्रमण नहीं कर पाती। टिड्डी दल का समूह जब भी आकाश में दिखाई पड़े तो उनके उतरने से रोकने के लिए तुरंत अपने खेतों के आसपास मौजूद घास-फूस से धुंआ अथवा आग जलाना चाहिए। जिससे टिड्डी दल आपके खेत में न बैठकर आगे निकल जाए। उन्होंने कहा है कि किसान भाई अपने आस पास टिड्डी दल देखें या उनके बारे में कुछ खबर मिले तो, पुलिस थान, राजस्व विभाग, कृषि विभाग, ग्राम पंचायत अन्य किसी सरकारी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। -
जशपुरनगर 02 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के मध्य नए सिरे से कार्य का विभाजन किया है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। जारी आदेश के अनुसार अपर कलेक्टर श्री आई.एल.ठाकुर को अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी जशपुर का प्रभार भी सौंपा गया है। साथ ही राजस्व अनुविभागीय जशपुर, कुनकुरी, फरसाबहार, पत्थलगांव एवं बगीचा के राजस्व अधिकारियों के द्वारा भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के तहत् पारित आदेशों के विरूद्ध प्रस्तुत अपीलों, पुनरीक्षण एवं पुनर्विलोकन प्रकरणों का निराकरण 170 ख को छोड़कर, राजस्व अनुविभाग जशपुर, कुनकुरी, फरसाबहार, पत्थलगांव एवं बगीचा के प्रत्येक 02 रा प्रकरण कलेक्टर को प्रस्तुत करेंगे। पंचायत राज अधिकानियम से संबंधित मामले। कृषि खातों की अधिकतम जोत सीमा अधिनियम से संबंधित मामलों का अंतिम रूप से निराकरण, जनसूचना अपीलीय अधिकारी के कार्य सौंपे गए हैं।
इसी प्रकार विभागीय अधिकारी, भू-अर्जन शाखा, जवाहर नवोदय विद्यालय, खनिज शाखा, शपथ पत्र, निवास, जाति एवं अन्य प्रमाण पत्र का सत्यापन, जिला शहरी विकास अभिकरण शाखा, अंत्यावसायिक निगम, पर्यटन विकास संबंधी कार्य, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, लायसेंस शाखा, न्यायिक व्यवहारवाद शाखा के प्रभारी अधिकारी के कार्य भी सौंपे गए हैं।
सीईओ जिला पंचायत श्री के.एस.मण्डावी को कृषि विभाग, पशुपालपन, मत्स्यपालन, उद्यानिकी, रेशम पालन, शिक्षा, जिला मिशन समन्वयक राजीवगांधी शिक्षा मिशन, स्वास्थ्य विभाग, कौशल विकास, जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग, सरगुजा उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण से संबंधित कार्याें के नोडल अधिकारी से समन्य करना, आदिम जाति विकास, एकीकृत आदिवासी परियोजना, महिला एवं बाल विकास विभाग का प्रभारी अधिकरी का कार्य सौंपा गया है। डिप्टी कलेक्टर श्री.आर.एन.पाण्डेय को भू-अभिलेख शाखा, भू-अभिलेख शाला में पदस्थ समस्त कर्मचारियों के समस्य प्रकार के अवकाश की स्वीकृति, भू-अभिलेख शाखा के तृतीय एव चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के यात्रा, अवकाश, वेतनवृद्धि, अग्रिम प्रकरणों का निराकरण, आपदा प्रबंधन का निराकरण, राहत शाखा, पुरातत्व एवं संग्रहालय, जनगणना शाखा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति शाखा, सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं, आडिट शाखा, रोस्टर के अनुसार जिला कार्यालय के शाखाओं, सभी अनुविभागीय अधिकारी कार्यालयों, तहसील कार्यालयों, जनपद कार्यालयों एवं जिला पंजीयक एवं उपपंजीयक, कार्यालयों कोषालय का निरीक्षण, किराया औचित्य निर्धारण, रेन्ट कंट्रोलर, जिला अभियोजन एवं जुडिशियल, समय-समय, जनदर्शन शाखा, श्रम विभाग, बंधक श्रमिक, श्रम उन्नमूलन, लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम, राष्ट्रीय राजमार्ग, सिटीजन चार्टर, हेल्पलाईप, वक्फ सम्पप्ति, देवस्थल, धर्मस्व एवं पुनर्वास, सार्वजनिक ट्रस्ट माॅनिटरिंग, वरिष्ठ लिपिक शाखा, राजस्व मोहर्रिर शाखा, राष्ट्रीय राज्य अल्प संख्यक, अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग, महिला मानव अधिकार आयोग व अन्य आयोगों के संबंध में प्रभारी अधिकारी, राजस्व लेखापाल शाखा, शिकायकत सतर्कता शाखा एवं जनसमस्या निवारण शिविर सचिव जिला स्टेडियम समिति, राज्योत्सव, सांख्यिकी, अनुज्ञप्ति एवं पासपोर्ट शाखा, वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त पत्रों के उत्तर जानकारी समय-सीमा के भीतर तैयार कर प्रेषण कार्य हेतु, विशेष विवाह अधिनियम अंतर्गत जिला विवाह अधिकारी, अध्यक्ष जिला स्तरीय जाति, एवं अन्य प्रमाण पत्र का सत्यापन, आवास आबंटन, सत्कार शाखा के कार्याें का पर्यवेक्षण, भू-अभिलेख शाखा के आहरण एवं संवितरण अधिकारी, भू-अभिलेख शाखा तक देयक स्वीकृति एवं चेक जारी करने का अधिकार, डाक मार्किंग का कार्य का प्रभार सौंपा गया है।
डिप्टी कलेक्टर श्री चेतन साहू को उप जिला निर्वाचन अधिकारी(सामान्य/स्थनीय निर्वाचन) आहरण एवं संवितरण अधिकारी, जल उपभोक्त एवं सिंचाई प्रबंध समिति शाखा, मंडी निर्वाचन शाखा, वित्त स्थापना, लेखा शाखा के आहरण एवं संवितरण अधिकारी, उप जिलाध्यक्ष,राजस्व अधिकारियों, अधीक्षक, भू-अभि. तृतीय एवं चतुर्थ, श्रेणी कर्मचारियों को शासन के निर्धारित मापदण्ड अनुसार यात्रा भत्ता, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, परिवार कल्याण निधि, समूह बीमा योजना, अवकाश, नगदीकरण, ग्रेज्यूटी, आंशिक अंतिम विकर्षण, विभागीय भविष्य निधि खातों में जमा राशि की स्वीकृति/भुगतान, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के समस्त प्रकार के अवकाश, यात्रा, वेतनवृद्धि, अग्रिम प्रकरणों का निराकरण, अनुपयोगी चोरी हुए 2000 रुपए तक के सामग्री का अपलेखन करने का अधिकार एवं वित्तीय संहिता के नियम 100 के अंतर्गत 5000रुपए तक की आवर्ती व्यय की स्वीकृति के अधिकार, शासन के नियमों एवं निर्देशों के अनुरूप विद्युत, टेलीफोन, पी.ओ.एल. देयकों, शासकीय वाहनों के मरम्मत, टायर,-ट्यूब, एंव बैटरी क्रय की स्वीकृति एवं अन्य कार्यालयीन व्यय की स्वीकृति से संबंधित नस्ती, अधीक्षक शाखा, उद्योग विभाग, प्रभारी अधिकारी जिला भंडार, समन्वय शाखा, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा प्रश्नों का उत्तर समयावधि में तैयार कर प्रेषण कार्य, आयुक्त/शासन को भेजे जानेवाले जानकारी तैयार करना, न्यायालय कलेक्टर शाखा, आवक-जावक, जिला जनसूचना शाखा, नगरीय निकायों से संबंधित न्यायालयों प्रकरण, परीक्षा शाखा, अल्प संख्यक कल्याण, नगर सेना, विडियो कांफ्रेसिंग, राजस्व अभिलेख कोष्ठगार, मुख्य प्रतिलिपिकार शाखा, आंग्ल अभिलेख कोष्ठ, अधिक अन्य उपजाओं शाखा के कार्य सौंपे गए हैं।
डिप्टी कलेक्टर श्री आकांक्षा त्रिपाठी को लोक सेवा गारंटी अधिनियम शाखा, प्रपत्र एवं लेखन सामग्री एवं लायबे्ररी शाखा, बीस सूत्रीय, कम्प्यूटर मुद्रण शाखा, अल्प बचत शाखा, संजीवनी कोष के प्रकरण, कोविड-19 के कार्याें का प्रभार सौंपा गया है। साथ ही कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा सयम-समय पर सौंपे गए अन्य प्रशासनिक कार्य भी दिए गए है। जिले के कार्य में किसी भी प्रकार की कार्य प्रभावित न हो इसके लिए लिंक अधिकारी भी नियुक्त किया गया है। जिसके अंतर्गत अपर कलेक्टर आई.एल.ठाकुर एवं डिप्टी कलेक्टर आर.एन.पाण्डेय एक दूसरे का लिंक अधिकारी नियुक्त किया गया है। डिप्टी कलेक्टर श्री चेतन साहू एवं डिप्टी कलेक्टर सुश्री आकांक्षा त्रिपाठी को एक दूसरे का परस्पर लिंक अधिकारी नियुक्त किया गया है। -
कन्टेनमेंट जोन में कार्यवाही हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त
जशपुरनगर 02 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे के निर्देशन में जिले में नोवल कोराना वायरस के संक्रमण की रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए कांसाबेल विकासखंड के पंचायत क्वारेंटाईन सेंटर शासकीय हाई स्कूल देवरी एवं प्राथमिक शाला बांसबहार के सम्पूर्ण परिसर को आगामी 28 दिवस के लिए कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत अत्यावश्यक वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति तथा अपरिहार स्वास्थ्यगत आपातकालिन परिस्थितियों को छोड़कर जोन में जाने या आने पर पूर्ण प्रतिबंद्ध रहेगा। कन्टेनमेंट क्षेत्र के निवासी बिना किसी सक्षम अधिकारी के अनुमति के अपने घरों से बाहर किसी भी परिस्थिति में नहीं निकलेंगें। चिन्हांकित क्षेत्र में पूर्ण लाॅकडाउन रहेगा। क्षेत्र के अंतर्गत सभी दुकानें, आॅफिस, एवं अनय वाणिज्यक प्रतिष्ठान अगले आदेश पर्यन्त तक बंद रहेगें। कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यदि किसी भी प्रकार की आवश्यकता होती है तो उसके लिए कार्यालय द्वारा आदेश प्रसारित किया जाएगा। प्रभारी अधिकारी द्वारा पहुंच सेवा के माध्यम से आवयश्यक वस्तुओं की आपूर्ति उचित दरों पर की जाएगी। कन्टेनमेंट जोन में कार्यवाही हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है।
कन्टेनमेंट जोन में कानून व्यवस्था के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिसमें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कांसाबेल श्री रोहित व्यास, अनुविभगीय अधिकारी पुलिस कासंाबेल श्री मनीष कुवंर, प्रवेश, निकासी की व्यवस्था एवं बेरिकेटिंग के लिए अनुविभागीय अधिकारी लोकनिर्माण विभाग श्री हेलारियुस टोप्पो, कन्टेमेंट जोन में सेनिटाइजेशन व्यवस्था के लिए सीईओ जनपद पंचायत श्री एल.एस.सिदार, कांटेक्ट ट्रेसिंग एवं टेलीफोनिक फाॅलोप के लिए प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी कांसाबेल श्री संजीव कुमार सिंह, कम्यूनिटी सर्विलेंस, घरो का एक्टिव सर्विलेंस हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग परियोजना अधिकारी सुश्री अनुराधा तिग्गा, स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य टीम के एस.ओपी, अनसार दवा, मास्क, पीपीई किट इत्यादि उपलब्ध कराने एवं बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन तथा सैम्पल संग्रहण एवं परिवहन हेतु खण्ड चिकित्सा अधिकारी कांसाबेल डाॅ. वाय.के.टोप्पो एवं प्रभारी विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक श्री सुशील टोप्पो, कन्टेनमेंट जोन में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने सीईओ जनपद एल.एस.सिदार, नायब तहसीलदार कांसाबेल श्री प्रमोद चंद्रवंशी एवं कन्टेनमेंट जोन क्षेत्र में आरोग्य सेतु एप्प का शत् प्रतिशत् कवरेज हेतु ईडीएम श्री नीलांकर बासु को सौंपा गया है। -
कन्टेनमेंट जोन में कार्यवाही हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त
जशपुरनगर 02 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे के निर्देशन में जिले में नोवल कोराना वायरस के संक्रमण की रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए पत्थलगांव विकासखंड के पंचायत क्वारेंटाईन सेंटर प्राथमिक शाला छातासराई के सम्पूर्ण परिसर को आगामी 28 दिवस के लिए कन्टेनमेंट जोन घोषित किया गया है। कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत अत्यावश्यक वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति तथा अपरिहार स्वास्थ्यगत आपातकालिन परिस्थितियों को छोड़कर जोन में जाने या आने पर पूर्ण प्रतिबंद्ध रहेगा। कन्टेनमेंट क्षेत्र के निवासी बिना किसी सक्षम अधिकारी के अनुमति के अपने घरों से बाहर किसी भी परिस्थिति में नहीं निकलेंगें। चिन्हांकित क्षेत्र में पूर्ण लाॅकडाउन रहेगा। क्षेत्र के अंतर्गत सभी दुकानें, आॅफिस, एवं अनय वाणिज्यक प्रतिष्ठान अगले आदेश पर्यन्त तक बंद रहेगें। कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यदि किसी भी प्रकार की आवश्यकता होती है तो उसके लिए कार्यालय द्वारा आदेश प्रसारित किया जाएगा। प्रभारी अधिकारी द्वारा पहुंच सेवा के माध्यम से आवयश्यक वस्तुओं की आपूर्ति उचित दरों पर की जाएगी। कन्टेनमेंट जोन में कार्यवाही हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है।
कन्टेनमेंट जोन में कानून व्यवस्था के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिसमें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पत्थलगांव श्री दशरथ सिंह राजपूत, अनुविभगीय अधिकारी पुलिस पत्थलगांव श्री योगेश देवांगन, प्रवेश, निकासी की व्यवस्था एवं बेरिकेटिंग के लिए अनुविभागीय अधिकारी लोकनिर्माण विभाग श्री एम.आर.चारी, कन्टेमेंट जोन में सेनिटाइजेशन व्यवस्था के लिए सीईओ जनपद पंचायत श्री बी.एल.सरल, कांटेक्ट ट्रेसिंग एवं टेलीफोनिक फाॅलोप के लिए प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी पत्थलगांव श्री डी.आर.भगत, कम्यूनिटी सर्विलेंस, घरो का एक्टिव सर्विलेंस हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग लुड़ेग परियोजना अधिकारी कुमारी राजकुमारी बंजारे, स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य टीम के एस.ओपी, अनसार दवा, मास्क, पीपीई किट इत्यादि उपलब्ध कराने एवं बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन तथा सैम्पल संग्रहण एवं परिवहन हेतु खण्ड चिकित्सा अधिकारी पत्थलगांव डाॅ. जे.मिंज एवं प्रभारी विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक श्री आनंद लकड़ा, कन्टेनमेंट जोन में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने सीईओ जनपद पत्थलगांव श्री बी.एल.सरल, तहसीलदार पत्थलगांव श्री महेश शर्मा एवं कन्टेनमेंट जोन क्षेत्र में आरोग्य सेतु एप्प का शत् प्रतिशत् कवरेज हेतु ईडीएम श्री नीलांकर बासु को सौंपा गया है। -
कोरबा में आज फिर मिले दो क़ोरोना संक्रमित, एक युवती और एक प्रवासी श्रमिक की रिपोर्ट पाजीटिव ........कटघोरा में 23 वर्षीय युवती मिली क़ोरोना संक्रमित... बताया जा रहा है कि क्वाँरेनटाईन सेंटर में 23 वर्षीय प्रवासी श्रमिक भी आया पाजिटिव.... प्रशासन सजग, इलाज के लिए लाया जाएगा कोविड अस्पताल ... अब 53 हुई कुल संक्रमित संख्या...
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प्रवासी मृतक की कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव, हार्ट डिसीज का पुराना मरीज था मृतक
कोरबा 01 जून : कोरबा जिले में अभी तक कोरोना संक्रमण के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है। कोरबा में अब तक 47 संक्रमित लोगों की पहचान हुई है जिनमें से 29 लोग ईलाज के बाद ठीक होकर वापस अपने घर लौट गए हैं। 18 लोगों का ईलाज बिलासपुर, रायपुर, कोरबा के विशेष कोविड अस्पतालों में चल रहा है।बिहार से कुछ समय पहले कोरबा लौटे श्री वसीर खान की मौत कोरोना से नहीं हुई है। श्री वसीर खान बुधवारी बाजार ईलाके के रहवासी थे। वे कुछ दिन पहले ही बिहार से वापस कोरबा लौटने पर उन्हें और मिनीमाता गल्र्स कालेज परिसर में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया था। कोविड-19 प्रोटोकॅाल के अनुसार श्री वसीर खान के गले व नाक का स्वाब सेम्पल 23 मई को जांच के लिए एम्स रायपुर भेजा गया था। जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
जिला अस्पताल के अधीक्षक सह सिविल सर्जन डा. अरूण तिवारी ने बताया कि वसीर खान को कल रात सीने में दर्द व सांस लेने में परेशानी पर परिजनों द्वारा अस्पताल लाया गया था जहां एमरजेंसी वार्ड में इस भर्ती किया गया था। परिजनों ने मरीज को भर्ती करते समय उनके बिहार से वापस लौटने तथा क्वारेंटाइन सेंटर में रहने की बात नहीं बताई थी। डा. तिवारी ने बताया कि वसीर खान पहले से ही हृदय रोग से पीड़ित थे तथा हृदय रोग के ईलाज के लिए दवाईयां ले रहे थे। जिला अस्पताल में भर्ती के बाद देर रात वसीर खान की हालत बिगड़ने पर उन्हें बिलासपुर सिम्स अस्पताल के लिए रिफर किया गया था। परंतु बिलासपुर पहुंचने से पहले ही रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। डा. अरूण तिवारी ने बताया कि वसीर खान का मृत शरीर मरच्यूरी में रखा गया है। जिसे जरूरी शासकीय प्रक्रिया के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा। -
तिलकेजा के हायर सेकेण्डरी स्कुल के क्वारेंटाइन सेंटर में रूके प्रवासियों ने पौधारोपण कर कोरोना काल को दी चिर स्थाई स्मृतियां, सजगता का दिया संदेश
कोरबा 01 जून : जब तक यह पौधे रहेंगे, कोरोना का यह भीषण संकट लोगों को याद रहेगा, इसी भयावहता, इसकी परेशनियां लोगों की स्मृति में रहेगी... हम मजदरों ने जो दुख-दर्द इस कोरोना के कारण सहे हैंः वैसा कोई और ना रहें, सभी ऐसा काम करें जो मनुष्य जाति के हित में हो इसी पे्ररणा, सजगता और संदेश के साथ हम लोगों ने इस क्वारेंटाइन सेंटर में पौधे रोपे हैं.....। तिलकेजा के हायर सेकेण्डरी स्कूल में क्वारेंटाइन में रह रहे प्रवासी श्रमिकों ने अपने घर जाने से पहले अपनी चिन्हारी इस स्कूल में पे्ररणा स्वरूप रोप दी है। इन मजदूरों ने अपनी मातृभूमि लौटने के लिए कोरोना के कारण जिस संकट का सामना किया है उस संकट से आगे लोगों को बचाने के लिए उसकी याद स्वरूप अपनी चिन्हारी पौधों के रूप में क्वारेंटाइन सेंटर में छोड़ दी है। तिलकेजा के इस क्वारेंटाइन सेंटर में महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान, उड़ीसा, सहित अन्य राज्यों में काम करने गये प्रवासी मजदूरों को वापस कोरबा लौटने पर प्रशासन ने सभी सुविधाओं के साथ ठहराया है। यहां श्री शिव सिंह गोंड़, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती लकेश्वरी, उनका पुत्र हर्ष, ग्राम सरईडीह, श्री करन खरिया, उनकी धर्मपत्नी श्री मनीषा खरिया, उनकी पुत्री अंजू खरिया,ग्राम आमापाली, श्रीमती पारोबाई चंद्रा, प्रमोद चंद्रा, दीपक चंद्रा ग्राम दोंदरो और विजय सोनवानी, श्रीमती सविता सोनवानी, आरती, पूजा ग्राम पहंदा सहित अन्य प्रवासी श्रमिक ठहराये गये हैं। इन सभी प्रवासी श्रमिकों को भोजन-पानी के साथ बिजली, पंखा, शौचालय तथा नियमित स्वास्थ्य जांच की सुविधाएं दी जा रही हैं। सभी प्रवासियों में अपन घर जाने की जल्दी तो है पर कोरोना संक्रमण से अपने गांव-घर, परिजनो, रिश्तेदारों, दोस्तों को बचाने वे खुशी-खुशी इस सेंटर में रह रहे हैं।
सेंटर में ठहरे प्रवासी श्रमिक श्री शिव सिंह गोंड़ ने बताया कि वे अपने गांव सरईडीह से काम-काज की तलाश में तेलीबहाली उड़ीसा गए थे। वहां वे रोजी-मजदूरी का काम करते थे। कोरोना के कारण लाॅक डाउन हुआ तो कामकाज ठप्प पड़ गया। बड़ी मुश्किलों से वापस कोरबा लौटे हैं। श्री शिव सिंह गोंड ने बताया कि अपनी मातृभूमि लौटकर आने पर प्रशासन ने 14 दिन के लिए तिलकेजा के हायर सेकेण्डरी स्कूल में क्वारेंटाइन किया। क्वारेंटाइन सेंटर में 14 दिन तक रूकने की बात सुनकर मन में आया कि हम कहां आकर फंस गये, यहां खाने-पीने की, रहने की व्यवस्था होगी की नहीं, बाहरी प्रदेश में लाॅक डाउन के दौरान फंसे होने के समय जो दुख-दर्द सहें उसका अंत अभी भी नहीं होगा क्या..? यह सब बातें सोचकर मन बहुत विचलित हो गया था।
श्री शिव सिंह गोंड ने आगे बताया कि मन में आने वाली चिन्ता, व्याकुलता से पर्दा उठना उस समय प्रारंभ हो गया जब क्वारेंटाइन सेंटर में आते ही हम सबको तथा हमारे सभी सामानों को दवाई से सेनेटाइज किया गया, परिसर में बने भवन में ठहरने का जगह दिखाया गया। भवन के कमरे में प्रवेश करते ही एक पल के लिए सुखद अनुभव हुआ क्योंकि दूसरे प्रदेश से भटकते हुए आते समय भोजन के साथ छाया भी नसीब नहीं हुआ था। साफ फर्श वाले कमरे में अपना सामान रखे, गर्मी का मौसम था, पसीना से तरबतर थे।
यहां कमरे में आने के बाद पंखें की हवा ने परेशानी के पसीना को गायब कर दिया। इसी तरह श्री करन खरिया ने सुखद अनुभव बताते हुए कहा कि सेंटर में सुबह चाय-नाश्ता दिया जाता है। भूख ठीक से लगना शुरू नहीं हुआ रहता, खाना मिलने का समय हो जाता है। फिर शाम को चाय-बिस्किट के साथ शरीर में उर्जा का संचार होने लगता है। रात का भरपेट खाना जल्दी ही मिल जाता है जिससे बच्चों को भी भूखे पेट नहीं सोना पड़ता। श्री खरिया ने बताया कि सेंटर में नियमित स्वास्थ्य चेकअप होता है, किसी को सर्दी-खांसी तथा कोई भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर दवाई भी दी जाती है। रोज सभी कमरों की साफ-सफाई के साथ सेनेटाइज भी किया जाता है। महिला-पुरूषों के लिए साफ-सुथरी शौचालय की भी व्यवस्था है। बिजली, पानी की कोई समस्या नहीं है। सेंटर में रहते-रहते लाॅक डाउन के दौरान सभी दुख भरे लम्हों को भूल सा गये हैं। प्रशासन द्वारा किया गया व्यवस्था तथा यहां के प्रभारी अधिकारियों का व्यवहार हमें अपनेपन का अहसास दिला रहा है। सभी प्रवासी श्रमिकों ने क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्थाओं से संतुष्टि जताते हुए कहा कि चैदह दिन का क्वारेंटाइन सुख का अनुभव करा रहा है। -
जशपुरनगर 01 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने वित्तिय वर्ष 2020-21 के लिए सड़क दुर्घटना में मृतकों को दी जाने वाले सहायता राशि मद अंतर्गत 5 लाख रुपए का आबंटन जिले के तहसीलों को राशि दी गई है। जिले के आठ तहसीलदारों को 62 हजार 500 रुपए के मान से 5 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। इनमें जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव, बगीचा, मनोरा, दुलदुला, फरसाबहार, कांसाबेल के तहसीलदार शामिल है। -
जशपुरनगर 01 जून : छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव श्री आर.पी.मण्डल ने आज वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से 28 जिले के कलेक्टरों को कोरोना वायरस संक्रमण एवं सुरक्षा के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जशपुर जिले से कलेक्टर श्री महादेव कावरे, पुलिस अधीक्षक श्री शंकरलाल बघेल, वनमण्डलाधिकारी श्री कृष्ण जाधव, अपर कलेक्टर श्री आई.एल.ठाकुर, सीईओ जिला पंचायत श्री के.एस.मण्डावी, एसडीएम श्री योगेन्द्र श्रीवास, डिप्टी कलेक्टर श्री आर.एन.पाण्डेय, डिप्टी कलेक्टर चेतन साहू, सुश्री आकांक्षा त्रिपाठी, सीएमएचओ श्री पी. सुथार, सीएमओ श्री बसंत बुनकर, डीपीएम श्री गनपत नायक उपस्थित थे।
मुख्य सचिव ने क्वारेंटाईन सेंटरों के व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने वाीडियो कांफ्रेस के माध्यम से क्वारेंटराईन सेंटर में रहने वाले लोगों की अवधि पूर्ण करने के बाद स्वास्थ्य की अच्छी तरह से जांच करने के बाद ही छोड़ने के निर्देश दिए है। घर लौटने के बाद श्रमिक अगले 10 दिनों तक होम क्वारेंटाईन में रहने एवं इसके दिशा निर्देशों का पालन करने भी कहा गया है। साथ ही आगामी 8 जून से धार्मिक स्थलों को खोले जाने की संभवना है जिसे देखते हुए तैयारी सुनिश्चित करने कहा गया है। नगरीय क्षेत्रों में खोल गए ठेलों के मध्य दुरियां बनाकर रखने के लिए कहा गया है। उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण से हाॅट-पाॅट से लौटे श्रमिकों पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिए है। कौशल और प्रशिक्षण के आधार पर स्थानीय स्तरपर भी युवाओं को रोजगार की व्यवस्था किए जाने के लिए भी कहा गया है।
उन्होंने जिले में आईशोलेसन सेंटर बढ़ाने के निर्देश दिए है। साथ ही ई-पास के द्वारा ही लोगों को आने जाने की सुविधा देने के निर्देश दिए है। कोरोना संेटर में बाहर से आने वाले लोगों का सेम्पल लेकर अनिवार्य रूप से टेस्टिंग करने के लिए भी कहा गया है। साथ ही कांन्टेक्ट ट्रेसिंग को भी अधिक संख्या में करने के निर्देश दिए गए है। आगामी दिनों में आॅटो, टैक्सी के परिवहन-आवागमन की छुट दी जा सकती है जिसके तहत् सीमित संख्या में परिवहन करने की छुट रहेगी। उन्होंने जिले के क्वारेंटाईन सेंटर में रहने वाले मजदूर मनरेगा के तहत् कार्य करना चाहते हैं तो उन्हें भी रोजगार देने कहा गया है ताकि उन्हें भी रोजगार से जोड़ा जा सकें। रेड जोन वाले क्षेत्रो में सोशल डिस्टेंश और कांन्टेक्ट ट्रेसिंग के साथ मास्क का भी उपयोग करने के लिए लोगों को निर्देश दिए जाए। जिन क्वारेंटाईन सेंटरों में पाॅजिटिव मरीज पाए जा रहे उन क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन में रखा जाए। -
महासमुंद 01 जून : राज्य शासन के श्रम विभाग द्वारा जारी दिनांक 01 जून 2020 में छत्तीसगढ़ में अवरूद्ध उत्तरप्रदेश एवं मणिपुर के श्रमिकों एवं व्यक्तियों को उनके गृह राज्य वापस भेजे जाने के लिए सहमति भेजी गई है। जिला श्रम पदाधिकारी श्री डी.के. राजपूत ने बताया कि देशव्यापी लाॅकडाउन के चलते महासमुंद जिले में फंसे हुए उत्तरप्रदेश के श्रमिक एवं व्यक्ति जो अपने गृह राज्य वापस जाना चाह रहे है, वे 05 जून 2020 को रायपुर रेल्वे स्टेशन से ट्रेन बस्ती (उत्तरप्रदेश) के लिए रवाना होगी। इस संबंध में उत्तरप्रदेश एवं मणिपुर के श्रमिक एवं व्यक्ति जिला श्रम पदाधिकारी श्री डी0के0 राजपूत के मोबाईल नम्बर 88393-92840 एवं श्रम उप निरीक्षक श्री अमित कुमार चिराम के मोबाईल नम्बर 62616-76581 से संपर्क कर सकते है। -
महासमुंद 01 जून : राज्य शासन के श्रम विभाग द्वारा जारी दिनांक 01 जून 2020 में छत्तीसगढ़ में अवरूद्ध उत्तरप्रदेश के श्रमिकों एवं व्यक्तियों को उनके गृह राज्य वापस भेजे जाने के लिए सहमति भेजी गई है। जिला श्रम पदाधिकारी श्री डी.के. राजपूत ने बताया कि देशव्यापी लाॅकडाउन के चलते महासमुंद जिले में फंसे हुए उत्तरप्रदेश के श्रमिक एवं व्यक्ति जो अपने गृह राज्य वापस जाना चाह रहे है, वे 05 जून 2020 को रायपुर रेल्वे स्टेशन से ट्रेन बस्ती (उत्तरप्रदेश) के लिए रवाना होगी। इस संबंध में उत्तरप्रदेश के श्रमिक एवं व्यक्ति जिला श्रम पदाधिकारी श्री डी0के0 राजपूत के मोबाईल नम्बर 88393-92840 एवं श्रम उप निरीक्षक श्री अमित कुमार चिराम के मोबाईल नम्बर 62616-76581 से संपर्क कर सकते है। -
महासमुंद 01 जून : अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री कुणाल दुदावत ने ग्राम पंचायत तोषगांव के पंचायत सचिव श्री नवीन कुमार सिदार के आवेदन के आधार पर तोषगांव स्कूल भवन में क्वारेंटाईन में रखे गए प्रवासी मजदूर श्री अजय प्रधान द्वारा क्वारेंटाईन संेटर से दीवाल फांदकर अपने साथी बिन्दुसार साहू, हेतराम साहू, ओमप्रकाश बघेल, हेमलाल अजगल्ला एवं महेन्द्र साहू के साथ मिलकर सामुदायिक केन्द्र तोषगांव के पीछे बर्थडे पार्टी मनाएं एवं साथ में बैठकर गांजा पीकर कोविड-19 बेसिक महामारी को फैलने से रोकने के लिए उनके द्वारा शासन द्वारा दिए गए निर्देशों का उल्लंघन किया गया हैं। उल्लेखनीय है कि शासन के आदेशानुसार प्रवासी मजदूरों को ग्राम पंचायत तोषगांव के क्वारेंटाईन संेटर में रखे अजय प्रधान द्वारा अपने साथियों के साथ बर्थडे पार्टी मनाकर कोरोना संबंधी लाॅकडाउन नियमों का उल्लंघन कर संक्रमण फेैलाने के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने उनके विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज (एफ.आई.आर.) कराई हैं।