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- जशपुरनगर, 18 मार्च : कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने बुधवार को जिला चिकित्सालय जशपुर में निर्मित आइसोलेशन वार्ड का मुआयना किया। कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने जिले में कोरोना वायरस (ब्व्टप्क्-19) से बचाव एवं उपचार के संबंध में सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सीएमएचओ को सभी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए अस्पताल में एमरजेंसी दवाई, पर्सनल प्रोटेक्सन इक्यूपमेंट आदि का पर्याप्त मात्रा में भण्डारित रखने के निर्देश दिए। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस से सावधानी बरतने के लिये जिले में आवश्यक सभी तैयारियां कर ली गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जिले मे दो स्थानों पर जिला चिकित्सालय जशपुर एवं हाॅली क्रास हाॅस्पिटल कुनकुरी में 4 बेड का आईशोलेशन वार्ड का निर्माण किया गया है। इसके अलावा जिले में दो क्वारेंटाईन वार्ड का भी निर्माण किया गया है। जिसमें जिला पंचायत रिर्सोस सेंटर जशपुर में 20 बेड का एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र घोंलेग में 6 बेड का क्वारेंटाईन वार्ड का निर्माण किया गया है। इन स्थानों में जल, भोजन, साफ-सफाई एवं डाॅक्टर की ड्यूटी इत्यादि व्यवस्था पूर्णतः दुरूस्त करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिये गये है।
जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा तत्काल कदम उठाते हुए आइसोलेशन वार्ड, चिकित्सकों एवं स्टाफ की टीम तैयार की गई है एवं इससे संबंधित प्रशिक्षण सभी स्वास्थ्य अधिकारी एवं कर्मचारी को दिया जा चुका है। साथ ही जिला आईशोलेशन वार्ड के लिए डाॅ. श्रीमती एफ. खाखा 8319634905 एवं क्वारेनटाईन वार्ड के लिए डाॅ. आर. एस. पैकरा 9424184272 को प्रभारी नियुक्त किया गया है। तथा कोरोना वायरस से बचाव के लिए जागरूकता अभियान के तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
जिला स्तर पर नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के शंका समाधान हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी 9406257639, जिला कार्यक्रम प्रबंधक 9977636110, जिला आरएमएनसीएचए सलाहकार 9752398309, एवं जिला इपिडेमियोलाॅजिस्ट 9907539674, एवं डाटा मैनेजर 7999606203 नंबर पर संपर्क कर सकते है। इसी प्रकार विकासखंड स्तर पर नोवल कोरोना वायरस के शंका समाधान के लिए - विकासखंड पत्थलगांव बीएमओ 9424180229, बी.ई.ई 7089892841, विकासखंड फरसाबहार बीएमओ 8105018189, बी.ई.ई. 8319511246, विकासखंड बगीचा बीएमओ 9424817327, बी.ई.ई 7974962719, विकासखंड कासंाबेल बीएमओ 9424181900, बी.ई.ई. 9131841312, विकासखंड कुनकुरी बीएमओ 9424814238, बी.ई.ई. 8103829500, विकासखंड दुलदुला बीएमओ 9009914337, बी.ई.ई. 8817719181, विकासखंड बगीचा बीएमओ 2406056306, र्बी.ई.इ. 6263392704, विकासखंड मनोरा बीएमओ 9753843311, बी.पी.एम. 7587713999 पर संपर्क किया जा सकता है।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने लोगों से अपील की गई है कि वे भीड़भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें। आवश्यक हो तो ही घर से बाहर निकलें। विशेष रूप से जिनको सर्दी खासी है, ऐसे लोगों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखें। लोगोें से हाथ मिलाने की बजाए हाथ जोड़कर अभिवादन करें। बाहर से आने-जाने वाले लोगों के संपर्क से बचे। संक्रमण से बचने के लिए अपने हाथों को साबुन से बार-बार धोयंे। अपने हाथ को आंख, नाक, मंुह आदि के संपर्क में बार-बार न लायें।
अधिक जानकारी के लिए नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। साथ ही सर्दी खांसी से पीड़ित व्यक्ति छीकने या खांसने के वक्त अपने मंुह को रूमाल से ढकें। मास्क या रूमाल का उपयोग कर अपने आप को संक्रमण से बचायें। कोरोना वायरस के संबंध मे किसी भी प्रकार की अफवाह से बचे इस अवसर पर सीएमएचओ श्री रंजीत टोप्पो, डाॅ. आर.एस. पैंकरा, डाॅ. जार्ज जीवन लकड़ा, डाॅ. अनुरंजन टोप्पो, डीपीएम श्री नायक, डाॅ. पुष्पेन्द्र सोनी, श्री राजेश कुरील एवं श्री सतेन्द्र यादव उपस्थित रहे। -
जिले के 16 सक्रिय महिला समूहो ने किया 175 टन नाडेप कम्पोस्ट और 11 टन केंचुआ खाद का निर्माण-धमधा ब्लॉक है केंचुआ खाद बनाने में अग्रणी-जिले के 218 गौठानों में अब तक 1010 टंकियां निर्मिति-अन्य योजनाओं के तहत 653 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित
दुर्ग 18 मार्च : ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा शुरू की गई नरवा गरवा घुरूवा बाड़ी योजना के परिणाम सामने आने लगे हैं। इस योजना से स्व- सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार तो मिल ही रहा है। साथ ही जैविक खेती का प्रचलन भी बढ़ रहा है। गांव की महिलाएं समूह बनाकर गौठानों में स्थापित वर्मी कम्पोस्ट और नाडेप टंकियों में ऑर्गेनिक खाद का निर्माण कर रही हैं। इस खाद की बाजार में आजकल काफी मांग है। इसके अलावा गांव में स्थित बाड़ियों में भी इसी जैविक खाद की मदद से पौष्टिक सब्जियां उगाई जा रही हैं। जिले के 218 गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट की 357 और नाडेप की 653 टंकियां स्थापित की गई हैं। इन गौठानों में टंकी भरने से लेकर खाद की बिक्री का काम महिलाएं संभाल रही हैं। कृषि विभाग द्वारा आत्मा योजना के तहत पहले महिलाओं को खाद बनाने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद जिले के 16 महिला स्व-सहायता समूहों ने खाद बनाने का काम कर रहे है। दुर्ग ब्लॉक् में 2 महिला समूहों ने 8 क्विंटल कम्पोस्ट खाद, (नाडेप) पाटन ब्लॉक के 11 समूहों ने 160 क्विंटल कम्पोस्ट खाद, धमधा ब्लॉक के 3 समूहों ने 7 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट खाद और 11 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया है। इस प्रकार कुल 175 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट और 11 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा चुका है।
- पाटन और धमधा के महिला समूह खाद बेचकर कमा रहे अच्छा मुनाफा
पाटन और धमधा ब्लॉक की महिलाओं ने खाद बेचने का काम शुरू भी कर दिया है। यह खाद हाथों हाथ बिक रही है। गांव के अलावा आस पास के बाजार में भी अच्छा दाम मिलने लगा है। पाटन ब्लॉक के पाहन्दा में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा अब तक 80 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट खाद बेचा जा चुका है। वहीं धमधा के समूहों ने 7 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट और 8 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का विक्रय किया है। नाडेप टंकी में निर्मित कम्पोस्ट खाद के लिए प्रति किलोग्राम 3 से 5 रुपए और वर्मी कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) के लिए प्रति किलोग्राम 7 से 10 रुपए का दाम मिल रहा है।
-दूसरे चरण का उत्पादन लेने भरी जा रही हैं टंकियां
सभी वर्मी कम्पोस्ट और नाडेप टंकियों से खाद निकालने के बाद दूसरे चरण का उत्पादन लेने की तैयारी शुरू हो गई है। टंकियों को गोबर एवं दूसरे कृषि अवशेषों से भरने की प्रक्रिया शुरू ही गई है। लगभग 653 टंकियों में से अब तक 100 नाडेप और 357 में से 30 केंचुआ खाद की टंकियां भरी जा चुकी हैं। शेष टंकियां भरने का काम लगातार जारी है। टंकी भरने के बाद 45 से 60 दिनों के अंदर खाद बनकर तैयार हो जाती है। इस बार धमधा के अलावा अन्य विकासखण्ड भी केंचुआ खाद बनाने की तैयारी में हैं। गौठान के अलावा जिले में विभिन्न योजनाओं के तहत 653 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित कुछ महिला समूहों द्वारा औसतन 2 से 3 टन वर्मी कम्पोस्ट का किया जा रहा निर्माण जिले में गौठान के अलावा भी करीब 653 वर्मी कम्पोस्ट की टंकियां विभिन्न योजनाओं के तहत स्थापित की गई हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 123, परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत 500, जैविक खेती विकास योजना के तहत 30 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित की गई है। अपनी मेहनत से कई समूह भारी मात्रा में उत्पादन भी ले रहे हैं। दुर्ग विकासखण्ड के पुरई में जनजागृति आत्मा समूह, कोटमी में गायत्री जैविक खेती आत्मा समूह और नगपुरा के जय सतनाम समूह द्वारा औसत रूप से 2 से 3 टन का वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाया जा रहा है।
- किसान अपने खेतों के लिए बना रहे वर्मी कम्पोस्ट
जैविक खेती के प्रति किसानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। किसान खुद भी वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर अपने खेतों में इस्तेमाल कर रहे हैं। पाटन विकासखंड ग्राम सोनपुर के किसान जुगनू ठाकुर, अरसनारा के नंदकुमार साहू, गुरुदेव साहू, धमधा के विश्राम पटेल, टेमरी के योगेश साहू वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर अपने खेतों में उपयोग कर रहे हैं। - कोरिया 18 मार्च : कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए भारत सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर मास्क और हैंड-सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम - 1955 के तहत आवश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल किया है। कलेक्टर ने बताया है कि अधिनियम के दायरे में आने के बाद मास्क और हैंड-सैनिटाइजर के उत्पादन, गुणवत्ता, वितरण और लॉजिस्टिक्स (कोविड-19 के प्रबंधन के लिए) को सरकार द्वारा नियंत्रित किया जा सकेगा।
कलेक्टर ने यह भी बताया है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत हैंड-सैनिटाइजर के साथ 2-प्लाई एवं 3-प्लाई सर्जिकल मास्क तथा एन-95 मास्क को शामिल किया गया है। भारत के राजपत्र में 13 मार्च को इसके प्रकाशन के साथ ही यह पूरे देश में लागू हो गया है। यह अधिसूचना 30 जून 2020 तक प्रभावी रहेगी। -
बेमेतरा 18 मार्च : राज्य शासन द्वारा वर्तमान में नोवेल कोरोना वायरस (ब्व्टप्क्-19) को लेकर प्रदेश के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को आगामी 31 मार्च तक अपने मुख्यालय में उपस्थित रहने के निर्देश जारी किया गया हैं, ताकि आवश्यकतानुसार उपचारात्मक उपाय किए जा सकें। साथ ही यह भी कहा है कोई भी अधिकारी-कर्मचारी बिना पूर्व अनुमति अवकाश पर प्रस्थान नहीं करेंगे। अत्यंत आवश्यक परिस्थिति निर्मित होने पर ही अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने जिले के सभी विभाग प्रमुखों को एक पत्र जारी कर इसका पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। छ.ग. शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कल मंगलवार को मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर से प्रदेश के सभी विभाग प्रमुखों, अध्यक्ष राजस्व मण्डल, सभी संभागायुक्त, जिला कलेक्टर और विभागाध्यक्षों को इस आशय का आदेश जारी किया गया है। - बेमेतरा 18 मार्च : तारमिस्त्री परीक्षा जूलाई 2020 परीक्षा केन्द्र राजनांदगांव, हेतु तारमिस्त्री परीक्षा आवेदन पत्र कार्यालय, कार्यपालन अभियंता (विद्युत सुरक्षा) एवं संभागीय विद्युत निरीक्षक, छ.ग. शासन राजनांदगांव संभाग-राजनांदगांव, सहदेव नगर भदौरिया चैक, जी.ई. रोड राजनांदगांव मे निशुल्क प्राप्त किये जा सकते है। परीक्षा आवेदन-पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल 2020 तक है। परीक्षा मे बैठने हेतु निर्धारित शुल्क के साथ कम से कम दो वर्ष का किसी मान्यता प्राप्त संस्था/उद्योग का व्यवहारिक अनुभव प्रमाण पत्र होना आवश्यक है। परीक्षा अवेदन पत्र का प्रारूप एवं अन्य सहपत्र प्रकाशन हेतु संलग्न है। राजनांदगांव अनुज्ञापन समिति ( विद्युत ) का कार्यक्षेत्र जिला-राजनांदगांव, कवर्धा, दुर्ग, बालोद, एवं बेमेतरा हैं।
परीक्षार्थियों को आवश्यक सूचनायें फीस(शुल्क)ः-(अ):- वर्ग 2 (घरेलु), वर्ग 3 (औद्योगिक), वर्ग 4 (शिरोपरी) प्रत्येक वर्ग तारमिस्त्री परीक्षा के प्रवेश की फीस 20 रु. प्रति वर्ग, (ब) वर्ग 5 बिजली मिस्त्री की परीक्षा (भ्ूामिगत) 30/-रुपए तथा (स) वर्ग 1 (सभी वर्ग की परीक्षयें 1 से 5 तक) 70/-रुपए हैं। एक बार जमा की हुई फीस का समावेश या वापिस किया जाना नियम के विरुद्ध है। उपरोक्त फीस छत्तीसगढ़ राज्य के किसी कोषागार में निम्लिखित शीर्षक के अन्तर्गत जमा करना चाहिए। इस संबंध मे विस्तृत जानकारी कार्यपालन अभियंता विद्युत सुरक्षा कार्यालय राजनांदगांव दुरभाष क्र.-07744225601 से प्राप्त की जा सकती है। -
बेमेतरा 18 मार्च : छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मण्डल रायपुर द्वारा संचालक, राज्य शैक्षिक, अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, छत्तीसगढ़ के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ शिक्षक पात्र परीक्षा (टीईटी)-2020 का आयोजन रविवार 22 मार्च 2020 को दो पालियों मे किया जाना था। नोवेल कोरोना वायरस (कोविड19) से संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु राज्य शासन द्वारा 31 मार्च 2020 तक समस्त शिक्षण बंद करने के कारण व्यापम के पत्र द्वारा उक्त छत्तीसगढ़ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी)-2020 को स्थगित कर दिया है। तद् संबंध मे परीक्षा की आगामी तिथि समयानुसार छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मण्डल रायपुर द्वारा, पृथक से घोषित की जायेगी। -
बेमेतरा 18 मार्च : प्रदेश के गृह जेल एवं लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू आज बेमेतरा प्रवास के दौरान कृषि ऊपज मण्डी पहँुचकर श्रीमद् भागवत कथा का रसपान किया। विश्व शंाति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं राधाकृष्ण सत्संग समिति बेमेतरा के तत्वाधान मे इसका आयोजन किया जा रहा है। व्यास पीठ पर देश के सुप्रसिद्ध कथा वाचक भगवताचार्य देवकीनंदन ठाकुर के मुखारबिंद से श्रीमद् भगवत कथा का आज छठवां दिन था। गृह मंत्री श्री साहू ने कहा कि आज मै कथा श्रवण करने आया हूँ, इस लिए ज्यादा कुछ नही कहूँगा। श्रीमद् भागवत कथा को अपने जीवन मे उतारना चाहिए। परोपकार की भावना, विश्व शांति, मानव कल्याण, प्रेम एवं भाई-चारा का संदेश हमे श्रीमद् भागवत कथा से मिलता है। गृहमंत्री श्री साहू एवं विधायक बेमेतरा श्री आशीष कुमार छाबड़ा ने देवकीनंदन ठाकुर का पुष्पाहार पहना कर आत्मीय स्वागत किया। कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने अपने कथा के जरिए बताया कि यदि हमे स्वस्थ रहना है तो हमे शाकाहार को अपनाना होगा। आज कथा के दौरान रुखमणी-विवाह प्रसंग सुनाया। श्रीमद् भगवत कथा का गुरुवार 19 मार्च को अंतिम दिवस है। इस अवसर पर अवनीश राघव, टी आर जनार्दन, ललित विश्वकर्मा, योगेश तिवारी सहित बड़ी संख्या मे श्रद्धालु जन उपस्थित थे।
आज की कथा का सार- जिस स्थान पर निरीह पशुओं का रक्त निकलता हो वह स्थान कभी सुख नहीं देता --देवकीनंदन ठाकुर
राधा कृष्ण सत्संग समिति बेमेतरा के द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत पुराण कथा के छठवें दिन भागवताचार्य कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर जी ने कहा कि जिस स्थान पर निरीह पशुओं का रक्त निकलता हो वह स्थान कभी सुख नहीं देगा उन्होंने कहा कि सभी प्रांतीय सरकार सहित भारत सरकार से अपील है कि भारत में पशुओं की बलि को पूर्णता प्रतिबंधित कर दिया जाए उन्होंने बेमेतरा के कृषि उपज मंडी प्रांगण में आयोजित भागवत कथा के भागवत प्रारंभ होने के बाद से पशुओं की बलि प्रथा पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी कथावाचक ठाकुर जी ने जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर ग्राम संडी के पास स्थित सिद्धि माता मंदिर के पास लगातार बलि प्रथा की जानकारी होने के बाद से बलि प्रथा पर प्रतिबंध लगाने की बात किया गया था।
इस पर मंदिर समिति के द्वारा जिला प्रशासन को बलि प्रथा पर प्रतिबंध लगाने की संबंधित ज्ञापन सौंपा गया जिसके आधार पर जिला प्रशासन ने वहां पर बलि प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसकी चर्चा करते हुए भागवताचार्य देवकीनंदन जी ठाकुर ने कहा कि भगवान से की गई प्रार्थना को भगवान ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने आगे कहा कि आपकी सफलता और असफलता आपके एडवाइजर देने वालों के ऊपर निर्भर करता है यदि कोई बड़े घर में भी जन्मा हो परंतु उसको एडवाइस देने वाला गलत होगा तो वह कभी भी सफल नहीं हो सकता इसलिए हमेशा सही आदमी सही संग वाले के साथ रहना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जिंदगी कैसे हैं जिंदगी कैसे होनी चाहिए हैं यह भागवत पुराण और वेद में सिखाते हैं।
आगे कहा गया कि सत्संग में आते रहना चाहिए तो असफल होने पर कैसे सफल होते हैं सफल हैं तो शांत कैसे रहना चाहिए यह वेद पुराण में सिखाते हैं पहले राजा महाराजा राज करते थे और राजा कुर्सी पर बैठे रहते थे किंतु आदेश राजा के गुरु देते थे, कहा जाता है कि जैसी राजा वैसी प्रजा होती है इसलिए इस सत्संग में अवश्य जाना चाहिए उन्होंने भागवत कथा श्रवण करने पहुंचे प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू एवं पूर्व मंत्री सियाराम साहू का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस प्रदेश के मंत्री एवं पूर्व मंत्री कथा श्रवण करने पधारे हो वह प्रदेश अवश्य ही विकास करेगा इसीलिए कहा जाता है कि छत्तीसगढ़िया तो उपस्थित श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से ऊंची स्वर में कहा छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया । भागवत आचार्य ने कहा कि भगवान की पूजा अवश्य करनी चाहिए क्योंकि भगवान ही आपके सबसे करीब होते हैं पर कभी भी पद धन रूप ज्ञान भक्ति का घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि यह सब भगवान का है इसमें हमारा कुछ नहीं है और जहां अभिमान रहता है वहां भगवान नहीं रहता और जहां भगवान रहता है वहां अभिमान नहीं रहता इसलिए अभिमान कभी नहीं करना चाहिए इस भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ के मुख्य यजमान योगेश तिवारी हैं। -
कोरिया 18 मार्च : मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने आज यहां बताया कि जिला चिकित्सालय में नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम के संबंध में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम का हेल्पलाईन नंबर 07836-232800 है। प्रतिदिन 24 घण्टे कंट्रोल रूम के संचालन हेतु अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है।
जिसके अनुसार ड्रेसर ग्रेड 01 श्री विजय सोनी प्रातः 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक, सहायक ग्रेड 02 श्रीमती आरती वर्मा दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक, जिला मीडिया प्रभारी श्री के.पी.सोनी शाम 4 बजे से रात्रि 8 बजे तक, भृत्य श्री देवेन्द्र कौल रात्रि 8 बजे से रात्रि 12 बजे तक, वार्ड ब्वाय श्री अजय प्रकाश भगत रात्रि 12 बजे से प्रातः 4 बजे तक तथा वार्ड ब्वाय श्री सुधीर कुमार प्रातः 4 बजे से प्रातः 8 बजे तक कंट्रोल रूम के संचालन हेतु अपनी सेवाएं देंगे। -
जिले के 16 सक्रिय महिलाओं ने किया 175 टन नाडेप कम्पोस्ट और 11 टन केंचुआ खाद का निर्माण
-धमधा ब्लॉक है केंचुआ खाद बनाने में अग्रणी-जिले के 218 गौठानों में अब तक 1010 टंकियां निर्मिति-अन्य योजनाओं के तहत 653 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित
दुर्ग 18 मार्च : ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा शुरू की गई नरवा गरवा घुरूवा बाड़ी योजना के परिणाम सामने आने लगे हैं। इस योजना से स्व- सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार तो मिल ही रहा है। साथ ही जैविक खेती का प्रचलन भी बढ़ रहा है। गांव की महिलाएं समूह बनाकर गौठानों में स्थापित वर्मी कम्पोस्ट और नाडेप टंकियों में ऑर्गेनिक खाद का निर्माण कर रही हैं। इस खाद की बाजार में आजकल काफी मांग है। इसके अलावा गांव में स्थित बाड़ियों में भी इसी जैविक खाद की मदद से पौष्टिक सब्जियां उगाई जा रही हैं। जिले के 218 गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट की 357 और नाडेप की 653 टंकियां स्थापित की गई हैं। इन गौठानों में टंकी भरने से लेकर खाद की बिक्री का काम महिलाएं संभाल रही हैं। कृषि विभाग द्वारा आत्मा योजना के तहत पहले महिलाओं को खाद बनाने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद जिले के 16 महिला स्व-सहायता समूहों ने खाद बनाने का काम कर रहे है। दुर्ग ब्लॉक् में 2 महिला समूहों ने 8 क्विंटल कम्पोस्ट खाद, (नाडेप) पाटन ब्लॉक के 11 समूहों ने 160 क्विंटल कम्पोस्ट खाद, धमधा ब्लॉक के 3 समूहों ने 7 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट खाद और 11 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया है। इस प्रकार कुल 175 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट और 11 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा चुका है।
- पाटन और धमधा के महिला समूह खाद बेचकर कमा रहे अच्छा मुनाफा
पाटन और धमधा ब्लॉक की महिलाओं ने खाद बेचने का काम शुरू भी कर दिया है। यह खाद हाथों हाथ बिक रही है। गांव के अलावा आस पास के बाजार में भी अच्छा दाम मिलने लगा है। पाटन ब्लॉक के पाहन्दा में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा अब तक 80 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट खाद बेचा जा चुका है। वहीं धमधा के समूहों ने 7 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट और 8 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का विक्रय किया है। नाडेप टंकी में निर्मित कम्पोस्ट खाद के लिए प्रति किलोग्राम 3 से 5 रुपए और वर्मी कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) के लिए प्रति किलोग्राम 7 से 10 रुपए का दाम मिल रहा है।
दूसरे चरण का उत्पादन लेने भरी जा रही हैं टंकियां -
सभी वर्मी कम्पोस्ट और नाडेप टंकियों से खाद निकालने के बाद दूसरे चरण का उत्पादन लेने की तैयारी शुरू हो गई है। टंकियों को गोबर एवं दूसरे कृषि अवशेषों से भरने की प्रक्रिया शुरू ही गई है। लगभग 653 टंकियों में से अब तक 100 नाडेप और 357 में से 30 केंचुआ खाद की टंकियां भरी जा चुकी हैं। शेष टंकियां भरने का काम लगातार जारी है। टंकी भरने के बाद 45 से 60 दिनों के अंदर खाद बनकर तैयार हो जाती है। इस बार धमधा के अलावा अन्य विकासखण्ड भी केंचुआ खाद बनाने की तैयारी में हैं। गौठान के अलावा जिले में विभिन्न योजनाओं के तहत 653 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित कुछ महिला समूहों द्वारा औसतन 2 से 3 टन वर्मी कम्पोस्ट का किया जा रहा निर्माण जिले में गौठान के अलावा भी करीब 653 वर्मी कम्पोस्ट की टंकियां विभिन्न योजनाओं के तहत स्थापित की गई हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 123, परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत 500, जैविक खेती विकास योजना के तहत 30 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित की गई है। अपनी मेहनत से कई समूह भारी मात्रा में उत्पादन भी ले रहे हैं। दुर्ग विकासखण्ड के पुरई में जनजागृति आत्मा समूह, कोटमी में गायत्री जैविक खेती आत्मा समूह और नगपुरा के जय सतनाम समूह द्वारा औसत रूप से 2 से 3 टन का वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाया जा रहा है।
- किसान अपने खेतों के लिए बना रहे वर्मी कम्पोस्ट
जैविक खेती के प्रति किसानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। किसान खुद भी वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर अपने खेतों में इस्तेमाल कर रहे हैं। पाटन विकासखंड ग्राम सोनपुर के किसान जुगनू ठाकुर, अरसनारा के नंदकुमार साहू, गुरुदेव साहू, धमधा के विश्राम पटेल, टेमरी के योगेश साहू वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर अपने खेतों में उपयोग कर रहे हैं। - दुर्ग 18 मार्च : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन के विभिन्न ग्राम पंचायतों में अनेक निर्माण कार्यों के लिए लगभग 1 करोड़ 1 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। इनमें प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर ग्राम पंचायत महुदा में सी.सी. रोड निर्माण कार्य के लिए 5 लाख 20 हजार रुपए, ग्राम पंचायत अमेरी मे बाजार चैक में सीमंेटीकरण का कार्य के लिए 5 लाख 19 हजार 728 रुपए, ग्राम पंचायत गोंडपेंड्री में सीसी रोड़ निर्माण कार्य के लिए 5 लाख 20 हजार रुपए तथा ग्राम फेकरी में सीसी रोड़ निर्माण कार्य के लिए 02 लाख 60 हजार रुपए स्वीकृत किए गए है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत खम्हरिया के शीतला पारा तथा ग्राम पंचायत गुढियारी में सी. सी. रोड निर्माण के साथ ग्राम पंचायत सांतरा मे सीसी रोड निमार्ण के लिए 18 लाख 60 हजार रुपए प्रदान की गई है। ग्राम पंचायत मर्रा मे सांस्कृतिक कला मंच व कमरा निर्माण के लिए 5 लाख रुपए की, ग्राम पंचायत भरर मे सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 6 लाख 49 हजार की राशि तथा ग्राम पंचायत धौराभाठा मे सीसी रोड़ निर्माण के लिए 5 लाख 20 हजार रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत करेला मे चबूतरा निर्माण, जामगांव मे सीसी रोड निर्माण, ग्राम पंचायत सिकोला मे सामुदायिक भवन निर्माण, ग्राम पंचायत फुण्डा मे सांस्कृतिक कला मंच मे शेड निर्माण के लिए कुल राशि 16 लाख 70 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत रवेली मे सीसी रोड़ निर्माण के लिए 5 लाख 20 हजार रुपए की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा ग्राम पंचायत देवादा के बाजार चैक मे सीमंेटीकरण का कार्य, ग्राम पंचायत तर्रीघाट मे सीसी रोड़ तथा ग्राम पंचायत असोगा के आदिवासी पारा मे भवन निर्माण हेतु समस्त कार्यों के लिए 16 लाख 90 हजार रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। पाटन विकासखण्ड के ग्राम कुर्मीगुण्डरा, ग्राम महकाखुर्द, ग्राम दैमार मे सीसी रोड़ के साथ ग्राम कौंही मे सामुदायिक भवन निर्माण कार्य के लिए 19 लाख 49 हजार रुपए स्वीकृति दी गई है। इसी तरह सेक्टर-6 के गुरूद्वारा के सामने पेवर ब्लाॅक कार्य के लिए 2 लाख 98 हजार रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। - दुर्ग 18 मार्च : छत्तीसगढ़ शासन सहकारिता विभाग द्वारा जिले के प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के पुनर्गठन की योजना-2019 जारी की गयी थी। राज्य शासन द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को उपान्तरित करते हुए पुनः पुनर्गठन की प्रक्रिया जारी की गई है, जिसके तहत् दुर्ग जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटियों का भी पुनर्गठन होना है। दुर्ग जिले की पुनर्गठन से प्रभावित व परिणामी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में पुनर्गठन योजना-2019, उपान्तरित पुनर्गठन योजना एवं पुनर्गठन-प्रस्ताव (अनुसूची-1,2,3) प्रेषित कर उनके सूचना पटल पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. दुर्ग (मुख्यालय) एवं उसकी शाखाओं के सुचना पटल पर चस्पा कराई गई है तथा उसकी प्रति संबंधित समितियों में उपलब्ध है।
उक्त पुनर्गठन से संबंधित सोसायटी के सदस्यों सोसायटियों, बैंक शाखाओं एवं अन्य द्वारा अपना दावा-आपत्ति अभ्यावेदन लिखित में, कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, बुनकर संघ भवन, स्टेशन रोड, संतरा बाड़ी, दुर्ग में 03 प्रतियों में दिनांक 03 अप्रैल तक कार्यालयीन समय में प्रस्तुत किया जा सकता है। उक्त तिथि के पश्चात् कोई भी दावा-आपत्ति अभ्यावेदन स्वीकार नहीं किया जावेगा। - दुर्ग 18 मार्च : आस्था डेवलपर्स एण्ड काॅलोनाईजर्स के संचालकों के द्वारा अधिक ब्याज देने का प्रलोभन देकर रकम जमा कराकर राशि गबन करने एवं कार्यालय बंद कर निवेशकों से छलकपट किया गया है। साथ ही आम जनता द्वारा जमा की गई राशि को वापस नहीं किया जाकर उनके हितों पर कुठाराघात किया गया है। जिला दण्डाधिकारी श्री अंकित आनंद ने निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत आरोपी संचालकों की संपत्ति को कुर्क किए जाने हेतु 23 मार्च को सनुवाई के लिए तिथि नियत किया है। निर्धारित तिथि को संचालकों के द्वारा उपस्थिति सुनिश्चित नहीं किए जाने पर उनके आवेदन पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। साथ ही संबंधितों के संपत्ति को कुर्क करने के आदेश जारी किए जाएंगे।
- बलरामपुर 18 मार्च : सहकारिता विभाग छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसाईटियों को पुनर्गठित करने के लिए प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसाइटियों की पुनर्गठन योजना 2019 जारी की गई थी। सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं बलरामपुर ने जानकारी दी है कि जिले में सोसाइटियों का पुनर्गठन हेतु जारी अधिसूचना के संबंध में दावा आपत्ति आमंत्रित करने हेतु अधिसूचनाओं की प्रति सोसाईटी कार्यालयों, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित अम्बिकापुर के मुख्यालय एवं जिले में स्थित समस्त शाखाओं तथा कार्यालय सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं बलरामपुर के सूचना पटल पर चस्पा कर दी गई है। सोसाइटियों के पुनर्गठन संबंधी प्रस्ताव पर प्रभावित व परिणामी सोसाइटी के सदस्यों, सोसाइटियों एवं बैंक शाखाओं तथा अन्य द्वारा दावा-आपत्ति सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं बलरामपुर के समक्ष तीन प्रतियों में 03 अप्रैल 2020 तक प्रस्तुत कर सकते हैं।
- बलरामपुर 18 मार्च : लोक सेवा केन्द्र/च्वाईस सेंटर/सीएससी ऑपरेटर को प्रदत्त ई-डिस्ट्रिक्ट आईडी द्वारा विभिन्न प्रकार की सेवाएं आॅनलाईन दी जा रही है। आपरेटरों द्वारा आवेदनों को पूर्ण रूप से न भरने, संलग्न दस्तावेज अपूर्ण तथा स्केनिंग की गुणवत्ता निम्न स्तर के होने की सूचना प्राप्त हो रही थी। इस संबंध में कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के निर्देशानुसार 06 मार्च एवं 7 मार्च को संयुक्त जिला कार्यालय भवन के सभाकक्ष में ऑपरेटरों को सभी ऑनलाइन सेवाओं की तकनीकी जानकारी देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के निर्देशानुसार अत्याधिक आवेदनों के निरस्त एवं वापसी तथा कार्यशाला में अनुपस्थित होने के कारण च्वाईस सेन्टर राजपुर के ऑपरेटर श्री सतनाम, श्री दीपक कुमार सोनी एवं श्री गणेश प्रसाद, काॅमन सर्विस सेन्टर रामानुजगंज के आॅपरेटर दिलकश अंसारी, वाड्रफनगर के इम्तियाज अहमद एवं अफसाना परवीन की आईडी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है।
कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने कहा कि लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से नागरिकों को महत्वपूर्ण आॅनलाईन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। जाति, आय, निवास व जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, नक्शा-खसरा जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज इन्ही केन्द्रों के माध्यम से बनाये जाते हैं। उन्होंने कहा कि कई आॅपरेटर नियमानुसार कार्य नहीं कर रहे थे तथा समय-सीमा में कार्य पूर्ण न करना, आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड न करना, वापसी व निरस्त आवेदनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही थी। निर्धारित समय में वापस भेजे गये आवेदनों को पुनः संशोधन न करना भी इनके कार्य में लापरवाही को दिखाता है। ई-जिला प्रबंधक चिप्स श्री देवेश्वर कश्यप ने बताया कि जिन 06 आॅपरेटरों की आईडी बंद कर दी गई है वे आगे भी अपनी सेवाएं नहीं दे पाएंगे तथा अन्य लोक सेवा केन्द्रों के आॅपरेटरों को भी निर्देशित किया गया है कि कार्य में किसी प्रकार की अनियमितता न बरतें। - कोरिया 18 मार्च : कलेक्टर ने प्राकृतिक आपदा में मृत के वारिस के लिए 8 लाख रूपये की राशि की मंजूरी दी है। उन्होंने विकासखंड मनेन्द्रगढ़ के ग्राम बौरीडांड की सुनीता की आग में जलने से मृत्यु होने पर उनके वारिस छत्रपाल सिंह एवं ग्राम पिपरिया के रामा की कुआं में डूबने से मृत्यु होने पर उनके वारिस शांति बाई के लिए 4-4 लाख रूपये की राशि की मंजूरी दी है। उन्होंने इस राशि की मंजूरी राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत प्राकृतिक आपदा राहत के अंतर्गत दी है।
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सूरजपुर 18 मार्च :राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पशुधन विभाग द्वारा पशुओं मे होने वाले खुरपका मुंहपका रोग (एफएमडी) के विरूद्ध टीकाकरण कार्यक्रम एफएमडी-सीपी पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में 15 फरवरी 2020 से प्रारंभ किया गया है। टीकाकरण कार्यक्रम के माॅनिटरिंग हेतु जिले में कुल दो नोडल अधिकारी, 10 सुपरवाईजर एवं 218 दल का गठन किया गया है तथा इस टीकाकरण अभियान को पूर्ण सफल बनाने हेतु जिले मे प्रषिक्षित पीएआईडब्ल्यू गौसेवक, मैत्री व शिक्षित बेरोजगार युवकों को प्रषिक्षित कर कार्य पर लगाया गया है। इस एफ.एम.डी. टीकाकरण की विषेषता यह है कि रोग से बचाव के साथ-साथ प्रत्येक पशु के कान में टैग लगेगा जो संबधित पशु का पहचान नम्बर रहेगा एवं आईएनएपीएच पोर्टल में पशु मालिक एवं पशुओं का पंजीयन भी होगा।
एफ0एम0डी0 टीका के प्रभाव के मुल्यांकन हेतुटीकाकरण से पूर्व जिले से कुल 65 सीरमसेम्पल को परीक्षण हेतु राज्य से बैगलोर के लैब में भेजा गया है। टीकाकरण प्रोग्राम को सफल बनाने हेतु कार्यक्रम को 03 चरणों में बांटा गया है। प्रथम चरण में एनएआईपी चयनित ग्राम, द्वितीय चरण में गौठान ग्राम एवं तृतीय चरण में जिले के बचे समस्तग्रामों में टीकाकरण किया जा रहा है। अभी तक जिले में कुल 30000 पषुओं का टीकाकरण एवं 8000 पषुओं का इनाफ पोर्टल में पंजीयन हो चुका है।
सूरजपुर जिले के सभी किसान भाईयों से अपील किया जाता है कि अपने पशओं को एफएमडी का टीकाकरण अनिवार्य रूप से करावें एवं पशुओं में टैग लगवाकर आईएनएपीएच पोर्टल में अपना पंजीयन करा कर इस कार्यक्रम को शत प्रतिषत सफल बनावें। खुरहा चपका दुर भगाव टीकाकरण बस एक बचाव।
खुरपका- मुंहपका रोग-
खुरपका मुंहपका रोग जो छ0ग0 में खुरहा-चपका रोग के नाम से जाना जाता है, विभक्त खुर वाले पशुओं जैसे - गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सूवर इत्यादि में होने वाला अत्यन्त संक्रामक रोग है।
कारण:-
यह रोग बहुत ही छोटे नग्न आंखो से न दिखने वाले पिकोरना वायरस/विषाणु से होता है। इस वायरस के 07 सिरोटाइप विषाणु ए,ओ,सी, एसिया 1, एसएटी 1, एसएटी 2 एंड एसएटी 3 पाये जाते है।
संक्रमण फैलने के तरीके:-
एफ0एम0डी0 रोग का संक्रमण विभिन्न तरीको के होता है जिनमें जानवरो का साथ रहना, हवा के द्वारा, दाना एवं चारा के द्वारा प्रमुख है। संक्रमित पशु के लार एवं पैर के घाव रोग को एक पशु के दूसरे पशु एवं एक स्थान से दूसरे स्थान फैलाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
रोग के लक्षण:-
मुंह से झाग के समान लार का गिरना, जीभ, मसूडे तथा मुंह के अन्दर छाले पड़ना। छालो का फुटकर वापस में मिलकर मुंह के अन्दर बड़े घाव का निर्माण करना, खुर में घाव होना एवं घावों में कीडे लगना, प्रभावित पैर से लगडाना एवं पैर को पटकना, दुग्ध का उत्पादन कम हो जाना, बैलो के कार्यक्षमता में कमी होना।
रोग का बचाव:-
रोग होने से पहले रोग का बचाव एक मात्र टीकाकरण के द्वारा ही संभव है। इस हेतु भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत खुरहा चपका - नियंत्रण कार्यक्रम का 11 सितम्बर 2019 को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर मोदी जी द्वारा घोषणा किया गया - सूरजपुर 18 मार्च : उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं सूरजपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार राज्य शासन द्वारा प्रदेष के सहकारी सोसाइटियों की पुनर्गठन योजना 2019 जारी किया गया है। सूरजपुर जिले की सोसाइटियों के पुनर्गठन के संबंध मे दावा आपत्ति आमंत्रित करने हेतु उपरोक्त अधिसूचनाओं की प्रति सोसाइटी कार्यालयों, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, अम्बिकापुर के मुख्यालय एवं उसकी जिले स्थित समस्त शाखाओं तथा कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, सूरजपुर के सूचना पटल पर चस्पा कर किया गया है। सोसाइटियों के पुनर्गठन संबंधी प्रस्ताव पर प्रभावित एवं परिणामी सोसाइटी के सदस्यों, सोसाइटियों एवं बैंक शाखाओं तथा अन्य द्वारा दावा आपत्तिायां उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, सूरजपुर के समक्ष तीन प्रतियों में 03 अप्रैल 2020 तक प्रस्तुत किया जा सकेगा।
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सूरजपुर 18 मार्च : कलेक्टर एवं जिलानिर्वाचन अधिकारी (पंचायत) श्री दीपक सोनी के द्वारा त्रिस्तरीय पंचायतों क उप निर्वाचन 2020 हेतुअर्हता तिथि 01 जनवरी 2020 के आधार पर फोटोयुक्त मतदाता सूची तैयार करने के लिए रजिस्ट्रीकरण अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सूरजपुर को अनुविभाग सूरजपुर व सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तहसीलदार सूरजपुर, नायब तहसीलदार रामानुजनगर, प्रेमनगर को खण्ड अंतर्गत आने वाले समस्तग्रामपंचायते, रजिस्ट्रीकरण अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) भैयाथान को अनुविभाग भैयाथान व सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तहसीलदार भैयाथान, को खण्ड अंतर्गत आने वाले समस्तग्रामपंचायते, रजिस्ट्रीकरण अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) प्रतापपुर को अनुविभाग प्रतापपुर व सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी नायब तहसीलदार प्रतापपुर को खण्ड प्रतापपुर अंतर्गत आने वाले समस्तग्राम पंचायत को एवं अपील प्राधिकारी अधिकारी अपर कलेक्टर श्री एस.एन.मोटवानी को नियुक्त किया गया है। रजिस्ट्रीकरण एवं सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी उप जिलानिर्वाचन अधिकारी (पंचायत) के पर्यवेक्षण तथा मार्गदर्शन में कार्य करेंगे तथा उनके अधिकारिता का क्षेत्र उनके समक्ष अंकित अधिकार क्षेत्र तक सीमित रहेगा।
- सूरजपुर 18 मार्च : मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.एस.सिह से प्राप्त जानकारी अनुसार कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सूरजपुर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिषन के अंतर्गत 14 रिक्त पदों के लिए 21 अक्टुबर 2019 को जारी विज्ञापन के अंतर्गत विभिन्न पदों का कौषल एवं लिखित परीक्षा 23 मार्च से 25 मार्च 2020 तक आयोजित किया गया है।
23 मार्च 2020 को आइडियोलाॅजिस्ट समय सुबह 11 बजे से, टेक असिस्टेन्ट आइडियोमेट्रिक समय 11ः45 से, नर्सिंग आॅफिसर समय दोपहर 12ः30 से, ए0एन0एम. समय दोपहर 1ः15 बजे से, प्रोग्राम एसोसिएट-पीएचएन समय दोपहर 02 बजे से, सोषलवर्कर समय दोपहर 2ः45 बजे से, 24 मार्च 2020 को ओ0टी0 टेक्नीषियन समय सुबह 11 बजे से, टेक असिस्टेन्ट हेयरिंग इम्पेरड चिलडरन समय 11ः45 बजे से, सेनियर नर्सिंग आॅफिसर समय दोपहर 12ः30 बजे से, ब्लाॅक मैनेजर अकाउंटेन्ट समय दोपहर 01ः15 बजे से, ब्लाॅक मैनेजर डाटा समय दोपहर 02 बजे से, डिस्ट्रिक्ट मैनेजर डाटा (आई0डी0एस0पी0) समय दोपहर 2ः45 बजे से, 25 मार्च 2020 सेके्रटिएल असिस्टेन्ट समय सुबह 10 बजे से, जूनियर सेक्रेटिएल असिस्टेन्ट समय सुबह 11ः45 बजे से पद के लिए कौषल एवं लिखित परीक्षा कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सूरजपुर में आयोजित किया गया है। उक्त संबंध में समस्त अभ्यर्थी अपने साथ एक पहचान पत्र (मूल प्रति) एवं वर्तमान के दो रंगीन पासपोर्ट फोटो साथ में लेकर परीक्षा केन्द्र में निर्धारित तिथि को समय सारिणी के 30 मिनट पूर्व उपस्थित होवें। -
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल हिंसा में शहीद जवानों के परिजनों को दी जाने वाली एक्सग्रेशिया राशि को बढ़ाकर 20 लाख रूपए कर दिया है। पहले शहीद जवानों के परिजनों को 3 लाख रूपए एक्सग्रेशिया राशि (अनुग्रह अनुदान) दिया जाता था।
राज्य सरकार के गृह विभाग द्वारा आज इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। राज्य शासन द्वारा पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव पर भारत सरकार की नवीन एसआरई गाईड लाइन के अनुसार नक्सली हिंसा में शहीद जवानों के परिजनों को दी जाने वाली एक्सग्रेशिया राशि में यह वृद्धि की गई है। -
राजनांदगांव : राज्य सरकार ने कोरोना वायरस की महामारी के चलते डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी देवी कि दर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है तथा अब डोंगरगढ़ स्टेशन पर ट्रेनें भी नहीं रूकेंगी बताया जा रहा है कि सरकार ने राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में हर साल लगने वाला मेला को भी स्थगित कर दिया गया है, इस फैसले से श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन कोरोना वायरस से निपटने के लिए यह निर्णय जरूरी है.
- दुर्ग 17 मार्च : माननीय छत्तीसगढ़ न्यायालय बिलासपुर द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के संबंध में दिशा निर्देश जारी किये जाने पर माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश के निर्देशन में न्यायालय परिसर में एन्ट्री पाईन्ट सुनिश्चित किया गया है। कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए न्यायालय में अनिवार्य प्रकरणों की सुनवाई किया जा रहा है, उसके संबंध में इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि न्यायालय परिसर में अनावश्यक भीड़ न बढे कोई भी व्यक्ति बिना न्यायालयीन आवश्यक कार्य के न्यायालय परिसर में प्रवेश न करें, जिससे न्यायालय में अनावश्यक भीड की स्थिति निर्मित हो।
इसके अलावा माननीय श्री गोविन्द कुमार मिश्रा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश /अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग के द्वारा अन्य आवश्यक कदम भी उठाये गये हैं। कर्मचारियों को मास्क का वितरण किया गया है तथा कोर्ट परिसर में आने वाले व्यक्तियों को गेट पर ही हाथ को स्वच्छ कराये जाने की सामग्री से साफ कराया जाकर प्रवेश दिया जावेगा तथा कोरोना वायरस के रोकथाम एवं बचाव के लिए जनमानस के द्वारा अपनाये जाने वाली सुरक्षा के नियमों से अवगत कराये जाने हेतु परिसर में पंडाल लगाया जाकर पैरालीगल वालिन्टियर्स द्वारा जानकारी दी जावेगी तथा फ्लेस के माध्यम से लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जावेगा। -
- कहा सभी अधिकारी-कर्मचारियों का बनाएं वर्कप्लान, इसके मुताबिक देखें किस तरह से हो रही प्रगति
दुर्ग। संभागायुक्त श्री जीआर चुरेंद्र ने आज हिंदी भवन में संभागीय अधिकारियों की बैठक ली। वहां उन्होंने सभी विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की। सबसे पहले संभागायुक्त ने कोरोना वायरस से निपटने की तैयारियों को लेकर समीक्षा की। उन्होंने कहा कि लोगों में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाएं ताकि वे इनसे निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा बताए सुरक्षा नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम के लिए जिस तरह से भी सकारात्मक कोशिश होती है वो करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल-कालेज के संबंध में शासन ने जो आदेश जारी किए हैं उनका सख्ती से पालन हो ताकि इसके संक्रमण की आशंका को पूरी तरह से रोका जा सके।
संभागायुक्त ने कहा कि जलसंरक्षण सबसे अहम आवश्यकता है। इसके लिए तालाबों के संरक्षण और ऐसे ही प्रयासों को लेकर कुछ निर्देश कलेक्टरों को दिये गए हैं। सभी अधिकारी प्रकृति को सहेजने की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि अभी व्यापक पौधरोपण अभियान होना है। इसमें आप शासकीय कार्यालयों में भी पौधे लगाएं। इसके लिए माँगपत्र डीएफओ को दे दें ताकि वे आवश्यक पौधों की व्यवस्था कर सकें। संभागायुक्त ने कहा कि इसके साथ ही आश्रम छात्रावासों और स्कूलों में भी व्यापक रूप से पौधरोपण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी एक पैच तैयार कराएं जहां फलों के पौधे रोपे जा सकें, ये सुंदर जगह प्राकृतिक दृष्टिकोण से भी उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय भूमि जो खाली पड़ी है और जहां पर बाड़ी की संभावनाएं हो सकती हैं वहां स्वसहायता समूह का चयन कर बाड़ी निर्माण कार्य कराएं। इस मौके पर नगर निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी, डिप्टी कमिश्नर श्री बीएल गजपाल, श्री आरके खुंटे, सुश्री मोनिका कौड़ो, रिसाली कमिश्नर श्री प्रकाश सर्वे, दुर्ग कमिश्नर श्री इंद्रजीत बर्मन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यालयों में वर्क प्लान- संभागायुक्त ने कहा कि कार्यालयों में अनुशासन सबसे अहम है। संभाग स्तरीय अधिकारी अपने अधीनस्थ कार्यालयों का नियमित दौरा करें और सुनिश्चित करें कि स्टाफ समय पर आता रहे। साथ ही अधिकारी-कर्मचारियों का वर्कप्लान भी जरूरी है। अगले दिन का शासकीय कार्य का आठ घंटे का प्लान होना चाहिए। साथ ही मासिक और त्रैमासिक प्लान भी होना चाहिए ताकि इसके अनुसार मानिटरिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था कार्य की मानिटरिंग के लिए बहुत अच्छी साबित होती है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी टूर डायरी बनाएं और इसे संभागायुक्त कार्यालय द्वारा तय तिथि तक प्रेषित कर दें। -
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल प्रबंधन के करे उपाय
दुर्ग 17 मार्च : संभागायुक्त श्री जी.आर चुरेन्द्र ने संभाग के सभी कलेक्टरों को जल संकट से बचाव और भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए कारगर उपाय करने के लिए निर्देश जारी किए है। उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी के साथ जल, जंगल, जमीन के दोहन में भी इजाफा हुआ है। इसलिए समय रहते इनको बचाने के बेहतर प्रबंधन की जरूरत है। इसके लिए अभियान चलाकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य को लेकर भारत सरकार द्वारा जल शक्ति अभियान की शुरूआत भी की गई है। ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बारह महीने जल उपलब्ध रहे। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल-वार्मिंग जैसी समस्याओं के कारण अनियमित वर्षा, न्यून वर्षा व असमान वर्षा की स्थिति निर्मित हो रही है। इसलिए जल संकट के समाधान हेतु क्रमबद्ध तरीके से प्रयास करना होगा। जिसमें स्थानीय प्रशासन व जिला प्रशासन के अमलों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
भूमिगत जल बचाने ग्रामवासियों को आना होगा आगे रबी सीजन में कम पानी की जरूरत वाली फसलें लेने की अपील
. श्री चुरेन्द्र ने ग्राम वासियों से अपील करते हुए कहा कि गांव में विभिन्न जल स्त्रोतों में सालभर पानी उपलब्ध रहे, इसके लिए ग्राम वासियों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि धान की फसल में बहुत अधिक पानी की जरूरत होती है। इस दृष्टि से ग्राम सभा की बैठक में निर्णय लिया जाए कि खरीफ मौसम के बाद रबी मौसम एवं गर्मी के मौसम में अब नदी-नालों, तालाबों, जलाशयों, बांध, ट्यूबवेल आदि से धान की फसल के स्थान पर दलहन-तिलहन, मक्का, गन्ना, साग-सब्जी आदि की फसल लें। ताकि भूमिगत पानी बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्र जहाॅ बांध, जलाशयों, तालाब के नीचे धरातल में जल का रिसाव ज्यादा हो, दलदल की स्थिति हो, वही पर धान की फसल लें। इसका क्षेत्रफल ग्रामसभा के द्वारा तय किया जाना चाहिए।
सोलर पम्पों से ले जरूरत के मुताबिक पानी
श्री चुरेन्द्र ने कहा कि सौर सुजला योजना के तहत स्थापित सौलर पंप से किसान आवश्यकता के अनुरूप ही पानी सिंचाई करें। किसी भी स्थिति में पानी अनावश्यक न बहे।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण/नगरीय क्षेत्रों में स्थित तालाब/डबरी, टारबांध, डायवर्सन स्कीम, चेकडेम, स्टाॅपडेम आदि में पानी भरने के लिए आवश्यकता अनुसार उसके कैचमेंट एरिया में नहर नाली का निर्माण आउटलेट व इनलेट के साथ अनिवार्य रूप से नरेगा या अन्य योजना में या अभिशरण से कराया जावे। स्टाॅपडेम में जब नदी-नालों में पानी का बहाव रहता है तब ही अच्छी तरह बांधा जाए। साथ ही नदी-नालों में अस्थाई नाला बंधान एवं बोरी बंधान उपयुक्त समय पर गांव के सभी पारा, मोहल्ला में एक-एक बंधान श्रमदान की व्यवस्था में किया जाए।
जल संरक्षण के लिए रेनवाटर हार्वेस्टिंग जरूरी, कुओं का करें संरक्षण
श्री चुरेन्द्र ने निर्देश दिए कि कुओं के माध्यम से भूमिगत जलस्त्रोत का संरक्षण संभव है इसलिए ग्रामों/शहरों में जो भी पुराने कुॅंआ हैं, उसकी साफ-सफाई, संरक्षण व मरम्मत करवाएं। भी कुंओं को पाटें नहीं। शासकीय परिसर यथा-कार्यालय परिसर, छात्रावास, आश्रम, विद्यालय परिसर या अर्द्धशासकीय निकायों के परिसरों में पर्याप्त स्थान की उपलब्धता के आधार पर वैकल्पिक जल स्त्रोत की व्यवस्था बनाये रखने के लिए परिसरों में डबरी निर्माण, कुॅुआ निर्माण व सोंखता गढ्ढा का निर्माण, रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आदि अनिवार्यतः कराया जाए। साथ ही निजी व्यक्तियों के मकान परिसर, कोठार, बाड़ी-बखरी आदि में सोंखता गढ्ढा शत-प्रतिशत स्थान में परिवार के सदस्यों के श्रम व सहयोग से बनाया जाकर अधिक से अधिक जल धरती के नीचे लेे जाया जावे।
बारिश का पानी बचाने डबरी, तालाब और जलाशय का गहरीकरण
ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में उपलब्ध जल ढांचों यथा डबरी, तालाब, टारबांध, जलाशयों आदि की जल भराव क्षमता बढ़ाने कैचमेंट का पानी इन ढांचों में शत-प्रतिशत भरने की व्यवस्था के साथ इन ढाचों का गहरीकरण, विस्तारीकण (नाली निर्माण) और इनके मेढ़पारों का सुदृढ़ीकरण हेतु विशेष पहल किया जावे। यदि इन जल ढाचों के कैचमेंट एरिया व कमांड क्षेत्रों में व जल भराव क्षेत्रों में कोई अतिक्रमण हो तो उसे अभियान में हटाने विशेष पहल कराने ग्राम सभा में निर्णय लिया जावे। गांवों में कन्टूर आधारित जो पहाड़ी पठारी क्षेत्र या ऊंचा क्षेत्र विद्यमान होता है, वहाॅ प्राकृतिक रूप से विकसित छोटे-छोटे नरवा, नाला को आपस में जोड़कर नहरनाली का निर्माण कर उस नहर नाली को आगे बढ़ाते हुए ऐसे फील्ड में ले जाये, जहाॅ गांव में बड़ा शासकीय भूमि हो, जहाॅ बड़ा तालाब बन सके, वहाॅ इस तरह बड़ा तालाब का निर्माण शत प्रतिशत महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत जिले में हर विकासखंड के यथा संभव हर गांव में कराया जावे। ऐसे कार्य कराने के लिए निश्चित तौर पर अतिक्रमण विरोधी दस्ता हर सेक्टर स्तर पर एसडीएम व तहसीलदार द्वारा गठित कराया जावे।
जल प्रबंधन समिति का गठन कर समुदाय को करें अभियान में शामिल जैविक खेती और हरियाली बढ़ाने करें प्रयास
श्री चुरेन्द्र ने कहा कि जल संरक्षण के लिए समुदाय की सहभागिता जरूरी है इसलिए हर गांव व नगरीय क्षेत्रों, में जल प्रबंधन समिति का गठन अनिवार्य रूप से करें। जिसमें अधिकारी और आम नागरिक शामिल हों। इस समिति के माध्यम से जल संरक्षण के कार्य संपादित करवाएं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए अधिक से अधिक पौध रोपण जरूरी है। इसलिए खाली शासकीय भूमि, नदी-नालों के किनारें अधिक से अधिक पौधें लगवाएं ताकि मिट्टी का कटाव रूके और पेड़ पौधों के जड़ों के माध्यम से पानी का स्तर बढ़े। खेती किसानी में परम्परागत गोबर खाद, जैविक एवं केचुआ खाद के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करें। कीट नाशक के रूप में जैविक उत्पादों के इस्तेमाल से अच्छे परिणाम मिल रहे है। इन उपायों से हम जमीन को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रभाव से बचा सकते है। साथ ही गुणवत्ता युक्त ऑर्गनिक खाद्य सामग्री से अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त कर सकते है। -
दुर्ग 17 मार्च : जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत अब तक 10728 बच्चों में से 4085 इस प्रकार लगभग 39 प्रतिशत बच्चों को कुपोषण से मुक्त कर सामान्य श्रेणी में लाया जा चुका है। इस सफलता में महिला एवं बाल विकास विभाग के पूरे अमले के साथ-साथ समुदाय और पालकों की सहभागिता और सक्रियता का महत्वपूर्ण योगदान है। एक तरफ जहाँ परियोजना अधिकारी,सेक्टर पर्यवेक्षक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा लगातार गृह भेंट कर बच्चों के वजन के नियमित अवलोकन एंव काॅउन्सलिंग की जा रही है। वही दूसरी ओर पालक भी जागरूक होकर अपने बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए विभाग का सहयोग कर रहे है।
केस स्टडी-1
-गंभीर रूप से कुपोषित मोहन ने कुपोषण के दानव को हराकर पाई अच्छी सेहत-लगातार निगरानी और देखभाल से सिर्फ चार महीनें में मिली कुपोषण से मुक्ति
परियोजना भिलाई -01 के सेक्टर-खुर्सीपार जोन 03के आगंनबाड़ी केन्द्र -राधा कृष्ण मंदिर 01 के अंतर्गत बालक मोहन यादव को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत शामिल किया गया। मोहन का जन्म 02.फरवरी 2018 को हुआ। बचपन से ही मोहन यादव गले से कुछ खा नहीं पाता था। उसकी मां कुछ खिलाने से डरती थी, क्योेंकि गले में अटकता था। अपनी इस बीमारी के कारण मोहन लगातार कमजोर होने लगा। जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिता डहारे गृह भेंट पर गई तब इस बच्चें की हालत के बारे में पता चला कि मोहन गंभीर रूप से कुपोषित था। उसने बिना देर किए मोहन को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत सेक्टर खुर्सीपार जोन03 में आयोजित बाल संदर्भ शिविर में ले जाकर स्वास्थ्य जाँच करवाई। जहाँ डाॅक्टर द्वारा बालक मोहन को जरूरी दवाईया,विटामिन सिरप और प्रोटीन पाउडर आदि उपलब्ध कराया गया। बच्चे की माता को समझाईश दी गई कि किस तरह घर में मोहन की देखभाल होनी चाहिए। इसके साथ-साथ मोहन को आंगनबाड़ी में भी प्रतिदिन मूंगफली,गुड,सोया से निर्मित चिक्की, मौसमी फल,दलिया, अण्डा, राजगीर का लड्डू, अंकुरित अनाज इत्यादि पौष्टिक आहार के रूप में दिया जाने लगा जिसके फलस्वरूप बच्चे का वजन लगातार बढ़ने लगा। आज 4 महीने बाद मोहन पूरी तरह से सेहत मंद हो चुका है।
केस स्टडी -2
-मरोदा सेक्टर के अनन्या को मिला मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का लाभ
कुछ ऐसी ही कहानी परियोजना भिलाई-01 के सेक्टर-मरोदा आंगनबाड़ी केन्द्र -बजरंगपारा की बालिका अनन्या नायक की है। मध्यम रूप से कुपोषित अनन्या को कार्यकर्ता सुनीता धीवर द्वारा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत पंजीकृत किया गया। बालिका अनन्या को आंगनबाड़ी में प्रतिदिन मूंगफली,गुड,सोया से निर्मित चिक्की, मौसमी फल,दलिया, अण्डा, राजगीर का लड्डू, अंकुरित अनाज इत्यादि पौष्टिक आहार के रूप में दिया जाने लगा जिसके फलस्वरूप बच्चे का वजन लगातार बढ़ने लगा।इसके अलावा सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती शिल्पा श्रीवास्तव एंव आंगनबाड़ी कार्याकर्ता द्वारा नियमित गृह भेंट कर अनन्या के माता पिता को उसके पोषण स्तर में सुधार लाने एंव स्वास्थ्य,स्वच्छ जीवन शैली अपनाने प्रोत्साहित किया। साथ ही उसके वजन पर भी लगातार निगरानी रखी गई।जिसका नतीजा यह निकला कि आज बालिका अनन्या अब सामान्य की श्रेणी में आ चुकी है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन ने बताया कि कलेक्टर श्री अंकित आनंद द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश एंव मार्गदर्शन और जिला खनिज न्यास निधि से प्राप्त राशि का उपयोग कर जिले के कुपोषित बच्चों एंव एनीमिक महिलाओं को अतिरिक्त पौष्टिक आहार प्रदाय एंव स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है,जिससे जिले को कुपोषण एंव एनीमिया मुक्त किया जा सके।