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- सूरजपुर 15 मई : कोविड-19 कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव हेतु कलेक्टर श्री दीपक सोनी के निर्देषन में अपर कलेक्टर श्री एस0एन0 मोटवानी के द्वारा जिले में सभी चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों को सेनिटाईजर एवं मास्क का वितरण कराया जा रहा है इसी कड़ी में आज जिला कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के जिलाध्यक्ष श्री आदेष कुमार रवि की उपस्थिति में सभी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को मास्क एवं सेनिटाईजर का वितरण किया गया साथ ही वहाॅ उपस्थित अन्य कर्मचारियों व आमजनों को भी मास्क व सेनिटाईजर दिया गया। इस दौरान अपर कलेक्टर ने सभी कर्मचारियों को स्वच्छ रहने एवं नाक, मुहं को मास्क से ढकने व सेनिटाईजर से हाथ को बार-बार सेनिटाईज करते रहने कहा है।
उल्लेखनीय है कि जिला प्रषासन की पहल से प्रत्येक विकासखण्डों में चतुर्थ श्रेणी के संघ अध्यक्षों के माध्यम से मास्क एवं सेनिटाईजर वितरण किया जा रहा है। जिले में 600 से अधिक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी विभिन्न विभागों में कार्यरत है उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कार्य किया जा रहा है।
चतुर्थ श्रेणी के अध्यक्ष ने आभार प्रकट कर किया जिला प्रषासन का धन्यवादः-
चतुर्थ श्रेणी के अध्यक्ष श्री आदेष कुमार रवि ने जिला प्रषासन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि हम सभी कर्मचारियों के लिए यह पहल एक वरदान की तरह है। हम सभी बहुत खुष है तथा इसके लिए चतुर्थ श्रेणी वर्ग जिला प्रषासन का धन्यवाद एवं आभार प्रकट करता है। - सूरजपुर 15 मई : कोरोना महामारी के दौरान लाॅकडाउन में राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भुपेष बघेल जी के आव्ह्ान पर विभिन्न स्तरों के लोगो व संस्थाओं के द्वारा बड़ी संख्या में आगे आकर राहत कोष में दान किया जा रहा है। जिससे शासन दिहाड़ी श्रमिक, गरीब बेसहारा, दिव्यांगो सहित बाहर से आकर प्रदेष में लाॅकडाउन के वजह से फंसे हुए हैं को राहत पहुॅचा रहा है। इसी क्रम में आज मेंहदी हसन मुस्लिम अल्पसंख्यक पदाधिकारी, मो0 इस्राइल वक्फ बोर्ड के संभागिय अध्यक्ष एवं उपेन्द्र राजवाडे़ व मो0 हासीम के द्वारा कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री सहायता कोष में 11 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है। कलेक्टर श्री दीपक सोनी एवं जिला पंचायत सीईओ श्री अष्वनी देवांगन के द्वारा इस पुनीत कार्य के लिए सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
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दूसरे प्रांतों से आने वाले लोगो से जिले को सुरक्षित रखने क्वारंटाईन सेंटर की व्यवस्थाओं को लेकर कलेक्टर ने ली स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठकस्वास्थ्य विभाग के अमले को निरंतर मुस्तैद होकर कार्य करने के दिये निर्देष
सूरजपुर 15 मई : कलेक्टर श्री दीपक सोनी ने आज मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अष्वनी देवांगन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ आर.एस.सिंह की उपस्थिति में दूसरे प्रांत से आने वाले लोगों से जिले को सुरक्षित रखने क्वारंटाईन सेंटर की व्यवस्थाओं को लेकर स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में कलेक्टर श्री दीपक सोनी ने बताया कि वर्तमान में सूरजपुर जिला ग्रीन जोन में है और कई दिनों से कोरोना संबंधी पाॅजीटिव मरीज भी सामने नहीं आये हैं, इस हेतु यह आवष्यक है कि जिले की अंदरूनी सुरक्षा इसी प्रकार बरकरार रहें। इसके लिए प्राथमिक तौर पर बाहरी प्रांतों से आने वाले लोगों का संपर्क जिलेवासियों से क्वारंटाईन की अवधि व समूचित स्वास्थ्य जांच के न हो इसे सुनिष्चित करना आवष्यक है।
उन्होनें सभी विकासखंड के चिकित्सा अधिकारियों से कोरोना वायरस के रोकथाम एवं बचाव के लिए किये जा रहे कार्यो की जानकारी ली। जिसपर उन्होनें जिले में बनाये गये क्वारंटाईन सेंटर में बाहर से आये हुए लोगो के स्वास्थ्य परीक्षण पर समीक्षा करते हुए क्वारंटाईन में लोगों को 28 दिन तक रखने के लिए अधिकारियों को निर्देष दिये तथा किसी को भी क्वारंटाईन अवधि पूर्ण किये बिना नहीं छोडने कहा। संदिग्धों का संेपल लेकर उचित स्वास्थ्य जांच कराने के साथ जो सेंपल जांच के बाद निगेटिव आते हैं उन्हें होम क्वारंटाईन करते हुए सख्ती से सुरक्षात्मक नियमों का पालन करने के निर्देेष दिये हैं। उन्होनें जमात में शामिल हुए लोगों सहित बाहरी होटलों में कार्य करने वाले व्यक्तियों की उचित काउंसलिंग के माध्यम से पहचान करते हुए उनका सेंपल लेकर जांच कराने एवं उन्हें क्वारंटाईन करने के निर्देष दिये। जिससे किसी भी प्रकार से जिले के अंदर लोगों की सुरक्षा को खतरा न हो। इसके अतिरिक्त कलेक्टर ने सभी स्वास्थ्य अमलों को प्राथमिक संपर्क में किये गये जांच रिपोर्ट में पाॅजिटिवों की जानकारी, निगेटिव सेंपलो की जानकारी, एंबुलेंस की जानकारी, डाईवर की व्यवस्थाओं के संबंध में उचित चार्ट बनाने कहा जिससे सही जानकारी समय पर उपलब्ध हो सके। पूर्व से ही पर्याप्त रेपिड टेस्ट किट, मास्क आदि उपलब्ध रहे जिसकी कार्ययोजना बनाकर कार्य करने के निर्देष दिये।
कलेक्टर श्री सोनी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो को सक्रिय रहकर कार्य करने के निर्देष दिये जिसकी पर्यााप्त माॅनिटरिंग करने अधिकारियों को कहा। बिजली समस्या के लिए बिजली विभाग से संपर्क कर सूचना देने व सुधार करा लेने के निर्देष दिये एवं सामग्रीयों की व्यवस्था के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये जाने के साथ ही प्रत्येक कार्य को दुरूस्त करते हुए अपने टीम को सक्रिय रखने सीएमएचओ को निर्देषित किया। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर श्री बजरंग वर्मा, अस्पताल अधीक्षक डाॅ शषि तिर्की, डाॅ अजय मरकाम, डाॅ प्रियंक पटेल, श्रम अधिकारी श्री पाणिग्राही, उपस्थित थे। -
जनप्रतिनिधियों ने एक माह का मानदेय राहत कोष में किया दान
सूरजपुर 15 मई : कोरोना महामारी के दौरान लाॅकडाउन में राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भुपेष बघेल जी के आव्ह्ान पर विभिन्न स्तरों के लोगो व संस्थाओं के द्वारा बड़ी संख्या में आगे आकर राहत कोष में दान किया जा रहा है। जिससे शासन दिहाड़ी श्रमिक, गरीब बेसहारा, दिव्यांगो सहित बाहर से आकर प्रदेष में लाॅकडाउन के वजह से फंसे हुए हैं को राहत पहुॅचा रहा है। इसी क्रम में आज नगर पालिका अध्यक्ष श्री केके अग्रवाल, उपाध्यक्ष श्री रितेष गुप्ता सहित जनप्रतिनिधि श्री गैबीनाथ साहू, श्री विरेन्द्र बसंल, श्रीमती पुष्पलता गिरधारी साहू व प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री प्रवेष गोयल, संस्कार अग्रवाल व ठेला व्यवसायी श्री चन्दन सोनी, श्री कन्हैया गुप्ता, श्री दिपक गुप्ता, श्री संतोष गुप्ता के द्वारा कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री सहायता कोष में 60 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है। जिसमें जनप्रतिनिधियों ने अपने एक माह का मानदेय राहत कोष के लिए समर्पित किया है। कलेक्टर श्री दीपक सोनी एवं जिला पंचायत सीईओ श्री अष्वनी देवांगन के द्वारा इस पुनीत कार्य के लिए नगरपालिका प्रतिनिधियों को धन्यवाद ज्ञापित किया है। - नगरपालिका अध्यक्ष सूरजपुर समेत प्रतिनिधियों को अपर कलेक्टर की उपस्थिति में वितरण किया गया चुर्ण व च्यवनप्रास
सूरजपुर 15 मई : आज 15 मई 2020 को आयुष विभाग द्वारा प्रतापपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बोझा के हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर एवं ग्राम पंचायत भवन में शासन की मंषानुसार कलेक्टर श्री दीपक सोनी के निर्देषन में आयुष विभाग के प्रतापपुर सहायक नोडल अधिकारी डॉक्टर संतोष सिंह एवं आयुर्वेद औषधालय प्रभारी डॉ प्रणिता चंद्रिका पुरे द्वारा कोरोना महामारी से लड़ने हेतु रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के गाइडलाइन के अनुसार त्रिकटु चूर्ण का वितरण किया गया और स्वस्थ रहने के लिए दिनचर्या के बारे में जानकारी दी गई।
जिसमें गोल्डन मिल्क बनाने एवं तुलसी काली मिर्च गिलोय मुनक्का पीपली और गुड़ स्वादानुसार डालकर रोगप्रतिरोधक हरबल चाय बनाने, प्रतिदिन योग एवं प्राणायाम करने के बारे में बताया गया और अपने आस-पड़ोस नाते रिश्तेदारों को भी जागरूक करने की अपील की गई। इस अवसर पर ग्राम पंचायत बोझा के सरपंच श्री कमलेश सिंह टेकाम, पंच मीट्ठल सिंह सीताराम विष्णु दत्त मिश्रा हीरा मिश्रा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के पदस्थ एनम गीता राय प्रेमल ता आयुर्वेद फार्मासिस्ट राकेश पांडे बिंदेश्वर एवं समस्त उपस्थित टीकाकरण में उपस्थित लाभार्थी व समस्त ग्रामवासी बोझा कुल 95 लोगों को त्रिकटु चूर्ण एवं जागरूकता हेतु पामप्लेट का वितरण किया गया
आज 15 मई 2020 को सूरजपुर में नगर पालिका अध्यक्ष के निवास में एडीएम श्री एस.एन.मोटवानी की उपस्थिति में नगर पालिका अध्यक्ष श्री केके अग्रवाल एवं पार्षद गण व अन्य जनप्रतिनिधियों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने त्रिकटु चूर्ण, चवनप्राश एवं पामप्लेट का वितरण किया गया तथा हर्बल टी एवं गोल्डन मिल्क बनाने की विधि बताई गई तथा शासन द्वारा इम्यूनिटी बढ़ाने हेतु जारी की गई गाइडलाइन से भी अवगत कराया गया। -
मुंबई, पूणे तथा बैगलूरू से 19, 21 व 22 मई को बिलासपुर पहंुचेंगी गाड़ियांप्रवासी श्रमिकों को कोरबा लाने जिला प्रशासन ने की तैयारी, सभी को 14 दिन क्वारेंटाईन में रखा जायेगा
कोरबा 15 मई : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रयासों से कोरोना वायरस के कारण जारी लाॅक डाउन के दौरान अन्य प्रांतों में फंसे कोरबा जिले के लगभग 135 प्रवासी श्रमिक तथा अन्य लोग तीन विशेष श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से आने वाली 19, 21 व 22 तारीख को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर पहुंचेंगे। बिलासपुर से सभी को विशेष बसों द्वारा कोरबा लाया जायेगा एवं निर्धारित स्वास्थ्य परीक्षण तथा स्क्रिनिंग के बाद 14 दिन के संस्थागत क्वारेंटाइन में रखा जायेगा। इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करने वाले किसी भी श्रमिक से किराया या अन्य कोई भी राशि नहीं ली जायेगी। रवाना होने से पहले सभी लोगों का स्टेशनों पर मेडिकल चेकअप किया जायेगा तथा किसी भी कोविड-19 लक्षण वाले व्यक्ति को यात्रा नहीं करने दी जायेगी।
जिला स्तर पर नियुक्त नोडल अधिकारी श्री अजय उरांव ने आज यहां बताया कि महाराष्ट्र के मुंबई से 20 तारीख को श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिलासपुर के लिए रवाना होगी। इस ट्रेन से छत्तीसगढ़ के लगभग एक हजार 390 श्रमिक वापस लौटेंगे जिनमें से 25 कोरबा जिले के भी हैं। इसी प्रकार 18 मई को महाराष्ट्र के पूणे से एक हजार 324 श्रमिकों को लेकर अन्य स्पेशल गाड़ी चलेगी और 19 मई को बिलासपुर पहुंचेगी। इस गाड़ी में पूणे में फंसे कोरबा के तेरह श्रमिक वापस आयेंगे। 21 मई को बैंगलूरू से एक हजार 481 श्रमिकों को लेकर स्पेशल ट्रेन बिलासपुर के लिए रवाना होगी जिसमें कोरबा के 97 श्रमिक वापस आयेंगे। बिलासपुर रेलवे स्टेशन से इन सभी श्रमिकों को कोरबा लाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पर्याप्त बसें तथा प्रशासनिक टीम भेजी जायेगी। जिले की मेडिकल टीम भी बिलासपुर स्टेशन पर मौजूद रहेगी तथा आने वाले सभी श्रमिकों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जायेगी। कोरबा आने के बाद सभी को 14 दिनों के संस्थागत क्वारेंटाइन में रखा जायेगा। - महासमुंद 15 मई : राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग नवा रायपुर द्वारा 30 अप्रैल 2020 के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2020-21 में दैवीय विपत्तियों एवं अन्य प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हितग्राहियों को तत्काल आर्थिक अनुदान सहायता राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अन्तर्गत उपलब्ध कराने के लिए राज्य आपदा मोचन निधि, दैवीय विपत्तियों के संबंध में राहत के अन्तर्गत जिले को 31 मार्च 2021 के पूर्व तक उपयोग करने के लिए महासमुन्द जिले को आबंटित तीन करोड़ आठ लाख सत्तर हजार रूपए को कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने जिले के पाॅचों तहसीलों को शर्तों के अधीन पुर्नराबंटित किया हैं।
- महासमुंद 15 मई : कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं संबंधित विभाग के अधिकारियों को पत्र जारी किया है। जारी पत्र के अनुसार उन्होंने सर्व संबंधितों से आगामी मानसून 2020 में प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था करने के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
श्री जैन ने कहा है कि आगामी मानसून 2020 में जिला एवं तहसील स्तर पर आगामी 01 जून 2020 से कंट्रोल रूम स्थापित कर 24 घंटे संचालित किया जाना हैं। इस संबंध में जिले में एवं जिले के सभी तहसीलों में 01 जून 2020 के बाद आपदा कंट्रोल रूम की स्थापना की जानी है, इसे ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था करने के संबंध में आगामी तिथि को बैठक आयोजित की जाएगी। इस संबंध में संबंधित विभाग द्वारा आगामी मानसून 2020 में प्राकृतिक आपदा से बचाव के सबंध में की गई तैयारी की कार्ययोजना की जानकारी एक सप्ताह के भीतर जिला कार्यालय को उपलब्ध कराएं। -
जिले के गौठान ग्रामों में शत्-प्रतिशत पशुओं में टीकाकरण करने का लक्ष्यजिले में दो लाख 46 हजार पशुओं को गलघोंटू एवं एक लाख 31 हजार पशुओं एकटंगिया टीकाकरण किया जाएगा
महासमुंद 15 मई : बरसात के समय में अक्सर होने वाले गलघोंटू एवं एकटंगिया भूजन्य संक्रामक रोग से पशुओं को बचाने के लिए जिले में सघन टीकाकरण कार्यक्रम 10 मई 2020 से प्रारंभ किया गया है जो आगामी 15 जून 2020 तक चलेगा। जिसमें 75 प्रतिशत पशुओं में टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है वहीं शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना गरूवा कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के गौठान ग्रामों में शतप्रतिशत पशुओं में टीकाकरण किया जाएगा।
पशु चिकित्सा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखण्ड महासमुंद में 69 हजार 185 पशुधन गलघोटू टीकाकरण के लिए लक्षित है वहीं एकटंगिया टीकाकरण के लिए 36 हजार 932 पशुओं का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस कार्य के लिए 39 अमलांे को जिम्मेदारी दी गई है। इसी प्रकार विकासखण्ड बागबाहरा में गलघोंटू टीकाकरण के लिए 61 हजार 431 पशुधन वहीं एकटंगिया टीकाकरण के लिए 32 हजार 718 पशु लक्षित है एवं 23 अमलों को जिम्मेदारी दी गई है। इसी प्रकार विकासखण्ड पिथौरा में गलघोंटू टीकाकरण के लिए 51 हजार 122 एवं एकटंगिया टीकाकरण के लिए 27 हजार 187 पशुओं का टीकाकरण लक्ष्य निर्धारित करते हुए 34 मैदानी अमलों को तैनात किया गया है। बसना विकासखण्ड में गलघोंटू टीकाकरण 28 हजार 626 एवं एकटंगिया टीकाकरण हेतु 15 हजार 270 पशु लक्षित है। इस कार्य को 27 अमलें को पूर्ण करेंगे।
इसी प्रकार सराईपाली विकासखण्ड में गलघोंटू टीकाकरण 35 हजार 636 एवं एकटंगिया टीकाकरण 18 हजार 893 पशुओं का लक्ष्य निर्धारित है। यहां 24 अमलांे को तैनात किया गया है। जिले में 226 गौठान ग्राम है जहाॅ शत्-प्रतिशत पशुओं में टीकाकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस प्रकार दो लाख 46 हजार पशुओं को गलघोंटू एवं एक लाख 31 हजार एकटंगिया टीकाकरण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि गलघोंटू बीमारी में तेज बुखार, गले में सूजन, नाक से स्त्राव, फिर 24 घंटे के भीतर दम घुटने से 70 प्रतिशत पशुओं की मृत्यु हो जाती है। जिसमें वयस्क एवं भैसवंशीय पशु अधिक प्रभावित होते हंै। इसी प्रकार एकटंगिया रोग से चार साल तक के उम्र के बछड़े बछिया पाड़े पड़िया अधिक प्रभावित होते हैं। जिससे 70 प्रतिशत पशुओं की मृत्यु हो जाती है। इस रोग में तेज बुखार, किसी भी एक पैर या कूल्हे के आसपास सूजन दबाने पर चुर्र-चुर्र की आवाज आती है। 24 घंटे के भीतर मृत्यु हो जाती है। छोटे उम्र के पशु ज्यादा प्रभावित होते है। ये छूतदार संक्रामक बीमारी है। इसके प्रकोप होने से कृषकों का काफी आर्थिक क्षति पहंुचती है। कृषकों को इस क्षति से बचाने के लिए जिले में सघन टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कृषक बंधुओं से इस कार्यक्रम में सहयोग करने की अपील की गई है। -
गौठान ग्रामों को दी जाएगी प्राथमिकता
महासमुंद 15 मई : शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना गरूवा कार्यक्रम के तहत जिले के गौ एवं भैंसवंशीय मादा पशुओं में त्वरित नस्ल सुधार (हिट सिंक्रोनाईजेशन) प्रभावी तकनीक कार्य योजना प्रस्तावित है। जिसमें जिले के गौठान ग्रामों को प्राथमिकता दी जाएगी। पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक ने बताया कि इस तकनीक से बड़ी संख्या में मादा पशुओं का एक साथ कृत्रिम गर्भाधान किया जाना संभव हो पाता है। साथ ही बांझरोग ग्रस्त मादा गौ, भैंसवंशीय पशु भी गर्भधारण कर लेते है। इस तकनीक से त्वरित नस्ल सुधार होकर पैदा होने वाली संतति उच्च अनुवांशिक गुणवत्ता की होती है। जिससे अधिक दुग्धोत्पादन सुनिश्चित होता है। जिले में बड़ी संख्या में प्रजनन योग्य गौ भैंसवंशीय मादा पशु है। इनमंे से दो हजार पशुओं में हिट सिंक्रोनाईजेशन तकनीक उपयोग किया जाना प्रस्तावित है। जिसमें जिले के कुल 226 गौठान ग्रामों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि जिले में कुल तीन लाख 62 हजार 196 गौवंशीय एवं 41 हजार 799 भैसवंशीय पशु है। इस तकनीक का उपयोग देशी गौ भैसवंशीय में किया जाएगा। जिनकी दुग्ध उत्पादन क्षमता अधिकतम 02 लीटर है। इस तकनीक से उत्पन्न संतति की दुग्ध उत्पादन क्षमता 5 से 7 लीटर होती है। जिससे कृषक पशुपालक आर्थिक रूप से लाभान्वित होंगे। - 11 मई से जिले के चयनित गौठान गाॅवों में पषुओं की चारा के लिए पैरा एकत्रित किया जाएगा
महासमुंद 15 मई : राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना सुराजी गांव नरवा, गरूवा, घुरूवा, बारी के तहत जिले में चयनित ग्रामों के स्थापित गौठानों में पशुओं के चारे की व्यवस्था के लिए हार्वेस्टर से फसल कटाई के बाद खेत में बचे हुए पैरा को स्ट्रा बेलर की सहायता से एकत्रित कर समीपस्थ गौठानों में पहुंचाने का कार्य कृषि विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस कार्य को सुचारू रूप से सम्पन्न करने के लिए कृषि विभाग के उप संचालक द्वारा प्रदर्शन कार्ययोजना प्रस्तावित किया गया है।
कार्य योजना के अनुसार महासमुंद विकासखण्ड के गौठान ग्राम शेर के लिए ग्राम धनसुली में 11 मई 2020 को प्रदर्शन प्रस्तावित है। इसी प्रकार 13 मई को गौठान ग्राम कौंदकेरा, 15 मई को लोहारडीह, 17 मई को कोना, 19 मई को खट्टी, 21 मई को बम्हनी एवं 23 मई को ग्राम भुरका में प्रदर्शन प्रस्तावित है। इसी प्रकार बसना विकासखण्ड के गौठान ग्रामों में 15 मई को संतपाली, 17 मई को ठुठापाली, 19 मई को मुढ़ीडीह, 21 मई को गनेकेरा नवागांव, 23 मई को सिंघनपुर, 25 मई को गिधली, 27 मई को बरडीह, 19 मई को खोरापाली, 31 मई को छोटेपटनी, 01 जून को बिछिया सा., 02 जून को दुर्गापाली, 03 जून को सकरी, 04 जून को खरोरा एवं 05 जून 2020 को ग्राम चिमरकेल में धान पैरा एकत्रीकरण प्रदर्शन कार्यक्रम प्रस्तावित है। इसी प्रकार विकासखण्ड सराईपाली में 15 मई को पाटसेन्द्री, 17 मई को मुंधा, 19 मई को केजुवा, 21 मई को जटाकन्हार एवं 23 मई 2020 को ग्राम मनकी में पैरा एकत्र करने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। - महासमुंद 15 मई : पशु चिकित्सा सेवाएं के उपसंचालक डाॅ. डी.डी. झारिया ने भीषण गर्मी को देखते हुए पशुओं के बचाव और उनकी देखभाल के लिए पशुपालक कृषकों को समसामयिक सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि इस समय सूरज की तेज गर्मी के कारण गर्म हवाएं चल रही है। तापक्रम लगभग 40 डिग्री सेंटीग्रेड के आस-पास है। ऐसे में पशुओं को लू लगने एवं उनके बीमार होने की संभावना बनी रहती है। पशुओं को आहार लेने में अरूचि, तेज बुखार, हाॅफना, नाक से स्राव बहना, आंखों से आंसू गिरना एवं आंखों का लाल होना, पतला दस्त होना और शरीर में पानी की अत्यधिक कमी होने से लड़खड़ाकर गिरना आदि लू लगने के प्रमुख लक्षण हैं।
उन्होंने बताया कि पशुओं के बीमार होने के पहले बचाव के उपाय करना लाभकारी होता है। पशुपालक पशुओं के स्वास्थ्य के प्रति बहुत अधिक सावधानी बरतें। पशुओं को सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक कोठे में रखंे। कोठे को खुला न रखकर टाट आदि से ढंक कर रखा जाएं। गर्म हवाओं के थपेड़ों से बचाने के लिए टाट में पानी छिड़क कर वातावरण को ठंडा बनाए रखंे। पशुओं को पर्याप्त मात्रा में पोषण आहार तथा पीने के लिए हमेशा ठण्डा और स्वच्छ पानी दें। पशु को ठोस आहार ना देकर तरल युक्त नरम आहार खिलावंे। विवाह व अन्य आयोजनों के बचे हुए बासी भोज्य पदार्थ पशुओं को नहीं खिलाएं। कोठे की नियमित रूप से साफ-सफाई करें। नवजात बछड़ों-बछियों की विशेष देखभाल करें। संकर नस्ल तथा भैंसवंशी पशुओं को पानी की उपलब्धता के आधार पर कम से कम दिन में एक बार अवश्य नहलाना, धुलाना चाहिए। यदि पशु असामान्य दिखे तो तुरंत निकट के पशु चिकित्सा संस्थान के अधिकारी-कर्मचारी को सूचित कर तत्काल उपचार कराया जाना चाहिए। - जशपुरनगर 15 मई : आदिम जाति विभाग के सहायत आयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में अनुसूचित जनजाति में विद्यार्थियों का वर्ष 2020-21 में कक्षा छठवीं में प्रवेश परीक्षा के लिए संशोधित तिथि जारी किया गया है। पूर्व में 31 मई 2020 तिथि निर्धारित थी। कोरोना वायरस संक्रमण बचाव को देखते हुए शासन द्वारा नई तिथि के अनुसार 11 जून 2020 दिन गुरूवार प्रातः 10.30 से 12.30 तक परीक्षा आयोजित की जाएगी।
- जशपुरनगर 15 मई : कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के निर्देशन में जिले में नोवल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा एवं नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए जिले में जिला स्तरीय आईसोलेशन सेंटर या कोविड केयर सेंटर के रूप में डी.पी.आर.सी. भवन एवं प्रयास आवासीय छात्रावास को स्थापित किया गया है इन आईसोलेशन सेंटरो की सतत निगरानी एवं समुचित व्यवस्था जैसे साफ-सफाई, बिस्तर, भोजन, पानी, बिजली, स्नानागार, शौचालय एवं बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जशपुर श्री प्रेम सिंह मरकाम को प्रभारी अधिकारी नियुक्ति किया गया है।
डिप्टी कलेक्टर सुश्री आकांक्षा त्रिपाठी को आईसोलेशन सेंटर का जिला का नोडल अधिकारी, श्री प्रेम सिंह मरकाम को कोरोना प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। आर.एम.ओ डाॅ. अनुरंजन टोप्पों को जिला चिकित्सालय जशपुर का सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग एस.के. वाहने को विशेष कत्र्वय अधिकारी नियुक्त किया गया है। डीपीएम गणपत नायक ने जानकारी देते हुए बताया कि लाईवलीहुड काॅलेज में भी 250 बेड का आईसोंनेशन सेंटर बनाने की निर्देश दिए गए। - बेमेतरा 15 मई : यदि आपके आस-पास घर-पड़ोस मे देश के दुसरे राज्यों या अन्य जिलों से कोई भी व्यक्ति बेमेतरा जिले मे आया हो तो उसकी जानकारी जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग को देवें। कलेक्टर एंव जिला दण्डाधिकारी श्री शिव अनंत तायल ने जिले मे बड़ी संख्या मे बाहर आ रहे प्रवासी श्रमिकों और लोगों से कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए यह अपील जिला वसियों से की है। बेमेतरा जिले मे बाहर कहीं से भी आने वाले श्रमिक या अन्य किसी भी कारण से आने वाले लोगों की जानकारी जिला प्रशासन को देना अनिवार्य किया गया है। रेल, बस, पैदल या अन्य साधन से बाहर से आने वाले सभी लोगांे को 14 दिनों तक प्रशासन द्वारा बनायें गयें क्वारंेटाइन सेंटरों मे रखा जायेगा। ऐसे लोगों की जानकारी छुपाने और उनसे कोरोना संक्रमण होने पर संबंधित लोगों के विरुद्ध प्रशासन द्वारा महामारी नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्यवाही भी की सकेगी।
कलेक्टर ने बताया कि जिले मे कोरोना संक्रमण को रोकने और स्वास्थ को ध्यान मे रखकर उनकी बेहतरी के लिए यह व्यवस्था की गई है। उन्होने बताया कि इस व्यवस्था से बाहर से आये लोगों का सीधे घर न जाकर 14 दिन अलग क्वारेंटाइद सेंटर मे रहने से उनके परिजनों के साथ-साथ आस-पास के लोगों मे भी कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकेगा।श्री तायल ने बताया कि बड़ी संख्या मे प्रवासी श्रमिको अैर अन्य किसी कारणें से बाहर गये लोगों के बेमेतरा जिले मे वापस लौटकर सीधें अपने-अपने घर पहुँच जाने से ग्रामीण और शहरी इलाकों मे कोराना संक्रमण के फैलाव की आशंका है। कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि कोरोन को जिले मे फलने से रोकने के लिए बाहर से आये किसी भी व्यक्ति की जानकारी तत्काल जिला प्रशासन को देवें। जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों, स्कूलों एवं सामुदायिक भवनों को क्वारेंटादन सेटर बनाया गया है। - बेमेतरा 15 मई : कलेक्टर ने आज शुक्रवार को एक आदेश जारी कर कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु सौंपे गये कार्याें के दायित्व निर्वहन मे लापरवाही एवं उदासीनता बरतने के कारण साजा ब्लाॅक के एक पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है। ग्राम पंचायत नवागांव गहिरा मे पदस्थ ग्राम पंचायत सचिव जनक लाल यादव को छ.ग. पंचायत सेवा (आचरण तथा अपील) नियम 1999 के उपनियम 4(1) मे दिये गये प्रावधानों के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबति किया गया है। निलंबन अवधि मे इनका मुख्यालय जनपद पंचायत साजा नियत किया गया है तथा निलंबन अवधि मे इन्हे नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
- जशपुरनगर 15 मई : जिले की एरोबिक्स के महिला सदस्यों के द्वारा कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर को कलेक्ट्रेट कक्ष में कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण सुरक्षा एवं बचाव में अपना योगदान देते हुए जशपुर कलेक्टर रिलिफ फंड में 21 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की। इस अवसर पर एरोबिक्स टीम की श्रीमती मधु मिश्रा, श्रीमती सुधा शर्मा, श्रीमती तनुजा गुप्ता, सुश्री सुमन गुप्ता एवं मनीषा छाबड़ा उपस्थित थे। कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने सभी एरोबिक्स टीम की महिलाओं की इस कार्य को सराहा एवं इसी तरह सभी लोगों को से आगे बढ़कर मदद करने का आग्रह किया।
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दो माह में बीस हजार से अधिक खातों से हुआ दो करोड़ रूपये का लेनदेन,घर-घर पहुॅंच 63 बैंक सखियाॅं दे रही बैंकिंग सुविधायें, घर बैठे मिल रही पेंशन, मजदूरी की राशि
कोरबा 15 मई :कोरोना संक्रमण के कारण एक ओर जहां बैंकों में कामकाज सीमित हो गया है, बैंकों में भीड़ लगाने पर मनाही है, एटीएम मशीन काउंटरों पर सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन के मानक जरूरी किये गये हैं तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में भी लोगों को बैंकिंग सुविधाओं के लिए किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो रही है। ऐसी परिस्थितियों में भी पिछले दो महिनें में कोरबा जिले के ग्रामीण इलाकों के बीस हजार 467 लोगों ने दो करोड़ दो लाख रूपये से अधिक का लेनदेन अपने बैंक खातों से घर बैठे कर लिया है। किसी ने पेंशन निकाली है, तो किसी ने मनरेगा की मजदूरी पाई है। कोरबा जिले में गांव-गांव तक बैंकिंग सेवाओं को पहुॅंचाने के लिये 63 बैंक सखियों द्वारा लगातार काम किया जा रहा है।
घर-घर पहुॅंचकर लेपटाॅप या छोटी सी हाथ से चलने वाली कियोस्क टाइप मशीन से यह बैंक सखियाॅं किसी महिला को वृद्धावस्था पेंशन की राशि दे रही हैं, तो किसी ग्रामीण को मनरेगा की मजदूरी का भुगतान भी कर रही हैं। बैंकों में जमा ग्रामीणों के रूपये उनके घर में पहुॅंचकर उन्हें आसानी से मिल जा रहे हैं। कोरबा जिले में वर्तमान में पाॅंच बैंकों की 63 बैंक सखियाॅं ग्रामीणों को नगद राशि निकालने, जमा करने, एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करने जैसी सेवायें घर पहुॅंचकर दे रही हैं। इन बैंक सखियांे द्वारा ग्रामीण क्षेत्रांे में लोगों के नये खाते खोलने और उनके खाते में बचत राशि की जानकारी भी तत्काल दी जा रही है। जिले में पिछले दो महिनों में इन बैंक सखियांे द्वारा 20 हजार 467 लोगों के बैंक खातों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। जिनसे दो करोड़ दो लाख रूपये से ज्यादा का लेनदेन हो चुका है। बैंक सखियों ने पिछल दो महिने में छह हजार 941 पेंशन हितग्राहियों, दो हजार 293 मनरेगा मजदूरों, दो हजार 482 जनधन खाताधारकों और सात हजार 786 सामान्य खाता धारकों को कोरोना संक्रमण के इस दौर में घर पहुंचकर राशि उपलब्ध कराई है। इस दौरान मुंह पर मास्क लगाने के साथ-साथ सोशल डिस्टेसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
किसी बीमार के ईलाज के लिये तत्काल राशि उपलब्ध कराना हो तो बैंक सखी अपने लेपटाॅप और माॅरफो डिवाईस या पाॅस मशीन लेकर सीधे अस्पताल में भर्ती मरीज तक पहुॅंच जाती है और उसके अंगूठे के निशान से ही जरूरत की राशि उसके खाते से निकालकर तत्काल उपलब्ध करा देती है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस जयवर्धन ने बताया कि जिले में वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की 52, भारतीय स्टेट बैंक की 5, पंजाब नेशनल बैंक की 3 और यूनियन बैंक की एक और ओरिएन्टल बैंक आॅफ काॅमर्स की 2 बैंक सखियाॅं कार्यरत् हैं। हर एक बैंक सखी का कार्यक्षेत्र तीन से पाॅंच ग्राम पंचायतों को मिलाकर निर्धारित किया गया है। ग्राम पंचायतों में निर्धारित जगहों पर भी उपस्थित रहकर यह बैंक सखियाॅं लोगों को मनरेगा मजदूरी भुगतान, छात्रवृत्ति भुगतान, सामाजिक सुरक्षा पेंशनों का वितरण और अपने बैंक खातों में जमा रूपयों के लेनदेन-नगद निकासी-जमा की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं।कोरोना काल में शिवकुमारी बनीं बैंक आईकाॅन- विकासखण्ड करतला के ग्राम पंचायत कलगामार में बैंक सखी के रूप में श्रीमती शिवकुमारी राठिया कार्यरत् हैं। शिव-शक्ति महिला स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती राठिया ओरिएन्टल बैंक आॅफ काॅमर्स की बैंक सखी हैं।
वे सितम्बर 2019 से बैंक सखी के रूप में काम कर रही हैं और कलगामार सहित आसपास की ग्राम पंचायतों के 1431 बैंक खातों की देखरेख और उनसे रूपयों का लेनदेन की पूरी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभा रही हैं। श्रीमती राठिया बताती हैं कि कोरोना संक्रमण से बने हालातों में बैंकों में भीड़ नहीं होने के निर्देष है। लोगों को अपने खातों से पैसा निकालने के लिए बैंकों में देर-देर तक इंतजार करना पड़ रहा है। साथ ही कोरोना फैलने का डर अलग सता रहा है। श्रीमती शिवकुमारी ने बताया कि वे अपने कियोस्क मशीन के साथ घर-घर जाकर लोगों को उनके खातों से पैसा निकालकर दे रहीं हैं। शिवकुमारी लोगों को सबसे पहले अपने हाथों को सेनेटाइज करने के लिए सेनेटाइजर देती हैं। एक व्यक्ति का अंगूठा बायो मैट्रिक पहचान के लिए मशीन पर लगाने के बाद मशीन को सेनेटाइज किया जाता है। लेनदेन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन किया जाता है। शिवकुमारी जैसी ही अन्य बैंक सखियां भी ग्रामीणों से लेनदेन के दौरान उन्हें कोरोना बीमारी के बारे में जानकारी देती हैं और उससे बचाव के तरीके भी बताती हैं।
शिवकुमारी ने उन्होंने अभी तक लगभग 30 लाख रूपयों का लेनदेन बैंक सखी के रूप में कर दिया है। वे बताती हैं कि बुजुर्ग, दिव्यंाग, बीमार, विद्यार्थियों सहित जरूरतमंद लोगों को समय पर उनकी बैंकों में जमा राशि घर पहुॅंचाकर मिल जाने से लोग उन्हें बहुत धन्यवाद और दुआयें देते हैं। इससे उन्हें हर महीने चार हजार रूपये का कमीशन बैंक की तरफ से मिल जाता है और डेढ़ हजार रूपये का मानदेय बिहान योजना से मिलता है। श्रीमती राठिया बताती हैं कि हर महीने निश्चित आमदनी से अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने में उन्हें बहुत सहुलियत मिल रही है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर में नई वस्तुयें खरीदने तक की योजना अब वे बिना किसी चिन्ता के बनाकर पूरी कर भी लेती हैं। - दो माह में बीस हजार से अधिक खातों से हुआ दो करोड़ रूपये का लेनदेन,घर-घर पहुँच 63 बैंक सखियाॅं दे रही बैंकिंग सुविधायें, घर बैठे मिल रही पेंशन, मजदूरी की राशि
कोरबा 15 मई : कोरोना संक्रमण के कारण एक ओर जहां बैंकों में कामकाज सीमित हो गया है, बैंकों में भीड़ लगाने पर मनाही है, एटीएम मशीन काउंटरों पर सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन के मानक जरूरी किये गये हैं तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में भी लोगों को बैंकिंग सुविधाओं के लिए किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो रही है। ऐसी परिस्थितियों में भी पिछले दो महिनें में कोरबा जिले के ग्रामीण इलाकों के बीस हजार 467 लोगों ने दो करोड़ दो लाख रूपये से अधिक का लेनदेन अपने बैंक खातों से घर बैठे कर लिया है। किसी ने पेंशन निकाली है, तो किसी ने मनरेगा की मजदूरी पाई है। कोरबा जिले में गांव-गांव तक बैंकिंग सेवाओं को पहुॅंचाने के लिये 63 बैंक सखियों द्वारा लगातार काम किया जा रहा है। घर-घर पहुॅंचकर लेपटाॅप या छोटी सी हाथ से चलने वाली कियोस्क टाइप मशीन से यह बैंक सखियाॅं किसी महिला को वृद्धावस्था पेंशन की राशि दे रही हैं, तो किसी ग्रामीण को मनरेगा की मजदूरी का भुगतान भी कर रही हैं। बैंकों में जमा ग्रामीणों के रूपये उनके घर में पहुॅंचकर उन्हें आसानी से मिल जा रहे हैं। कोरबा जिले में वर्तमान में पाॅंच बैंकों की 63 बैंक सखियाॅं ग्रामीणों को नगद राशि निकालने, जमा करने, एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करने जैसी सेवायें घर पहुॅंचकर दे रही हैं। इन बैंक सखियांे द्वारा ग्रामीण क्षेत्रांे में लोगों के नये खाते खोलने और उनके खाते में बचत राशि की जानकारी भी तत्काल दी जा रही है। जिले में पिछले दो महिनों में इन बैंक सखियांे द्वारा 20 हजार 467 लोगों के बैंक खातों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। जिनसे दो करोड़ दो लाख रूपये से ज्यादा का लेनदेन हो चुका है। बैंक सखियों ने पिछल दो महिने में छह हजार 941 पेंशन हितग्राहियों, दो हजार 293 मनरेगा मजदूरों, दो हजार 482 जनधन खाताधारकों और सात हजार 786 सामान्य खाता धारकों को कोरोना संक्रमण के इस दौर में घर पहुंचकर राशि उपलब्ध कराई है। इस दौरान मुंह पर मास्क लगाने के साथ-साथ सोशल डिस्टेसिंग का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
किसी बीमार के ईलाज के लिये तत्काल राशि उपलब्ध कराना हो तो बैंक सखी अपने लेपटाॅप और माॅरफो डिवाईस या पाॅस मशीन लेकर सीधे अस्पताल में भर्ती मरीज तक पहुॅंच जाती है और उसके अंगूठे के निशान से ही जरूरत की राशि उसके खाते से निकालकर तत्काल उपलब्ध करा देती है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एस जयवर्धन ने बताया कि जिले में वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की 52, भारतीय स्टेट बैंक की 5, पंजाब नेशनल बैंक की 3 और यूनियन बैंक की एक और ओरिएन्टल बैंक आॅफ काॅमर्स की 2 बैंक सखियाॅं कार्यरत् हैं। हर एक बैंक सखी का कार्यक्षेत्र तीन से पाॅंच ग्राम पंचायतों को मिलाकर निर्धारित किया गया है। ग्राम पंचायतों में निर्धारित जगहों पर भी उपस्थित रहकर यह बैंक सखियाॅं लोगों को मनरेगा मजदूरी भुगतान, छात्रवृत्ति भुगतान, सामाजिक सुरक्षा पेंशनों का वितरण और अपने बैंक खातों में जमा रूपयों के लेनदेन-नगद निकासी-जमा की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं।
कोरोना काल में शिवकुमारी बनीं बैंक आईकाॅन- विकासखण्ड करतला के ग्राम पंचायत कलगामार में बैंक सखी के रूप में श्रीमती शिवकुमारी राठिया कार्यरत् हैं। शिव-शक्ति महिला स्व सहायता समूह की सदस्य श्रीमती राठिया ओरिएन्टल बैंक आॅफ काॅमर्स की बैंक सखी हैं।
वे सितम्बर 2019 से बैंक सखी के रूप में काम कर रही हैं और कलगामार सहित आसपास की ग्राम पंचायतों के 1431 बैंक खातों की देखरेख और उनसे रूपयों का लेनदेन की पूरी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभा रही हैं। श्रीमती राठिया बताती हैं कि कोरोना संक्रमण से बने हालातों में बैंकों में भीड़ नहीं होने के निर्देष है। लोगों को अपने खातों से पैसा निकालने के लिए बैंकों में देर-देर तक इंतजार करना पड़ रहा है। साथ ही कोरोना फैलने का डर अलग सता रहा है। श्रीमती शिवकुमारी ने बताया कि वे अपने कियोस्क मशीन के साथ घर-घर जाकर लोगों को उनके खातों से पैसा निकालकर दे रहीं हैं। शिवकुमारी लोगों को सबसे पहले अपने हाथों को सेनेटाइज करने के लिए सेनेटाइजर देती हैं। एक व्यक्ति का अंगूठा बायो मैट्रिक पहचान के लिए मशीन पर लगाने के बाद मशीन को सेनेटाइज किया जाता है।
लेनदेन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन किया जाता है। शिवकुमारी जैसी ही अन्य बैंक सखियां भी ग्रामीणों से लेनदेन के दौरान उन्हें कोरोना बीमारी के बारे में जानकारी देती हैं और उससे बचाव के तरीके भी बताती हैं। शिवकुमारी ने उन्होंने अभी तक लगभग 30 लाख रूपयों का लेनदेन बैंक सखी के रूप में कर दिया है। वे बताती हैं कि बुजुर्ग, दिव्यंाग, बीमार, विद्यार्थियों सहित जरूरतमंद लोगों को समय पर उनकी बैंकों में जमा राशि घर पहुॅंचाकर मिल जाने से लोग उन्हें बहुत धन्यवाद और दुआयें देते हैं। इससे उन्हें हर महीने चार हजार रूपये का कमीशन बैंक की तरफ से मिल जाता है और डेढ़ हजार रूपये का मानदेय बिहान योजना से मिलता है। श्रीमती राठिया बताती हैं कि हर महीने निश्चित आमदनी से अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने में उन्हें बहुत सहुलियत मिल रही है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर में नई वस्तुयें खरीदने तक की योजना अब वे बिना किसी चिन्ता के बनाकर पूरी कर भी लेती हैं। -
बाहर से आने वालों को 14 दिन तक रहना होगा संस्थागत क्वारेंटाइन में
एक सौ ग्यारह सेंटरों में जिला प्रशासन की तैयारियां पूरी, जानकारी छुपाने पर हो सकेगी कार्यवाही
कोरबा 15 मई : यदि आपके आस पास, घर-पड़ोस में देश के अन्य प्रान्तों या अन्य जिलों से कोई भी व्यक्ति कोरबा आया हो तो उसकी जानकारी जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग को फोन नंबर 07759-224827 और 228548 पर देवें। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले में बड़ी संख्या में बाहर से आ रहे प्रवासी श्रमिकों और लोगों से कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए यह अपील जिला वासियों से की है। कोरबा जिले में बाहर कहीं से भी आने वाले किसी भी श्रमिक, विद्यार्थी, तीर्थ यात्री, पर्यटक या अन्य किसी भी कारण से आने वाले लोगों की जानकारी जिला प्रशासन को देना अनिवार्य किया गया है। रेलों, बसों, पैदल या किसी भी तरीके से बाहर से आने वाले सभी लोगों को 14 दिनों तक प्रशासन द्वारा बनाये गये क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा जायेगा। ऐसे लोगों की जानकारी छुपाने और उनसे कोरोना संक्रमण होने पर संबंधित लोगों के विरूद्ध प्रशासन द्वारा महामारी नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्यवाही भी की जा सकेगी। अन्य जिलों में बाहर से आये प्रवासी मजदूरों और लोगों में से जांच के दौरान कोरोना संक्रमित लोगों की पहचान होने के बाद कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कोरबा जिले के लिए ऐसी व्यवस्था की है।
इस बारे में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक लेकर जरूरी निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने बताया कि बाहर से आने वाले लोगों को सीधे उनके घर जाने से रोककर 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन में रखा जायेगा। कलेक्टर ने बताया कि जिला वासियों में कोरोना संक्रमण को रोकने और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर उनकी बेहतरी के लिए ही यह व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से बाहर से आये लोगों का सीधे घर न जाकर 14 दिन अलग क्वारेंटाइन सेंटर में रहने से उनके परिजनों के साथ-साथ आसपास के लोगों में भी कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकेगा। श्रीमती कौशल ने बताया कि बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों और अन्य किसी कारणों से बाहर गये लोगों के कोरबा जिले में वापस लौटकर सीधे अपने-अपने घर पहुंच जाने से ग्रामीण और शहरी इलाकों में कोरोना संक्रमण के फैलाव की आशंका है।
कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि कोरोना को जिले में फैलने से रोकने के लिए बाहर से आये किसी भी व्यक्ति की जानकारी तत्काल जिला प्रशासन को देवें। कलेक्टर ने बताया कि बाहर से आने वाले सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन ने संस्थागत क्वारेंटाइन की पूरी व्यवस्थाएं कर ली है। जिले में ग्रामीण और शहरी इलाको को मिलाकर अब तक 111 क्वारेंटाइन सेंटरों में साढ़े सात हजार लोगों के 14 दिनों तक रूकने के लिए भोजन, साफ-सफाई, शौचालय, स्नानागार, पंखे, सुरक्षा के साथ-साथ मेडिकल चेकअप और सामान्य ईलाज की भी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा चुकी है। श्रीमती कौशल ने बताया कि इन क्वारेंटाईन सेंटरों में अभी तक अन्य राज्यों एवं जिलों से आये एक हजार से अधिक लोगों को रखा गया है।
श्रीमती कौशल ने बताया कि बाहर से आने वाले उच्च एवं मध्यम वर्गीय लोगों के लिए उनकी मांग पर पेड क्वारेंटाइन की व्यवस्था भी जिला प्रशासन ने की है। शहरी क्षेत्रों में नौ विभिन्न होटलों-लाॅजों में बनाये गये पेड क्वारेंटाइन सेंटरों में अभी 84 लोगों को रखा गया है। प्रशासन द्वारा होटल संचालकों की सहमति से निर्धारित की गई रियायती दर में ठहरने के साथ-साथ सुबह-शाम नाश्ता और दोपहर तथा रात का शाकाहारी भोजन शामिल किया गया है। पेड क्वारेंटाइन में रहने वाले लोगों द्वारा किसी भी अतिरिक्त सुविधा के लिए होटल संचालकों को अतिरिक्त शुल्क अदा करना होगा। कलेक्टर ने यह भी बताया कि बाहर से आने वाले बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए भी जिला प्रशासन द्वारा आइसोलेशन की व्यवस्था की गई है।
बाहर से आने वाले बुजुर्गों, बीमारों, गर्भवती महिलाओं जिन्हे कोरोना से बचाव के साथ-साथ अन्य परेशानियों के लिए भी अतिरिक्त चिकित्सा एवं देखरेख की जरूरत है, ऐसे सभी लोगों को जिला प्रशासन द्वारा बालाजी ट्रामा सेंटर में आइसोलेशन में रखे जाने की व्यवस्थाएं कर ली गई है। कलेक्टर ने जिला वासियों से अपील की है कि उनके घर-परिवार, रिश्तेदारों या आस-पड़ोस में कहीं भी बाहर से आने वाले लोगों को जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जारी किये गये दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा और ऐसे सभी लोगों की सूचना वे प्रशासन को समय पर देवें ताकि सभी के सहयोग से जिले में कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके। -
दुर्ग 14 मई : दिनांक 24 मार्च से जारी लाॅकडाउन के बाद से भिलाई निगम क्षेत्र में कोरोना को मात देने निगम की लगभग 430 महिला सफाई कर्मी पूरे जज्बे के साथ स्वच्छता के क्षेत्र में काम कर रही है। सड़क और नालियों की सफाई के साथ ही डेंगू और पीलिया जैसी बीमारियों के रोकथाम हेतु हर कार्य को अंजाम दे रही है। सभी जोन के स्वास्थ्य विभाग में तैनात महिला स्वच्छता कर्मचारी भिलाई निगम क्षेत्र में गंदगी को दूर भगाने और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूकता का संदेश दे रही है। क्लोरीन टैबलेट, टेमिफाॅस की बाॅटल वितरण हो या फिर पाम्प्लेट चस्पा करना हो हर र्मोचे पर निगम की महिला कर्मचारी खरी उतर रही है। 26 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाएं कोरोना वारियर्स के रूप में कार्य कर रही है।
महिला स्वच्छता कर्मचारी प्रथम पाली प्रातः 6ः00 से 2ः00 बजे तक कार्य करती हैं, परंतु कोरोना वायरस के रोकथाम एवं नियंत्रण तथा डेंगू एवं पीलिया के रोकथाम के तहत व समय-समय पर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए निर्धारित समय का भी का ख्याल न रखते हुए अपने क्षेत्र पर कार्य करती रही है। नगर पालिक निगम भिलाई के स्वच्छता विभाग में कार्यरत महिला कर्मचारी जो शहर के साफ-सफाई से लेकर स्वच्छता के हर कार्य में पूरी मुस्तैदी से जुटे हुए है। निगम क्षेत्र में किसी भी प्रकार के संक्रमण की रोकथाम करने प्रतिदिन सफाई कार्य कर रही है।
लॉक डाउन के दौरान कई दफा इन्हें अपने कर्तव्य क्षेत्र में पहुंचने में कठिनाई हुई परंतु फिर भी कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए डटी रही। सड़क, नालियों से कचरा उठाव से लेकर एसएलआरएम सेंटर में कचरो के निष्पादन तक महिलाएं लाॅकडाउन में निरंतर अपनी सेवाएं दे रही है। स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा ने बताया कि पीलिया, बीमारी से बचाव हेतु घर-घर क्लोरीन टैबलेट बांटना हो या डेंगू के प्रकोप से बचाव हेतु टेमिफास बाटल वितरण करना हो चाहे जागरूकता हेतु पाम्प्लेट वितरण व चस्पा के साथ ही जोन कार्यालयों में भी कई तरह के स्वच्छता संबंधित आवश्यक कार्य को स्वास्थ्य विभाग के महिला कर्मचारी बखूबी निभा रहे है। स्वच्छता अत्यावश्यक सेवा होने के कारण लाॅकडाउन होने के बाद भी निरंतर अपनी सेवाएं शहर को दे रही हैं। कंटेनमेंट जोन वाले क्षेत्रों में भी महिला कर्मी बेझिझक साफ-सफाई के कार्य का निर्वहन करने में जुटी हुई हैं। -
डेंगू के रोकथाम एवं नियंत्रण के तहत महापौर देवेंद्र यादव, कलेक्टर श्री अंकित आनंद एवं निगमायुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने वार्ड 25 संतोषी पारा का किया दौरा, घरों में पहुंचकर बताएं टेमीफास् की उपयोगिता
दुर्ग 14 मई : डेंगू नियंत्रण एवं रोकथाम के तहत आज महापौर एवं भिलाई नगर विधायक श्री देवेंद्र यादव, दुर्ग जिले के कलेक्टर श्री अंकित आनंद, निगमायुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने वार्ड 25 संतोषी पारा क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस क्षेत्र में डेंगू के मरीज पाए गए थे जिसमें से दो ठीक हो कर घर वापस आ चुके हैं, इन मरीजों और परिजनों का हालचाल जानने के लिए महापौर सहित कलेक्टर एवं निगम कमिश्नर क्षेत्र में पहुंचे। वार्ड क्षेत्र में पहुंचकर सभी ने आसपास के रहवासियों से चर्चा किए तथा आस-पास में कोई और परिवार का सदस्य बीमार तो नहीं है की जानकारी लिए लोगों को बताया गया कि डेंगू का लार्वा नष्ट करने के लिए निगम द्वारा वितरण किए जा रहे टेमीफास् का उपयोग कैसे करना है तथा कितनी मात्रा में इसका उपयोग करना है! क्षेत्र का भ्रमण करते हुए टेमीफास् वितरण की जानकारी घरों से प्राप्त किए। इस दौरान लोगों को बताया गया कि अपने घर के कूलर की नियमित रूप से सफाई कर पानी को प्रतिदिन परिवर्तन करते रहे, पुराने जमा हुए पानी में टेमीफास् का उपयोग कर डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के पश्चात ही उसे खाली करें, पुराने पात्र, अनुपयोगी पात्र, टायर, गमला इत्यादि में पानी जमा न होने दें जिससे डेंगू के लार्वा को पनपने का अवसर न मिले। पुराने जमा पानी में डेंगू के लार्वा को नष्ट किए गए बगैर पानी को न बहाए। वार्ड के रहवासियों को बताया गया कि टेमीफास् का दो बूंद ही कूलर एवं विभिन्न पात्रों में जहां पानी जमा है लार्वा को नष्ट करने के लिए उपयोग करें, प्रतिदिन इसका उपयोग करना आवश्यक नहीं है 2 से 3 दिनों के अंतराल में इसका उपयोग कर सकते हैं।
घर-घर किया जा रहा है सर्वे अब तक संतोषीपारा में 2194 से अधिक घरों का सर्वे किया जा चुका है। सर्वे के दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम की टीम घर-घर जाकर, डेंगू से संबंधित लक्षण की जानकारी, कूलर की जांच, अनुपयोगी पात्रों की जांच कर उसमें यदि पानी भरा हो तो टेमीफास् का उपयोग करके उसे हटा देना या फिर उलट कर रख देने का कार्य भी कर रहे हैं।
1080 घरों के कूलर का निरीक्षण घर-घर जाने के दौरान 1080 घरों के कूलर का निरीक्षण स्वास्थ्य एवं निगम की टीम द्वारा किया जा चुका है, यह कार्य आगे भी जारी है। यह देखा जा रहा है कि कूलर में पुराना पानी तो जमा नहीं है और ऐसे जमे हुए पानी में टेमीफास् का उपयोग डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान कई लोग कूलर का उपयोग नहीं करते पाए गए परंतु उन्हें भी अनुपयोगी पात्रों में जलजमाव होने नहीं देने जानकारी दी जा रही है और सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने समझाइश दी जा रही है।
सर्दी, खांसी, बुखार आदि से पीड़ितों की जांच जिला स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया अधिकारी डॉक्टर एस के मंडल ने बताया कि 16 टीम के द्वारा सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित या प्रभावित लोगों की जानकारी प्राप्त की जा रही है और आवश्यक होने पर रक्त नमूना भी एकत्रित कर परीक्षण किया जा रहा है।
नियमित रूप किया जा रहा है टेमीफास् का वितरण एवं फागिंग डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए घर-घर टेमीफास् का वितरण किया जा रहा है अब तक संतोषी पारा क्षेत्र के 12 सौ से अधिक घरों में इसका वितरण किया जा चुका है। साथ ही मच्छर उन्मूलन के तहत प्रतिदिन सघन रूप से फागिंग कराई जा रही है! इसके लिए निगम द्वारा स्पेशल गैंग लगाई है।
निगम प्रशासन आमजन से अपील करता है कि डेंगू से संबंधित किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई दे तो तत्काल अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर चिकित्सीय जांच कराएं। घर एवं आसपास जलजमाव न होने दें, अनुपयोगी पात्रों को हटा ले या फिर उलट कर रख दें जिससे जलजमाव की स्थिति न बने। साफ पानी में पनपने वाले डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए टेमीफास् का उपयोग करें और इसे बच्चों से काफी दूर रखें। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त तरुण पाल लहरें, जोन आयुक्त जोन क्रमांक 3 महेंद्र पाठक, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा, कार्यपालन अभियंता डीके वर्मा, उप अभियंता श्वेता वर्मा, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली सहित अन्य मौजूद रहे। -
दुर्ग 14 मई : नगर पालिक निगम भिलाई के मंगल भवन खुर्सीपार को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है जहां पर 7 मजदूर बाहर से आकर इस क्वॉरेंटाइन सेंटर में रुके हुए हैं। 3-4 दिनों पूर्व विभिन्न क्षेत्रों से आए मजदूरों को यहां पर रखा गया है जिन्हें सुबह चाय, नाश्ता एवं दोनों टाइम का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। मंगल भवन स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए कार्यपालन अभियंता संजय बागड़े को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। मंगल भवन में रुकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था मौजूद है दो हॉल सहित यहां पर 8 कमरे हैं और इसकी क्षमता 100 से अधिक लोगों को रखने की है। ठहरे हुए मजदूरोंध्श्रमिकों के समय व्यतीत करने के लिए कैरम बोर्ड की व्यवस्था की गई है, इन मजदूरों में से दो दुर्ग के हैं और तीन खुर्सीपार क्षेत्र के हैं, अभी पांच लोग यहां पर रह रहे हैं।
इस भवन से लगे हुए कमरे में पुलिस बल मौजूद है जो इनकी निगरानी रख रही है ताकि यह कहीं बाहर न जा सके, निगम की टीम भी मौजूद रहकर साफ सफाई, सैनिटाइजिंग का कार्य कर रही है। इस भवन में शौचालय, पंखा, कूलर, पेयजल एवं विद्युत व्यवस्था मौजूद है। इसके अतिरिक्त इन मजदूरों को सैनिटाइजर, मास्क, साबुन आदि प्रदाय किया गया है तथा थर्मल स्क्रीनिंग से टेंपरेचर की जांच की गई है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र मध्य प्रदेश, उड़ीसा इत्यादि प्रदेशों से लॉक डाउन में फंसे हुए 32 लोगों को इस स्थल पर रहने एवं खाने की जगह देकर पर्याप्त सुविधा मुहैया कराई गई थी, इस दौरान निगम के महापौर एवं आयुक्त सहित आला अधिकारी भी इनकी व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहते थे, कुछ दिन पूर्व ही इन्हें उनके राज्यों के लिए रवाना किया जा चुका है। -
- सभी आवश्यक सुविधाएं कराई गईं उपलब्ध
दुर्ग 14 मई : दूसरे राज्यों से आए ग्रामीणों के क्वारंटीन में रहने के दौरान उनकी सुविधाओं की समीक्षा आज जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने की। अधिकारियों से उन्होंने विभिन्न जगहों में रह रहे लोगों के क्वारंटीन के संबंध में और मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि 1061 मजदूर ग्राम पंचायतों में और 304 मजदूर जनपद पंचायत में क्वारंटीन में हैं। इनके लिए सैनिटाइजेशन की व्यवस्था, संक्रमण के रोकथाम के लिए किए गए इंतजाम आदि की जानकारी सीईओ ने बैठक में ली। बैठक में मनरेगा, गौठान निर्माण, आजीविकामूलक गतिविधियों के बारे में समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि एसओपी ( स्टैंडर्ड आपरेटिव प्रोसीजर) के मुताबिक पूरा कार्य किया जा रहा है। बाहर से आ रहे मजदूरों की जानकारी त्वरित रूप से दी जा रही है और उनके आइसोलेशन और क्वारंटीन तथा स्वास्थ्य जांच के बारे में तत्काल कार्य किया जा रहा है। इसकी मानिटरिंग के लिए पूरी टीम लगाई गई है।
मनरेगा अंतर्गत होने वाले व्यापक पौधरोपण कार्य की समीक्षा की गई और इसके लिए कार्ययोजना बनाई गई। सीईओ ने कहा कि इस बार व्यापक रूप से पौधरोपण का कार्य होगा। इसके लिए भूमि के चिन्हांकन के लिए कार्य करें और पौधरोपण की बेहतर योजना बनाकर इसे कार्यान्वित करने की दिशा में काम करें। ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वसहायता समूहों को साबुन, फिनाईल, ट्री गार्ड, चैन फेंसिंग आदि का प्रशिक्षण देना तथा इसका निर्माण कार्य आरंभ करने के निर्देश दिए गए। विभिन्न गौठानों में आसपास की जरूरतों के मुताबिक चीजों के उत्पादन करना एवं बाजार को देखते हुए आजीविकामूलक गतिविधियों के संचालन के निर्देश दिए गए। बैठक में सभी ब्लाक के सीईओ, ईई आरईएस, कार्यक्रम अधिकारी एवं अन्य ब्लाकस्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। -
- सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हुआ बैठक का आयोजन
दुर्ग 14 मई : गौठान समितियों के गठन के पश्चात इसकी पहली बैठक सभी गौठान वाले ग्राम पंचायतों में हुई। बैठक में गौठान समितियों द्वारा गौठानों के संचालन के संबंध में महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सभी पंचायतों में निर्धारित समयानुसार सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए बैठक आयोजित की गई। बैठकों में जिला स्तर के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया और अपने सुझाव गौठान समितियों को दिए। गौठान के कार्य में लगे सभी महत्वपूर्ण विभाग के अधिकारियों एवं जिला पंचायत के अधिकारियों ने आज क्षेत्र का विस्तृत दौरा किया और गौठान समितियों की बैठकों का हिस्सा बने। बैठकों में दिन-प्रतिदिन के विषयों के साथ ही गौठान को चलाने के लिए भविष्य के कदमों की रूपरेखा भी तैयार की गई। जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने बताया कि आज सभी गौठानों में समितियों की बैठक हुई। बैठक में सभी क्षेत्रों के महत्वपूर्ण सदस्यों की उपस्थिति होने से काफी महत्वपूर्ण चर्चा हुई और निर्णय लिए गए। इस प्रकार सामूहिक भागीदारी होने से और मिलकर निर्णय लेने से गौठान समिति निश्चित ही गौठानों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
किस तरह के मुद्दे आए गौठान समितियों की बैठक में- गौठान समितियों की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय हुए। इसमें गौठानों के संचालन के लिए चारे के संबंध में पैरादान के बारे में रणनीति बनाई गई। पशुओं की उपस्थिति बढ़ाने पर भी चर्चा की गई। रात के समय गौठानों की सुरक्षा के लिए बिजली के इंतजाम करने जैसी बातें आईं। पहाटिया लोग जिन पर गौठानों के संचालन का काफी बड़ा दायित्व है। उन्हें किस तरह प्रोत्साहित किया जाए, इस बारे में भी बातें हुईं।अधिकारियों ने भी दिए सुझाव- जिला पंचायत की ओर से गौठान समितियों की बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने आजीविकामूलक गतिविधियों के अधिकाधिक विस्तार की बात कही और बताया कि किस प्रकार आप अपने गांव में किन चीजों का गौठान में उत्पादन कर सकते हैं और इसके प्रमोशन के लिए जिला प्रशासन किस प्रकार मदद कर सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि गौठान समिति में वरिष्ठ जन भी शामिल हैं और युवा लोग भी हैं। इस प्रकार परंपरागत ज्ञान और आधुनिक तकनीकी समझ के माध्यम से गौठान को बेहतर किया जा सकता है। गौठान समितियों से मिले फीडबैक से गौठानों को समुन्नत करने में बड़ी मदद मिलेगी और एक जगह किये गए नवाचार का निश्चित ही लाभ दूसरी जगहों पर भी मिलेगा।