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- राजनांदगांव सीमा में 40 बसें, 5 बसें जिला के बार्डर पर और रेलवे से पहुंचने वाले श्रमिकों को गांव के क्वारंटीन सेंटर तक पहुंचाने भी बसें- भोजन-पानी एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं का रखा जा रहा पूरा ध्यान
दुर्ग 18 मई : दुर्ग सीमा पर पहुंचने वाले श्रमिकों को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसका पूरा ध्यान प्रशासन द्वारा रखा जा रहा है। यहां से राजनांदगांव बार्डर में श्रमिकों को उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए 40 बसें निरंतर आपरेट कर रही हैं। इसके अलावा जो लोग जिले की सरहद से प्रवेश कर रहे हैं उन्हें संबंधित गांवों के क्वारंटीन केंद्रों तक पहुंचाने के लिए चेकपोस्ट में पांच बसें उपलब्ध कराई गई हैं। ट्रेनों के माध्यम से पहुंचने वाले लोगों को क्वारंटीन केंद्रों तक पहुंचाने के लिए भी पृथक से बसों की व्यवस्था की गई है। सभी चेकपोस्ट में स्वास्थ्य परीक्षण करने के लिए स्वास्थ्य अमला मौजूद है। ट्रेनों के माध्यम से आने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य जांच स्टेशन में ही कराया जा रहा है। इसके पश्चात उन्हें भोजन पैकेट उपलब्ध कराये जा रहे हैं। बाहर से आने वाले श्रमिकों एवं ग्रामीणों के लिए क्वारंटीन सेंटर बनाये गए हैं जिनमें अभी तक 2125 ग्रामीण क्वारंटीन किये गए हैं। इनके भोजन-पानी की एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं स्थानीय अमले द्वारा उपलब्ध कराई गई है।
यहां हेल्थ टीम भी मौजूद रहती है जो लगातार क्वारंटीन में रह रहे लोगों के स्वास्थ्य की मानिटरिंग करती है। कलेक्टर श्री अंकित आनंद एवं जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने तीनों ब्लाकों के क्वारंटीन केंद्रों की स्थिति जानी। उन्होंने चेकपोस्ट पर भी स्थिति जानी। यहां धमधा नाका के पास बेमेतरा के अधिकतर प्रवासी श्रमिक थे। हर आधे घंटे में बसों का फेरा लगाकर लगभग तीन हजार लोगों को उनके जिले तक छोड़ा गया। इसके अलावा अन्य पड़ोसी जिलों में भी श्रमिकों को छोड़ने के लिए वाहनों की व्यवस्था की गई।
ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये गए 285 और ब्लाक स्तर पर बनाये गए 5 क्वारंटीन केंद्र- ग्रामीण क्षेत्रों में 285 क्वारंटीन केंद्र बनाये गए हैं। इनमें पाटन ब्लाक में 112, धमधा ब्लाक में 119 और दुर्ग ब्लाक में 54 क्वारंटीन केंद्र बनाये गए हैं। ब्लाक स्तर पर पाटन में एक, धमधा में तीन और दुर्ग में 1 क्वारंटीन सेंटर बनाये गए हैं। इनमें 2125 ग्रामीणों को क्वारंटीन किया गया है। क्वारंटीन सेंटर की नियमित मानिटरिंग की जा रही है। हर दस गांव के पीछे एक क्लस्टर बनाया गया है। क्लस्टर स्तर का नोडल अधिकारी क्वारंटीन सेंटर के संबंध में नियमित रिपोर्ट एसडीएम को सौंपते हैं।
ट्रेन से अब तक आए 577 श्रमिक- श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से 577 श्रमिक लौटे हैं। इनमें दिल्ली, लखनऊ एवं सिकंदराबाद से लौटे श्रमिक शामिल हैं। इन श्रमिकों का मौके पर ही स्वास्थ्य जांच किया जा रहा है। लंच पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके पश्चात इन्हें क्वारंटीन सेंटर में भेजा जा रहा है। इसके लिए ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई है।
नागरिक भागीदारी भी- बाहर से लौटकर आ रहे लोगों के लिए श्रमिक सहायता केंद्र बनाये गए हैं। यहां पर अधिकारी श्रमिकों को जलपान कराने के साथ ही अन्य तरह की दिक्कतों की भी जानकारी लेते हैं। जिनके पास अपने घर पहुंचने किसी तरह का साधन नहीं होता। उनके लिए साधन भी यह लोग उपलब्ध कराते हैं। सेवाभावी संगठन भी पूरी शिद्दत से लोगों की मदद में जुटे हैं। अंजोरा बार्डर पर आने वाले श्रमिकों के जलपान की व्यवस्था की जा रही है। -
कोरबा 18 मई : कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत बीस मई बुधवार को प्रातः 11 बजे वीडियो कांफे्रंसिंग के जरिए जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करेंगी। इस वीडियो कांफे्रंसिंग में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल सहित सभी विभागीय अधिकारी एवं मैदानी अमला भी कलेक्टोरेट तथा ब्लाक मुख्यालयों से जुड़ेगा। सांसद श्रीमती महंत वीडियो कांफे्रंसिंग से जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई जा रही सड़कों की कार्य प्रगति की भी समीक्षा करेंगी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को इस वीडियो कांफें्रसिंग में जानकारी सहित उपस्थित होने के निर्देश जारी किए गए हैं। - कोरबा सांसद से मिलीं कलेक्टर श्रीमती कौशल, कोरोना संक्रमण की रोकथाम और सड़कों पर हुई चर्चाकटघोरा में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण पर कलेक्टर को मिली प्रशंसा, आगे भी सघन निगरानी करने को कहा
कोरबा 18 मई : सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत कोरबा जिले की सड़कों और कोरोना संक्रमण के नियंत्रण को लेकर बेहद संजीदा हैं। लाॅक डाउन के बावजूद भी श्रीमती महंत ने आज कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल को अपने निवास पर बुलाकर जिले में सड़कों और कोरोना की रोकथाम के लिए किये जा रहे कामों की जानकारी ली। श्रीमती महंत ने कोरबा-चांपा, छुरीकला, कटघोरा-पाली की खराब सड़कों की मरम्मत और नई सड़कें बनाने के काम की अद्यतन स्थिति की जानकारी भी कलेक्टर से ली। सांसद ने जिले में चल रहे सड़क मरम्मत और निर्माण के कामों में पूरी गुणवत्ता रखने और तय समय सीमा में काम पूरा करने के निर्देश ठेकेदारों को देने के लिए कहा।
श्रीमती महंत ने इन कामों की लगातार निगरानी रखने और काम की गति किसी भी कारण से धीमी नहीं पड़ने देने की बात भी चर्चा के दौरान कही। सांसद श्रीमती महंत ने कटघोरा में फैले कोरोना संक्रमण को तेजी से नियंत्रित करने पर कलेक्टर श्रीमती कौशल और उनकी टीम में शामिल जिले के सभी अधिकारियों की प्रशंसा की तथा उन्हें बधाई दी। श्रीमती महंत ने आगे भी कोरोना संक्रमण को लेकर जिले में सघन निगरानी रखने की सलाह कलेक्टर को दी। उन्होंने बाहर के प्रान्तों से कोरबा आने वाले सभी प्रवासी श्रमिकों के लिए क्वारेंटाइन सेंटरों में अच्छी से अच्छी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने को भी कहा। श्रीमती महंत क्वारेंटाइन सेंटरों में बाहर से आने वाले बीमार श्रमिकों और गर्भवती महिलाओं को मेडिकल जांच के बाद सभी जरूरी ईलाज तथा सुविधाएं भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
चर्चा के दौरान कलेक्टर श्रीमती कौशल ने सांसद श्रीमती महंत को बताया कि जिले की खराब हो चुकी सड़कों की मरम्मत और नई सड़क बनाने के काम शुरू हो गये हैं। पाली से कटघोरा सड़क के बनाने का काम एक सप्ताह पहले शुरू हो गया है। इस सड़क पर बिलासपुर की ओर मुनगाडीह में गाजर नाला पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है। श्रीमती महंत ने बिलासपुर-पाली-कटघोरा सड़क बनाकर लोगों को आने-जाने की बेहतर सुविधा देने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता से कराने को कहा। उन्होंने मुनगाडीह पुल को यथासंभव बरसात के पहले पूरा बना लेने के लिए काम तेज करने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने सांसद श्रीमती महंत को बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग लोक निर्माण के अधीन आने वाली कोरबा-कटघोरा सड़क के छुरी खंड में ढाई किलोमीटर के अत्याधिक क्षतिग्रस्त पेंच की मरम्मत के लिए भी साढ़े सात करोंड़ रूपये की स्वीकृति राज्य शासन ने दे दी है। इस काम के लिए निविदा भी बुला ली गई है। आगामी एक हफ्ते में काम करने वाली एजेंसी तय कर ली जायेगी।
सांसद श्रीमती महंत ने कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए कोरबा तथा कटघोरा सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में किये जा रहे प्रयासों की जानकारी भी कलेक्टर से ली। श्रीमती महंत ने दूसरे राज्यों से लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए जिले में की गई व्यवस्थाओं के बारे में भी पूछा। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने बताया कि कोरबा जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य शासन के दिशा निर्देश अनुसार जरूरी सभी इंतजाम कर लिये गये हैं। लगातार जांच के लिए लोगों के सेम्पल लेकर एम्स रायपुर भेजे जा रहे हैं। श्रीमती कौशल ने बताया कि अभी तक जिले से पांच हजार से अधिक लोगों के सेम्पल भेजे जा चुके हैं। केवल 28 लोगों की जांच रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई थी। इन सभी लोगों का ईलाज एम्स रायपुर में पूरा हो चुका है और सभी क्वारेंटाइन अवधि पूरी कर स्वस्थ्य होकर अपने-अपने घर लौट गये हैं।
कलेक्टर ने यह भी बताया कि जिले में प्रवासी श्रमिकों के लिए 113 क्वारेंटाइन सेंटर बनाये गये हैं। क्वारेंटाइन सेंटरों में लोगों को ठहरने, भोजन, पानी, शौचालय, स्नानागार आदि सभी व्यवस्थाएं की गई है। प्रवासी श्रमिकों के सेम्पल लेकर लगातार जांच के लिए भेजा भी जा रहा है। कलेक्टर ने बताया कि अभी तक जिले में लगभग एक हजार चार सौ प्रवासी श्रमिकों और बाहर से लौटे लोगों को क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा गया है। बाहर से आने वाले लोगों को सहूलियत के अनुसार क्वारेंटाइन के लिए कोरबा शहर में पेड क्वारेंटाइन की भी व्यवस्था की गई है। सांसद श्रीमती महंत ने बाहर से लोैटने वाले लोगों और प्रवासी श्रमिकों को यथा संभव बेहतर से बेहतर सुविधाएं क्वारेंटाइन सेंटरों में उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने बाहर से लौटने वाले लोगों सेे 14 दिन क्वारेंटाइन सेंटरों में रहकर कोरोना संक्रमण रोकने के लिए शासन-प्रशासन के दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन करने की अपील भी की। -
महासमुंद 18 मई : सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सेवा काल के दौरान शासकीय सेवक की मृत्यु होने पर अनुकम्पा नियुक्ति देने का प्रावधान हैं। इस प्रावधान के तहत् कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने जिला मुख्यालय महासमुंद वार्ड क्रमांक 28 मौहारी भाठा निवासी श्री सूरज शर्मा को तहसील कार्यालय पिथौरा में भृत्य के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान की गई हैं। उल्लेखनीय है कि श्री सूरज शर्मा के पिता राजस्व विभाग के अंतर्गत जिला कार्यालय महासमुंद में सहायक वर्ग-03 के पद पर स्वर्गीय श्री आदित्य शर्मा पदस्थ थे, जिनकी मृत्यु 21 नवम्बर 2019 को हो गई थी। -
सभी तहसीलों को एक-एक लाख रूपए स्वीकृत
महासमुंद 18 मई : छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मांग संख्या-02, वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए सड़क दुर्घटना में मृतकों के परिवारजनों तथा घायलों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता मद के अंतर्गत महासमुंद जिले को 05 लाख रूपए अग्रिम आबंटन प्रदान की गई है। इस पर कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने जिले के सभी तहसीलों को एक-एक लाख रूपए पुर्नआबंटित किया हैं। -
महासमुंद 18 मई : जिला खाद्य अधिकारी श्री अजय यादव ने बताया कि खाद्य और मंडी विभाग के संयुक्त टीम द्वारा 13 मई 2020 को बसना विकासखंड के अंतर्गत में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल दुधीपाली की जाँच की गई। में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल के प्रोपराईटर, संचालक श्री आशीष अग्रवाल पिता श्री नेमीचंद अग्रवाल के द्वारा अपने धान उठाव के विरुद्ध 20276.20 क्विंटल चावल जमा किया गया है, जबकि धान उठाव के विरुद्ध 3591.26 क्विंटल चावल जमा किया जाना शेष है। खाद्य अधिकारी ने बताया कि राईस मिल के संचालक श्री आशीष अग्रवाल की उपस्थिति में राईस मिल का भौतिक सत्यापन किया गया। भौतिक सत्यापन के पूर्व श्री आशीष अग्रवाल से मिल में उपलब्ध स्टॉक का घोषणा पत्र लिया गया। घोषणा पत्र में श्री अग्रवाल के द्वारा बताया गया कि मिल में धान का स्टॉक 1499.20 क्विंटल, चावल 2667.90 क्विंटल तथा कनकी 200 क्विंटल तथा स्वयं की मंडी खरीदी का धान 15.07 क्विंटल होना बताया गया। भौतिक सत्यापन में धान 1500.00 क्विंटल, चावल 2769.00 क्विंटल तथा कनकी 200 क्विंटल तथा स्वयं की मंडी खरीदी का धान 15.20 क्विंटल पाया गया। इस प्रकार भौतिक सत्यापन और घोषणा पत्र में धान और कनकी में अंतर नहीं पाया गया किन्तु चावल 101 क्विंटल अधिक पाया गया।
राईस मिल के द्वारा धान उठाव हेतु अंतिम डी.ओ. जारी 23 मार्च 2020 को किया गया। उक्त अवधि के बाद संचालक में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल के द्वारा धान के उठाव हेतु डी.ओ. जारी नहीं किया गया है तथा उक्त राईस मिल के संचालक के द्वारा उठाव किये गए धान के विरुद्ध में शेष चावल भी 18 मार्च 2020 के बाद जमा नहीं किया गया है। राईस मिल के द्वारा उठाव किये गए धान के विरुद्ध में शेष चावल को पिछले दो माह से जमा नही किया गया और न ही अनुबंध मे शेष धान के उठाव हेतु डी.ओ. जारी करवाया गया है। कस्टम मिलिंग कार्य में में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल के द्वारा रूचि नही लिया जा रहा है। राईस मिल के द्वारा कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 के प्रावधानों के अंतर्गत स्टॉक पंजी का संधारण नहीं किया गया है तथा प्रतिमाह प्रस्तुत की जाने वाली मासिक विवरणी भी प्रस्तुत नहीं किया गया है।
राईस मिल के द्वारा कस्टम मिलिंग कार्यो में रूचि नहीं लिया जा रहा है तथा भौतिक सत्यापन और घोषणा पत्र अनुसार चावल का स्टॉक 101 क्विंटल अधिक पाया गया। अधिक पाए गए 101 क्विंटल चावल को में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल के संचालक श्री आशीष अग्रवाल से जप्त किया गया तथा जप्तशुदा चावल को संचालक श्री आशीष अग्रवाल की सुपुर्दगी मीडिया में किया गया। में. चंडिका एग्रो इंडस्ट्रीज राईस मिल का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 की कंडिका 4(5) , 5(1) और 6 का उल्लंघन किया गया है जो की आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अंतर्गत दंडनीय है। इस कारण मिलर्स के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
इसी तरह सरायपाली के राईस मिल हिंदुस्तान एग्रोटेक और समलेश्वरी इंडस्ट्रीज का जांच संयुक्त विभागीय टीम के द्वारा किया गया। जांच में हिंदुस्तान एग्रोटेक राईस मिल से चावल उसना 673.50 क्विंटल, चावल अरवा 202 क्विं., धान 7197.20 क्विं., कनकी 1292.50 क्विं. जब्त किया गया है। इसी तरह समलेश्वरी राईस मिल में चावल उसना 1389.25 क्विं., धान 707 क्विं. एवं कनकी 969.50 क्विं. जप्त किया गया है। दोनों राईस मिल के संचालक भागीदार श्री दयानंद अग्रवाल और श्री शंकर लाल अग्रवाल सराईपाली के द्वारा धान के उठाव और चावल जमा नहीं किए जाने के कारण और शासन के कस्टम मिलिंग कार्य के स्थान पर चावल फ्री सेल का कार्य किया जा रहा है। मिलर के प्रबन्धक के द्वारा जांच समय स्टॉक पंजी प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण तथा कस्टम मिलिंग कार्य में लापरवाही बरतने के कारण भौतिक सत्यापन में प्राप्त समस्त धान ,चावल और कनकी को जप्त कर लिया गया है। - महासमुंद 18 मई : कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा कोविड-19 के अंतर्गत नवीन स्वीकृत पदों पर अस्थाई भर्ती के लिए लैब टेक्निशियन के रिक्त अस्थायी पदों पर विज्ञापन जारी किया गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि आवेदन प्राप्ति की अंतिम तिथि 26 मई 2020 तक निर्धारित है। आवेदक आवेदन सीधे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में जमा कर सकते है तथा ई-मेल आईडी [email protected] में आवेदन एवं समस्त दस्तावेजों को स्कैन करके प्रेषित किया जा सकता है। संविदा भर्ती विज्ञापन की विस्तृत जानकारी कार्यालय के सूचना पटल एवं जिले के वेबसाइट www.mahasamund.gov.in में अवलोकन किया जा सकता है।
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क्वारेंटाईन अवधि मंे रह रहे प्रवासी मजदूरों को स्वास्थ्य नियमों का पालन करने के लिए शपथ पत्र भराया गया घर जाने पर उन्हें स्वास्थ्य मानकों का पालन करने की हिदायत दी गईपिथौरा अनुविभाग में अभी तक कोई भी नोवेल कोरोना वायरस के पाॅजिटिव प्रकरण नहीं
महासमुंद 18 मई : कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण एवं बचाव के रोकथाम के लिए बाहर से आए नागरिक, प्रवासी श्रमिकों सहित अन्य लोगों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाने के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन ने सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को निर्देश दिए हैं। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पिथौरा श्री बी.एस. मरकाम ने बताया कि पिथौरा विकासखंड में 126 ग्राम पंचायतें है। इन ग्राम पंचायतों के अंतर्गत कुल 486 क्वारेंटाईन सेंटर बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान स्थिति में 110 क्वारेंटाईन संेटर में 02 हजार 228 प्रवासी मजदूर आ चुके हैं। जिनमें से 02 हजार 94 प्रवासी मजदूर क्वारेंटाईन अवधि में संेटर में रूके हुए हैं तथा 134 प्रवासी मजदूर क्वारेंटाईन अवधि पूर्ण करने पर तथा उनका अंतिम स्वास्थ्य परीक्षण होने के उपरांत अपने-अपने घरों में जा चुके है। क्वारेंटाईन अवधि मंे रह रहे प्रवासी मजदूरों को स्वास्थ्य नियमों का पालन करने के लिए शपथ पत्र भराया गया हैं तथा घर जाने पर भी उन्हें स्वास्थ्य मानकों का पालन करने की हिदायत दी जा रही हैं। पिथौरा अनुविभाग में अभी तक कोई भी नोवेल कोरोना वायरस के पाॅजिटिव प्रकरण नहीं पाया गया हैं।
सभी नागरिकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करने की भी हिदायत दी जा रही है। इसके अलावा सभी लोगों को माॅस्क लगाना अनिवार्य किया गया हैंै। बिना माॅस्क वालों पर चालानी कार्रवाई भी की जा रही हैं। क्वारेंटाईन संेटरों के निरीक्षण के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई हैं। जो लगातार क्वारेंटाईन संेटर का निरीक्षण करते हुए प्रवासी श्रमिकों को आवश्यक जानकारी भी दी जाती हैं। अभी तक किसी भी प्रवासी मजदूरों का स्वास्थ्य गंभीर किस्म का नहीं पाया गया हैं। पिथौरा अनुविभाग के अंतर्गत 04 स्टेट बाॅर्डर बनाए गए हैं, इनमें लारीपुर, ढोढरकसा, नदी चरौदा एवं लिलेसर शामिल हैं। यहां पुलिस बल के अलावा राजपत्रित अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो प्रवासी मजदूरों की जाॅच एवं प्रविष्टि कराते हैं। -
श्रमिकों को काम के दौरान पंचसूत्र नियमों के पालन करने की दी जा रही है समझाईशमनरेगा योजना ग्रामीणों के लिए जीवन-दायिनी (लाईफ-लाइन) साबितजिले में 20 हजार 816 अतिरिक्त लाभार्थी इस योजना का लाभ प्राप्त कर रहे है
महासमुंद 18 मई : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण के लिए चल रहे लॉकडाउन के दौरान लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे है। ऐसी विषम परिस्थिति में गरीब ग्रामीण मजदूर रोजगार और आजीविका को लेकर चिंतित थे, इसे ध्यान में रखकर महासमुन्द जिला में मांग के आधार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना मनरेगा से शत्-प्रतिशत रोजगार दिया जा रहा है। जिससे मनरेगा ग्रामीणों के लिए जीवन दायिनी (लाईफ-लाइन) साबित हो रही है। शासन के निर्देशानुसार जिले के सभी गांव में मनरेगा के द्वारा हितग्राहीमूलक काम प्रारम्भ कराए जा रहे है तथा जॉबकार्ड धारियों को प्राथमिकता अनुरूप गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देश पर जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन में जिन्हें जॉब कार्ड की आवश्यकता हैं, उन्हें नियमानुसार जल्द से जल्द जॉब कार्ड जारी किए जा रहे हैं, जिसके कारण लोगांे को नया जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि बाहर से आए प्रवासी मजदूर और वे जो किसी करणवश महात्मा गांधी नरेगा में काम नहीं कर पा रहे थे, भी शासन के इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ उठा पाएं। जाॅब कार्ड प्राप्त करने के लिए ग्रामीणों को उस गांव का निवासी होना जरूरी है। इसके उपरांत ग्राम पंचायत से प्रस्ताव कर 15 दिन के भीतर उन्हें नया जॉब कार्ड बना कर महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत रोजगार उपलब्ध कराया जाता हैं। अब तक जिले में 03 हजार 964 नए जॉब कार्ड जारी किया जा चुका है, जिसमें विकासखण्ड बागबाहरा के अंतर्गत 01 हजार 16 नए जॉब कार्ड, बसना में 667, महासमुन्द में 01 हजार 105, पिथौरा में 245 तथा विकासखंड सराईपाली में 931 लोगांे का नया जॉब कार्ड बनाकर जारी किया जा चूका है। इससे जिले में कुल 20 हजार 816 अतिरिक्त लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा रहे है।
महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत जिले में चल रहे सभी कार्यो में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए चरणबद्ध तरीके से कार्य कराए जा रहे है। जिला कार्यालय से भी अधीनस्थ अधिकारी प्रतिदिन पंचायतों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक से सम्पर्क कर महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों का लगातार निगरानी कर रहे है और साथ ही श्रमिकों को काम के दौरान पंचसूत्र नियमों के पालन करने की समझाईश दी जा रही है। अधिकारियों द्वारा ग्रामीणांे को बताया जा रहा है कि घर से बाहार निकलते समय और काम के दौरान मंुह एवं नाक को साफ कपड़े एवं गमछे से ढंक कर रखंे। कार्यस्थल पर कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए। साबुन से बार -बार हाथ धोएं। पौष्टिक आहार, हल्दी, अदरक, तुलसी का काढ़ा पीएं। इसके अलावा सर्दी बुखार, सुखी खांसी होने, साँस लेने में परेशानी होने पर तत्काल स्वास्थ केंद्र में जाँच कराएं। - महासमुंद 18 मई : छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय आदिम जाति कल्याण आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति द्वारा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय संचालित किये जा रहे है। उक्त संस्थाओं में शैक्षणिक सत्र 2020-21 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को कक्षा 6वीं में प्रवेश हेतु चयन परीक्षा का आयोजन कर प्रवीण्यता के आधार पर 60 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए चयन परीक्षा का आयोजन 31 मई 2020 को निर्धारित किया गया था।
आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त श्री एन.आर. देवांगन ने बताया कि नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए लाॅकडाउन में वृद्धि के फलस्वरूप एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में वर्ष 2020- 21 में कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा की तिथियों में संशोधन किया गया हैं। संशोधित तिथि के अनुसार प्रवेश परीक्षा 31 मई 2020 के स्थान पर अब गुरूवार 11 जून 2020 को सुबह 10ः30 बजे से दोपहर 12ः30 बजे के बीच आयोजित की जाएगी। शेष शर्तें यथावत् रहेगी। -
महासमुंद जिले के लिए 17 अगस्त 2020 या आगामी आदेश तक धारा 144 प्रभावशील रहेगाआदेश का उल्लंघन करने पर की जाएगी सख्त कार्रवाई
महासमुंद 18 मई : कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के लिए पूर्व में जारी कार्यालयीन आदेश द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत धारा 144(1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रतिबंधात्मक आदेश पारित कर संपूर्ण महासमुंद जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत धारा 144 लागू की गई थी, जिसे वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए 17 अगस्त 2020 या आगामी आदेश तक बढ़ाई गई है।कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सुनील कुमार जैन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से यह तथ्य परिलक्षित है कि कोरोना वायरस के सम्पर्क से पीड़ित संदेही से दूर रहने की सख्त हिदायत हैं। इससे बचने के सभी संभावित उपाय अमल में लाया जाए। कोरोना वायरस संक्रामक बीमारी पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका हैं। अभी भी संक्रमण की स्थिति कई स्थानों पर संभावित हैं। अतः संक्रमण से बचाव के लिए जिला महासमुंद में स्वास्थ्यगत् आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत महासमुंद जिले में पूर्व से लागू धारा 144 की समय-सीमा में वृद्धि करना उचित है।यहां यह भी तथ्य ध्यान में रखने योग्य है कि इस आपात स्थिति में व्यावहारिक तौर पर संभव नहीं है कि महासमुंद जिले में निवासरत सभी नागरिकों को नोटिस तामिली करवाई जा सके। अतः एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री जैन द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु कार्यालयीन आदेश द्वारा संपूर्ण महासमुंद जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत लागू की गई धारा 144 की समय-सीमा में वृद्धि करते हुए 17 अगस्त 2020 रात्रि 12ः00 बजे तक की गई है। यह आदेश जिले की संपूर्ण सीमाक्षेत्र के लिए 17 अगस्त 2020 या आगामी आदेश जो भी पहले आये, तक प्रभावशील होगा। आदेश का उल्लंघन किये जाने पर विधि के अंतर्गत सख्त कार्यवाही की जायेगी। -
उल्लंघन करने वालों पर की जाएगी सख्त कार्रवाही
जशपुरनगर 18 मई : कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने नोवेल कोराना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के बचाव सुरक्षा के लिए संपूर्ण जशपुर जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत प्रभावशील धारा 144 को लाॅकडाउन की अवधि 17 मई 2020 के पश्चात आने वाले प्रत्येक शुक्रवार रात्रि 11 बजे से सोमवार सुबह 06 बजे तक बढ़ाया जाये। मई 2020 में प्रत्येक शुक्रवार रात्रि 11 बजे से सोमवार सुबह 06 बजे तक निम्न गतिविधियां प्रतिबंधित किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रामक बीमारी पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका है। अभी भी संक्रमण की स्थिति कई स्थानों पर संभावित है। अतः संक्रमण से बचाव हेतु जिला जशपुर में स्वास्थ्यगत आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए यह उचित प्रतीत होता है कि जशपुर जिले में वर्तमान स्थिति को देखते हुए लाॅकडाउन के दौरान भारत सरकार एवं राज्य शासन द्वारा दी गई छूट को प्रतिबंधित करते हुए सप्ताह में कम से कम 02 दिन पूर्णतया लाॅकडाउन किया जाये।
जिले में समस्त सार्वजनिक परिवहन सेवायें, जिसमें निजी बसें, टैक्सी, आॅटो रिक्शा, बसें, ई-रिक्शा इत्यादि शामिल है के परिचालन को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाता है। केवल ईमरजेंसी एवं मेडिकल सेवा वाले व्यक्तियों को वाहन द्वारा आवागमन की अनुमति रहेगी। ऐसे निजी वाहन जो इस आदेश के अंतर्गत आवश्यक वस्तु सेवाओं के उत्पादन एवं परिवहन का कार्य कर रहे है उन्हें भी अपवादित आवश्यकताओं को देखते हुए परिवहन की छूट रहेगी। आवश्यक सेवायें प्रदान करने वाले निम्न कार्यालय एवं प्रतिष्ठान को छोड़कर सभी दुकानें, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, कार्यालय, साप्ताहिक हाट-बाजार, आदि अपनी सम्पूर्ण गतिविधियांें को बंद रखे्रगें। प्रतिबंध में बाहर रखे गए प्रतिष्ठानों एवं सेवाओं की सूची निम्नानुसार हैः-जिले में रात्रि निषेधाज्ञा आवश्यक गतिविधियों के अतिरिक्त शाम 7 बजे से प्रातः 7 बजे तक समस्त व्यक्तिगत गतिविधियां प्रतिबंधित रहेगी। कानून व्यवस्था एवं स्वास्थ्य सेवा से संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मचारी।
स्वास्थ्य सेवाएं जिसके अंतगर्त सभी अस्पताल, मेडिकल काॅलेज, लाॅयसेंस प्राप्त पंजीकृत क्लीनिक भी शामिल है इन्हें लाॅकडाउन में छूट दी गई है। दवा दुकान, चश्में की दुकान एवं दवा उत्पादन की इकाई एवं संबंधित परिवहन। खाद्य आपूर्ति से संबंधित परिवहन सेवायें। खाद्य पदार्थ, दूध, ब्रेड, फल एवं सब्जी, चिकन, मटन, मछली एवं अण्डा के विक्रय अथवा वितरण, भण्डारण या परिवहन की गतिविधियां जारी रहेंगी। दुग्ध संयंत्र अथवा मिल्क प्लांट जारी रहेगा। घर पर जाकर दूध बांटने वाले दूध विक्रेता एवं पेपर हाॅकर प्रातः 6ः30 बजे से 9ः30 बजे तक लाॅकडाउन से मुक्त रहेगें। मास्क सेनेटाईजर, दवाईयां, ए.टी.एम. वाहन, एल.पी.जी गैस सिलेण्डर का वाहन एवं अन्य आवश्यक वस्तुएं अथवा सेवाएं जो इस आदेश में उल्लेखित हो को परिवहन करने वाले वाहन। बिजली, पेयजलापूर्ति, एवं नगरपालिका सेवाएं जेल एवं अग्निशमन सेवाओं को लाॅकडाउन में छूट दी गई है।
ए.टी.एम. टेलीकाॅम, इंटरनेट सेवाएं या आईटी आधारित सेवाएं, मोबाईल रिचार्ज एवं सर्विसेस दुकाने। पेट्रोल एवं डीजल पंप एवं एलपीजी, सीएनजी गैस के परिवहन एवं भण्डारण की गतिविधियां। खाद्य, दवा एवं चिकित्सा उपकरण सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की ई-कामर्स आपूर्ति। टेक अवे अथवा होम डिलीवरी रेस्टोरेंट, पूर्व से विभिन्न होटलों मेें रूके हुए अतिथियों के लिए डायनिंग सेवाएं। सुरक्षा कार्य में लगी एजेंसियां एवं निजी एजेंसिया। प्रिंट एवं इल्केट्रानिक मीडिया। मनरेगा अथवा धान परिवहन के कार्य। राज्य सरकार द्वारा विशेष आदेश से निर्धारित कोई सेवा प्रत्येक शुक्रवार रात्रि 11 बजे से सोमवार सुबह 06 बजे तक समयावधि को छोड़कर शेष दिवसों में छूट आदेश मेे भी यथावत रहेगी। यह आदेश जशपुर जिले की संपूर्ण सीमा क्षेत्र के लिए 01 जून 2020 या आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगी। उक्त आदेश का उल्लंघन करने पर कार्यवाही भी की जाएगी। -
कृषकों द्वारा अब तक 1871.4 मेट्रिक टन रासायनिक खाद का उठाव
बलरामपुर 18 मई : कृषकों के लिए खरीफ वर्ष 2020 में 7648.9 मेट्रिक टन खाद का भण्डारण जिले के 28 समिति केन्द्रों में किया गया है। कृषकों के लिए आगामी खरीफ मौसम में खेतों में उपयोग करने हेतु रासायनिक खाद यूरिया 3868.1 मेट्रिक टन, डीएपी 1568.5 मेट्रिक टन, एस.एस.पी. 168.3 मेट्रिक टन, एम.ओ.पी. 17 मेट्रिक टन, इफ्को 2027 मेट्रिक टन का भण्डारण कर लिया गया है। जिले में अब तक कृषकों द्वारा 1871.4 मेट्रिक टन रासायनिक खाद का उठाव किया जा चुका है।
विकासखण्ड बलरामपुर के सहकारी समिति बलरामपुर में 283.3 मेट्रिक टन यूरिया, डीएपी 25 मेट्रिक टन, एसएसपी 8.2 मेट्रिक टन, इफ्को 30 मेट्रिक टन, तातापानी में 115.7 मेट्रिक टन यूरिया, 65 मेट्रिक टन डीएपी, 10.7 मेट्रिक टन एस.एस.पी., 155.9 मेट्रिक टन इफ्को, पस्ता में 167 मेट्रिक टन यूरिया, 93 मेट्रिक टन इफ्को, कपिलदेवपुर में 187.2 मेट्रिक टन यूरिया, 175 मेट्रिक टन डीएपी, 30 मेट्रिक टन इफ्को रासायनिक खाद का भण्डारण किया गया है। विकासखण्ड रामचन्द्रपुर के सहकारी समिति के भवंरमाल 167.9 मेट्रिक टन यूरिया, 5 मेट्रिक टन एस.एस.पी, 50 मेट्रिक टन इफ्को, त्रिकुण्डा में 192.3 मेट्रिक टन यूरिया, 45 मेट्रिक टन डीएपी, 21.5 मेट्रिक टन इफ्को, रामचन्द्रपुर में 134.6 मेट्रिक टन यूरिया, 7.5 मेट्रिक टन डीएपी, 10 मेट्रिक टन एसएसपी, 15 मेट्रिक टन इफ्को, कामेश्वरनगर में 210.5 मेट्रिक टन यूरिया, 111 मेट्रिक टन डीएपी, 41 मेट्रिक टन इफ्को, विकासखण्ड राजपुर के सहकारी समिति राजपुर में 131.9 मेट्रिक टन यूरिया, 27 मेट्रिक टन डीएपी, 0.2 मेट्रिक टन एसएसपी, 224 मेट्रिक टन इफ्को, बरियों में 91.6 मेट्रिक टन यूरिया, 11.7 मेट्रिक टन डीएपी, 120 मेट्रिक टन इफ्को, धंधापुर में 175.6 मेट्रिक टन यूरिया, 113.6 मेट्रिक टन डीएपी, 92.1 मेट्रिक टन एसएसपी, 5 मेट्रिक टन एमओपी, 173.4 मेट्रिक टन इफ्को, गोपालपुर में 94 मेट्रिक टन यूरिया, 98.3 मेट्रिक टन डीएपी, 32.8 मेट्रिक टन इफ्को तथा सेवारी में 178.5 मेट्रिक टन यूरिया, 137.1 मेट्रिक टन डीएपी, 2 मेट्रिक टन एमओपी, 30 मेट्रिक टन एसएसपी, 62 मेट्रिक टन इफ्को रासायनिक खाद का भण्डारण किया गया है।
इसी प्रकार विकासखण्ड शंकरगढ़ के सहकारी समिति जमड़ी में 230.9 मेट्रिक टन यूरिया, 142 मेट्रिक टन डीएपी, 139 मेट्रिक टन इफ्को, भरतपुर 57.1 मेट्रिक टन यूरिया, 0.1 मेट्रिक टन डीएपी, 79 मेट्रिक टन इफ्को, डीपाडीह में 195 मेट्रिक टन यूरिया, 65.7 मेट्रिक टन डीएपी, 34.6 मेट्रिक टन इफ्को, रेहड़ा में 92.6 मेट्रिक टन यूरिया, 28.8 मेट्रिक टन डीएपी, 67.7 मेट्रिक टन इफ्को, विकासखण्ड कुसमी के सहकारी समिति कुसमी में 55.4 मेट्रिक टन यूरिया, 70 मेट्रिक टन डीएपी, 66 मेट्रिक टन इफ्को, सामरी में 20 मेट्रिक टन यूरिया, 30 मेट्रिक टन डीएपी, चांदो में 88.1 मेट्रिक टन यूरिया, 5 मेट्रिक टन डीएपी, 08 मेट्रिक टन एसएसपी, 59 मेट्रिक टन इफ्को, भुलसीकला में 103.5 मेट्रिक टन यूरिया, 27.5 डीएपी, 2.5 मेट्रिक टन एसएसपी, 60 मेट्रिक टन इफ्को, विकासखण्ड वाड्रफनगर के सहकारी समिति विरेन्द्रनगर में 159.3 मेट्रिक टन यूरिया, 60 मेट्रिक टन डीएपी, 80 मेट्रिक टन इफ्को, वाड्रफनगर में 154.4 मेट्रिक टन यूरिया, 54.6 मेट्रिक टन डीएपी, 54 मेट्रिक टन इफ्को, बरतीकला में 61.5 मेट्रिक टन यूरिया, 76 मेट्रिक टन डीएपी, 100 मेट्रिक टन इफ्को, चलगली (डोंगरो) 135 मेट्रिक टन यूरिया, 110 मेट्रिक टन डीएपी, रामनगर में 170.6 मेट्रिक टन यूरिया, 64.2 मेट्रिक टन इफ्को, रघुनाथनगर में 154.6 मेट्रिक टन यूरिया, 82.6 मेट्रिक टन डीएपी, 101 मेट्रिक टन इफ्को, तथा सहकारी समिति बलंगी में 60.3 मेट्रिक टन यूरिया, 1.6 मेट्रिक टन एसएसपी, 73.9 मेट्रिक टन इफ्को रासायनिक खाद का भण्डारण किया गया है।कृषकों द्वारा विकासखण्ड बलरामपुर के सहकारी समितियों से 606.8 मेट्रिक टन, रामचन्द्रपुर के सहकारी समितियों से 90.5 मेट्रिक टन, राजपुर के सहकारी समितियों से 690 मेट्रिक टन, शंकरगढ़ के सहकारी समितियो ंसे 109.3 मेट्रिक टन, कुसमी के सहकारी समितियों से 103.5 मेट्रिक टन, वाड्रफनगर के सहकारी समितियों से 270.4 मेट्रिक टन रासायनिक खाद का उठाव किया गया है। -
बलरामपुर 18 मई : कोरोना वायरस ( कोविड-19) के प्रभावी रोकथाम, नियंत्रण और उनके संक्रमण से बचाव के उपायों के तहत कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा ने बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में लागू धारा 144 को आगामी 3 माह अर्थात् 16 अगस्त 2020 रात्रि 12 बजे या आगामी आदेश तक बढाने का आदेश जारी किया है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में उल्लेखित है कि कोरोना वायरस के संभाव्य प्रसार को रोकने के लिए कड़े सामाजिक अलगाव के उपयोग को अपनाया जा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और सुरक्षा के लिए सम्पूर्ण जिला बलरामपुर-रामानुजगंज में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत प्रभावशील धारा 144 को 16 अगस्त 2020 रात्रि 12 बजे या आगामी आदेश तक के लिये लागू करने का आदेश जारी किया है। उन्होंने इस सम्बन्ध में समय-समय पर जारी उनके कार्यालय द्वारा अन्य आदेशों के तहत प्रतिबन्धों को भी लागू रखने के आदेश दिए है। आदेश का उल्लंघन किये जाने पर विधि के अंतर्गत सख्त कार्यवाही कही जावेगी। -
जशपुरनगर 18 मई : कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर के मार्गदर्शन में फरसाबहार विकास खंड में मुख्यमंत्री सहायता केन्द्र स्थापित किया गया है जहां अन्य राज्य से जशपुर जिले आने वाले अपने गृह ग्राम श्रमिकों मजदूरों और यात्रियों को आवागमन मुख्य मार्ग में चरण पादुका का वितरण किया गया। साथ ही श्रमिकों को मास्क लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। और एक दूसरे से शोसल डिस्टेंसग बनाकर रखने के लिए कहा जा रहा है। - जशपुरनगर 18 मई : कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर के निर्देशन में जषपुर जिले में विभिन्न विकासखंडों में लगभग 648 क्वारेंटाईन सेंटर बनाया गया है। क्वारेंटाईन सेंटर में लगभग 1106 श्रमिकों, मजदूरों यात्रियों को रखा गया है। कलेक्टर श्री क्षीरसागर के निर्देश पर एसडीएम, जनपद सीईओ और नगरीय निकाय के अधिकारियों द्वारा क्वारेंटाईन सेंटर में पानी, बिजली, शौचालय, भोजन के साथ बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सेंटर में मजदूर अन्य राज्य से वापस आने के उपरांत संबंधित तहसीलों में उन्हें भेजा जाएगा। जहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण एवं स्की्रनिंग कराई जा रही है। इसके बाद 14 दिनों के क्वारेंटाईन अवधि में उन्हें रखा जा रहा है। इस दौरान मेडिकल टीम के द्वारा उनकी सतत् निगरानी की जा रही है।
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लू-नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य केंद्रों में बनाया गया ओआरएस कार्नर
धमतरी, 18 मई : गर्मी में मौसमी बीमारियों के साथ ही लू से बचाव के लिए उपाय करना जरुरी है। गर्मी बढ़ने पर धूप में या खुले में जाना लू लगने के लिहाज से खतरनाक हो सकता है।
धमतरी जिले के मगरलोड ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले 4 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व 26 उप स्वास्थ्य केंद्रों में बीएमओ डॉ. श्रीमती शारदा ठाकुर के निर्देश पर लू नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर ओआरएस कार्नर बनाए गए हैं। यह सुविधा समुदाय के लिए निशुल्क उपलब्ध है| डॉ ठाकुर ने बताया सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में ओआरएस कार्नर बनाया गया है । लू के उपचार के लिए मितानिन, एएनएम, स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं चिकित्सक से मिलने की सलाह भी दी जाती है|
उन्होंने कहा लू से बचने के लिए पानी के साथ ओआरएस के घोल का सेवन बार-बार करते रहना चाहिए। ज्यादा जरुरी कार्य होने पर घरों से बाहर निकते वक्त धूप से बचाव के लिए चेहरे को ढकने के लिए गमछे का इस्तेमाल करना चाहिए। लू के लक्षणों में शरीर का तापमान बढने यानी बुखार आने की शिकायत पर चिकित्सक से सलाह लेकर ओआरएस का घोल पीना चाहिए। इन दिनों लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों का अपने घर वापसी के लिए दोपहर में सड़कों पर पैदल चलने से लू की चपेट में आने की समस्या हो सकती है।
डॉ. शारदा ठाकुर ने बताया लू लगने के किडनी, दिमाग और दिल पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे इन अंगों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। लू लगने के बाद नाड़ी और सांस की गति तेज हो जाती है। कई बार देखा गया है कि त्वचा पर लाल दाने भी हो जाते हैं। कई लोगों को लू लगने पर बार-बार पेशाब की भी शिकायत हो जाती है और शरीर में जकड़न हो जाती है। अगर अचानक शरीर का तापमान बढ़ जाय या फिर सिर में तेज दर्द होना अचानक से शुरू होना लू लगने के लक्षण हैं।
डॉ. ठाकुर ने बताया, प्रवासी मजदूरों का स्वास्थ्य का परीक्षण में कोरोना वायरस के संदिग्ध् मरीजों की टेम्प्रेचर जांच और स्वाब सेम्पल लिया जा रहा है। इसके अलावा पैदल अन्य राज्यों से आने वाले मरीजों का भी लू के लक्षण पाए जाने पर लू नियंत्रण कक्ष में इलाज सुविधा रखा गया है। उन्होंने बताया कोविड-19 को लेकर सतर्कता बनाए रखते हुए मरीजों से सोशल डिसटेंसिंग का पालन और मास्क व सेनेटाइजर का उपयोग किया जा रहा है।
धूप में निकलते वक्त छाते का इस्तेमाल करना चाहिए। सिर ढक कर धूप में निकलने से भी लू से बचा जा सकता है। घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर बाहर निकलें जैसे आम पना, शिकंजी, खस का शर्बत ज्यादा फायदेमंद है। तेज धूप से आते ही और ज्यादा पसीना आने पर फौरन ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। गर्मी के दिनों में बार-बार पानी पीते रहना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। पानी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू लगने का खतरा कम रहता है। - कोरिया 18 मई : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज जिले के सभी अनुभागों के अनुविभागीय स्तर के अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए क्वारंटाइन सेंटरों में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये ताकि राज्य के बाहर से आने वाले श्रमिकों एवं अन्य लोगों को किसी तरह की दिक्कत ना हो। उन्होंने सेंटरों की साफ-सफाई एवं सेनेटाइजेशन कराने तथा बिजली, पानी व भोजन सहित पर्याप्त मात्रा में मास्क की व्यवस्था करने कहा। कलेक्टर ने सभी एसडीएम से इन सेंटरों में तीन शिफ्ट में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने तथा प्रत्येक समय में कम से कम दो कर्मचारी की उपलब्धता सुनिश्चित करने कहा। सेंटरों में मिलने आने वाले लोगों का नाम, पता एवं मोबाइल नंबर रजिस्टर में संधारित करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि राज्य के बाहर से आने वाले लोगों को अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन किया जाना है।
कलेक्टर श्री सिंह के निर्देश अनुसार अन्य प्रदेशों से आने वाले लोगों के लिए जिले के सभी विकासखंडों एवं नगरीय निकायों में संबंधित अधिकारियों के द्वारा पर्याप्त क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था की गई है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने बताया कि जिले में कुल 1147 क्वारंटाइन सेंटर तैयार किये गये हैं। जिनकी क्षमता 11 हजार से अधिक है। वर्तमान में जिले में कुल 1145 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है तथा 911 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है। अन्य प्रदेश से आये लोगों की चिकित्सकीय जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम तथा अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। साथ ही सभी संबंधित अधिकारियों को शासन के नियमों का कड़ाई से पालन करने हेतु निर्देशित किया गया है। सभी क्वारंटाइन सेंटरों में विद्युत, पेयजल, निस्तारी हेतु जल, भोजन आदि की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है। इन सेंटरों की साफ-सफाई कराकर सेनिटाइज भी करा दिया गया है।
बता दें कि कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले के सभी जनपद पंचायतों एवं नगरीय निकायों में क्वारंटाइन सेंटर बनाये गये हैं। जनपद पंचायतों में कुल 1094 क्वारंटाइन सेंटर एवं नगरीय निकायों में क्वारंटाइन सेंटर की संख्या 53 है। वर्तमान में जनपद पंचायत खड़गवां में 231 क्वारंटाइन सेंटर बनाये गये हैं जहां 78 लोगों को रखा गया है। जनपद पंचायत खड़गवां में ही 139 लोगों को होम क्वारंटाइन पर रखा गया है। जनपद पंचायत मनेन्द्रगढ़ में 216 क्वारंटाइन सेंटर चिन्हित किये गये हैं। जहां कुल 46 लोग हैं। जनपद पंचायत मनेन्द्रगढ़ में 61 लोगों को होम क्वारंटाइन पर रखा गया है।
इसी तरह जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर में 264 क्वारंटाइन सेंटर बनाये गये हैं। जहां कुल 60 लोगों को को रखा गया है। यहां 42 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है। जनपद पंचायत सोनहत में 126 क्वारंटाइन सेंटर बनाये गये हैं। जहां 24 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर एवं 48 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है। जनपद पंचायत भरतपुर में 257 क्वारंटाइन सेंटर चिन्हित किये गये हैं। यहां कुल 456 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर एवं 38 लोगों को होम क्वारंटाइन पर रखा गया है।
जिले के अंतर्गत समस्त नगरीय निकायों में भी क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था की गई है। वर्तमान स्थिति में नगर पालिक निगम चिरमिरी में 28 क्वारंटाइन सेंटर बनाये गये हैं, जहां कुल 294 लोगों को रखा गया है। यहां 155 लोगों को होम क्वारंटाइन पर रखा गया है। नगर पालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ में 03 क्वारंटाइन सेंटर बनाये गये हैं जहां कुल 75 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर एवं 138 लोगों को होम क्वारंटाइन पर रखा गया है। नगर पंचायत खोंगापानी में 04 क्वारंटाइन सेंटर है। यहां 28 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर एवं 123 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है।
इसी तरह नगर पालिका परिषद शिवपुर-चरचा में 07 क्वारंटाइन सेंटर बनाये गये हैं जहां 67 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। यहां 75 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है। नगर पालिका परिषद बैकुण्ठपुर में 05 क्वारंटाइन सेंटर हैं जहां 05 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर एवं 03 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है। नगर पंचायत झगराखाण्ड में 03 क्वारंटाइन सेंटर में 02 लोगों को तथा 39 लोगों को होम क्वारंटाइन पर रखा गया है। नगर पंचायत नई लेदरी में 03 क्वारंटाइन सेंटर बनाये गये हैं। यहां 10 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर एवं 50 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है। -
कलेक्टर ने ली विभागीय समीक्षा बैठक
सूरजपुर 18 मई : आज कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में कलेक्टर श्री दीपक सोनी के द्वारा लाॅकडाउन अवधि में विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यो की जानकारी लेने उद्यान, पषुपालन, मछलीपालन एवं कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर श्री सोनी ने लाॅकडाउन की अवधि में विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यो की जानकारी ली। जिसमें उद्यान विभाग को जिले में होने वाली तरबुज की पैदावार के लिए वर्तमान विक्रय मूल्य से अवगत होते हुए तरबुज के कृषकों को अच्छे बाजार उपलब्ध कराने के साथ फसल को उचित मूल्य पर विक्रय कराने को कहा और अन्य बाजारों में चर्चा कर अपने क्षेत्र में रहते हुए मार्केटिंग बढ़ाने निर्देषित किया है। जिससे किसानों की आमदनी में इजाफा हो सके। कलेक्टर ने जिले की फसलों का स्थानीय बाजार हेतु मूल्य तथा बाहरी बाजारों हेतुविक्रय मूल्य निर्धारित करने के निर्देष दिये हैं जिससे जिलेवासियों को किसी भी प्रकार की परेषानी न हो और कृषकों को भी उचित लाभ प्राप्त हो सके।
इसके अलावा जिले में सब्जियाॅ पर्याप्त व सुगम रूप से उपलब्ध हो सके इसके लिए उद्यान विभाग को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के साथ निरंतर निगरानी करने निर्देष दिया है। इसके अतिरिक्त कलेक्टर ने कृषि विभाग से कालाजीरा चावल की मार्केटिंग की जानकारी लेते हुए उत्पादन बढ़ाने व उत्पादन सूची बनाने कहा तथा सक्रिय होकर कार्य करने के निर्देष दिये हैं। उन्होंने मछली पालन विभाग के अधिकारी से मछली उत्पादन की जानकारी लेते हुए मछली ठेकेदारों को मछली बीज लेकर मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए कहा। इसके साथ ही पषुपालन विभाग से दुग्ध उत्पादन की जानकारी लेते हुए पिलखा क्षीर में कृषकों के दुग्ध की खपत व उससे दुग्धसामग्रीयों का निर्माण के साथ जिले में दुग्ध की सप्लाई की निरंतर निगरानी करने को कहा है जिससे दुग्ध उत्पादक कृषकों के साथ उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पडे़। - सूरजपुर 18 मई :कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रामक बीमारी पर पूरी तहर काबू नहीं पाया जा सका है। अभी भी संक्रमण की स्थिति कई स्थानों पर संभावित है। इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर श्री दीपक सोनी के द्वारा संपूर्ण सूरजपुर जिले में 3 मई 2020 तक लागू दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 की समय-सीमा में वृद्धि कर अब 31 मई 2020 तक कर दिया गया है। यह आदेश सूरजपुर जिले के संपूर्ण सीमा क्षेत्र के लिए 31 मई 2020 मध्यरात्रि 12 बजे तक या आगामी आदेश, जो पहले आए तक प्रभावशील होगा। आदेश का उल्लंघन करने पर विधि के अंतर्गत सख्त कार्यवाही की जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि इस आपात स्थिति में व्यवहारिक तौर पर संभव नही है कि जिले मे निवासरत् सभी नागरिकों को नोटिस तामिली कराई जा सके। अतः एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 अंतर्गत सूरजपुर जिले में पूर्व से लागू धारा 144 की समय-सीमा मे वृद्धि की गई है। समय-समय पर भारत सरकार एवं राज्य शासन के द्वारा कार्यालय, प्रतिष्ठान और सेवाओं इत्यादि को दी गई छूट इस आदेश में भी यथावत रहेगी । -
ग्रामीण जनों को सुरक्षा मानकों का पालन करने किया जा रहा जागरूक
सुरजपुर 18 मई : कोरोना के संक्रमण का फैलाव रोकने और इससे बचाव के लिए राज्य शासन के साथ जिलाप्रषासन तमाम सुरक्षागत कार्यो को पूर्ण करने में लगा हुआ है, इसी क्रम में राज्य शासन द्वारा जारी निर्देषों के पालन में ग्रीन जोन की सुरक्षा को बरकरार करने के लिए कलेक्टर श्री दीपक सोनी के द्वारा समस्तनगरीय निकायों सहित ग्रामीण अंचलों में एहतीयातन सुरक्षा के दृष्टिगत सेनिटाईजेषन का कार्य करने के लिए विभागों के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए निरंतर निगरानी के साथ सेनिटाईजेषन कार्य कराने के निर्देष दिये हैं। जिसके परिपालन में जिले के पांच जिला अधिकारियों के नेेतृत्व में दल का गठन कर इनके मार्गदर्षन में सुरक्षा मानको का पालन करते हुए स्वच्छ भारत मिषन के स्वच्छताग्राहियों के टीम के द्वारा रोस्टर तैयार कर प्रत्येक दिन दो गांवों को सेनिटाईज करने का कार्य किया जा रहा हंै। निर्धारित रोस्टर अनुसार पूरे जिले को 15 दिवस में पूर्ण सेनिटाईज्ड करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके तहत् वर्तमान अवधि में जिले के 31 ग्रामों में सेनिटाईजेषन का कार्य पूर्ण कर लिया गया हैं एवं अन्य पंचायतों में यह प्रक्रिया जारी है।
इस दौरान कलेक्टर के निर्देष पर नोडल अधिकारियों के निगरानी में चल रहे सेनिटाइजेषन कार्य में कार्यरत् स्वच्छाग्राहियों के द्वारा ग्रामीणों को कोरोना वायरस के रोकथाम एवं बचाव के संबंध में जागरूक करते हुए मुंह, नाक को मास्क, गमछा से ढंकने तथा हाथ को सेनिटाइज करने व साबुन से हाथ को बार-बार धोने, फिजिकल डिस्टेंस का पालन की समझाईस देते हुए जागरूक किया जा रहा है। -
सूरजपुर 18 मई : कलेक्टर श्री दीपक सोनी के निर्देषन में कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव व नियंत्रण के लिए कोरोना मास्टर टेनरों की सहायता से प्रशिक्षण प्राप्त कर जिला प्रशासन की टीम जिले के सभी विकासखण्डो के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में वृहद डोर टू डोर एक्टिव सर्विलेंस कार्य कर रही है। मास्टर ट्रेनर षिक्षकोें की निगरानी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानीनों, कोटवार, रोजगार सहायकों के माध्यम से प्रत्येक ग्राम में डोर टू डोर एक्टिव सर्विलेंस के तहत् कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा बाहर से आने वाले लोंगो की जानकारियों को भी अद्यतन कर इसकी सूचना दी जा रही है। डोर टू डोर सामुदायिक एक्टिव सर्विलेंस कार्य के दौरान समुचित स्वास्थ्य जांच, मास्क, सेनिटाईजर, हेण्डवाॅष का उपयोग सोषल डिस्टेंसिंग का पालन सहित सुरक्षा मानको के पालन से संबंधित जानकारी देकर समझाईस दी जा रही है।
जिसमें मास्टर ट्रेनरो के द्वारा डोर टू डोर सर्वे करते हुए सक्रीय सर्विलेंस के उद्देश्य के संबंध में बताया जा रहा है कि समुदाय में कोरोना वायरस से बचाव व नियंत्रण के लिए किस तरह से लक्षण वाले व्यक्तियों का पता करना, आगे की जांच प्रक्रिया व उपचार से संबंधित जानकारी भी दी जा रही है। सक्रीय सर्विलेंस कहां व कैसे करना है इसके अलावा कांटेन्मेंट जोन यानि कोरोना संक्रमित पाये गये मरीजों को घर के 1 किलोमीटर के दायरे में हर घर में सुरक्षित तौर पर सर्वे करने से संबंधित सभी चरणों के संबंध में जानकारी दी गई है। मास्टर ट्रेनर ने सर्वे के दौरान बताया सक्रीय सर्विलेंस हेतु सर्वे दल में आवष्यकतानुसार 3 से 4 सदस्यीय दल हैं दल के सदस्य संबंधित क्षेत्र के आंगनवाड़ी कायकर्ता व शिक्षक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों मे कोटवार एवं नगरीय क्षेत्रों में नगरीय निकाय के कर्मी भी दल में सदस्य हैं।
अबतक किए गए सर्वे की यह रही है सर्वे रिपोर्ट -
प्राप्त जानकारी अनुसार निरंतर जारी सर्वे में अबतक किए गए सर्वे कार्य में 135467 परिवार के कुल सदस्य संख्या 679495 के सर्वे किया गया है जिनका सैंपल लेकर उचित जांच कराया जा रहा है साथ ही कलेक्टर के निर्देष पर आयुर्वेद विभाग के द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए त्रिकटू चूर्ण का वितरण और काढ़ा बनाकर सेवन करने संबंधित जानकारी दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त टीम द्वारा सुरक्षा मानकों का पालन करने समझाईश भी दिया गया है।
कलेक्टर श्री दीपक सोनी ने सक्रीय सर्विलेंस के लिए सर्वे करते समय दल को विशेष सावधानियां बरतने को कहा है जिसमें दल के सभी सदस्यों को अनिवार्यतः मास्क लगाकर सभी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने, इसके अलावा संक्रमित परिवार से बात करते समय दल के सदस्य फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाकर सर्वे करेंगे, इसके अलावा नियमित तौर पर हाथ को साबुन, सेनिटाईजर या हैण्डवाॅष से धोने जैसी सुरक्षा मानको को प्राथमिकता के साथ पालन करने के लिए निर्देषित किया है।
उन्होने बताया कि सर्वे कर रहे दलों को एक निर्धारित फार्मेट उपलब्ध कराया गया है, उसी के आधार पर जानकारी भरनेे के लिए निर्देषित किया है। जैसे घर के सभी सदस्यों में बुखार, सुखी खांसी, सांस की गति तेज, पसली धंसना, हाफना, सांस लेने में तकलीफ होना आदि लक्षणों के बारे में पूछ कर लक्षण जानने के निर्देष दिये। उन्होेंने कहा कि सर्वे प्रपत्र में केवल उन्हीं व्यक्तियों को सूचीबद्ध करेंगे जिनमें एक या अधिक लक्षण मिले हों। उपरोक्त व्यक्तियों में लंबी बीमारी जैसे हृदय रोग , शुगर आदि की जानकारी भी लेंगे। लक्षण वाले व्यक्ति द्वारा विगत 14 दिनों में की गई यात्रा की जानकारी भी भरने के लिए निर्देष दिये। लक्षण वाले व्यक्तियों की सूचना देना, दल प्रमुख लक्षण वाले व्यक्तियों की सूची को दैनिक संबंधित खंड चिकित्सा अधिकारी ( ग्रामीण क्षेत्र में ) शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रबंधक ( शहरी क्षेत्र में ) को सूचित करेंगे। जिनके द्वारा उपरोक्त चिन्हांकित व्यक्तियों की जांच, चिकित्सा की व्यवस्था की जाएगी। दल प्रमुख सर्वे में कव्हर की गई जनसंख्या की जानकारी रखेंगे।
एक्टिव सर्विलेंस टीम द्वारा आवष्यक निगरानी रखकर कार्य किया जा रहा है तथा निचले स्तर पर एहतीयातन बरतते हुए डोर टू डोर दो या चार समूह बनाकर सर्वे करते हुए व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इस महामारी के फैलने से रोकना है इसके लिए व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए आम नागरिकों जागरुक करने के निर्देष दिये तथा जो व्यक्ति क्वारंटाईन में है उनका बर्तन अलग-अलग रखने की समझाईस देने तथा डिस्पोजल, थाली का प्रयोग कराने के निर्देष दिये तथा उन्हें 14 दिन तक अनिवार्य रुप से क्वारंटाईन करने को कहा तथा सही समय में ईलाज होने पर कुछ नहीं होगा, घबराने की आवष्यकता नही है। इसके लिए साबुन से बार-बार हाथ धोनेग्लब्स आदि सभी सेंटरों में उपलब्ध कराने के साथ ही षिक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, रोजगार सहायक, कोतवार आदि का आवष्यकतानुसार 3 से 4 सदस्यीय दल बनाकर कार्य किया जा रहा है। -
कोरिया 18 मई : राज्य में श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी है। देश के विभिन्न राज्यों एवं शहरों से श्रमिक राज्य में वापस आ रहे हैं। उनके सही सलामत घर वापसी के लिए राज्य सरकार द्वारा समुचित प्रयास किया जा रहा है। कोरिया जिले में प्रवासी श्रमिकों और अन्य नागरिकों के उनके सकुशल प्रदेश वापसी के बाद उनके गांव और जिले तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बसों की सुविधा दी जा रही है।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह के निर्देश पर प्रवासी श्रमिकों को लाने-ले जाने के लिए लगाई गई सभी बसों को सेनेटाइज किया गया है। अब तक नगरीय निकायों में बाहर से आये 100 श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने हेतु बसें उपलब्ध कराई गई हैं। इन नगरीय निकायों में नगर पालिका परिषद शिवपुर-चरचा, नगर पालिका परिषद मनेन्द्रगढ़ एवं नगर पालिक निगम चिरमिरी शामिल है। इसके साथ ही नगरीय निकायों में पहुंचे अब तक 217 श्रमिकों को भोजन प्रदाय किया गया है, जिसमें 174 पुरूष एवं 43 महिलाएं शामिल हैं।
इसी तरह जनपद पंचायत में भी श्रमिकों के लिए समस्त व्यवस्थाएं की गई हैं। जिले की समस्त जनपद पंचायतों में 226 श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने हेतु बसें उपलब्ध कराई गई हैं। इसके साथ ही नगरीय निकायों में पहुंचे अब तक 256 श्रमिकों को भोजन प्रदाय किया गया है, जिसमें 200 पुरूष एवं 56 महिलाएं शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के विशेष प्रयासों से कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु लॉकडाउन के बीच देश के विभिन्न राज्यो में फंसे प्रवासी श्रमिको की सकुशल वापसी हो रही है। प्रवासी श्रमिकों की जिले वापसी के बाद जिले में चेक पोस्ट में स्वास्थ्य परीक्षण स्वास्थ्य स्क्रीनिंग की जा रही है। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सभी श्रमिकों को उनके गांव में संचालित क्वारंटाइन सेंटर तक बसों के माध्यम से सकुशल सुरक्षित पहुँचाया जा रहा है। क्वारंटाइन केंद्रों में प्रवासी श्रमिकों के लिए स्वल्पाहार और भोजन की निःशुल्क व्यवस्था की जा रही है। - कोरिया 18 मई : कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री डोमन सिंह द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव और सुरक्षा हेतु सम्पूर्ण कोरिया जिले में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत प्रभावशील धारा 144 समय सीमा में वृद्धि करते हुए 16 अगस्त 2020 मध्य रात्रि 12.00 बजे तक लागू करने का आदेश जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु पूर्व में जारी आदेश द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के अंतर्गत धारा 144(1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रतिबंधात्मक आदेश पारित कर संपूर्ण जिले में धारा 144 लागू की गई थी। जिसे वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए 16 अगस्त 2020 तक बढ़ाया गया है। महामारी रोग अधिनियम 1897 तथा इसके संदर्भ अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पूर्व में कार्यालय, प्रतिष्ठान, सेवाओं इत्यादि को दी गई छूट इस आदेश में भी यथावत् रहेगी, परन्तु जिले में किसी भी क्षेत्र के कन्टेन्मेंट जोन घोषित होने की स्थिति में कन्टेन्मेंट जोन क्षेत्र में संबंधित नगरीय निकाय अथवा ग्राम पंचायत क्षेत्र हेतु जारी छूट एकपक्षीय निरस्त हो जायेगी। आदेश का उल्लंघन किये जाने पर विधि के अंतर्गत सख्त कार्यवाही की जायेगी। - कोरबा,18 मई : कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी संक्रमण के दौरान संपूर्ण देश में चौथे चरण का लॉकडाउन है। ऐसे समय में दूसरे राज्यों में फंसे हुए आम नागरिक, छात्र एवं मजदूरों की घर वापसी हो रही है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग कोरबा ने जिला अस्पताल में कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों की जांच और परामर्श की व्यवस्था की है। इसके तहत विशेष “फीवर क्लीनिक” शुरू किया है। क्लीनिक में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा सुबह 8 बजे से 1 बजे तक सेवाएं दी जा रही हैं।
जिला अस्पताल के एक हिस्से में विशेष “फीवर क्लीनिक” खोला गया है। बड़े से हॉल और अन्य कमरों में वायरस से बचने के सारे इंतजाम किए गए हैं। जांच करने वाले डॉक्टर एक तरह की प्लास्टिक के कक्ष में बैठकर ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं। अस्पताल के मुख्य गेट पर मरीजों को हाथ धुलाकर और सेनीटाइज कर ही अंदर प्रवेश दिया जा रहा है। वहीं गेट पर सुरक्षा गार्ड की तैनाती की गई है, जो मरीजों से अस्पताल पहुंचने के कारण की पड़ताल कर संदिग्ध लक्षण वालों को फीवर क्लीनिक भेज रहे हैं। मुंह पर मास्क या फिर कपड़ा बांधना और दूरी बनाकर लाइन में लगना अनिवार्य है। वहीं सामान्य मरीजों को इलाज मुहैय्या कराने की आवश्यकता को देखते हुए जिला अस्पताल में ओपीडी इमरजेंसी सेवा पुनः शुरू कर दी गई है। लेकिन यहां आने वाले मरीजों को सुरक्षात्मक उपाय अपनाने के बाद ही अस्पताल में प्रवेश दिया जा रहा है। हालांकि आवागमन का साधन उपलब्ध नहीं होने की वजह से मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की अपेक्षा कम है।
सिविल सर्जन और विशेषज्ञ डॉक्टर कर रहे जांच- सीएमएचओ डॉ. बी.बी. बोर्डे ने बताया कोरोनावायरस का संक्रमण का प्रसार ना हो इसके लिए हर तरह से एहतियात बरती जा रही है। एक ओर जहां संदिग्धों के टेस्ट किए जा रहे हैं । सर्दी, जुकाम, बुखार और खांसी वाले मरीजों के लिए फीवर क्लीनिक शुरू किया गया है। विशेष क्लीनिक में सिविल सर्जन डॉ. अरूण तिवारी और विशेषज्ञ डॉक्टर डॉ. के.एल. ध्रुव, डॉ. बी.के. झलारिया, डॉ. आर.के. दिव्य, डॉ.सी.एन. डे, डॉ. अन्नया श्रीवास्, डॉ. रविकांत राठौर, डॉ. विक्रम राठौर एवं अन्य मरीजों की जांच और परामर्श दे रहे हैं। वहीं आईसीटीसी परामर्शदाता बीना मिस्त्री दवा, जांच सुविधा और व्यवस्थागत सारी व्यवस्था संभाल रही हैं। वीना मिस्त्री ने बताया प्रतिदिन फीवर क्लीनिक में औसतन 40 से 50 मरीज आ रहे हैं।